Search
  • Noida, Uttar Pradesh,Email- masakalii.lifestyle@gmail.com
  • Mon - Sat 10.00 - 22.00

Category Archives: Health

अभिनेत्री दीपिका पादुकोण

चुरा के मुट्ठी में दिल को छुपाए बैठे है,

बहाना ये है कि मेंहदी लगाए बैठे है।।

जी हां, दोस्तों मेंहदी का नाम सुनते ही वो भीनी सी महक हमारे मन को महका जाती है। मेंहदी का उपयोग हम हर त्यौहार, शादी में भरपूर करते है।

वो गोरे गोरे से मेंहदी वाले हाथ किसको पसंद नहीं होते ?

मेंहदी न सिर्फ हाथों की खूबसूरती बढ़ाने के लिए काम आती है बल्कि यह और भी कई स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का समाधान है।

मेंहदी एक कांटेदार झाड़ी है जो 6 मीटर तक ऊंची होती है। इसके फूल छोटे और लाल रंग के हो सकते है। मेंहदी की भारत में लगभग 600 स्पेसीज पाई जाती है। मेंहदी का प्रयोग औषधि के तौर पर किया जाता है। इससे कई प्रकार के त्वचा रोग , हड्डी रोग में आराम मिलता है।

इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है की इसके इस्तेमाल का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता।

तो चलिए जानते है आपकी सेहत और सौंदर्य को निखारने में कितनी कारगर है ये मेंहदी-

मेंहदी

  1. मेंहदी का इस्तेमाल खून साफ करने के लिए किया जाता है। इसके लिए रात भर इसके पत्तों को भिगो कर रखा जाता है और सुबह उस पानी को छान कर पिया जाता है।
  2. अगर किसी के घुटनों में दर्द हो या जोड़ो का दर्द हो तो मेंहदी के पत्तों को पिस कर उसका लेप लगाने से बहुत लाभ होता है। अरंडी के पत्तों को और मेंहदी के पत्तों को बराबर मात्रा में ले और पिस कर लेप बना लें तथा प्रभावित जगह पर लगाने से तुरंत ही आराम मिलता है।
  3. मेंहदी सिर दर्द और माइग्रेन जैसी समस्याओं का भी समाधान करती है। इसके पत्तों का लेप बना कर सिर में लगाना चाहिए जिससे सिर दर्द और माइग्रेन की समस्या से छुटकारा पा सकते है।
  4. अगर कभी शरीर का कोई भी अंग जल जाए तो उसी समय उस पर मेंहदी का लेप लगाना चाहिए। यह जलन को कम कर देगी तथा उस घाव को जल्दी ठीक करने में मदद भी करेगी।
  5. मेंहदी बालों के लिए कंडीशनर का काम करती है। यह एक प्राकृतिक कंडीशनर है। महीने में दो बार इसका इस्तेमाल बालों के लिए करना चाहिए इससे बाल चमकदार, घने और लंबे होंगे।
  6. कई बार शरीर में गर्मी बढ़ जाने के कारण समस्या होने लगती है ऐसे में सलाह दी जाती है कि मेंहदी पाउडर का लेप हाथों और पैरों पर लगाना चाहिए इससे ठंडक मिलती है।
  7. बालों में इसका नियमित इस्तेमाल करने से डैंड्रफ की समस्या बहुत हद तक खत्म हो जाती है।
  8. मेंहदी से हम पथरी जैसी भयानक बीमारी से राहत पा सकते है। इसके लिए आधा लीटर पानी में 500 ग्राम मेंहदी के पत्ते भिगो दे तथा इसको सुबह उबाल लें तथा ठंडा करके इसे दिन में तीन बार पिए। इससे पथरी की समस्या से जल्द राहत मिलेगी।
  9. मेंहदी पेट की आंतों और अल्सर जैसी बीमारी को भी दूर करती है।
  10. अगर आपके बाल बहुत झड़ रहे हो तो आप मेंहदी के पत्तों को पिस कर अपने स्कैल्प में लगाए। दो बार के प्रयोग से ही आप को राहत महसूस होगी।
  11. बालों का रूखापन भी आप मेंहदी से चुटकियों में दूर कर सकते है। मेंहदी पाउडर और दही का पेस्ट बनाएं तथा उसमें कुछ दाने मेथी मिलाए कुछ देर रख दे तथा फिर बालों की जड़ों में इसे लगाए।
  12. मेंहदी के पत्तों से निकलने वाले तेल से आप नींद विकारों को भी दूर कर सकते है। इसके तेल से सिर में हल्के हाथों से मसाज करे तथा से जाए आप पाएंगे कि आप अच्छी नींद का मजा ले पा रहे है।                                                                   फोटो सौजन्य- गूगल

योग भगाए रोग, यह कहावत सदियों पुरानी है। हमारे ऋषि-मुनि नियमित योग करते थे और स्वस्थ रहते हुए लंबा जीवन जीते थे। योग हमारे मन-मस्तिष्क के साथ-साथ शरीर को भी फिट रखता है। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखने के लिए योग अत्यंत आवश्यक है। योग के महत्व को देश ने ही नहीं बल्कि सारी दुनिया ने भी माना है। इसलिए सारी दुनिया 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाती है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष प्रयास से हुई। इस बार हम 7वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाएंगे। कोरोना महामारी के की वजह से पिछले साल की तरह इस बार भी देश में योग दिवस का आयोजन वर्चुअल माध्यम के जरिये करने की तैयारी है।

International Yoga Day

योग से न केवल शरीर के अंगों बल्कि मन, मस्तिष्क एवं आत्मा में भी संतुलन बनाया जा सकता है। यही कारण है कि योग से शारीरिक समस्याओं के अलावा मानसिक समस्याओं से भी निजात पाया जा सकता है। योग की इसी खूबी को जानते हुए दुनिया ने इसे अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बना लिया है। कोरोना संकट से जूझ रही इस दुनिया ने रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने की दिशा में योग के महत्व को भी भली-भांति समझ लिया है।

कैसे हुई शुरुआत

पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया, जिसकी पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में की थी। पीएम मोदी के इस प्रस्ताव को 11 दिसम्बर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पूर्ण बहुमत से पारित किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 193 सदस्यों में से 177 ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से मंजूरी दी।

पीएम मोदी ने 27 सितम्बर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में कहा था, “योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है। यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है। यह मनुष्य और प्रकृति के बीच एक सामंजस्य है। योग हमें विचार, संयम, पूर्णता के साथ ही स्वास्थ्य को लेकर एक समग्र दृष्टिकोण भी प्रदान करता है। योग केवल एक शारीरिक व्यायाम ही नहीं है बल्कि यह अपने भीतर छिपी एकता की भावना, दुनिया और प्रकृति की खोज में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। हमारी बदलती जीवन-शैली में यह चेतना बनकर, हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकता है, तो आएं अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को अपनाने की दिशा में काम करते हैं।”

21 जून का ही दिन क्यों

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को 21 जून के दिन मनाने के पीछे बहुत बड़ा कारण है। भारतीय संस्कृति के अनुसार ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है। 21 जून साल का सबसे बड़ा दिन माना जाता है। इस दिन सूर्य जल्दी उदय होता है और देर से ढलता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है। कहा जाता है कि सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी होता है। इसी वजह से 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में मनाते हैं।

पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून, 2015 को पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया गया। इस दिन करोड़ों लोगों ने योग किया, जो कि एक रिकॉर्ड था। पीएम मोदी के नेतृत्व में करीब 35 हजार से अधिक लोगों और 84 देशों के प्रतिनिधियों ने दिल्ली के राजपथ पर योग के 21 आसन किए थे। न्यूयार्क के टाइम्स स्क्वॉयर पर करीब 30 हजार लोगों ने एक साथ योग किया था। इस खास आयोजन ने दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए थे। पहला रिकॉर्ड 35,985 लोगों के साथ योग करना और दूसरा रिकॉर्ड 84 देशों के लोगों द्वारा इस समारोह में हिस्सा लेना। पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम थी- सद्भाव और शांति के लिए योग।

दूसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

भारत में दूसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2016 का मुख्य आयोजन चंडीगढ़ में हुआ, जिसमें करीब 35 हजार लोग शामिल हुए। इस आयोजन का नेतृत्व भी प्रधानमंत्री मोदी ने ही किया था। इस योग दिवस में 170 देशों ने हिस्सा लिया। दूसरे योग दिवस की थीम थी- युवाओं को जोड़ें।

तीसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

तीसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2017 का मुख्य आयोजन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में किया गया, जहां प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 55 हजार लोगों ने हिस्सा लिया, वहीं न्यूयार्क के सेंट्रल पार्क में भी हजारों लोगों ने एक साथ योग किया। तीसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम थी- स्वास्थ्य के लिए योग।

चौथा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

International Yoga Day

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2018 का मुख्य कार्यक्रम उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान में आयोजित किया गया। इसमें प्रधानमंत्री मोदी के साथ करीब 50 हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। इस आयोजन की खास बात यह थी कि इसमें सऊदी अरब भी शामिल हुआ। चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम शांति के लिए योग थी।

5वा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

देश में पांचवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2019 का मुख्य कार्यक्रम झारखंड की राजधानी रांची में आयोजित किया गया था, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल हुए थे। इस वर्ष की थीम थी- योगा फॉर क्लाइमेट एक्शन।

छठा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

कोरोना वैश्विक महामारी के मद्देनजर 21 जून, 2020 को छठा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस वर्चुअल माध्यम से मनाया गया। इसकी थीम थी- योगा फॉर हेल्थ – योगा एट होम।

7वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस-2021 की केंद्रीय थीम ‘योग के साथ रहें, घर पर रहें’ है। इस बार भी इसे आभासी मंच पर ही मनाने की तैयारी है।

फोटो सौजन्य गूगल

हम जानते है की पूरे देश में कोरोना काल चल रहा है, अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड नहीं है, श्मशानो में लाशों की लंबी लाइन है, लोग अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार भी नहीं कर पा रहे है। जिस हवा में इंसान खुल कर सांस लेने की सोचता था.
दालचीनी के लाभकारी गुण
आज हम बात करने जा रहे है जिसके नाम में चीनी है पर मिठास नहीं, वह हर किचन में उपलब्ध होता है और वह बहुत ही लाभकारी होता है,
शतावरी महिलाओं के लिए जरूरी
ये जुमला बहुत बार सुना होगा आपने लेकिन एक लड़की को मां बनने की इस प्रक्रिया में बहुत सारे चरणों से गुजरना पड़ता है। राहें कभी कभी बहुत मुश्किल होती है, इस सफ़र की।
परिवार के साथ वक्त बिताने का मौका
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए अभी फिलहाल जो एक तरीका है वो यही है कि लॉकडाउन हो जाओ यानी अपने घर में बंद रहें, सुरक्षित रहें लेकिन जो लोग पूरे दिन बाहर काम करते हैं
कोरोना वायरस
भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार का मानना है कि जिसमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं, वह भी वायरस फैला सकता...
कोरोना मरीज का डाइट्स

आज पूरी दुनिया कोरोना वायरस की मार झेल रही है। इस बीमारी के ठीक होने के बाद भी इसकी रिकवरी होने में लगभग एक महीने से ज़्यादा का वक्त लगता है। वो भी तब जब आप एक सही और संतुलित  डाइट ले रहे हो। वैसे तो बीमार होने पर खाने की कुछ खास इच्छा नहीं होती लेकिन फिर भी अगर खाना टाइम से न लिया जाए या स्किप किया जाए तो रिकवरी में न सिर्फ ज़्यादा वक़्त लग जाता है बल्कि बीमार व्यक्ति पहले से ज़्यादा कमज़ोर हो जाता है  जो कि उसे कईं तरह को दूसरी शारीरिक परेशानियों में डाल सकती है।

आइये आज जानते हैं कोरोना काल में और कोरोना के बाद रिकवरी पीरियड में मरीज़ की डाइट किस तरह की होनी चाहिए।

बिस्तर से उठने के बाद (सुबह 5.30- 6.30 बजे)

नींबू पानी

1 गिलास गुनगुने नींबू पानी में दालचीनी 05 भीगे हुए बादाम और अखरोट मिलाएं।

नाश्ते के विकल्प (30 मिनट के बाद)

पालक बेसन चीला 02 नग हरी चटनी/ नारियल चटनी या 1 कप दही के साथ।

ओट्स दलिया ड्राई फ्रूट्स या बीज के साथ और साथ ही एक कटोरी फल।

दो डोसे कम तेल में 1 कप सांबर/

वेजिटेबल ऑमलेट (2 अंडे का सफेद भाग और 1 पूरा अंडा) ।

2 स्लाइस साबुत-गेहूं या मल्टीग्रेन ब्रेड के साथ चाय (इच्छा होने पर)।

Mid-morning snack options मध्य सुबह के नाश्ते के विकल्प (सुबह 10 – 11 बजे)

1 कटोरी फल चिया/1 बड़ा चम्मच कद्दू बीज के साथ / 1 गिलास नींबू पानी।

चिया और अलसी बीज के साथ 1 गिलास पपीते की स्मूदी।

1 ग्लास ऑरेंज जूस / पाइन एप्पल  जूस/ नारियल पानी ।

दोपहर का भोजन (दोपहर 1 – 2 बजे)

भारतीय थाली

2 फुल्के / 1 कप उबले हुए चावल की सब्जी (बीन्स / फूलगोभी / ब्रोकली / पत्तेदार सब्जी / मिश्रित सब्जी) / कप दाल / चना / राजमा / 1 कटोरी पनीर की सब्ज़ी +1 कप दही

दोपहर के भोजन के बाद (शाम 4 बजे)

लौंग, काली मिर्च और सोंठ का काढ़ा/ ग्रीन टी /चाय /कॉफी – 1 कप।

मध्य शाम का नाश्ता (शाम 5 – 6 बजे)

फल

½उबले स्प्राउट्स /½ कप भुने हुए चने या भुना हुआ मखाना।

उबले स्प्राउट्स/ दालें या भुना हुआ मखाना/ चना – ½ कप

रात के खाने से पहले के विकल्प (रात 7 बजे)

1 चम्मच नीबू रस के साथ दाल पानी – 1 कप/

रसम – 1 कप।

गाजर/टमाटर/पालक/ब्रोकली सूप – 1 कप

रात के खाने के विकल्प (शाम 7.30– 8.30 बजे)

डोसा

1 कटोरी सब्जी खिचड़ी 1 कप दही/

2 मूंग दाल चीला पनीर लहसुन की चटनी के साथ।

इडली के 3 पीस, सब्जी सांबर के साथ।

2 रोटी १ कटोरी पालक या मेथी दाल/अंडे की सब्जी/पनीर भुर्जी के साथ – 1 कप।

सोने का समय :

1 गिलास हल्दी,अदरक और काली मिर्च के साथ कम फैट वाला दूध बिना चीनी के।

इस  डाइट चार्ट को आप आवश्यकतानुसार रिपीट कर सकते हैं |

इस बात का हमेशा ख्याल रखें कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए सही पोषण  हमेशा ज़रूरी होता  है, खासकर ऐसे समय में जब प्रतिरक्षा प्रणाली को पहले से कईं ज़्यादा मज़बूत बनाने की आवश्यकता हो।

अच्छी  डाइट  के  साथ  ही कुछ और बातों का ध्यान  रखना ज़रूरी है।  जैसे की कैलोरी काउंट, प्रोटीन, फैट्स की जरूरतों को शरीर के वजन के अनुसार ही बढ़ाएं। कोरोना के मरीजों के डाइट चार्ट में विटामिन ए, सी, डी, ई, जिंक से भरपूर चीजें जरूर शामिल करें। इनमें एंटीऑक्सीडेंट्स विटामिंस और मिनरल्स होते हैं, जो कोरोना रोगियों को जल्दी रिकवर करने में मदद करते हैं।

बासी खाना बिल्कुल भी ना खाएं।

हाइड्रेटेड रहने के पानी और लिक्विड को भी अपनी डाइट में ज़रूर शामिल करें। ऐसे वक़्त में प्यास कम लगती है लेकिन फिर भी थोड़ा थोड़ा पानी लेते रहें। बेहतर स्वाद के लिए फल, पुदीना, नींबू के साथ पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अपनी शारीरिक क्षमता के मुताबिक प्रतिदिन शारीरिक एक्टिविटी करें, ब्रीदिंग एक्सरसाइज भी जरूर करें।

ब्रोहाइड्रेट्स, फैट्स से भरपूर सुंतलित आहार का सेवन करें। साथ ही प्रोटीन को भी जरूर शामिल करें।

ओरल न्यूट्रिशन सप्लिमेंट्स और एंटीऑक्सीडेंट्स भी कोरोना मरीजों को जरूर देना चाहिए।