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importance of Milad-Un-Nabi in Islam

Milad-Un-Nabi: इस्लाम में दो ईद को सबसे अहम त्योहार माना जाता है एक है ईद उल फित्र और दूसरा है ईद उल अजहा। वैसे तो ये दोनों त्योहार पूरे मुस्लिम समाज में बड़े ही अकीदत और धूमधाम से मनाया जाता है। वहीं, मिलाद उन नबी का त्योहार इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबी-उल-अव्वल की 12वीं तारीख को मनाया जाता है, जो पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्म दिवस के रूप में जाना जाता है।

ईद-ए-मिलाद उन नबी का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व काफी बड़ा है। इसे पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्म और उनके जीवन की महान उपलब्धियों को याद करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन मुसलमान उनके बताए रास्ते और आदर्शों पर चलने का संकल्प लेते हैं और उनकी तमाम जिंदगी की सीख से प्रेरणा लेते हैं। इस्लामी इतिहास में यह दिन एकता, सद्भाव और आध्यात्मिक जागरूकता के रूप में मनाते हैं। मिलाद-उन-नबी पूरे दुनिया के मुसलमानों को एकजुट रखने की कड़ी है।

importance of Milad-Un-Nabi in Islam

ईद मिलाद-उन-नबी का इतिहास इस्लाम धर्म के पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्म से जुड़ा हुआ है। हजरत मोहम्मद साहब का जन्म 570 ईस्वी में मक्का में हुआ था। बता दें कि सुन्नी मुसलमान 12 रबी-उल-अव्वल को ईद-ए-मिलाद उन नबी मनाते हैं जबकि शिया मुसलमान उसे 17 रबी-उल-अव्वल को मनाते हैं। यह दिन न सिर्फ पैगंबर मोहम्मद के जन्म का प्रतीक है, बल्कि उनकी इंतकाल (निधन) के शोक में भी इस दिन को याद किया जाता है। इस दिन रात भर प्राथनाएं होती हैं और जगह-जगह जुलूस भी निकाले जाते हैं। घरों और मस्जिदों में कुरान पढ़ी जाती है।

पैगंबर साहब के जन्म से पहले ही उनके पिता का निधन हो चुका था। जब वह 06 वर्ष के थे तो उनकी मां की भी मृत्यु हो गई। मां के निधन के बाद पैगंबर मोहम्मद अपने चाचा अबू तालिब और दादा अबू मुतालिब के साथ रहने लगे। इनके पिता का नाम अब्दुल्लाह और माता का नाम बीबी आमिना था। अल्लाह ने सबसे पहले पैगंबर हजरत मोहम्मद को ही पवित्र कुरान अता की थी। इसके बाद ही पैगंबर साहब ने पवित्र कुरान का संदेश दुनिया के हर कोने तक पहुंचाया।

Is it an experience of insecurity if your partner switches off the lights before sex

Light off at Sex Time: क्या आपका पार्टनर लाइट बंद करके सेक्स करना पसंद करता है? क्या सेक्स के समय आपका पार्टनर लाइट बंद कर देता है? अगर आपका जवाब हां है तो इसके पीछे कई साइकोलॉजिकल वजह जिम्मेदार हो सकते हैं। बता दें कि सेक्स पर्सनल और संवेदनशील फिलिंग होता है। इसमें दोनों पार्टनर की असीम भावनाएं, कॉन्फिडेंस और मानसिक स्थिति महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कई लोग सेक्स के दौरान अपने पार्टनर के चेहरे के भावों को देखना चाहते हैं और पूरी तरह से अनुभव लेना चाहते हैं। पर कई लोग ऐसे होते हैं जो सेक्स को अंधेरे में ज्यादा सही तरीके से एन्जॉय कर पाते हैं। यानी उन्हें लाइट में सेक्स करना पसंद नहीं होता है। इसका एक कारण शर्मिंदगी हो सकती है। या फिर वे अपने पार्टनर के सामने पूरी तरह से एक्सपोज होने में सहज महसूस नहीं करते हैं। अलावा इसके भी कई ऐसे कारण हो सकते हैं जिसकी वजह से आपका पार्टनर सेक्स के दरम्यान लाइट बंद कर सकता है।

शरीर को इनसिक्योरिटी का अनुभव होना

कई लोग अपनी बॉडी के मद्देनजर पूरी तरह से कॉन्फिडेंट नहीं होते हैं। वे अपने शरीर को लेकर इनसिक्योर फील करते हैं। उन्हें लगता है कि उनका पार्टनर, उनके शरीर के किसी खास हिस्से को देखकर जज कर सकता है। ऐसे में वे लोग हमेशा सेक्स करने से पहले लाइट बंद करना चाहते हैं। अंधेरे में उन्हें डर नहीं लगता है और वे रिलैक्स होकर एन्जॉय कर पाते हैं।

पूरी तरह ओपन ना हो पाने का डर

Is it an experience of insecurity if your partner switches off the lights before sex

कई बार लोग अपने पार्टनर के साथ पूरी तरह से ओपन नहीं हो पाता है। ऐसे में उसे लाइट में सेक्स के दौरान शर्म महसूस हो सकती है। इसकी वजह से उन्हें झिझक महसूस होती है। यदि लाइट ऑन करके सेक्स किया जाता है तो इससे उनकी कमजोरियां उजागर हो जाती है। ऐसे में वे अंधेरे में सेक्स एन्जॉय करना पसंद करते हैं।

परफॉर्मेंस का अनजाना डर

कई बार लोग अपनी परफॉर्मेंस को लेकर कॉन्फिडेंट नहीं होते हैं। उन्हें लगता है कि सामने वाला पार्टनर उनकी परफॉर्मेंस को लेकर जज करेगा। या उनके फेस के भावों को देखेगा, ऐसे में उन्हें शर्मिंदगी महसूस हो सकती है। या बेहतर परफॉर्मेंस का दबाव बना रहता है। ऐसे में अगर अंधेरे में सेक्स किया जाता है, तो दबाव थोड़ा सा कम हो जाता है।

अनुभवों का असर

कई बार पहले के अनुभवों का असर इन्सान के वर्तमान जिंदगी को भी प्रभावित कर देते हैं. अगर पहले किसी ने कभी उनकी बॉडी को लेकर ट्रोलिंग या बॉडी शेमिंग किया हो तो ऐसे में यह डर उनके मन में बैठ जाता है। ऐसे में उनके लिए लाइट ऑन करना एक ट्रिगर हो सकता है। लाइट में उन्हें पहले के अनुभव याद आ सकते हैं। जबकि अंधेरे में पुराने अनुभव याद नहीं आते हैं और वे अधिक सहज फील करते हैं।

फीलिंग को छुपाना

कई लोग सेक्स को सिर्फ शारीरिक ही नहीं, मानसिक और भावनात्मक रूप से भी फील करना पसंद करते हैं। ऐसे में लाइट में वे अपनी भावनाओं को ओपनली दिखाने में शरमा सकते हैं। लाइट बंद करके वे अपनी भावनाओं को आसानी से छुपा सकते हैं।

फोटो सौजन्य- गूगल

Lose Weight: Now you don't need to sweat to lose weight

Lose Weight: वजन कम करना महज एक्सरसाइज और डाइट का मामला भर नहीं है बल्कि इसका असल संबंध आपके पाचन तंत्र से भी होता है। गट हेल्थ विशेषज्ञ का मानना है कि अगर आप अपने पाचन तंत्र का ध्यान रखेंगे तो फैट तेजी से बर्न कर पाएंगे। गट हेल्थ का मतलब हमारे पाचन तंत्र, खासकर आंतों का सही तरीके से काम करना। बता दें कि हमारे गट में ट्रिलियन्स की संख्या में गुड और बैड बैक्टीरिया मौजूद होते हैं, जिन्हें मिलाकर गट माइक्रोबायोम कहा जाता है। जब इन बैक्टीरिया का संतुलन सही रहता है तो पाचन, इम्यून सिस्टम, मेटाबॉलिज्म और मानसिक स्वास्थ्य भी फिट रहता है। खराब गट के कारण गैस, सूजन, कब्ज, स्किन की समस्या और वजन बढ़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आइये जानते हैं वो रोजाना के हैबिट्स जो आपको हेल्दी गट और फैट लॉस में मददगार साबित होगी।

फाइबर फुड्स से करें दिन की शुरुआत

If the liver is happy then your health will also smile

सुबह के नाश्ते में फाइबर युक्त चीजें जैसे ओट्स, चिया सीड्स या ताजे फल शामिल करें। ये न सिर्फ लंबे वक्त पेट भरा रखते हैं, बल्कि गट में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देकर पाचन को सुधारते हैं और मेटाबॉलिज्म को सक्रिय बनाते हैं, जिससे फैट तेजी से बर्न होता है। अगर आप वेट कंट्रोल रखना चाहते हैं, तो अपनी डाइट में फाइबर फूड्स को ब्रेकफास्ट से ही शामिल करने की आदत डाल लें। ऐसा करना आपकी पाचन क्रिया को भी हेल्दी बनाए रखने में मदद करेगा।

प्रोबायोटिक फूड

आपको अपनी खाने में प्रोबायोटिक्स शामिल करने की जरूरत है। दही, छाछ, अचार जैसे फूड्स प्रोबायोटिक्स से भरपूर होते हैं, जो गट बैलेंस को सुधारते हैं। ये फूड्स पेट की सूजन कम करते हैं और फैट स्टोरेज को रोकते हैं। शरीर के बढ़ते वजन को कंट्रोल करने के लिए भी अपनी डाइट में प्रोबायोटिक्स से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करना जरूरी है।

कम से कम 30 मिनट खुद को रखें एक्टिव

Never forget to warm up before going for a morning walk

हर दिन चलना, योग करना या हल्का कार्डियो करना गट मूवमेंट को बेहतर बनाता है। इससे पाचन क्रिया तेज होती है, शरीर में सूजन कम होती है और मेटाबॉलिज्म एक्टिव रहता है। नियमित फिजिकल एक्टिविटी फैट बर्निंग प्रोसेस को तेज करने में सहायक होती है और ऊर्जा भी बढ़ाती है। ऐसा सिर्फ वजन कम करने के लिए ही नहीं बल्कि आपके अंदरूनी स्वास्थ्य को सही बनाए रखने के लिए भी बेहद जरूरी है।

मीठे और प्रोसेस्ड फूड से रहें दूर

शुगर और जंक फूड्स का ज्यादा सेवन गट में बैड बैक्टीरिया को बढ़ाता है, जिससे गट बैलेंस बिगड़ जाता है। इससे सूजन, गैस, कब्ज जैसी समस्याएं होती हैं और मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ता है। नतीजतन, फैट बर्न करना मुश्किल हो जाता है और वजन घटाने की प्रक्रिया रुक जाती है। साथ ही बाहर के प्रोसेस्ड फूड्स व ज्यादा चीनी वाले फूड्स स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य खई बीमारियों की वजह भी बन सकते हैं।

पर्याप्त नींद के फायदे

Your sleeping position reveals your personality

नींद की कमी और ज्यादा तनाव गट हेल्थ को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे पाचन और फैट बर्निंग प्रोसेस धीमी हो जाती है। डेली 7-8 घंटे की गहरी नींद और मेडिटेशन जैसी तकनीकों से हार्मोन बैलेंस रहता है, मेटाबॉलिज्म सुधरता है और वजन घटाना बेहद आसान होता है।

फोटो सौजन्य- गूगल

Relation: Due to anger, the relationship with the partner is deteriorating

Relationship: बढ़ते वर्क लोड के कारण आजकल किसी के पास अपनी हेल्थ का ध्यान रखने का भी वक्त नहीं है। यह बढ़ता वर्क लोड का तनाव ना सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है बल्कि इससे लगातार हमारी मानसिक स्थिति भी बिगड़ती जा रही है। मालूम हो कि आजकल लोगों में चिड़चिड़ापन रहने लगा है, जिससे व्यक्ति के आपसी रिलेशन बिगड़ने लगते हैं। अगर आपके पार्टनर को भी चिड़चिड़ापन रहने लगा है और हर बात पर गुस्सा आ रहा है तो आपको भी कुछ बातों पर अमल करना होगा। खासकर जिन लोगों को लगता है कि उन्हें गुस्सा आ रहा है तो इससे आपके रिश्ते के लिए खतरा बढ़ सकता है।

हालांकि, आप कुछ साधारण से तरीकों को फॉलो करते हुए अपने पार्टनर के गुस्से को शांत रख सकते हैं और अपने नाजुक पड़ते रिश्ते को फिर से मजबूत बना सकते हैं। इस लेख में हम आप को बताएंगे कैसे पार्टनर को बार-बार आने वाले गुस्से को प्यार में बदल सकते हैं।

ज्यादा इमोशनल न बनें

कुछ लोगों को बात-बात पर इमोशनल होने की आदत होती है और उनकी इस आदत से कई बार दूसरे लोग परेशान रहने लगते हैं। अगर आप भी हमेशा जरूरत से अधिक बार इमोशनल हो जाते हैं, तो आपके पार्टनर को गुस्सा आने के पीछे एक यह कारण भी हो सकता है। अपने इमोशन जाहिर करना जरूरी है पर बार-बार उनके बारे में बात करना गलत हो सकता है।

हर समय सवाल करने से बचें

Relation: Due to anger, the relationship with the partner is deteriorating

अगर आपका पार्टनर गुस्से में है, तो उस दौरान बार-बार सवाल पूछना भी गुस्से को बढ़ा सकता है। अगर आपके मन में कोई भी सवाल है, तो उसे पूछने के लिए अपने पार्टनर के गुस्से को शांत होने का इंतजार करें। गुस्से में आपका पार्टनर आपको सही जवाब नहीं देगा और उल्टा बार-बार सवाल पूछने से उनका गुस्सा भी शांत नहीं होगा। इसलिए गुस्से को शांत होने का इंतजार लाजमी है।

उसकी बात को ध्यान से सुनें

मिस-कम्यूनिकेशन भी बार-बार गुस्सा आने की वजह बन सकता है। अगर आपके पार्टनर को लगता है कि आप उनकी बात को सुन नहीं रहे हैं, तो यह भी उनका गुस्सा बढ़ने का कारण हो सकता है। इसलिए हमेशा जब आपका पार्टनर गुस्सा तो तो उसकी बात को ध्यान से सुन लेना चाहिए। अगर आप ऐसा करेंगे तो आपके गुस्से के दौरान आपका पार्टनर भी आपकी बात को सुनने की कोशिश करेगा।

भूल कर भी पुराने झगड़े की बात ना छेड़ें

Sleep Separation: Separation of bedroom for a long time causes distance in relationships

रिश्तों के बीच थोड़ी बहुत कहा सुनी हो सकती है, लेकिन बात अक्सर तब बढ़ने लगती है जब आप किसी पुरानी बात को छेड़ देते हैं या किसी पुराने झगड़े को बीच में ले आते हैं। ऐसा करना गुस्से में आग में घी का काम करता है। इस बात का ख्याल रखें कि गुस्से के दौरान अपने पार्टनर के आगे कोई भी पुरानी बात न छेड़ें।

फोटो सौजन्य- गूगल

Follow these 3 special measures to make your breasts attractive

Attractive Breast: किस लड़की की चाहत नहीं होती- सुडौल और आकर्षक ब्रेस्ट। कई लड़कियों को ब्रेस्ट का मनचाहा आकार नेचुरली मिल जाता है, पर कुछ लड़कियों को ब्रेस्ट का मनचाहा आकार नहीं मिल पाता है। ब्रेस्ट का छोटा होने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। खराब खानपान, शरीर में न्यूट्रिएंट इलिमेंट्स की कमी या जेनेटिक के कारण से ब्रेस्ट का साइज छोटा रह जाता है।

छोटे ब्रेस्ट का आकार लड़कियों या महिलाओं के आत्मबल स्तर को गिरा सकता है। इसलिए हर लड़की स्तनों का आकार बढ़ाने के लिए तरह-तरह के उपाय इस्तेमाल करती हैं। कोई इंजेक्शन लगवाता है तो कोई सर्जरी की मदद लेतीं हैं। लेकिन आप चाहे तो नेचुरल तरीकों से भी ब्रेस्ट का आकार बढ़ा सकती हैं। एक्सपर्ट से जानते हैं ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के लिए क्या हैं घरेलू उपाय-

ये है ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के टिप्स

1. रोजाना एक्ससरसाइज करें

Follow these 3 special measures to make your breasts attractive

ब्रेस्ट साइज का आकार बढ़ाने के लिए आपको डेली एक्सरसाइज और योगभ्यास करना चाहिए। एक्सरसाइज करने से ब्रेस्ट के नजदीक की मांसपेशियों का विकास तेजी से होता है। इससे स्तनों के आकार को भी बढ़ावा मिलता है। स्तनों का आकार बढ़ाने के लिए आपको रोजाना 30 मिनट एक्सरसाइज अपने रूटीन में शामिल करना होगा। इससे स्तनों के आस-पास की मांसपेशियां टोन भी होती हैं। स्तनों के साइज बढ़ाने के लिए आप पुश-अप, डंबल चेस्ट प्रेस और वॉल प्रेस जैसी एक्सरसाइज अपना सकती हैं।

2. फाइटोएस्ट्रोजन से भरे फूड्स खाएं

Follow these 3 special measures to make your breasts attractive

फाइटोएस्ट्रोजन स्तनों के आकार को बढ़ावा देता है। फाइटोएस्ट्रोजन ब्रेस्ट टिश्यू को बढ़ाने में मदद करते हैं। अगर आप स्तनों के साइज बढ़ाना चाहते हैं, तो अपनी डाइट में फाइटोएस्ट्रोजन जरूर शामिल करें। आपको बता दें कि अलसी के बीज, सोयाबीन, तिल के बीज, टोफू, मूंगफली, अखरोट आदि में फाइटोस्ट्रोजन पाया जाता है। इन फूड्स को खाने से स्तनों के साइज बढ़ाने में मदद मिल सकती है। ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के लिए मेथी के दाने भी बेहद उपयोगी साबित होते हैं। आपको अपनी डाइट में डेयरी प्रोडक्ट्स, नट्स, सीड्स और दाल जरूर शामिल करने चाहिए।

3. मसाज टैक्निक है कारगर

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अगर आपके स्तनों का आकार छोटा है, तो आपको मसाज टैक्निक भी जरूर अपनानी चाहिए। मसाज करने से ब्रेस्ट साइज को बढ़ावा मिल सकता है। अगर आप कुछ महीनों तक रोज सुबह-शाम स्तनों की मालिश करेंगे, तो इससे मांसपेशियों का विकास तेजी से होता है। ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के लिए आप नारियल तेल, जैतून के तेल या बादाम के तेल से मालिश कर सकते हैं। इसके लिए आप कोई भी तेल लें और इसे गुनगुना कर लें। अब तेल को स्तनों पर लगाएं और फिर सर्कुलर मोशन में मसाज करें। आप रोज रात को स्तनों की मसाज कर सकते हैं। इससे आपको काफी फर्क देखने को मिलेगा।

Vastu Tips: These 3 things kept in the kitchen cause financial crunch

Vastu Tips: हिंदू पारंपरिक मान्यताओं के मुताबिक, घर की रसोई में मां अन्नापूर्णा का वास होता है। बता दें कि किचन से घर की समृद्धि भी तय होती है। कुछ ऐसी चीजें हैं, जिन्हें रसोई में रखने से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है और घर में धन की कमी बनी रहती है। अगर आप भी आर्थिक तंगी से परेशान हैं तो फौरन रसोई से कुछ चीजों को हटा दें।

अगर आपके घर में भी हमेशा आर्थिक तंगी बनी रहती हैं तो वास्तु के मुताबिक आपकी रसोई में रखी कुछ चीजें इसकी वजह से हो सकती हैं। ये सिर्फ आपके हेल्थ पर असर नहीं डालता है बल्कि इसका सीधा असर परिवार की आर्थिक हालात पर भी पड़ता है। ऐसी चीजें नकारात्मक ऊर्जा को दावत देती है।

इन चीजों को आज ही किचन से हटा दें

Vastu Tips: These 3 things kept in the kitchen cause financial crunch

आइये समझते हैं इन चीजों के बारे में जिन्हें आज ही रसोई से हटाने से आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है। साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा का भी प्रवाह होगा, जिससे मां लक्ष्मी का भी आगमन होगा।

1. जली या दरार वाली बर्तन

रसोई में जले हुए तवे, पतीले या टूटे-फुटे हुए बर्तन नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं। ये घर की सुख-शांति और समृद्धि में बाधा डालते हैं। इन्हें फौरन रसोई से बाहर कर देना चाहिए।

2. सड़ा-गला या बासी खाना

Vastu Tips: These 3 things kept in the kitchen cause financial crunch

रसोई में बासी या खराब भोजन रखना बहुत अशुभ माना जाता है। इससे न सिर्फ हेल्थ खराब होती है, बल्कि आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ सकता है। किचन को हमेशा साफ-सुधरा रखना चाहिए और जूते चप्पल पहनकर किचन में नहीं जाना चाहिए।

3. खाली पड़े पुराने डिब्बे

रसोई में नमक, आटा या चावल जैसी चीजों को फैला हुआ या खुला छोड़ना दरिद्रता की निशानी माना गया है। वास्तु के मुताबिक, इससे घर में पैसे की तंगी बनी रहती है। खाली बर्तन या जार रसोई में रखना भी आर्थिक तंगी का प्रतीक माना जाता है। खाली डिब्बों को हटाकर उन्हें अनाज से भर कर रखना शुभ माना जाता है।

फोटो सौजन्य- गूगल

Rudrabhishek has to be done on the third Monday of Sawan

SAWAN की पावन महीना भगवान भोलेनाथ तो समर्पित होता है। इस माह में भगवान भोले बाबा और मां पार्वती की पूजा की जाती है। बाबा भोलेनाथ की पूजा आराधना करने में रुद्राभिषेक और जलाभिषेक किया जाता है। माना जाता है कि सावन के महीने में जो श्रद्धालु रुद्राभिषेक करते हैं उनका बड़ा से बड़ा कष्ट समाप्त हो जाता है। अगर रुद्राभिषेक सोमवार के दिन शुभ मुहूर्त में किया जाए तो और भी बड़ा फल की प्राप्ति होती है। सावन सोमवार के दिन रुद्राभिषेक के लिए जानें क्या है शुभ मुहूर्त ?

क्या कहते हैं प्रसिद्ध महादेव मंदिर के पंडित जितेंद्र तिवारी जी

मुजफ्फरपुर के साहू पोखर महादेव मंदिर के पंडित जितेंद्र तिवारी जी ने संवाददाता जाहिद अब्बास से बातचीत करते हुए बताया कि सावन की तीसरी सोमवारी कल है। इसके साथ ही तीसरी सोमवारी के दिन अद्भुत संयोग भी बनने जा रहा है। उस दिन विनायकी गणेश चतुर्थी है यानी भगवान शिव के साथ-साथ गणपति की भी पूजा अवश्य करनी चाहिए। ऐसा खास संयोग बड़े ही संयोग से मिलता है। अगर सावन की तीसरी सोमवारी के दिन रुद्राभिषेक कर लें तो बड़ा से बड़ा कष्ट खत्म हो जाएगा और जीवन में सुख समृद्धि की बढ़ोतरी होगी।

रुद्राभिषेक के क्या हैं शुभ मुहूर्त

पंडित जी बताते हैं कि रुद्राभिषेक हमेशा शुभ मुहूर्त में करनी चाहिए। अगर आप भी सावन के तीसरे सोमवारी के दिन रुद्राभिषेक करना चाहते है तो ब्रह्म मुहूर्त में सुबह सुबह 4 बजकर 11 मिनट से लेकर 05 बजकर 33 मिनट तक करना बेहतर है। इसके साथ ही सुबह 10 बजकर 11 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक अमृतकाल रहने वाला है। इस मुहूर्त में भी रुद्राभिषेक करने पर पुण्यदायी फल हासिल होगा।

फोटो सौजन्य- गूगल

If you are a 'Newly Mom' then take care of yourself like this

Newly Mom: प्रेग्नेंसी शुरू होते ही शरीर में कई तरह के हार्मोनल चेंजिंग दिखने लगते हैं और 09 महीने के फेज के बाद जब डिलीवरी होती है तो मां को सबसे अधिक खुशी का एहसास होता है पर इसके बाद कई सरह के स्ट्रेस भी सामने आते हैं जैसे कि चिड़चिढ़ापन, उदासी, चिंता, बच्चे के साथ जुड़ाव में कमी जैसा प्रॉब्लम होने लगता है। डिलीवरी के बाद शरीर कमजोर हो जाता है और तनाव का कुप्रभाव भी सेहत पर नजर आता है।

प्रेग्नेंसी के बाद पहले जैसा हेल्दी और फिट बनने के लिए अपने रूटीन के साथ ही खानपान का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। वरना कुछ प्रॉब्लम लाइफटाइम परेशानी खड़ा कर सकती है जैसे वजन कंट्रोल न किया जाए तो कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है साथ ही शरीर में दर्द और कमजोरी लंबे वक्त तक बनी रह सकती है। विशेषज्ञ से जानेंगे कि कैसे डाइट को सही तरीकों से लेकर योगा या वर्कआउट करने तक कैसे अपने स्वास्थ्य को ठीक रख सकती हैं।

नई मां की फिजिकल हेल्थ के साथ ही मेंटल हेल्थ भी दुरुस्त रहना बहुत जरूरी होता है, तभी वह अपने बच्चे को भी पूरी तरह से देखभाल कर पाएंगी और बच्चा हेल्दी रहता है। बाद वाली परेशानियों से बचने के लिए सबसे जरूरी होता है फैमिली का इमोशनल सपोर्ट। अलावा इसके भी एक्सपर्ट ने कई छोटी-छोटी ट्रिक बताई हैं और डाइट, वर्कआउट की डिटेल भी दी है ताकि डिलीवरी के बाद मां खुद को स्वस्थ रख सके।

एक्सपर्ट लाइफस्टाइल डिजीज जैसे डायबिटीज, पीसीओडी, थायराइड, ओबेसिटी आदि से लोगों को नेचुरली रिवर्स करने में मदद करती हैं और यह भी बताती हैं कि कैसे आप टेस्टी खाना खाकर भी स्लिम और फिट रह सकते हैं।

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मेंटल हेल्थ दुरुस्त रखने के टिप्स

  • एक्सपर्ट कहती हैं कि नई मां बनी हैं तो रोजाना कुछ देर लाइट वॉक करें और नंगे पैर घास पर चलें।
  • मेंटल हेल्थ को सुधारने के लिए ब्रीदिंग टेक्निक जैसे कपालभाति प्राणायाम और अनुलोम विलोम करना सही रहता है।
  • एक्सपर्ट का कहना है कि कोई भी स्ट्रेस जो आपको परेशान कर रहा हो, उसके बारे में बात करें।
  • स्ट्रेस कम ना हो तो जरूरत के हिसाब से थेरेपिस्ट या काउंसलर से बात करनी है तो वो बिल्कुल नॉर्मल है। जरूर बात करें, स्ट्रेस को कैसे डील करें?

भरपूर नींद लेना है जरूरी

good sleep

एक्सपर्ट के मुताबिक सबसे जरूरी है नई माएं अच्छी नींद लें, क्योंकि नींद न सिर्फ शारीरिक तौर पर आराम देती है, बल्कि मेंटली भी रिलैक्स दिलाने में मदद करती है। इसके लिए स्लीप स्नैचिंग तकनीक का सहारा लेना चाहिए यानी जब बेबी सो रहा हो या फिर फैमिली में किसी और के पास हो तो उस दौरान आप भी पावर नैप लें।

ब्रेस्टफीडिंग करवाना है फायदेमंद

Breast feeding

एक्सपर्ट कहती हैं कि बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग जरूर कराएं. ये मां और शिशु दोनों के लिए फायदेमंद होती है। वजन घटाने के लिए पेशेंस रखें, क्योंकि ग्रेचुअल वेट लॉस और ग्रेजुअल फैट लॉस करना ही सेफ रहता है और यही सही तकनीक है पोस्टपार्टम वेट को कम करने की।

कब कर सकते हैं फिजिकल एक्टिविटी

एक्सपर्ट का कहना है कि नॉर्मल डिलीवरी हुई है तो 06 हफ्ते के बाद फिजिकल एक्टिविटी कर सकती हैं और अगर सी-सेक्शन हुआ है तो डॉक्टर्स की एडवाइस के बाद ही किसी तरह का वर्कआउट या योग करना शुरू करें। बाद के दौरान फिटनेस के लिए आप ब्रीदिंग, लाइट वॉक, लाइट स्ट्रेचिंग, योगा को रूटीन में एड कर सकते हैं. ज्यादा जल्दबाजी न करें, अपनी बॉडी को हील होने दें तभी शरीर सही तरह से फंक्शन कर पाएगा।

ये चीजें करें अवॉइड

नई माएं एमटी कैलोरी बिल्कुल न लें, जैसे बिस्किट, शुगरी ड्रिंक्स को अवॉइड करना चाहिए. एक्सपर्ट कहती हैं कि बहुत सारे लोग वेट लॉस के चक्कर में चाय-कॉफी ज्यादा लेते हैं, लेकिन वह यह भूल जाते हैं कि ये बॉडी को एसिडिक कर सकते हैं और कैफीन से शरीर को नकली किक मिलती है। इंस्टेंट एनर्जी के चक्कर में इनको पीने से बचें। चाय-कॉफी पी भी रहे हैं तो शुगर मत मिलाएं और दिन में एक या दो बार ही लीजिए।

हाइड्रेट रहना है लाभदायक

एक्सपर्ट के अनुसार हाइड्रेशन को बनाए रखें, सादा पानी पीने के अलावा जीरा वाटर, धनिया वाटर, कोकोनट वाटर, सौंफ का पानी आदि पीएं, क्योंकि इन मसालों में कैल्शियम से अलावा भी कई मिनरल्स होते हैं। घर का सिंपल खाना खाइए। ये आपके लिए पोस्टपार्टम को डील करने के लिए बेस्ट है।

डाइट का ध्यान कैसे रखें

एक्सपर्ट का कहना है कि डिलीवरी के बाद वेट कंट्रोल करना हो तो किसी भी फैट डाइट को फॉलो नहीं करना चाहिए पर वजन कम करने के चक्कर में कोई भी ट्रेंडी डाइट फॉलो करना शुरू न करें। न्यूट्रिशनल डाइट लें, जिसमें कैलोरी भी कम हो और पोषक तत्व भी अच्छी मात्रा में हो, साथ ही रेगुलर लाइट वॉक कीजिए।

नई माएं लें ऐसा खाना

एक्सपर्ट के मुताबिक डिलीवरी के बाद आयरन और कैल्शियम रिच फूड खाएं, जैसे रागी, ड्राई फ्रूट्स और हरी सब्जियां और फल। वह कहती हैं कि मैं तो आपको कहूंगी बादाम, अखरोट, पंपकिन सीड्स, सूरजमुखी के बीज, गोंद आदि को नट्स, सीड्स और ड्राई फ्रूट्स को मिलाकर लड्डू बना लें। दो लड्डू रोज आप दूध के साथ लें. इससे कई न्यूट्रिएंट्स की कमी पूरी हो जाती है और कमजोरी नहीं लगती। डिलीवरी के बाद खाने में अंडा, दाल, नट्स शामिल करें जो प्रोटीन की पूर्ति करेंगे।

फोटो सौजन्य- गूगल

Bring glow to your face in Korean way and say goodbye to wrinkles

Korean Glowing Style: अगर आप भी अपना चेहरा देखते हुए मन ही मन सोचते हैं कि काश मेरा चेहरा पहले जैसा चमकदार और बिना झुर्रियों वाला होता तो..। आजकल फास्ट लाइफस्टाइल, गलत खानपान, दबाव और नींद की कमी के कारण चेहरे पर जल्दी झुर्रियां दिखने लगती हैं और त्वचा बेजान सी होने लगती है। ऐसे में हम महंगे ब्यूटी प्रोडक्ट्स और ट्रीटमेंट की मदद लेने लगते हैं पर इन सब में केमिकल्स का प्रयोग होता है जो कई बार साइड इफेक्ट भी कर जाते हैं। ऐसे में क्यों ना हम उन उपायों की ओर बढ़े जो नेचुरल भी है और फायदेमंद भी। कोरिया की महिलाएं अपनी खूबसूरती और चमकती स्किन के लिए दुनिया भर में जानी जाती हैं। उनकी स्किन इतनी क्लियर और टाइट रहती है कि उम्र का असर दिखाई ही नहीं देता। वहां कुछ ऐसे ब्यूटी सीक्रेट्स हैं जो वहां की संस्कृति में पीढ़ी दर पीढ़ी चले आ रहें हैं। खास बात यह है कि आप भी इन्हें अपने रूटीन में शामिल कर सकती हैं और अपनी त्वचा को यंग और ग्लोइंग बना सकती हैं।

क्या हैं कोरियन ब्यूटी का राज?

Bring glow to your face in Korean way and say goodbye to wrinkles

कोरियन महिलाओं की खूबसूरती का सीक्रेट उनके नेचुरल रेमेडीज और लाइफस्टाइल में छुपा है। वे बहुत अधिक पानी का सेवन करती हैं और सबसे खास उनकी स्किन केयर रूटीन में ऐसे प्राकृतिक तरीके शामिल हैं जो त्वचा की गहराई से सफाई करके उसे टाइट और ग्लोइंग बनाते हैं। उनमें से एक तरीका है राइस वॉटर यानी चावल के पानी का सटीक इस्तेमाल।

चावल के पानी का जादुआई कमाल

चावल में विटामिन-B,E, मिनरल्स और अमीनो एसिड्स होते हैं जो स्किन को पोषण देते हैं। चावल का पानी स्किन की इलास्टिसिटी बढ़ाता है जिससे झुर्रियां कम दिखने लगती हैं। यह स्किन को हल्का गोरा भी करता है और दाग-धब्बे मिटाता है। कोरिया में सदियों से महिलाएं अपने चेहरे को चावल के पानी से धोती आई हैं। इससे उनकी त्वचा टाइट रहती है और उसमें जबरदस्त ग्लो आता है।

ये है बनाने की विधि

  • सबसे पहले चावल को अच्छे से धो लें ताकि उस पर लगी धूल और गंदगी हट जाए।
  • फिर इसे दो कप पानी में डालकर 30 मिनट के लिए भिगोकर रख दें।
  • बीच-बीच में चावल को हाथ से मसलें ताकि उसके सारे पोषक तत्व पानी में आ जाएं।
  • अब इस पानी को छानकर अलग कर लें, यही चावल का पानी आपके चेहरे के लिए अमृत है।

ऐसे करें इसका इस्तेमाल-

रोज सुबह चेहरा साफ करने के बाद इस चावल के पानी को कॉटन की मदद से पूरे चेहरे और गर्दन पर लगाएं। चाहें तो इस पानी को स्प्रे बोतल में डालकर दिन में दो-तीन बार चेहरे पर स्प्रे भी कर सकती हैं। इसे 15-20 मिनट तक ऐसे ही रहने दें फिर सादे पानी से धो लें। हफ्ते में कम से कम 04-05 बार ऐसा करने से आपको असर दिखने लगेगा।

कुछ और कोरियन टिप्स जवां त्वचा के लिए-

Bring glow to your face in Korean way and say goodbye to wrinkles

जमकर पानी पिएं, कोरियन महिलाएं दिनभर में कम से कम 2-3 लीटर पानी पीती हैं जिससे उनकी स्किन हाइड्रेट रहती है। फलों और सब्जियों का ज्यादा सेवन करें। खासकर उन चीजों का जिनमें विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स ज्यादा हों। रात को सोने से पहले चेहरे को अच्छे से क्लीन करें ताकि दिनभर की धूल-मिट्टी और ऑयल साफ हो जाए। चेहरे की हल्की-हल्की मसाज करें, इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और स्किन टाइट रहती है।

क्यों करें कोरियन तरीका का इस्तेमाल?

इसमें कोई केमिकल नहीं होता, पूरी तरह प्राकृतिक है। ज्यादा महंगा भी नहीं पड़ता। सबसे बड़ी बात यह है कि लंबे वक्त तक स्किन हेल्दी और जवां बनी रहती है। धीरे-धीरे दाग-धब्बे, पिगमेंटेशन और झुर्रियां कम होने लगती हैं।

फोटो सौजन्य- गूगल

If you are troubled by white hair

Hair Care: बालों में लगातार केमिकल का प्रयोग और धूप के प्रभाव सफेद बालों की समस्या की वजह बनती है। बालों के जड़ों में मौजूद मेलिनिन बालों को रंग देने में सहायता प्रदान करता है। लेकिन जैसे जैसे आपकी उम्र बढ़ती है। इसकी मात्रा कम हो जाती है और बालों का रंग सफेद होने लगता है। असल में बढ़ता तनाव, विटामिन की कमी और धूम्रपान इसके असल कारण हैं। अगर आप भी सफेद बालों से परेशान हैं तो वक्त से पहले जानें सफेद बालों का कारण और उसके निदान।

आखिर क्यों समय से पहले बढ़ने लगती है बालों की समस्या-

स्किन एक्सपर्ट बताती हैं कि उम्र काफी हद तक सफ़ेद बाल का एक मुख्य कारण हैं। अलावा इसके हेयर केयर की कमी और पोषक तत्वों का घटता स्तर इस समस्या का कारण साबित होता है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ ट्राइकोलॉजी के मुताबिक आनुवंशिकी के साथ साथ विटामिन की कमी जैसे अन्य कारक भी समय से पहले सफ़ेद बालों का कारण बन सकते हैं।

सफेद बालों की समस्या के लिए बताए गए टिप्स का करें पालन

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1. कम करें केमिकल्स का इस्तेमाल

सफेद बालों को रोकने के लिए बालों पर केमिकल युक्त शैम्पू, स्प्रे और अलग अलग प्रकार के ट्रीटमेंट से बचें। बालों की मज़बूती को बढ़ाने के लिए सल्फेट्स, पैराबेंस और फ़थलेट्स जैसे हार्श केमिकल्स का इस्तेमाल न करें। इससे बालों के स्ट्रैंड और जड़ों की कमज़ोरी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में बालों की क्लीजिंग के लिए माइल्ड शैम्पू या होमेमेड हेयर मास्क का इस्तेमाल करें। इससे स्कैल्प का रूखापन कम होता है, जिससे सफेद बालों की समस्या हल होती है।

2. यूवी रेज़ के असर से बचें

धूप की किरणों से बालों के टैक्सचर को नुकसान का सामना करना पड़ता है। ऐसे में गर्मी के दिनों में बालों को ढ़ककर रखें और स्ट्रेटनर व कर्लर का इस्तेमाल न करें। हीटिंग उत्पादों का उपयोग करते समय बालों की सुरक्षा के लिए क्रीम का उपयोग करें। इससे बालों की नरिशमेंट में मदद मिलती है और बालों का टूटना व झड़ना कम हो जाता है।

3. जरूर करें स्कैल्प मसाज

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बालों की मज़बूती को बढ़ाने क लिए हेयर ऑयलिंग आवश्यक है। इससे बालों का झड़ना कम होने लगता है और सफेद बालों की समस्या से बचा जा सकता है। इसके लिए कड़ी पत्ता, मेथीदाना और गुड़हल के फूलों को नारियल के तेल में पकाकर छान लें और बालों पर अप्लाई करें। इससे बालों का टूटना कम होने लगता है।

4. स्ट्रेस मैनेजमेंट है आवश्यक

दिनों दिन बढ़ता तनाव नींद की कमी, कमज़ोर याददाश्त औरसफे बालों की समस्या का कारण बनने लगता है। ऐसे में स्ट्रेस को दूर करने के लिए नियमित रूप से योग और मेडिटेशन का अभ्यास करें। योग की मदद से ब्रेन में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है, जिससे बालों की जड़े मज़बूत बनती हैं और सफेद बालों से बचने में मदद मिलती है।

5. हेयर क्लीजिंग है अहम

बालों को हफ्ता में 02 से 03 बार धोएं। इससे बालों की स्वच्छता बनी रहती है, जिससे फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचा जा सकता है। साथ ही डीप क्लीजिंग में भी मदद मिलती है, जिससे स्कैल्प पर बढ़ने वाली फंगस, इंफेक्शन और सफेद बालों की समस्या कम हो जाती है। इसके लिए केमिकल रहित प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें

6. स्वस्थ आहार का सेवन करें

स्वस्थ आहार हमारे शरीर और स्कैल्प को पोषण प्रदान करते हैं। आहार में प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स को शामिल करें, जो बालों के बॉन्ड को मज़बूत बनाते हैं। इससे बालों का झड़ना और पतलापन कम होने लगता हैं। बालों की मज़बूती बढ़ जाती है और दो मुंह बालों की समस्या से भी बचा जा सकता है। वे लोग जिन्हें कम उम्र में सफेद बालों का सामना करना पड़ता है। उनके बाल स्ट्रोंग व हेल्दी बन जाते हैं।

फोटो सौजन्य- गूगल