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Category Archives: Health

know the secret of Sonal Chauhan

अभिनेत्री सोनल चौहान ने हाल ही में अपने इंस्टा अकाउंट पर अपने स्किन केयर रेजीम के बारे में बताया और कहा है कि उनके रेजीम का पहला कदम योग है और वह इसके साथ ही दिन की शुरुआत करती हैं। हाल ही में उन्होंने कुछ योग आसनों की प्रैक्टिस करते हुए इंस्टाग्राम पर अपनी पिक्स शेयर की है।

सोनल अपने फैशन और फिटने गेम को एक साथ ऑन प्वाइंट रखते हुए अभिनेत्री ने तुलासन योग ‘L’ हैंडस्टैंड पोज के दौरान पेस्टल पर्पल एथलीजर वियर में टोंड बॉडी को फ्लॉन्ट किया। वीकेंड के लिए इससे बेहतर वर्कआउट मोटिवेशन और क्या हो सकता है।

अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट करते हुए सोनल ने फैंस को अपने इंटेंस वर्कआउट सेशन की झलकियां दीं। एक्ट्रेस ने अलग-अलग आसन परफॉर्म करते हुए तीन फोटो शेयर की हैं।

सोनल ने पहली फोटो में सर्वांगासन (Shoulder Stand) का एक वेरिएशन करते हुए दिखाई दे रही हैं। अभिनेत्री ने फोटो को कैप्शन दिया कि मेरे स्किन केयर रेजीम का पहला स्टेप-

 

 

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जानें सर्वांगासन के बेनिफिट

  • कंधों को मजबूती देता है
  • गर्दन को मजबूती देता है
  • पीठ को मजबूत करता है
  • सर्वांगासन रीढ़ के बोन में मजबूती और लचीलापन बढ़ाता है।

एथलीटट्स, खासतौर पर दौड़ने वालों के लिए ये योगासन बहुत उपयोगी है।

दूसरी पोस्ट में सोनल तुलासन का अभ्यास करते हुए दिख रही हैं। यह मॉर्डन योग का एक पार्ट है जिसमें आपको हाथ पर शरीर का भार लेकर बैलेंस करना होता है। अभिनेत्री ने इसके फायदो के बारे में भी बात की।

सोलन ने कहा कि तुलासन एक एडवांस आसन है जो आपके कंसंट्रेशन को केंद्रित करता है और आपके अभ्यास में संतुलन लाता है। जब इसका अभ्यास जागरूकता और माइंडफुलनेस के साथ किया जाता है तो यह कनेक्शन, शक्ति और ज्ञान की गहरी भावना ला सकती है।

 

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तुलासन के फायदे

यह बाजुओं और कंधों की ताकत में सुधार करता है। पाचन तंत्र में सुधार करता है क्योंकि इसमें कोर और पेट की मांसपेशियों का ज्यादा उपयोग किया जाता है।

संतुलन और जागरुकता में सुधा करता है।

मांसपेशियों जैसे बाइसेप्स, ट्राइसेप्स और बाजुओं के लिए अच्छा व्यायाम है। आत्मविश्वास के साथ-साथ यह मुद्रा स्थिरता की भावना लाती है। मन तथा शरीर को शां करते हुए चिंता और तनाव को कम करने के लिए एक बेहतरीन मुद्रा।

 

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अपनी योग सीरीज की आखिरी फोटो में सोनल को ‘L’ हैंडस्टैंड परफॉर्म करते हुए देखा जा सकता है जो अनुभवी परफॉर्मर के लिए है। यह आसन ताकत, स्थिरता और सहनशक्ति को बढ़ाती है। अभिनेत्री ने इस आसन के फायदों के बारे में भी बताया-

‘L’ हैंडस्टैंड के फायदे

  • स्कीन में चमक लाने में मदद करता है
  • यह आसन निश्चित रूप से आपके बॉडी को संतुलित करने में मदद करता है
  • यह आपकी बाजुओं और कोर को मजबूत करता है
  • ‘L’ शेप्ड हैंडस्टैंड आपके कंधों की जकड़न को कम करता है और शरीर को ज्यादा लचीला बनाता है
  • तनाव और गर्दन के तनाव से छुटकारा दिलाता है
  • पेट को टोन करता है
  • दिल के स्वास्थ्य में सुधार करता है
  • रीढ़ की ताकत में सुधार करता है
  • ह्दय गति और ब्लड प्रेशर को कम करता है।

 

Rhea Chakraborty

विटामिन-D हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी है। हम सभी जानते है की धूप से हमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन-D मिल जाता है। कुछ खाद्य पदार्थों से भी इसकी पूर्ति की जा सकती है जैसे मछली, डेयरी उत्पाद, संतरे का रस, सोया और दूध में भी हो सकता है।

लेकिन कभी-कभी विटामिन-D की कमी हो जाती है। जिससे हमें बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं।
तो चलिए हम जानते है विटामिन-D की कमी से कौन-कौन सी समस्या होती है-
1. बालों का तेजी से झड़ना
2. स्ट्रेस बढ़ना
3. डिप्रेशन बढ़ना
4. बालों के विकास का रुकना
5. बार-बार बीमार पड़ना
6. निरंतर सर्दी खांसी रहना।
विटामिन-D की ये कमियां कई कारणों से हो सकती है, जिसमें से कुछ मुख्य है:
1. ज्यादा समय तक धूप के संपर्क में ना रहने के कारण
2. विटामिन से भरपूर आहार न लेने के कारण
3. अधिक प्रदूषित वातावरण के कारण
4. जरूरत से ज्यादा सनस्क्रीन का प्रयोग करने के कारण
5. ऐसी जगह रहना जहां धूप या सूरज की रोशनी कम हो।
आप कुछ तरीको को अपनाकर विटामिन-D की कमी से बच सकते है-
1. विटामिन-D से भरपूर आहार लें।
2. मेथी दाना को रात में भिगो कर सुबह खाना चाहिए।
3. गुनगुने दूध में हल्दी डालकर पिएं।
4. कोशिश करे की रोजाना 40 मिनट तक धूप के संपर्क में रहें।
5. विटामिन डी की कमी को दूर करने के लिए एक सक्रिय जीवन शैली अपनाएं।
6. रोज बादाम तेल का सेवन दूध के साथ करे।
अगर आपको विटामिन-D की कमी हो गई है तो घबराएं नहीं, आप ये समाधान भी कर सकते है-
1. विटामिन युक्त आहार को अपनी दिनचर्या में शामिल करे।
2. अपने आहार में फैटी फिश शामिल करे।
3. अगर आप शाकाहारी है तो डेयरी उत्पादो का पर्याप्त मात्रा में सेवन करे।
4. धूप के संपर्क में रहें।
If bones want strong and heart fit then eat makhana daily

मखाना एक तरह का ड्राई फ्रूट है जो खाने में काफी स्वादिष्ट होटा है। पोषक तत्वों से भरपूर मखाने में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल, Calcium, Magnesium और प्रोटीन के गुण पाए जाते हैं। साथ ही इनमें Sodium, Fats की मात्रा भी काफी कम होती। मखाने का इस्तेमाल करने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं दूर होती हैं। जो लोग ब्लड की कमी से जूझ रहे हैं, हेल्थ एक्सपर्ट उन्हें दूध में मखाना उबालकर खाने की सलाह देते हैं। यह ना सिर्फ पाचन तंत्र को दुरुस्त करते हैं बल्कि शरीर में ऊर्जा का भी संचलन करते हैं।

हड्डियां बनती हैं स्ट्रोंग

मखाने में कैल्शियम की काफी मात्रा में पाया जाता है। नियमित तौर पर मखाने का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं। आप अगर चाहें तो मखाने को घी में फ्राई कर भी सेवन कर सकते हैं।

दिल को रखे फिट

मखाना खाने में जितने स्वादिष्ट होते हैं, उतने ही इनमें पोषक तत्व मौजूद होते हैं। मखाने में एक्केलाइड नामक तत्व पाया जाता है जो दिल को दुरुस्त रखने में सहायक होता है। मखाने को डेली सेवन करने से दिल का दौरा का खतरा भी कम होता है।

नींद की समस्या

जो लोग नींद ना आने की समस्या का सामना कर रहे हैं उनके लिए भी मखाना जरूरी हो सकता है। रात में सोने से पहले मखाने वाले दूध के सेवन से अच्छी नींद आती है और अनिंद्रा की समस्या दूर हो जाती है।

एनर्जी का संचयन

मखाना का रोजाना इस्तेमाल से शरीर मजबूत बनता है, क्योंकि यह शरीर में एनर्जी को संचयित करता है। दूध में मौजूद प्रोटीन प्रोटीन बॉडी में ऊर्जा को संचयन करता है।

झुर्रियों से दिलाए छुटकारा

मखाने में मौजूद तत्व एजिंग के निशान यानी झुर्रियों से भी छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। रोजाना मखाने का सेवन करने से त्वचा में इलास्टिसिटी बढ़ जाती है।

डाइजेस्टिव सिस्टम दुरुस्त रखने में असरदार

जो लोग पेट की समस्या यानी कब्ज से परेशान रहते हैं, उनके लिए मखाना किसी रामबाण से कम नहीं है। मखाने में मौजूद फाइबर और आयरन तत्व गैस और अपच की समस्या से छुटकारा दिलाते हैं। आप दूध में उबालकर मखाने का सेवन कर सकते हैं।

WHO warning: Long working hours increase the risk of heart disease and heart attack

भारत में युवाओं में हार्ट अटैक के केस लगातार बढ़ रहे हैं। जिसके पीछे निष्क्रिय जीवनशैली ,शराब, जंक फूड का सेवन माना जा रहा है। धूम्रपान की वजह से हृदय की मांसपेशियां वक्त के साथ सख्त हो जाती है। इसके कारण यह खून को पंप करने में असमर्थ हो जाती है, जिससे बॉडी के अहम अंगों में OXYGEN और पोषक तत्वों की मात्रा सीमित हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक लंबे समय तक काम से ह्दय रोग और स्ट्रोक से होने वाली मौतें बढ़ रही हैं। जिसे देखते हुए हमें वक्त रहते सतर्क होने की जरूरत है।

विशेषज्ञों के मुताबिक कोविड- 19 महामारी की शुरुआत के बाद से दुनिया भर में ज्यादातर लोग घर से काम कर रहे हैं। यह उपाय वायरस के संक्रमण को नियंत्रित करने में सहयोग करने के लिए महत्वपूर्ण रहा है पर इसके कुछ बैड इफेक्ट भी हैं।

इस महामारी में यह एक अहम मुद्दा बन गया है क्योंकि घर से काम करने से लोगों को अपने कंप्यूटर स्क्रीन के सामने लंबे समय तक बैठे रहना पड़ता है। इससे ना सिर्फ काम के घंटे ज्यादा लंबे हो जाते हैं बल्कि काम पर तनाव तेजी से बढ़ रही है। काम के लिए अधिक वक्त अक्सर स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। काम के लिए विश्व स्तर पर एक दूसरे से जुड़े लोग निर्धारित समय के बाद भी घंटों काम में बिजी रहते हैं। यह सब बॉडी में नुकसानदेह एक्टिविटी को बढ़ावा देता है। मालूम हो कि कामों का ज्यादा प्रेशर कई तरह की अन्य बीमारियां भी साथ लाता है।

डॉक्टरों का मानना है कि गतिहीन जीवन शैली, हाई ब्लड प्रेशर, बढ़ता तनाव, हाई कॉलेस्ट्रोल, तंबाकू का सेवन, डाईबिटीज और प्रदुषण भारत में ज्यादा से ज्यादा लोगों को हृदय रोगों की चपेट में ले रहा है। तनाव परीक्षण, कोरोनरी कैल्सीफिकेशन या सीटी, एडवांस्ड लिपिड का टेस्ट सीआरपी आदि जांचों की मदद से हार्ट अटैक होने की पता लग सकता है। लोगों को अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए तीन नियम-

  • 30-40 मिनट दैनिक व्यायाम,
  • बैलेंस आहार
  • सकारात्मक मानसिकता का पालन

World Heart Day हर साल 29 सिंतबर को मनाया जाता है, जिसका मकसद हार्ट रोगों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा और ह्दय रोगों को नियंत्रित करना है। लेकिन हार्ट की बीमारी (CVD) विश्व स्तर पर मृत्यु का सबसे आम वजह बन चुकी है। साल 2016 में सीवीडी से अनुमानित 1.79 करोड़ लोगों की मृत्यु हुई जो विश्व स्तर पर हुई कुल मौतों का 31 फीसदी था और इनमें से 85 फीसदी मौतें हार्ट अटैक और स्ट्रोक की वजह से हुईं।

अखरोट की खूबी

ड्राईफ्रूट की फैमिली में अखरोट का जो रूतबा है वो शायद किसी का नहीं। क्या आप जानते हैं अखरोट के नियमित सेवन से लंबा और स्वस्थ जीवन होता है। यह जानकारी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में किए गए एक स्टडी में सामने आई है।

यह अध्ययन बताता है कि रोजाना अखरोट के सेवन से मौत का जोखिम कम होता है और जीवन में बढ़ोतरी हो सकती है उनके मुकाबले जो नट्स नहीं खाते हैं। जर्नल न्यूट्रिएंट्स में प्रकाशित शोध में पाया गया है कि प्रति सप्ताह अखरोट की 05 या अधिक सर्विंग्स खाने से मृत्यु दर को कम किया जा सकता है और लंबी उम्र के लिए भी यह कारगर है।

अमेरिका के शोध वैज्ञानिक यानपिंग ली ने कहा कि इस अध्ययन से हमने जो सीखा है वह यह है कि प्रति सप्ताह मुट्ठी भर अखरोट भी लंबी उम्र में इजाफा करने में सहायक हो सकते हैं। खासकर उनलोगों में जिनके आहार की गुणवत्ता अच्छी नहीं है।

अखरोट की खूबी

शोध के मुताबिक पाया गया कि सप्ताह में अखरोट की 05 या अधिक सर्विंग्स खाने से मृत्यु की आशंका 14 फीसदी तक कम हो जाती है। कार्डियोवैस्कुलर डिजीज से मृत्यु की आशंका 25 फीसदी कम और लगभग 1.3 वर्षों तक जीवन में बढ़ोतरी की गुंजाइस हो जाती है।

यह शोध बताता है कि हफ्ते में अगर अखरोट 02 से 04 बार भी खा लिए जाएं तो उसके भी काफी फायदे हैं। ऐसा करने से मौत के खतरे को 13 फीसदी तक कम किया जा सकता है। साथ ही हार्ट की बीमारी से मौत का खतरा 14 प्रतिशत तक कम हो जाता है।

शोधकर्ताओं की इस रिसर्च में 67,014 महिलाओं और 26,326 पुरुष शामिल थे। महिलाओं की औसत उम्र 63.6 वर्ष और पुरुषों की औसत उम्र 63.3 वर्ष थी। स्टडी में शामिल होने पर प्रतिभागी स्वस्थ थे और लगभग 20 वर्षों तक उनके स्वास्थ्य को मॉनिटर किया गया। इस दौरान हर चार साल में उनके आहार और डाइट का ब्यौरा भी लिया गया जिसमें प्रतिभागियों ने अपनी पूरी डाइट संबंधी रिपोर्ट दी और यह भी जानकारी दी कि जिसमें उन्होंने अखरोट या बाकी नट्स का कितना सेवन किया। साथ में एक्सरसाइज और लाइफस्टाइल संबंधी बातों की भी उनसे मालूमात ली गई।

शोधकर्ताओं ने पाया कि एक ऑब्जर्वेशनल अध्ययन के रूप में ये परिणाम कारण और प्रभाव को साबित नहीं करते हैं पर यह स्टडी इस बात पर फोकस डालती है कि अखरोट का सेवन एक हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ ही लंबी उम्र के लिए भी फायदेमंद है। जिन प्रतिभागियों ने अधिक मात्रा में अखरोट का सेवन किया वे शारीरिक रूप से ज्यादा एक्टिव थे, हेल्दी डाइट लेते थे, शराब का सेवन कम करते थे और मल्टीविटामिन भी लेते थे।

बादाम से चेहरे में ग्लो

आप और हम अक्सर अपनी दादी-नानी से सुनते आए है कि बादाम खाने से याददाश्त बढ़ती है, दिमाग़ तेज होता है। लेकिन क्या आप जानते है कि इसके और भी बहुत से फायदे है, जो कम ही लोग जानते है।

तो चलिए फिर हम आज जानते है बादाम के बारे में और उसके फायदों के बारे में:

सबसे पहले हम बादाम के बारे में जान लेते है:

बादाम साइंस के मुताबिक रोजशी फेमिली से संबंधित है, इसके अंतर्गत आडू, सेब, नाशपाती, चेरी और खुबानी आते है।

भारत में जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश इसके सबसे बड़े उत्पादन कर्ता है। बादाम के फल के अंदर जो बीज होता है आप तौर पर उसे ही खाया जाता है। बीज का रंग सफेद होता है था उसपर  भूरे रंग का छिलका होता है। बादाम से सेहत को अनेक फायदे मिलते है क्योंकि इसमें प्रोटीन, मिनरल, विटामिन, और फाइबर होते हैं। यूं तो लोग बादाम को कच्चा खाना ही पसंद करते है  लेकिन अब इसका इस्तेमाल व्यंजनों की गार्निशिंग के लिए भी किया जाता है। बादाम से मक्खन, दूध तथा तेल तैयार किया जाता है।

बादाम के फायदे

तो चलिए अब हम जानते है इसके उपयोग से होने वाले फायदे:

  1. कोलेस्ट्रोल को कम करता है: बादाम का नियमित सेवन करने से आप अपने बढ़े हुए कोलेस्ट्रोल को कम कर सकते है।
  2. कैंसर को रोकने में सहायक है: अगर आप नियमित तौर पर बादाम का सेवन करते है यानी कि हर दिन आप 8 से 10 बादाम खाते है, तो आप यकीनन कैंसर जैसे गंभीर रोग से अपने आप को कोसों दूर रख सकते है।
  3. डायबिटीज के रोगियों के लिए बढ़िया विकल्प: जी हां, बादाम मधुमेह के रोगियों को भी विशेष लाभ पहुंचाता है। इसको खाने से वो लोग अपने बढ़े हुए शर्करा को नियंत्रित कर सकते है। बादाम का एक प्रकार और है जो स्वाद में थोड़े कड़वे होते है, ये इन रोगियों के लिए सबसे बढ़िया विकल्प है।
  4. दिमाग़ तेज़ करता है: हम पहले भी बता चुके है कि यह प्रोटीन, विटामिन-E और फाइबर का स्रोत है। इसके कारण यह हमारे दिमाग़ की कार्य क्षमता को बढ़ाता है।
  5. वजन घटाने में सहायक: बादाम के नियमित इस्तेमाल से आप अपने शरीर की बढ़ी हुई चर्बी बड़ी आसानी से घटा सकती है। इसके लिए आपको रात को 8 से 10 बादाम पानी में भिगो देने है तथा सुबह उठकर उनका छिलका उतार कर खा ले। या आप उन्हें थोड़ा रोस्ट भी कर सकते हैं।
  1. बच्चो में पाए जाने वाले जन्म दोष पर भी असरदार : गर्भवती महिलाओं को नियमित तौर पर बादाम का उपयोग करना चाहिए। कई बार चिकित्सक बताते है कि गर्भ में पल रहे बच्चे में कोई दोष है। इससे बचने के लिए आप पर्याप्त मात्रा में बादाम का सेवन करे।
  2. कब्ज से राहत: बादाम खाने से आपको कब्ज जैसे परेशान करने वाली समस्या से भी छुटकारा मिल सकता है। इसके लिए आपको बादाम का सेवन नियमित करना होगा।
  3. तेल की मालिश से हड्डियों में मजबूती: जी हां, बादाम के तेल को न सिर्फ शरीर में एनर्जी लाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है बल्कि इसके तेल से मालिश करने से हड्डियां मजबूत होती है।
  4. त्वचा को मिलता है पोषण: आप अगर त्वचा के रूखेपन से परेशान है तो इसके लिए भी आप बादाम का तेल इस्तेमाल कर सकती है। यह त्वचा को पोषण देकर उसे मुलायम बनाता है।
  5. बाल झड़ने से रोकने में है मददगार: बादाम के तेल को बालों के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है, ख़ासकर जब आपके बाल अधिक झड़ रहे हों। यह बालों का झड़ना बंद करके उन्हें घने और चमकदार बना देता है।
  6. डार्क सर्कल और ब्लैक हेड्स से दिलाए छुटकारा: जी हां, बादाम तेल से मसाज करने से आप डार्क सर्कल तथा ब्लैक हेड्स जैसे जिद्दी परेशानियां से छुटकारा पा सकती है।

इसके लिए आप रात में सोते समय हल्के हाथों से अपने आखों के नीचे और फिर नाक के आस पास हल्के हाथों से मसाज कीजिए और आप कुछ ही समय में फर्क महसूस करेंगी।

तो दोस्तों अब तो आप जान गए है कि बादाम कितने काम की चीज़ है। इसकी तरह की उपयोगी जानकारी के लिए हमसे जुड़े रहिए और अपने सुझाव हमें देते रहिएगा।

फोटो सौजन्य- गूगल

अभिनेत्री दिशा पटानी

जून की तपती गर्मी,  उस चिलचिलाती धूप  और वो गर्म हवा के थपेड़ों के बाद जब वो पहली बारिश होती है तो सारे प्राणी जगत, जानवर तथा पेड़ पौधों को मानो नया जीवन मिल जाता है। मानसून आते ही सूखे हुए पौधों को जैसे एक नई आस मिल जाती है। हर जीव भी झूम उठते है। पृथ्वी का कोना कोना हरियाली से भर जाता है।

जी हां, मानसून अपनी दस्तक दे चुका है। जब कभी बदल जोर से गरजते है, बिजली ज़ोरों से चमकती है और फिर तेज हवाओं के साथ बारिश की वो ठंडी बूंदें प्यासी जमीन की प्यास बुझती है। जैसे ही वो जमीन पर पड़ती है तो मिट्टी की वो सौंधी खुशबू मन मोह लेती है। फिर उसके आगे चंदन की खुशबू भी मानो टिक नहीं पाती।

अभिनेत्री दिशा पटानी

लेकिन इस मानसून के मौसम में भी लोगों को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कुछ लोगो के लिए तो मानो बारिश का मौसम आफत का मौसम बन जाता है। इस मौसम में कई तरह के इंफेक्शन हमें अपनी चपेट में ले सकते है। वायरल फीवर तो इस सीजन की सबसे मुख्य बीमारियों में से एक है। हमारी त्वचा के लिए भी ये बारिश का मौसम बहुत सारे परेशानियां पैदा करता है।

लेकिन आप घबराए नहीं, आज मैं आपको बताऊंगी कि कैसे आप अपनी त्वचा का ख्याल रखते हुए इस मौसम का मजा ले सकती है-

 

  1. इस मौसम में हवा में नमी होती है जो हमारी त्वचा को ऑयली बना देती है। इसके लिए हमें दिन में तीन बार किसी अच्छे फेसवॉश से अपने चेहरे को धोना चाहिए। इससे आपके रोम छिद्र बंद नहीं होंगे।
  2. आपको इस मौसम में अपनी त्वचा के ‘pH लेवल’ पर ध्यान देना चाहिए तथा इसको सामान्य बनाए रखने के लिए रात को टोनर लगाकर ही सोए।
  3. इस मौसम में त्वचा ऑयली हो जाती जिस वजह से मुंहासों और दानों को समस्या बढ़ जाती है। इसके लिए आप खूब सारा पानी पिए ।
  4. वैसे तो हमें हमेशा ही मेकअप रिमूव करके सोना चाहिए लेकिन इस मौसम में ये बहुत ही ज्यादा ज़रूरी हो जाता है कि आप रात को अपना मेकअप अच्छे से रिमूव करके सोएं।
  5. मानसून में हमें नियमित रूप से स्क्रब करना चाहिए जिससे डेड स्किन हमारे चेहरे से हटे और हमारी त्वचा सांस ले पाए। इसके लिए आप हफ्ते में दो बार स्क्रब जरूर करें।
  6. चेहरे के साथ साथ हमें अपने हाथ-पैर की त्वचा का भी ख्याल रखना चाहिए। इसके लिए एक टब में आप गुनगुना पानी ले और उसमे एक नींबू निचोड़ दे अब आप उसमे अपने हाथ-पैरों को कुछ देर रखे और फिर प्यूमिक स्टोन से हल्के हाथों से रगड़े। इसके बाद तौलिए से सुखा कर मॉइश्चरजर लगाए।
  7. इन मौसम में भी आप 8 से 10 ग्लास पानी ज़रूर पिएं।
  8. इस मौसम में धूप कम ही निकलती है लेकिन फिर भी आप सनस्क्रीन का प्रयोग नियमित करें।
  9. कुछ लोग इस मौसम में भी मॉइश्चरजर लगाना बंद कर देते है कि त्वचा चिपचिपी न हो जाए लेकिन ऐसा नहीं है, हमें इस मौसम में भी मॉश्चराइजर जरूर लगाना चाहिए।
  10. अपने शरीर की साफ सफाई के साथ साथ आप अपने घर के आसपास की सफाई का भी ध्यान रखें। कूड़ा जमा न होने दें, पानी जमा न होने दें । नालियों में भी कीटनाशक का छिड़काव करें।
  11. इस मौसम में बारिश कभी भी आ जाती है। इसलिए अगर कभी बाहर होते हुए आप भीग जाएं को जल्द से जल्द अपने आप को सुखाने की कोशिश करें। ज्यादा समय तक गीले ना रहें।
  12. इस मौसम में बाहर के खाने से दूरी बनाने की कोशिश कीजिए।
  13. इस मौसम में ताला हुआ खाना भी ज्यादा नहीं खाना चाहिए। कोशिश करें कि हल्का और सुपाच्य भोजन ही करें।
  14. इस मौसम में कोशिश करे की विटामिन-C और विटामिन-E भरपूर मात्रा मे लें। अपने भोजन में इन्हें जरूर शामिल करें।
  15. इस मौसम में आप अगर कोई फंक्शन अटेंड करती है तो भी कोशिश करें कि लाइट मेकअप करें। ज्यादा हैवी मेकअप आपकी त्वचा संबंधी परेशानी बढ़ा सकता है।

तो दोस्तों आज के लिए बस इतना ही, इसी तरह हमारे साथ जुड़े रहें तथा अपने सुझाव हमें masakalii.lifestyle@mail.com पर भेजें।

फोटो सौजन्य- गूगल

अभिनेत्री दीपिका पादुकोण

चुरा के मुट्ठी में दिल को छुपाए बैठे है,

बहाना ये है कि मेंहदी लगाए बैठे है।।

जी हां, दोस्तों मेंहदी का नाम सुनते ही वो भीनी सी महक हमारे मन को महका जाती है। मेंहदी का उपयोग हम हर त्यौहार, शादी में भरपूर करते है।

वो गोरे गोरे से मेंहदी वाले हाथ किसको पसंद नहीं होते ?

मेंहदी न सिर्फ हाथों की खूबसूरती बढ़ाने के लिए काम आती है बल्कि यह और भी कई स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का समाधान है।

मेंहदी एक कांटेदार झाड़ी है जो 6 मीटर तक ऊंची होती है। इसके फूल छोटे और लाल रंग के हो सकते है। मेंहदी की भारत में लगभग 600 स्पेसीज पाई जाती है। मेंहदी का प्रयोग औषधि के तौर पर किया जाता है। इससे कई प्रकार के त्वचा रोग , हड्डी रोग में आराम मिलता है।

इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है की इसके इस्तेमाल का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता।

तो चलिए जानते है आपकी सेहत और सौंदर्य को निखारने में कितनी कारगर है ये मेंहदी-

मेंहदी

  1. मेंहदी का इस्तेमाल खून साफ करने के लिए किया जाता है। इसके लिए रात भर इसके पत्तों को भिगो कर रखा जाता है और सुबह उस पानी को छान कर पिया जाता है।
  2. अगर किसी के घुटनों में दर्द हो या जोड़ो का दर्द हो तो मेंहदी के पत्तों को पिस कर उसका लेप लगाने से बहुत लाभ होता है। अरंडी के पत्तों को और मेंहदी के पत्तों को बराबर मात्रा में ले और पिस कर लेप बना लें तथा प्रभावित जगह पर लगाने से तुरंत ही आराम मिलता है।
  3. मेंहदी सिर दर्द और माइग्रेन जैसी समस्याओं का भी समाधान करती है। इसके पत्तों का लेप बना कर सिर में लगाना चाहिए जिससे सिर दर्द और माइग्रेन की समस्या से छुटकारा पा सकते है।
  4. अगर कभी शरीर का कोई भी अंग जल जाए तो उसी समय उस पर मेंहदी का लेप लगाना चाहिए। यह जलन को कम कर देगी तथा उस घाव को जल्दी ठीक करने में मदद भी करेगी।
  5. मेंहदी बालों के लिए कंडीशनर का काम करती है। यह एक प्राकृतिक कंडीशनर है। महीने में दो बार इसका इस्तेमाल बालों के लिए करना चाहिए इससे बाल चमकदार, घने और लंबे होंगे।
  6. कई बार शरीर में गर्मी बढ़ जाने के कारण समस्या होने लगती है ऐसे में सलाह दी जाती है कि मेंहदी पाउडर का लेप हाथों और पैरों पर लगाना चाहिए इससे ठंडक मिलती है।
  7. बालों में इसका नियमित इस्तेमाल करने से डैंड्रफ की समस्या बहुत हद तक खत्म हो जाती है।
  8. मेंहदी से हम पथरी जैसी भयानक बीमारी से राहत पा सकते है। इसके लिए आधा लीटर पानी में 500 ग्राम मेंहदी के पत्ते भिगो दे तथा इसको सुबह उबाल लें तथा ठंडा करके इसे दिन में तीन बार पिए। इससे पथरी की समस्या से जल्द राहत मिलेगी।
  9. मेंहदी पेट की आंतों और अल्सर जैसी बीमारी को भी दूर करती है।
  10. अगर आपके बाल बहुत झड़ रहे हो तो आप मेंहदी के पत्तों को पिस कर अपने स्कैल्प में लगाए। दो बार के प्रयोग से ही आप को राहत महसूस होगी।
  11. बालों का रूखापन भी आप मेंहदी से चुटकियों में दूर कर सकते है। मेंहदी पाउडर और दही का पेस्ट बनाएं तथा उसमें कुछ दाने मेथी मिलाए कुछ देर रख दे तथा फिर बालों की जड़ों में इसे लगाए।
  12. मेंहदी के पत्तों से निकलने वाले तेल से आप नींद विकारों को भी दूर कर सकते है। इसके तेल से सिर में हल्के हाथों से मसाज करे तथा से जाए आप पाएंगे कि आप अच्छी नींद का मजा ले पा रहे है।                                                                   फोटो सौजन्य- गूगल

योग भगाए रोग, यह कहावत सदियों पुरानी है। हमारे ऋषि-मुनि नियमित योग करते थे और स्वस्थ रहते हुए लंबा जीवन जीते थे। योग हमारे मन-मस्तिष्क के साथ-साथ शरीर को भी फिट रखता है। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखने के लिए योग अत्यंत आवश्यक है। योग के महत्व को देश ने ही नहीं बल्कि सारी दुनिया ने भी माना है। इसलिए सारी दुनिया 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाती है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष प्रयास से हुई। इस बार हम 7वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाएंगे। कोरोना महामारी के की वजह से पिछले साल की तरह इस बार भी देश में योग दिवस का आयोजन वर्चुअल माध्यम के जरिये करने की तैयारी है।

International Yoga Day

योग से न केवल शरीर के अंगों बल्कि मन, मस्तिष्क एवं आत्मा में भी संतुलन बनाया जा सकता है। यही कारण है कि योग से शारीरिक समस्याओं के अलावा मानसिक समस्याओं से भी निजात पाया जा सकता है। योग की इसी खूबी को जानते हुए दुनिया ने इसे अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बना लिया है। कोरोना संकट से जूझ रही इस दुनिया ने रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने की दिशा में योग के महत्व को भी भली-भांति समझ लिया है।

कैसे हुई शुरुआत

पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया, जिसकी पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में की थी। पीएम मोदी के इस प्रस्ताव को 11 दिसम्बर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पूर्ण बहुमत से पारित किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 193 सदस्यों में से 177 ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से मंजूरी दी।

पीएम मोदी ने 27 सितम्बर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में कहा था, “योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है। यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है। यह मनुष्य और प्रकृति के बीच एक सामंजस्य है। योग हमें विचार, संयम, पूर्णता के साथ ही स्वास्थ्य को लेकर एक समग्र दृष्टिकोण भी प्रदान करता है। योग केवल एक शारीरिक व्यायाम ही नहीं है बल्कि यह अपने भीतर छिपी एकता की भावना, दुनिया और प्रकृति की खोज में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। हमारी बदलती जीवन-शैली में यह चेतना बनकर, हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकता है, तो आएं अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को अपनाने की दिशा में काम करते हैं।”

21 जून का ही दिन क्यों

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को 21 जून के दिन मनाने के पीछे बहुत बड़ा कारण है। भारतीय संस्कृति के अनुसार ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है। 21 जून साल का सबसे बड़ा दिन माना जाता है। इस दिन सूर्य जल्दी उदय होता है और देर से ढलता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है। कहा जाता है कि सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी होता है। इसी वजह से 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में मनाते हैं।

पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून, 2015 को पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया गया। इस दिन करोड़ों लोगों ने योग किया, जो कि एक रिकॉर्ड था। पीएम मोदी के नेतृत्व में करीब 35 हजार से अधिक लोगों और 84 देशों के प्रतिनिधियों ने दिल्ली के राजपथ पर योग के 21 आसन किए थे। न्यूयार्क के टाइम्स स्क्वॉयर पर करीब 30 हजार लोगों ने एक साथ योग किया था। इस खास आयोजन ने दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए थे। पहला रिकॉर्ड 35,985 लोगों के साथ योग करना और दूसरा रिकॉर्ड 84 देशों के लोगों द्वारा इस समारोह में हिस्सा लेना। पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम थी- सद्भाव और शांति के लिए योग।

दूसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

भारत में दूसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2016 का मुख्य आयोजन चंडीगढ़ में हुआ, जिसमें करीब 35 हजार लोग शामिल हुए। इस आयोजन का नेतृत्व भी प्रधानमंत्री मोदी ने ही किया था। इस योग दिवस में 170 देशों ने हिस्सा लिया। दूसरे योग दिवस की थीम थी- युवाओं को जोड़ें।

तीसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

तीसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2017 का मुख्य आयोजन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में किया गया, जहां प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 55 हजार लोगों ने हिस्सा लिया, वहीं न्यूयार्क के सेंट्रल पार्क में भी हजारों लोगों ने एक साथ योग किया। तीसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम थी- स्वास्थ्य के लिए योग।

चौथा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

International Yoga Day

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2018 का मुख्य कार्यक्रम उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान में आयोजित किया गया। इसमें प्रधानमंत्री मोदी के साथ करीब 50 हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। इस आयोजन की खास बात यह थी कि इसमें सऊदी अरब भी शामिल हुआ। चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम शांति के लिए योग थी।

5वा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

देश में पांचवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2019 का मुख्य कार्यक्रम झारखंड की राजधानी रांची में आयोजित किया गया था, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल हुए थे। इस वर्ष की थीम थी- योगा फॉर क्लाइमेट एक्शन।

छठा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

कोरोना वैश्विक महामारी के मद्देनजर 21 जून, 2020 को छठा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस वर्चुअल माध्यम से मनाया गया। इसकी थीम थी- योगा फॉर हेल्थ – योगा एट होम।

7वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस-2021 की केंद्रीय थीम ‘योग के साथ रहें, घर पर रहें’ है। इस बार भी इसे आभासी मंच पर ही मनाने की तैयारी है।

फोटो सौजन्य गूगल

हम जानते है की पूरे देश में कोरोना काल चल रहा है, अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड नहीं है, श्मशानो में लाशों की लंबी लाइन है, लोग अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार भी नहीं कर पा रहे है। जिस हवा में इंसान खुल कर सांस लेने की सोचता था.