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Tag Archives: Skin

Follow these 3 special measures to make your breasts attractive

Women in 40: अनुभव और थकान से भरी एक ऐसी उम्र जब आप बहुत कुछ समझ चुकी होती हैं। लेकिन करने को अब भी बहुत कुछ शेष होता है। घर और बाहर की दुनिया की कई चुनौतियों को आप ने पार कर लिया है, मगर कामयाबी के कई सितारे अभी आपके कंधों पर सजने बाकी होते हैं। इस उम्र तक आते अधिकतर महिलाएं अपनी सेहत को सबसे निचले लेवल पर ला चुकी होती है। जबकि यह वही उम्र है जब आपको अपनी सेहत का सबसे अधिक ख्याल रखने की आवश्यकता होती है।

वजन, उम्र और पोजिशन कुछ ऐसी हो जाती है कि शारीरिक रूप से एक्टिव रहने का वक्त भी कम होता चला जाता है। जिसके कारण आप अपनी उम्र के पुरषों से ज्यादा बीमारियों के गिरफ्त में होते हो। अगर इन जोखिमों से बचकर, सफलता के साथ आगे बढ़ना है तो आपको खुद को शारीरिक रूप से सक्रिय रखने पर ध्यान देना होगा।

एक सीनियर साइकोलॉजिस्ट और साइकोथेरेपिस्ट के मुताबिक देखने में भले ही यह सामान्य लगे लेकिन यह उम्र आपके मन के स्तर पर बहुत सारे बदलाव लेकर आती है और यह सब हॉर्मोन में हो रहे बदलाव की वजह से होता है। जो आपकी स्किन, पीरियड, मूड और वेट सभी कुछ प्रभावित करते हैं। इसलिए इस समय आपको अपना और ज्यादा ख्याल रखना जरूरी होता है।

महिलाओं में 40 की उम्र में होने वाली सबसे आम समस्याएं

1. हॉर्मोनल असंतुलन

ये उम्र उन हॉर्मोन में बदलाव की उम्र है, जो अभी तक आपके रिप्रोडक्टिव हेल्थ और बाहरी खूबसूरती के लिए जिम्मेदार थे। अनियमित माहवारी और त्वचा पर उग आने वाले बाल बताते हैं कि आपके हॉर्मोन असंतुलित हो रहे हैं। इस समय एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हॉर्मोन में गिरावट आने लगती है।

2. हेयर फॉल और स्किन में बदलाव

If you are troubled by white hair then do this special exercise daily

एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन आपकी प्रजनन क्षमता के साथ-साथ आपके लुक को भी प्रभावित करते हैं। इनमें बाल पहले से हल्के और पतले होने लगते हैं, जबकि त्वचा में लोच और कसाव की कमी दिखाई देने लगती है। बालों का सफेद होना और त्वचा पर झुर्रियां उम्र के इसी पड़ाव पर नजर आने लगती है।

3. पाचन संबंधी समस्याएं

40 की उम्र की महिलाओं का पाचन तत्र पहले से धीमा हो जाता है, जिससे उन्हें पाचन संबंधी समस्याएं बहुत ज्यादा परेशान करने लगती हैं। अक्सर आपने महसूस किया होगा कि पहले आप जिन चीजों को बड़े दिलचस्पी के साथ खाती थीं, अब वही आपके पेट पर बोझ की तरह रहती है। अगर परहेज न किया जाए, तो गैस, एसिडिटी और बदहजमी जैसी समस्याएं इस समय ज्यादा होने लगती हैं।

4. वजन में इजाफा होना

Lose Weight: Now you don't need to sweat to lose weight

मेटाबॉलिज्म धीमा होने और हॉर्मोन असंतुलन होने की वजह से महिलाओं को इस उम्र में पेट के पास चर्बी बढ़ने लगती है। इस समय वजन बढ़ना जितना आसान होता है, उसे नियंत्रित करना उतना ही मुश्किल हो जाता है।

5. कमजोर होने लगती हैं हड्डियां

हालांकि 30 के बाद से ही महिलाओं की बोन डेंसिटी कम होने लगती है, इसलिए उन्हें केल्शियम पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है। मगर 40 की उम्र पार करते एस्ट्रोजन की कमी के कारण ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। इसलिए केल्शियम के साथ-साथ आपको विटामिन-D का लेवल भी चेक करते रहने की जरूरत होती है।

6 मूड स्विंग्स

हॉर्मोन सिर्फ आपकी प्रजनन क्षमता को ही नहीं, बल्कि आपके मूड को भी प्रभावित करते हैं। हॉर्मोनल असंतुलन के कारण इस समय आपको ज्यादा गुस्सा आ सकता है। ज्यादातर महिलाओं के परिवार में यह शिकायत आती है कि वे बहुत चिड़चिड़ी और गुस्सैल हो गई हैं। यह पेरिमेनोपॉज का भी एक संकेत हो सकता है। जब आपको हॉट फ्लैश और मूड स्विंग्स का सामना करना पड़ता है।

इस उम्र में कैसे रहा जाए फिट और हेल्दी

डॉक्टर के अनुसार 40 की उम्र में सक्रिय रहने के लिए तनाव को संतुलित करना, अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखना और सकारात्मक जीवनशैली अपनाने का दृष्टिकोण रखना आवश्यक है। तनाव ऊर्जा को समाप्त करने वाले प्रमुख कारणों में से एक है, इसलिए इसे प्रभावी ढंग से प्रबंधित रहना बेहद जरूरी है।

1. टेंशन देने वाले कारकों की पहचान करें

सबसे पहले, अपने जीवन में मौजूद तनाव के कारणों की पहचान करें, यानी यह जानें कि तनाव व्यवसायिक, व्यक्तिगत, वित्तीय या सामाजिक जीवन से आ रहा है। तनाव प्रबंधन पर सक्रिय रूप से काम करें और जरूरत पड़ने पर किसी जानकार से मार्गदर्शन लें। जितनी जल्दी कोई व्यक्ति अपने तनाव को पहचानकर किसी विशेषज्ञ से सलाह लेता है, उतने ही ज्यादा अवसर होते हैं कि वह अपने 40 के दशक में सक्रिय और ऊर्जावान रह सके। इसके साथ ही, उचित नींद लेना भी जरूरी है। अच्छी गुणवत्ता वाली नींद हमारे शरीर और दिमाग को ऊर्जावान बनाने के लिए जरूरी होती है।

2. खूब सारा पानी पीएं

हाइड्रेशन भी एक महत्वपूर्ण कारक है। पर्याप्त मात्रा में तरल पेय पीना और आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार लेना बहुत जरूरी है। इसके अतिरिक्त, संगीत सुनना, किताबें पढ़ना या रचनात्मक गतिविधियों में शामिल होना मन और संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है।

3. चाय-कॉफी कम कर दें

हो सकता है कि सुबह की पहली कॉफी या चाय आपको दिन के लिए तैयार करती हो, मगर यह आपको डिहाइड्रेट भी करती है। इसलिए इन्हें कम करने और धीरे-धीरे छोड़ने की ओर ध्यान दें। साथ ही, निकोटीन, शराब या किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थों से दूर रहना अत्यंत आवश्यक है।

4. हर रोज़ एक्सरसाइज करें

यह आपके लिए सबसे जरूरी एक्टिविटी है। डांस, जुंबा, एरोबिक्स, साइकलिंग, कार्डियो जो भी आपको पसंद है, उसकी मदद से खुद को एक्टिव रखें। हर दिन कम से कम 45 मिनट और सप्ताह में पांच दिन आपका फिजिकल एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी है। इससे मेटाबॉलिज्म ठीक रहता है, वजन नियंत्रित रहता है और आपका मूड भी अच्छा रहता है और आप कम बीमार पड़ती हैं।

डॉक्टर का कहना है कि साल में कम से कम एक बार संपूर्ण स्वास्थ्य जांच कराना चाहिए। ये सुझाव किसी भी व्यक्ति को उनके 40 के दशक में सक्रिय और ऊर्जावान बनाए रखने में मदद पहुंचा सकता है।

फोटो सौजन्य- गूगल

Daily Skin Care: These 4 unique skin care tips

Daily Skin Care: रोजाना स्किन की देखरेख करना गुड हैबिट है। आपकी त्वचा भी डल है तो इसके पीछे बहुत सी वजह हो सकती है। जिनमें से आपका खराब लाइफस्टाइल, उल्टा सीधा खाना और खराब स्किन केयर शामिल है। हमारे शरीर की तरह ही हमारी त्वचा को भी देखभाल की जरूरत होती है और इसके लिए आपको रोजाना स्किन केयर रूटीन का पालन करना होगा। अपनी डल और डेमेज स्किन के लिए नीचे दिए गए टिप्स का करें पालन-

सबसे पहले चुनें एक अच्छे क्लींजर को

Pre wedding skin care means enhancing the beauty of the bride

आपकी त्वचा से हर तरह की गंदगी को निकालने के लिए एक अच्छे से फेसवॉश की जरूरत होती है। इसके लिए आप अपनी त्वचा टाइप के हिसाब से अच्छी गुणवत्ता वाला फेसवॉश बाजार से ले लें।

एक अच्छे मॉइश्चराइजर का करें इस्तेमाल

अगर आपकी स्किन ऑयली है और आप सोचती हैं कि आपको किसी मॉइश्चराइजर की जरूरत नहीं है तो आप बिल्कुल गलत हैं। हर किसी को स्किन को मॉइश्चराइजर की आवश्यकता होती है। अगर आप की ऑयली स्किन है तो आपको कोई ऑयल फ्री मॉइश्चराइजर इस्तेमाल करना चाहिए और अगर ड्राई स्किन है तो किसी साधारण से मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करें।

सनस्क्रीन लगाना है जरूरी

Excessive use of sunscreen is harmful, do not forget to do it before sleeping at night

अगर आप कहीं बाहर निकल रही हैं तो सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना आवश्यक है। यह आपकी स्किन को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाता है और यदि आप घर बाहर नहीं भी निकल रही हैं तो भी आपको कम से कम एसपीएफ 30 या उससे कम का सनस्क्रीन जरूर लगाना चाहिए। बता दें कि आपको इसका प्रयोग हर चार घंटों के अंतराल पर री-अप्लाई करते रहना चाहिए। अगर आप इसका प्रयोग नहीं करती हैं तो आपकी स्किन बहुत डेमेज हो सकती है।

नाइट क्रीम का इस्तेमाल करें

नाइट क्रीम का इस्तेमाल वैसे तो अक्सर करते रहना फायदेमंद होता है। लेकिन अगर आपकी स्किन ज्यादा सेंसिटिव है तो आपको एक बार अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। कई बार कुछ नाइट क्रीम ज्यादा गाढ़े होते हैं और उससे आपकी स्किन में एक्ने व पिंपल्स हो सकती हैं। इसलिए अपने डर्मेटॉलजिस्ट की सलाह जरूर लेनी चाहिए। अगर आप इन्हीं सिंपल बातों को इग्नोर कर देते हैं तो आपकी स्किन धीरे धीरे डल व डेमेज होनी शुरू हो सकती है।

फोटो सौजन्य- गूगल

Excessive use of perfume for skin can cause big problems for you

सर्द मौसम में अक्सर लोग शरीर की दुर्गंध से निजात पाने को लेकर डियो और PERFUME का प्रयोग करने लगते हैं। लेकिन सोचे कि दुर्गंध दूर करने का दम भरने वाले ये प्रोडक्ट्स दिनभर तन पर लगाए रखने की वजह से किस तरह से आपके स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि इसे लगाने से दिनभर हम अच्छी फ्रेगरेंस को फील करते हैं। मगर बता दें कि इसका ज्यादा इस्तेमाल सिरदर्द, रैशेज, एलर्जी और कॉन्टैक्ट एक्जिमा समेत कई समस्याओं का कारण बनने लगता है। इसमें मौजूद रासायनिक तत्व शरीर को कई तरह से प्रभावित करने लगता है। आइये जानते हैं परफ्यूम से शरीर को होने वाले नुकसान के बारे में-

परफ्यूम का स्किन पर असर

रिपोर्ट के मुताबिक सुगंधित उत्पादों में थैलेट्स, एल्डीहाइड्स, पैराबेंस और एल्युमीनियम समेत कई कंपाउड पाए जाते हैं। इसके कारण स्किन एलर्जी, स्तन कैंसर, रिप्रोडक्टिव डिसऑर्डर, माइग्रेन और रेस्पीरेटरी समस्याओं का खतरा बना रहता है। स्किन केयर उत्पादों में मौजूद खुशबू में गेरानियोल, यूजेनॉल, सिट्रोनेलोल, फथलेट्स जैसे एलर्जेंस होते हैं। इनसे त्वचा की एलर्जी, हाइव्स, खुजली, रैशेज़, छींक और पिगमेंटेशन की समस्या बनी रहती है।

एक्सपर्ट बताती हैं कि परफ्यूम का इस्तेमाल भले ही खुशबू के लिए किया जाता है लेकिन इसमें मौजूद कुछ केमिकल्स आपकी त्वचा और सेहत पर हानिकारक प्रभाव डाल सकते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक परफ्यूम में इस्तेमाल होने वाले सिंथेटिक सुगंधित तत्व और प्रिज़र्वेटिव्स से एलर्जी, जलन और रैशेज़ जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कई बार ये समस्याएं तुरंत दिखाई नहीं देतीं पर लंबे समय तक परफ्यूम के इस्तेमाल से त्वचा की संवेदनशीलता बढ़ सकती है।

परफ्यूम से स्किन को होने वाले नुकसान

1. रैशेज़ की समस्या

परफ्यूम में मौजूद केमिकल्स से त्वचा पर खुजली, लाल चकत्ते और सूजन की समस्या बढ़ने लगती है। इसमें मौजूद केमिकल्स से त्वचा की नमी कम होने लगती है और स्किन ग्लो में बदलाव आने लगता है। इससे स्किन डलनेस और इरिटेशन बढ़ जाती है। साथ ही त्वचा पर सूजन की समस्या भी बढ़ने लगती है ।

2. त्वचा का सूखापन

सर्द मौसम में अधिक मात्रा में पानी न पीना डिहाइड्रेशन को बढ़ाता है। लेकिन साथ ही परफ्यूम का अत्यधिक इस्तेमाल भी इस समस्या का कारण सिद्ध हो सकता है। दरअसल, परफ्यूम अल्कोहल बेस्ड होते हैं, जिससे त्वचा की नमी छिन जाती है और रूखापन बढ़ने लगता हैं। साथ ही त्वचा पर दाने नज़र आने लगते हैं।

3. एलर्जी का खतरा

इसके लगातार इस्तेमाल से आंखों में जलन, छींकना और खुजनी बढ़ने लगती है। दरअसल, परफ्यूम में इथेनॉल की उच्च मात्रा पाई जाती है, जो हर उम्र के लोगों के लिए खतरनाक साबित होती है। एनवायरमेंटल वर्किंग ग्रुप के रिसर्च के मुताबिक परफ्यूम में मौजूद 34 फीसदी इंग्रीडिएंटस में विषाक्तता यानी टॉक्सीसिटी पाई जाती है।

4. सन सेंसीटिविटी

सुबह परफ्यूम लगाने के बाद धूप में जाने से त्वचा में जलन और पिगमेंटेशन का भी खतरा बना रहता है। इससे स्किन पर यूवी रेज़ का प्रभाव नज़र आने लगता और सन टैनिंग की भी समस्या बनी रहती है। दरअसल, इसके इस्तेमाल से स्किन इरीटेशन, डिसकलरेशन और जलन की समस्या बनी रहती है और इस स्थिति को फोटो टॉक्सीसिटी भी कहा जाता है। वे लोग जिनकी त्वचा संवेदनशील है उन्हें इससे दूर रहने की जरूरत है।

5. सांस संबधी समस्याओं का जोखिम

परफ्यूम की तेज सुगंध कुछ लोगों में सांस की समस्या या सिरदर्द का कारण बनने लगती है। एक्सपर्ट के मुताबिक परफ्यूम का प्रयोग सीमित मात्रा में करें और त्वचा पर सीधे लगाने से बचें। अगर आपको एलर्जी की समस्या है, तो बिना खुशबू वाले उत्पादों का चयन करें। हेल्थ डायरेक्ट की रिर्पोट के अलुसार लगभग तीन में से हर एक व्यक्ति सुगंधित उत्पादों के संपर्क में आने पर स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त महसूस होता है। इससे अस्थमा अटैक, हे फीवर, सिरदर्द, माइग्रेन, चक्कर आना और सांस लेने में तकलीफ और कंजेशन बढ़ने लगती हैं।

फोटो सौजन्य- गूगल

Red wine is beneficial for skin and hair

Red Wine: एक थकाऊ और लंबे दिन के बाद एक पेग वाइन लेना ये कुछ लोगों के लिए टेंशन दूर करने का तरीका हो सकता है। वैसे तो किसी भी तरह से अल्कोहल का सेवन हेल्थ के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। लेकिन कई स्टडी में यह बात सामने आई है कि थोड़ी मात्रा में वाइन पीना आपके हेल्थ के लिए अच्छा हो सकता है। ज्यादातर स्टडी में इसे हार्ट हेल्थ, वेट मैनेजमेंट और स्किन के लिए फायदेमंद कहा जाता है।

रेड वाइन त्वचा और बालों के देखभाल में अपने कई लाभों के लिए भी जानी जाती है। अंगूर से हासिल रेड वाइन एंटी ऑक्सिडेंट, विटामिन और अन्य पदार्थों से भरपूर होती है। जो इसके चिकित्सीय गुणों में योगदान करते हैं। आइये जानते हैं कि हेयर और स्किन केयर में रेड वाइन आपके लिए कैसे पायदेमंद हो सकती है और इसके इस्तेमाल का सही तरीका क्या है?

ये 4 कारण बनाते हैं रेड वाइन लाभदायक-

Red wine is beneficial for skin and hair

1. एंटी-एजिंग गुण

रेड वाइन में फ्लेवोनोइड्स, रेस्वेराट्रोल और टैनिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं, जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया में प्रमुख योगदान देने वाले फ्री रेडिकल्स और ऑक्सीडेटिव तनाव से लड़ने में मदद करते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट फाइन लाइन और झुर्रियों को कम कर सकते हैं, जिससे त्वचा जवां दिखती है। रेस्वेराट्रोल, विशेष रूप से, कोलेजन उत्पादन को उत्तेजित करने के लिए दिखाया गया है, जो त्वचा की लोच और मजबूत बनाए रखने के लिए जरूरी है।

2. त्वचा की बनावट और निखार

रेड वाइन में प्राकृतिक अल्फा-हाइड्रॉक्सी एसिड होते हैं, जो त्वचा को धीरे-धीरे एक्सफोलिएट करते हैं, मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाते हैं और सेल टर्नओवर को बढ़ावा देते हैं। इससे त्वचा चिकनी और अधिक चमकदार हो सकती है। रेड वाइन में मौजूद पॉलीफेनॉल त्वचा को चमकाने और त्वचा की रंगत को एक समान करने में मदद कर सकते हैं, जिससे काले धब्बे और पीगमेंटेशन कम हो जाती है।

3. एक्ने को ठीक करती है

रेड वाइन में प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो मुहांसे पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में मदद कर सकते हैं। इसे स्किन के ऊपर लगाने से सूजन कम हो सकती है और मुहांसे नहीं होंगे। रेड वाइन में मौजूद रेस्वेराट्रोल तेल उत्पादन को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकता है, जिससे त्वचा कम तैलीय और अधिक संतुलित रहती है।

4. हाइड्रेशन और पोषण देने में मददगार

रेड वाइन में विटामिन और खनिज होते हैं जो स्किन को पोषण देते हैं, इसे हाइड्रेटेड और हेल्दी रखते हैं। यह विशेष रूप से ड्राई या संवेदनशील त्वचा के लिए फायदेमंद हो सकता है।

रेड वाइन के जरिए बालों को मिलने वाले ये 3 फायदे

Red wine is beneficial for skin and hair

हेयर ग्रोथ में मददगार

रेड वाइन से मालिश करने पर स्कैल्प में रक्त संचार में सुधार होता है, जो बबालों को बढ़ाने में मदद करता है और बालों के रोम को मजबूत करता है। रेड वाइन में विटामिन और खनिज आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं जो बालों को हेल्दी तरीके से बढ़ने में मदद करता है और झड़ने को रोकते हैं।

चमकदार और सिल्की बाल

रेड वाइन में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट बालों को नुकसान पहुंचाने वाले मुक्त कणों से लड़ने में मदद करते हैं, जिससे बाल चमकदार और चिकने होते हैं। फ्लेवोनोइड्स और रेस्वेराट्रोल बालों की बनावट को भी बेहतर बना सकते हैं, जिससे बाल अधिक मैनेजेबल हो जाते हैं। रेड वाइन एक प्राकृतिक कंडीशनर के रूप में काम करता है, जो बालों को नमी प्रदान करती है।

डैंड्रफ़ दूर करती है रेड वाइन 

रेड वाइन के एंटीफंगल गुण डैंड्रफ़ और स्कैल्प की अन्य स्थितियों का इलाज करने में मदद कर सकते हैं। नियमित रूप से लगाने से स्कैल्प का स्वस्थ वातावरण बना रहता है, जिससे पपड़ी और खुजली की समस्या नहीं होती। रेस्वेराट्रोल के सूजनरोधी गुण सिर की जलन को शांत कर सकते हैं और सेबोरहाइक डर्माटाइटिस जैसी स्थितियों से राहत प्रदान कर सकते हैं।

स्किन और हेयर केयर के लिए रेड वाइन का इस्तेमाल ऐसे करें-

1. फेस मास्क-

रेड वाइन को दही, शहद या ओटमील जैसी सामग्री के साथ मिलाकर हाइड्रेटिंग और एक्सफोलिएटिंग फेशियल मास्क बनाएं। साफ त्वचा पर लगाएं और कुछ देर रखने के बाद इसे धो कर साफ कर ले।

2. बालों को धोएं-

शैम्पू करने के बाद, बालों को चमक और कोमलता देने के लिए रेड वाइन से धोएं। ठंडे पानी से धोने से पहले इसे कुछ मिनट के लिए लगा रहने दें।

3. टोनर-

एक कॉटन पैड को भिगोकर और चेहरे को साफ करने के बाद इसे अपने चेहरे पर लगाकर टोनर के रूप में रेड वाइन का उपयोग करें। यह रोमछिद्रों को कसने और त्वचा को चमकदार बनाने में मदद कर सकता है।

4. स्कैल्प मसाज-

रेड वाइन को नारियल या जैतून के तेल जैसे कैरियर ऑयल के साथ मिलाएं और अपने स्कैल्प पर मसाज करें। अपने नियमित शैम्पू से धोने से पहले इसे 30 मिनट के लिए लगा रहने दें।

Petroleum Jell: Many problems in winter, but only one solution

Petroleum Jelly: सर्दियां आते ही होठों का फटना, एड़ियां फटना आम हो जाता है। ऐसे में पेट्रोलियम जेली की डिमांड भी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। हम इसे होठों को हाइड्रेट और मॉइश्चराइज करने के लिए प्रयोग करते हैं। इसके फायदे सिर्फ होठों तक ही सीमित नहीं है। आप इसे कई अन्य समस्याओं के उपचार के मद्देनजर भी इस्तेमाल कर सकती हैं। यह आपके लिए बेहद कारगर साबित होंगे। आइये जानते हैं कि पेट्रोलियम जेली के कुछ जरूरी फायदे।

जानें किन-किन जगहों पर कारगर होती हैं पेट्रोलियम जेली

1. स्किन हीलिंग बढ़ाती है

पेट्रोलियम जेली काफी वर्षों से सभी का मनपसंद मॉइश्चराइजिंग प्रोडक्ट बना हुई है। इसके साथ ही डर्मेटोलॉडिस्ट भी इसे काफी पसंद करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि पेट्रोलियम जेली आपकी स्किन में पानी को सील कर देता है जिससे त्वचा ड्राई नहीं हो पाती है।

आपके चोट या घाव को भरने के लिए मॉइश्चर की जरूरी है, पेट्रोलियम जेली घाव के आसपास की त्वचा में मॉइश्चर मेंटेन रखता है जिससे कि हीलिंग पॉवर बूस्ट हो जाता है। वहीं यह मॉइश्चराइजर पुराने दाग धब्बों के रेडनेस को भी कम करने में मदद करता है और इनके इस्तेमाल से इन्फेक्शन का खतरा भी नहीं होता।

2. बच्चों में एटॉपिक डर्मेटाइटिस में भी पेट्रोलियम जेली का होता है काम

Petroleum Jelly: Many problems in winter, but only one solution

पेट्रोलियम जेली के इस्तेमाल से न्यूबॉर्न बेबीज की त्वचा पर होने वाली खुजली कम हो जाती है और इंफेक्शन का खतरा भी नहीं रहता। अगर आपकी फैमिली हिस्ट्री एटॉपिक डर्मेटाइटिस की रही है, तो ऐसे में बच्चों की त्वचा पर पेट्रोलियम जेली का प्रयोग इस समस्या को अवॉइड करने के लिए एक बेहद किफायती तरीका साबित हो सकता है। आप इसे बच्चे के जन्म के 03 से 04 हफ्ते के बाद से उनकी स्किन पर अप्लाई कर सकती हैं।

3. एक्जिमा और सोरायसिस की स्थिति में कारगर है

एग्जिमा और सोरायसिस दो स्किन कंडीशंस हैं, वहीं ठंड के मौसम में यह दोनों आपको अधिक परेशान कर सकते हैं। ऐसे में पेट्रोलियम जेली का इस्तेमाल इसमें आपकी मदद कर सकता है। यह इन्फ्लेमेशन को कम करते हुए त्वचा में अंदर से मॉइश्चर मेंटेन रखता है, जिसकी वजह से खुजली नहीं होती और आपकी त्वचा पर कम से कम स्क्रैच आते हैं। पेट्रोलियम जेली को इस्तेमाल करने का सबसे सही तरीका है, अपनी त्वचा को भिगोए और जब यह हल्की गीली हो, तो इसपर पेट्रोलियम जेली अप्लाई करें।

4. विंड बर्न से त्वचा को प्रोटेक्ट करता है

Petroleum Jell: Many problems in winter, but only one solution

ठंडी एवं शुष्क हवा और वातावरण के बढ़ते तापमान में आपकी त्वचा को प्रोटेक्ट करती है। थोड़ी सी पेट्रोलियम जेली लें और इसकी एक पतली लेयर को अपनी त्वचा पर अप्लाई करें। वहीं, अगर आपकी स्किन पर अधिक एक्ने होते हैं, तो त्वचा पर सभी ओर पेट्रोलियम जेली लगाने से बचें, क्योंकि इनके माध्यम से बैक्टीरिया और तेल स्किन में ट्रैप हो सकते हैं। इसलिए इन्हें केवल प्रभावित जगह पर ही अप्लाई करें।

5. आपके पेट्स के पॉज को करे प्रोटेक्ट

अपने पेट डॉग्स को सर्दियों की सैर पर ले जाने से पहले उसके पंजे के पैड पर थोड़ी सी पेट्रोलियम जेली रगड़ें। यह उनके पैरों को फुटपाथ पर ठंड और साल्ट से बचाव में मदद करेगा। यदि आपके पालतू जानवर को एटोपिक जिल्द की सूजन है, तो यह तैलीय परत उसकी त्वचा को मॉइस्चराइज़ रखने में भी मदद करेगा।

6. नाखूनों को करें मॉइश्चराइज

आपको अपने नाखून को मॉइश्चराइज करने के लिए महंगे प्रोडक्ट्स खरीदने की आवश्यकता नहीं है। पेट्रोलियम जेली आपके हाथ की स्किन से लेकर नाखूनों के चारों ओर की त्वचा को पूरी तरह से हाइड्रेटेड और मॉइश्चराइज रहने में मदद करेगी। इससे आपके नाखून भी सॉफ्ट होते हैं और नेल इनफेक्शन का खतरा भी नहीं होता।

7. आई मॉइस्चराइजर

आंखों के चारों ओर की परत बेहद पतली होती है, और यह आसानी से प्रभावित हो जाती है। ऐसे में ठंड के मौसम में आंखों के नीचे की त्वचा भी ड्राई हो जाती है। आप इस पर हर प्रोडक्ट को अप्लाई नहीं कर सकती, क्योंकि अधिक केमिकल से त्वचा और ज्यादा डल हो जाती है। ऐसे में पेट्रोलियम जेली आपकी त्वचा को मदद पहुँचती है। यह आंखों के नीचे की त्वचा को बिना किसी साइड इफेक्ट के अंदरुनी रूप से मॉइश्चराइज करती है, और इसे प्लंपी और ग्लोइंग बनाता है। हालांकि, इससे किसी प्रकार का एलर्जिक रिएक्शन नहीं होता परंतु यह बैक्टीरिया को अट्रैक्ट कर सकता है, इसलिए इसे थोड़े मात्रा में अप्लाई करें।

8. मेकअप रिमूवर के तौर पर इस्तेमाल

पेट्रोलियम जेली एक प्रभावी मेकअप रिमूवर के तौर पर जानी जाती है। जैसे कि हम हर चीज को अपनी आंखों पर अप्लाई नहीं कर सकते, ऐसे में पेट्रोलियम जेली से अपने आई मेकअप को रिमूव करना एक अच्छा आईडिया है। अलावा इसके यह किसी भी मैट लिपस्टिक को पूरी तरह से रिमूव कर देता है। अगर आप अपने लिए एक सुरक्षित मेकअप रिमूवल की तलाश में है, तो पेट्रोलियम जेली आपके लिए एक बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकती है।

फोटो सौजन्य- गूगल

Take care of your feet like this in winter season

Winter Season में एड़ियों का ड्राई होना और फटना एक जनरल बात है लेकिन इसका उचित देखभाल बहुत जरूरी है। अक्सर ठंड शुरू होते ही त्वचा में रूखापन दिखने लगता है। वहीं, एड़ी की त्वचा शरीर के अन्य हिस्सों की तुलना में सख्त और मोटी होती है। नमी की कमी और त्वचा के सेल्स झड़ने से डेड सेल्स जमा होने लगता है। अधिक नमी की कमी होने से एड़ियों पर दरारें पड़ जाती है जिससे दर्द होता हैं। पैरों की नियमित देखभाल, फुट क्रीम से मालिश और उन्हें ठंडी, रूखी हवा से बचाकर एड़ियों को फटने से रोका जा सकता है। प्रोपर केयर से ही इस समस्या से निपटा जा सकता है।

कैसे करें पैरों की देखभाल

पैरों की समस्याएँ कई कारणों से हो सकती हैं, जैसे ख़राब फिटिंग वाले जूते, ख़राब मुद्रा, थकान और नियमित देखभाल न करना। पैरों के लिए भी नियमित व्यायाम के साथ-साथ दैनिक देखभाल जरूरी है।

जानते हैं पैरों की त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने के लिए कौन सी टिप्स हैं फायदेमंद।

नाखूनों की ऐसे करें सही देखभाल

साबुन वाले गर्म पानी में पैरों को भिगोने से नाखूनों और एड़ियों की डेड स्किन नरम होती है। इससे नाखून भी आसानी से कट जाते हैं। नाखून बिल्कुल सीधे काटें। पैर के अंगूठे के नाखूनों के क्यूटिकल्स न काटें। उन्हें क्रीमी बनाएं और धीरे से पीछे धकेलें।

एड़ियों को सोने से पहले करें Moisturised

Take care of your feet like this in winter season

गर्म पानी में पैरों को भिगोने के बाद एड़ियों को प्यूमिक स्टोन से धीरे-धीरे रगड़कर डेड स्किन हटा दें। धोने के बाद अच्छी तरह सुखा लें। स्किन को मुलायम बनाए रखने के लिए फ़ुट क्रीम से मालिश करें।

डेड स्किन रिमूव करें

रात को सोने से पहले पैरों को करीब 20 मिनट तक गर्म पानी में भिगोकर रखें। भिगोने से पहले पानी में थोड़ा सा नमक और शैम्पू मिलाएं। गर्म पानी एड़ियों की डेड स्किन को मुलायम करता है। डेड सेल्स हटाने के लिए प्यूमिक स्टोन या हील स्क्रबर की मदद से एड़ियों को धीरे-धीरे रगड़ें। यदि दर्द हो तो मेटल स्क्रबर का इस्तेमाल करने से बचें। धोने के बाद किसी अच्छी क्रीम से स्किन पर मलकर मालिश करें।

दिनभर फुट वियर का इस्तेमाल ना करें

जूते बहुत तंग नहीं होने चाहिए, क्योंकि शरीर के क्षेत्रों पर लगातार प्रेशर से ब्लड सर्कुलेशन की दिक्कत हो सकती है। ज्यादा समय तक जूते न पहनें। जितना संभव हो पैरों को हवा में रखें। गर्मियों में बंद जूते न पहनें। गर्मियों में वेंटिलेशन के लिए सैंडल पहनें और पैरों को टैल्कम पाउडर से सूखा रखें। जो लोग बहुत चलते हैं या लंबे समय तक खड़े रहते हैं, उन्हें मोटे तलवों और कम एड़ी वाले जूते पहनने चाहिए। सामने का भाग इतना चौड़ा होना चाहिए कि पंजों को जगह मिल सके।

महत्वपूर्ण है फुट एक्सरसाइज़

  1. पैरों के लिए फायदेमंद व्यायाम नंगे पैर घास पर चलना है।
  2. सीधे खड़े हो जाएं, पैर आगे की ओर हों और अपने आप को पंजों के बल उठाएं और फिर अपने आप को वापस नीचे लाएं। इससे पंजे मजबूत होते हैं।
  3.  उंगलियों को मोड़ें, जैसे आप अपने पैरों से फर्श से कुछ उठाने की कोशिश कर रहे हों।
  4. पंजों को फैलाएं और पैर के अगले हिस्से को घोल-घोल घुमाएं।
After the party, follow some important makeup routines to keep your skin young at all times.

अपने दोस्तों के साथ पार्टी में जाना किसे पसंद नहीं? हर कोई चाहता है कि आप सबसे अलग दिखें। इसके लिए आउटफिट, फुटवियर, जूलरी सब की सेटिंग पहले ही हो जाती है और जब पार्टी करनी है तो साइनिंग करना तो जरूरी है। ऐसे में Make Up भी इसका एक आवश्यक हिस्सा होता है।

लिपस्टिक से लेकर, फाउंडेशन और हाइलाइटर तक, आप अपने चेहरे को फ्लॉलेस दिखाने के लिए सब ट्राय करती हैं। पर कभी सोचा है कि मेकअप और पार्टी में डांस करने से आपके चेहरे पर आने वाले पसीने की वजह से स्किन की क्या हालत हो सकती है?

पार्टी और मेकअप करने में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन पार्टी का असर आपकी स्किन पर ना दिखे इसीलिए आफ्टर पार्टी स्किन रिचुअल्स को फॉलो करना जरूरी है। पार्टी के बाद मेकअप रिमूव करने से लेकर स्किन को नरिश करने तक, कई अहम स्टेप हैं जो आपको फॉलो करना चाहिए।

आइये इसे फॉलो करने के लिए किया करना होगा-

मेकअप रिमूव करना है जरूरी

पार्टी से आकर थक जाना आम बात है और ऐसे में हम सोचते हैं कि अब सो जाते हैं और फिर सुबह ही फेस वॉश कर लेंगे। अगर आप स्किन के पोर्स को क्लॉग करना नहीं चाहती हैं तो इस गलती को न करें। सोने से पहले मेकअप को साफ करना सबसे जरूरी स्टेप है। इसके लिए Makeup Removing Balm अपनी ब्यूटी किट में जरूर रखें। इससे मेकअप को रिमूव करना आसान है। बस फिंगर टिप पर थोड़ा प्रोडक्ट लें और इससे स्किन पर जेंटली रब करें।

अपने स्किन को ऐसे करें क्लिंज

मेकअप हटाने के बाद चेहरे को क्लिंज करना जरूरी है ताकि बची हुई गंदगी और मेकअप हट जाए। इसके लिए आप Skin Lightening Face Wash प्रयोग कर सकती हैं। यह स्किन लाइटनिंग फेस वॉश टैनिंग को कम करता है और त्वचा की नमी को छीने बिना इसे साफ करता है। यह त्वचा को ताजा महसूस कराते हुए डार्क स्पॉट्स को कम करने में मदद करता है।

स्किन को चाहिए नरिशमेंट

अब बारी है स्किन हाइड्रेशन की। जब आपने चेहरे को क्लिंज कर लिया है तो स्किन को मॉइश्चराइज करें। इसके लिए आप नाइट क्रीम लगाएं। नाइट क्रीम में प्राकृतिक स्किन कंडीशनिंग एजेंट्स, प्राकृतिक ऑयल, प्लांट बटर और विटामिन हैं जो स्किन को रात भर नमी के साथ मुलायम रखता हैं।

आंखों को केयर करना ज्यादा है जरूरी

आंखों के नीचे की स्किन को अधिक केयर की जरूरत होती है। जब आप लेट नाइट पार्टी कर रही हैं तो डार्क सर्कल और पफी आईज से बचने के लिए एक आई क्रीम अपनी किट में जरूर रखें जो अंडर आई स्किन को नरिश और हाइड्रेट करें।

फोटो सौजन्य- गूगल

Let us know why the skin becomes lifeless in summer and why does one feel tired

मौसम ने करवट ले ली है.. अब अक्सर बाहर जाते समय या कुछ काम करते समय पसीने की बूंदों ने आपके चेहरे व शरीर पर अपना अधिकार जमाना शुरू कर दिया होगा । जी हां, मेरे कहने का मतलब है गर्मियों के दिनों को वापस आने में अब देर नहीं है और गर्मियों के दिन अपने साथ-साथ उमस भरे दिन, लू, और त्वचा (Skin) संबंधी दिक्कतें अपने साथ लाते हैं। अक्सर गर्मियों में हम सबसे ज्यादा परेशानी अपनी त्वचा संबंधी दिक्कतों को लेकर महसूस करते हैं। दोस्तों गर्मियों के दिन शुरू होते ही सबसे प्रमुख समस्याएं जो हम महसूस करते हैं वे इस प्रकार से है-

1.धूप में जाने से त्वचा का काला पड़ना।
2. शरीर पर पसीना रुकने से घमोरियां।
3. त्वचा का बेजान हो जाना ।
4. हाइड्रेशन की दिक्कत और
5. थकान।

तो ऐसा क्या किया जाए कि जैसे हम ने ठिठुरन भरी सर्दीयों को खूब इंजॉय किया वैसे ही हम उमस भरी, तपती जलती धूप वाले, मौसम को भी इंजॉय कर सकें?

ऐसा क्या किया जाए जिससे हमारी परेशानियां तो दूर हो ही जाए, साथ ही हमारा स्वास्थ्य भी दुरुस्त बना रहे?

आपके इसी तरह के सवालों के जवाब आज मैं ले कर आई हूं। जी हां, दोस्तों मैं आपकी होस्ट और दोस्त आपको ऐसे पांच उपायों के बारे में बताऊंगी, जिससे आप गर्मी में होने वाली समस्याओं से तुरंत राहत पा सकेंगे और गर्मी के दिनों में भी तरोताजा महसूस कर सकेंगे तो चलिए जानते हैं;

Let us know why the skin becomes lifeless in summer and why does one feel tired

1. व्यायाम: जी हां, व्यायाम करने से इम्यूनिटी सिस्टम दुरुस्त होता है । साथ ही साथ व्यायाम शरीर में स्ट्रेस हारमोंस को बढ़ने से रोकता है। यह हमें हीटस्ट्रोक और बहुत सारे इंफेक्शन से भी बचाता है। इसलिए संतुलित तापमान में व्यायाम जरूर करना चाहिए। गर्मियों के दिनों का सबसे बेहतरीन और पसंद किया जाने वाला व्यायाम स्विमिंग है । यह आपको स्वस्थ तो रखेगा ही तथा गर्मियों से भी राहत दिलाएगा।

2. योग: जी हां, योग हमारे शरीर को स्वस्थ बनाता है। हमारे शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालता है। पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है । और शरीर को लचीला बनाने में हमारी मदद करता है। खासतौर पर गर्मियों में आप पवनमुक्तासन कर सकते हैं यह हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ ठंडक भी प्रदान करता है।

3. सही खान-पान आपको अपने खान-पान पर ध्यान देना होगा लेकिन गर्मियों में हमारी जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है कि हम एक संतुलित आहार पर जोर दें । गर्मियों में जो मौसमी फल बाजार में उपलब्ध होते हैं उनमें पानी की मात्रा अधिक होती है इसलिए इनका सेवन हमें जरूर करना चाहिए। गर्मियों में सामान्य खाना ही खाएं। ज्यादा तला भुना, मिर्च मसाले वाले खाने से परहेज करें तथा बाहर बाजार में उपलब्ध डिब्बा बंद खाद्य पदार्थों को ना कहें।

4. तनाव से बचें : आज के समय में हम सब की एक सामान्य समस्या है तनाव। आज कल हर व्यक्ति इससे परेशान है।आज की भागम भाग जीवन शैली में यह होना स्वाभाविक हैं। लेकिन ध्यान रखें की इसे अपने ऊपर हावी ना होने दें। तनाव से बचने के लिए हमें शरीर और मस्तिष्क को शांत रखना चाहिए।
अपने स्मार्टफोन का इस्तेमाल कम से कम करें।
किताबें पढ़ें।
म्यूजिक सुने और ध्यान करें।

5. पानी अधिक सेवन करें: जी हां, गर्मियों में सबसे बड़ी दिक्कत जो हमारे सामने आती है या हम महसूस करते हैं वह है “डिहाइड्रेशन की दिक्कत”। गर्मियों में हमें ध्यान रखना चाहिए कि हम पानी अधिक से अधिक पिएं ।
डिहाइड्रेशन से बचने के लिए औसतन 03 से 04 लीटर पानी पीना चाहिए।
पानी हमारे शरीर में तापमान को नियंत्रित करता है।
मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है।
और शरीर को डीटॉक्सिफाई भी करता है।

फाइल फोटो- गूगल

What is flaxseed, in which problems does flaxseed bring relief?

जब कभी आपने किसी के सामने अपने जोड़ों में होने वाले दर्द का जिक्र किया होगा तो यकीनन उसने आपको अलसी के बीज खाने को बोला गया होगा। हालांकि हम में से अधिकतर लोग अलसी के बारे में और उस से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं। जब भी हमें इस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो एक विचार जो हमारे जहन में सबसे पहले आता है वह यह है कि डॉक्टर से दवाई ले आनी चाहिए।

देखिए, किसी भी शारीरिक परेशानी के बारे में चिकित्सक से परामर्श जरूर लेना चाहिए लेकिन कुछ परेशानियों से हमें अपनी आदतों में बदलाव करके या कुछ घरेलू नुस्खे अपनाकर निजात मिल सकती है। हमारी अधिकतर समस्याओं का इलाज हमारे घर में मौजूद रसोई में ही हो सकता है। तो चलिए, आज जानते हैं अलसी से जूड़ी अहम जानकारियां-

अलसी क्या है ?
किन परेशानियों में राहत पहुंचाती है अलसी ?
इसके क्या फायदे हैं, इसके क्या नुकसान हैं?
इसको कैसे इस्तेमाल किया जाता है?

तो सबसे पहले हम जानेंगे अलसी क्या है? अलसी एक जड़ी बूटी के रूप में काफी लोकप्रिय है। अनेक बीमारियों में अलसी रामबाण औषधि का काम करती है। कई वर्षों से लोगों द्वारा निरोग रहने की इच्छा से इस का उपयोग किया जाता है। यह एक प्रकार का बीज है जिसका रंग लाल भूरा या गहरा भूरा हो सकता है। साबुत अलसी का अंदरूनी हिस्सा नरम होता है लेकिन इसका छिलका थोड़ा सख्त हो सकता है जिस को पचाने में हमारे लीवर को थोड़ी ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है।

तो चलिए अब हम जानते हैं यह किन परेशानियों में हमें राहत पहुंचाती है?

What is flaxseed, in which problems does flaxseed bring relief?

1. हृदय रोग में राहत पहुंचाती हैं:
यह मोनोसैक्चरेटेड होती है जिसकी वजह से यह हमारे दिल पर अधिक भर नहीं बढ़ने देती जिससे हमारा ह्रदय बेहतर तरीके से कार्य करता है।

2. ब्लड कोलेस्ट्रॉल कम करने में सहायक है:
कई बार लोगो को कोलेस्ट्रोल की समस्या आती है इसमें अलसी का प्रयोग बेड कोलेस्ट्रोल को घटाती है और गुड कोलेस्ट्रोल को बढ़ात है।

3 .पाचन तंत्र को दुरुस्त करती है:
हालांकि इसके बीज ऊपर से सख्त होते है जो जल्दी से पचते नहीं है लेकिन इसको भूनकर या चूर्ण बना कर सेवन किया जाए तो यह हमारे पाचन क्रिया को बेहतर करता है।

4. त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद है:
इसमें खूब सारे मिनरल और विटामिन होते है इसलिए यह हमारी त्वचा को भी पोषण देती है तथा उसे स्वस्थ बनाती है।

5. वजन कम करने में भी बहुत अधिक सहायक होती है:
अलसी में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो आपको पेट भरा हुआ महसूस होता है, जिससे भूख कम लगती है ।

6. कैंसर का खतरा कम करती हैं: इसमें मिनरल और विटामिन की भरपूर मात्रा होने के कारण शरीर में किसी तरह के हानिकारक केमिकल को बनने नहीं देता जिससे कैंसर का खतरा कम रहता है।

7. टाइप- मधुमेह में राहत दिलाती है: जी हां, मधुमेह के रोगियों के लिए यह रामबाण है।

8. हमारे शरीर की अंदरूनी सफाई करती है: इसका नियमित सेवन हमारे शरीर को अंदरूनी साफ करती है।

9. हमारे बालों से संबंधित समस्याओं को कम करती है: अक्सर हमारे बालों में रूसी, डेंड्रफ, खुजली जैसी दिक्कत होती है जिसका अलसी का सेवन एक बहुत सस्ता और आसान उपाय है।

इस के फायदे और नुकसान के बारे में जानने के साथ-साथ हमें यह भी जान लेना चाहिए कि इस की तासीर कैसी होती है? तो बता देते हैं कि अलसी की तासीर गर्म होती है।

अब हम इसके अन्य फायदों के बारे में जानते हैं:
सबसे पहले हम यह बता दें कि यह शरीर में प्रोटीन की पूर्ति करती हैं।
अलसी फाइबर से भरपूर होती है।
इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड मौजूद होता है।
इसमें बहुत सारे मिनरल्स और विटामिंस भी पाए जाते हैं।

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि एक सिक्के के दो पहलू होते हैं उसी प्रकार अलसी को अपने आहार में शामिल करने के जितने फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं हम सभी जानते हैं और मानते भी हैं कि किसी भी चीज की अति बुरी होती है जो महिलाएं गर्भधारण किए होती है उनको अलसी का उपयोग नहीं करना चाहिए।
जो महिलाएं बच्चों को स्तनपान कराती हैं उनको भी अलसी का उपयोग नहीं करना चाहिए।
इसकी अधिकता से आंतों में रुकावट आ सकती है ।
यह एलर्जी रिएक्शन भी कर सकती है।

अब हम जानते है कि इसको लेना का सबसे अच्छा तरीका कौन सा है?
जैसा कि हम पहले भी बता चुके है कि इसका छिलका सख्त होता है जो पचने में दिक्कत करता है तो आपके लिए बेहतर है कि आप इसको हल्का भून लें और फिर इसको पिस कर इसका पाउडर बना लें तथा एक निश्चित मात्रा में दिन में एक बार ले सकते हैं।

Your skin will be glowing like childhood if you follow it..

चेहरा व्यक्ति के व्यक्तित्व का आईना होता है। हर किसी को चाह होती है कि उसकी त्वचा भी बचपन की त्वचा जैसे ग्लो करें और वह  पहले जैसा निखर दुबारा पाना चाहते हैं और बात रही ग्लोइंग स्क्रीन की तो इसके लिए हमें बाजार में ढेर सारे प्रोडक्ट मिल जाएंगे वह कुछ समय लेकर निखार तो देते हैं लेकिन उनके साइड इफेक्ट का डर बना रहता है कई बार कुछ ऐसे साइड इफेक्ट भी देखने को मिलते हैं जो हमारी त्वचा को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा कर उसको और भी ज्यादा डल और कांति हीन बना देते हैं।

दोस्तों क्यों ना ऐसा हो कि कुछ ऐसे उपाय हो, जिनसे हमें साइड इफेक्ट का डर ना हो बल्कि और अधिक पोषण मिल सके हमारी त्वचा को तो चलिए आज कुछ ऐसे उपायों के बारे में जाने जिससे हमें डरने की जरूरत नहीं पड़ेगी और हमारी त्वचा बचपन वाली त्वचा जैसी ही ग्लोइंग हो जाएगी

1. बादाम का तेल: दोस्तों जैसा कि हम बचपन से सुनते और पढ़ते आए हैं कि त्वचा में जान डालने के लिए बादाम का तेल सबसे सर्वोत्तम है। इसके एंटी एजिंग तत्व रंगत निखरते है तथा बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम कर देते है। एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण घाव को जल्दी भर देते है।
सामग्री: बादाम का तेल
उपयोग का तरीका: अपने चेहरे व गर्दन को अच्छे से साफ करे। तथा इसके बाद आप अपनी हथेली पर बादाम का तेल लें और अपने चेहरे और गर्दन की अच्छे से मसाज करे। ये आप रात को सोने से पहले करें जिससे आपको अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे।
2. टमाटर: इस सूची में टमाटर भी बहुत अहम भूमिका निभाता है। इसमें पाया जाने वाला लाइकोपिन नामक तत्व हमारी त्वचा को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाता है।
Your skin will be glowing like childhood if you follow it..
सामग्री: एक टमाटर
            एक चुटकी चंदन पाउडर
            एक चुटकी हल्दी
उपयोग का तरीका: टमाटर को कटकर बीज अगल कर दें।
उसके बाद बिज रहित भाग के साथ चंदन और हल्दी मिलाकर पेस्ट बना लें और इसे 15 मिनट के लिए चेहरे पर लगाएं और फिर नॉर्मल पानी से धो दें।
इसे हफ्ते में दो बार करें।
3. आलू: आप आलू का इसे मल भी कर सकती है । कहा जाता है कि आलू हमारे चेहरे के दाग दब्बों को खत्म करने में बहुत कारगर है। यह त्वचा को मुलायम भी बनाता है। यह चेहरे से अतिरिक्त तेल को भी हटाता है।
सामग्री: एक कच्चा आलू
उपयोग का तरीका: एक कच्चे आलू को काटकर उसका पेस्ट बना लें व चेहरे और गर्दन पर लगाएं।
इसे हफ्ते में दो बार इस्तेमाल करे।
4. नारियल तेल: जी हां हमारी नानी और दादी अक्सर सलाह देती है कि नारियल का तेल सब अच्छा है।तो ये बात बिलकुल सही है। नारियल का तेल हमारे बालों और त्वचा के लिए बहुत अच्छा होता है। यह त्वचा के लिए मॉइश्चराइजर की तरह काम करता है। यह ठंडक प्रदान करता है तथा कई बार हमारी त्वचा काट जाती है या फट जाती है, या हल्के फुल्के घाव को ठीक करने में नारियल तेल सहायक है।
सामग्री: कुछ बूंद नारियल तेल
उपयोग का तरीका: अपने चेहरे व गर्दन को अच्छे से साफ करें व कुछ बूंद नारियल तेल को अपनी हथेली में लेकर धीरे धीरे अपने चेहरे पर मसाज करे।
5. कच्चा दूध: जी हां, आप अपनी रूखी त्वचा के लिए कच्चे दूध का भी इस्तेमाल कर सकते है। ये हमारी त्वचा को हाइड्रेट करता है।
सामग्री: दो चम्मच कच्चा दूध
उपयोग का तरीका: कॉटन की हेल्प से पूरे चेहरे पर कच्चा दूध लगाए।
सूखने के बाद इसको नॉर्मल पानी से धो लें।
इसे हफ्ते में दो बार करे।
फोटो सौजन्य- गूगल