विटामिन-D हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी है। हम सभी जानते है की धूप से हमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन-D मिल जाता है। कुछ खाद्य पदार्थों से भी इसकी पूर्ति की जा सकती है जैसे मछली, डेयरी उत्पाद, संतरे का रस, सोया और दूध में भी हो सकता है।

विटामिन-D हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी है। हम सभी जानते है की धूप से हमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन-D मिल जाता है। कुछ खाद्य पदार्थों से भी इसकी पूर्ति की जा सकती है जैसे मछली, डेयरी उत्पाद, संतरे का रस, सोया और दूध में भी हो सकता है।
मखाना एक तरह का ड्राई फ्रूट है जो खाने में काफी स्वादिष्ट होटा है। पोषक तत्वों से भरपूर मखाने में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल, Calcium, Magnesium और प्रोटीन के गुण पाए जाते हैं। साथ ही इनमें Sodium, Fats की मात्रा भी काफी कम होती। मखाने का इस्तेमाल करने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं दूर होती हैं। जो लोग ब्लड की कमी से जूझ रहे हैं, हेल्थ एक्सपर्ट उन्हें दूध में मखाना उबालकर खाने की सलाह देते हैं। यह ना सिर्फ पाचन तंत्र को दुरुस्त करते हैं बल्कि शरीर में ऊर्जा का भी संचलन करते हैं।
हड्डियां बनती हैं स्ट्रोंग
मखाने में कैल्शियम की काफी मात्रा में पाया जाता है। नियमित तौर पर मखाने का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं। आप अगर चाहें तो मखाने को घी में फ्राई कर भी सेवन कर सकते हैं।
दिल को रखे फिट
मखाना खाने में जितने स्वादिष्ट होते हैं, उतने ही इनमें पोषक तत्व मौजूद होते हैं। मखाने में एक्केलाइड नामक तत्व पाया जाता है जो दिल को दुरुस्त रखने में सहायक होता है। मखाने को डेली सेवन करने से दिल का दौरा का खतरा भी कम होता है।
नींद की समस्या
जो लोग नींद ना आने की समस्या का सामना कर रहे हैं उनके लिए भी मखाना जरूरी हो सकता है। रात में सोने से पहले मखाने वाले दूध के सेवन से अच्छी नींद आती है और अनिंद्रा की समस्या दूर हो जाती है।
एनर्जी का संचयन
मखाना का रोजाना इस्तेमाल से शरीर मजबूत बनता है, क्योंकि यह शरीर में एनर्जी को संचयित करता है। दूध में मौजूद प्रोटीन प्रोटीन बॉडी में ऊर्जा को संचयन करता है।
झुर्रियों से दिलाए छुटकारा
मखाने में मौजूद तत्व एजिंग के निशान यानी झुर्रियों से भी छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। रोजाना मखाने का सेवन करने से त्वचा में इलास्टिसिटी बढ़ जाती है।
डाइजेस्टिव सिस्टम दुरुस्त रखने में असरदार
जो लोग पेट की समस्या यानी कब्ज से परेशान रहते हैं, उनके लिए मखाना किसी रामबाण से कम नहीं है। मखाने में मौजूद फाइबर और आयरन तत्व गैस और अपच की समस्या से छुटकारा दिलाते हैं। आप दूध में उबालकर मखाने का सेवन कर सकते हैं।
मां बनना हर महिला के जिंदगी में एक खास मुकाम रखता है। लेकिन कई बार नई माताएं खुद को खो भी देती हैं। हालांकि ये वक्त भी काफी कठिनाइयों भरा होता है पर उससे भी ज्यादा यह एक खूबसूरत अहसास होता है।
अक्सर नई माताएं खुद के लिए वक्त नहीं निकाल पाती हैं जिसकी वजह से वह परेशान हो जाती है। आइये जानते हैं कुछ खास तरीकों के बारे में जिनकी सहायता से आप खुद को खोए बिना इन आसान तरीकों की मदद से मां बनने के अहसास को एंजॉय कर सकती हैं।
बच्चों के साथ बिताए समय
आप बच्चों के साथ कुछ फन एक्टिविटी कर सकती हैं। अपने रोजाना के कामों से समय निकाल कर अपने बच्चे के साथ वक्त बिताएं। ऐसा करने से ना सिर्फ आपको आराम मिलेगा बल्कि आपको अपने बच्चे के साथ स्ट्रॉन्ग बॉन्ड बनाने में भी मदद करेगा।
परफेक्ट बनने की दौड़ में ना रहें
सभी नई मम्मियां हर चीज को पूरी तरह से परफेक्ट करने की खूब कोशिश करती हैं। हालांकि यह कई बार ये संभव नहीं होता है। हम अक्सर गलतियां करते हैं तथा उन्हीं से सीखते हैं, ऐसे में हमें परफेक्ट बनने की दौड़ में नहीं पड़ना चाहिए।
घूमना भी जरूरी है
जरूरी नहीं है कि आप हफ्ते भर घूमने का प्लान बनाएं लेकिन आप एक या दो दिन घूमने-फिरने की योजना बना सकती हैं। आप आस पास किसी मनचाहे जगह पर घूमने जा सकती हैं। यह आपके लिए काफी रिलेक्सिंग की लिहाज से अच्छा हो सकता है।
अपने बॉडी को समझें
ये बात आम है कि नई माताएं पूरी परिवार की फिक्र करती हैं, जिसमें आपके लिए जरूरी है कि आप अपने शरीर की भी थोड़ा सुनें। एक्सरसाइज या योगा रूटीन को पूरी तरह से अपनाएं। अपने परिवार को समझाती रहे कि आपको खुद के लिए एक या दो घंटे की आवश्यकता है। आप अपने बच्चे के सोने के समय को फिक्स जरूर करें और उस बीच खुद को समय दे सकती हैं।
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आप और हम अक्सर अपनी दादी-नानी से सुनते आए है कि बादाम खाने से याददाश्त बढ़ती है, दिमाग़ तेज होता है। लेकिन क्या आप जानते है कि इसके और भी बहुत से फायदे है, जो कम ही लोग जानते है।
तो चलिए फिर हम आज जानते है बादाम के बारे में और उसके फायदों के बारे में:
सबसे पहले हम बादाम के बारे में जान लेते है:
बादाम साइंस के मुताबिक रोजशी फेमिली से संबंधित है, इसके अंतर्गत आडू, सेब, नाशपाती, चेरी और खुबानी आते है।
भारत में जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश इसके सबसे बड़े उत्पादन कर्ता है। बादाम के फल के अंदर जो बीज होता है आप तौर पर उसे ही खाया जाता है। बीज का रंग सफेद होता है था उसपर भूरे रंग का छिलका होता है। बादाम से सेहत को अनेक फायदे मिलते है क्योंकि इसमें प्रोटीन, मिनरल, विटामिन, और फाइबर होते हैं। यूं तो लोग बादाम को कच्चा खाना ही पसंद करते है लेकिन अब इसका इस्तेमाल व्यंजनों की गार्निशिंग के लिए भी किया जाता है। बादाम से मक्खन, दूध तथा तेल तैयार किया जाता है।
तो चलिए अब हम जानते है इसके उपयोग से होने वाले फायदे:
इसके लिए आप रात में सोते समय हल्के हाथों से अपने आखों के नीचे और फिर नाक के आस पास हल्के हाथों से मसाज कीजिए और आप कुछ ही समय में फर्क महसूस करेंगी।
तो दोस्तों अब तो आप जान गए है कि बादाम कितने काम की चीज़ है। इसकी तरह की उपयोगी जानकारी के लिए हमसे जुड़े रहिए और अपने सुझाव हमें देते रहिएगा।
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बेदाग और निखरा चेहरा हर किसी को पसंद होता है। वो बचपन वाली त्वचा, वो कोमलता और निखार हमारे बड़े होते होते कहीं गुम हो जाते हैं। फिर जैसे-जैसे समय बढ़ता जाता है त्वचा संबंधी बीमारियां हमें घेरना शुरू कर देती हैं। कील, मुंहासे, दाग, झाइयां आदि समस्याएं शुरू हो जाती है। जिससे निजात पाने के लिए हम हर संभव कोशिश करते है लेकिन परिणाम सिर्फ यह निकलता है कि हमारी हर कोशिश व्यर्थ हो जाती है।
हम बचपन से सुनते आए हैं कि त्वचा संबंधी बीमारियों की जड़ हमारे पेट से शुरू होती है। अगर आप पेट की परेशानियों से जूझ रहे है तो त्वचा की परेशानियां होना लाज़मी है।
विशेषज्ञों की मानें तो कील, मुंहासों की समस्या बहुत आम है लेकिन झाइयां हमें थोड़ा ज्यादा परेशान कर सकती हैं।
झाइयां बहुत जिद्दी होती है, एक बार जब ये हो जाती है तो इनसे छुटकारा पाना मुश्किल होता है। लेकिन मुश्किल ज़रूर हो सकता है लेकिन नामुमकिन नहीं है।
आज मैं आपको बताऊंगी की इन झाइयों के होने के क्या कारण है तथा इनसे कैसे छुटकारा पाया जा सकता है।
तो चलिए पहले कारण जान लेते है:
आइए जानते है कैसे झाइयों से छुटकारा पा सकते है:
तो दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही, ऐसी ही उपयोगी जानकारी के लिए जुड़े रहें हमारे वेबसाइट से।
योग भगाए रोग, यह कहावत सदियों पुरानी है। हमारे ऋषि-मुनि नियमित योग करते थे और स्वस्थ रहते हुए लंबा जीवन जीते थे। योग हमारे मन-मस्तिष्क के साथ-साथ शरीर को भी फिट रखता है। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखने के लिए योग अत्यंत आवश्यक है। योग के महत्व को देश ने ही नहीं बल्कि सारी दुनिया ने भी माना है। इसलिए सारी दुनिया 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाती है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष प्रयास से हुई। इस बार हम 7वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाएंगे। कोरोना महामारी के की वजह से पिछले साल की तरह इस बार भी देश में योग दिवस का आयोजन वर्चुअल माध्यम के जरिये करने की तैयारी है।
योग से न केवल शरीर के अंगों बल्कि मन, मस्तिष्क एवं आत्मा में भी संतुलन बनाया जा सकता है। यही कारण है कि योग से शारीरिक समस्याओं के अलावा मानसिक समस्याओं से भी निजात पाया जा सकता है। योग की इसी खूबी को जानते हुए दुनिया ने इसे अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बना लिया है। कोरोना संकट से जूझ रही इस दुनिया ने रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने की दिशा में योग के महत्व को भी भली-भांति समझ लिया है।
कैसे हुई शुरुआत
पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया, जिसकी पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में की थी। पीएम मोदी के इस प्रस्ताव को 11 दिसम्बर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पूर्ण बहुमत से पारित किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 193 सदस्यों में से 177 ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से मंजूरी दी।
पीएम मोदी ने 27 सितम्बर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में कहा था, “योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है। यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है। यह मनुष्य और प्रकृति के बीच एक सामंजस्य है। योग हमें विचार, संयम, पूर्णता के साथ ही स्वास्थ्य को लेकर एक समग्र दृष्टिकोण भी प्रदान करता है। योग केवल एक शारीरिक व्यायाम ही नहीं है बल्कि यह अपने भीतर छिपी एकता की भावना, दुनिया और प्रकृति की खोज में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। हमारी बदलती जीवन-शैली में यह चेतना बनकर, हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकता है, तो आएं अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को अपनाने की दिशा में काम करते हैं।”
21 जून का ही दिन क्यों
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को 21 जून के दिन मनाने के पीछे बहुत बड़ा कारण है। भारतीय संस्कृति के अनुसार ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है। 21 जून साल का सबसे बड़ा दिन माना जाता है। इस दिन सूर्य जल्दी उदय होता है और देर से ढलता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है। कहा जाता है कि सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी होता है। इसी वजह से 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में मनाते हैं।
पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून, 2015 को पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया गया। इस दिन करोड़ों लोगों ने योग किया, जो कि एक रिकॉर्ड था। पीएम मोदी के नेतृत्व में करीब 35 हजार से अधिक लोगों और 84 देशों के प्रतिनिधियों ने दिल्ली के राजपथ पर योग के 21 आसन किए थे। न्यूयार्क के टाइम्स स्क्वॉयर पर करीब 30 हजार लोगों ने एक साथ योग किया था। इस खास आयोजन ने दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए थे। पहला रिकॉर्ड 35,985 लोगों के साथ योग करना और दूसरा रिकॉर्ड 84 देशों के लोगों द्वारा इस समारोह में हिस्सा लेना। पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम थी- सद्भाव और शांति के लिए योग।
दूसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
भारत में दूसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2016 का मुख्य आयोजन चंडीगढ़ में हुआ, जिसमें करीब 35 हजार लोग शामिल हुए। इस आयोजन का नेतृत्व भी प्रधानमंत्री मोदी ने ही किया था। इस योग दिवस में 170 देशों ने हिस्सा लिया। दूसरे योग दिवस की थीम थी- युवाओं को जोड़ें।
तीसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
तीसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2017 का मुख्य आयोजन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में किया गया, जहां प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 55 हजार लोगों ने हिस्सा लिया, वहीं न्यूयार्क के सेंट्रल पार्क में भी हजारों लोगों ने एक साथ योग किया। तीसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम थी- स्वास्थ्य के लिए योग।
चौथा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2018 का मुख्य कार्यक्रम उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान में आयोजित किया गया। इसमें प्रधानमंत्री मोदी के साथ करीब 50 हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। इस आयोजन की खास बात यह थी कि इसमें सऊदी अरब भी शामिल हुआ। चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम शांति के लिए योग थी।
5वा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
देश में पांचवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2019 का मुख्य कार्यक्रम झारखंड की राजधानी रांची में आयोजित किया गया था, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल हुए थे। इस वर्ष की थीम थी- योगा फॉर क्लाइमेट एक्शन।
छठा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
कोरोना वैश्विक महामारी के मद्देनजर 21 जून, 2020 को छठा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस वर्चुअल माध्यम से मनाया गया। इसकी थीम थी- योगा फॉर हेल्थ – योगा एट होम।
7वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस-2021 की केंद्रीय थीम ‘योग के साथ रहें, घर पर रहें’ है। इस बार भी इसे आभासी मंच पर ही मनाने की तैयारी है।
फोटो सौजन्य गूगल