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Category Archives: Health

Film actress Mahima Chaudhary is fighting breast cancer, know what can be its symptoms

बॉलीवुड एक्ट्रेस Mahima Chaudhry इन दिनों जानलेवा बीमारी कैंसर से लड़ रही हैं। मालूम हो कि महिमा को ब्रेस्ट कैंसर हुआ है और उनका इलाज चल रहा है। इस संबंध में एक वीडियो अभिनेता अनुपम खेर ने अपने इंस्टाग्राम पर साझा किया है। जिसमें महिमा चौधरी अपनी बीमारी को लेकर कुछ बात करती दिख रही हैं। महिमा हर साल अपना फुल बॉडी चेकअप करवाती थीं और इसी के तहत डॉक्टर ने उनको ब्रेस्ट कैंसर की जांच करवाने की सलाह दी थी, जिसमें मालूम चला कि महिमा को ब्रेस्ट कैंसर है और वह इसकी स्टार्टिंग स्टेज पर है।

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण हर किसी महिला को पता होना चाहिए, जिससे वक्त रहते ब्रेस्ट कैंसर को पहचाना जा सके और इलाज शुरू किया जा सके। तो आइये जानते है कि ब्रेस्ट कैंसर क्या है और इसके क्या-क्या लक्षण हो सकते हैं-

क्यों होता ब्रेस्ट कैंसर

अगर कोशिकाओं को कंट्रोल करने वाले जीन में म्यूटेशन होने लगते हैं तब ब्रेस्ट कैंसर होता है। इस म्यूटेशन की वजह से कोशिकाएं अनियंत्रित तरीके से फैलने लगती हैं। ये कैंसर ब्रेस्ट की कोशिकाओं में विकसित होता है जो कि नॉर्मल तौर पर फैटी कोशिकाओं, लोब्यूल्स या फिर ब्रेस्ट की नली में बनता है। इतना ही नहीं धीरे-धीरे ये अनियंत्रित कैंसर कोशिकाएं ब्रेस्ट की स्वस्थ कोशिकाओं को भी अपनी डायमेज करने लगती है और बाहों के नीचे की तरफ लिम्फ नोड्स तक पहुंच बना लेती है।

ऐसे करें ब्रेस्ट कैंसर की पहचान

शुरुआती स्टेज में ब्रेस्ट कैंसर के कोई लक्षण नहीं भी नजर आते है। कुछ मामलों में ये ट्यूमर इतना अधिक छोटा होता है कि महसूस भी नहीं किया जा सकता है पर मैमोग्राम टेस्ट के माध्यम इसकी पहचान की जाती है। इस ट्यूमर का अहसास तब किया जा सकता है जब ब्रेस्ट में एक नई गांठ महसूस का जा रही हो, जो पहले कभी नहीं थी। साधारणत: सभी तरह की गांठें कैंसर नहीं कही जाती।

जानें ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण-

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों में ब्रेस्ट में दर्द होना, ब्रेस्ट के आकार में एकाएक बदलाव आना, ब्रेस्ट के आसपास की स्किन का लाल होना, ब्रेस्ट के पास के हिस्सों में सूजन, निप्पल से किसी तरह का डिस्चार्ज या खून निकलना, निप्पल के साइज में बदलाव आना, ब्रेस्ट के आसपास की या निप्पल की स्किन का छिल जाना और बांह के नीचे गांठ या सूजन का हो जाना जैसे लक्षण शामिल हैं। अगर इस तरह का कोई भी लक्षण आपको महसूस होता है तो आपको एक बार इसके लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

अनुपम खेर ने इंस्टाग्राम पर शेयर किया वीडियो

 

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अभिनेता अनुपम खेर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, मैंने अपनी 525वीं फिल्म ‘दि सिग्नेचर’ में काम करने के लिए करीब एक महीने पहले जब अमेरिका में रहते हुए महिमा चौधरी को फोन किया, तो मुझे पता चला कि उन्हें ब्रेस्ट कैंसर हुआ ह। अनुपम खेर ने महिमा की तारीफ करते हुए लिखा है कि महिमा चौधरी का रवैया दुनिया भर की महिलाओं को एक नयी उम्मीद देगा। उन्होंने आगे लिखा कि महिमा चाहती थीं कि मैं उनकी बीमारी के बारे में जानकारी लोगों तक पहुंचाऊं।

इस वीडियो में महिमा ने क्या कहा

शेयर किये गए वीडियो में महिमा चौधरी, अनुपम खेर को बता रही हैं कि जब मेरे पास उनका फोन आया था तो क्या हुआ था। वह बता रही हैं कि जब मेरे पास फोन कॉल आया था तब उस समय मेरा ट्रीटमेंट चल रहा था और नर्स मेरे पास थी। मुझे ये मालूम था कि अनुपम अमेरिका में हैं लेकिन जब मुझे कॉल आया तो मैं समझ गयी कि कोई अर्जेन्ट बात ही होगी, इसीलिए मैंने फोन रिसीव कर लिया।

फोन पर अनुपम ने मुझे फिल्म ‘दि सिग्नेचर’ करने के लिए कहा तो मैनें कहा कि हां मैं ये फिल्म करना चाहूंगी लेकिन इसके लिए आपको थोड़ा इंतजार करना होगा। जिस पर उन्होंने कहा कि नहीं, मैं इंतजार नहीं कर सकता। फिर उन्होंने पूछा कि तुम फिल्म के लिए मुझे इंतजार क्यों करवाना चाहती हो और तुम्हारे घर में इतना शोर क्यों हो रहा है? तो फिर मैं झूठ नहीं बोल सकी और अपनी बीमारी के बारे में सब कुछ बता दिया।

उन्होंने वीडियो में ये भी बताया कि वो हमेशा रुटीन ब्लड चेकअप और बाकी तमाम चेकअप करवाती रही हैं। इसके बावजूद किस तरह से यह बीमारी उनके सामने आई और किस तरह से उन्होंने इसके बारे में अपनी मां से ये बात साझा की, जिसके बारे में सुनकर उनकी मां की तबियत भी बिगड़ गई थी। अपनी तकलीफ बताते हुए महिमा कई बार भावुक भी नजर आईं।

The world is in awe of Monkey Pox, how it is making humans its prey, understand

कोरोना अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है कि अब नई बीमारी Monkey Pox के आने से लोगों को एक नए खतरे का सामना करना पड़ रहा है। मंकी पॉक्स एक ऐसा वायरस है जो इन्सान से इन्सान में फैलता है। अगर कोई किसी संक्रमित के संपर्क में आता है तो उसे भी तुरंत पकड़ लेता है। मंकी पॉक्स ने केंद्र और राज्यों की चिंता काफी बढ़ा दी है। कई स्टेट में तो सरकारों ने खास गाइडलाइंस भी जारी कर दी है। अफ्रीका और यूरोप देशों से इसके बहुत ज्यादा मामले सामने आए हैं। यह काफी डेंजरस वायरस बताया जा रहा है जो फैल जाए तो कोरोना जैसी महामारी लोगों को देखने को मिल सकती है। चार स्टेज में फैलता है इसका वायरस और अलग-अलग लक्षण देखने को मिलते हैं।

आइये समझते हैं इसके स्टेज को-

स्टेज 1- पहले स्टेज पर कोई इन्सान अगर संक्रमित होता है तो उसमें लक्षण नजर आने लगते हैं। लक्षण अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़े होते हैं और काफी हद तक बुखार जैसे लगते हैं। पहले स्टेज के लक्षणों में बुखार, शरीर में दर्द और टायडनेस फील हो सकती है।

स्टेज 2- मंकी पॉक्स की दूसरी स्टेज में बुखार जैसे लक्षण तो रहते ही हैं, साथ ही त्वचा पर थोड़ी संख्या में कुछ गांठ दिखने लगती हैं।

स्टेज 3- मंकी पॉक्स की तीसरी स्टेज पर लिम्फैडेनोपैथी हाथों, पैरों, चेहरे, मुंह या प्राइवेट पार्ट्स पर होने वाले दानों या चकत्ते में बदल सकती है।

स्टेज 4- मंकी पॉक्स की चौथी यानी लास्ट स्टेज पर ये दाने या चकत्ते उभर कर बडे़ दाने हो जाते हैं या कुछ ऐसे पस्ट्यूल में बदल जाते हैं जिनमें मवाद जमा होती है।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने समझाया-

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, मंकी पॉक्स एक ऐसा वायरस है जो चेचक की तरह फैलता है। चेचक की तरह इसके भी हल्के लक्षण होते हैं। यह बीमारी जानवरों से मनुष्यों में फैलती है। फिर लोगों ने दूसरे लोगों तक फैलती हुई चली जाती है। हालांकि, बीमारी लंबे समय तक नहीं रहती लेकिन खौफनाक जरूर होती है।

Why the demand for this new process increased to prevent unwanted pregnancy

मां बनना किसी भी महिला के लिए सुखद एहसास से कम नहीं होता है पर अगर आप प्रेग्नेंसी नहीं चाहती तो फिर आपकी परेशानियां काफी बढ़ जाती हैं। प्रेग्नेंसी ना चाहने वाली महिलाओं के लिए बाजार में कई तरह की गर्भ निरोधक मेडिसिन उपलब्ध हैं। इन सारी मेडिसिन का सेवन महिलाओं को इंटरकोर्स के बाद करना होता है लेकिन सोचिए कि कोई ऐसी बर्थ कंट्रोल मेडिसिन हो जिससे सेक्स से पहले खाया जाए और जिससे आने वाले 03 से 05 दिनों में प्रेग्नेंसी को रोका जा सके। एक नए अध्ययन के मुताबिक आने वाले दिनों में यह संभावना हकीकत का अमलीजामा पहन सकती है।

इमरजेंसी के लिए गर्भ निरोधक दवाइयों में अभी यूलिप्रिस्टल एसीटेट ट्रस्टेड सोर्स (UA) लेवोनोजेस्ट्रेल और साइक्लो-ऑक्सीगैनीज- 2 (COX- 2) का इस्तेमाल होता है, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुए हालिया क्लीनिकल ट्रायल के दौरान यूए और मेलॉक्सिकैम से बनी नई गर्भनिरोधक मेडिसिन को सुरक्षित और कारगर पाया गया है। ये स्टडी ‘बीएमजे सेक्सुअल एंड रिप्रोडक्टिव हेल्थ’ जर्नल में प्रकाशित हुई है।

पारंपरिक गर्भनिरोधक मेडिसिन की बात करें तो इसका सेवन डेली करना पड़ता है जबकि इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का सेवन सेक्स के बाद किया जाता है। अभी तक प्रेग्नेंसी रोकने की ऐसी कोई दवाई नहीं है जिसे सेक्स के दौरान खाया जाए। इस एक्सपेरिमेंटल गर्भनिरोधक में शामिल यूलीप्रिस्टल एसीटेट और मेलोक्सीकैम उस समय ओव्यूलेशन को रोकता है जब गर्भधारण की संभावना सबसे ज्यादा होती है।

इस अध्ययन की ऑथर और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रसूति-स्त्री रोग एक्सपर्ट डॉ. एरिका काहिल ने कहा कि ऐसे बहुत से लोग हैं जिनकी कॉन्ट्रासेप्टिव जरूरतें पूरी नहीं हो पाती। कई महिलाएं चाहती हैं कि वो जब सेक्सुअली एक्टिव हों तभी गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करना पड़े। उन्हें डेली गर्भनिरोधक मेडिसिन ना लेनी पड़े।

महिलाओं पर की कई स्टडी को लेकर डॉ. कहिला ने कहा कि ऑन-डिमांड कॉन्ट्रासेप्शन की सख्त जरूरत है। लोग पहले से ही पेरिकोइटल कॉन्ट्रासेप्शन जैसी इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं, बहुत से लोग ऐसे उपायों में भी रुचि ले रहे हैं जिसमें उन्हें इंजेक्शन और इंप्लांट प्लेसमेंट के लिए क्लिनिक बार-बार ना जाना पड़े। अध्ययन के मुताबिक ऑन-डिमांड कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स प्रेग्नेंसी को रोकने में काफा उपयोगी साबित हो सकती है लेकिन इसके लिए और भी शोध किए जाने की आवश्यकता है।

Summer Foods

गर्मी (Summer Season) का तापमान लगातार बढ़ रहा है और बदलते मौसम में इंसान का शरीर भी कुछ अलग ही मांग कर रहा है। गर्मियों में शरीर को स्वस्थ्य और गर्मी के असर से बचाने के लिए खान-पान में ध्यान सबसे ज्यादा जरूरी हो जाता है। अगर बढ़ती धूप में आप ने अपने खान-पान पर ध्यान नहीं दिया तो आप बीमारियों के शिकार तो होते ही हैं साथ–साथ कई तरह की दिक्कतों से भी दो-चार होना पड़ता है।
हम यहां 05 ऐसे फूड के बारे में बता रहे हैं जो आपको गर्मी के कारण होने वाली बीमारी या परेशानियों से दूर रखता है-

खीरा हर सीजन में है हीरा-

खीरा हर सीजन में सेहत के लिए अच्छा माना जाता है. इसमें पानी की अधिक मात्रा होती है, इसलिए गर्मियों में ये हमारी सेहत के लिए सूपरफूड साबित होते हैं. खीरे में विटामिन और मिनरल्स की प्रचूर मात्रा होती है. चिड़चिड़े धूप में अगर आप खीरा खाते हैं, तो आपके शरीर को ठंडक मिलती है. आप रोजाना खीरे को सलाद के रूप में और जूस के रूप में अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं।

गर्मियों में सुकून भरा फल तरबूज

गर्मियों में तरबूज आपको मार्केट में आसानी से मिल जाता है. तरबूज में विटामिम-ए और विटामिन-सी की भरपूर मात्रा होती है. गर्मियों में तरबूज खाने से शरीर में पानी की समस्या दूर होती है. यदि आप सुबह खाली पेट तरबूज खाते हैं, तो ये आपकी सेहत के लिए काफी अच्छा साबित हो सकता है।

गर्मियों में नींबू और नारियल पानी का सेवन है जरूरी

समर सीजन में जूस और फल का सेवन करना चाहिए. गर्मियों में नींबू, संतरा और अंगूर जैसे फलों के सेवन से काफी फायदा मिलता है. संतरा और अंगूर में लगभग सभी तरह के जरूरी न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं. अगर आप सुबह शाम रोजाना संतरा और अंगूर का सेवन करते हैं, तो तपती धूप में भी आपको सेहत से जुड़ी समस्याएं नहीं होंगी।

पुदीने का इस्तेमाल समर सीजन में सबसे बेहतर

गर्मियों में पुदीना काफी सेहतमंद होता है. अगर आप गर्मियों में चटनी, रायता, लेमन ड्रिंक और सब्जियों में पुदीने का इस्तेमाल करेंगे, तो ये आपकी सेहत के लिए काफी लाभकारी हो सकता है. पुदीना आपके खाने के फ्लेवर के साथ-साथ सेहतमंद भी होता है।

लू का दुश्मन है प्याज

तेज धूप में लू से बचने के लिए प्याज की अहम भूमिका होती है. गर्म हवाओं के आंच से अगर आपको दूर रहना है, तो आप प्याज के सलाद, रायते, चटनी इत्यादि प्याज से बनी चीजों का सेवन जरूर करें।

People who are fond of gardening are stress free and fresh

अक्सर हम देखते हैं कि कई लोगों को बागवानी का काफी शौक होता है। ऐसा देखा गया है कि गार्डनिंग का शौक रखने वाले लोग बहुत खुशनुमा होते हैं। घरों में छोटी-छोटी सब्जियों की बागवानी का शौक रखना जरूरी है, इसके कई लाभ होते हैं। अगर आपके घर के सामने थोड़ी सी ज़मीन है तो उसे यूं ही खाली ना छोड़े और उसका उपयोग जरूर करें। आज हम आपको किचेन गार्डन के फायदे की अहम जानकारियां देंगे-

1. फ्रेश हर्ब का मिलना

तुलसी के पत्‍ते हों या मीठे नीम की पत्तियों, घर में किचन गार्डन होने पर आपको ये आसानी से मिल जाते हैं। आपको इन छोटी-छोटी हर्ब के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता है।

2. पेस्टिसाइड रहित वेजिटेबल्स का मिलना

किचन गार्डन होने पर आपको पता रहता है कि आप क्‍या खा रहे हैं। आजकल बाजार में पेस्टिसाइड मिली हुई साग-सब्जियां मिलती है पर घर पर उगी हुई सब्‍जी लाजवाब होती है।

3. सस्ती और बेहतरीन सब्जियों का मिलना

People who are fond of gardening are stress free and fresh

किचन गार्डन में उगी सब्जियों को बनाने से आपका बजट मेंटेंन रहता है. ये सब्जियां अच्‍छी और सस्‍ती होते हैं। आप मन मुताबिक समय पर उन्‍हे तोड़कर बना सकते हैं।

4. स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक होना

घर पर तुलसी, धनिया और पुदिना जैसी चीजें उगाएं। इन्‍हे खाएं, जिससे आपको कई रोगों में आराम मिलेगा। बुखार, अस्‍थमा, फेंफड़ों के रोगों आदि में ये फायदा करती हैं। ये सब आपको हेल्‍दी बनाती हैं।

5. तनाव से मुक्ति

बागवानी करने से आपका तनाव कम होता है। आपका मन उसी में लगा रहता है जिससे आप इधर-उधर की बातें सोच नहीं पाते हैं।

6. कीड़े-मकोड़े कम होना

घर में किचन गार्डन होने से कीट आदि कम पैदा होते हैं क्‍योंकि खाली जगह का सदुपयोग हो जाता है। साथ ही कुछ खास तरह के पौधे, कीटों को भगाने में सक्षम होते हैं, जैसे- गेंदे के पौधे को हर तीन हर्ब के बाद लगाने से हर्ब अच्‍छी बनी रहती हैं।

Taking these 6 things on an empty stomach is beneficial for increasing the intestine, metabolism and energy level

फीट रहने के लिए हेल्दी ब्रेकफास्ट के साथ दिन की शुरुआत करना बहुत जरूरी होता है। सुबह के समय हमारी बॉडी को अच्छे न्यूट्रिशन की काफी आश्यकता होती है जो ना सिर्फ हमारे ऊर्जा के स्तर को बूस्ट करने में मदद करती है बल्कि शरीर से टॉक्सिन्स भी बाहर निकालता है। ब्रेकफास्ट में गलत कॉम्बिनेशन की चीजें खाने से हमारे डाईजेस्टिव सिस्टम पर बुरा प्रभाव पड़ता है, इसलिए सुबह खाली पेट हेल्दी चीजें खानी चाहिए जो हमारी आंत, मेटाबॉलिज्म और एनर्जी लेवल बढ़ाने के लिए फायदेमंद होती है।

सुबह के वक्त सेहत भरा ड्रिंक-

सुबह के वक्त हल्का गर्म पानी, नारियल पानी, जीरे का पानी या अन्य डाइजेस्टिव चाय सबसे अच्छे बेवरेज माने जाते हैं। ये कैफीन के मॉर्निंग डोज की जगह एक अच्छा रिप्लेसमेंट हो सकती हैं। अलावा इसके, आप शहद का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। शहद में कई तरह के मिनरल्स, विटामिन्स और पेट की सेहत को फायदा पहुंचाने वाले एन्जाइम्स होते हैं। पानी के साथ शहद का सेवन करने से आपका मेटाबॉलिज्म बूस्ट होगा और शरीर से अपशिष्ट पदार्थ भी बाहर आएंगे। बहुत से लोग वजन कम करने के लिए भी इस फॉर्मूले को अपनाते हैं।

इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस के लिए तरबूज-

Taking these 6 things on an empty stomach is beneficial for increasing the intestine, metabolism and energy level

सुबह ब्रेकफास्ट में खाली पेट तरबूज खाने से शरीर का इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस प्रमोट होता है और शरीर भी हाइड्रेट रहता है। तरबूज का लगभग 90 फीसदी हिस्सा पानी से भरा होता है, इसलिए गर्मियों में इसका सेवन शरीर में पानी की कमी भी पूरा करता है। साथ ही नेचुरल शुगर और कम कैलोरी की वजह से भी इसे एक सेहतमंद फल कहा जाता है। इसमें मौजूद विटामिन-C, विटामिन-B6 और अन्य न्यूट्रिएंट्स इन्यूनिटी बढ़ाने के साथ-साथ आपके मूड को बूस्ट करते हैं।

फाइल फोटो- गूगल

can have a negative effect on your health

अपनी पूरी जिंदगी में बहुत सी गलतियां करते हैं। कुछ हमारे स्वास्थ्य (Health) से जुड़ी होती हैं, कुछ हमारी दिनचर्या से जुड़ी होती है और कुछ हमारे रिश्तों से जुड़ी होती हैं। कुछ गलतियों का कोई रिवर्स गियर नहीं है यानी कि समय बीत जाने पर या समय रहते भी हम उन्हें सुधार नहीं सकते लेकिन कुछ गलतियां ऐसी होती हैं जिन्हें सही समय रहते सुधारा जा सकता है और इसमें से सबसे महत्वपूर्ण उन गलतियों को सुधारना है जो हमारे स्वास्थ्य से जुड़ी हैं।

इस भागमभाग भरी जिंदगी में हमारे पास खुद के लिए भी समय नहीं है। सबसे आगे रहने की इस होड़ ने हमारे स्वास्थ्य को कहीं पीछे छोड़ दिया है और फिर एक के बाद एक बीमारी जब हमें परेशान करने लगती हैं तो हमें समझ आता है कि उस समय अगर अपने लिए थोड़ा समय निकाला होता तो आज हमें डॉक्टरों के पास जाकर अपना कीमती समय गवाना ना पड़ता।

कुछ गलतियों को हमें समय रहते सुधार लेना चाहिए वरना इसका खामियाजा न सिर्फ हमें बल्कि हमारे अपनों को भी भुगतना पड़ता है।

तो चलिए जानते हैं स्वास्थ्य से जुड़ी ऐसी कौन सी गलतियां हैं जो आपको बिना समय गवाएं सुधार लेनी जरूरी है-

1. पानी पीना भूल जाना: जी हां, दोस्तों कामकाजी होने के कारण तथा काम को जल्द से जल्द निपटाने की चाह में हम अक्सर खाना समय पर खाना और पानी पीना भूल जाते हैं, लेकिन चिकित्सकों की मानें तो हमें रोजाना 08 से 10 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए। पानी की कमी के कारण आपको बहुत सी बीमारियां घेर सकती हैं। पानी ना पीने से आपको डिहाईड्रेशन हो सकता है, आपकी त्वचा ड्राई होने लगती है और आपको झुर्रियां होने लगती हैं।

2. नींद पूरी ना लेना:

can have a negative effect on your health

दोस्तों, कई लोग काम की वजह से अपनी नींद पूरी नहीं कर पाते लेकिन एक रिसर्च में पाया गया है कि नींद पूरी ना होने से आपको स्ट्रेस, हार्ट से जुड़ी दिक्कत और बलड प्रेसर की समस्या हो सकती है। इसलिए रोजाना 07 से 08 घंटे की नींद पूरी लेनी चाहिए।

3. सुबह के नाश्ते को नजरअंदाज करना: सुबह दफ्तर जल्दी पहुंचने की भाग दौड़ में हम अक्सर नाश्ते को नजरअंदाज कर देते हैं। जो हमारे स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। सुबह का नाश्ता ना करने से दिनभर थकान, कमजोरी महसूस होती है और शरीर पर बुरा असर भी डालती है।

4. लगातार एक ही पोजीशन में बैठे रहना: कई बार हम एक ही पोजीशन में बैठकर अपने प्रोजेक्ट या किसी जरूरी फाइल पर काम कर रहे होते हैं । हमें इसकी सुधि नहीं रहती कि हमने घंटों एक ही जगह बैठ कर बिता दिया है। ऐसे में खाना ठीक तरह से पच नहीं पाता। जिससे मोटापा बढ़ने लगता है। इसीलिए हमें अपने काम के बीच बीच में 10 से 15 मिनट का ब्रेक लेकर टहलना चाहिए।

5. मल्टीटास्किंग: जी हां, मल्टीटास्किंग का अर्थ है कि एक ही समय पर बहुत सारे कार्य को करना। हमसे से कई लोग मल्टीटास्किंग में माहिर होते हैं। खास तौर पर महिलाएं ऐसा करती हैं लेकिन पुरुष हो या महिला यह सभी के लिए घातक है मल्टीटास्किंग में एनर्जी तो लगती है, साथ ही इस स्ट्रेस भी बढ़ता है। जिसकी वजह से ब्रेन से संबंधित बीमारी या फिर दिल से संबंधित दिक्कतें महसूस हो सकती है।

फाइल फोटो- गूगल

Let us know why the skin becomes lifeless in summer and why does one feel tired

मौसम ने करवट ले ली है.. अब अक्सर बाहर जाते समय या कुछ काम करते समय पसीने की बूंदों ने आपके चेहरे व शरीर पर अपना अधिकार जमाना शुरू कर दिया होगा । जी हां, मेरे कहने का मतलब है गर्मियों के दिनों को वापस आने में अब देर नहीं है और गर्मियों के दिन अपने साथ-साथ उमस भरे दिन, लू, और त्वचा (Skin) संबंधी दिक्कतें अपने साथ लाते हैं। अक्सर गर्मियों में हम सबसे ज्यादा परेशानी अपनी त्वचा संबंधी दिक्कतों को लेकर महसूस करते हैं। दोस्तों गर्मियों के दिन शुरू होते ही सबसे प्रमुख समस्याएं जो हम महसूस करते हैं वे इस प्रकार से है-

1.धूप में जाने से त्वचा का काला पड़ना।
2. शरीर पर पसीना रुकने से घमोरियां।
3. त्वचा का बेजान हो जाना ।
4. हाइड्रेशन की दिक्कत और
5. थकान।

तो ऐसा क्या किया जाए कि जैसे हम ने ठिठुरन भरी सर्दीयों को खूब इंजॉय किया वैसे ही हम उमस भरी, तपती जलती धूप वाले, मौसम को भी इंजॉय कर सकें?

ऐसा क्या किया जाए जिससे हमारी परेशानियां तो दूर हो ही जाए, साथ ही हमारा स्वास्थ्य भी दुरुस्त बना रहे?

आपके इसी तरह के सवालों के जवाब आज मैं ले कर आई हूं। जी हां, दोस्तों मैं आपकी होस्ट और दोस्त आपको ऐसे पांच उपायों के बारे में बताऊंगी, जिससे आप गर्मी में होने वाली समस्याओं से तुरंत राहत पा सकेंगे और गर्मी के दिनों में भी तरोताजा महसूस कर सकेंगे तो चलिए जानते हैं;

Let us know why the skin becomes lifeless in summer and why does one feel tired

1. व्यायाम: जी हां, व्यायाम करने से इम्यूनिटी सिस्टम दुरुस्त होता है । साथ ही साथ व्यायाम शरीर में स्ट्रेस हारमोंस को बढ़ने से रोकता है। यह हमें हीटस्ट्रोक और बहुत सारे इंफेक्शन से भी बचाता है। इसलिए संतुलित तापमान में व्यायाम जरूर करना चाहिए। गर्मियों के दिनों का सबसे बेहतरीन और पसंद किया जाने वाला व्यायाम स्विमिंग है । यह आपको स्वस्थ तो रखेगा ही तथा गर्मियों से भी राहत दिलाएगा।

2. योग: जी हां, योग हमारे शरीर को स्वस्थ बनाता है। हमारे शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालता है। पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है । और शरीर को लचीला बनाने में हमारी मदद करता है। खासतौर पर गर्मियों में आप पवनमुक्तासन कर सकते हैं यह हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ ठंडक भी प्रदान करता है।

3. सही खान-पान आपको अपने खान-पान पर ध्यान देना होगा लेकिन गर्मियों में हमारी जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है कि हम एक संतुलित आहार पर जोर दें । गर्मियों में जो मौसमी फल बाजार में उपलब्ध होते हैं उनमें पानी की मात्रा अधिक होती है इसलिए इनका सेवन हमें जरूर करना चाहिए। गर्मियों में सामान्य खाना ही खाएं। ज्यादा तला भुना, मिर्च मसाले वाले खाने से परहेज करें तथा बाहर बाजार में उपलब्ध डिब्बा बंद खाद्य पदार्थों को ना कहें।

4. तनाव से बचें : आज के समय में हम सब की एक सामान्य समस्या है तनाव। आज कल हर व्यक्ति इससे परेशान है।आज की भागम भाग जीवन शैली में यह होना स्वाभाविक हैं। लेकिन ध्यान रखें की इसे अपने ऊपर हावी ना होने दें। तनाव से बचने के लिए हमें शरीर और मस्तिष्क को शांत रखना चाहिए।
अपने स्मार्टफोन का इस्तेमाल कम से कम करें।
किताबें पढ़ें।
म्यूजिक सुने और ध्यान करें।

5. पानी अधिक सेवन करें: जी हां, गर्मियों में सबसे बड़ी दिक्कत जो हमारे सामने आती है या हम महसूस करते हैं वह है “डिहाइड्रेशन की दिक्कत”। गर्मियों में हमें ध्यान रखना चाहिए कि हम पानी अधिक से अधिक पिएं ।
डिहाइड्रेशन से बचने के लिए औसतन 03 से 04 लीटर पानी पीना चाहिए।
पानी हमारे शरीर में तापमान को नियंत्रित करता है।
मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है।
और शरीर को डीटॉक्सिफाई भी करता है।

फाइल फोटो- गूगल

Know what is the 'power house' of nutrition according to doctors

हमारे घरों में रोज सब्जियां बनती हैं कुछ हमें बहुत अच्छी लगती हैं तथा कुछ हमें बिल्कुल भी नहीं भाती वैसे तो हर सब्जी की अपनी खासियत होती है, अपने गुण होते हैं लेकिन कुछ सब्जियों के बीज उनसे अधिक उपयोगी होते हैं। बीज शब्द सुनकर ही मन में बीज का इस्तेमाल कर सब्जियां उगाने का ख्याल जेहन में आता है पर कुछ बीज हमारी सेहत में सुधार लाने के लिए तथा स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए खाए भी जाते हैं। उन्हीं में से एक है कद्दू के बीज। जी हां, कद्दू की सब्जी का नाम सुनकर हम नाक भौं सिकोड़ने लगते हैं लेकिन सच तो यह है कि जिन सब्जियों के नाम सुनकर हम अक्सर नाक भौं सिकोड़ने लगते हैं वह हमारे स्वास्थ्य के लिए अधिक पौष्टिक होती हैं तो चलिए फिर सब्जियों की बात छोड़ कर अब हम बात करते हैं उनके बीजों से संबंधित; कद्दू के बीज खाने के चमत्कारी फायदे होते हैं इन चमत्कारी बीजों का लाभ पाने के लिए पुरुष और महिलाएं दोनों ही इसे पोषण वाले स्नेक्स के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। यह एक तरह का ऐसा स्नेक्स है जो लंबे समय तक आपका पेट भरा-भरा महसूस करवा सकते है। तो चलिए अब हम बात करते हैं कि कद्दू के बीज कैसे होते हैं-

यह छोटे आकार के तथा अंडाकार आकार के बीज होते हैं इन्हें पेपिटस या पंपकिन सीड भी कहा जाता है। चिकित्सकों की मानें तो यह एक तरह से पोषण का पावर हाउस है।

तो अब हम जानेंगे कि कद्दू के इन छोटे-छोटे बीजों में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं:
1. इसमें ओमेगा-6 फैटी एसिड पाया जाता है।
2. यह प्रोटीन से भरपूर होते है।
3. इसमें आयरन, कैल्शियम, B-2, फोलेट और बीटा कैरोटिन जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं।
4. इसमें जरूरी फैटी एसिड उच्च स्तर पर मौजूद होते हैं। यह हमारी रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ बनाए रखता है।
5.जस्ता, मैग्नीज, मैग्नीशियम, तांबा, एंटी ऑक्सीडेंट और फाइटोस्ट्रोल से भरपूर होता है।

तो चलिए अब हम इसके फायदों के बारे में जानते हैं-

Know what is the 'power house' of nutrition according to doctors

1. यह मधुमेह में सहायक है: यह तनाव कम कर के ब्लड में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है।

2. वजन कम करने में असरदायक है। इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो आप को तृप्त महसूस कराता है और आपको अनहेल्दी खाने से रोकता है।

3. बालों की ग्रोथ में कामयाब: इन बीजों में क्यों क्यूक्रबिटासीन एक एमिनो एसिड पाया जाता है जो बालों के विकास में मदद करता है। यह बीच विटामिन-सी से भी भरपूर होते हैं।

4. एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं : कद्दू के बीजों में विटामिन-ई भरपूर मात्रा में पाया जाता है इसमें एक कैरोटीनायड नामक एक तत्व पाया जाता है जो सूजन कम करने में मददगार है।

5. दिल को दुरुस्त रखता है: इसके बीजों में फैट्स, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट तथा मोनो अनसैचुरेटेड फैटी एसिड होता है जो बेड कॉलेस्ट्रॉल को कम करता है और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है।

6. यह बेहतर नींद लेने में भी काफी असरदार है: कद्दू के बीजों में सेरोटोनिन नामक एक तत्व पाया जाता है जो एक न्यूरोकेमिकल है जिसकी वजह से हमें बेहतर तरीके से नींद आती है।

7. एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण: कद्दू के बीजों में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गठिया के दर्द में, जोड़ों के दर्द में राहत पहुंचाते हैं तथा यह सूजन को भी कम करते हैं।

8. शुक्राणुओं की गुणवत्ता को बढ़ाते हैं: कद्दू के बीजों में जिंक भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो शुक्राणु की गुणवत्ता को बढ़ाने में बहुत हद तक असरदायक है।

9. सबसे बड़ी खासियत कद्दू के बीज की यह है कि यह हमें इंफेक्शन से बचाता है और आंतों में होने वाले कीड़े जैसे कि टेपवार्म कीड़ों को खत्म करता है।

10. अब हम इसकी तासीर के बारे में जान लेते हैं तो बता दें कि इसके बीजों की तासीर गर्म होती है इसलिए इसे एक निश्चित मात्रा में खाना ही बेहतर होता है।

फोटो सौजन्य- गूगल

What is flaxseed, in which problems does flaxseed bring relief?

जब कभी आपने किसी के सामने अपने जोड़ों में होने वाले दर्द का जिक्र किया होगा तो यकीनन उसने आपको अलसी के बीज खाने को बोला गया होगा। हालांकि हम में से अधिकतर लोग अलसी के बारे में और उस से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं। जब भी हमें इस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो एक विचार जो हमारे जहन में सबसे पहले आता है वह यह है कि डॉक्टर से दवाई ले आनी चाहिए।

देखिए, किसी भी शारीरिक परेशानी के बारे में चिकित्सक से परामर्श जरूर लेना चाहिए लेकिन कुछ परेशानियों से हमें अपनी आदतों में बदलाव करके या कुछ घरेलू नुस्खे अपनाकर निजात मिल सकती है। हमारी अधिकतर समस्याओं का इलाज हमारे घर में मौजूद रसोई में ही हो सकता है। तो चलिए, आज जानते हैं अलसी से जूड़ी अहम जानकारियां-

अलसी क्या है ?
किन परेशानियों में राहत पहुंचाती है अलसी ?
इसके क्या फायदे हैं, इसके क्या नुकसान हैं?
इसको कैसे इस्तेमाल किया जाता है?

तो सबसे पहले हम जानेंगे अलसी क्या है? अलसी एक जड़ी बूटी के रूप में काफी लोकप्रिय है। अनेक बीमारियों में अलसी रामबाण औषधि का काम करती है। कई वर्षों से लोगों द्वारा निरोग रहने की इच्छा से इस का उपयोग किया जाता है। यह एक प्रकार का बीज है जिसका रंग लाल भूरा या गहरा भूरा हो सकता है। साबुत अलसी का अंदरूनी हिस्सा नरम होता है लेकिन इसका छिलका थोड़ा सख्त हो सकता है जिस को पचाने में हमारे लीवर को थोड़ी ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है।

तो चलिए अब हम जानते हैं यह किन परेशानियों में हमें राहत पहुंचाती है?

What is flaxseed, in which problems does flaxseed bring relief?

1. हृदय रोग में राहत पहुंचाती हैं:
यह मोनोसैक्चरेटेड होती है जिसकी वजह से यह हमारे दिल पर अधिक भर नहीं बढ़ने देती जिससे हमारा ह्रदय बेहतर तरीके से कार्य करता है।

2. ब्लड कोलेस्ट्रॉल कम करने में सहायक है:
कई बार लोगो को कोलेस्ट्रोल की समस्या आती है इसमें अलसी का प्रयोग बेड कोलेस्ट्रोल को घटाती है और गुड कोलेस्ट्रोल को बढ़ात है।

3 .पाचन तंत्र को दुरुस्त करती है:
हालांकि इसके बीज ऊपर से सख्त होते है जो जल्दी से पचते नहीं है लेकिन इसको भूनकर या चूर्ण बना कर सेवन किया जाए तो यह हमारे पाचन क्रिया को बेहतर करता है।

4. त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद है:
इसमें खूब सारे मिनरल और विटामिन होते है इसलिए यह हमारी त्वचा को भी पोषण देती है तथा उसे स्वस्थ बनाती है।

5. वजन कम करने में भी बहुत अधिक सहायक होती है:
अलसी में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो आपको पेट भरा हुआ महसूस होता है, जिससे भूख कम लगती है ।

6. कैंसर का खतरा कम करती हैं: इसमें मिनरल और विटामिन की भरपूर मात्रा होने के कारण शरीर में किसी तरह के हानिकारक केमिकल को बनने नहीं देता जिससे कैंसर का खतरा कम रहता है।

7. टाइप- मधुमेह में राहत दिलाती है: जी हां, मधुमेह के रोगियों के लिए यह रामबाण है।

8. हमारे शरीर की अंदरूनी सफाई करती है: इसका नियमित सेवन हमारे शरीर को अंदरूनी साफ करती है।

9. हमारे बालों से संबंधित समस्याओं को कम करती है: अक्सर हमारे बालों में रूसी, डेंड्रफ, खुजली जैसी दिक्कत होती है जिसका अलसी का सेवन एक बहुत सस्ता और आसान उपाय है।

इस के फायदे और नुकसान के बारे में जानने के साथ-साथ हमें यह भी जान लेना चाहिए कि इस की तासीर कैसी होती है? तो बता देते हैं कि अलसी की तासीर गर्म होती है।

अब हम इसके अन्य फायदों के बारे में जानते हैं:
सबसे पहले हम यह बता दें कि यह शरीर में प्रोटीन की पूर्ति करती हैं।
अलसी फाइबर से भरपूर होती है।
इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड मौजूद होता है।
इसमें बहुत सारे मिनरल्स और विटामिंस भी पाए जाते हैं।

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि एक सिक्के के दो पहलू होते हैं उसी प्रकार अलसी को अपने आहार में शामिल करने के जितने फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं हम सभी जानते हैं और मानते भी हैं कि किसी भी चीज की अति बुरी होती है जो महिलाएं गर्भधारण किए होती है उनको अलसी का उपयोग नहीं करना चाहिए।
जो महिलाएं बच्चों को स्तनपान कराती हैं उनको भी अलसी का उपयोग नहीं करना चाहिए।
इसकी अधिकता से आंतों में रुकावट आ सकती है ।
यह एलर्जी रिएक्शन भी कर सकती है।

अब हम जानते है कि इसको लेना का सबसे अच्छा तरीका कौन सा है?
जैसा कि हम पहले भी बता चुके है कि इसका छिलका सख्त होता है जो पचने में दिक्कत करता है तो आपके लिए बेहतर है कि आप इसको हल्का भून लें और फिर इसको पिस कर इसका पाउडर बना लें तथा एक निश्चित मात्रा में दिन में एक बार ले सकते हैं।