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Category Archives: Health

Sexual intimacy helps in recovering from loneliness and depression

हर इंसान किसी ना किसी के साथ क्लोज संबंध चाहता है। घनिष्टता (Closeness) या अंतरंगता (Sexual Intimacy) आम तौर पर लोगों के बीच निकटता को दिखाती है। यह संबंध व्यक्तिगत होते हैं। समय के साथ आप दूसरों से जब ज्यादा कनेक्ट होने लगती हैं तो एक दूसरे के प्रति अधिक गहरी भावना महसूस कर सकती हैं। एक-दूसरे के साथ अधिक सहज फील कर सकती हैं। यह अहम नहीं है कि यह लगाव महज भावनात्मक स्तर पर हो। यह फिजिकल स्तर पर भी हो सकता है। अंतरंगता या घनिष्टता आपके कम्पलीट हेल्थ पर पॉजिटिव रूप से असर डाल सकता है।

किसी के साथ इंटीमेट होने से पहले कुछ बातों को जानना है जरूरी

अपने विचारों और भावनाओं को किसी ऐसे व्यक्ति के साथ शेयर करें जिनसे आप प्यार करती हैं। उनके प्रति आपके मन में सम्मान का भाव है। अगर आप सेक्स के स्तर पर किसी के साथ इंटिमेट होने जा रही हैं तो उनके बारे में हर तरह की जानकारी मालूम कर लें। उनकी आदतों, व्यवहार, सेक्सुअली ट्रांस्मिटेड डिजीज के प्रति भी जागरूक रहें। ध्यान रहे कि जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए। समय के साथ ही किसी व्यक्ति के साथ अंतरंगता निर्मित होती है। यदि अन्तरंग होने के बाद आपको उनके बारे में किसी तरह की बुरी जानकारी मिलती है। तो सिवा पछताने के आपके हाथ में कुछ नहीं रहेगा। अगर अन्तरंग होने वाले साथी से दुर्व्यवहार या हिंसा हो जाती है, तो इससे आपको संकेत मिल गया। आपका रिश्ता संकट में है।

यहां है अन्तरंग से मिलने वाले लाभ

मानसिक स्वास्थ्य को लाभ-

Sexual intimacy helps in recovering from loneliness and depression

अन्तरंगता आपके मानसिक स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकती है। हार्मोन लेवल पर इसका पॉजिटिव प्रभाव पड़ता है। विशेष रूप से ऑक्सीटोसिन पर। इससे आपका तनाव दूर होगा। इंटिमेसी के दौरान अगर कोई आपका स्पर्श करता है, तो खुशी के हार्मोन डोपामाइन का सीक्रेशन अधिक होता है।

शारीरिक स्तर पर भावनात्मक लगाव का प्रभाव

फिजिकल हेल्थ जर्नल में प्रकाशित शोध आलेख बताते हैं, अगर आपकी सर्जरी हुई है। सर्जरी के बाद आपके पास भावनात्मक लगाव रखने वाला व्यक्ति बैठता है, तो तनाव के स्तर में सुधार होता है। बेहतर उपचार और स्वस्थ व्यवहार से घाव जल्दी भरते हैं। इससे उम्र पर भी प्रभाव पड़ता है। अन्तरंगता से आपकी उम्र भी लंबी हो सकती है। भावनात्मक लगाव शारीरिक स्तर पर प्रभावित कर सकता है। ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन लेवल बढ़ता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन सही होता है। ब्लड प्रेशर घटता है। हार्ट हेल्थ सुदृढ़ होता है।

अकेलेपन उबर सकते हैं

जर्नल ऑफ़ सोशल एंड पर्सनल रिलेशनशिप में प्रकाशित शोध आलेख के मुताबिक अगर आप अकेली रह रही हैं, तो अन्तरंगता यहां आपका अकेलापन दूर कर सकता है। यह अकेलेपन का मुकाबला कर सकती है। कुछ अध्ययन बताते हैं कि व्यक्ति समाज से कट कर अकेले जीने लगते हैं।

अकेलापन के कारण मृत्यु दर में बढ़ोत्तरी हुई है। सामाजिक अलगाव के पीछे निश्चित रूप से अंतरंगता की कमी जिम्मेदार है। अकेलापन हमारी सोच, नींद नहीं आने का कारण बनता है। यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। वहीं यदि आप किसी व्यक्ति के साथ अन्तरंग हैं, तो यह सामाजिक अलगाव और अकेलेपन की भावनाओं को कम करने में मदद कर सकता है।

सेक्सुअल इंटिमेसी घटाता है Depression

द इंटिमेट जर्नल के रिसर्च के मुताबिक अगर आप सेक्स लेवल पर किसी के साथ इंटिमेट हैं, तो मस्तिष्क डोपामाइन, सेरोटिनिन और ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन सीक्रेट करता है। ये सभी न्यूरोट्रस्मीटर हैं, जो खुशी और रिलैक्स होने की भावनाओं को बढ़ावा देते हैं। दूसरी ओर स्ट्रेस हार्मोन के लेवल में भी कमी आती है। रसायनों का यह प्राकॉतिक प्रवाह अस्थायी रूप से अपसाद की भावनाओं में सुधार कर सकता है।

Never ignore unresolved problems related to Ladies' health

स्वयं और परिवार की पूरी जिम्मेदारी आमतौर पर घर की महिलाओं (Ladies) पर ही होती है। ऐसे में उनके लिए खुद को देने के लिए वक्त बचता ही नहीं। कामकाजी महिलाओं के लिए वर्क लाइफ बैलेंस करना और भी मुश्किल होता है। ऐसे में अक्सर महिलाएं अपने स्वास्थ्य के साथ समझौता करती हैं और यही वजह है कि महिलाओं में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं (Health Problems In Women) लगातार बढ़ रही हैं। अब वक्त आ गया है कि महिलाओं के स्वास्थ्य (Women’s Health) के मद्देनजर थोड़ा सा अलर्ट रहा जाएं। स्वास्थ्य से जुड़े कुछ समस्याएं हैं जो महिलाओं में आमतौर पर देखने को मिलता है, आज हम उन्हीं की बात कर रहे हैं।

महिलाओं में आम है ये हेल्थ से जुड़ी समस्याएं

ब्रेस्ट कैंसर

महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। महिलाओं में ब्रेस्ट सेल्स का अनियमित विकास ब्रेस्ट ब्रेस्ट कैंसर की असल बनता है। अक्सर शुरुआत मिल्क डक्ट की लायनिंग से होती है, जिसकी वजह से ब्रेस्ट में नॉड्स बन जाते हैं। ब्रेस्ट के ऊपर की स्किन के कलर में बदलाव, कड़ापन या ब्रेस्ट साइज में बदलाव इसके कुछ आम लक्षण होते हैं।

बार-बार पेशाब आना

Never ignore unresolved problems related to Ladies' health

मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई) तब होते हैं जब बैक्टीरिया मूत्रमार्ग में प्रवेश कर जाते हैं और बढ़ने लगते हैं। वे महिलाओं में विशेष रूप से आम हैं, क्योंकि उनका मूत्रमार्ग पुरुषों की तुलना में अधिक छोटा होता है। इससे मूत्राशय तक पहुंचने के लिए बैक्टीरिया के यात्रा करने की लंबाई कम हो जाती है। यूटीआई के लक्षणों में बार-बार पेशाब आना, पेशाब करते समय दर्द या जलन और धुंधला पेशाब शामिल हैं।

चिंता और अवसाद

महिलाओं में हार्मोनल बदलाव से डिप्रेशन (अवसाद) और एंजायटी (चिंता) की संभावना बढ़ जाती है. प्रेग्नेंसी के दौरान और उसके बाद महिलाओं में ये समस्या काफी सामान्य होती जा रही है।

दिल की बीमारी

दिल की बीमारी महिलाओं में लगातार बढ़ रही है. दिल के दौरे के लक्षणों में सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और बाहों में कमजोरी शामिल हैं. हालांकि, महिलाएं दिल के दौरे के रूप में अपने लक्षणों को नहीं पहचान सकती हैं, उन्हें लगता है कि अधिक काम करने की वजह से उन्हें ऐसा महसूस हो रहा है. मैनोपोज हृदय रोग का कारण नहीं बन सकता है, मैनोपोज के बाद कुछ जोखिम कारक अधिक सामान्य होते हैं, जैसे हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल और कम एस्ट्रोजन।

Learn from ancestors the surefire way to live up to 100 years

अर्ली टू बेड एंड अर्ली टू राइज.. बचपन में हम सबने यह कविता पढ़ी है पर बड़े होकर कम लोग ही इसे फॉलो कर पाते हैं। वैसे यह केवल कही सुनी बात नहीं है। भारतीय ट्रडिशन के कुछ नियम वाकई हमारी लाइफ क्वालिटी में सुधार कर सकते हैं। यह बात अब विज्ञान भी मानता है। कई डॉक्टर्स अब लंबी उम्र जीने के लिए पुरानी पद्धति पर जिंदगी जीने की सलाह दे रहे हैं। जैसे हमारे पूर्वज जीते थे। वैसे, तो इंडियन ट्रडिशन से कई चीजें सीखने वाली हैं। यहां 10 ऐसे नियम हैं जिन्हें अपनाकर आप अपनी जिंदगी बदल सकते हैं।

भारतीय संस्कृति के ये 10 नियम अपनाकर हम बीमारियों से दूर रहकर लंबी उम्र जी सकते हैं।

वह पहला नियम बताती हैं ब्रह्म मुहूर्त में जागना। यानी सूरज निकलने से पहले जागना। सूर्योदय से पहले उठना हमारे हेल्थ के लिए बहुत अच्छा है। यह हमारे मेलानिन और कॉर्टिसॉल हॉरमोन को बैलेंस रखने में काफी अच्छा है। इससे हम खुश रहते हैं। ज्यादा देर से उठने वाले लोगों की अपेक्षा हमारे पास ज्यादा समय होता है। इससे हमारे काम करने की क्षमता भी बढ़ जाती है।

दूसरा नियम- ये बनाएं कि सुबह उठने के बाद अपने-अपने गॉड को धन्यवाद दें। आपके पास जो भी है उसके लिए धन्यवाद का भाव रखें। इससे मन उदास नहीं रहता। सूर्य, पृथ्वी, हवा, पानी, पेड़-पौधे इन सबके लिए ग्रैटिट्यूड रखें।

तीसरा नियम है– आसन, प्राणायाम, ध्यान, मुंद्रा, बंद, गतिस योग वगैरह नियमित रूप से करें।

चौथा नियम है- सूर्य को अर्घ्य देना। ऐसा करने से हमारी आंखें और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है। Vit- D मिलता है।

पांचवा काम आप नहाने के बाद प्रार्थना करें। सुबह उठकर नहाने से ब्लड प्रेशर नॉर्मल रहता है, हॉरमोन्स बैलेंस रहते हैं। साथ ही शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य रहता है।

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छठा नियम है जमीन पर बैठकर भोजन करना। पाल्थी मारकर या वज्र आसन में जमीन में बैठकर खाना खाने से पेट नहीं निकलता न ही मोटापा बढ़ता है। ऐसा करने जोड़ों में दर्द नहीं होता साथ ही एसिडिटी और पाचन की समस्या भी नहीं होती।

सातवां नियम- अपने हाथ से खाएं। छुरी-कांटा छोड़कर, साफ हाथों से खाना खाएं। यह भारत का पारंपरिक तरीका है। हमारे हाथ की उंगलियों में नर्व एंडिंग्स होती हैं। ये दिमाग से कनेक्टेड होती हैं। जब हम खाना छूते हैं तो दिमाग को सिग्नल मिलते हैं कि खाना आने वाला है। इससे हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम तैयार हो जाता है। छुरी-कांटे से खाने पर खाना शॉक की तरह से आता है तो डाइजेशन से जुड़ी दिक्कतें हो जाती हैं।

आठवां तरीका है- आयुर्वेद मसाज। घर्षण क्रिया सहित कई ऐसी मसाज हैं जो हमारी कई बीमारियां दूर कर सकती हैं।

नौवां नियम है- घर का बना खाना। भारत में बनने वाली ट्रडिशनल डिशेज में कई मसाले और हर्ब्स होते हैं। ये हमारी हेल्थ के लिए अच्छे होते हैं। पारंपरिक तरह से घर का बना खाना हमारी हेल्थ के लिए अच्छा होता है।

दसवां नियम है- परिवार का प्यार और बॉन्डिंग। पूरी दुनिया में परिवार टूट रहे है लेकिन जॉइंट फैमिली भारतीय संस्कृति का हिस्सा है। जब आप डिप्रेशन, किसी परेशानी या अकेलेपन में होते हैं तब आपको परिवार की अहमियत पता चलती है।

Blood Pressure

कचौरी, चाट और पकौड़े के साथ परोसी गई समोसे की चटपटी चटनी का स्वाद तो आपने कई बार चखा होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं आवश्यकता से अधिक इन चीजों का सेवन आपको ब्लड प्रेशर का मरीज बना सकता है। हाई ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) जिसे हाईपरटेंशन के नाम से भी जाना जाता है, एक जनरल स्थिति है जिसका कई लोग सामना करते हैं। ब्रिटिश जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन के मुताबिक हार्ट से जुड़ी दिक्कतों और मृत्यु दर को घटाने के लिए ब्लड प्रेशर को बढ़ने से रोकना बेहद जरूरी है। ऐसे में अगर आप हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को कंट्रोल करके रखना चाहते हैं तो इन खाने की चीजों का सेवन करना तुरंत बंद कर दें।

ब्लड प्रेशर में आचार ना खाएं

हाई बीपी के मरीजों को अचार का अधिक सेवन करने से बचना चाहिए। अचार में नमक की मात्रा ज्यादा होने से शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है। यह ब्लड वेसेल्स को नुकसान पहुंचाने के साथ ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियां जैसे हार्ट अटैक आदि का खतरा बढ़ सकता है।

कॉफी जरूरत से ज्यादा ना लें

When the taste of tea gets spoiled, natural solution for tea addiction..

कॉफी में कैफीन नाम का उत्तेजक ब्लड प्रेशर लेवल को बहुत अधिक बढ़ा सकता है। इसमें कैफीन के साथ-साथ शुगर की मात्रा बहुत अधिक होती है। यही वजह है कि इसे हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों को लेने से मना किया जाता है।

प्रोसेस्ड मीट से बचें

प्रोसेस्ड मीट में सोडियम जरूरत से ज्यादा होता है, इस तरह के खाने के समान को नमकीन बनाया जाता है। अलावा इसके सैंडविच या बर्गर के लिए सॉस, अचार, पनीर, या ब्रेड के साथर इन मीट को टॉप करने से आपके शरीर में सोडियम का लेवल बहुत ज्यादा हो जाएगा और ब्लड प्रेशर भी तेजी से बढ़ेगा।

मीठा हो सकता है नुकसानदेह

हाई बीपी में ज्यादा मीठा खाने से भी सेहत को नुकसान हो सकता है। काफी ज्यादा चीनी का सेवन करने से मोटापा, दांतों की समस्या यहां तक की हाइपरटेंशन भी इसका परिणाम हो सकता है। ये हाई बीपी की समस्या को और बढ़ा सकता है।

पिज्जा और चिप्स को कहे ना

हाई बीपी में पिज्जा-चिप्स जैसी चीजें खाने से बचें। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन का मानना है कि पिज्जा के सॉस और बाकी टॉपिंग्स में भी सोडियम एसिटेट जैसी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। ये हाई बीपी की समस्या को और बढ़ा सकता है। अलावा इसके चिप्स में मसाला और नमक की मात्रा ज्यादा होती है। साथ ही इसमें ऊपर से भी सोडियम मिलाया जाता है जिससे हाई बीपी की समस्या और अधिक हो सकती है।

Blood Clot Symptoms

शरीर में खून (Blood) का थक्का बनना काफी फायदेमंद साबित होचा है। ब्लड क्लॉट यानी खून का धक्का होने पर खून तरह पदार्थ से एक जेल में बदलने लगता है जिसका स्वरूप एक थक्के जैसा होता है। इसे थ्रोम्बोसिस भी कहते हैं। चोट या कहीं कट लग जाने की स्थिति में ब्लड क्लॉटिंग जरूरी होती है क्योंकि ये शरीर से ज्यादा खून निकलने से रोकता है पर जब ये क्लॉटिंग शरीर के अंदर नसों में होने लगती है तो खतरनाक बन जाती है। नसों की ब्लड क्लॉटिंग काफी ज्यादा खतरनाक होती है।

ब्लड क्लॉट कई तरह के होते हैं। ज्यादातर पैर के निचले हिस्से में ब्लड क्लॉटिंग देखने को मिलती है पर हाथ, हृदय, पेल्विस, फेफड़े, ब्रेन, पेट और शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकती है। अलावा इसके नसों और धमनियों में भी ब्लड क्लॉट हो सकता है।

कोविड-19 के दुष्प्रभावों में से एक रक्त के थक्के जमना है, जिससे धमनियों में थक्का बनने का खतरा भी बढ़ जाता है, जिसके चलते दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है. कोविड-19 के बाद के प्रभावों पर किए गए एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग वायरस से संक्रमित हुए, उनमें करीब एक साल बाद खून के थक्के बनने का खतरा काफी ज्यादा पाया गया. इसके बाद की गई अन्य स्टडीज में भी इस बात की पुष्टि की गई कि कोरोना वायरस के कारण खून के थक्के बनने का खतरा काफी ज्यादा होता है जिसके कारण हृदय संबंधित बीमारियों का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है.

नसों और धमनियों के जरिए शरीर में रक्त का संचार होता है। धमनियों में बनने वाले रक्त के थक्के को आर्टेरियल क्लॉट कहते हैं। आर्टेरियल क्लॉट की वजह से दर्द और लकवा हो सकता है। इसकी वजह से दिल का दौरा या स्ट्रोक भी हो सकता है। नसों में होने वाले ब्लड क्लॉट को वेनस क्लॉट कहा जाता है। इस तरह की क्लॉटिंग धीरे-धीरे बढ़ती है जो जानलेवा भी हो सकती है। मस्तिष्क में खून का थक्का बनने से खून का प्रवाह रुक जाता है जिसकी वजह से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

शरीर में खून का थक्का बनने पर कई तरह के लक्षण दिखने लगते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने शरीर में दिखने वाले इन लक्षणों को नजरअंदाज करने की गलती ना करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

आइए जानते हैं शरीर में दिखने वाले ब्लड क्लॉट के लक्षण-

ब्लड क्लॉटिंग के लक्षण (Blood Clot Symptoms)

Blood Clot Symptoms

स्किन का कलर बदलना

अगर कोई थक्का आपके हाथ या पैर की नसों को बंद कर देता है, तो वह नीले या लाल रंग के दिख सकते हैं। नसें डैमेज होने के कारण आपकी स्किन फीकी पड़ सकती है।

सूजन- जब कभी भी खून का थक्का आपके शरीर में ब्लड के फ्लो को रोकता या कम करता है तो यह कोशिकाओं में जमने लगता है जिससे इनमें सूजन आने लगती है। आपके हाथ या पेट में भी खून का थक्का बन सकता है. इसके ठीक होने के बाद, तीन में से एक व्यक्ति में सूजन बनी रहती है और कभी -कभी रक्त वाहिकाओं के डैमेज होने के कारण दर्द और घाव भी हो सकता है।

सीने में तेज दर्द

अगर आपको अचानक से छाती में तेज दर्द होता है तो इसका मतलब है कि आपके शरीर के अंदर बनने वाला खून का थक्का टूट चुका है. या यह इस बात का भी संकेत हो सकता है कि आपकी धामनियों में मौजूद खून के थक्के के कारण आपको हार्ट अटैक आ सकता है. ऐसा होने पर, आपको भी अपनी बाहों में दर्द महसूस हो सकता है, खासकर बाईं ओर.

सांस लेने में परेशानी

अगर आपको सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है तो यह फेफड़ों और हृदय में क्लॉटिंग का संकेत हो सकता है। इसके के कारण आपके हार्टबीट ज्यादा बढ़ सकता है और आप बेहोश भी हो सकते हैं। इसे काफी गंभीर लक्षण माना जाता है।

खांसी का लगातार आना, थक्का बनने का है संकेत

लगातार आने वाली खांसी भी शरीर में खून का थक्का बनने का एक लक्षण है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर सीने में दर्द के साथ ही आपको सूखी खांसी या कभी-कभी बलगम या खून आने की समस्या का सामना करना पड़ता है तो जरूरी है कि आप जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाएं।

Science and Ayurveda also believe that drinking water in a copper vessel is beneficial

आयुर्वेद में ऐसी मान्यता है कि तांबे (Copper) के बर्तन का पानी तीन दोषों कफ, वात और पित्त को संतुलित रखकर आपके पेट और गले से जुड़ी बीमारियों को बहुत हद तक ठीक करने में मदद करता है। आपको डेली सुबह खाली पेट तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना चाहिए। आइये, जानते हैं इसके फायदे-

डाइजेशन सिस्टम को करता है मजबूत

तांबा पेट, लिवर और किडनी सभी को डिटॉक्स करता है। इसमें ऐसे गुण मौजूद होते हैं जो पेट को नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टिरिया को मार देते हैं, जिस कारण से पेट में कभी भी अल्सर और इंफेक्शन नहीं होता।

अर्थराइटिस और जोड़ों के दर्द से देता है राहत

तांबे में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज दर्द से राहत दिलाती है, इसलिए अर्थराइटिस और जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों को आवश्य पीना चाहिए। इसके साथ ही तांबा हड्डियों और रोग प्रतिरोधक झमता को भी मजबूत करता है।

स्किन के लिए उपयोगी

Science and Ayurveda also believe that drinking water in a copper vessel is beneficial

तांबे में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स चेहरे की फाइन लाइन्स और झाइयों को खत्म करता है। साथ ही फाइन लाइन्स को बढ़ाने वाले सबसे बड़े कारण यानी फ्री रेडिकल्स से बचाकर स्किन पर एक सुरक्षा लेयर बनाता है, जिस वजह से आप लंबे समय तक जवां रहते हैं।

वजन कम करने में असरदार

अगर आपको कम समय में वजन कम करना है तो तांबे के बर्तन का पानी पिएं। इससे आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को बेहतर कर बेकार फैट्स को शरीर से बाहर निकालता है।

दिमाग को तेज करता है

मस्तिष्क को उत्तेजित कर उसे सक्रिय बनाए रखने में तांबे का पानी बहुत सहायक होता है। इसके इस्तेमाल से स्मरणशक्ति मजबूत होती है और दिमाग तेज होता है।

इसका उपयोग ऐसे करें

आयुर्वेद ही नहीं, विज्ञान ने भी तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना फायदेमंद बताया है। इस पानी का पूरी तरह से लाभ तभी मिलता है, जब तांबे के बरतन में कम से कम 08 घंटे तक पानी रखा जाए। इसलिए लोग रात को तांबे के बर्तन में पानी भरकर रखते हैं, जिससे सुबह उठकर सबसे पहले इस पानी का इस्तेमाल कर सकें।

Feeding

मां बनना एक खास अहसास है, लेकिन ज्यादातर लोग मानते हैं कि यह हमारे मुताबिक आसान वक्त हो सकता है क्योंकि बच्चा बहुत छोटा है। इसके साथ होने वाली भ्रम और टेंशन बहुत मुश्किल भरा हो सकता है। स्तनपान (Breast Feeding) जैसा आसान कार्य, जो बिल्कुल सिंपल लगता है, उसे सही तरह से ना करना पेचीदा हो सकता है। यहां पर कुछ जरूरी सुझाव दिए गए हैं जो यह बताने के लिए काफी है कि आप और आपका शिशु स्तनपान की इस दुनिया को सहजता से अपना सकें।

-जितना जल्दी हो सके अपने शिशु को स्तानपान कराना ना भूले, अगर आप और आपका शिशु ठीक-ठाक है तो जन्म के फौरन बाद इसे करना अच्छा माना जाता है।

-सही स्थिति में स्तनपान कराने के लिए हेल्प लें। अगर आपको दर्द हो रहा है तो शायद यह स्थिति आगे कोई समस्या हो सकती है। शुरुआती कोमलता का अनुभव करना सामान्य है लेकिन अगर आप महसूस कर रही पीड़ा असहनीय हो जाती है, तो यह सामान्य नहीं है। कोई नर्स अगर आपके घर पर आती है तो वह स्थनपान की स्थिति निर्धारण में सुधार करने में आपकी सहायता कर सकती है, जिससे यह असहनीय नहीं होगा।

-अपने शिशु को अपने शरीर के करीब रखें। जब आपका शिशु आपसे लिपटा हो, तब त्वचा से संपर्क, आपके शिशु के लिए सुखदायक हो सकता है और भूख लगने पर उनके द्वारा किए जाने वाले संकेतों को आपको प्रतिक्रिया देने में मदद होगी।

-नवजात के शुरुआती दिनों में बार-बार दूध पीना सामान्य प्रक्रिया हैं क्योंकि भूख शिशुओं की एक सक्रिय आदत है।

-फिलहाल एक दिनचर्या बनाने की कोशिश ना करें, बस अपने शिशु की जरूरत और प्रतिक्रियाओं के साथ चलें। शुरुआती दिनों मे यह बार-बार हो सकता हैं।

-हर बार दोनों स्तनों से शिशु को दूध पिलाएं, भले ही आपका शिशु सिर्फ एक से ही पीता हो।

-स्तनपान ऐसी प्रक्रिया है जिसे आपको और शिशु को एकसाथ सीखना है और इसे सामान्य और प्राकृतिक महसूस करने में थोड़ा वक्त लग सकता है। शुरुआती दिनों और हफ्ते में जो होता है वह अच्छे में बदलता है और वक्त बीतने पर आप इसे सबसे आरामदायक चीज़ की तरह महसूस करेंगी|

-जब आप शिशु को स्तनपान करा रहीं हैं तो बेहतर होगा कि उसे किसी भी तरह के बोतल से दूध पिलाने की आदत ना डालें। बोतल और चूसक का उपयोग आपके शिशु के स्तनपान के ‘गुण’ पर प्रभाव डाल सकता है।

-अगर आप लंबे समय तक पीड़ा-मुक्त स्तनपान के बाद पीड़ा महसूस कर रही हैं, तो यह आपके निप्पल पर फंगल संक्रमण के कारण हो सकता हैं। अपने डॉक्टर से संपर्क करें। अगर यह स्थिति होने पर आपको और आपके शिशु को चिकित्सा की आवश्यकता पड़ेगी ।

Breast Feeding

-सही यह होगा कि स्तनपान के दौरान आप समय ना देखें। स्तनपान पर आपका शिशु कितने समय तक है और यह प्राप्त किये जाने वाले दूध की मात्रा को नहीं दर्शाता है। कई शिशु कुछ मिनट में जितना उन्हें चाहिए उतना पी लेते हैं जबकि अन्य कुछ ज्यादा वक्त लेते हैं। बस अपने शिशु की जरूरतों पर ध्यान रखें।

-ज्यादातर शिशु स्तनपान के वक्त स्वाभाविक रूप से विश्राम लेते हैं जो कि समय में भिन्न होते हैं। लेकिन लंबे स्तनपान (जैसे, नियमित रूप से एक घंटे से अधिक) जो आपके शिशु को खुश रखने में विफल होते हैं और उन्हें बैचैन कर देते है, एक संकेत है कि शायद कुछ सही नहीं हैं। एक बार फिर स्थिति निर्धारण की जांच करें, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आपका शिशु संतोषजनक मात्रा में दूध पी रहा है।

अपने स्तन पैड को नियमित रूप से बदलें क्योंकि गंदे स्तन पैड बैक्टीरिया विकसित कर सकते हैं।

स्तनपान रोकने के लिए धीरे से शिशु के जरिए बनाई गई सक्शन सील को समाप्त कर अपने शिशु को निप्पल से हटा लें। यह करने के लिए अपनी उंगली को अपने शिशु के मुंह के कोने तक धीरे से सरकाएं और आहिस्ते से उन्हें दूर खींच लें।

अपने निप्पल पर थोड़ा दूध निचोड़े और इससे मसाज करें। अगर संभव हो तो अपने नीपल को थोड़ी देर खुली हवा में सूखने दें। यह स्वास्थ्य और सफाई रखने में मदद करेगा।

 

walnuts

Benefits of Walnut: अखरोट तो सभी खाते हैं लेकिन अखरोट के बेहिसाब फायदे शायद ही कोई जानता होगा। आप को तो मालूम है कि यह काफी सेहतमंद होता है पर क्या आप जानते हैं कि अखरोट को रात भर भिगोना और फिर अगली सुबह उसका सेवन करना और भी अधिक फायदेमंद होता है। अखरोट एक ब्रेन बूस्टिंग नट है। दिमाग के आकार के ये नट्स विटामिन, फाइबर, आयरन, कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं जो इन्हें सुपर-हेल्दी नट्स बनाते हैं। सुबह के समय इनका सेवन करने से यह सुनिश्चित हो जाता है कि आपको आवश्यक पोषक तत्व मिल रहे हैं और आप अपने दिन की शुरुआत हेल्दी तरीके से कर रहे हैं।

बालों का पतलापन करता है दूर

अपनी डेली डाइट में अखरोट का एक और लाभ यह है कि वे बालों के लिए बेहतरीन है। वे बालों की ग्रोथ में सहायता करते हैं और स्कैल्प को पोषण देने और बालों के रोम को मजबूत करने के साथ-साथ बालों का पतला होना भी कम करते हैं।

मेटाबॉलिज्म के लिए हैं बेस्ट

अखरोट आयरन, पोटैशियम, जिंक और कैल्शियम से भरपूर होता है जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है और वजन कम करने में भी मदद करता है। फाइबर की मात्रा शरीर को भरा रखती है जिससे आपको बार-बार स्नैकिंग से बचने में मदद मिल सकती है। यह भूख के दर्द को भी रोकता है।

हेल्दी त्वचा का राज

खरोट हेल्दी स्किन के लिए एक सुपरफूड है क्योंकि वे एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन ई से भरपूर होते हैं, जो दोनों हेल्दी, मुलायम और चमकती त्वचा के लिए जाने जाते हैं।

हड्डियों के लिए हैं फायदेमंद

अखरोट कैल्शियम और मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं इस वजह से ये हमारे शरीर में हड्डियों को मजबूत करते हैं और हड्डियों के निर्माण में सहायता करते हैं। नियमित रूप से इनका सेवन करने से आपकी हड्डियों की समग्र संरचना में भी सुधार होता है।

भिगोए हुए Walnut खाने के 07 गजब फायदे, डे बाई डे दिखेंगे जवां, हड्डियों, बालों और Memory Power के लिए भी लाजवाब
Soaked Walnut Benefits: दिमाग के आकार के ये नट्स विटामिन, फाइबर, आयरन से भरे हैं।

Frequent urination at night can be a sign of serious illness, a look at the dangers

अगर आपको सामान्य से ज्यादा यूरिन (Urine) की शिकायत है तो इसकी जांच फौरन डॉक्टर से कराना चाहिए क्योंकि ये किसी गंभीर बीमारी के संकेत हो सकते हैं। अक्सर लोगों का कहना होता है कि उन्हें रात में कई बार यूरिन के लिए उठना पड़ा है जिसकी वजह से उनकी उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती है। बता दें कि इस समस्या को मेडिकल में नोक्टूरिया कहते हैं। आइये जानते हैं इस बीमारी के बारे में-

सामान्यत: रात में एक से दो बार यूरिन लगता है। पर इससे अधिक किसी आंतरिक समस्या का संकेत हो सकता है। जरा पहले इसके सामान्य कारणों पर डालते हैं एक नजर।

Frequent urination at night can be a sign of serious illness, a look at the dangers

रात में बार-बार यूरिन के लिए उठना कैफीन, एल्कोहल, स्मोकिंग, स्ट्रेस हो सकता है। ये सारे तत्व यूरिन को ट्रिगर करते हैं। ज्यादा अल्कोहल और चाय व कॉफी यूरिन को उत्पन्न करते हैं।

अब जानते हैं नोक्टूरिया क्या है- यह बीमारी बढ़ती उम्र में होने वाले हार्मोनल बदलावों की वजह से भी होता है। इससे कई बार यूरिन इंफेक्शन होने का भी खतरा बढ़ जाता है। इसमें यूरिन करते वक्त जलन महसूस होती है औरे पेट में भी दर्द रहता है।

टाइप-2 डायबिटीज भी इस बीमारी की वजह हो सकता है। अलावा इसके यह बीमारी किडनी इन्फेक्शन ब्लैडर प्रोलैप्स के कारण भी हो सकती है।

7 common life mistakes that can ruin your sex life

हर रिश्ते में सुनहरा टाइम हमेशा नहीं रहता लेकिन समय के साथ यह तनाव और कुछ समस्याओं को जन्म देता है, लाइफ के परिणामस्वरूप होने वाली शारीरिक और इमोशनल अंतरंगता को नकारा नहीं जा सकता है। कपल्स के लिए स्वास्थ्य यौन जीवन (Sex Life) को बनाए रखना और भी अहम हो जाता है। अगर आपको लगता है कि आप अपने रिलेशन में समस्याओं से गुजर रहे हैं तो यह जानने के लिए नीचे पढ़ें कि क्या सही नहीं हो रहा है।

खुशहाल रिश्ते क्यों नहीं बना पा रहे हैं आप

आपस में बात कम होना

बात करना आपको पार्टनर के साथ खुलने का एक माध्यम होता है। यह आपको एक ही वक्त असुरक्षित और सुरक्षित महसूस कराएगा। अगर आपको पता नहीं है कि आपके साथी के साथ क्या हो रहा है तो संभावना है कि आप बेडरूम के भीतर और बाहर उनसे डिस्कनेक्ट हो जाएंगे। आप सिर्फ शारीरिक सुख की तलाश में ऑटोमेटन नहीं हैं, व्यक्तिगत स्तर पर अपने साथी से जुड़ें।

टेक्नोलॉजी

हम आपके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के बारे में बात कर रहे हैं। हमारा दिमाग किसी भी तकनीकी संकेत पर प्रतिक्रिया करने का आदी हो गया है, चाहे वह कोई नया नोटिफिकेशन हो या कोई अहम कॉल। अपने प्यार के ऊंचाइयों पर उपकरणों को लाने से आपकी एकाग्रता चंचल हो जाएगी और आप केंद्रित नहीं रह पाएंगे।

तनाव को ना बढ़ने दें

हम सभी को मालूम हैं कि सेक्स एक अद्भुत स्ट्रेस बस्टर है पर अगर दूसरे तरीके से लिया जाए, तो तनाव आपके यौन जीवन को नुकसान पहुंचा सकता है और आपकी सेक्स करने की इच्छा को खत्म कर सकता है। लाखों पुरुषों के लिए स्तंभन दोष एक तनाव प्रतिक्रिया से ज्यादा कुछ नहीं है जो एक क्लासिक मन-शरीर की घटना को ट्रिगर करता है। यहां तक कि महिलाओं के लिए भी तनाव एक नकारात्मक संकेतक बन जाता है और उन्हें यौन सुख प्राप्त करने से रोकता है।

विश्वास की कमी

हफ्तों पहले हुई अनसुलझी लड़ाई आपके यौन संबंधों के लिए हानिकारक हो सकती है। यौन एक अंतरंग कार्य है जो आपके साथी में आपके विश्वास की मांग करता है. अगर आप स्वयं समस्या का समाधान नहीं कर सकते हैं तो आपको किसी तीसरे व्यक्ति से सहायता की जरूरत हो सकती है, लेकिन अनसुलझे मुद्दों को अपने भीतर न जाने दें, वे आपके यौन जीवन का दम घोंट देंगे.

फिटनेस है जरूरी

नियमित एरोबिक व्यायाम ब्लड फ्लो को बनाए रखते हैं और धमनियों को नाइट्रिक ऑक्साइड का उत्पादन करते हैं, जो यौन उत्तेजना की कुंजी है। जो पुरुष और महिलाएं व्यायाम नहीं करते हैं, उनमें उत्तेजना संबंधी समस्याओं का अनुभव होने की संभावना अधिक होती है। साथ ही, फिट रहने से सकारात्मक आत्म-सम्मान पैदा होता है, जो आपकी सेक्स ड्राइव को भी बढ़ा सकता है।

विश्वास की कमी

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हफ्तों पहले हुई अनसुलझी लड़ाई आपके यौन संबंधों के लिए घातक हो सकती है। यौन एक अंतरंग कार्य है जो आपके साथी में आपके विश्वास की मांग करता है. अगर आप स्वयं समस्या का समाधान नहीं कर सकते हैं तो आपको किसी तीसरे व्यक्ति से सहायता की जरूरत हो सकती है पर अनसुलझे मुद्दों को अपने भीतर न जाने दें, वे आपके यौन जीवन का दम घोंट देंगे।

ज्यादा सामान्य होना बंद करना होगा

हर किसी का एक अलग पक्ष होता है। आपको बस इतना धैर्य रखना होगा कि आपका साथी इसे प्रकट कर सके. अगर आप हमेशा बेसिक रूटीन से चिपके रहते हैं तो यह उबाऊ हो जाएगा. कभी-कभी आपको अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलना पड़ता है. कुछ नए विकल्पों को आजमाने में संकोच न करें. एडवेंचर फैक्टर को चालू रखें और यौन जीवन को और दिलचस्प बनाने के नए तरीके खोजें.

अत्यधिक मेडिसीन ना लें

कई दवाएं आपकी सेक्स ड्राइव पर सीधा हानिकारक प्रभाव डालती हैं। नए शोध से पता चला है कि जो पुरुष ड्रग्स लेते हैं, उनका यौन जीवन अच्छा नहीं रहता है, भले ही उन्होंने उन्हें लेना बंद कर दिया हो।