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Tag Archives: heart

Life wants to run me according to its own accord and heart at its own pace

पिछले कुछ सालों से याद ही नहीं कि कब मैं सुकून के दो पल बैठकर महसूस कर पाई हूं। बस भागती जा रही हूं.. ना तो ये पता है कि रास्ता सही भी है और ना ये पता है कि रास्ता अब और  कितना बचा है। ये भी नहीं पता कि खुद के लिए भाग रही हूं या जिंदगी मुझे भगा रही है। जब स्कूल में थे तो दिल करता था कि जल्दी से जल्दी बड़े हो जाए। अपने फैसले खुद ले पाएं लेकिन जब से बड़े हुए है जिंदगी सिर्फ भगाए जा रही है।

दरअसल, जिंदगी और इस जिद्दी दिल की ठनी हुई है, जिंदगी मुझे अपने हिसाब से चलाना चाहती है और दिल अपने हिसाब से।
सच में वो बचपन वाली जिंदगी बहुत हसीन हुआ करती थी। जो दिल करता था वो किया करते थे। जब भी कोई दिक्कत परेशानी हुआ करती थी तो मां हुआ करती थी पास, बस एक बार प्यार से सिर पर हाथ रख देती थी तो लगता था कि पूरी दुनिया बस हमारे ही इर्द गिर्द घूम रही है।
और कभी प्यार से गोदी में उठाकर माथा चूम लेती थी तो ये दिल सातवें आसमान पर होता था।
उस समय समझ नहीं थी फिर भी सुकून था। आज इस समझदारी ने सारा चैन छीन लिया है।
बड़े हो गए, शादी हो गई, सेटल हो गए लेकिन ये दिल आज भी उन पुराने दिनों में लौटना चाहता है, जहां मां और उसका ढेर सारा प्यार बिना मांगे मिलता था।

काफी समय बीत गया उस घर से विदा हुए,
काफी समय बीत गया नई दुनिया बसाए हुए
पर ना जाने क्यों शाम ढलते ही ये दिल उस घर पहुंच जाता है
मां की आवाज़ सुनने को ये दिल यूंही मचल जाता है
महक वो मां के खाने की महसूस करना चाहता है
वो हर त्यौहार उनका बहुत चाव से मनाना,
वो हर रोज सुबह जल्दी उठ जाना,
हम सब को खिलाकर फिर खुद खाना,
शाम को पापा के ऑफिस से आने का इंतजार करना,
हर जन्मदिन पर हमें नए कपड़े दिलाना,
और खुद कई त्यौहार उसी पुरानी लाल साड़ी में बिताना,
हमारे बीमार पड़ने पर उनका वो रात भर जागना,
हर बार पापा की डांट से हमें बचा लेना,
हमारी तकलीफ में खुद आंसू बहाना,
बहुत याद आता है वो घर जहां सिर्फ और सिर्फ अपनापन की ही बहार थी।

बहुत मुश्किल से दिल को समझाती हूं कि वो दिन बीत गए, अब उन दिनों को तुम सपने में जी लिया करो।

उन दिनों को याद कर मैं कुछ इस तरह जी पाती हूं,
आज भी मां से किए वो सारे वादे निभाती हूं,
सबको खुश रखने कि कोशिश में मैं खुद को भूल जाती हूं।
मैं भी अब मां की तरह सब को खिलाकर फिर खुद खाती हूं,
चाहे कितना ही लेट सोना हो फिर भी प्रात: काल उठ जाती हूं,
अपने अरमानों को अब में दिल के किसी कोने में दफनाती हूं,
कभी कभी मां की ही तरह मैं हालात से समझौते भी कर जाती हूं।

जानती हूं कि वो दिन अब लौट कर नहीं आयेंगे,
इसलिए मैं इस अड़ियल दिल को कई बार समझाती हूं,
जानती हूं कि वो सिर्फ मां नहीं भगवान है मेरी,
इसलिए अब भी तकलीफ होने पर सिर्फ उनको ही बताती हूं।।

 

Love in First Sight

आपको पहली ही नजर में सामने वाला कैसे अच्छा लगने लगता है? उसकी हर बातें, हरकतें, मुस्कुराहट सबकुछ ऐसा लगता है कि इसे मेरे लिए भगवान ने जमीं पर उतारा है। अगर आप किसी से पहली बार मिल रहे हैं और थोड़ी ही देर में आपको ये लगे कि हम बरसों से एकदूसरे को जानते हैं, मतलब आप दोनों के दिल की धड़कनें एक दूसरे के लिए धड़क रही हैं। हार्ट रेट सिंक्रोनाइज हो जाती है। हथेलियों पर हल्का-हल्का पसीना आने लगता है, जो कि एक सकारात्मक बायोलॉजिकल संदेश है, एक नए रिसर्च से इस पर खुलासा हुआ है।

पहली नजर में पार्टनर का मिलना

If someone music starts tuning of your heart at first sight

यह आपके दिमाग का केमिकल बैलेंस ही तो है जो पहली नजर में किसी को देखने या मिलने पर उसके साथ केमिस्ट्री बिठा लेता है। असल में हर किसी की ख्वाहिश होती है कि उसके दोस्त या पार्टनर में कुछ खास तरह की आदतें होनी चाहिए जो उससे मिलती हों, आमतौर पर ऐसा कम ही होता है क्योंकि अधिकतर लोग यानी पुरुष और महिला इस बात पर सफलता हासिल नहीं कर पाते, या फिर उनकी केमिस्ट्री धीरे-धीरे बिगड़ जाती है।

‘नेचर ह्यूमन बिहेवियर’ जर्नल में प्रकाशित

If someone music starts tuning of your heart at first sight

यह रिसर्च हाल ही में ‘नेचर ह्यूमन बिहेवियर’ जर्नल में प्रकाशित हुई है। इस रिसर्च को करने वाली प्रमुख वैज्ञानिक और नीदरलैंड्स स्थित लीडेन यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता एलिस्का प्रोशाजकोवा ने कहा- ‘आप ऑनलाइन डेटिंग साइट पर किसी को मिस्टर/मिस परफेक्ट समझ कर सर्च करते हैं पर कई बार वो सफल नहीं हो पाते लेकिन जब आप किसी से असल जिंदगी में मिलते हैं और आपको पहली नजर में ही वो अच्छा लगने लगता है तो मानकर चलिए कि आपकी केमिस्ट्री सही जा रही है।

बस यही है, जो मेरा सबसे प्यारा दोस्त या पार्टनर बन सकता है

If someone music starts tuning of your heart at first sight

एलिस्का ने कहा कि यह सिर्फ बाहरी लुक पर निर्भर नहीं करता। इसके साथ-साथ सामने वाले का बिहेव और सोच भी मायने रखता है। आपके भीतर से एक आवाज आती है- बस यही है, जो मेरा सबसे प्यारा दोस्त या पार्टनर बन सकता है। क्योंकि उस समय आपकी और पहली बार मिलने वाले व्यक्ति की धड़कनें समान धुन में चल रही होती हैं। असल में यह एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया है, जो कई तरह के बायोलॉजिकल प्रोसेस के बाद शुरू होता है।

142 हेट्रोसेक्सुअल लड़कों और लड़कियों पर स्टडी की

Study on Relationship

बायोलॉजिकल प्रोसेस जैसे देखना, छूना, मन के भीतर बातों का असर आदि। इन सबके पीछे हॉर्मोनल लेवल में बदलाव भी मायने रखता है। एलिस्का ने यह प्रक्रिया समझने के लिए 142 हेट्रोसेक्सुअल लड़कों और लड़कियों पर स्टडी की। इनकी उम्र 18 से 38 वर्ष के बीच थी। इन लोगों को एक खास केबिन में 04 मिनट के लिए ब्लाइंड डेट पर भेजा गया। इन केबिन्स के भीतर पार्टिसिपेंट्स को आई-ट्रैकिंग ग्लासेस, हार्ट रेट मॉनिटर्स, पसीना जांच ने वाली मशीनें लगाई गईं थी।

एकदूसरे के साथ ज्यादा वक्त बिताना चाहते थे !

Study on Relationship

कुछ पेयर्स एक दूसरे के प्रति ज्यादा खिंचाव महसूस कर रहे थे। उनकी डेट आगे बढ़ी। कुछ की डेट सफल नहीं हुई। 142 लोगों में से 17 फीसदी पेयर्स ने अगली डेट की मांग की। वो एकदूसरे के साथ ज्यादा वक्त बिताना चाहते थे। उनसे बातें करना चाहते थे, क्योंकि इन जोड़ों ने अपने सामने वाले अट्रैक्टिव पाया और उन्हें ज्यादा रेटिंग भी दी।

..तो वह दूसरे को काफी पसंद आता 

Study on Relationship

ब्लाइंड डेट के दौरान देखा गया कि इन 17 फीसदी पेयर्स के दिल की धड़कनें एकसाथ तेजी से बढ़ती थी, फिर एकसाथ नियंत्रित हो जाती थी। इनकी हथेलियों में पसीना अचानक बढ़ जाता था और अचानक से कम हो जाता था। ये पेयर्स एकदूसरे की आंखों में लगातार देखते रहते, मुस्कुराते, हंसते थे, प्यार से सिर टकराते थे या हाथ पकड़ते थे। यानी अगर जोड़े में से कोई एक किसी तरह की शारीरिक, व्यवहारिक हरकतें करता तो वह दूसरे को काफी पसंद आता था।

If bones want strong and heart fit then eat makhana daily

मखाना एक तरह का ड्राई फ्रूट है जो खाने में काफी स्वादिष्ट होटा है। पोषक तत्वों से भरपूर मखाने में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल, Calcium, Magnesium और प्रोटीन के गुण पाए जाते हैं। साथ ही इनमें Sodium, Fats की मात्रा भी काफी कम होती। मखाने का इस्तेमाल करने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं दूर होती हैं। जो लोग ब्लड की कमी से जूझ रहे हैं, हेल्थ एक्सपर्ट उन्हें दूध में मखाना उबालकर खाने की सलाह देते हैं। यह ना सिर्फ पाचन तंत्र को दुरुस्त करते हैं बल्कि शरीर में ऊर्जा का भी संचलन करते हैं।

हड्डियां बनती हैं स्ट्रोंग

मखाने में कैल्शियम की काफी मात्रा में पाया जाता है। नियमित तौर पर मखाने का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं। आप अगर चाहें तो मखाने को घी में फ्राई कर भी सेवन कर सकते हैं।

दिल को रखे फिट

मखाना खाने में जितने स्वादिष्ट होते हैं, उतने ही इनमें पोषक तत्व मौजूद होते हैं। मखाने में एक्केलाइड नामक तत्व पाया जाता है जो दिल को दुरुस्त रखने में सहायक होता है। मखाने को डेली सेवन करने से दिल का दौरा का खतरा भी कम होता है।

नींद की समस्या

जो लोग नींद ना आने की समस्या का सामना कर रहे हैं उनके लिए भी मखाना जरूरी हो सकता है। रात में सोने से पहले मखाने वाले दूध के सेवन से अच्छी नींद आती है और अनिंद्रा की समस्या दूर हो जाती है।

एनर्जी का संचयन

मखाना का रोजाना इस्तेमाल से शरीर मजबूत बनता है, क्योंकि यह शरीर में एनर्जी को संचयित करता है। दूध में मौजूद प्रोटीन प्रोटीन बॉडी में ऊर्जा को संचयन करता है।

झुर्रियों से दिलाए छुटकारा

मखाने में मौजूद तत्व एजिंग के निशान यानी झुर्रियों से भी छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। रोजाना मखाने का सेवन करने से त्वचा में इलास्टिसिटी बढ़ जाती है।

डाइजेस्टिव सिस्टम दुरुस्त रखने में असरदार

जो लोग पेट की समस्या यानी कब्ज से परेशान रहते हैं, उनके लिए मखाना किसी रामबाण से कम नहीं है। मखाने में मौजूद फाइबर और आयरन तत्व गैस और अपच की समस्या से छुटकारा दिलाते हैं। आप दूध में उबालकर मखाने का सेवन कर सकते हैं।

मां और बेटी

पिछले कुछ सालों से याद ही नहीं कि कब मैं सुकून के दो पल बैठकर महसूस कर पाई हूं। बस भागती जा रही हूं, ना तो ये पता है कि रास्ता सही है नहीं  और ना ये पता है कि और कितना बचा है।

ये भी नहीं पता कि खुद के लिए भाग रही हूं या जिंदगी मुझे भगा रही है।

जब स्कूल में थे तो दिल करता था कि जल्दी से जल्दी बड़े हो जाए। अपने फैसले खुद ले पाएं लेकिन जब से बड़े हुए है जिंदगी सिर्फ भगाए जा रही है।

दरअसल जिंदगी की इस जिद्दी दिल से ठनी हुई है, जिंदगी मुझे अपने हिसाब से चलाना चाहती है और दिल अपने हिसाब से।

सच में वो बचपन वाली जिंदगी बहुत हसीन हुआ करती थी जो दिल करता था वो किया करते थे। जब भी कोई दिक्कत परेशानी हुआ करती थी तो मां हुआ करती थी पास, बस एक बार प्यार से सिर पर हाथ रख देती थी तो लगता था कि पूरी दुनिया बस हमारे ही इर्द गिर्द घूम रही है। और कभी प्यार से गोदी में उठाकर माथा चूम लेती थी तो ये दिल 7वें आसमान पर होता था।

उस समय समझ नहीं थी फिर भी सुकून था। आज इस समझदारी ने सारा चैन छीन लिया है।

मां और बेटी

बड़े हो गए,  शादी हो गई, सेटल हो गए लेकिन ये दिल आज भी उन पुराने दिनों में लौटना चाहता है, जहां मां और उसका ढेर सारा प्यार हुआ करता था।

काफी समय बीत गया उस घर से विदा हुए,

काफी समय बीत गया नई दुनिया बसाए हुए,

पर ना जाने क्यों शाम ढलते ही ये दिल उस घर पहुंच जाता है,

मां की आवाज़ सुनने को ये दिल यूंही मचल जाता है,

महक वो मां के खाने की महसूस करना चाहता है,

वो हर त्यौहार उनका बहुत चाव से मनाना,

काफी समय बीत गया उस घर से विदा हुए।

वो हर रोज सुबह जल्दी उठ जाना,

हम सब को खिलाकर फिर खुद खाना,

शाम को पापा के ऑफिस से आने का इंतजार करना,

हर जन्मदिन पर हमें नए कपड़े दिलाना,

और खुद कई त्यौहार उसी पुरानी लाल साड़ी में बिताना,

हमारे बीमार पड़ने पर उनका वो रात भर जागना,

हर बार पापा की डांट से हमें बचाना,

हमारी तकलीफ में खुद आंसू बहाना,

बहुत याद आता है वो घर जहां सिर्फ और सिर्फ अपनापन होता था,

काफी समय बीत गया उस घर से विदा हुए।।

बहुत मुश्किल से दिल को समझाती हूं कि वो दिन बीत गए,

अब उन दिनों को तुम सपने में जी लिया करो,

उन दिनों को याद कर मैं कुछ इस तरह जी पाती हूं,

आज भी मां से किए वो सारे वादे निभाती हूं,

सबको खुश रखने कि कोशिश में मैं खुद को भूल जाती हूं,

मैं भी अब मां की तरह सब को खिलाकर फिर खुद खाती हूं,

चाहे कितना ही लेट सोना हो फिर भी हर सुबह 5 बजे उठ जाती हूं,

अपने अरमानों को अब में दिल के किसी कोने में दफनाती हूं,

कभी-कभी मां की ही तरह मैं हालात से समझौते भी कर जाती हूं।

जानती हूं कि वो दिन अब लौट कर नहीं आयेंगे,

इसलिए मैं इस अड़ियल दिल को कई बार समझाती हूं,

जानती हूं कि वो सिर्फ मां नहीं भगवान है मेरी,

इसलिए अब भी तकलीफ होने पर सिर्फ उनको बताती हूं,

काफी समय बीत गया उस घर से विदा हुए।।

फोटो सौजन्य- गूगल

आज हम बात करने वाले है उस छोटे बच्चे के बारे में जिसे हम समझाते तो बहुत है लेकिन अक्सर उसकी जिद के आगे हमें अपने घुटने टेकने पड़ते है