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Category Archives: Health

Summer Foods

गर्मी (Summer Season) का तापमान लगातार बढ़ रहा है और बदलते मौसम में इंसान का शरीर भी कुछ अलग ही मांग कर रहा है। गर्मियों में शरीर को स्वस्थ्य और गर्मी के असर से बचाने के लिए खान-पान में ध्यान सबसे ज्यादा जरूरी हो जाता है। अगर बढ़ती धूप में आप ने अपने खान-पान पर ध्यान नहीं दिया तो आप बीमारियों के शिकार तो होते ही हैं साथ–साथ कई तरह की दिक्कतों से भी दो-चार होना पड़ता है।
हम यहां 05 ऐसे फूड के बारे में बता रहे हैं जो आपको गर्मी के कारण होने वाली बीमारी या परेशानियों से दूर रखता है-

खीरा हर सीजन में है हीरा-

खीरा हर सीजन में सेहत के लिए अच्छा माना जाता है. इसमें पानी की अधिक मात्रा होती है, इसलिए गर्मियों में ये हमारी सेहत के लिए सूपरफूड साबित होते हैं. खीरे में विटामिन और मिनरल्स की प्रचूर मात्रा होती है. चिड़चिड़े धूप में अगर आप खीरा खाते हैं, तो आपके शरीर को ठंडक मिलती है. आप रोजाना खीरे को सलाद के रूप में और जूस के रूप में अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं।

गर्मियों में सुकून भरा फल तरबूज

गर्मियों में तरबूज आपको मार्केट में आसानी से मिल जाता है. तरबूज में विटामिम-ए और विटामिन-सी की भरपूर मात्रा होती है. गर्मियों में तरबूज खाने से शरीर में पानी की समस्या दूर होती है. यदि आप सुबह खाली पेट तरबूज खाते हैं, तो ये आपकी सेहत के लिए काफी अच्छा साबित हो सकता है।

गर्मियों में नींबू और नारियल पानी का सेवन है जरूरी

समर सीजन में जूस और फल का सेवन करना चाहिए. गर्मियों में नींबू, संतरा और अंगूर जैसे फलों के सेवन से काफी फायदा मिलता है. संतरा और अंगूर में लगभग सभी तरह के जरूरी न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं. अगर आप सुबह शाम रोजाना संतरा और अंगूर का सेवन करते हैं, तो तपती धूप में भी आपको सेहत से जुड़ी समस्याएं नहीं होंगी।

पुदीने का इस्तेमाल समर सीजन में सबसे बेहतर

गर्मियों में पुदीना काफी सेहतमंद होता है. अगर आप गर्मियों में चटनी, रायता, लेमन ड्रिंक और सब्जियों में पुदीने का इस्तेमाल करेंगे, तो ये आपकी सेहत के लिए काफी लाभकारी हो सकता है. पुदीना आपके खाने के फ्लेवर के साथ-साथ सेहतमंद भी होता है।

लू का दुश्मन है प्याज

तेज धूप में लू से बचने के लिए प्याज की अहम भूमिका होती है. गर्म हवाओं के आंच से अगर आपको दूर रहना है, तो आप प्याज के सलाद, रायते, चटनी इत्यादि प्याज से बनी चीजों का सेवन जरूर करें।

People who are fond of gardening are stress free and fresh

अक्सर हम देखते हैं कि कई लोगों को बागवानी का काफी शौक होता है। ऐसा देखा गया है कि गार्डनिंग का शौक रखने वाले लोग बहुत खुशनुमा होते हैं। घरों में छोटी-छोटी सब्जियों की बागवानी का शौक रखना जरूरी है, इसके कई लाभ होते हैं। अगर आपके घर के सामने थोड़ी सी ज़मीन है तो उसे यूं ही खाली ना छोड़े और उसका उपयोग जरूर करें। आज हम आपको किचेन गार्डन के फायदे की अहम जानकारियां देंगे-

1. फ्रेश हर्ब का मिलना

तुलसी के पत्‍ते हों या मीठे नीम की पत्तियों, घर में किचन गार्डन होने पर आपको ये आसानी से मिल जाते हैं। आपको इन छोटी-छोटी हर्ब के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता है।

2. पेस्टिसाइड रहित वेजिटेबल्स का मिलना

किचन गार्डन होने पर आपको पता रहता है कि आप क्‍या खा रहे हैं। आजकल बाजार में पेस्टिसाइड मिली हुई साग-सब्जियां मिलती है पर घर पर उगी हुई सब्‍जी लाजवाब होती है।

3. सस्ती और बेहतरीन सब्जियों का मिलना

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किचन गार्डन में उगी सब्जियों को बनाने से आपका बजट मेंटेंन रहता है. ये सब्जियां अच्‍छी और सस्‍ती होते हैं। आप मन मुताबिक समय पर उन्‍हे तोड़कर बना सकते हैं।

4. स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक होना

घर पर तुलसी, धनिया और पुदिना जैसी चीजें उगाएं। इन्‍हे खाएं, जिससे आपको कई रोगों में आराम मिलेगा। बुखार, अस्‍थमा, फेंफड़ों के रोगों आदि में ये फायदा करती हैं। ये सब आपको हेल्‍दी बनाती हैं।

5. तनाव से मुक्ति

बागवानी करने से आपका तनाव कम होता है। आपका मन उसी में लगा रहता है जिससे आप इधर-उधर की बातें सोच नहीं पाते हैं।

6. कीड़े-मकोड़े कम होना

घर में किचन गार्डन होने से कीट आदि कम पैदा होते हैं क्‍योंकि खाली जगह का सदुपयोग हो जाता है। साथ ही कुछ खास तरह के पौधे, कीटों को भगाने में सक्षम होते हैं, जैसे- गेंदे के पौधे को हर तीन हर्ब के बाद लगाने से हर्ब अच्‍छी बनी रहती हैं।

Taking these 6 things on an empty stomach is beneficial for increasing the intestine, metabolism and energy level

फीट रहने के लिए हेल्दी ब्रेकफास्ट के साथ दिन की शुरुआत करना बहुत जरूरी होता है। सुबह के समय हमारी बॉडी को अच्छे न्यूट्रिशन की काफी आश्यकता होती है जो ना सिर्फ हमारे ऊर्जा के स्तर को बूस्ट करने में मदद करती है बल्कि शरीर से टॉक्सिन्स भी बाहर निकालता है। ब्रेकफास्ट में गलत कॉम्बिनेशन की चीजें खाने से हमारे डाईजेस्टिव सिस्टम पर बुरा प्रभाव पड़ता है, इसलिए सुबह खाली पेट हेल्दी चीजें खानी चाहिए जो हमारी आंत, मेटाबॉलिज्म और एनर्जी लेवल बढ़ाने के लिए फायदेमंद होती है।

सुबह के वक्त सेहत भरा ड्रिंक-

सुबह के वक्त हल्का गर्म पानी, नारियल पानी, जीरे का पानी या अन्य डाइजेस्टिव चाय सबसे अच्छे बेवरेज माने जाते हैं। ये कैफीन के मॉर्निंग डोज की जगह एक अच्छा रिप्लेसमेंट हो सकती हैं। अलावा इसके, आप शहद का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। शहद में कई तरह के मिनरल्स, विटामिन्स और पेट की सेहत को फायदा पहुंचाने वाले एन्जाइम्स होते हैं। पानी के साथ शहद का सेवन करने से आपका मेटाबॉलिज्म बूस्ट होगा और शरीर से अपशिष्ट पदार्थ भी बाहर आएंगे। बहुत से लोग वजन कम करने के लिए भी इस फॉर्मूले को अपनाते हैं।

इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस के लिए तरबूज-

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सुबह ब्रेकफास्ट में खाली पेट तरबूज खाने से शरीर का इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस प्रमोट होता है और शरीर भी हाइड्रेट रहता है। तरबूज का लगभग 90 फीसदी हिस्सा पानी से भरा होता है, इसलिए गर्मियों में इसका सेवन शरीर में पानी की कमी भी पूरा करता है। साथ ही नेचुरल शुगर और कम कैलोरी की वजह से भी इसे एक सेहतमंद फल कहा जाता है। इसमें मौजूद विटामिन-C, विटामिन-B6 और अन्य न्यूट्रिएंट्स इन्यूनिटी बढ़ाने के साथ-साथ आपके मूड को बूस्ट करते हैं।

फाइल फोटो- गूगल

can have a negative effect on your health

अपनी पूरी जिंदगी में बहुत सी गलतियां करते हैं। कुछ हमारे स्वास्थ्य (Health) से जुड़ी होती हैं, कुछ हमारी दिनचर्या से जुड़ी होती है और कुछ हमारे रिश्तों से जुड़ी होती हैं। कुछ गलतियों का कोई रिवर्स गियर नहीं है यानी कि समय बीत जाने पर या समय रहते भी हम उन्हें सुधार नहीं सकते लेकिन कुछ गलतियां ऐसी होती हैं जिन्हें सही समय रहते सुधारा जा सकता है और इसमें से सबसे महत्वपूर्ण उन गलतियों को सुधारना है जो हमारे स्वास्थ्य से जुड़ी हैं।

इस भागमभाग भरी जिंदगी में हमारे पास खुद के लिए भी समय नहीं है। सबसे आगे रहने की इस होड़ ने हमारे स्वास्थ्य को कहीं पीछे छोड़ दिया है और फिर एक के बाद एक बीमारी जब हमें परेशान करने लगती हैं तो हमें समझ आता है कि उस समय अगर अपने लिए थोड़ा समय निकाला होता तो आज हमें डॉक्टरों के पास जाकर अपना कीमती समय गवाना ना पड़ता।

कुछ गलतियों को हमें समय रहते सुधार लेना चाहिए वरना इसका खामियाजा न सिर्फ हमें बल्कि हमारे अपनों को भी भुगतना पड़ता है।

तो चलिए जानते हैं स्वास्थ्य से जुड़ी ऐसी कौन सी गलतियां हैं जो आपको बिना समय गवाएं सुधार लेनी जरूरी है-

1. पानी पीना भूल जाना: जी हां, दोस्तों कामकाजी होने के कारण तथा काम को जल्द से जल्द निपटाने की चाह में हम अक्सर खाना समय पर खाना और पानी पीना भूल जाते हैं, लेकिन चिकित्सकों की मानें तो हमें रोजाना 08 से 10 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए। पानी की कमी के कारण आपको बहुत सी बीमारियां घेर सकती हैं। पानी ना पीने से आपको डिहाईड्रेशन हो सकता है, आपकी त्वचा ड्राई होने लगती है और आपको झुर्रियां होने लगती हैं।

2. नींद पूरी ना लेना:

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दोस्तों, कई लोग काम की वजह से अपनी नींद पूरी नहीं कर पाते लेकिन एक रिसर्च में पाया गया है कि नींद पूरी ना होने से आपको स्ट्रेस, हार्ट से जुड़ी दिक्कत और बलड प्रेसर की समस्या हो सकती है। इसलिए रोजाना 07 से 08 घंटे की नींद पूरी लेनी चाहिए।

3. सुबह के नाश्ते को नजरअंदाज करना: सुबह दफ्तर जल्दी पहुंचने की भाग दौड़ में हम अक्सर नाश्ते को नजरअंदाज कर देते हैं। जो हमारे स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। सुबह का नाश्ता ना करने से दिनभर थकान, कमजोरी महसूस होती है और शरीर पर बुरा असर भी डालती है।

4. लगातार एक ही पोजीशन में बैठे रहना: कई बार हम एक ही पोजीशन में बैठकर अपने प्रोजेक्ट या किसी जरूरी फाइल पर काम कर रहे होते हैं । हमें इसकी सुधि नहीं रहती कि हमने घंटों एक ही जगह बैठ कर बिता दिया है। ऐसे में खाना ठीक तरह से पच नहीं पाता। जिससे मोटापा बढ़ने लगता है। इसीलिए हमें अपने काम के बीच बीच में 10 से 15 मिनट का ब्रेक लेकर टहलना चाहिए।

5. मल्टीटास्किंग: जी हां, मल्टीटास्किंग का अर्थ है कि एक ही समय पर बहुत सारे कार्य को करना। हमसे से कई लोग मल्टीटास्किंग में माहिर होते हैं। खास तौर पर महिलाएं ऐसा करती हैं लेकिन पुरुष हो या महिला यह सभी के लिए घातक है मल्टीटास्किंग में एनर्जी तो लगती है, साथ ही इस स्ट्रेस भी बढ़ता है। जिसकी वजह से ब्रेन से संबंधित बीमारी या फिर दिल से संबंधित दिक्कतें महसूस हो सकती है।

फाइल फोटो- गूगल

Let us know why the skin becomes lifeless in summer and why does one feel tired

मौसम ने करवट ले ली है.. अब अक्सर बाहर जाते समय या कुछ काम करते समय पसीने की बूंदों ने आपके चेहरे व शरीर पर अपना अधिकार जमाना शुरू कर दिया होगा । जी हां, मेरे कहने का मतलब है गर्मियों के दिनों को वापस आने में अब देर नहीं है और गर्मियों के दिन अपने साथ-साथ उमस भरे दिन, लू, और त्वचा (Skin) संबंधी दिक्कतें अपने साथ लाते हैं। अक्सर गर्मियों में हम सबसे ज्यादा परेशानी अपनी त्वचा संबंधी दिक्कतों को लेकर महसूस करते हैं। दोस्तों गर्मियों के दिन शुरू होते ही सबसे प्रमुख समस्याएं जो हम महसूस करते हैं वे इस प्रकार से है-

1.धूप में जाने से त्वचा का काला पड़ना।
2. शरीर पर पसीना रुकने से घमोरियां।
3. त्वचा का बेजान हो जाना ।
4. हाइड्रेशन की दिक्कत और
5. थकान।

तो ऐसा क्या किया जाए कि जैसे हम ने ठिठुरन भरी सर्दीयों को खूब इंजॉय किया वैसे ही हम उमस भरी, तपती जलती धूप वाले, मौसम को भी इंजॉय कर सकें?

ऐसा क्या किया जाए जिससे हमारी परेशानियां तो दूर हो ही जाए, साथ ही हमारा स्वास्थ्य भी दुरुस्त बना रहे?

आपके इसी तरह के सवालों के जवाब आज मैं ले कर आई हूं। जी हां, दोस्तों मैं आपकी होस्ट और दोस्त आपको ऐसे पांच उपायों के बारे में बताऊंगी, जिससे आप गर्मी में होने वाली समस्याओं से तुरंत राहत पा सकेंगे और गर्मी के दिनों में भी तरोताजा महसूस कर सकेंगे तो चलिए जानते हैं;

Let us know why the skin becomes lifeless in summer and why does one feel tired

1. व्यायाम: जी हां, व्यायाम करने से इम्यूनिटी सिस्टम दुरुस्त होता है । साथ ही साथ व्यायाम शरीर में स्ट्रेस हारमोंस को बढ़ने से रोकता है। यह हमें हीटस्ट्रोक और बहुत सारे इंफेक्शन से भी बचाता है। इसलिए संतुलित तापमान में व्यायाम जरूर करना चाहिए। गर्मियों के दिनों का सबसे बेहतरीन और पसंद किया जाने वाला व्यायाम स्विमिंग है । यह आपको स्वस्थ तो रखेगा ही तथा गर्मियों से भी राहत दिलाएगा।

2. योग: जी हां, योग हमारे शरीर को स्वस्थ बनाता है। हमारे शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालता है। पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है । और शरीर को लचीला बनाने में हमारी मदद करता है। खासतौर पर गर्मियों में आप पवनमुक्तासन कर सकते हैं यह हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ ठंडक भी प्रदान करता है।

3. सही खान-पान आपको अपने खान-पान पर ध्यान देना होगा लेकिन गर्मियों में हमारी जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है कि हम एक संतुलित आहार पर जोर दें । गर्मियों में जो मौसमी फल बाजार में उपलब्ध होते हैं उनमें पानी की मात्रा अधिक होती है इसलिए इनका सेवन हमें जरूर करना चाहिए। गर्मियों में सामान्य खाना ही खाएं। ज्यादा तला भुना, मिर्च मसाले वाले खाने से परहेज करें तथा बाहर बाजार में उपलब्ध डिब्बा बंद खाद्य पदार्थों को ना कहें।

4. तनाव से बचें : आज के समय में हम सब की एक सामान्य समस्या है तनाव। आज कल हर व्यक्ति इससे परेशान है।आज की भागम भाग जीवन शैली में यह होना स्वाभाविक हैं। लेकिन ध्यान रखें की इसे अपने ऊपर हावी ना होने दें। तनाव से बचने के लिए हमें शरीर और मस्तिष्क को शांत रखना चाहिए।
अपने स्मार्टफोन का इस्तेमाल कम से कम करें।
किताबें पढ़ें।
म्यूजिक सुने और ध्यान करें।

5. पानी अधिक सेवन करें: जी हां, गर्मियों में सबसे बड़ी दिक्कत जो हमारे सामने आती है या हम महसूस करते हैं वह है “डिहाइड्रेशन की दिक्कत”। गर्मियों में हमें ध्यान रखना चाहिए कि हम पानी अधिक से अधिक पिएं ।
डिहाइड्रेशन से बचने के लिए औसतन 03 से 04 लीटर पानी पीना चाहिए।
पानी हमारे शरीर में तापमान को नियंत्रित करता है।
मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है।
और शरीर को डीटॉक्सिफाई भी करता है।

फाइल फोटो- गूगल

Know what is the 'power house' of nutrition according to doctors

हमारे घरों में रोज सब्जियां बनती हैं कुछ हमें बहुत अच्छी लगती हैं तथा कुछ हमें बिल्कुल भी नहीं भाती वैसे तो हर सब्जी की अपनी खासियत होती है, अपने गुण होते हैं लेकिन कुछ सब्जियों के बीज उनसे अधिक उपयोगी होते हैं। बीज शब्द सुनकर ही मन में बीज का इस्तेमाल कर सब्जियां उगाने का ख्याल जेहन में आता है पर कुछ बीज हमारी सेहत में सुधार लाने के लिए तथा स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए खाए भी जाते हैं। उन्हीं में से एक है कद्दू के बीज। जी हां, कद्दू की सब्जी का नाम सुनकर हम नाक भौं सिकोड़ने लगते हैं लेकिन सच तो यह है कि जिन सब्जियों के नाम सुनकर हम अक्सर नाक भौं सिकोड़ने लगते हैं वह हमारे स्वास्थ्य के लिए अधिक पौष्टिक होती हैं तो चलिए फिर सब्जियों की बात छोड़ कर अब हम बात करते हैं उनके बीजों से संबंधित; कद्दू के बीज खाने के चमत्कारी फायदे होते हैं इन चमत्कारी बीजों का लाभ पाने के लिए पुरुष और महिलाएं दोनों ही इसे पोषण वाले स्नेक्स के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। यह एक तरह का ऐसा स्नेक्स है जो लंबे समय तक आपका पेट भरा-भरा महसूस करवा सकते है। तो चलिए अब हम बात करते हैं कि कद्दू के बीज कैसे होते हैं-

यह छोटे आकार के तथा अंडाकार आकार के बीज होते हैं इन्हें पेपिटस या पंपकिन सीड भी कहा जाता है। चिकित्सकों की मानें तो यह एक तरह से पोषण का पावर हाउस है।

तो अब हम जानेंगे कि कद्दू के इन छोटे-छोटे बीजों में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं:
1. इसमें ओमेगा-6 फैटी एसिड पाया जाता है।
2. यह प्रोटीन से भरपूर होते है।
3. इसमें आयरन, कैल्शियम, B-2, फोलेट और बीटा कैरोटिन जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं।
4. इसमें जरूरी फैटी एसिड उच्च स्तर पर मौजूद होते हैं। यह हमारी रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ बनाए रखता है।
5.जस्ता, मैग्नीज, मैग्नीशियम, तांबा, एंटी ऑक्सीडेंट और फाइटोस्ट्रोल से भरपूर होता है।

तो चलिए अब हम इसके फायदों के बारे में जानते हैं-

Know what is the 'power house' of nutrition according to doctors

1. यह मधुमेह में सहायक है: यह तनाव कम कर के ब्लड में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है।

2. वजन कम करने में असरदायक है। इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो आप को तृप्त महसूस कराता है और आपको अनहेल्दी खाने से रोकता है।

3. बालों की ग्रोथ में कामयाब: इन बीजों में क्यों क्यूक्रबिटासीन एक एमिनो एसिड पाया जाता है जो बालों के विकास में मदद करता है। यह बीच विटामिन-सी से भी भरपूर होते हैं।

4. एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं : कद्दू के बीजों में विटामिन-ई भरपूर मात्रा में पाया जाता है इसमें एक कैरोटीनायड नामक एक तत्व पाया जाता है जो सूजन कम करने में मददगार है।

5. दिल को दुरुस्त रखता है: इसके बीजों में फैट्स, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट तथा मोनो अनसैचुरेटेड फैटी एसिड होता है जो बेड कॉलेस्ट्रॉल को कम करता है और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है।

6. यह बेहतर नींद लेने में भी काफी असरदार है: कद्दू के बीजों में सेरोटोनिन नामक एक तत्व पाया जाता है जो एक न्यूरोकेमिकल है जिसकी वजह से हमें बेहतर तरीके से नींद आती है।

7. एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण: कद्दू के बीजों में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गठिया के दर्द में, जोड़ों के दर्द में राहत पहुंचाते हैं तथा यह सूजन को भी कम करते हैं।

8. शुक्राणुओं की गुणवत्ता को बढ़ाते हैं: कद्दू के बीजों में जिंक भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो शुक्राणु की गुणवत्ता को बढ़ाने में बहुत हद तक असरदायक है।

9. सबसे बड़ी खासियत कद्दू के बीज की यह है कि यह हमें इंफेक्शन से बचाता है और आंतों में होने वाले कीड़े जैसे कि टेपवार्म कीड़ों को खत्म करता है।

10. अब हम इसकी तासीर के बारे में जान लेते हैं तो बता दें कि इसके बीजों की तासीर गर्म होती है इसलिए इसे एक निश्चित मात्रा में खाना ही बेहतर होता है।

फोटो सौजन्य- गूगल

What is flaxseed, in which problems does flaxseed bring relief?

जब कभी आपने किसी के सामने अपने जोड़ों में होने वाले दर्द का जिक्र किया होगा तो यकीनन उसने आपको अलसी के बीज खाने को बोला गया होगा। हालांकि हम में से अधिकतर लोग अलसी के बारे में और उस से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं। जब भी हमें इस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो एक विचार जो हमारे जहन में सबसे पहले आता है वह यह है कि डॉक्टर से दवाई ले आनी चाहिए।

देखिए, किसी भी शारीरिक परेशानी के बारे में चिकित्सक से परामर्श जरूर लेना चाहिए लेकिन कुछ परेशानियों से हमें अपनी आदतों में बदलाव करके या कुछ घरेलू नुस्खे अपनाकर निजात मिल सकती है। हमारी अधिकतर समस्याओं का इलाज हमारे घर में मौजूद रसोई में ही हो सकता है। तो चलिए, आज जानते हैं अलसी से जूड़ी अहम जानकारियां-

अलसी क्या है ?
किन परेशानियों में राहत पहुंचाती है अलसी ?
इसके क्या फायदे हैं, इसके क्या नुकसान हैं?
इसको कैसे इस्तेमाल किया जाता है?

तो सबसे पहले हम जानेंगे अलसी क्या है? अलसी एक जड़ी बूटी के रूप में काफी लोकप्रिय है। अनेक बीमारियों में अलसी रामबाण औषधि का काम करती है। कई वर्षों से लोगों द्वारा निरोग रहने की इच्छा से इस का उपयोग किया जाता है। यह एक प्रकार का बीज है जिसका रंग लाल भूरा या गहरा भूरा हो सकता है। साबुत अलसी का अंदरूनी हिस्सा नरम होता है लेकिन इसका छिलका थोड़ा सख्त हो सकता है जिस को पचाने में हमारे लीवर को थोड़ी ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है।

तो चलिए अब हम जानते हैं यह किन परेशानियों में हमें राहत पहुंचाती है?

What is flaxseed, in which problems does flaxseed bring relief?

1. हृदय रोग में राहत पहुंचाती हैं:
यह मोनोसैक्चरेटेड होती है जिसकी वजह से यह हमारे दिल पर अधिक भर नहीं बढ़ने देती जिससे हमारा ह्रदय बेहतर तरीके से कार्य करता है।

2. ब्लड कोलेस्ट्रॉल कम करने में सहायक है:
कई बार लोगो को कोलेस्ट्रोल की समस्या आती है इसमें अलसी का प्रयोग बेड कोलेस्ट्रोल को घटाती है और गुड कोलेस्ट्रोल को बढ़ात है।

3 .पाचन तंत्र को दुरुस्त करती है:
हालांकि इसके बीज ऊपर से सख्त होते है जो जल्दी से पचते नहीं है लेकिन इसको भूनकर या चूर्ण बना कर सेवन किया जाए तो यह हमारे पाचन क्रिया को बेहतर करता है।

4. त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद है:
इसमें खूब सारे मिनरल और विटामिन होते है इसलिए यह हमारी त्वचा को भी पोषण देती है तथा उसे स्वस्थ बनाती है।

5. वजन कम करने में भी बहुत अधिक सहायक होती है:
अलसी में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो आपको पेट भरा हुआ महसूस होता है, जिससे भूख कम लगती है ।

6. कैंसर का खतरा कम करती हैं: इसमें मिनरल और विटामिन की भरपूर मात्रा होने के कारण शरीर में किसी तरह के हानिकारक केमिकल को बनने नहीं देता जिससे कैंसर का खतरा कम रहता है।

7. टाइप- मधुमेह में राहत दिलाती है: जी हां, मधुमेह के रोगियों के लिए यह रामबाण है।

8. हमारे शरीर की अंदरूनी सफाई करती है: इसका नियमित सेवन हमारे शरीर को अंदरूनी साफ करती है।

9. हमारे बालों से संबंधित समस्याओं को कम करती है: अक्सर हमारे बालों में रूसी, डेंड्रफ, खुजली जैसी दिक्कत होती है जिसका अलसी का सेवन एक बहुत सस्ता और आसान उपाय है।

इस के फायदे और नुकसान के बारे में जानने के साथ-साथ हमें यह भी जान लेना चाहिए कि इस की तासीर कैसी होती है? तो बता देते हैं कि अलसी की तासीर गर्म होती है।

अब हम इसके अन्य फायदों के बारे में जानते हैं:
सबसे पहले हम यह बता दें कि यह शरीर में प्रोटीन की पूर्ति करती हैं।
अलसी फाइबर से भरपूर होती है।
इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड मौजूद होता है।
इसमें बहुत सारे मिनरल्स और विटामिंस भी पाए जाते हैं।

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि एक सिक्के के दो पहलू होते हैं उसी प्रकार अलसी को अपने आहार में शामिल करने के जितने फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं हम सभी जानते हैं और मानते भी हैं कि किसी भी चीज की अति बुरी होती है जो महिलाएं गर्भधारण किए होती है उनको अलसी का उपयोग नहीं करना चाहिए।
जो महिलाएं बच्चों को स्तनपान कराती हैं उनको भी अलसी का उपयोग नहीं करना चाहिए।
इसकी अधिकता से आंतों में रुकावट आ सकती है ।
यह एलर्जी रिएक्शन भी कर सकती है।

अब हम जानते है कि इसको लेना का सबसे अच्छा तरीका कौन सा है?
जैसा कि हम पहले भी बता चुके है कि इसका छिलका सख्त होता है जो पचने में दिक्कत करता है तो आपके लिए बेहतर है कि आप इसको हल्का भून लें और फिर इसको पिस कर इसका पाउडर बना लें तथा एक निश्चित मात्रा में दिन में एक बार ले सकते हैं।

These symptoms of pregnancy start appearing only 3 to 4 days after conceiving, pregnancy is confirmed even before the period is missed

आज के समय में हर तरह के दबाव, जॉब का प्रेशर और लॉकडाउन की वजह से बिगड़ा लाइफस्‍टाइल रिप्रोडक्शन सिस्टम पर गहरा असर डाल रहा है। जिसका नतीजा यह है कि महिलाओं को कंसीव करने में दिक्‍कत आ रही है। इसलिए डॉक्‍टरों का कहना हैं कि अगर कोई कपल कंसीव करता है तो उन्‍हें इसके साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। जो लोग बेसब्री से पेरेंट्स बनाना चाहते हैं उनके लिए पीरियड मिस होने तक इंतजार करना बहुत मुश्किल भरा हो जाता है पर आपको अपनी प्रेग्‍नेंसी पता करने के लिए रिलेशन बनाने के बाद एक महीने तक इंतजार करने की जरूरत नहीं है। बल्कि आपको 03 से 04 दिनों में ही पता चल जाएगा कि आप प्रेगनेंट हैं या नहीं। आज हम आपको प्रेगनेंसी के कुछ ऐसे शुरुआती लक्षण बता रहे हैं जो कंसीव करने के 3-4 दिनों बाद ही दिख जाते हैं।

पहला लक्षण होता है ब्‍ल‍ीडिंग

जब फर्टिलाइज्‍ड एग आपकी बच्‍चेदानी की लाइनिंग से चिपकने लगता है तो उस प्रोसेस में कुछ ब्‍लड वेसल्‍स फट जाते हैं, जिससे हल्‍की ब्‍लीडिंग महसूस हो सकती है। इसे आप पीरियड्स के साथ कन्‍फ्यूज न करें, क्‍योंकि पीरियड्स की ब्‍लीडिंग में ब्‍लड फ्लो के साथ निकलता है और पेट या कमर में तेज दर्द होता है। लेकिन इस प्रोसेस में ब्‍लड बहुत हल्‍का आता है और यूट्रस में थोड़ी बहुत क्रैम्पिंग महसूस हो सकती है, हालांकि ये लक्षण हर किसी में नहीं दिखता है।

Vaginal Discharge का होना

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ये लक्षण भी कन्‍सीव करते के तुरंत बाद ही दिख जाता है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि जब एक महिला कन्‍सीव करती है तो उसके बाद बॉडी में हॉर्मोनल चेंजेज होने लगते हैं। इसकी वजह से वजाइना की वॉल मोटी हो जाती है जिसके कारण वजाइना के सेल्‍स बहुत तेजी से बढ़ने लगते हैं। इसकी वजह से थोड़ा बहुत डिस्चार्ज हो सकता है। लेकिन अगर आपको डिस्चार्ज के साथ वजाइना में दर्द, जलन या बदबू महसूस हो तो आपको डॉक्‍टर को दिखाना चाहिए। ये इंफेक्‍शन का लक्षण हो सकता है।

ब्रेस्‍ट में बदलाव दिखना

जब एक महिला कंसीव कर लेती है तो ब्रेस्‍ट में भी कई तरह के बदलाव महसूस किए जाते हैं। जैसे कि ब्रेस्‍ट में भारीपन या झनझनाहट महसूस होना, या फिर छूने पर दर्द भी हो सकता है।

थकान का एहसास

कंसीव करने के बाद महिलाओं की बॉडी में हॉर्मोनल चेंजेज होने लगता है जिसके कारण थकान होती है। इसमें थोड़ा सा काम करने के बाद आराम करने का मन करता है और महिलाओं को ज्‍यादा देर खड़े होने में भी दिक्‍कत होती है।

मॉर्निंग सिकनेस का होना

हालांकि ये लक्षण पहले पीरियड के मिस होने के कुछ दिन पहले दिखता है। मॉर्निंग सिकनेस कुछ महिलाओं को सुबह की बजाय दोपहर या शाम में भी हो सकती है। इसमें उल्‍टी होना, जी मचलना या सब्‍जी छौंकने से बदबू महसूस होना जैसे लक्षण दिख सकते हैं।

फोटो सौजन्य- गूगल

When the taste of tea gets spoiled, natural solution for tea addiction..

हमारी जिंदगी में चाय एक बहुत ही स्पेशल और शानदार पेय है। कई तरह की चाय बाजार में देखने को मिलती है। चाय में कई कंपाउंड कई हेल्थ बेनीफिट से जुड़े होते हैं, जिससे अधिकतर लोगों को लगता है कि इसे अपनी डाइट में शामिल रखना चाहिए। बता दें हम यहां जिस ज़ायकेदार चाय की बात कर रहा हूं उसका साइंटिफिक नेम कैमेलिया साइनेंसिस है।

कुछ लोगों का मानना है कि चाय के कुछ कंपाउंड में लत लगाने वाले गुण होते हैं और बहुत अधिक पीने से फायदे से ज्यादा नुकसान हो सकता है। विभिन्न प्रकार की चाय में अलग-अलग मात्रा में कैफीन होता है, जो दुनिया भर में सबसे ज्यादा खपत किया जाने वाला साइकोएक्टिव मटेरियल है। यह एक नेचुरल स्टीमुलेंट है। इस कंपाउंड को अक्सर चाय की लत लगाने के लिए दोषी ठहराया जाता है। अक्सर कैफीन को एक तरह के लत के रूप में बताया जाता है, क्योंकि इसमें एक रासायनिक संरचना होती है जो एडेनोसाइन से मिलती-जुलती है। एडेनोसाइन आपके शरीर में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एक कंपाउंड है, जो आपके सेंट्रल नर्वस सिस्टम को रेस्ट देता है।

इस रासायनिक संरचना की वजह से कैफीन आपके मस्तिष्क में मौजूद एडेनोसाइन रिसेप्टर्स में फिट हो सकता है और एडेनोसाइन को उनके साथ मिलने से रोकता है। एडेनोसिन की कमी आपके मस्तिष्क की कोशिकाओं को संकेत देने से रोकती है कि आप थक चुके हैं।

When the taste of tea gets spoiled, natural solution for tea addiction..

यह आपके शरीर को बड़ी मात्रा में अन्य नेचुरल स्टीमुलेंट को छोड़ने का कारण बन सकता है, जैसे कि डोपामाइन, जो थकान की भावनाओं को दबाता है और आपको सचेत रहने में मदद करता है। समय के साथ कैफीन से समान प्रभाव का अनुभव करने के लिए आपको ज्यादा मात्रा में चाय की जरूरत होती है। अगर आप अचानक इसे पीना छोड़ देते हैं, तो इससे आपको withdrawal symptom भी हो सकता है।

रिसर्च के मुताबिक जो लोग लगातार कैफीन का इस्तेमाल करते हैं, उनमें इसके एडिक्शन के लक्षण आने लगते हैं। आधिकारिक तौर पर वर्ड हेल्थ ऑर्गेनाजेशन (WHO) कैफीन की निर्भरता को एक सिंड्रोम के रूप में बताता है।

हालांकि, अमेरिकन साइकिएट्रिक असोसिएशन (APA) कैफीन की लत को सब्सटेंस एब्यूज डिसऑर्डर के रूप में नहीं मानता है। फिलहाल यह साफ नहीं है कि कितने लोगों में चाय पीने की वजह से इसकी लत विकसित हुई है। इसके साथ ही इस बारे में भी सीमित जानकारी है कि क्या चाय पीने वाले इसके मात्रा को कम करने में संघर्ष करते हैं। इसलिए, चाय के नशे के बारे में निष्कर्ष निकालने से पहले इसपर अधिक रिसर्च की आवश्यकता है।

आपको चाय की लत है या नहीं, यह कहना मुश्किल है लेकिन, फिर भी अगर आप अपनी चाय की मात्रा को कम करते हैं और इससे आपके सिर में दर्द महसूस होता है यानी आप चाय के आदी हो चुके हैं। एक और तरीका है, अगर आप अचानक से चाय पीना बंद कर दें और आपको withdrawal symptom आने लगे, तब भी आप चाय की आदी हो सकते हैं। इस withdrawal symptom में सर दर्द होना, ध्यान की कमी, थकान, चिड़चिड़ापन और मन का उदास होना जैसे लक्षण शामिल हैं।

ये लक्षण आपकी डाइट से चाय को कम करने के 12-24 घंटे बाद से शुरू हो जाते हैं और लगभग 09 दिनों तक रह सकता है। इन लक्षणों की गंभीरता आमतौर पर पहले 09 दिनों के भीतर ही दिखाई देती है और उसके बाद धीरे-धीरे कम होने लगती है।

अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) के साथ ही यूरोपीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण (EFSA) लोगों को प्रति दिन 400 मिलीग्राम से अधिक कैफीन का सेवन करने के लिए मना करता है। वहीं, जो गर्भवती हैं उन्हें अपने पूरे दिन में 200 मिग्रा से अधिक कैफीन का सेवन करने से मना किया जाता है। इस मात्रा में चाय का सेवन करना ज्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित माना जाता है। हालांकि, कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो कैफीन के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील हो सकते हैं। इस वजह से उन्हें कम मात्रा में भी ही लेने से दिक्कत हो सकती है।

इसकी वजह से घबराहट, नींद का कम होना, यूरिन का बार-बार पास होना, चिड़चिड़ापन, मांसपेशियों में जकड़न, धड़कन तेज हो जाना, माइग्रेन और हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ सकता है। इसीलिए एंजाइटी, दिल का दौरा, किडनी की बीमारी और लीवर की बीमारी से पीड़ित लोगों को कम चाय पीने की सलाह दी जाती है।

अगर आप धीरे-धीरे कैफीन यानी चाय का सेवन कम करना चाहते हैं तो ये कैफीन फ्री ड्रिंक आपके लिए अच्छे विकल्प साबित हो सकते हैं, जैसे कि- अदरक, हल्दी या ताजे पुदीने के पत्तों का रस, एक कप गर्म पानी के साथ निचोड़ा हुआ नींबू का रस, सेब का रस, गर्म चुकंदर या गाजर का रस।

बहरहाल, किसी भी चीज का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल हेल्थ के लिए ठीक नहीं होता, इसलिए थोड़ा लें और स्वस्थ रहें क्योंकि अति किसी भी चीज की नुकसादायक ही होती है।

फोटो सौजन्य- गूगल

Do you know what is most important in life to keep yourself fit?

जिंदगी आपकी है आप इसे जैसे चाहे व्यतीत करें लेकिन हर किसी का जवाब यह होगा कि हम हेल्दी लाइफ जीना ज्यादा पसंद करेंगे क्योंकि एक कहावत है ‘हेल्थ इज वेल्थ’ यानी आप स्वस्थ्य है तो लाइफ सही ट्रैक पर है। लाइफ को सही ट्रैक पर रखने के लिए हम लाएं है आपके लिए कुछ खास टिप्स-

1.सुबह जल्दी उठना- अगर हमें हेल्दी रहना है तो हमें सुबह जल्दी उठना चाहिए क्योंकि सुरज को सुबह-सुबह देखने से हमारे शरीर में ऊर्जा और पोजीटिविटी का संचार होता है। साथ में हमारे मूड को को अच्छा बनाने में मदद करता है। सूर्य की पहली किरण से हमें विटामिन- डी मिलता है और सूर्य की पहली किरण हमारे हड्डियों को मजबूत बनाता है और साथ ही हमारे स्कीन को हेल्दी रखती है।

2. रोजाना व्यायाम पर दें ध्यान-

Do you know what is most important in life to keep yourself fit?

नियमित रूप से हल्के व्यायाम रोजाना करें इससे हमारा मेटाबोलिज्म बेहतर रहता है। व्यायाम करने से हम चुस्त-दुरुस्त रहते है। तनाव जैसी समस्याओं को भी दूर किया जा सकता है। नियमित एक्सरसाइज से वजन नियंत्रण में रहता है। ब्लड प्रेसर को नियंत्रित करने में मदद करता है। व्यायाम स्कीन को सुंदर और जवान बनाए रखने में मदद करता है।

3. ऐसे खाएं खाना- लोग खाना खाने में हमेशा जल्दबाजी करते हैं जबकि खाना हमेशा आराम से चबा-चबाकर खाना चाहिए। ये आपके स्वस्थ्य और पाचन शक्ति के लिए लाभदायक होता है।

4.भरपूर नींद है जरूरी- अगर सेहत से समझौता नहीं करना चाहते तो नींद पूरी लें। शोध से बात पता चली है कि बहुत सारी बीमारियां हो सकती है, जैसे- तनाव, गुस्सा आना, डिप्रेशन, ह्रदय रोग, वीक इम्यून सिस्टम, हार्मोनल समस्याएं आदि। जैसे अच्छा खानपान हमारे शरीर के लिए आवश्यक है उसी तरह भरपूर नींद हमारे दिमाग को फ्रेश करने के लिए जरूरी होता है।

5.जल ही जीवन है- हमारे शरीर में 70 फीसदी पानी होता है। व्यक्ति को खुद को सेहतमंद और फीट रखने के लिए एक दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए। पानी हमारे शरीर से टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालता है। पानी आपको एक नेचुरल ब्राइट और साफ त्वाचा प्रदान करता है। बता दें कि अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो पानी पीना आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। अच्छे ब्लड सर्कुलेशन के लिए अधिक से अधिक पानी का सेवन करें। सही मात्रा में पानी पीने से कीडनी स्टोन जैसे समस्या से बचा जा सकता है। इसलिए हेल्दी लाइफ के लिए पानी हमारे लिए बेहद जरूरी है।

खाना में हरी सब्जियां और मौसमी फलों को करें शामिल-

हमारे अच्छी सेहत में हरी सब्जियां फायदेमंद होती हैं। इसमें बहुत से पोषक तत्व व मिनरल्स पाए जाते हैं। यह हमें ह्रदय रोग, कैंसर, कॉलेस्ट्रॉल कम करने में मददगार साबित होता है। हमारे खाने में हरी सब्जी को रोजाना शामिल करना चाहिए क्योंकि शरीर को अच्छी मात्रा में विटामिन, फाइबर, मिनरल्स, कम मात्रा में कैलोरी होती है। यह इम्यूनिटि को मजबूत बनाने में मदद करता है।

शरीर को रोग या इनफेक्शन से बचाना है तो हमें मौसम के फल का भरपूर सेवन करना चाहिए, क्योंकि कुदरत ने हर मौसम के लिए अलग-अलग फल दिए हैं, खासतौर पर सर्दी तो फलों के लिहाज से ऐसा मौसम है कि बाजार में फल और सब्जियां दोनों भरपूर मात्रा में उपलब्ध होते हैं। मौसमी फल सेहत के मामले में बहुत ही फायदेमंद होते हैं। मौसमी फल खाने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन के साथ ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है और स्कीन हर समय तरोताजा व जवान सी दिखती है।

फोटो सौजन्य- गूगल