Search
  • Noida, Uttar Pradesh,Email- masakalii.lifestyle@gmail.com
  • Mon - Sat 10.00 - 22.00

Tag Archives: Husband-Wife

Get beautiful and soft lips in few minutes

Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य ने भी अपनी नीतामाला में वैवाहिक जीवन को खुशहालl बनाने के लिए बहुत कुछ लिखा है। कई बार ऐसा होता है कि महिलाएं अपने पति से संतुष्ट नहीं होती हैं और पति को इस बात की भनक भी नहीं होती।

चाणक्य नीति के बारे में आज हर कोई जानता है। चाणक्य को महान ऐसे ही नहीं कहा गया है। उनकी कही बातें आज भी लोग अपने जीवन में उतारते हैं। ऐसे करने वाले हमेशा सुखमय जीवन व्यतीत करते हैं। सुखी जीवन के लिए आचार्य चाणक्य नीति की बातें बेहद जरूरी हैं। आज भागमभाग में हम कई ऐसी बाते भूल जाते हैं जो बेहद जरूरी होती हैं और उनके बिना हम अपनों को न चाहते हुए भी ठेस पहुंचा देते हैं।

ऐसे में चाणक्य नीति को फॉलो करना जरूरी हो जाता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में शादीशुदा जीवन को सुखमय बनाने के लिए भी कई बातें लिखी हैं। कई बार ऐसा होता है कि औरतें अपने पति से संतुष्ट नहीं होती और पति को इस बारे में पता नहीं चल पाता। आइये बताते हैं पत्नियां जब असंतुष्ट होती हैं तो उनका क्या इशारा होता है-

चाणक्य नीति में महिलाओं के ऐसे इशारों के बारे में बताया गया है जो वे असंतुष्ट होने पर करती हैं। इन इशारों को भांप कर कोई भी पति अपनी पत्नी को संतुष्ट कर सकता है। पत्नी की नाराजगी को दूर करने के लिए चाणक्य नीति की इन बातों का जरूर ध्यान देना चाहिए।

बात ज्यादा ना करना

Love in Kitchen

पत्नियों को बातूनी भी कहा जाता है जब पत्नी बहुत खुश होती है तो अपने पति बहुत ज्यादा बात करती है कभी तो पति को कहना पड़ता है कि बस करो कितना बोल रही हो। अगर आपकी पत्नी भी बहुत बातें करती है और अचानक शांत हो जाए तो समझ जाइये कि वह असंतुष्ट है।

यानी आपकी किसी बात से वह नाराज है। कम बात करना पत्नियों के असंतुष्टि बारे में इशारा करता है। ये संकेत मिलते ही आप अपनी पत्नी से बात करिये और जानिये कि वह किस बात से परेशान है। ऐसा करने से वह बात आप से शेयर करेगी और फिर पहले की तरह हो जाएगी।

पति को कभी नाराज नहीं करना चाहती पत्नियां

These foods play an important role in controlling hormones

यह सब जानते हैं कि पत्नियों के लिए पति कितनी अहमियत रखते हैं। पत्नी अपने पति को कभी नाराज नहीं करना चाहती. ऐसे में अगर पत्नी आपसे झुंझलाने लगे यानी बात पर झगड़ा करे और गुस्सा करे तो समझ जाइये कि वो किसी न किसी बात को लेकर असंतुष्ट है। इस इशारे को ध्यान में रखकर आपका अगला कदम पत्नी को खुश करने के लिए होना चाहिए।

बस अपने बारे में सोचना

पत्नियों के बारे में कहा गया है कि वे अपने पति के हर जरूरत का ख्याल रखती हैं। अगर आपकी पत्नी अचानक आपसे दूरी बना ले या आपको लगे कि वो सिर्फ अपने बारे में सोच रही है और आपका ख्याल नहीं रख रही है तो आपको समझ लेना चाहिए कि वह किस न किसी बात से असंतुष्ट है।

हो सकता है कि वह आपकी किसी बात से नाराज हो, आपको इसे ध्यान में रखते हुए पत्नी से तसल्ली से बात करनी चाहिए। उसकी समस्या को समझकर उसकी परेशानी को दूर करना चाहिए। ऐसा करने आपकी पत्नी को संतुष्टि मिलेगी और वह फिर पहले की तरह आपसे करीब हो जायेगी।

Sometimes even a small difference between husband and wife is important

हर पति-पत्नी के बीच नोक-झोंक होना आम है। कभी बच्चे को लेकर तो कभी खाने को लेकर, शायद ही कोई कपल हो जिनके बीच रूठना-मनाना ना चलता हो। वैसे जब भी कपल के बीच बहस के हालात बने है तो सबसे ज्यादा डर घरवालों को लगने लगता है। कहीं बहस बढ़कर कोई और रूप ना ले ले, कहीं रिश्ता बिखर ना जाए। बहू- बेटे को बहस करते देख बडे़ बुजुर्गों के मन में या आपके मस्तिष्क में भी यह बात आ सकती है। पर शायद आपको यह जानकर हैरानी हो कि ऐसे कई कारण हैं जिनसे यह पता चलता है कि आर्ग्युमेंट करना आपके रिश्ते के लिए अच्छा हो सकता है।

‘एबल आर्गुअर्स’ के नाम से वर्ष 2012 में 976 व्यक्तियों के बीच एक ऑनलाइन स्टडी की गई जिसमें पाया कि जिन जोड़ों के बीच हेल्दी आर्ग्युमेंट होते हैं, उनके बीच एक खुशहाल संबंध होने की संभावना 10 गुना अधिक है बजाय उन कपल्स के जो कठिन चीजों पर बातचीत को अनदेखा करते हैं। जानते है कैसे ये हल्की नोक-झोंक आपके रिश्ते के लिए फायदेमंद है।

फीलिंग्स समझने का मिलता है मौका

Sometimes even a small difference between husband and wife is important

आपका रिलेशन निश्चित रूप से तब मजबूत होता है जब आप अपने मन की बात अपने साथी के सामने खुलकर करते हैं। असहमत होने पर आप जो महसूस करते हैं और जो सोचते हैं उसे बयान करते हैं। कोई एक दूसरे के प्रति द्वेष नहीं रखता है इसलिए यह एक पारदर्शी रिश्ता बन जाता है। स्टडी में 05 में से 04 लोगों ने कहा कि एक दूसरे से बातचीत ना होने के वजह से उनका रिश्ता असफल रहा। तभी तो हम भी हर बार ‘कम्युनिकेशन इज़ द की’ वाली बात पर अक्सर ज़ोर देते हैं। जब हम वही बोलते हैं जो हमारे दिल और दिमाग में होता है, तो हम बेहतर महसूस करते हैं। भले ही आप दोनों में बहस हो गई हो पर आखिर में यह अच्छा और सुकून देने वाला लगता है। हेल्दी वाद-विवाद हमेशा अच्छा होता है और सुनिश्चित करें कि आप बिस्तर पर जाने से पहले अपने मुद्दों को हल कर लें। जब लोग अपनी चिंताओं को एक्सप्रेस नही करते, उनके बारे में बात नहीं करते तो वह गुस्सा अन्य तरीकों से निकलता है। इसलिए समाधान यह है कि इसे एक ईमानदार, स्पष्ट और सम्मानजनक तरीके से बात करें। जितना अपनी फीलींग्ज को छिपाएंगे उतनी ही समस्या को आप बढ़ाएंगे।

तनाव में आती है कमी

Sometimes even a small difference between husband and wife is important

जब भी कपल के बीच बहस होती है तो एक दूसरे के मन की बात जानने को मिलती है जिससे रिश्ते में और मजबूती आती है। कई जानकारों का कहना है कि आपस में बहस करने से पार्टनर के साथ भी आपकी नजदीकियां बढ़ जाती हैं। वाद-विवाद के आखिर में आप एक-दूसरे से माफी मांगते हैं, अपनी गलतियों को सुधारते हैं और इससे आप दोनों के बीच नजदीकियां और ज्यादा बढ़ती हैं।

दिल की बात जानने का मिलता है अवसर

Sometimes even a small difference between husband and wife is important

जब कपल्स के बीच में होने वाली बहस रिलेशन को बेहतर तो करती ही है साथ में एक इन्सान के तौर पर भी आपके लिए यह फायदेमंद है। बहस के दौरान आप कई बार पार्टनर की वो गलतियां पॉइंट आउट करते हैं जो शायद आप वैसे ना कह पाएं। अगर सही बात को पाज़िटीवली लिया जाए और स्वयं की गलती मान अपने व्यवहार, आदतों और एटीट्यूड में बदलाव लाया जाए तो पर्सनल फ्रंट के साथ प्रोफेशनल फ्रंट में भी यह आपको बेहतरी की तरफ अग्रसर करता है।

रिश्ते को मिलती है मजबूती

Sometimes even a small difference between husband and wife is important

जब कोई पेयर किसी बात पर चर्चा करता हैं और बहस होती है तो बातें खुलकर सामने आती हैं। आपके मन में अपने पार्टनर को लेकर किसी तरह का संदेह नहीं रहता और इसलिए विश्वास बना रहता है। हालांकि, किसी रिश्ते में कोई बहस नहीं होती है, तो दोनों साथी एक-दूसरे से कुछ ना कह कर भी मन ही मन में कई सवाल लिए होते है जिससे बस शक बढ़ता है। यह भी जरूरी है कि तर्क एकतरफा न हो। दोनों को एक दूसरे की राय सुननी चाहिए और अपने पार्टनर के नजरिए से भी बात को समझने का प्रयास करना चाहिए।

सुनने- समझने की आदत होती है प्रबल

Sometimes even a small difference between husband and wife is important

अपनी ही कहना और दूसरे की फिलिंग्स-इमोशन की परवाह ना करना किसी भी रिलेशन के लिए हेल्दी नहीं है। कपल्स के झगड़ों का एक बड़ा कारण एक-दूसरे की बात नहीं सुनना है। हम सभी सुनना और समझना चाहते हैं, खासकर उस व्यक्ति द्वारा जिसे हम प्यार करते हैं और भरोसा करते हैं। जब कपल्स के बीच हेल्दी बहस होती है, तो आप अपने साथी की बातों को सुनने की प्रवृत्ति रखते हैं। आपका फोकस यह नहीं होता कि आपको यह आर्ग्युमेंट जीत लेना है, बल्कि आप अपने साथी को समझने की कोशिश भी करते हैं।

रिलेशन को मिलती है नई ताकत

Sometimes even a small difference between husband and wife is important

पार्टनर्स के बीच कई बार सब ठीक होकर भी कुछ ठीक नहीं होता। अब जब दो लोग खुलकर एक दूसरे को एक्सप्रेस करेंगे ही नहीं तो कैसे पता चलेगा कि कहां क्या दिक्कत है। जब आप लड़ते हैं, खुलकर अपनी बात रखते हैं तो दूसरे की चाहत का तो आपको पता चलता है ही साथ में आप रिश्ते की बेहतरी के लिए क्या कर सकते हैं वह भी समझ में आता है। एक बार जब सामने वाले की परेशानी का पता चल जाता है तो मिल कर हल निकालना भी आसान हो जाता है। अलावा इसके, चूंकि आप उन चीजों से अवगत हैं जो झगड़े को ट्रिगर कर सकती हैं, आप उसी से बचते हैं और अपने रिश्ते को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। हां यह बात भी अहम है कि बहस के दौरान आप दोनों को मर्यादित भाषा और हिंसा से बचना चाहिए तभी आप इससे होने वाले फायदे महसूस करते हुए अपने रिश्ते को मजबूत बना पाएंगे।

फाइल फोटो- गूगल

पति-पत्नी के बीच मधुर रिश्ता

जब आप जीवन-साथी से उम्र भर का साथ निभाने के वादा करते हैं तो आपके रिश्तों में उम्मीदें परवान चढ़ती है और रिश्ते को बल मिलता है जन्म-जन्मांतर का साथ निभाने का। ..लेकिन बताते चले कि समय के साथ रिश्तों के मायने भी चेंज हो रहे हैं।

किसी भी रिश्ते को बनने में सालों साल लग जाते हैं पर आपसी मनमुटाव और जल्दबाजी में अलग होने का फैसला रिश्ते को उजाड़ देता है। पति-पत्नी के रिश्ते में सबसे ज्यादा जरूरत आपसी समझ और मैच्योरिटी की होती है। कपल्स अगर ये बात समय रहते समझ लें तो आगे कभी किसी भी तरह के परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। आइये देखते हैं किन वजहों से रिश्ते में दूरी और मनमुटाव पैदा हो जाती है-

पार्टनर जैसे हो वैसा ही एक्सेप्ट करना

पति-पत्नी के बीच मधुर रिश्ता

रिश्ते के शुरुआती दिनों में तो सब ठीक रहता है लेकिन धीरे-धीरे मनमुटाव के हालात तब पनपने लगते है जब एक दूसरे में कई कमियां नजर आती हैं। एक परफेक्ट पार्टनर की आपकी कल्पना में जब आपका पार्टनर खरा नहीं उतरता है तो यहां से शुरू होता है असल टकराव। रिश्ता वही सक्सेसफुल रहता है जहां आप अपने पार्टनर को बदलने के बजाय उन्हें वैसे ही एक्सेप्ट करें जैसे कि उसे आपने पाया है।

फैसलों में ना हो फासला

पति-पत्नी में तकरार

जब इन्सान एकसाथ रहता है तो रिश्ते में कभी कभी तकरार तो लाजमी है लेकिन कुछ मुद्दे ऐसे हैं जिन्हें समय में सुलझाना बहुत अहम है। शादी के बाद दोनों को कहां रहना है, बच्चे कब और कितना खर्च करना है, यह सब ऐसे इश्यू हैं जिन पर अगर सहमति ना बने तो दूरियां आ जाती है। रिलेशन में बातें साफ-साफ ना हो तो समस्याएं आना लाजमी है। कहीं फासला ना बढ़े इसके मद्देनजर वक्त रहते सही और मिल-बैठकर फैसले लीजिए।

मिस कम्यूनिकेशन पर नजर रखना

मिसिंग कम्यूनिकेशन

एक घर में रह कर भी कई बार एक दूसरे को क्यों नहीं समझ पाते ? इस सवाल का जवाब है मिस कम्यूनिकेशन यानी कि बातचीत की कभी। आप दोनों पूरा दिन अपने ऑफिस में बिजी रहते हैं… शाम की चाय से लेकर सोने तक या तो दोनों मोबाइल पर बिजी रहते हैं या टेलिविजन पर। डिनर पर बाहर जाने का प्लान भी बनता है तो वहां भी मोबाइल है कि पीछा ही नहीं छोड़ता। जब एक दूसरे के लिए आप वक्त ही नहीं निकालेंगे तो आपको पता ही नहीं चलेगा और रिश्तों में आए मनमुटाव में बदल जाएंगे।

दूसरों के रिश्ते से अपने रिश्ते का कम्पेयर करना

पति-पत्नी का प्यार

सोशल मीडिया के इस जमाने में आपको भले ही अपने पार्टनर की हॉबी के बारे में पता हो या नहीं पर अपने दोस्त के पार्टनर का पसंद-नापसंद का जरूर पता होता है। दूसरा कपल छुट्टियों में कहां गया, सालगिरह में आपकी दोस्त के पति ने उसे क्या गिफ्ट दिया या बेबी शॉवर में आपकी दोस्त ने जैसी फोटो खिंचवाई, वैसा शूट आपने क्यों नहीं कराया, बस इन्हीं टॉपिक्स को मुद्दा बनाकर अगर आप अपने पार्टनर से लड़ने लगेंगी तो रिश्तों में तो खटास आएगी ही।

सुलह करने की आदत नहीं

सुलह की आदत

अगर आप चाहते है कि आपका रिश्ता कामयाब रहे तो कॉम्प्रोमाइज तो आपको करना ही पड़ेगा। इसका यह मतलब जरा भी नहीं है कि आप अपने पार्टनर की ज्यादतियों को सहें या बुरा बर्ताव चुपचाप सहते रहें। इस मतलब है कि कई बार दूसरे की खुशियों को अपनी खुशियों से ज्यादा अहमियत देना, अपने ईगो को रिश्ते में ना आने देना और छोटे-छोटे एडजस्टमेंट करना। सिर्फ थोड़े से बदलाव और रिलेशन में बदलाव खुद महसूस करने लगेंगे।

रिश्ते में विश्वास बनाए रखना 

पति-पत्नी की आपसी समझ

काम के सिलसिले में पति-पत्नी दोनों ही घर से बाहर रहते हैं। जाहिर है कि उनका सोशल सर्किल भी होगा। दोस्तों के साथ हंसी-मजाक भी होगा। अब अगर यह बात आपके पार्टनर को पसंद नहीं है तो समय रहते उन्हें यह समझना होगा कि यह नॉर्मल है। रिश्ते भरोसा पर टिके होते हैं। यहां एक तरफ जरूरी है कि आप अपने पार्टनर को समझाएं कि आप उनका विश्वास नहीं तोड़ेंगे वहीं इस कमिटमेंट को आप ईमानदारी से निभाएं।

एक-दूसरे की इज्जत करना 

पति की बातों को ध्यान से सुनना

जब रिश्ते में एक दूसरे के लिए इज्जत ही नहीं है तो बातें समझना-समझाना तो बहुत दूर की बाच हो जाती है। एग्रसिव बिहेवियर, गुस्सा और बात बात पर ओवर रिएक्ट करना ये कुछ ऐसी आदतें हैं जो किसी भी हरे-भरे रिश्ते में दरार ला सकती हैं।

रिश्ते के बीच फाइनेंश का ध्यान

परफेक्ट मॉम

फाइनेंस को लेकर कपल्स में तनातनी आम तो है लेकिन बेहतर यही है कि समय रहते आप ये बातें अपने पार्टनर से क्लियर कर लें। घर के खर्चों में किसकी कितनी भागीदारी होगी, लोन किस के नाम पर होगा, बच्चों का खर्च कौन उठाएगा, इन बातों पर अगर आप दोनों मिल कर साफ बात कर लेंगे तो आने वाले समय में इन्हें लेकर होने वाले मामले से आप बच सकते हैं।

नशे से नुकसान

शराब का आदि पति

कोई भी सेंसिबल पार्टनर अपने साथी की किसी भी गलत लत को बढ़ावा तो नहीं देगा। चाहे वो अल्कोहल की तल हो या फिर सट्टेबाजी की आदत। रिलेशनशिप में सेंसबली और रिस्पांसिबल के तहत अगर आप व्यवहार नहीं करेंगे तो रोज की तकरार कब रिश्ते को खत्म कर देगी पता भी नहीं चलेगा और तब तक बहुत देर हो चुकी होगी।

अपने पार्टनर की दूसरों से तुलना करना

गुस्से में पत्नी

खुद को वो कितनी अच्छी तरह से लेकर आगे चलती है, उसका पति कितना फिट है इस तरह की तुलना आपके रिश्ते के लिए हेल्दी नहीं हैं। अगर किसी की तारीफ भी करनी है तो लहजे का जरूर ख्याल रखें ताकि आपके पार्टनर की फीलिंग हर्ट ना हों।

फोटो सौजन्य- गूगल