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Category Archives: Lifestyle

दोस्ती के रिश्ते

हां, सच ही तो है…”कुछ रिश्तों के नाम नहीं होते, 

                      कुछ रिश्ते सिर्फ नाम के ही होते है।”

इन दो पंक्तियों में रिश्तों की पूरी व्याख्या कर दी गई है। और वाकई जिंदगी में हर पड़ाव एक सा नहीं होता और न ही स्थितियां एक सी होती है, हां लेकिन जिंदगी का हर पड़ाव हमारी ऊंगली पकड़ कर हमें किसी ऐसे रास्ते की तरफ़ मोड़ देता है, जहां से हमें सामने का रास्ता साफ देखने में आसानी हो जाती है। इन दो तरह के रिश्तों से हम बहुत कुछ सीख जाते है… गिरकर संभलना… रो कर हंसना… हार कर जीतना…और बिखर कर सिमटना।

ये दो तरह के रिश्ते हमें बहुत सारे अहसास एक साथ करवा देते है …तो देखिए फिर कि अक्सर क्या क्या करते है ये हमारे लिए:-

कुछ हमें देने के लिए अपना सब दांव पर लगा देते है,
कुछ हमारा भी लेने की फिराक में रहते है,

कुछ हमारी सफलता के गुब्बारे में रोज हवा भरते है,
कुछ उसी गुब्बारे में पिन चुभने की कोशिश में लगे रहते है,

जी सही समझा, मेरा यकीन मानिए कुछ रिश्तों के नाम नहीं होते और कुछ रिश्ते सिर्फ नाम के ही होते है।

कुछ हमारे लिए चट्टान से खड़े होते है, तो कुछ हम पर हथौड़ा चलाने के लिए तैयार रहते है।

कुछ की दुआओं में सिर्फ हमारा नाम होता है, कुछ हमारी बर्बादी का कलमा रोज पढ़ते है।

यकीनन, कुछ रिश्तों के नाम नहीं होते, और कुछ रिश्ते सिर्फ नाम के ही होते है।।

तुम्हारे पास ज्यादा है मुझसे, ये शिकायतें वो तमाम करते है।

उनके सामने हम कुछ भी नहीं, इसका जिक्र भी वो सरेआम करते है।

गिर जाए उनके कदमों में किसी दिन, ये दुआ वो सुबह शाम करते है।

लेकिन कुछ है अपनों से भी अपने जो बिन बोले ही हमारा ख्याल रखते है..

यकीनन, कुछ रिश्तों के नाम नहीं होते और कुछ रिश्ते सिर्फ नाम के ही होते है।।

उपर लिखी हर एक पंक्ति आपको आज के समय से रूबरू करवाएगी, पर दोस्तो जिंदगी बहुत छोटी है, मैं मानती हूं कि इसमें आपको दोनों तरह के लोग मिलेंगे और ऐसा भी हो सकता है “जो रिश्ते सिर्फ नाम के ही होते है” ऐसे लोग आपको ज्यादा मिले लेकिन इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं है, कि आपका “कुछ रिश्तों के नाम नहीं होते” वाली कैटेगरी से भी विश्वास उठ जाए।

बल्कि मैं तो कहूंगी की आप सिर्फ उन रिश्तों पर ध्यान दें जो आपकी सफलता के गुब्बारे में हवा भरते है… पिन चुभने वालों से आपको कुछ हासिल नहीं होगा…!

रिश्तों को निभाने के भी कुछ नियम होते है..कुछ जरूरत होती है..कुछ कायदे होते है…।

और अगर आपने इन सब को निभा लिया तो यकीनन आप दुनिया के सबसे खुशकिस्मत इंसान होंगे:-

1. रिश्तों में कुछ भी एकतरफा नहीं होता, दोनो तरफ़ से बराबर भावना होगी तभी अपनापन पनपेगा।

2. रिश्तों में कभी भी किसी को भी नीचा दिखाने की कोशिश मत करें। 

3. रिश्तों में कभी भी किसी की हैसियत देख कर अच्छे आचार व्यवहार की नियत मत रखो, बल्कि सभी का सम्मान करें।

4. रिश्तों में स्वार्थ भाव रखना सही नहीं।

5. रिश्तों में कभी भी गलत को बढ़ावा नहीं देना चाहिए।

6. रिश्तों में एक दूसरे के मुश्किल वक्त में साथ खड़ा होना चाहिए।

7. रिश्तों में कभी भी कोई भी फ़ैसला थोपना नहीं चाहिए.. हर हालात से निपटने के लिए एक दूसरे से सलाह कर लेनी चाहिए।

8. रिश्तों में एक दूसरे को वक्त देना भूत ज़रूरी है।

9. रिश्तों में मिठास बढ़ाने के लिए अगर आपको कुछ समझौता भी करना पड़ जाए तो पीछे न हटें।

10. और हां याद रखिए “सॉरी” और “थैंक्यू” जैसे शब्दों का इस्तेमाल आपको रिश्तों में रंग भरने का काम बहुत आसानी से कर सकते है।

तो दोस्तों आज के लिए बस इतना ही.. फिर मिलेंगे किसी अन्य विषय के साथ .. तब तक अपना और अपनों का ख्याल रखिए, हंसते और हंसाते रहिए।

फोटो सौजन्य- गूगल

हैलो दोस्तों, कैसे है आप…आशा करती हूं कि इस कोरोना काल में आप अपना और अपनो का ख्याल रख रहे होगें।।

दोस्तों जिंदगी के किसी न किसी मोड़ पर हमें ये अहसास हो ही जाता है कि हमारे अपने, हमारे लिए कितनी जरूरी होते है…उनके बिना हमारा अस्तित्व ही नहीं होता और हमें हमारी पहचान करने वाली होती है हमारी मां….
वो कहते हैं ना की मां हर रिश्ता निभा सकती है..लेकिन मां वाला प्यारा रिश्ता कोई नहीं निभा सकता। उनकी जगह कोई ले ही नहीं सकता।
तो आज मैं आप लोगो के लिए लाई हूं एक बेटी के कुछ एहसास जिसकी शादी हो गई है, और उसका घर भी बदल गया है…लेकिन अगर कुछ नहीं बदला तो वो है उसका उसकी मां से रिश्ता…उनके बीच के अनकहे अल्फाज़…उनके बीच की वो गरमाइश जो कभी ठंडी नहीं पड़ सकती।
तो आइए जुड़ जाए उन प्यारे एहसासों के साथ….
“वैसे तो हवा रोज ही चलती है लेकिन आज वो मेरी मां के घर की ओर से आ रही थी। महकती हुई सी वो बार बार मेरे बालों को ठीक वैसे ही सहला रही थी जैसे मां अपने हाथों से सहलाया करती थी। हर झोंके में उनका स्पर्श मुझे महसूस हो रहा था। कभी बहुत ज़ोर से तो कभी धीरे से चल रहा था ठीक वैसे जैसे मां कभी गुस्से से और कभी प्यार से मुझे समझाती थी।
हर एक झोंका खाली न आते हुए वो कढ़ाई में बनते पकौड़ों की खुशबू अपने साथ ला रहा था। बहुत सारी यादें लिए हर झोंके मुझे अपनी और खींच रहा था। इस हवा से बहुत पुराना सा रिश्ता है हमारा, शायद तब से जब मां मुझे सीने से लगाए लोरी सुनाकर सुलाया करती थी। वो धीरे धीरे मुझे थपथपाते हुए इस हवा के साथ साथ टहल रही होती है। और मैं भी सपनों की दुनिया में झांकते हुए नींद के आगोश में चली जाती थी। वो बचपन वाली नींद बहुत प्यारी और बेपरवाह होती थी और जब मां के सीने से चिपके होते थे तो लगता था मानो सारी दुनिया अपनी ही है। लेकिन जैसे जैसे बड़े होते गए समझ आने लगा कि सारी दुनिया नही सिर्फ़ मां अपनी है। बहुत अच्छा लग रहा था सब कुछ बिल्कुल वैसा जैसा मां की गोदी में लगता था। लेकिन अचानक से ऐसा लगा जैसे मां की गोदी से किसी ने झटके से नीचे उतार दिया हो। ऐसा लगा जैसे किसी ने उस बेपरवाह सी नींद में आए हुए सपने को तोड़ दिया हो।इस बार झोंके ने जब आकर छुआ तो उसमे कुछ नमी सी थी, थोड़ा भीगा हुआ सा था वो। फिर मुझे भी एक पल नहीं लगा ये समझने में की इस हवा के झोंके ने मेरी मां को मेरी भी तो याद दिला दी होगी ना। जब उसे छुआ होगा तो उसे भी तो लगा होगा जैसें मैं बचपन की तरह दौड़ कर उसे लिपट गई हूं , मेरी शरारतें, मेरी अटखेलियां, वो सारी बातें, वो सारे पल याद आ गए होंगे जो हमने साथ बिताए है। आज मां से थोड़ी दूर हूं लेकिन हर पल, हर लम्हा उन्हें उन्हीं की तरह याद करती हूं।।
बस आज थोड़ा ज्यादा कर रही हूं, इन शादी की रस्मों ने मुझे उनसे दूर कर दिया हो, पर वो हमारे रिश्ते में दूरियां कभी नहीं ला सकती। हम एक दूसरे से उतने ही करीब रहेंगे। ऐसे ही एक दूसरे को महसूस भी करते रहेंगे, कभी हवा से, कभी बारिश से और कभी जून की तेज तपिश से..और कभी एक दूसरे को कस के गले लगा के।।
वो कहते है ना….
 मां है तो जन्नत है अपने पास,
और मां नहीं तो जन्नत भी बेकार है अपने पास।