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When the taste of tea gets spoiled, natural solution for tea addiction..

हमारी जिंदगी में चाय एक बहुत ही स्पेशल और शानदार पेय है। कई तरह की चाय बाजार में देखने को मिलती है। चाय में कई कंपाउंड कई हेल्थ बेनीफिट से जुड़े होते हैं, जिससे अधिकतर लोगों को लगता है कि इसे अपनी डाइट में शामिल रखना चाहिए। बता दें हम यहां जिस ज़ायकेदार चाय की बात कर रहा हूं उसका साइंटिफिक नेम कैमेलिया साइनेंसिस है।

कुछ लोगों का मानना है कि चाय के कुछ कंपाउंड में लत लगाने वाले गुण होते हैं और बहुत अधिक पीने से फायदे से ज्यादा नुकसान हो सकता है। विभिन्न प्रकार की चाय में अलग-अलग मात्रा में कैफीन होता है, जो दुनिया भर में सबसे ज्यादा खपत किया जाने वाला साइकोएक्टिव मटेरियल है। यह एक नेचुरल स्टीमुलेंट है। इस कंपाउंड को अक्सर चाय की लत लगाने के लिए दोषी ठहराया जाता है। अक्सर कैफीन को एक तरह के लत के रूप में बताया जाता है, क्योंकि इसमें एक रासायनिक संरचना होती है जो एडेनोसाइन से मिलती-जुलती है। एडेनोसाइन आपके शरीर में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एक कंपाउंड है, जो आपके सेंट्रल नर्वस सिस्टम को रेस्ट देता है।

इस रासायनिक संरचना की वजह से कैफीन आपके मस्तिष्क में मौजूद एडेनोसाइन रिसेप्टर्स में फिट हो सकता है और एडेनोसाइन को उनके साथ मिलने से रोकता है। एडेनोसिन की कमी आपके मस्तिष्क की कोशिकाओं को संकेत देने से रोकती है कि आप थक चुके हैं।

When the taste of tea gets spoiled, natural solution for tea addiction..

यह आपके शरीर को बड़ी मात्रा में अन्य नेचुरल स्टीमुलेंट को छोड़ने का कारण बन सकता है, जैसे कि डोपामाइन, जो थकान की भावनाओं को दबाता है और आपको सचेत रहने में मदद करता है। समय के साथ कैफीन से समान प्रभाव का अनुभव करने के लिए आपको ज्यादा मात्रा में चाय की जरूरत होती है। अगर आप अचानक इसे पीना छोड़ देते हैं, तो इससे आपको withdrawal symptom भी हो सकता है।

रिसर्च के मुताबिक जो लोग लगातार कैफीन का इस्तेमाल करते हैं, उनमें इसके एडिक्शन के लक्षण आने लगते हैं। आधिकारिक तौर पर वर्ड हेल्थ ऑर्गेनाजेशन (WHO) कैफीन की निर्भरता को एक सिंड्रोम के रूप में बताता है।

हालांकि, अमेरिकन साइकिएट्रिक असोसिएशन (APA) कैफीन की लत को सब्सटेंस एब्यूज डिसऑर्डर के रूप में नहीं मानता है। फिलहाल यह साफ नहीं है कि कितने लोगों में चाय पीने की वजह से इसकी लत विकसित हुई है। इसके साथ ही इस बारे में भी सीमित जानकारी है कि क्या चाय पीने वाले इसके मात्रा को कम करने में संघर्ष करते हैं। इसलिए, चाय के नशे के बारे में निष्कर्ष निकालने से पहले इसपर अधिक रिसर्च की आवश्यकता है।

आपको चाय की लत है या नहीं, यह कहना मुश्किल है लेकिन, फिर भी अगर आप अपनी चाय की मात्रा को कम करते हैं और इससे आपके सिर में दर्द महसूस होता है यानी आप चाय के आदी हो चुके हैं। एक और तरीका है, अगर आप अचानक से चाय पीना बंद कर दें और आपको withdrawal symptom आने लगे, तब भी आप चाय की आदी हो सकते हैं। इस withdrawal symptom में सर दर्द होना, ध्यान की कमी, थकान, चिड़चिड़ापन और मन का उदास होना जैसे लक्षण शामिल हैं।

ये लक्षण आपकी डाइट से चाय को कम करने के 12-24 घंटे बाद से शुरू हो जाते हैं और लगभग 09 दिनों तक रह सकता है। इन लक्षणों की गंभीरता आमतौर पर पहले 09 दिनों के भीतर ही दिखाई देती है और उसके बाद धीरे-धीरे कम होने लगती है।

अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) के साथ ही यूरोपीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण (EFSA) लोगों को प्रति दिन 400 मिलीग्राम से अधिक कैफीन का सेवन करने के लिए मना करता है। वहीं, जो गर्भवती हैं उन्हें अपने पूरे दिन में 200 मिग्रा से अधिक कैफीन का सेवन करने से मना किया जाता है। इस मात्रा में चाय का सेवन करना ज्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित माना जाता है। हालांकि, कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो कैफीन के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील हो सकते हैं। इस वजह से उन्हें कम मात्रा में भी ही लेने से दिक्कत हो सकती है।

इसकी वजह से घबराहट, नींद का कम होना, यूरिन का बार-बार पास होना, चिड़चिड़ापन, मांसपेशियों में जकड़न, धड़कन तेज हो जाना, माइग्रेन और हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ सकता है। इसीलिए एंजाइटी, दिल का दौरा, किडनी की बीमारी और लीवर की बीमारी से पीड़ित लोगों को कम चाय पीने की सलाह दी जाती है।

अगर आप धीरे-धीरे कैफीन यानी चाय का सेवन कम करना चाहते हैं तो ये कैफीन फ्री ड्रिंक आपके लिए अच्छे विकल्प साबित हो सकते हैं, जैसे कि- अदरक, हल्दी या ताजे पुदीने के पत्तों का रस, एक कप गर्म पानी के साथ निचोड़ा हुआ नींबू का रस, सेब का रस, गर्म चुकंदर या गाजर का रस।

बहरहाल, किसी भी चीज का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल हेल्थ के लिए ठीक नहीं होता, इसलिए थोड़ा लें और स्वस्थ रहें क्योंकि अति किसी भी चीज की नुकसादायक ही होती है।

फोटो सौजन्य- गूगल

If bones want strong and heart fit then eat makhana daily

मखाना एक तरह का ड्राई फ्रूट है जो खाने में काफी स्वादिष्ट होटा है। पोषक तत्वों से भरपूर मखाने में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल, Calcium, Magnesium और प्रोटीन के गुण पाए जाते हैं। साथ ही इनमें Sodium, Fats की मात्रा भी काफी कम होती। मखाने का इस्तेमाल करने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं दूर होती हैं। जो लोग ब्लड की कमी से जूझ रहे हैं, हेल्थ एक्सपर्ट उन्हें दूध में मखाना उबालकर खाने की सलाह देते हैं। यह ना सिर्फ पाचन तंत्र को दुरुस्त करते हैं बल्कि शरीर में ऊर्जा का भी संचलन करते हैं।

हड्डियां बनती हैं स्ट्रोंग

मखाने में कैल्शियम की काफी मात्रा में पाया जाता है। नियमित तौर पर मखाने का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं। आप अगर चाहें तो मखाने को घी में फ्राई कर भी सेवन कर सकते हैं।

दिल को रखे फिट

मखाना खाने में जितने स्वादिष्ट होते हैं, उतने ही इनमें पोषक तत्व मौजूद होते हैं। मखाने में एक्केलाइड नामक तत्व पाया जाता है जो दिल को दुरुस्त रखने में सहायक होता है। मखाने को डेली सेवन करने से दिल का दौरा का खतरा भी कम होता है।

नींद की समस्या

जो लोग नींद ना आने की समस्या का सामना कर रहे हैं उनके लिए भी मखाना जरूरी हो सकता है। रात में सोने से पहले मखाने वाले दूध के सेवन से अच्छी नींद आती है और अनिंद्रा की समस्या दूर हो जाती है।

एनर्जी का संचयन

मखाना का रोजाना इस्तेमाल से शरीर मजबूत बनता है, क्योंकि यह शरीर में एनर्जी को संचयित करता है। दूध में मौजूद प्रोटीन प्रोटीन बॉडी में ऊर्जा को संचयन करता है।

झुर्रियों से दिलाए छुटकारा

मखाने में मौजूद तत्व एजिंग के निशान यानी झुर्रियों से भी छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। रोजाना मखाने का सेवन करने से त्वचा में इलास्टिसिटी बढ़ जाती है।

डाइजेस्टिव सिस्टम दुरुस्त रखने में असरदार

जो लोग पेट की समस्या यानी कब्ज से परेशान रहते हैं, उनके लिए मखाना किसी रामबाण से कम नहीं है। मखाने में मौजूद फाइबर और आयरन तत्व गैस और अपच की समस्या से छुटकारा दिलाते हैं। आप दूध में उबालकर मखाने का सेवन कर सकते हैं।

परिवार के साथ वक्त बिताने का मौका
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए अभी फिलहाल जो एक तरीका है वो यही है कि लॉकडाउन हो जाओ यानी अपने घर में बंद रहें, सुरक्षित रहें लेकिन जो लोग पूरे दिन बाहर काम करते हैं