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Author Archives: Zahid Abbas

these two types of face packs will give new life to your face

गर्मी के मौसम में त्वचा की देखभाल ना की जाए तो चेहरा बेजान सा हो जाता है, जलन और खुजली जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। ऐसी परेशानियों से बचने के लिए आप नेचुरल चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

यहां आपको दो तरह से बनने वाले फेस पैक के बारे में बता रहे हैं। जिसे लगाने पर स्किन मोती की तरह चमक उठेगी। साथ ही जब आप धूप में जाएंगी तो सनबर्न से भी बचाव होगा।

पुदीना से फेस पैक

पुदीना स्किन के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है। इसका असर ठंडा होता है। ऐसे में चेहरे पर ठंडक बनाए रखने के लिए पुदीने का इस्तेमाल कर सकते हैं। सभी स्किन टाइप के लिए पुदीना कारगर होता है। गर्मी में धूप की वजह से स्किन पर होने वाली जलन और खुजली से भी राहत मिलती है। यह त्वचा की ड्रायनेस को भी कम करने में मदद करता है। इस पैक को लगाने के लिए पुदीने को मैश करें और इसमें शहद मिलाएं। फिर इसे चेहरे और गर्दन पर लगाएं। इसे 15 मिनट के लिए लगाएं और फिर इसे साफ पानी से धो लें।

अजब तरबूज के गजब फेस पैक

गर्मियों में तरबूज भरपूर मिलता है। इसे खाने से स्किन हाइड्रेट होती है। इसे आप चेहरे पर भी लगा सकते हैं। इसे लगाने पर स्किन में नमी बनी रहची है। धूप में जाने से पहले जब आप इसे लगाते हैं तो स्किन सनबर्न से बची रहती है। इसी के साथ स्किन पर ठंडक और तरोताजगी बनी रहती है। इसकी मदद से फेस पैक बनाने के लिए तरबूज का रस निकाल लें। इसे अपने चेहरे और गर्दन पर लगाएं। 15 मिनट के लिए पैक को लगाए रखें और फिर सर्कुलर मोशन में मसाज करते हुए चेहरे को साफ पानी से धो लें। ये दो तरीके से गर्मियों में आपका चेहरा झुलसने से बचेगा साथ ही साथ स्किन की फ्रेसनेस को कर फील सकेंगी।

Pushpa- The Rule

मुंबई: बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कमाई करने वाली फिल्म ‘पुष्पा- द राइज’ के बाद से ही दर्शकों को फिल्म के दूसरे पार्ट का इंतजार था। पारर्ट- 2 की घोषणा के बाद दर्शकों का इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है, हाल ही में मेकर्स ने फिल्म की पहली झलक रिलीज की जिसमें फिल्म के कुछ दृश्य भी दिखाए गए। इसके बाद पुष्पा- द रूल (Pushpa- The Rule)  से अल्लू अर्जून का फर्स्ट लुक भी सामने आ गया है। फिल्म रिलीज होने में तो अभी समय है पर इसके फर्स्ट लुक कलेक्शन ने ही रिकॉर्ड बना डाला है।

पुष्पा-2 के टीजर ने बना दिया रिकॉर्ड

‘पुष्पा – द रूल’ का जो पहला टीजर वीडियो यूट्यूब पर इतना देखा गया कि इसने रिकॉर्ड ही बना डाला। सभी भाषाओं को मिलाकर देखा जाए तो 24 घंटे के भीतर इस फिल्म का टीजर 5 करोड़ 40 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है। केवल तेलुगू भाषा के टीजर को ही 24 घंटे में 02 करोड़ 77 लाख से ज्यादा बार देखा गया है और हिंदी टीजर को 02 करोड़ 45 लाख से ज्यादा बार देखा गया।

‘पुष्पा-1’ का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन?

बता दें कि ‘पुष्पा – द राइज’ के हिंदी वर्जन ने ही भारतीय बॉक्स ऑफिस पर 108 करोड़ से ज्यादा का कलेक्शन किया था। अल्लू अर्जुन और रश्मिका मंदाना स्टारर फिल्म ‘पुष्पा-2’ में कहानी वहीं से शुरू की जाएगी, जहां पर मेकर्स ने पिछली कहानी को छोड़ा था। अल्लू अर्जुन स्टारर इस फिल्म से दर्शकों को फिर एक बार जबरदस्त एक्शन और सस्पेंस थ्रिलर की उम्मीद करेंगे।

Pushpa- The Rule

क्या है पुष्पा-2 की कहानी में?

देखना होगा कि क्या ‘पुष्पा – द रूल’ दर्शकों की उम्मीदों पर खरी उतर पाएगी। पहली फिल्म में जहां एक आम इंसान के ब्लैक मार्केट का बेताज बादशाह बनने की कहानी दिखाई गई थी। वहीं, अब इस पार्ट में लड़ाई होगी इस ताज को बचाए रखने की। फिल्म की रिलीज डेट और ट्रेलर का फैन्स को बेसब्री से इंतजार रहेगा।

Good Friday is not celebrated for happiness but as the sacrifice of Jesus

शुक्रवार यानी 07 अप्रैल को गुड फ्राइडे (Good Friday) मनाया जाएगा। हम जानते हैं कि भारत में सभी पर्व-त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं। पर गुड फ्राइडे एक ऐसा पर्व है जिसे प्रभु यीशु के बलिदान दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इसलिए इसे ब्लैक फ्राइडे भी कहा जाता है और इस दिन लोग प्रभु यीशु के पवित्र बलिदान की याद में शोक जताते हैं।

गुड फ्राइडे के दिन ही प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ाया गया था। इसलिए लोग इस दिन को शोक दिवस के रूप में मनाते हैं। यही वजह है कि आम दिनों की तरह गुड फ्राइडे पर चर्च में घंटी ना बजाकर लकड़ी के खटखटे बजाए जाते हैं तथा क्रॉस चुनकर प्रभु यीशु को याद करते हैं।

ब्लैक फ्राइडे, ग्रेट फ्राइडे और Holy Friday नामों से जाना जाता है

मालूम हो कि गुड फ्राइडे को ब्लैक फ्राइडे, ग्रेट फ्राइडे और Holy Friday जैसे नामों से भी पुकारा जाता है। यहूदी शासकों ने यीशु को कई शारीरिक और मानसिक यातनाएं दीं। कहा जाता है कि जिस दिन प्रभु यीशु को लकड़ी से क्रॉस बने हुए सूली पर लटकाया गया था उस दिन शुक्रवार था। सूली पर लटकाए जाने और यातनाएं देने के बावजूद भी यीशु ने अपने आखिरी लफ्जों में कहा- ‘हे ईश्वर इन्हें क्षमा करें, क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं। हे फादर! मैं अपनी आत्मा को तेरे हाथों में सौंपता हूं।’ मुत्यु के पहले भी यीशु के मुख से आखिरी बार क्षमा और भलाई भरे संदेश ही निकले थे।

जानें सूली पर आखिर क्यों चढ़ाया गया?

Jesus Christ

ईसाई धर्म के पवित्र ग्रंथ बाइबल के मुताबिक प्रभु यीशु ने मानव जाति के कल्याण के लिए प्रेम, ज्ञान और अंहिसा का संदेश देते थे। ऐसे में जीजस क्राइस्ट यानी ईसा मसीह के प्रति लोगों का लगाव बढ़ता जा रहा था। यीशु की बढ़ती लोकप्रियता से यहूदियों को परेशानी होने लगी और उन्हें ऐसा लगाने लगा कि यीशु की लोकप्रियता की वजह से कहीं उनकी बनी बनाई सत्ता उनसे न छिन जाए। इसलिए यहूदियों ने यीशु को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और इसके बाद उन्हे सूली पर चढ़ा दिया गया। मानव जाति के भलाई के लिए यीशु ने अपने जीवन का बलिदान दे दिया।

ये है गुड फ्राइडे का महत्व

गुड फ्राइडे से पहले ईसाई धर्म के लोग पूरे 40 दिनों तक उपवास रखते हैं। वहीं, कुछ लोग सिर्फ गुड फ्राइडे के दिन ही उपवास रखते हैं। इसे ही लेंट कहा जाता है। गुड फ्राइडे के दिन चर्च को रौशन किया जाता है और खास प्रार्थना होती है। इस दिन लोग काले रंग के लिबास पहनकर चर्च जाते हैं, शोक जताते हैं और यीशु से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं। गुड फ्राइडे के बाद आने वाले रविवार के दिन ईस्टर पर्व मनाया जाता है।

If you get such signs, then understand that heart problems have started

देश में हार्ट अटैक (Heart Attack) के केस में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। पिछले कुछ समय में आए दिन एक के बाद एक कई जानीमानी हस्तियों को दिल का दौरा पड़ने की खबरें आई थी जिसमें कई लोगों ने अपनी जान भी गंवा दी। दिल का मर्ज और उससे होने वाली मौत ने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया। और सबसे अहम बात यह है कि हार्ट अटैक की कई घटनाओं में जान गंवाने वाले लोग यंग और पूरी तरह स्वस्थ्य थे। हार्ट अटैक रोकने के लिए सबसे आवश्यक है कि हमें पता होना चाहिए कि हमारे दिल की नसों में कोई मेजर रुकावटें आ रही हैं।

दिल की धमनियां आपके शरीर की प्रमुख रक्त वाहिकाएं हैं जो आपके दिल तक ब्लड की आपूर्ति करती हैं। अगर इनमें कुछ गड़बड़ी होती है या इनमें किसी वजह से ब्लॉकेज आ जाता है तो यह अमुमन आपको हार्ट अटैक के कई चेतावनी संकेत देती हैं।

जानें इस चेतावनी के बारे में

दिल की नसें ब्लॉक होने पर आपको सीने में भारीपन हो सकता है। थोड़ी सी मेहनत करने पर भी आप हांफने लगते हैं या आपको सीने में दर्द, घुटन, बेचैनी और अस्वस्थ महसूस होता है, तो यह हार्ट अटैक आने के लक्षण हो सकते हैं। थकान, सांस फूलना, दिल की धड़कन का अचानक तेज हो जाना भी हार्ट अटैक आने का संकेत है जो आपकी धमनियां आपको दे रही हैं।अलावा इसके दिल के रोग, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को सीने में होने वाला दर्द या दबाव हार्ट अटैक की निशानी हो सकता है।

हार्ट में गड़बड़ी के संकेत मिलने पर जरूरी अहतियात

If you get such signs, then understand that heart problems have started

अगर किसी मरीज को ये लक्षण महसूस होते हैं तो उन्हें तुरंत कार्डियोलॉजिस्ट यानी दिल के डॉक्टर को दिखाना चाहिए। खासकर अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसी बीमारियों की फैमिली हिस्ट्री है तो आपको अपने दिल का कंप्लीट चेकअप करवाना चाहिए।

क्या है इलाज?

ऐसे मरीज जिन्हें 70 फीसदी से कम ब्लॉकेज है, उनका इलाज दवाओं से हो जाता है। लक्षणों के साथ 75 फीसदी से अधिक ब्लॉकेज वाले रोगियों का इलाज या तो एंजियोप्लास्टी या बाईपास सर्जरी के जरिए किया जाता है।

दिल को कैसे रखें हेल्दी

  • तंबाकू का सेवन करें बंद।
  • शराब से करें परहेज
  • ताजा फूड खाएं और नमक, फैट और चीनी से बनें खाद्य पदार्थों से बचें। मिठाई, जंक फूड और स्ट्रीट फूड से दूर रहना जरूरी।
  • वजन नियंत्रित रखें।
  • नियमित तौर पर व्यायाम करें।
  • स्वस्थ और फिट रहने के लिए आप सप्ताह में कम से कम 5 दिन 35-45 मिनट की ब्रिस्क वॉक कर सकते हैं।
  • डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों को काबू में रखें जिसके लिए इनकी नियमित जांच करानी चाहिए।
  • तनाव से रहे दूर।
  • हर दिन कम से कम 7-8 घंटे की अच्छी नींद लें।
Sexual intimacy helps in recovering from loneliness and depression

यौन संचालित रोग (STDs) एक ऐसा संक्रमण है जो आमतौर पर किसी भी तरह के यौन संपर्क के दौरान एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है। महिलाओं और पुरुषों में सेक्शुअल ट्रांसमिटेड डिजीज यानी यौन रोगों के लक्षण अलग-अलग हो जाते हैं।

आइये जानते हैं महिलाओं से किस तरह के यौन संचारित रोग होने की संभावना हो सकती है और किस तरह से ये महिलाओं के लाइफस्टाइल को प्रभावित कर देते हैं-

महिलाओं में यौन बीमारियों(Sexually Transmitted Disease) के लक्षण

Some Natural Ways To Spice Up Your Sex Life

महिलाओं में यौन बीमारियों के लक्षण दर्द और शारीरिक संबंध बनाने के दौरान असहजता, पेशाब में दर्द, जलन और सूजन के तौर में दिखाई पड़ते हैं। योनी के आसपास जख्म, खुजली, रैशेज और दाने भी यौन संक्रमित बीमारियों के लक्षण होते हैं। यौन बीमारियों और संक्रमण की सबसे बड़ा कारण लापरवाही भी होती है। अशिक्षा और जागरुकता का अभाव भी इसके असल वजहों में से एक है।

गोनोरिया – ये बीमारी नीस्सीरिया नाम के एक बैक्टीरिया से होती है। असुरक्षित यौन संबंध, ओरल सेक्स और अप्राकृतिक सेक्स के कारण यह संक्रमण फैलता है। यह एक गर्भवती महिला से उसके बच्चे में भी ट्रांसफर हो सकता है।

क्लैमीडिया- यह आमतौर पर महिलाओं की प्रजनन प्रणाली के प्रजनन अंगों को स्थायी और गंभीर क्षति पहुंचाता है। इससे महिला को गर्भ धारण करने में भी दिक्कत आ सकती है।

सिफलिस- यह बहुत ही घातक यौन संचारित रोगों में से एक है। इस यौन संचारित रोग का मुख्य कारण संक्रमित व्यक्ति के साथ सेक्स रिलशन बनाना है।

HIV एड्स- एचआईवी एक वायरस है, जो एड्स नाम की बीमारी को जन्म देता है। यह सीधा हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम पर अटैक करता है। असुरक्षित यौन संबंध और पीड़ित व्यक्ति के शारीरिक द्रव के संपर्क में आने से आप इस गंभीर बीमारी की चपेट में आ जाते हैं।

फोटो सौजन्य- गूगल

Women are more sensitive to diseases than men

महिलाएं ऐसे ही सेंसटिव (Sensitive) नहीं कहलाती, उनका स्वभाव और बॉडी भी पुरुषों की तुलना में ज्यादा संवेदनशील होती है। बीमारियों के मद्देनजर भी महिलाओं की स्थिति ऐसी होती हैं। कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं, जिनकी चपेट में आने की आशंका महिलाओं को ही अधिक होती है। पुरुष उनसे काफी हद तक बचे रहते हैं। ऐसे में बीमारियों को लेकर पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक सचेत रहने की आवश्यकता होती है।

आज हम ऐसी ही बीमारियों के बारे में जानने की कोशिश करेंगे, जिनसे महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा खतरा रहता है। महिलाओं को भी इन परेशानियों के बारे में जानना चाहिए।

विटामिन D की कमी होना

विटामिन D इंसान की बॉडी के लिए जरूरी तत्व है। इससे कई तरह की बीमारियां पनपने का खतरा पैदा हो जाता है. महिलाएं आमतौर पर विटामिन डी का शिकार हो जाती हैं। एक स्टडी में भी सामने आया है कि महिलाओं की एक चौथाई आबादी विटामिन डी की शिकार हैं। इसकी कमी से महिलाओं का इम्यून सिस्टम बहुत तेजी से कमजोर हो जाता है। इससे शारीरिक परेशानी होने के साथ हडडी भी कमजोर होने लगती हैं।

आयरन डेफिसिएंशी की परेशानी

Women are more sensitive to diseases than men

पीरियड, डिलेवरी और सही तरह से पोषक तत्व न लेने के कारण महिलाओं में ब्लड की कमी देखने को मिलती है। डॉक्टरों का कहना है कि आमतौर पर जितनी भी महिलाएं अस्पताल में आती हैं। अधिकांश एनीमिक होती हैं। एनीमिक से आशय ब्लड की कमी होना है। इसकी प्रमुख वजह हर महीने पीरियड का होना है। अगर पीरियड नार्मल दिनों से अधिक दिनों तक रहता है तो यह परेशानी और अधिक हो सकती है।

PCOS की चपेट में भी आती हैं महिलाएं

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम यानि पीसीओएस एक हॉर्मोनल सिंड्रोम है। यह महिलाओं की ओवेरी पर खराब प्रभाव डालता है। हार्मोनल इंबेलेंस होने से यह समस्या और अधिक गंभीर हो जाती है। इंडियन नेशनल हेल्थ पोर्टल में पब्लिस्ड सर्वे के मुताबिक दक्षिण भारत में 9.13 प्रतिशत महिलाएं एवं महाराष्ट्र में 22.5 प्रतिशत महिलाएं पीसीओएस की समस्या से पीड़ित हैं।

मैटरनल हेल्थ प्रोब्लम

महिलाओं में प्रेग्नेंसी की समस्या आमतौर पर देखने को मिलती है। हाल में यूएन की एक रिपोर्ट में सामने आया है कि गर्भावस्था या इससे जुड़ी समस्याओं के कारण से हर 02 मिनट में एक महिला की जान चली जाती है। ऐसे में महिलाओं को होने वाली इस समस्या की ओर ध्यान दिया जाना चाहिए। इससे महिलाओं को महफूज किया जा सकता है।

फोटो सौजन्य- गूगल

WHO warning: Long working hours increase the risk of heart disease and heart attack

Omega 3 Fatty Acid अच्छे स्वास्थ्य के लिए: शरीर को हेल्दी रहने के लिए विटामिन, खनिज और अन्य पोषक तत्वों का सेवन जरूरी होता है। अगर आप अपने आहार पर ध्यान नहीं दे रहे हैं तो शरीर में कई तरह की कमी हो सकती है और परेशान करने वाले लक्षण हो सकते हैं। ऐसी ही एक समस्या है ओमेगा- 3 की कमी, ब्ल्ड के धक्के जमने के साथ-साथ हार्मोन बनाने के लिए शरीर द्वारा ओमेगा-3 फैटी एसिड की जरूरत होती है। ओमेगा- 3 में पाए जाने वाले ईपीए और डीएचए आपकी स्किन के स्वास्थ्य और आंखों की रोशनी में भी मदद करते हैं।
यहां कुछ संकेत दिए गए हैं जो शरीर में ओमेगा- 3 की कमी के साइन दे सकते हैं-

नाखून टूटना और रूखी त्वचा इसके संकेत हो सकते हैं

आपकी त्वचा, बालों और नाखूनों को दुरुस्त रखने के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड की आवश्यकता पड़ती है। इस स्वस्थ वसा की कमी से शुष्क त्वचा के साथ-साथ त्वचा पर चकत्ते भी हो सकते हैं। सूखे, टूटे और कमजोर नाखून भी ओमेगा-3 की कमी के लक्षण हो सकते हैं। आपके नाखून और सूजन को कम करने के लिए ओमेगा -3 फैटी एसिड जरूरी हैं। ओमेगा-3 वसा आपके बालों को पोषण देने और घने बालों को सहारा देने के लिए आवश्यक हैं। इसलिए कमी से त्वचा की कोशिकाओं और बालों के रोम के कुपोषित होने के कारण बालों का झड़ना हो सकता है। इस कमी के अन्य सामान्य लक्षणों में नींद में कमी और थकान शामिल हैं।

Heart Disease और Heart Attack का होता है खतरा

लॉन्ग-चेन ओमेगा-3 फैटी एसिड आपके दिल को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक ओमेगा-3 की कमी से हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। ओमेगा -3 फैटी एसिड आपके शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करने में भी मदद करता है, जिसके उच्च स्तर आपको हृदय रोग और स्ट्रोक के खतरे में डाल सकते हैं। शरीर में ओमेगा -3 फैटी एसिड की खपत बढ़ाने के लिए आप कुछ खाद्य पदार्थ खा सकते हैं जिनमें शामिल हैं: वनस्पति तेल, अलसी के बीज, भांग के बीज, चिया के बीज, पालक और अखरोट, समुद्री भोजन भी एक बड़ा स्रोत है जिसमें तैलीय मछली जैसे सामन, सार्डिन, हेरिंग और एंकोवी शामिल हैं।

अगर आपमें कमी है तो क्या करें?

अगर आपको लगता है कि आपको ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी हो सकती है तो डॉक्टर से सलाह लें। अपने आहार में ओमेगा-3 से भरपूर तत्वों की मात्रा बढ़ाने से कमी के लक्षण कम हो सकते हैं। अगर आप ओमेगा-3 सप्लीमेंट लेने की योजना बना रहे हैं तो अपने डॉक्टर से बात करें.

Your sleeping position reveals your personality

नींद (Sleep) आपके व्यवहार और स्वभाव को बिगाड़ने के लिए काफी है। हो सकता है कि आपने ऐसा फील भी किया हो पर कुछ रिसर्च भी इस बात को सही साबित करती है। अगर हम रात में सोए ना तो आप अधिक चिड़चिड़े, गुस्सैल और टेंशन के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं। वहीं, जब आप अच्छी नींद लेते हैं तो आपका मूड अक्सर सामान्य हो सकता है।

रिसर्च से पता चला है कि आंशिक नींद की कमी का भी मूड पर बहुत असर पड़ता है। रिपोर्ट के मुताबिक पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि एक हफ्ते के लिए रात में सिर्फ 4-5 घंटे की नींद तक सीमित रहने वाले लोगों के ज्यादा तनावग्रस्त, क्रोधित, उदास और मेंटली थका हुआ महसूस किया। जब लोगों ने सामान्य नींद शुरू की तो उनके मूड में सुधार देखने को मिला।

लेकिन सिर्फ नींद ही मूड को नहीं बिगाड़ती, बल्कि मूड भी नींद का चक्र खराब कर सकता है। चिंता उत्तेजना को बढ़ाती है, जिससे सोना मुश्किल हो जाता है। तनाव शरीर को उत्तेजित और सतर्क बनाकर नींद को भी प्रभावित करता है। जो लोग लगातार तनाव में रहते हैं उनमें नींद की समस्या होती है। इन सब का असर आपके व्यवहार पर पड़ता है।

चिड़चिड़ा हो जाता है स्वभाव:

Male Inferlity

नींद की कमी हमें चिड़चिड़ा बना देती है। आम दिनों में हम लोगों से सामान्य तौर पर बात करते हैं। कई बार लोग ऐसी बातें करते हैं, जो हमें नागवार गुजरती हैं, लेकिन हम आराम से जवाब देकर माहौल को सामान्य बनाए रखते हैं पर यही चीज तब हो जब आपकी नींद पूरी न हुई हो तो हो सकता है आप सामने वाले को चिड़चिड़ा होकर जवाब दें। जो आपकी पर्सनैलिटी को बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है।

गुस्सैल हो जाता है स्वभाव: नींद की कमी आपको गुस्सैल बना सकती है। आमतौर पर हम परिस्थितियों का सामना शांति से करते हैं लेकिन नींद न पूरी होने से इसका उलट हो सकता है। ऐसे में किसी भी अप्रिय परिस्थिति में गुस्सा आना तय होता है। जो आपके कई काम बिगाड़ सकता है। गुस्सैल इंसान को सामाजिक नजरिए से पसंद नहीं किया जाता।

तनाव दिखता है साफ: स्थिति को सामान्य रूप से संभाल ना पाने की स्थिति में तनाव हो सकता है। वहीं, अगर आप पहले से ही तनाव में हैं तो ये और बढ़ सकता है। इन सबका असर आपके चेहरे पर भी नजर आने लगता है और आप लोगों की नजर में एक अप्रिय इंसान हो सकते हैं।

5 Ayurvedic herbs have remedies and properties to avoid H3N2 virus

कोरोना के बाद अब एच3एन2 वायरस (H3N2 Virus) ने लोगों को फिर से डराना शुरू कर दिया है। जिसके बाद लोग सहमे से दिख रहे हैं। देश में फैले इस वायरस से अब तक 10 लोगों की जान जा चुकी है। पहले लोगों ने इसके असर को अनदेखा किया। वहीं, अब सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। उत्तर प्रदेश में ज्यादातर सरकारी अस्पतालों के ICU वार्ड के सभी बेड फुल चल रहे हैं लेकिन डरने से ज्यादा जरूरी है बचाव के उपाय करना। एच3 एन2 वायरस से बचाव के लिए यहां कुछ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के बारे में विस्तार से समझाया जा रहा है।

काफी तेजी से फैल रहा है जानलेवा H3N2 वायरस

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आकड़ों पर नजर डालें, तो जनवरी से मार्च तक H3N2 के 455 मामले आ चुके हैं। इस वायरस में पहले सांस की बीमारी और गले से संबंधित परेशानी होती है। वहीं कुछ मरीजों में ठंड लगना, शरीर में दर्द, बुखार, उल्टी आना, नाक बहना और दस्त सहित अन्य लक्षण देखे जा रहे हैं।

एक्सपर्ट की मानें तो इस वायरस में चिंता विषय यह है कि यह कोरोना वायरस की तरह यह भी फैल रहा है। इसमें जब कोई एच3एन2 वायरस से संक्रमित व्यक्ति छींकता या खांसता है, तो सामने वालों को भी संक्रमित कर देता है। हालांकि अभी तक इसका कोई तय उपचार नहीं है। ज्यादातर लोग आयुर्वेदिक उपायों से ही अपनी इम्युनिटी मजबूत कर रहे हैं ताकि इस वायरस से बचा जा सके। एच3एन2 वायरस में मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी खांसी से होती है। आयुर्वेदिक डॉक्टर ने खांसी से छुटकारा पाने का बताया सटीक इलाज-

ऐसे करें इस्तेमाल-

इम्युनिटी बढ़ाने और खांसी से छुटकारा पाने के लिए 5 हर्ब्स

1. गिलोय का करें यूज

वास्तव में गुडुची और गिलोय एक ही चीज हैं। कुछ लोग इसको गिलोय नाम से भी जानते हैं। इसका सेवन टॉन्सिलिटिस और कोल्ड से बचाव के लिए किया जाता है। यह खांसी और खराश को कम करने में मदद करता है। इसके गर्म पानी के साथ सुबह खाली पेट लेने से लाभ होता है।

2. तुलसी में है खांसी से लड़ने की क्षमता

डॉक्टरों के मुताबिक आयुर्वेद में तुलसी के कई फायदे हैं। इसमें खांसी, जुखाम, बुखार से लड़ने के प्रचुर गुण हैं। तुलसी में एंटीबॉडी बनाने की क्षमता होती है। इसका जितना अधिक सेवन किया जाएगा, शरीर में उतनी ज्यादा मात्रा में एंटीबॉउी बनेंगी। जो किसी भी रोग से लड़ने के लिए शरीर में सक्षम होगी। इसके अलावा शरीर में जमा कफ को पलता करने में तुलसी मददगार साबित हो सकती है।

इसका सेवन करने के लिए इसका काढ़ा बनाया जा सकता है। जिसमें पहले आपको तुलसी की छह से सात पत्तियां लेनी होंगी। इसके बाद चाय वाले पैन में इसे डाल कर पानी में पांच काली मिर्च और अदरक घिस कर अच्छे से आठ से नौ मिनट तक उबालें। इसके बाद स्वादानुसार नींबू निचोड़ कर कप में छान ले और इसका उपयोग करें।

3. गुड़ की चाय का करें सेवन

एक्सपर्ट मानते हैं कि गुड़ में आयरन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। जिससे शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी भी पूरी की जा सकती है। साथ ही शरीर में यदि कमजोरी है तो उसे भी इससे दूर किया जा सकता है। गुड़ की चाय बनाने के लिए इसमें अदरक का तुकड़ा और तुलसी की चार पत्तियों को डाल कर गुड़ के साथ एक कप पानी में उबाल लें। जब आधा कप पानी रहा जाए तो उसे गैस से हटा लें। चाय को ठंडा होने से पहले ही गरम-गरम पिएं। इससे गले में थोड़ा आराम मिलेगा। गुड की चाय चीनी की चाय से कई गुना बॉडी के लिए लाभदायक है।

4. मुलेठी से खांसी का होगा सफाया

आयुर्वेद में कई तरह की जड़ी-बूटियां हैं, जिससे पुरानी से पुरानी बीमारी को दूर किया जा सकता है। उसी में एक नाम मुलेठी का है, जिसके सेवन से खांसी, कफ, खराश को भगाया जा सकता है। यदि कोई इसका सेवन करता है, तो एक सप्ताह के भीतर सांस के रास्ते में जमे कफ को पतला कर बाहर कर देने की क्षमता है इसमें। इसका सेवन करने के लिए चाय के पैन में एक स्पून मुलेठी का पाउडर लें और एक ग्लास गर्म पानी में मिलाएं। फिर इसको पिएं, ऐसा दिन में दो बार करें। खांसी के साथ कफ को बाहर करेगी।

5. शहद में सोंठ का करें सेवन

आयुर्वेद में हर्बल सीरप के नाम से जानी जाने वाली सौंठ के कई फायदे हैं। सौंठ को अदरक और शहद के साथ मिलाकर खाने से सर्दी, जुखाम, खांसी में आराम मिलेगी। एंटी इंफ्लेमेटरी गुण से भरपूर सौंठ गले की खराश को कम करने में कारगर है। इसका सेवन शहद और अदरक के किया जा सकता है। इसके लिए 1/4 चम्मच सौंठ, एक चम्मच शहद, एक छोटा हिस्सा अदरक का मिलाकर सेवन करें। हफ्ते में तीन बार लेना होगा।

Never ignore unresolved problems related to Ladies' health

पीरियड्स (Periods) के दौरान कुछ महिलाओं को हर घंटे पैड बदलने की आवश्यकता पड़ती है। इस तरह की हैवी ब्लीडिंग महिलाओं को बहुत ज्यादा परेशान कर देती है। वहीं, इस समस्या के कारण महिलाओं के हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ता है। हेवी ब्लीडिंग की दिक्कत होने के कई वजह हो सकते हैं। कई बार कुछ विटामिंस और मिनेरल्स की कमी हैवी ब्लीडिंग का कारण होती है तो कई बार कुछ और मेडिकल कंडीशन। अगर आपको भी हैवी ब्लीडिंग का सामना करना पड़ता है तो कुछ आयुर्वेदिक तरीकों से राहत पाई जा सकती है।

क्यों होने लगती है हैवी ब्लीडिंग

Say goodbye to heavy bleeding by adopting these tips during periods

पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग होने का एक मेन वजह फाइब्रॉएड्स होता है। जिसकी वजह से शरीर से खून ज्यादा निकलने लगता है। वहीं, कई बार हार्मोनल इंबैलेंस के कारण से भी हैवी ब्लीडिंग होती है। अगर शरीर में विटामिन E और मैग्नीशियम की कमी है तो महिलाएं हैवी ब्लीडिंग से परेशान हो सकती है। अगर पीरियड्स 07 दिनों से ज्यादा दिन तक जारी रहता है और मासिक चक्र 21 दिनों से कम का होता है तो जरूरी है कि डॉक्टर की मदद ली जाए। अगर 02 दिनों में हैवी ब्लीडिंग का सामना करना पड़ता है या जनरल मासिक चक्र के दिनों में ब्लीडिंग ज्यादा होती है तो कुछ घरेलू तरीकों से इसे कंट्रोल किया जा सकता है।

हल्दी वाला दूध करेगा हेल्प

हैवी ब्लीडिंग होती है तो हल्दी वाला दूध पीने से राहत मिलती है। दूध में दालचीनी पीने से भी पीरियड्स के हैवी ब्लीडिंग को कम किया जा सकता है।

गाजर और अदरक का ऐसे करें इस्तेमाल

हैवी ब्लीडिंग की समस्या है तो अदरक को कुचलकर उसमें शहद मिलाएं। इस मिश्रण को खाने से काफी राहत मिलती है। साथ ही गाजर को पीरियड्स के दौरान खाएं। हैवी फ्लो होने पर गाजर के रस में अदरक के रस को मिलाकर पीने से दर्द और फ्लो में राहत मिलती है।

हमेशा रहें हाईड्रेटेड

5 very important questions that every woman has to ask her gynecologist..

हैवी फ्लो की समस्या बनी रहती है तो खुद को हाईड्रेटेड रखना जरूरी है। पानी ढेर सारा पीएं और लिक्विड वाली चीजों को डाइट में इस्तेमाल करें। इससे शरीर में एनर्जी की कमी नहीं होगी। हैवी फ्लो की वजह से कई बार महिलाएं एनीमिया से ग्रस्त हो जाती है। ऐसे में पीरियड्स के दौरान खानपान का ध्यान रखना जरूरी है।

ऐसे समय में विटामिन्स और मिनेरल्स है जरूरी

हैवी ब्लीडिंग होती है तो विटामिन C,E के साथ मैग्नीशियम से भरपूर चीजों को खाएं। कीवी, ब्रोकली, टमाटर, स्ट्राबेरी, तिल के बीज, खरबूज के सीड इन विटामिन्स और मैग्नीशियम से भरपूर फूड्स को खाएं। जिससे कि शरीर में ज्यादा थकान महसूस ना हो।