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If you are planning to be physical with someone close to your heart

Physical Relation: आज हम आपको एक ऐसे विषय पर बात करने जा रही हूं जो मेट्रो सिटीज में काफी तेजी से फैल रही है। पहले हम एक दूसरे को पसंद करते हैं, फिर प्यार और अंत में प्यार फिजिकल रिलेशन तक जा पहुंचता है। क्या आपको किसी को डेट करते हुए महीने हो गए हैं और अब आप रिश्ते में फिजिकल एंटिमेसी के लिए पूरी तरह तैयार हैं, तो इसमें जल्दबाजी ना करें। ऐसे में यह देखना अहम है कि क्या आपके पार्टनर आपके साथ लांग टर्म रिलेशनशिप को बनाना चाहते हैं? अब आप सोच रही होंगी इन बातों का अनुमान कैसे लगया जाए।

परेशान होने की जरूरत नहीं हम आपको बताएंगे ऐसे कौन से साइन हैं जो आपको अपने रिश्ते में एक कदम आगे बढ़ने की ओर इशारा करते हैं। मतलब आप अपने पार्टनर के साथ इमोशनल इंटिमेसी के साथ शारीरिक रूप से भी इंटिमेट हो सकती हैं। यहां बताई गई 07 बातों पर फोकस करें और देखें कि आपको अपने रिश्ते को आगे लेकर जाना है या अभी और वक्त देना है।

ये संकेत बताते हैं आप अपने रिश्ते में फिजिकल इंटिमेसी के लिए हैं तैयार

If you are planning to be physical with someone close to your heart

1. जिसे आप डेट कर रही हैं, क्या वे आपको वाकई पसंद है

आपको उन्हें अपने अच्छे दोस्तों से मिलवाने में सहजता होगी। देखें कि क्या आप उनके साथ समय बिताना चाहती हैं और उस दौरान आपको कैसा महसूस होता है। अगर आप उस दौरान अंदर से सवाल करती हैं, तो यह एक अच्छा संकेत है। आप अपने रिश्ते को आगे बढ़ाने पर विचार कर सकती हैं।

2. क्या वे आपकी बाउंड्री का सम्मान करते हैं

देखें कि जब आप अपने रिश्ते में किसी बात को लेकर एक बाउंड्री सेट करती हैं, तो क्या आपके पार्टनर उसका समर्थन करते हैं? अगर हां, तो ये आपके रिश्ते में एक प्लस प्वाइंट है। अगर कोई लगातार आपको कुछ ऐसा करने के लिए फोर्स कर रहा है, जिसे आप बिल्कुल भी पसंद नहीं करती तो यह स्टॉप साइन हो सकता है।

3. क्या आप दोनों सेक्स के बारे में खुलकर बात करते हैं

जब भी सेक्स का विषय आता है, तो क्या आप अपनी भावनाओं, विचारों और प्राथमिकताओं पर चर्चा करते हैं। अगर ऐसा है, और आपका पार्टनर आपके विचारों को सुनता, समझता और प्राथमिकता देता है, तो यह एक हेल्दी साइन हो सकता है। आप उनके साथ फिजिकली इंटिमेट होने के बारे में विचार कर सकती हैं।

4. क्या आप उनके साथ कंफर्टेबल महसूस करती हैं

जब भी आपका पार्टनर आपके आस-पास होता है, तो पेट में बटरफ्लाई महसूस होना बेहद सामान्य है। पर ध्यान ये देना है, कि आप उनके साथ कितना कंफर्टेबल रहती हैं। क्या आपको उनके आस-पास रहने पर सहज महसूस होता है? क्या आप उनके साथ पूरी तरह सुरक्षित महसूस करती हैं? यदि हां, तो आप अपने रिश्ते में एक कदम आगे बढ़ने यानी कि शारीरिक रूप से इंटिमेट होने पर विचार कर सकती हैं।

5. आप स्पर्श करने से ज़्यादा बात करते हैं

संबंध महसूस करने के दो तरीके हैं– शारीरिक और भावनात्मक। अगर आप बात करने से ज़्यादा एक दूसरे को चूमते हैं या गले मिलते हैं, तो यह एक सकारात्मक संकेत नहीं है। भले ही आप 20 बेहतरीन डेट पर गए हों, यदि बातचीत उस तरह से नहीं हो रही है, जैसा आप चाहते हैं, तो सेक्स करने से आपकी संचार समस्याएं ठीक नहीं हो सकती हैं। वहीं, यदि आप एक दूसरे से खुलकर बातचीत कर अपने विचार शेयर करती हैं, तो आप अपने रिश्ते में आगे बढ़ने पर विचार कर सकती हैं।

6. आपके पार्टनर परिवार और दोस्तों से परिचय करवाते हैं

उसके सबसे करीबी दोस्त कौन हैं? क्या उनकी मां या बहन आपको पसंद करती है, और आप उसे? यदि कोई पुरुष आपके साथ रहने के बारे में वास्तव में गंभीर है, तो वह बिना किसी सवाल के आपको अपने करीबी दोस्तों और परिवार से मिलवाता है। अगर वह आपके साथ अपना जीवन साझा करने को लेकर भ्रमित है, तो आपको उनके साथ इंटिमेट होने से पहले सोचना चाहिए।

7. क्या वे आपको खुश रखते हैं?

आखिरी लेकिन सबसे महत्वपूर्ण ये है, की क्या वे आपको पूरी तरह से खुश रखता है, और आप दोनों एक साथ अच्छा समय बिताते हैं! लेकिन यदि आपको अभी भी इसपर संदेह है, तो शारीरिक संबंध बनाने के बारे में विचार करें। वहीं अगर आप उनके होने से खुश रहती हैं, और बेहतर महसूस करती हैं, तो आप अपने मन की सुने और बेझिझक आगे बढ़ें।

फोटो सौजन्य- गूगल

Increasing pollution in the air can be fatal for the heart

Pollution का बढ़ता खतरनाक स्तर सांस से जुड़ी समस्याओं के अलावा हार्ट डिजीज के खतरे को भी बढ़ा रहा है। हवा में मौजूद हानिकारक पार्टिकल्स सांस के जरिए शरीर के भीतर प्रवेश करने के बाद हृदय रोग, सांस की बीमारी और कैंसर सहित अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ा देता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक हर वर्ष पॉल्यूशन से 70 लाख लोगों की मौत होती है। खराब एयरक्वालिटी के कारण हृदय की ब्लड को पंप करने की क्षमता पर असर पड़ता है, जिससे हृदय रोगों का संकट काफी बढ़ जाता है। आइये जानते हैं एयर पॉल्यूशन किस तरह से बढ़ाता है हृदय रोगों का जोखिम-

पॉल्यूशन का हृदय पर असर

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की रिसर्च के मुताबिक वायु प्रदूषण एथेरोस्क्लेरोसिस की मात्रा को बढ़ाता है, जिससे आर्टरीज़ की वॉल्स में प्लाक बनने लगता है। कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम और वसा से प्लाक बनने लगता है, जो हृदय में रक्त के प्रवाह को बाधित कर देता है। इससे हृदय गति प्रभावित होती है और हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और अन्य हृदय रोगों का जोखिम बढ़ जाता है। प्रदूषण से हार्ट हेल्थ को नुकसान पहुंचने के अलावा डायबिटीज़ का खतरा भी बना रहता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हवा में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड, ओजोन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड हेल्थ रिस्क को बढ़ाती हैं। इसके अलावा हवा में घुले जहरीले कण फेफड़ों में पहुंचकर रक्त प्रवाह में प्रवेश करते हैं। इससे टिशूज़ और रेड ब्लड सेल्स को नुकसान का सामना करना पड़ता है। लंबे वक्त तक महीन पार्टिकुलेट मैटर के संपर्क में रहने से व्यक्ति को स्ट्रोक, हृदय रोग, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज और कैंसर जैसी घातक बीमारियों का खतरा बना रहता है।

इस बारे में एक सीनियर डॉक्टर ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि वायु प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर हार्ट पर दिखता है। PM, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे प्रदूषक जो गाड़ियों के धुएं फैक्ट्रियों और ईंधन जलाने से निकलते हैं, शरीर में जाकर दिल की सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं।

कैसे हृदय स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है प्रदूषण

Increasing pollution in the air can be fatal for the heart

1. हार्ट अटैक का जोखिम

ये प्रदूषक सांस के जरिए फेफड़ों में पहुंचकर खून में मिल जाते हैं। ये नसों पर असर डालते हैं, जिससे सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव बढ़ने लगता है। यह नसों में फैट जमा होने का कारण बनता है, जो दिल की बीमारियों और हार्ट अटैक की वजह बन सकता है। लंबे समय तक इन प्रदूषकों के संपर्क में रहने से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

2. दिल की धड़कन का बढ़ना

नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड सेहत पर बुरा असर डालते हैं। नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, जो गाड़ियों और पावर प्लांट से निकलती है। फेफड़ों को कमजोर करती है और दिल पर अधिक दबाव बनाए रखती है। वहीं, कार्बन मोनोऑक्साइड खून में ऑक्सीजन पहुंचाने की क्षमता को कम कर देती है, जिससे दिल और शरीर के अन्य हिस्सों को सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। यह दिल की धड़कन को अनियमित कर सकता है और दिल की बीमारियों का कारण बन सकता है।

3. कोलेस्ट्रॉल का लेवल असंतुलित हो जाना

एक अध्ययन के मुताबिक लगातार धुएं और धूल मिट्टी के संपर्क में रहने से शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होने लगता है। प्रदूषण के कारण शरीर में हाई डेंसिटी लिपो प्रोटीन यानी गुड कोलेस्ट्रॉल में कमी आने लगती है। इससे हृदय संबंधी अनय समस्याओं के अलावा बैड कोलेस्ट्रॉल तेजी से बढ़ने लगता है।

4. ब्लड वेसल्स को करता है संकुचित

If you get such signs, then understand that heart problems have started

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार एयरबॉर्न पार्टिक्यूलेट मैटर से हृदय संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं। इससे ब्लड वेसल्स संकुचित होने लगती है और रक्त का प्रवाह असंतुलित हो जाता है। इसके अलावा ब्लडप्रेशर में वृद्धि, रक्त के थक्के जमना, कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज और स्ट्रोक का खतरा बना रहता हैं। बच्चे, बुजुर्ग और हार्ट के मरीज वायु प्रदूषण के असर से ज्यादा प्रभावित होते हैं।

इन सुझावों की मदद से समस्या को दूर किया जा सकता है

  • गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारे करना गले की सूजन को कम करता है और राहत देता है। दिन में दो बार गरारे करने से गले में मौजूद संक्रमण को दूर किया जा सकता है।
  • अदरक और शहद की चाय पीने से गले में आराम मिलता है और कफ साफ होता है। इससे फेफड़ों में बढ़ने वाले संक्रमण से बचाव होता है और म्यूक्स का उत्पादन कम होने लगता है।
  • इनडोर पॉल्यूशन से खुद को बचाव करनेअ के लिए घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें और इनडोर प्लांटस भी लगाएं। अलावा इसके बाहर निकलते समय मास्क लगाना न भूलें।
  • अपने शरीर को निर्जलीकरण से बचाने का प्रयास करें। इससे गले में दर्द और खराश कम होती है। ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं ताकि गला और फेफड़े नम बने रहें और सेहत ठीक रहे।

फोटो सौजन्य- गूगल

Life wants to run me according to its own accord and heart at its own pace

पिछले कुछ सालों से याद ही नहीं कि कब मैं सुकून के दो पल बैठकर महसूस कर पाई हूं। बस भागती जा रही हूं.. ना तो ये पता है कि रास्ता सही भी है और ना ये पता है कि रास्ता अब और  कितना बचा है। ये भी नहीं पता कि खुद के लिए भाग रही हूं या जिंदगी मुझे भगा रही है। जब स्कूल में थे तो दिल करता था कि जल्दी से जल्दी बड़े हो जाए। अपने फैसले खुद ले पाएं लेकिन जब से बड़े हुए है जिंदगी सिर्फ भगाए जा रही है।

दरअसल, जिंदगी और इस जिद्दी दिल की ठनी हुई है, जिंदगी मुझे अपने हिसाब से चलाना चाहती है और दिल अपने हिसाब से।
सच में वो बचपन वाली जिंदगी बहुत हसीन हुआ करती थी। जो दिल करता था वो किया करते थे। जब भी कोई दिक्कत परेशानी हुआ करती थी तो मां हुआ करती थी पास, बस एक बार प्यार से सिर पर हाथ रख देती थी तो लगता था कि पूरी दुनिया बस हमारे ही इर्द गिर्द घूम रही है।
और कभी प्यार से गोदी में उठाकर माथा चूम लेती थी तो ये दिल सातवें आसमान पर होता था।
उस समय समझ नहीं थी फिर भी सुकून था। आज इस समझदारी ने सारा चैन छीन लिया है।
बड़े हो गए, शादी हो गई, सेटल हो गए लेकिन ये दिल आज भी उन पुराने दिनों में लौटना चाहता है, जहां मां और उसका ढेर सारा प्यार बिना मांगे मिलता था।

काफी समय बीत गया उस घर से विदा हुए,
काफी समय बीत गया नई दुनिया बसाए हुए
पर ना जाने क्यों शाम ढलते ही ये दिल उस घर पहुंच जाता है
मां की आवाज़ सुनने को ये दिल यूंही मचल जाता है
महक वो मां के खाने की महसूस करना चाहता है
वो हर त्यौहार उनका बहुत चाव से मनाना,
वो हर रोज सुबह जल्दी उठ जाना,
हम सब को खिलाकर फिर खुद खाना,
शाम को पापा के ऑफिस से आने का इंतजार करना,
हर जन्मदिन पर हमें नए कपड़े दिलाना,
और खुद कई त्यौहार उसी पुरानी लाल साड़ी में बिताना,
हमारे बीमार पड़ने पर उनका वो रात भर जागना,
हर बार पापा की डांट से हमें बचा लेना,
हमारी तकलीफ में खुद आंसू बहाना,
बहुत याद आता है वो घर जहां सिर्फ और सिर्फ अपनापन की ही बहार थी।

बहुत मुश्किल से दिल को समझाती हूं कि वो दिन बीत गए, अब उन दिनों को तुम सपने में जी लिया करो।

उन दिनों को याद कर मैं कुछ इस तरह जी पाती हूं,
आज भी मां से किए वो सारे वादे निभाती हूं,
सबको खुश रखने कि कोशिश में मैं खुद को भूल जाती हूं।
मैं भी अब मां की तरह सब को खिलाकर फिर खुद खाती हूं,
चाहे कितना ही लेट सोना हो फिर भी प्रात: काल उठ जाती हूं,
अपने अरमानों को अब में दिल के किसी कोने में दफनाती हूं,
कभी कभी मां की ही तरह मैं हालात से समझौते भी कर जाती हूं।

जानती हूं कि वो दिन अब लौट कर नहीं आयेंगे,
इसलिए मैं इस अड़ियल दिल को कई बार समझाती हूं,
जानती हूं कि वो सिर्फ मां नहीं भगवान है मेरी,
इसलिए अब भी तकलीफ होने पर सिर्फ उनको ही बताती हूं।।

 

Love in First Sight

आपको पहली ही नजर में सामने वाला कैसे अच्छा लगने लगता है? उसकी हर बातें, हरकतें, मुस्कुराहट सबकुछ ऐसा लगता है कि इसे मेरे लिए भगवान ने जमीं पर उतारा है। अगर आप किसी से पहली बार मिल रहे हैं और थोड़ी ही देर में आपको ये लगे कि हम बरसों से एकदूसरे को जानते हैं, मतलब आप दोनों के दिल की धड़कनें एक दूसरे के लिए धड़क रही हैं। हार्ट रेट सिंक्रोनाइज हो जाती है। हथेलियों पर हल्का-हल्का पसीना आने लगता है, जो कि एक सकारात्मक बायोलॉजिकल संदेश है, एक नए रिसर्च से इस पर खुलासा हुआ है।

पहली नजर में पार्टनर का मिलना

If someone music starts tuning of your heart at first sight

यह आपके दिमाग का केमिकल बैलेंस ही तो है जो पहली नजर में किसी को देखने या मिलने पर उसके साथ केमिस्ट्री बिठा लेता है। असल में हर किसी की ख्वाहिश होती है कि उसके दोस्त या पार्टनर में कुछ खास तरह की आदतें होनी चाहिए जो उससे मिलती हों, आमतौर पर ऐसा कम ही होता है क्योंकि अधिकतर लोग यानी पुरुष और महिला इस बात पर सफलता हासिल नहीं कर पाते, या फिर उनकी केमिस्ट्री धीरे-धीरे बिगड़ जाती है।

‘नेचर ह्यूमन बिहेवियर’ जर्नल में प्रकाशित

If someone music starts tuning of your heart at first sight

यह रिसर्च हाल ही में ‘नेचर ह्यूमन बिहेवियर’ जर्नल में प्रकाशित हुई है। इस रिसर्च को करने वाली प्रमुख वैज्ञानिक और नीदरलैंड्स स्थित लीडेन यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता एलिस्का प्रोशाजकोवा ने कहा- ‘आप ऑनलाइन डेटिंग साइट पर किसी को मिस्टर/मिस परफेक्ट समझ कर सर्च करते हैं पर कई बार वो सफल नहीं हो पाते लेकिन जब आप किसी से असल जिंदगी में मिलते हैं और आपको पहली नजर में ही वो अच्छा लगने लगता है तो मानकर चलिए कि आपकी केमिस्ट्री सही जा रही है।

बस यही है, जो मेरा सबसे प्यारा दोस्त या पार्टनर बन सकता है

If someone music starts tuning of your heart at first sight

एलिस्का ने कहा कि यह सिर्फ बाहरी लुक पर निर्भर नहीं करता। इसके साथ-साथ सामने वाले का बिहेव और सोच भी मायने रखता है। आपके भीतर से एक आवाज आती है- बस यही है, जो मेरा सबसे प्यारा दोस्त या पार्टनर बन सकता है। क्योंकि उस समय आपकी और पहली बार मिलने वाले व्यक्ति की धड़कनें समान धुन में चल रही होती हैं। असल में यह एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया है, जो कई तरह के बायोलॉजिकल प्रोसेस के बाद शुरू होता है।

142 हेट्रोसेक्सुअल लड़कों और लड़कियों पर स्टडी की

Study on Relationship

बायोलॉजिकल प्रोसेस जैसे देखना, छूना, मन के भीतर बातों का असर आदि। इन सबके पीछे हॉर्मोनल लेवल में बदलाव भी मायने रखता है। एलिस्का ने यह प्रक्रिया समझने के लिए 142 हेट्रोसेक्सुअल लड़कों और लड़कियों पर स्टडी की। इनकी उम्र 18 से 38 वर्ष के बीच थी। इन लोगों को एक खास केबिन में 04 मिनट के लिए ब्लाइंड डेट पर भेजा गया। इन केबिन्स के भीतर पार्टिसिपेंट्स को आई-ट्रैकिंग ग्लासेस, हार्ट रेट मॉनिटर्स, पसीना जांच ने वाली मशीनें लगाई गईं थी।

एकदूसरे के साथ ज्यादा वक्त बिताना चाहते थे !

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कुछ पेयर्स एक दूसरे के प्रति ज्यादा खिंचाव महसूस कर रहे थे। उनकी डेट आगे बढ़ी। कुछ की डेट सफल नहीं हुई। 142 लोगों में से 17 फीसदी पेयर्स ने अगली डेट की मांग की। वो एकदूसरे के साथ ज्यादा वक्त बिताना चाहते थे। उनसे बातें करना चाहते थे, क्योंकि इन जोड़ों ने अपने सामने वाले अट्रैक्टिव पाया और उन्हें ज्यादा रेटिंग भी दी।

..तो वह दूसरे को काफी पसंद आता 

Study on Relationship

ब्लाइंड डेट के दौरान देखा गया कि इन 17 फीसदी पेयर्स के दिल की धड़कनें एकसाथ तेजी से बढ़ती थी, फिर एकसाथ नियंत्रित हो जाती थी। इनकी हथेलियों में पसीना अचानक बढ़ जाता था और अचानक से कम हो जाता था। ये पेयर्स एकदूसरे की आंखों में लगातार देखते रहते, मुस्कुराते, हंसते थे, प्यार से सिर टकराते थे या हाथ पकड़ते थे। यानी अगर जोड़े में से कोई एक किसी तरह की शारीरिक, व्यवहारिक हरकतें करता तो वह दूसरे को काफी पसंद आता था।

If bones want strong and heart fit then eat makhana daily

मखाना एक तरह का ड्राई फ्रूट है जो खाने में काफी स्वादिष्ट होटा है। पोषक तत्वों से भरपूर मखाने में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल, Calcium, Magnesium और प्रोटीन के गुण पाए जाते हैं। साथ ही इनमें Sodium, Fats की मात्रा भी काफी कम होती। मखाने का इस्तेमाल करने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं दूर होती हैं। जो लोग ब्लड की कमी से जूझ रहे हैं, हेल्थ एक्सपर्ट उन्हें दूध में मखाना उबालकर खाने की सलाह देते हैं। यह ना सिर्फ पाचन तंत्र को दुरुस्त करते हैं बल्कि शरीर में ऊर्जा का भी संचलन करते हैं।

हड्डियां बनती हैं स्ट्रोंग

मखाने में कैल्शियम की काफी मात्रा में पाया जाता है। नियमित तौर पर मखाने का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं। आप अगर चाहें तो मखाने को घी में फ्राई कर भी सेवन कर सकते हैं।

दिल को रखे फिट

मखाना खाने में जितने स्वादिष्ट होते हैं, उतने ही इनमें पोषक तत्व मौजूद होते हैं। मखाने में एक्केलाइड नामक तत्व पाया जाता है जो दिल को दुरुस्त रखने में सहायक होता है। मखाने को डेली सेवन करने से दिल का दौरा का खतरा भी कम होता है।

नींद की समस्या

जो लोग नींद ना आने की समस्या का सामना कर रहे हैं उनके लिए भी मखाना जरूरी हो सकता है। रात में सोने से पहले मखाने वाले दूध के सेवन से अच्छी नींद आती है और अनिंद्रा की समस्या दूर हो जाती है।

एनर्जी का संचयन

मखाना का रोजाना इस्तेमाल से शरीर मजबूत बनता है, क्योंकि यह शरीर में एनर्जी को संचयित करता है। दूध में मौजूद प्रोटीन प्रोटीन बॉडी में ऊर्जा को संचयन करता है।

झुर्रियों से दिलाए छुटकारा

मखाने में मौजूद तत्व एजिंग के निशान यानी झुर्रियों से भी छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। रोजाना मखाने का सेवन करने से त्वचा में इलास्टिसिटी बढ़ जाती है।

डाइजेस्टिव सिस्टम दुरुस्त रखने में असरदार

जो लोग पेट की समस्या यानी कब्ज से परेशान रहते हैं, उनके लिए मखाना किसी रामबाण से कम नहीं है। मखाने में मौजूद फाइबर और आयरन तत्व गैस और अपच की समस्या से छुटकारा दिलाते हैं। आप दूध में उबालकर मखाने का सेवन कर सकते हैं।

मां और बेटी

पिछले कुछ सालों से याद ही नहीं कि कब मैं सुकून के दो पल बैठकर महसूस कर पाई हूं। बस भागती जा रही हूं, ना तो ये पता है कि रास्ता सही है नहीं  और ना ये पता है कि और कितना बचा है।

ये भी नहीं पता कि खुद के लिए भाग रही हूं या जिंदगी मुझे भगा रही है।

जब स्कूल में थे तो दिल करता था कि जल्दी से जल्दी बड़े हो जाए। अपने फैसले खुद ले पाएं लेकिन जब से बड़े हुए है जिंदगी सिर्फ भगाए जा रही है।

दरअसल जिंदगी की इस जिद्दी दिल से ठनी हुई है, जिंदगी मुझे अपने हिसाब से चलाना चाहती है और दिल अपने हिसाब से।

सच में वो बचपन वाली जिंदगी बहुत हसीन हुआ करती थी जो दिल करता था वो किया करते थे। जब भी कोई दिक्कत परेशानी हुआ करती थी तो मां हुआ करती थी पास, बस एक बार प्यार से सिर पर हाथ रख देती थी तो लगता था कि पूरी दुनिया बस हमारे ही इर्द गिर्द घूम रही है। और कभी प्यार से गोदी में उठाकर माथा चूम लेती थी तो ये दिल 7वें आसमान पर होता था।

उस समय समझ नहीं थी फिर भी सुकून था। आज इस समझदारी ने सारा चैन छीन लिया है।

मां और बेटी

बड़े हो गए,  शादी हो गई, सेटल हो गए लेकिन ये दिल आज भी उन पुराने दिनों में लौटना चाहता है, जहां मां और उसका ढेर सारा प्यार हुआ करता था।

काफी समय बीत गया उस घर से विदा हुए,

काफी समय बीत गया नई दुनिया बसाए हुए,

पर ना जाने क्यों शाम ढलते ही ये दिल उस घर पहुंच जाता है,

मां की आवाज़ सुनने को ये दिल यूंही मचल जाता है,

महक वो मां के खाने की महसूस करना चाहता है,

वो हर त्यौहार उनका बहुत चाव से मनाना,

काफी समय बीत गया उस घर से विदा हुए।

वो हर रोज सुबह जल्दी उठ जाना,

हम सब को खिलाकर फिर खुद खाना,

शाम को पापा के ऑफिस से आने का इंतजार करना,

हर जन्मदिन पर हमें नए कपड़े दिलाना,

और खुद कई त्यौहार उसी पुरानी लाल साड़ी में बिताना,

हमारे बीमार पड़ने पर उनका वो रात भर जागना,

हर बार पापा की डांट से हमें बचाना,

हमारी तकलीफ में खुद आंसू बहाना,

बहुत याद आता है वो घर जहां सिर्फ और सिर्फ अपनापन होता था,

काफी समय बीत गया उस घर से विदा हुए।।

बहुत मुश्किल से दिल को समझाती हूं कि वो दिन बीत गए,

अब उन दिनों को तुम सपने में जी लिया करो,

उन दिनों को याद कर मैं कुछ इस तरह जी पाती हूं,

आज भी मां से किए वो सारे वादे निभाती हूं,

सबको खुश रखने कि कोशिश में मैं खुद को भूल जाती हूं,

मैं भी अब मां की तरह सब को खिलाकर फिर खुद खाती हूं,

चाहे कितना ही लेट सोना हो फिर भी हर सुबह 5 बजे उठ जाती हूं,

अपने अरमानों को अब में दिल के किसी कोने में दफनाती हूं,

कभी-कभी मां की ही तरह मैं हालात से समझौते भी कर जाती हूं।

जानती हूं कि वो दिन अब लौट कर नहीं आयेंगे,

इसलिए मैं इस अड़ियल दिल को कई बार समझाती हूं,

जानती हूं कि वो सिर्फ मां नहीं भगवान है मेरी,

इसलिए अब भी तकलीफ होने पर सिर्फ उनको बताती हूं,

काफी समय बीत गया उस घर से विदा हुए।।

फोटो सौजन्य- गूगल

आज हम बात करने वाले है उस छोटे बच्चे के बारे में जिसे हम समझाते तो बहुत है लेकिन अक्सर उसकी जिद के आगे हमें अपने घुटने टेकने पड़ते है