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Author Archives: Zahid Abbas

Chhath Puja starts from today with Nahay-Khay

Chhath Puja 2023: आज से लोक आस्था का महापर्व छठ आरम्भ हो रहा है। छठ पर्व का समापन 20 नवंबर को होगा। 04 दिनों तक चलने वाले छठ पूजा के पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन उषा अर्घ्य देते हुए समापन होता है। छठ महापर्व सूर्य उपासना का सबसे बड़ा त्योहार होता है। इस पर्व में भगवान सूर्य के साथ छठी माई की पूजा-उपासना विधि-विधान के साथ की जाती है। यह सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। इस पर्व में आस्था रखने वाले लोग सालभर इसका इंतजार करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि छठ का व्रत संतान प्राप्ति की कामना, संतान की कुशलता, सुख-समृद्धि और उसकी दीर्घायु के लिए किया जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं इस पर्व से जुड़ी सभी जरूरी बातें…

नहाए-खाय से शुरू छठ महापर्व 

यह व्रत बहुत ही कठिन माना जाता है। इसमें 36 घंटों तक कठिन नियमों का पालन करते हुए इस व्रत को रख जाता है। छठ पूजा का व्रत रखने वाले लोग चौबीस घंटो से अधिक समय तक निर्जल उपवास रखते हैं। इस पर्व का मुख्य व्रत षष्ठी तिथि को रखा जाता है, लेकिन छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से हो जाती है, जिसका समापन सप्तमी तिथि को प्रातः सूर्योदय के समय अर्घ्य देने के बाद समाप्त होता है।

खरना 2023 की तारीख

खरना यानी लोहंडा छठ पूजा का दूसरा दिन होता है। इस साल खरना 18 नवंबर को है। इस दिन का सूर्योदय सुबह 06 बजकर 46 मिनट पर और सूर्यास्त शाम 05 बजकर 26 मिनट पर होगा।

छठ पूजा 2023 पर संध्या अर्घ्य का समय

छठ पूजा का तीसरा दिन संध्या अर्घ्य का होता है। इस दिन छठ पर्व की मुख्य पूजा की जाती है। तीसरे दिन व्रती और उनके परिवार के लोग घाट पर आते हैं और डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इस साल छठ पूजा का संध्या अर्घ्य 19 नवंबर को दिया जाएगा। 19 नवंबर को सूर्यास्त शाम 05 बजकर 26 मिनट पर होगा।

चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने का समय

चौथा दिन छठ पर्व का अंतिम दिन होता है। इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इस महाव्रत का पारण किया जाता है। इस साल 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इस दिन सूर्योदय 06 बजकर 47 मिनट पर होगा।

छठी पूजा का महत्व

छठ पूजा के दौरान सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा की जाती है। इस पूजा में भक्त गंगा नदी जैसे पवित्र जल में स्नान करते हैं। महिलाएं निर्जला व्रत रखकर सूर्य देव और छठी माता के लिए प्रसाद तैयार करते हैं। दूसरे और तीसरे दिन को खरना और छठ पूजा कहा जाता है। महिलाएं इन दिनों एक कठिन निर्जला व्रत रखती हैं। साथ ही चौथे दिन महिलाएं पानी में खड़े होकर उगते सूरज को अर्घ्य देती हैं और फिर व्रत का पारण करती हैं।

Chhath Puja में कभी ना करें ये गलतियां

  • छठ पर्व के दिनों में भूलकर भी मांसाहारी चीजों का सेवन न करें। साथ ही छठ पूजा के दिनों में लहसुन व प्याज का सेवन भी न करें
  • इस दौरान व्रत रख रही महिलाएं सूर्य देव को अर्घ्य दिए बिना किसी भी चीज का सेवन न करें।
  • छठ पूजा का प्रसाद बेहद पवित्र होता है। इसे बनाते समय भूलकर भी इसे जूठा न करें।
  • पूजा के लिए बांस से बने सूप और टोकरी का ही इस्तेमाल करना चाहिए। पूजा के दौरान कभी स्टील या शीशे के बर्तन प्रयोग न करें।
    साथ ही प्रसाद शुद्ध घी में ही बनाया जाना चाहिए।
Govardhan Puja: Govardhan Puja on 13 or 14 November?

Govardhan Puja: गोवर्धन पूजा का एक खास महत्व है। दिवाली के बाद मनाए जाने वाले इस पर्व से श्रीकृष्ण की पौराणिक कथा जुड़ी हुई है। पंचांग के मुताबिक कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन पूजा की जाती है।

इस दिन गोबर लीपकर घर के आंगन में गोवर्धन पर्वत और श्रीकृष्ण (Shri Krishna) की प्रतिमा बनाई जाती है। ज्यादातर दिवाली के अगले दिन ही गोवर्धन पूजा की जाती है लेकिन इस साल गोवर्धन पूजा की तिथि को लेकर उलझन की स्थिति बन रही है। किसी का कहना है कि यह पूजा 13 नवंबर यानी दिवाली के अगले दिन होनी है तो कोई इसे भैया दूज वाले दिन बता रहा है। ऐसे में इस साल 13 नवंबर या फिर 14 नवंबर के दिन गोवर्धन पूजा की जाएगी।

गोवर्धन पूजा किस दिन की जाएगी

पंचांग के मुताबिक इस साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 13 नवंबर, सोमवार दोपहर 02 बजकर 56 मिनट पर आरम्भ होगी और इसका समापन अगले दिन 14 नवंबर, मंगलवार को दोपहर 02 बजकर 36 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार इस वर्ष गोवर्धन पूजा 14 नवंबर के दिन की जाएगी। गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:25 मिनट से रात 9:36 मिनट के बीच है।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक इंद्रदेव के घमंड के चलते पूरे गांव को तूफान और बारिश का प्रकोप सहना पड़ रहा था. श्रीकृष्ण ने अपनी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकार ब्रजवासियों को बचाया था। इसके बाद से ही हर साल गोवर्धन पूजा की शुरुआत हुई।

गोवर्धन पूजा की विधि

गोवर्धन पूजा करने के लिए गोबर से गोवर्धन पर्वत और श्रीकृष्ण की प्रतिमा बनाते हैं। फूलों से गोवर्धन पर्वत सजाया जाता है। पूजा सामग्री में धूप, रोली, अक्षत, खील दीप, बताशे, और अन्नकूट आदि शामिल किए जाते हैं। इसके बाद गोवर्धन पूजा में गोवर्धन पर्वत की कथा पढ़ी जाती है और गोबर से तैयार गोवर्धन की सात बार परिक्रमा करते हुए आरती की जाती है और जयकारे लगाए जाते हैं। इस तरह सम्पन्न होती है गोवर्धन पूजा।

Diwali 2023: How to worship Goddess Lakshmi on Diwali

Diwali का पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या को हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। मान्यता है इस दिन भगवान राम रावण का वध करके अयोध्या वापस लौटे थे। उनके आने की खुशी में ही अयोध्या के लोगों ने दीप जलाकर उनका भारी स्वागत किया था। तभी से ही इस दिन रोशनी का महापर्व दिवाली मनाया जाने लगा। दिवाली एक दिन का नहीं बल्कि पूरे 5 दिन तक चलने वाला त्योहार है। दिवाली की रात में जहां लोग अपने घरों के बाहर दीपक जलाकर खुशियां बनाते हैं तो वहीं, घर में लोग विधि विधान लक्ष्मी-गणेश जी की पूजा-अर्चना करते हैं।
जानिए दिवाली पूजा विधि की सम्पूर्ण जानकारी:

एक चौकी, लाल कपड़ा, भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की प्रतिमा, अक्षत यानी साबुत चावल, लौंग, इलायची, एक तांबे या पीतल का कलश, कुमकुम, हल्दी, दूर्वा, सुपारी, मौली, 02 नारियल, 02 बड़े दीपक, आम के पत्ते, पान के पत्ते, 11 छोटे दीपक, अगरबत्ती, जल पात्र, गंगाजल, घी, सरसों का तेल, दीये की बाती, धूप, मीठे बताशे, खील, मिठाई, फल, पुष्प, कमल का फूल, पकवान, मेवे। कई लोग दिवाली पर मां लक्ष्मी को कमलगट्टे, कौड़ी और धनिया भी चढ़ाते हैं।

Diwali Puja Vidhi 2023 (दिवाली पूजा की तैयारी कैसे करें)

  • पूजा वाले स्थान को अच्छे से साफ कर लें।
  • फिर ज़मीन पर आटे या चावल से चौक बना लें।
  • आपसे चौक न बन पाए तो केवल कुमकुम से स्वास्तिक ही बना लें या फिर आप चाहें तो कुछ दाने अक्षत भी रख सकते हैं।
  • इस पर चौकी रखें और चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।
  • चौकी पर 2 जगह अक्षत से आसन बनाएं और उस पर माता लक्ष्मी और गणेश जी को विराजमान करें।
  • ध्यान रहे कि लक्ष्मी जी को गणेश जी के दाहिने ओर ही स्थापित करना है और दोनों प्रतिमाओं का मुख पूर्व या पश्चिम दिशा की तरफ होना चाहिए।
  • अब भगवान की प्रतिमाओं के आगे थोड़े रुपए, गहने और चांदी के सिक्के रख दें।
  • दरअसल चांदी के सिक्के देवता कुबेर का स्वरूप माने जाते हैं।
  • अगर चांदी के सिक्के न हों तो आप कुबेर जी का चित्र या प्रतिमा भी स्थापित कर सकते हैं।
  • इसके बाद लक्ष्मी जी के दाहिनी तरफ अक्षत से 8 पखुंडियों वाला एक पुष्प बनाएं।
  • इसके बाद लक्ष्मी जी के दाहिनी तरफ अक्षत से 8 पखुंडियों वाला एक पुष्प बनाएं।
  • फिर एक कलश में जल भरकर उस पर रख दें।
  • कलश के थोड़ा सा गंगा जल, कुमकुम, हल्दी, अक्षत, दूर्वा, सुपारी, लौंग और इलायची का जोड़ा डालें।
  • लेकिन अगर आपके पास ये सभी सामग्री नहीं है तो आप सिर्फ शुद्ध जल, अक्षत, हल्दी और कुमकुम भी डाल सकते हैं।
  • इसके अलावा ही आम के पत्तों पर भी हल्दी-कुमकुम लगा लें।
  • फिर आम के पत्ते को कलश में डालें और उसके ऊपर एक नारियल मौली बांधकर रख दें।
  • अब भगवान की चौकी के सामने अन्य पूजा सामग्री भी रख दें।
  • दो बड़े चौमुखी घी का दीपक रख लें और 11 दीयों में सरसों का तेल डाल लें।

दिवाली की पूजा विधि (Diwali Puja Vidhi)

दिवाली पर मुख्य रूप से मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। ऐसे में पूजा के लिए सबसे पहले पूजा की जगह को साफ करें और एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। फिर इस चौकी पर बीच में मुट्ठी भर अनाज रखें। कलश को अनाज के बीच में रखें। इसके बाद कलश में पानी भरकर एक सुपारी, गेंदे का फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने डालें। कलश पर 5 आम के पत्ते गोलाकार आकार में रखें। बीच में देवी लक्ष्मी की मूर्ति और कलश के दाहिनी ओर भगवान गणेश की मूर्ति रखें। फिर एक छोटी-सी थाली में चावल के दानों का एक छोटा सा पहाड़ बनाएं, हल्दी से कमल का फूल बनाएं, कुछ सिक्के डालें और मूर्ति के सामने रखें। इसके बाद अपने व्यापार/लेखा पुस्तक और अन्य धन/व्यवसाय से संबंधित वस्तुओं को मूर्ति के सामने रखें। अब देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश को तिलक करें और फिर दीपक प्रज्वलित करें।

दिवाली पूजा मुहूर्त 2023 (Diwali Puja Muhurat 2023)

दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 12 नवंबर, 2023 को शाम 5:39 मिनट से लेकर 7:35 तक है।

दिवाली पर कितने दीपक जलाने चाहिए

दिवाली पर कम से कम 13 या 26 छोटे दीपक जलाने चाहिए। साथ में दो बड़े दीपक जलाने चाहिए जिसमें एक घी का दीपक और एक सरसों के तेल का दीपक होना चाहिए।

Dhanteras 2023: Know the 'Golden Muhurta' of shopping on Dhanteras

धनतेरस (Dhanteras) पर सोना-चांदी और बर्तन खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस वर्ष 10 नवंबर को धनतेरस के दिन सोना और चांदी खरीदने का सबसे गोल्डन टाइम यानी शुभ समय दोपहर 02 बजकर, 35 मिनट से 11 नवंबर की सुबह 06 बजकर 40 मिनट के बीच है। अलावा इसके अगर आप इस वक्त खरीदारी से चूक जाते है तो 11 नवंबर को सुबह 06 बजकर, 40 मिनट से दोपहर 01 बजकर, 57 मिनट के बीच सामान परचेज कर सकते हैं।

दिवाली रोशनी का महापर्व है। यह हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में सबसे खास त्योहार है। हर किसी को इस महापर्व का साल भर इंतजार रहता है। दीपोत्सव का यह पर्व पूरे 05 दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है। धनतेरस का पर्व छोटी दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है। पंचांग के मुताबिक धनतेरस का पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन मनाया जाता है। इस दिन धन्वंतरि देव, लक्ष्मी जी और कुबेर महाराज की पूजा कर की जाती है। साथ ही किसी भी वस्तु की खरीदारी के लिए यह दिन उत्तम माना जाता है। मान्यता है कि धनतेरस के दिन खरीदी गई चल-अचल संपत्ति में तेरह गुणा वृद्धि होती है। यही कारण है कि लोग इस दिन बर्तनों की खरीदारी के अलावा सोने-चांदी की चीजें भी खरीदते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं इस साल धनतेरस पर खरीदारी और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है-

साल 2023 में धनतेरस तिथि

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन धनतेरस मनाई जाती है। इस वर्ष यह तिथि 10 नवंबर को दोपहर 12 बजकर, 35 मिनट से आरम्भ हो रही है। इस तिथि का समापन अगले दिन 11 नवंबर की दोपहर 01 बजकर, 57 मिनट पर होगा। धनतेरस के दिन पूजा प्रदोष काल में होती है, इसलिए धनतेरस 10 नवंबर को मनाई जाएगी।

पूजा मुहूर्त और शुभ मुहूर्त

इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 47 मिनट से रात 07 बजकर 47 मिनट तक है।

धनतेरस पर पूजा की ये है विधि

  • धनतेरस के दिन शाम के वक्त यानी प्रदोष के दौरान काल शुभ मुहूर्त में उत्तर की ओर कुबेर और धन्वंतरि देव की प्रतिमा स्थापित करें।
    साथ ही मां लक्ष्मी व गणेश जी की भी प्रतिमा या चित्र स्थापित करें, फिर दीप प्रज्वलित करें और विधिवत पूजी शुरू करें।
  • सभी देवों को तिलक लगाएं। इसके बाद पुष्प, फल आदि चीजें अर्पित करें।
  • कुबेर देवता को सफेद मिष्ठान और धन्वंतरि देव को पीले मिष्ठान का भोग लगाएं।
  • पूजा के दौरान ‘ऊँ ह्रीं कुबेराय नमः’ इस मंत्र का जाप करते रहें।
  • भगवान धन्वंतरि को खुश करने के लिए इस दिन धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ अवश्य करें।

ये है धनतेरस का खास महत्व

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन उनका पूजन किया जाता है। धनतेरस के दिन धन की देवी लक्ष्मी जी, धन कोषाध्यक्ष कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन विधि पूर्वक पूजा करने से घर में धन की कमी नहीं होती है।

Sex life

एक समय था जब कोरोना ने हमें अपने अपने घरों की चारदीवारी में बैठकर अपना मनोरंजन का इंतजाम करने को मजबूर कर दिया था। इस दरम्यान बोर्ड गेम को काफी तरजी मिली क्योंकि दोस्तों या पेपर्स के एक ग्रुप ने Online Media पर बोर्ड गेम खेलना शुरू कर दिया।

1. गेम नाइट का बना सकते हैं प्लान

कपल्स दिल चाहे तो कुछ खास ऑनलाइन गेम जैसे कि सीक्वेंस या स्क्रैबल दो लोगों द्वारा खेले जाने वाला गेम खेल सकते हैं। कुछ तो ऐसे भी गेम हैं जो कि आपके बचपन को फिर से जिंदा तक दे।

2. कपल के लिए जरूरी स्पा

एक ही समय में आपको मानसिक शांति देने के साथ-साथ आपकी मसल्स को आराम देने वाले स्पा एक्सपीरियंस को कौन पसंद नहीं करेगा? अपने साथी के साथ एक कपल स्पा एक्सपीरियंस बुक करें और ऑफिस के बिजी डे के बाद एरोमेटिक मसाज के साथ थैरपी का आनंद लें।

यदि आप किसी स्पा में जाने के लिए तैयार नहीं हैं, तो आप सुगंधित तेलों, धीमे संगीत और गर्म पानी के बबल बाथ के साथ एक रोमांटिक इन-हाउस स्पा की योजना भी बना सकते हैं।

3. स्टार-गेजिंग का बनाएं प्लान

आधी रात को जब पूरा शहर सोता है और आपके पास कम प्रदूषण और कम शोर के साथ पूरा आकाश होता है, तो इसका वास्तविक अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। स्टार-गेजिंग का अनुभव प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका है कि शहर की सीमा के बाहरी इलाके में एक कैंपिंग गतिविधि की योजना बनाएं।

यह ऐसी जगह होनी चाहिए, जहां साफ आसमान हो और परेशान करने के लिए कोई शोर नहीं है। अपने पार्टनर के साथ एक रात बिताएं, सितारों की गिनती करें और जीवन भर की यादें बनाएं।

4. ड्रीम डेट पर जा सकते हैं 

आप अपने पार्टनर के लिए उसी जगह ड्रीम डेट प्लान कर सकते हैं, जहां आप उनसे पहली बार मिले थे। अपने साथी को उसी तरह के कपड़े पहनकर आश्चर्यचकित करें (यदि अभी भी आपके पास हैं) और उन्हें उस जगह पर अजनबी के रूप में मिलें, जैसे आप पहली बार मिले थे।

5. एक साथ एक शौक करें पूरा 

When partner is busy

निश्चित रूप से ये एक ऐसी एक्टिविटी होगी, जिसका आप हमेशा अभ्यास करना चाहते थे, लेकिन काम की वजह से या अन्य कारणों से आपको मौका नहीं मिला। पेंटिंग, मिट्टी के बर्तन, डांस, खाना पकाना, ये कुछ भी हो सकता है, जिसे आप अपने साथी के साथ करना पसंद करेंगे। अपने साथी को अपने साथ खुशी के पल साझा करने दें।

6. सनसेट का लें आनंद

कुछ लोगों का सनराइज और सनसेट से एक रिलेशन होता है। यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं, जो सनसेट का पीछा करना पसंद करते हैं, तो समुद्र के किनारे एक रेस्तरां में एक डेट नाइट योजना बनाएं और सनसेट देखने के लिए लंबी पैदल यात्रा करें। यह सबसे रोमांटिक गतिविधियों में से एक हो सकता है, जो आप अपने पार्टनर के साथ करते हैं।

7. रोमांटिक ए़़डवेंचर का लें मजा

अगर आप और आपका पार्टनर उन लोगों में से हैं, जो एड्रेनालाईन रश से प्यार करते हैं, तो राफ्टिंग, बंजी जंपिंग या पैरासेलिंग जैसी एडवेंचर एक्टिविटी की योजना बनाएं और साथ में रोमांच का आनंद लें। साथ में किसी भी एडवेंचर एक्टिविटी को करने के लिए एक रोमांटिक थ्रिल जरूर मिलता है।

परिणाम (Result)

अब बस ये आइडिया पढ़कर इसे भूल मत जाइयेगा, बल्कि ये सोचना शुरू कर दीजिए कि आपकी अगली रोमांटिक डेट कौन सी होगी?

 

Feeding

Pregnancy: एक अध्ययन के अनुसार शाकाहारी भोजन करने वाली महिलाओं के दूध में मांसाहारी महिलाओं की तुलना में कम कीटनाशक पाए गए। यूपी में पिछले दिनों 111 नवजात बच्चों की मौत हो गई और इन नवजात की मौत की वजह गर्भवती महिलाओं के दूध में पाए जाने वाले कीटनाशक को बताया गया। लखनऊ के क्वीन मैरी अस्पताल के अध्ययन के मुताबिक यह दावा किया गया है कि महाराजगंज में हुई इन मौत के लिए महिलाओं के दूध में पाए जाने वाले कीटनाशक हैं। यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि मां के दूध तक कीटनाशक कैसे पहुंचे।

अस्पताल ने इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए कुछ गर्भवती महिलाओं का परीक्षण किया। इस स्टडी में 130 शाकाहारी और मांसाहारी प्रेग्नेंट महिलाओं को शामिल किया गया था। यह शोध डॉक्टरों की एक टीम द्वारा किया गया था। इस शोध को एनवायरमेंटल रिसर्च जनरल में पब्लिश किया गया है। इस रिसर्च में कहा गया है कि शाकाहारी भोजन करने वाली महिलाओं के दूध में मांसाहारी महिलाओं की तुलना में कम कीटनाशक पाए गए पर कीटनाशक दोनों ही महिलाओं में पाए गए।

केमिकल फार्मिंग है कीटनाशक होने की वजह

Breast Feeding

 

अध्ययन के अनुसार मांसाहारी खाने से दूर रहने वाली महिलाओं के स्तन के दूध में कम कीटनाशक पाए गए हैं। शोध में यह भी कहा गया है कि दूध में कीटनाशक होने की वजह केमिकल फार्मिंग है। दरअसल, हरी सब्जियों या तमाम फसलों को उगाने के लिए तरह-तरह के कीटनाशकों और रसायनों का प्रयोग किया जाता है। जानवरों को भी सप्लीमेंट्स और केमिकल्स के इंजेक्शन्स दिए जाते हैं, जिसकी वजह से मांसाहारी भोजन करने वाली महिलाओं के दूध में कीटनाशक उत्पन्न हो जाते हैं।

मांसाहारी भोजन करने वाली महिलाओं के दूध में मौजूद कीटनाशक शाकाहारी महिलाओं की तुलना में तीन गुना ज्यादा थे। इस शोध में कहा गया है कि मां के दूध के जरिए बच्चे में भी कीटनाशक आराम से पहुंच सकते हैं। स्तन के दूध में मौजूद कीटनाशकों ने मासूम शिशुओं को गंभीर नुकसान पहुंचाया, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई।

बहरहाल, इस अध्ययन से स्पष्ट हो गया है कि प्रेग्नेंसी में ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों का ही सेवन करना चाहिए ताकि नवजात बच्चों में कीटनाशक मां के दूध के जरिए ना पहुंच सके।

Topless in front of everyone, made videos

जकार्ता: इस साल हुए मिस यूनिवर्स इंडोनेशिया कॉम्पिटिशन के मद्देनजर एक हैरान करने वाली खबर मीडिया में आई है। कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेने वाली कंटेस्टेंट्स ने ऑर्गेनाइजर्स पर संगीन आरोप लगाया है। कंटेस्टेंट्स ने आयोजकों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए पुलिस में कंप्लेन की है। पुलिस ने शिकायत मिलने की पुष्टि करते हुए कहा है कि कंटेस्टेंट्स ने एक रिपोर्ट दर्ज कराई है जिसकी जांच की जाएगी।

‘5 को एक अलग-अलग कमरे में ले गए’

इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में 29 जुलाई से 03 अगस्त के बीच यह सौंदर्य प्रतियोगिता आयोजित कराई गई थी। इसमें शामिल लड़कियों का आरोप है कि आयोजकों ने उनमें से 05 को एक अलग-अलग कमरे में ले गए, जहां पांच पुरुषों सहित करीब 20 लोग पहले से मौजूद थे। वहां उन्हें शारीरिक जांच के लिए अपने अंडरवियर उतारने के लिए कहा। इस दौरान उन लोगों ने उनके फोटो लिए और वीडियो बनाए।

कंटेस्टेंट्स की खींची गई टॉपलेस तस्वीरें

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार इस प्रतियोगियों की वकील मेलिसा एंगग्रेनी ने कहा कि पांचों प्रतियोगियों की टॉपलेस तस्वीरें खींची गईं, जबकि इस तरह की जांच की कोई जरूरत नहीं थी। वहीं शिकायतकर्ताओं में शामिल एक लड़की ने न्यूज चैनल कोम्पास टीवी द्वारा प्रसारित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उसे अनुचित तरीके से पोज देने के लिए कहा गया था, जिसमें उसके पैर खोलना भी शामिल था. उन्होंने कहा- ‘मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मुझे घूरा जा रहा है, मैं बेहद कन्फ्यूज और असहज थी’।

आयोजकों ने नहीं दिया कोई जवाब

रॉयटर्स के मुताबिक उसने मिस यूनिवर्स इंडोनेशिया पेजेंट आयोजित करने वाली कंपनी पीटी कैपेला स्वास्तिका कार्या और कंपनी के संस्थापक पोपी कैपेला से उनके सोशल मीडिया अकाउंट के जरिये संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

दुनिया के सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया में धार्मिक समूहों ने अतीत में सौंदर्य प्रतियोगिताओं पर आपत्ति जताई है। ऐसे में यह घटना सामने आने के बाद पूरा मामला गहराता नजर आ रहा है।

If there is pain in the breast just before periods

पीरियड्स (Periods) के ठीक पहले स्तन में दर्द और असहजता महसूस हो रही है तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा। लड़कियों और महिलाओं को पीरियड्स के पहले शरीर में यह दिक्कतें शुरू होती हैं। फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट की वजह, संकेतों और लक्षणों को जानने से आपको अपने हालात को सही ढंग से प्रबंधित करने में सहायता मिल सकती है।

If there is pain in the breast just before periods

यह समझना जरूरी है कि फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट कोई बीमारी या एक तरह का स्तन कैंसर नहीं है। यह एक नॉन कैंसरस स्थिति है। यह स्थिति है जो इसका अनुभव करने वाली हर महिला में अलग-अलग तरह से लक्षण दिखती है। हालांकि, सामान्य तौर पर यह महिला के पीरियड्स साइकल के नैचुरल के कारण शरीर में होने वाले हार्मोनल चेंजेज के कारण होता है। चूंकि पूरे साइकल में हार्मोन के स्तर में उतार-चढ़ाव होता है, इससे ब्रेस्ट में सूजन और कोमलता हो सकती है और साथ ही गांठ या सिस्ट भी होने लगते हैं।

Breast Feeding

फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं पर आमतौर पर एक या दोनों ब्रेस्ट में दर्द या कोमलता शामिल होती है। खासकर आपके मासिक धर्म से ठीक पहले स्तन भारी या सूजे हुए महसूस हो सकते हैं और छूने पर या ब्रा पहनने पर भी उनमें कठोरता महसूस हो सकती है। वे गांठदार भी हो सकते हैं या उनमें छोटे सिस्ट भी हो सकते हैं। जो बारीकी से देखने पर दिखाई दे सकते हैं। कुछ मसलों में जब आप गांठें छूते हैं तो वे आपकी स्किन के नीचे घूम सकती हैं।

फ़ाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट का सटीक वजह का अब तक पता नहीं चला है लेकिन ऐसा माना जाता है कि यह महिला के शरीर में हार्मोनल चेंजेज से संबंधित है। हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन को यौवन, गर्भावस्था या पेरिमेनोपॉज़ जैसे हार्मोनल उतार-चढ़ाव की अवधि के दौरान स्तनों में सिस्ट के विकास को ट्रिगर करने के लिए जाना जाता है। इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे- तनाव, ज्यादा कैफीन पीना और धूम्रपान शामिल हैं।

If there is pain in the breast just before periods

अगर आपको लगता है कि आपको फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट हो गया है तो आपको इनके लक्षणों और चिंताओं के बारे में अपने डॉक्टर से जरूर बात करना चाहिए। किसी गांठ या सिस्ट के साथ-साथ अन्य स्तन से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं की जांच के लिए एक ट्रेनिंग कर सकते हैं।

फ़ाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट खतरनाक या लाइफ थ्रेटिंग के लिए खतरा नहीं है, यह असुविधाजनक लक्षण पैदा कर सकता है जो रोजमर्रा की जिंदगी में हस्तक्षेप कर सकता है। आपके चिकित्सक लक्षणों को कम करने के लिए जीवनशैली में बदलाव जैसे तनाव के स्तर को कम करने या कैफीन की मात्रा कम करने की पैरवी करते हैं।

फोटो सौजन्य- गूगल

benefits of feeding in silver utensils for small children

चांदी (Silver) के बर्तनों के मद्देनजर मान्यता है कि इसमें छोटे बच्चों को खाना खिलाया जाए तो उनका विकास काफी अच्छे तरीके से होता है। इससे उनके मस्तिष्क का विकास सही तरीके से होता है। इसके बावजूद कुछ महिलाएं पेशोपेश में होती हैं कि ये सच है या सिर्फ पुरानी मान्यता। आइये जानते हैं कि चांदी के बर्तन में शिशु को खाना खिलाने के फायदे हैं या नुकसान और इसे कैसे उपयोग में लाना चाहिए।

सबसे पहले हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि छोटे बच्चों को चांदी के बर्तन में खिलाना सही है या गलत।

चांदी के बर्तन का इस्तेमाल छोटे बच्चों के लिए सुरक्षित है या नहीं?

दूसरे बर्तनों की तुलना में चांदी के बर्तन में भोजन करना सुरक्षित माना जा सकता है। चांदी में कई औषधीय गुण माने गए हैं। साथ ही चांदी से बने बर्तन जल्दी गंदे नहीं होते। इसलिए माना जाता है कि चांदी के बर्तन इस्तेमाल करने से भोजन और पौष्टिक हो जाता है। जब शिशु ठोस पदार्थ का सेवन शुरू करे, तो उसे चांदी के बर्तन में खिलाया जा सकता है। बस इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि बर्तन में चांदी के अलावा और किसी धातु का इस्तेमाल ना किया गया हो। इसके साथ ही एंटी बैक्टीरियल गुण के कारण चांदी के बर्तन में रखे खाद्य पदार्थ और पानी में सेहत खराब करने वाले बैक्टीरिया नहीं पैदा होते हैं।

शिशु को चांदी के बर्तन में खिलाने के फायदे

वर्षों से छोटे बच्चे को चांदी के बर्तनों में खिलाना शुभ माना गया है। इसलिए शिशु को उपहार स्वरूप चांदी के बर्तन भेंट किए जाते हैं। आइए, जानते हैं कि चांदी के बर्तन किस तरह छोटे बच्चों के लिए फायदेमंद है।

एंटी-माइक्रोबियल प्रभाव: प्लास्टिक या दूसरे धातु के बर्तन में खाना रखने से खाद्य पदार्थ में विषैले जीवाणु पैदा होने की आशंका होती है। वहीं, चांदी में एंटी-माइक्रोबियल गुण पाया जाता है। इसकी पुष्टि वैज्ञानिक शोध में भी होती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि चांदी बैक्टीरिया, फंगस व किसी भी तरह के वायरस को पनपने नहीं देता। यही कारण कि प्राचीन समय में चांदी का इस्तेमाल औषधी की तरह किया जाता था। इसलिए, चांदी के बर्तन में रखा खाना लंबे समय तक खराब नहीं होता।

रखरखाव में आसान: ऐसा माना जाता है कि अन्य बर्तन के मुकाबले चांदी के बर्तन को साफ करना आसान है। इसे किसी भी अच्छे डिश वॉशर व गर्म पानी से धोकर रखा जा सकता है। साथ ही इसे कुछ देर गर्म पानी में डालकर रखा जा सकता है। उसके बाद बाहर निकालकर सूखने के बाद इस्तेमाल किया जा सकता है।

नॉन टॉक्सिक: विभिन्न रिसर्च में कहा गया है कि चांदी के बर्तन में हानिकारक जीवाणु न के बराबर होते हैं। शरीर के नुकसान पहुंचाने वाले मरकरी और लीड के मुकाबले चांदी बच्चों के लिए ज्यादा फायदेमंद है। अगर गलती से चांदी का थोड़ा-सा अंश खाने के साथ शरीर में चला भी जाए, तो उससे नुकसान होने की आशंका कम ही होती है। इसके पीछे मुख्य कारण यह माना गया है कि शरीर के टिश्यू चांदी को आसानी से अवशोषित नहीं कर पाते हैं (3)।

केमिकल रहित: शिशु के लिए इस्तेमाल होने वाले बर्तनों में बीपीए और फ्थालेट जैसे हानिकारक केमिकल पाए जाते हैं। ये केमिकल शिशु के शारीरिक व मानसिक विकास को कई तरह से प्रभावित करते हैं। वहीं, बच्चों के लिए चांदी से बर्तन इन दोनों केमिकल से फ्री होते हैं।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए : दरअसल चांदी के बर्तन में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं। दूसरे धातुओं के बर्तन में खाना गर्म करने से उसके हानिकारक तत्व खाने में मिल जाते हैं, जो बच्चों की सेहत के लिए यह सही नहीं है। चांदी के बर्तन के साथ ऐसा नहीं होता है।

दवा के साथ रिएक्शन नहीं : दवाएं किसी भी बर्तन के साथ बहुत तेजी के साथ रिएक्शन करती हैं। चांदी के बर्तन के साथ ऐसा नहीं होता है। इसलिए दवा देने के लिए चांदी का बर्तन अच्छा हो सकता है।

घबराने की समस्या दूर करे : चांदी की तासीर ठंडी मानी गई है। इसलिए, चांदी के बर्तन में भोजन करने से शरीर का तापमान संतुलित रह सकता है। साथ ही मन शांत होता है और बेचैनी व घबराहट कुछ हद तक कम हो सकती है।

याद्दाश्त बढ़ाने में सहायक : कहा जाता है कि चांदी के बर्तन में बच्चों को खाना खिलाना से उनके मानसिक विकास में मदद मिलती है। यह दिमाग को शांत रखकर याददाश्त को बढ़ाने में मदद कर सकता है। साथ ही आंखें भी स्वस्थ रह सकती हैं।

आइए अब जानते हैं कि बाजार में बच्चों के लिए किस-किस प्रकार के चांदी के बर्तन उपलब्ध हैं।

बाजार में बच्चों के लिए खाने-पीने व दवा खिलाने समेत हर जरूरत के लिए चांदी के बर्तन मिल जाएंगे। यहां हम कुछ ऐसे ही बर्तनों के बारे में बताने जा रहे हैं।

केमिकल रहित: शिशु के लिए इस्तेमाल होने वाले बर्तनों में बीपीए और फ्थालेट जैसे हानिकारक केमिकल पाए जाते हैं। ये केमिकल शिशु के शारीरिक व मानसिक विकास को कई तरह से प्रभावित करते हैं। वहीं, बच्चों के लिए चांदी से बर्तन इन दोनों केमिकल से फ्री होते हैं।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए: दरअसल चांदी के बर्तन में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं। दूसरे धातुओं के बर्तन में खाना गर्म करने से उसके हानिकारक तत्व खाने में मिल जाते हैं, जो बच्चों की सेहत के लिए यह सही नहीं है। चांदी के बर्तन के साथ ऐसा नहीं होता है।

दवा के साथ रिएक्शन नहीं : दवाएं किसी भी बर्तन के साथ बहुत तेजी के साथ रिएक्शन करती हैं। चांदी के बर्तन के साथ ऐसा नहीं होता है। इसलिए दवा देने के लिए चांदी का बर्तन अच्छा होता है।

चांदी की थाली : खाना सर्व करने के लिए चांदी की थाली बाजार में मिल जाएंगी। कांच या प्लास्टिक की प्लेट की जगह इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

benefits of feeding in silver utensils for small children

चांदी की कटोरी : ठंडे और गर्म दोनों तरह के खानों के लिए चांदी की कटोरी बेहतर विकल्प हो सकती है। कई आकार में ये बाजार में मिल जाएंगे। बच्चे की जरूरत के हिसाब से इसका चुनाव किया जा सकता है।

चांदी की चम्मच : बच्चों को कुछ भी खिलाने में सबसे ज्यादा इस्तेमाल चम्मच का होता है। स्टेनलेश स्टील या प्लास्टिक के चम्मच की जगह चांदी का चम्मच बेहतर विकल्प हो सकता है। बाजार में कई डिजाइन में ये मिल सकते हैं।

चांदी का बना गिलास: पानी, जूस, दूध या दूसरे तरल खाद्य पदार्थ देने के लिए चांदी का गिलास सबसे अच्छा है। बाजार में छोटे से लेकर बड़े साइज तक में यह मिलता है।

बोंदला या संकू : बच्चा छोटा है, तो उसे दवा और दूध देने के लिए चांदी का बोंदला या संकू खरीद सकती हैं। यह छोटी कटोरी की तरह होता है, लेकिन किनारे पर शंख की तरह बना होता है। छोटे बच्चों को दवा और दूध देने में इससे आसानी होती है।

चांदी के बर्तन उपयोग करने के टिप्स

छोटे बच्चों के लिए चांदी के बर्तन काफी गुणकारी होते हैं। यह कई तरह से छोटे बच्चों को फायदा पहुंचाते हैं। यहां हम जानते हैं कि चांदी के बर्तन छोटे बच्चों के लिए इस्तेमाल करने के टिप्स।

चांदी के बर्तन में पानी दें : बच्चे का शरीर हमेशा गरम रहता है, तो चांदी के बर्तन में उसके पीने का पानी रखिए। उस पानी को ही हमेशा पिलाएं। इससे बच्चे का तापमान सामान्य हो सकता है।

खाना चांदी के बर्तन में रखें : अगर बच्चे का खाना बच गया है, तो उसे चांदी के बर्तन में रखकर फ्रिज में स्टोर करें। चांदी के बर्तन में बैक्टीरियल इंफेक्शन होने की आशंका कम ही होती है।

benefits of feeding in silver utensils for small children

चांदी के बर्तन में खाना करें गर्म : कुछ गर्म करके बच्चे को खिलाना हो तो चांदी के बर्तन में ही गर्म करें। दूसरे बर्तनों के हानिकारक पदार्थ गर्म करते समय खाने में मिल जाते हैं, लेकिन चांदी के साथ ऐसा नहीं होता है।

पित्त दोष से बचाए : चांदी के गिलास में पानी पीने और बर्तनों में खाना खाने से सर्दी-जुकाम से काफी हद तक बचा जा सकता है। पित्त दोष में भी कहा जाता है कि चांदी के बर्तन में खाना और पानी पीना लाभदायक होता है।

चिड़चिड़ापन दूर करे : बच्चा ज्यादा चिड़चिड़ा हो गया है, तो उसे चांदी के बर्तन में खाना खिलाएं और पानी पिलाएं। कहा जाता है कि ऐसा करने से दिमाग शांत होता है और चिड़चिड़ापन दूर होता है।

चांदी के बर्तन में खाना देते समय बरती जाने वाली सावधानियां

शिशु के लिए चांदी के बर्तन इस्तेमाल करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। इनके बारे में हम नीचे बता रहे हैं।

चांदी के बर्तन में अंडा नुकसानदेह : चांदी के बर्तन में कभी भी अंडा नहीं देना चाहिए। अंडे के पीले भाग में सल्फर होता है। चांदी से क्रिया करके यह काले रंग का सिल्वर सल्फाइड बनाता है, जो शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

पित्त दोष से बचाए : चांदी के गिलास में पानी पीने और बर्तनों में खाना खाने से सर्दी-जुकाम से काफी हद तक बचा जा सकता है। पित्त दोष में भी कहा जाता है कि चांदी के बर्तन में खाना और पानी पीना लाभदायक होता है।

चिड़चिड़ापन दूर करे : बच्चा ज्यादा चिड़चिड़ा हो गया है, तो उसे चांदी के बर्तन में खाना खिलाएं और पानी पिलाएं। कहा जाता है कि ऐसा करने से दिमाग शांत होता है और चिड़चिड़ापन दूर होता है।

छोटे बच्चों को चांदी के बर्तन में खाना देते समय बरती जाने वाली सावधानियां

शिशु के लिए चांदी के बर्तन इस्तेमाल करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। इनके बारे में हम नीचे बता रहे हैं।

अंडा न दें : चांदी के बर्तन में कभी भी अंडा नहीं देना चाहिए। अंडे के पीले भाग में सल्फर होता है। चांदी से रिक्शन कर के यह काले रंग का सिल्वर सल्फाइड बनाता है, जो शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

कुछ लोगों को हम अक्सर देखते हैं कि वह हर दिन सुबह उठकर जूस पीना पसंद करते हैं लेकिन ऐसा करना अमूमन हेल्थ के लिए सही नहीं होता। ऐसे बहुत से और विकल्प हैं जिन्हें फॉलो कर अपनी दिन की हेल्दी शुरुआत कर सकते हैं।

लोग जानकारी के कमी की वजह से सुबह खाली पेट कुछ ऐसा खा लेते हैं जिसके कारण उनकी पूरी दिनचर्या प्रभावित हो सकती है। अगर आप सुबह का पहला खाना हेल्दी रखते हैं, तो यह आपके पूरे दिन के खाद्य पदार्थों को पचाने में मदद करता है।

सुबह हेल्दी खाने से वेट लॉस, हेल्दी डाइजेशन से लेकर सेहत संबंधी कई अन्य समस्याओं को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। आज हेल्थ शॉट्स के साथ जानेंगे की सुबह खाली पेट आप किन खाद्य पदार्थों को खा सकते हैं और किन खाद्य पदार्थों को खाना आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकता है।

न्यूट्रीशनिस्ट और वेलनेस कंसलटेंट ने बताया है कि किन खाद्य पदार्थों को सुबह खाली पेट नहीं खाना चाहिए साथ ही जानेंगे सुबह किन खाद्य पदार्थों का सेवन हमारे लिए फायदेमंद हो सकता है।

कभी भी खाली पेट न करें इन खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल

1. चीनी और राइस सिरप

ज्यादातर लोग इसे खाली पेट लेते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि यह फैट बर्न करने में मदद करता है। हालांकि Honey में चीनी की तुलना में ज्यादा कैलोरी और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी अधिक होता है। बिना किसी मिलावट के शुद्ध शहद मिलना बेहद मुश्किल है और ज्यादातर लोग शहद के नाम पर चीनी और राइस सिरप का सेवन करते हैं। यह आपके रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा देता है जिसके परिणामस्वरूप पूरे दिन अधिक खाने की इच्छा होती रहती है। यदि आपके पास रॉ हनी है तब ही इसे अपनी मॉर्निंग डाइट में शामिल करें।

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2. खट्टे फल

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अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में फल बहुत जल्दी पच जाते हैं। इससे हमें एक घंटे के अंदर ही भूख लग जाती है। वहीं खाली पेट खट्टे फल खाने से एसिडिटी हो सकती है। खट्टे फल में कई महत्वपूर्ण विटामिन, मिनरल्स और फाइबर मौजूद होते हैं। परंतु फिर भी इनसे खाली पेट परहेज रखने की सलाह दी जाती है। संतरा, कीवी, अनानास जैसे फलों के सेवन से इनमें मौजूद फाइबर और फ्रुक्टोज की मात्रा आपके मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देती है, जिसकी वजह से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती है।

3. चाय और कॉफी

खाली पेट चाय या कॉफी का सेवन पेट में एसिड पैदा करता है और यह आपके पेट को असंतुलित कर सकता है और पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है। इसके सेवन से ब्लोटिंग, कॉन्स्टिपेशन, हार्टबर्न जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इसलिए सुबह चाय और कॉफी पीने से पहले कुछ खा लेना चाहिए और कोशिश करें कि चाय और कॉफी को अवॉयड कर सकें।

4. ब्रेकफास्ट में मीठे की जगह लें नमकीन

नमकीन नाश्ता आपके रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने के लिए उपयुक्त होता है। यह उन लोगों के लिए बिल्कुल सही है जो अपनी फिटनेस पर ध्यान देते हैं। प्रोटीन और फैट बेस्ड मॉर्निंग मील पूरे दिन की भूख को कम करने में मदद करता है। ऐसे में आप ओवरईटिंग नहीं करती।

मीठा नाश्ता आपके ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा देता है या इसे तेजी से कम कर सकता है, जिससे आपको अधिक भूख लग सकती है, विशेष रूप से कार्ब्स की क्रेविंग्स होगी और ऊर्जा शक्ति में भी गिरावट देखने को मिलती है।

5. मसालेदार भोजन

सुबह खाली पेट मसालेदार भोजन करने से आपके पेट मे जलन का अनुभव हो सकता है। साथ ही साथ यह पाचन संबंधी विभिन्न प्रकार की समस्याओं का कारण बनती है, खासकर हार्टबर्न और पेट दर्द। वहीं आप पूरे दिन असहज महसूस कर सकती हैं।