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Follow these 3 special measures to make your breasts attractive

Women in 40: अनुभव और थकान से भरी एक ऐसी उम्र जब आप बहुत कुछ समझ चुकी होती हैं। लेकिन करने को अब भी बहुत कुछ शेष होता है। घर और बाहर की दुनिया की कई चुनौतियों को आप ने पार कर लिया है, मगर कामयाबी के कई सितारे अभी आपके कंधों पर सजने बाकी होते हैं। इस उम्र तक आते अधिकतर महिलाएं अपनी सेहत को सबसे निचले लेवल पर ला चुकी होती है। जबकि यह वही उम्र है जब आपको अपनी सेहत का सबसे अधिक ख्याल रखने की आवश्यकता होती है।

वजन, उम्र और पोजिशन कुछ ऐसी हो जाती है कि शारीरिक रूप से एक्टिव रहने का वक्त भी कम होता चला जाता है। जिसके कारण आप अपनी उम्र के पुरषों से ज्यादा बीमारियों के गिरफ्त में होते हो। अगर इन जोखिमों से बचकर, सफलता के साथ आगे बढ़ना है तो आपको खुद को शारीरिक रूप से सक्रिय रखने पर ध्यान देना होगा।

एक सीनियर साइकोलॉजिस्ट और साइकोथेरेपिस्ट के मुताबिक देखने में भले ही यह सामान्य लगे लेकिन यह उम्र आपके मन के स्तर पर बहुत सारे बदलाव लेकर आती है और यह सब हॉर्मोन में हो रहे बदलाव की वजह से होता है। जो आपकी स्किन, पीरियड, मूड और वेट सभी कुछ प्रभावित करते हैं। इसलिए इस समय आपको अपना और ज्यादा ख्याल रखना जरूरी होता है।

महिलाओं में 40 की उम्र में होने वाली सबसे आम समस्याएं

1. हॉर्मोनल असंतुलन

ये उम्र उन हॉर्मोन में बदलाव की उम्र है, जो अभी तक आपके रिप्रोडक्टिव हेल्थ और बाहरी खूबसूरती के लिए जिम्मेदार थे। अनियमित माहवारी और त्वचा पर उग आने वाले बाल बताते हैं कि आपके हॉर्मोन असंतुलित हो रहे हैं। इस समय एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हॉर्मोन में गिरावट आने लगती है।

2. हेयर फॉल और स्किन में बदलाव

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एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन आपकी प्रजनन क्षमता के साथ-साथ आपके लुक को भी प्रभावित करते हैं। इनमें बाल पहले से हल्के और पतले होने लगते हैं, जबकि त्वचा में लोच और कसाव की कमी दिखाई देने लगती है। बालों का सफेद होना और त्वचा पर झुर्रियां उम्र के इसी पड़ाव पर नजर आने लगती है।

3. पाचन संबंधी समस्याएं

40 की उम्र की महिलाओं का पाचन तत्र पहले से धीमा हो जाता है, जिससे उन्हें पाचन संबंधी समस्याएं बहुत ज्यादा परेशान करने लगती हैं। अक्सर आपने महसूस किया होगा कि पहले आप जिन चीजों को बड़े दिलचस्पी के साथ खाती थीं, अब वही आपके पेट पर बोझ की तरह रहती है। अगर परहेज न किया जाए, तो गैस, एसिडिटी और बदहजमी जैसी समस्याएं इस समय ज्यादा होने लगती हैं।

4. वजन में इजाफा होना

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मेटाबॉलिज्म धीमा होने और हॉर्मोन असंतुलन होने की वजह से महिलाओं को इस उम्र में पेट के पास चर्बी बढ़ने लगती है। इस समय वजन बढ़ना जितना आसान होता है, उसे नियंत्रित करना उतना ही मुश्किल हो जाता है।

5. कमजोर होने लगती हैं हड्डियां

हालांकि 30 के बाद से ही महिलाओं की बोन डेंसिटी कम होने लगती है, इसलिए उन्हें केल्शियम पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है। मगर 40 की उम्र पार करते एस्ट्रोजन की कमी के कारण ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। इसलिए केल्शियम के साथ-साथ आपको विटामिन-D का लेवल भी चेक करते रहने की जरूरत होती है।

6 मूड स्विंग्स

हॉर्मोन सिर्फ आपकी प्रजनन क्षमता को ही नहीं, बल्कि आपके मूड को भी प्रभावित करते हैं। हॉर्मोनल असंतुलन के कारण इस समय आपको ज्यादा गुस्सा आ सकता है। ज्यादातर महिलाओं के परिवार में यह शिकायत आती है कि वे बहुत चिड़चिड़ी और गुस्सैल हो गई हैं। यह पेरिमेनोपॉज का भी एक संकेत हो सकता है। जब आपको हॉट फ्लैश और मूड स्विंग्स का सामना करना पड़ता है।

इस उम्र में कैसे रहा जाए फिट और हेल्दी

डॉक्टर के अनुसार 40 की उम्र में सक्रिय रहने के लिए तनाव को संतुलित करना, अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखना और सकारात्मक जीवनशैली अपनाने का दृष्टिकोण रखना आवश्यक है। तनाव ऊर्जा को समाप्त करने वाले प्रमुख कारणों में से एक है, इसलिए इसे प्रभावी ढंग से प्रबंधित रहना बेहद जरूरी है।

1. टेंशन देने वाले कारकों की पहचान करें

सबसे पहले, अपने जीवन में मौजूद तनाव के कारणों की पहचान करें, यानी यह जानें कि तनाव व्यवसायिक, व्यक्तिगत, वित्तीय या सामाजिक जीवन से आ रहा है। तनाव प्रबंधन पर सक्रिय रूप से काम करें और जरूरत पड़ने पर किसी जानकार से मार्गदर्शन लें। जितनी जल्दी कोई व्यक्ति अपने तनाव को पहचानकर किसी विशेषज्ञ से सलाह लेता है, उतने ही ज्यादा अवसर होते हैं कि वह अपने 40 के दशक में सक्रिय और ऊर्जावान रह सके। इसके साथ ही, उचित नींद लेना भी जरूरी है। अच्छी गुणवत्ता वाली नींद हमारे शरीर और दिमाग को ऊर्जावान बनाने के लिए जरूरी होती है।

2. खूब सारा पानी पीएं

हाइड्रेशन भी एक महत्वपूर्ण कारक है। पर्याप्त मात्रा में तरल पेय पीना और आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार लेना बहुत जरूरी है। इसके अतिरिक्त, संगीत सुनना, किताबें पढ़ना या रचनात्मक गतिविधियों में शामिल होना मन और संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है।

3. चाय-कॉफी कम कर दें

हो सकता है कि सुबह की पहली कॉफी या चाय आपको दिन के लिए तैयार करती हो, मगर यह आपको डिहाइड्रेट भी करती है। इसलिए इन्हें कम करने और धीरे-धीरे छोड़ने की ओर ध्यान दें। साथ ही, निकोटीन, शराब या किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थों से दूर रहना अत्यंत आवश्यक है।

4. हर रोज़ एक्सरसाइज करें

यह आपके लिए सबसे जरूरी एक्टिविटी है। डांस, जुंबा, एरोबिक्स, साइकलिंग, कार्डियो जो भी आपको पसंद है, उसकी मदद से खुद को एक्टिव रखें। हर दिन कम से कम 45 मिनट और सप्ताह में पांच दिन आपका फिजिकल एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी है। इससे मेटाबॉलिज्म ठीक रहता है, वजन नियंत्रित रहता है और आपका मूड भी अच्छा रहता है और आप कम बीमार पड़ती हैं।

डॉक्टर का कहना है कि साल में कम से कम एक बार संपूर्ण स्वास्थ्य जांच कराना चाहिए। ये सुझाव किसी भी व्यक्ति को उनके 40 के दशक में सक्रिय और ऊर्जावान बनाए रखने में मदद पहुंचा सकता है।

फोटो सौजन्य- गूगल

Keep the intimate area fresh and healthy

Intimate Area बॉडी का सबसे संवेदनशील पार्ट होता है। जिस तरह आप अपनी स्किन और बालों का केयर करती हैं, ठीक उसी प्रकार थोड़ा वक्त वेजाइना और एनस की देखभाल में भी देना चाहिए। अक्सर लोग नहाते हुए अपने इंटिमेट एरिया को साफ करते हैं, उसके बाद पूरे दिन इस पर कोई ध्यान नहीं देते हैं। इसलिए कई दफा यह अनकंफर्ट की वजह बन जाता है। इंटिमेट एरिया मतलब कि वेजाइना और एनस को डेली हजार तरह के कीटाणुओं का सामना करना पड़ता है।

इंटिमेट एरिया का ख्याल रखने से इरिटेशन, गीलापन और किसी तरह के संक्रमण से आप दूर रहेंगी, अन्यथा आप सामान्य डेली रूटीन की गतिविधियों को करने में सक्षम महसूस नहीं करेंगी। अनक्लीन इंटिमेट एरिया आपके मूड को इरिटेट कर देती है। ऐसी परिशानियों से बचने को लेकर अपनी इंटिमेट एरिया को फ्रेश रखना आवश्यक है।

गायनेकोलॉजी डिपार्टमेंट की एक सीनियर डायरेक्टर ने इंटिमेट एरिया को फ्रेश रखने के कुछ प्रभावी टिप्स सुझाएं हैं। आइये जानते हैं, फ्रेश और हेल्दी इंटिमेट एरिया मेंटेन करने के कुछ टिप्स-

जानें इंटिमेट एरिया में तरोताजा बनाए रखने के कुछ टिप्स

Keep the intimate area fresh and healthy

1. वेजाइना को दिन में 2-3 बार क्लीन करें

आमतौर पर महिलाएं सुबह नहाने के वक्त एक बार वेजाइना को क्लीन करती हैं, उसके बाद उन्हें अपनी इंटिमेट एरिया का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रहता। यह एक गलत प्रैक्टिस है, दिन में कम से कम 2 से 3 बार अपनी वेजाइना को क्लीन करें। इसके लिए आपको हल्के गुनगुने पानी से अपनी वेजाइना को क्लीन करना है, और टिश्यू या सॉफ्ट टॉवेल से उसे अच्छी तरह से ड्राई कर लें। इस तरह आपको अंदर से तरोताजा महसूस करने में मदद मिलेगी।

2. यूरिन पास करने बाद वेजाइना को रखें ड्राई

टॉयलेट इस्तेमाल करने के बाद सीधे पैंटी पहन लेने से वेजाइना में चिपचिपापन महसूस हो सकता है, साथ ही बार बार ऐसा करने से खुजली महसूस हो सकती है। इन परेशानियों को अवॉइड करने के लिए यूरिन पास करने के बाद टिशू पेपर से अपनी वेजाइना को ड्राई कर लें। आप चाहें तो पानी से क्लीन करने के बाद इसे ड्राई करें।

3. पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं

पूरे दिन में पर्याप्त मात्रा में पानी पीने का प्रयास करें, विशेष रूप से तब जब आपको प्यास का अनुभव हो रहा हो। जब बॉडी हाइड्रेशन मेंटेन रहता है, तो वेजाइना भी तरोताजा रहती है। डिहाइड्रेशन आपकी वेजाइना को चिपचिपा और स्मेली बना सकता है। यदि मुमकिन हो तो दिन में एक बार डिटॉक्स वॉटर जरूर पिएं, इससे आपका पाचन क्रिया संतुलित रहता है और आप अधिक फ्रेश महसूस करती हैं।

4. सही तरीके से करें वाइप

Keep the intimate area fresh and healthy

स्टूल पास करने के बाद अपने एनस को टिशू की मदद से आगे से पीछे की ओर क्लीन करें। अगर आप पीछे से क्लीन करते हुए आगे की ओर आती हैं, तो इससे आपकी योनी में बैक्टीरिया का ग्रोथ बढ़ जाता है और आप संक्रमित हो सकती हैं।

5. दिन में एक बार जरूर क्लीन करें एनस

आजकल बहुत से लोग ऐसे हैं, जो स्टूल पास करने के बाद, टिशू पेपर या केवल पानी से अपने एनस को क्लीन करते हैं। पर सभी को नहाने के बाद पूरे दिन में कम से कम एक बार स्टूल पास करने के बाद अपने एनस को पानी से अच्छी तरह क्लीन करने के बाद उसे टिशू पेपर से पूरी तरह ट्राई करना चाहिए। इस प्रकार संक्रमण और खुजली का खतरा कम हो जाता है।

6. बीच-बीच में वॉक करती रहें

आप ऑफिस जाती हैं या घर पर रहती हैं, लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठी न रहे। एक से डेढ़ घंटे के अंतराल पर उठे और अपने पैरों को थोड़ा स्ट्रेच करें, ताकि वेजाइना को सांस लेने की जगह मिल सके। क्योंकि एक जगह पर पर दबाकर बैठे रहने से वेजाइना अनकंफरटेबल हो जाती है और हवा ट्रैप हो जाता है। जिसकी वजह से पसीना आता है और आपको अनकंफरटेबल महसूस हो सकता है।

7. कॉटन की पैंटी और हल्के कपड़े पहने

अपनी इंटिमेट एरिया को तरोताजा रखने के लिए हमेशा कॉटन की पैंटी और ढीले ढाले कपड़े पहनें, जिससे कि एनस और वेजाइनल एरिया में हवा पास होती रहे। यदि आपके कपड़े आपकी बॉडी से चिपके रहते हैं, तो अधिक पसीना आता है और वे उन्हीं एरिया में ट्रैप हो जाता है। जिसकी कारण इचिंग और अनकंफरटेबल महसूस हो सकता है। वहीं कई बार वेजाइना काफी चिपचिपी हो जाती है।

8. रात को पैंटी उतार कर सोएं

रात को पैंटी उतार कर सोने से आपकी वेजाइना रिलैक्स हो जाती है। पूरे दिन आपके इंटिमेट एरिया कपड़ों से ढके रहते हैं, इसलिए इन्हें सांस लेने की आजादी देना बहुत जरूरी है। पैंटी उतार कर सोने से सुबह उठने के बाद आपकी वेजाइना एकदम तरोजाताजा रहती है।

फोटो सौजन्य- गूगल

Shilpa Shetty

उम्र बढ़ने के साथ एक्टीव, फीट और लचीला रहने के लिए योग या कोई अन्य फिटनेस एक्टिविटी जल्दी शुरू करना हमेशा बेहतर होता है पर हम में से अधिकतर महिलाएं अपने हेल्थ के बारे में अनजान हैं और फिटनेस को अपनी प्राथमिकता की सूची में सबसे नीचे रखती है। जब तक हमारा शरीर वर्षों से चली आ रही खामियों की वजह से बीमारियों का शिकार नहीं हो जाता है, तब तक हमारा ध्यान इस ओर नहीं जाता।

जब 40 की उम्र के बाद पीठ या घुटने का दर्द सताता है और बढ़ता वजन परेशान करता है तो यह महिलाओं के लिए एक वेकअप कॉल माना जाता है लेकिन अभी भी देर नहीं हुई है क्योंकि आप 40 की उम्र के बाद भी अपने स्वास्थ्य की जिम्मेदारी ले सकती हैं। हम आपको एक ऐसे योग के बारे बता रहे हैं जिससे रोजाना कुछ देर करके आप 40 की उम्र के बाद भी हेल्दी रह सकती हैं और इसकी जानकारी हमें बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी के इंस्टाग्राम को देखने के बाद पता चलता है।

फिटनेस फ्रीक शिल्पा शेट्टी, जो अपने रोमांचक फिटनेस रूटीन से अपने फैन्‍स को इंस्‍पायर करती रहती हैं, अक्सर चाहती हैं कि आप उनको फॉलो करें! उन्‍होंने अपने #MondayMotivation सीरिज ने आपके शरीर में शक्ति का संचार करने के लिए एक योग मुद्रा का सुझाव दिया।

शिल्पा शेट्टी का आसन

योग के बारे में बताते हुए उन्‍होंने कैप्‍शन में लिखा, ‘शरीर को हमेशा एक रूटीन को फॉलो करने के लिए थोड़ा सा धक्का चाहिए, जब उसने बिना किसी ब्रेक के काम किया हो। थोड़ा सुस्त या आलसी महसूस करना स्वाभाविक लग सकता है, लेकिन कभी भी अपने शरीर की मांगों को पूरी तरह से न दें। इसे पर्याप्त आराम दें, लेकिन इसे निष्क्रिय न होने दें।’

आगे उन्‍होंने लिखा कि इसलिए, आज मैंने कुछ मिनट विपरीत नौकासन का अभ्यास करने में बिताए। यह बहुत भारी दिनचर्या की तरह नहीं लग सकता है, लेकिन यह एक शक्ति से भरपूर है।’ इसे वीडियो में शिल्पा शेट्टी ने विपरीत नौकासन करने में कुछ मिनट बिताएं। इसे कुछ महिलाएं रिवर्स बोट पोज़ के रूप में जानती हैं।

नौकासन को पीठ के बल लेटकर किया जाता है, जबकि विपरीत नौकासन को पेट के बल। इसमें शरीर की आकृति नौका समान प्रतित होती है, इसीलिए इसे विपरीत नौकासन कहते है।

विपरीत नौकासन के ये हैं फायदें-

  • यह पीठ के निचले हिस्से और पेल्विक एरिया को मजबूत बनाने में मदद करता है।
  • कंधों, बाहों और कूल्हों को मजबूत करने में मदद करता है।
  • यह रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन में भी सुधार करता है।
  • यह पेट के अंगों की मालिश करता है।
  • यह महिलाओं को डाइजेशन में सुधार करने में मदद करता है।

विपरीत नौकासन कैसे करें?

  • इसे करने के लिए फर्श पर पेट के बल लेट जाएं।
  • अपनी बाजुओं को अपने शरीर के किनारों के साथ पीछे स्‍ट्रेच करें।
  • सांस छोड़ें और अपने सिर, चेस्‍ट और पैरों को धीरे-धीरे और साथ-साथ फर्श से उठाएं।
  • सुनिश्चित करें कि आपके हाथ जमीन पर न हो।
  • यह आसन ठीक तब किया जाएगा जब आपके पेट का अगला भाग फर्श पर टिका हो
  • आपको अपने बट्स को सिकोड़ना होगा
  • इस बात का ध्‍यान रखें कि आप पैरों को पूरी तरह से फैलाकर जांघ की मसल्‍स को फैलाएं।
  • जितना हो सके आराम से आसन को बनाए रखने की कोशिश करें।
  • यह सामान्य श्वास के साथ होना चाहिए।

सावधानी है जरूरी

लेकिन शिल्‍पा चेतावनी देती हैं कि अगर आपको हाल ही में पेट की सर्जरी हुई है या आप प्रेग्‍नेंट हैं तो आपको इस आसन को करने से बचना चाहिए। फिटनेस के मामले में अक्सर महिलाएं हद से आगे बढ़ जाती हैं। उस खोज में, वे बिना ब्रेक के बैक-टू-बैक वर्कआउट भी करती हैं। वास्तव में, जरूरत से ज्‍यादा एक्‍सरसाइज आपके शरीर पर उल्‍टा प्रभाव डाल सकती है। आप अधिक थकान महसूस कर सकती हैं या कम ऊर्जा का सामना कर सकती हैं।अलावा इसके, आपको अपनी मसल्‍स के साथ-साथ नर्वस को फिर से जीवंत महसूस करने के लिए कुछ दिनों में धीमा करने की जरूरत हो सकती है पर इस योग को आसानी से करके आप कई समस्‍याओं को दूर कर सकती हैं।

With regular hair massage our hair can become beautiful and healthy
बालों की नियमित मसाज उन्हें अंदर से पोषण देती है, जिससे वो कमज़ोर होकर टूटना बंद हो जाते है। इस नियमित मिलते पोषण से वो और अधिक चमकदार और घने हो जाते है।  नियमित मसाज से बालों को न केवल नमी मिलती है, बल्कि स्कैल्प का ब्लड सर्कुलेशन भी तेज हो जाता है।
लेकिन याद रखिए बालों को मसाज का लाभ तभी मिलेगा जब आप सही तरीके से मसाज करेंगे। अब आप सोचेंगी कि आप तो ये आसानी से कर लेती है, फिर इसमें सही और गलत तरीका क्या है? तो चलिए फिर आज हम आपको बताते है कुछ ऐसी ही हेयर मिस्टेक जिसकी वजह से हमारे बालों को पूरा लाभ नहीं मिलता। आईए जानते है-
1. तेल को गर्म ना करना:
With regular hair massage our hair can become beautiful and healthy
कई बार हम तेल को सीधा ही अपने स्कैल्प पर लगाना शुरू कर देते है जो गलत है। ठंडा या सामान्य तापमान पर तेल थोड़ा गाढ़ा होता है, इस वजह से वो हमारे स्कैल्प की गहराई तक नहीं जा पाता। इसलिए मसाज करने से पहले तेल को हल्का गर्म करना चाहिए जिससे वो हमारे स्कैल्प में गहराई तक जा सके।
2. मसाज के तुरंत बाद सिर धोना:
आमतौर पर देखा जाता है कि आप और हम अक्सर मसाज के तुरंत बाद नहाने चले जाते है और बालों को भी धोने लगे है। लेकिन यह तरीका बिलकुल भी ठीक नहीं है। तेल को मसाज के बाद जड़ों तक जाने और उनको पोषण देने में थोड़ा समय लगता है इसलिए जरूरी है कि आप मसाज के एक घंटे बाद रुककर ही बालों को धोएं।
3. गीले बालों को बांधना:
कभी भी गीले बालों को बांधने या खींचने की गलती न करे । उस समय बाल गीले होते है तथा कमज़ोर होते है, ऐसे में उन्हें बांधना उसकी सहेत को नुकसान पहुंचा सकता है।
4. रात भर बालों में तेल लगा कर रखना:
With regular hair massage our hair can become beautiful and healthy
कभी भी रात भर के लिए बालों में तेल लगाकर नहीं छोड़ना चाहिए ।इससे स्कैल्प के पोर्स बंद हो सकते हैं ।जी हां, बालों में तेल लगाने के बाद हमें 1 या 2 घंटे बाद बालों को वाश कर लेना चाहिए ।
5. गीले बालों में कंघी न करे:
हम अक्सर ऑफिस, स्कूल या कार्यालय की जल्दी में गीले बालों में कंघी करने लगते है और नतीजा ये होता है कि एक बड़ा सा बालों का गुच्छा हमारी कंघी में होता है। जी हां, गीले बालों में कंघी करने से बाल कमज़ोर होकर टूटने लगते है। और उनका टेक्सचर भी खराब हो जाता है। तो बेहतर है की आप बालों को सूखने के बाद ही कंघी करे।
6. तेज़ी से मसाज करना:
जी हां, कभी भी अपने बालों में तेजी से मसाज ना करे । ऐसा करने से बाल उलझते है और फिर टूटते है। इसलिए जितना हो सके बालों में बिल्कुल हल्के हाथों से मसाज करे।
आज के लिए बस इतना ही, फिर मिलते है एक नए लेख के साथ और आपकी कुछ उलझनों के हल के साथ।