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Category Archives: Health

Male Inferlity

मेल इनफर्टिलिटी उपचार: एक अध्ययन के मुताबिक कुल कपल्स में 40 फीसदी को संतान प्राप्ति नहीं हो सकती है, जिसकी वजह से Boys बांझपन की शिकायत बढ़ जाती है। मेल इनफर्टिलिटी की समस्या होने पर इंट्रासाइटोप्लास्मिक तकनीक में शुक्राणु का इंजेक्शन देना एक प्रभावकारी इलाज है। ICSI का अगला प्रभावी उपाय आईएमएसआई है।

इस माइक्रोस्कोप मशीन से चेक होती है Sperm Quality

ये तकनीक प्रेग्नेंसी रेट दिलाने में बहुत कारगर साबित हुई है। माइक्रोस्कोप मशीन की मदद से अच्छे और कमजोर Sperms की पहचान की जा सकती है। यह माइक्रोस्कोप मशीन स्पर्म यानी शुक्राणु को उसके मूल आकार से बड़ा दिखाता है।

IVF से भी प्रभावी है इंट्रासाइटोप्लास्मिक तकनीक

Male Inferlity

इसी तकनीक को इंट्रासाइटोप्लास्मिक कहते है, जो स्पर्म के इंजेक्शन के जरिए दी जाती है। इसका नतीजा आईवीएफ तकनीक से भी अधिक अच्छा पाया जाता है। जो दम्पति कुदरती तरीके से संतान नहीं पा सकते हैं वे IVF तकनीक को अपनाना चाहते हैं। इसमें भी प्रभावकारी स्पर्म को सिलेक्ट करना सबसे अहम हिस्सा है। कई बार ऐसा भी होता है कि पति के शुक्राणू प्रभावकारी नहीं होते है और स्पर्म का काउंट रेट कम होता है। इन हालातों में स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स मेडिकल मायक्रोस्कोप के जरिए यह पता करते है कि कौन से स्पर्म बेहतर हैं, जिससे प्रेग्रनेंसी हासिक की जा सके।

IVF तकनीक का खर्च लगभग 80,000 से 1,00000 तक आता है, इतना खर्च होने के बाद दम्पति हाल में प्रेग्नेंसी पाने में कोई कोई रिक्स उठाना नहीं चाहते हैं, उन कपल्स के लिए इंट्रैसायटोप्लास्मिक मॉफेलोजी तकनीक काफी उपयुक्त हो सकती है।

ICSIआय क्या है?

ICSI तकनीक में एक बीज को एक जीवित शुक्राणू के साथ मायक्रोमैनिप्यूलेटर मशीन से मिलाया जाता है। इस मिलन या फलित क्रिया को माता के शरीर के बाहर करवाया जाता हैं यानी बच्चे के जन्म की आरंभिक प्रक्रिया मां के शरीर के बाहर करवाई जाती है। फिर दो दिनों के बाद भ्रूण को मां के गर्भाशय छोड़ा जाता है और प्रेग्नेंसी को कन्फर्म करने के एक ब्लड टेस्ट 14 दिनों के बाद किया जाता है।

बता दें कि इस पूरी क्रिया से पहले कपल्स में फीमेल को हार्मोनल इंजेक्शन 10-12 दिन पहले दिए जाते है, ताकि वो 10-12 बीज तैयार कर सके। फिर इन बीजों को निकाला जाता है, जिसे ओव्हम-पिक कहते है, यह तकलीफ देह नहीं होता है। इसके बाद पति से शुक्राणु निकाले जाते है, इस पद्धति को टेस्टाक्यूलर बायोप्सी कहते है। ज्यादा से ज्यादा इसमें 15-20 मिनट लगते है, और पेशंट को अनेस्थेशिया दिया जाता है। ICSI इनट्रैसायटोप्लास्मिक मेफोलॉजी में स्पर्म इंजेक्शन दिए जाते हैं, वैसे यह आईसीएसआई तकनीक का अगला पड़ाव है। बस फर्क इतना है कि ICSI स्पर्म का चुनाव काफी सावधानीपूर्वक करते हैं। जबकि पारंपारिक ICSI तकनीक से यह काफी प्रभावकारी है, जिन पुरुषों का स्पर्म काउंट कम है या एब्नॉर्मल है उन्हें ICSI से फायदा हासिल हो सकता है।

Women who do not wear BRA, be careful, be alert to avoid harm

ऐसी बहुत सी महिलाएं हैं जिन्हें ब्रा (BRA) पहनना घुटन का एहसास कराता है। ब्रा पहनने में महिलाओं का कहना है कि उन्हें काफी कसा हुआ लगता है। ब्रा को लेकर अलग-अलग हेल्थ एक्सपर्ट की अपनी अलग ही सोच होती है। वहीं, दूसरी तरफ कुछ का मानना है कि ब्रा पहनने से सेहत को कोई घाटा नहीं होता, जबकि कुछ का मानना है कि महिलाओं के लिए ब्रा पहनना काफी जरूरी होता है। ब्रा पहनना या ना पहनना वैसे तो हर महिला की अपनी पर्सनल च्वॉइस होती है पर आइये जानते हैं कि इस संबंध में हेल्थ एक्सपर्ट्स का क्या कहना है?

कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां ब्रेस्ट को लेकर

Bra के फायदों के बारे में जानने से पहले आपको अपने ब्रेस्ट के बारे में जानना काफी जरूरी होता है। ब्रेस्ट ग्लेंड्यूलर टिशू (ग्रंथि ऊतक) और फैट से बने होते हैं। न्यू जर्सी में प्लास्टिक सर्जरी में बोर्ड-सर्टिफाइड प्लास्टिक सर्जन, एमडी, एलेक्सिस पार्सल्स ने बताया कि ब्रेस्ट को फर्म रखने के लिए एक लिगामेंट होता है, जिसे कूपर लिगामेंट कहते हैं। ब्रेस्ट का शेप ग्लेंड्यूलर टिशू और फैट पर निर्भर करता है।

ब्रा पहनना या बिना ब्रा के रहना हर महिला की अपनी पर्सनल च्वॉइस है। अगर आप Bra नहीं पहनती हैं तो आपको इस बात से डरने की कोई जरूरत नहीं है कि इससे आप अपने ब्रेस्ट को नुकसान पहुंचा रही हैं या ब्रा ना पहनने से कुछ बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है लेकिन कुछ स्पेसिफिक टाइमिंग पर जब आप ब्रा नहीं पहनती तो इससे आपके ब्रेस्ट डैमेज हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं ब्रा पहनने के कुछ फायदे-नुकसान-

गर्दन में हो सकता है Pain

Women who do not wear BRA, be careful, be alert to avoid harm

बोर्ड-सर्टिफाइड प्लास्टिक सर्जन और न्यूयॉर्क सिटी में ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्शन स्पेशलिस्ट एम चेन के मुताबिक अगर आपका ब्रेस्ट साइज ज्यादा है तो ब्रा ना पहनने से आपको गर्दन में दर्द का सामना करना पड़ सकता है। ‘द जर्नल ऑफ ऑर्थोपेडिक्स’ में पब्लिश एक स्टडी में ब्रेस्ट का लार्ज कप साइज और कंधे या गर्दन में दर्द के बीच एक लिंक पाया गया। स्टडी में पाया गया कि ब्रेस्ट का साइज ज्यादा होने पर ट्रेपेज़ियस मांसपेशियों पर खिंचाव पड़ता है जिससे गर्दन के पीछे से कंधों तक दर्द का एहसास होता है। ऐसे में जरूरी है कि ब्रेस्ट को सपोर्ट देने के लिए और गर्दन के दर्द से बचने के लिए आप एक सही साइज की ब्रा पहनें।

आपका पॉश्चर हो सकता है ठीक

बहुत सी महिलाओं को ब्रा पहनना बिल्कुल भी पसंद नहीं होता क्योंकि उन्हें ब्रा पहनने पर काफी असहजता महसूस होती है। इसकी एक ही वजह, सही साइज और फेब्रिक की ब्रा ना पहनना हो सकता है। गलत ब्रा पहनने से आपके ब्रेस्ट में दर्द हो सकता है। ऐसी बहुत सी महिलाएं हैं जो गलत साइज की ब्रा पहनती हैं।

डॉ. पार्सल्स के मुताबिक गलत साइज की ब्रा पहनने से आपको असहज महसूस होने के साथ ही ब्रेस्ट में दर्द, हवा पास ना होना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है साथ ही इससे आपके पॉश्चर पर भी काफी बुरा असर पड़ता है और ब्रेस्ट मसल्स में भी काफी दिक्कत होती है। डॉ. पार्सल्स ने कहा कि जब आप एक अच्छी फिटेड ब्रा पहनती हैं तो इससे आपको काफी हल्का महसूस होता है और पता भी नहीं चलता कि आपने कुछ पहना है।

ब्रेस्ट झुकने की संभावना रहती है ज्यादा

एक अच्छी ब्रा आपके ब्रेस्ट को सपोर्ट करती है और उन्हें झुकने या लटकने से बचाती है। एनल्स ऑफ प्लास्टिक सर्जरी में हुई एक स्टडी में सुझाव दिया गया है कि उम्र, हाई बीएमआई, प्रेग्नेंसी और स्मोकिंग के कारण भी ब्रेस्ट झुकने या लटकने लगते हैं।

ब्रेस्ट कैंसर- अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के मुताबिक, इंटरनेट पर कई तरह की अफवाहों के चलते माना जाता है कि ब्रा पहनने से ब्रेस्ट कैंसर बढ़ता है। क्योंकि इससे लिंफ फ्लो में बाधा आती है। वैसे यह बिल्कुल भी सही नहीं है। वर्ष 2015 में हुई एक स्टडी के मुताबिक ब्रा पहनने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा नहीं होता।

एक्सरसाइज के दौरान नहीं होना चाहिए Braless

आप अगर एक्सरसाइज करती हैं या रनिंग के लिए जाती हैं तो जरूरी है कि ब्रा जरूर पहनें। एक्सरसाइज और रनिंग करते समय ब्रा आपके ब्रेस्ट को प्रोटेक्ट करती है। वर्कआउट करते समय ब्रेस्ट के लिगामेंट्स खिंच जाते हैं और लंबे समय तक बिना ब्रा के एक्सरसाइज करने से ब्रेस्ट का शेप भी खराब हो जाता है। बिना ब्रा के इंटेंस वर्कआउट करते समय ब्रेस्‍ट के चारों ओर लिंगामेंट में स्‍ट्रेच आ जाते हैं जिससे ब्रेस्ट लटकने लगते हैं।

Make plant based protein a part of your diet, you can include these things
शरीर को हेल्दी और फिट रखने के लिए कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर आहार की रोजाना जरूरत होती है, इसमें भी प्रोटीन वाली चीजों का सेवन करना और भी जरूरी हो जाता है। प्रोटीन मांसपेशियों के निर्माण और विकास के साथ शरीर को बेहतर तरीके से कार्य करने में अंगों की मदद करते हैं
If the gynecologist asks such questions, do not be shy but answer boldly

Reproductive Health को मेनटेन रखने के लिए हर महिला के लिए आवश्यक है कि वह गायनेकोलॉजिस्ट (Gynecologist) के पास जाकर नियमित रूप से अपना चेकअप कपाएं पर बहुत सी महिलाएं ऐसी हैं जो अफनी सेक्सुअल हेल्थ के बारे में बताने से बचती हैं। इंटीमेट हेल्थ से जुड़ी समस्याओं को लेकर गायनेकोलॉजिस्ट से खुलकर बात ना करना कई बार आपके लिए काफी महंगा साबित हो सकता है। ऐसे में आवश्यकता है कि आप गायनेकोलॉजिस्ट की ओर से पूछे गए प्रश्नों का बिना शरमाये जवाब दें।

इंटीमेट हेल्थ से जुड़ी समस्याओं को लेकर गायनेकोलॉजिस्ट से खुलकर बात ना करना कई बार आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. ऐसे में जरूरी है कि आप गायनेकोलॉजिस्ट की तरफ से पूछे गए प्रश्नों का बिना शरमाते हुए जवाब दें। चेकअप के दौरान आपकी इंटीमेट हेल्थ को लेकर गायनेकोलॉजिस्ट आपसे कई तरह के सवाल पूछ सकती हैं।

आइये देखते हैं उन प्रश्नों के बारे में जिनका जवाब बिना किसी लाज शर्म के देना चाहिए-

हालांकि डॉक्टर का ये सवाल आपको बेकार लग सकता है पर इस सवाल के जवाब के आधार पर ही डॉक्टर यह डिसाइड करते हैं कि आपको कौन से टेस्ट करवाने हैं। एक गायनेकोलॉजिस्ट के अनुसार आप जितनी जानकारी डॉक्टर के साथ साझा करती हैं उसी के हिसाब से आपकी देखभाल होती है।

कितने सेक्सुअल पार्टनर रह चुके हैं ?

इस सवाल का जवाब देने में अक्सर महिलाएं कतराती हैं। अगर आप पिछले 15 सालों से किसी एक ही पार्टनर के साथ रह रही हैं तो डॉक्टर आपको STD टेस्ट ना करवाने का सुझाव दे सकते हैं लेकिन अगर आपने एक ही महीने में तीन अलग-अलग लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाए हैं तो डॉक्टर आपको STD टेस्ट करवाने के लिए बोल सकते हैं।

हर माह पीरियड्स वक्त पर होता है?

If the gynecologist asks such questions, do not be shy but answer boldly

महिलाओं में रेगुलर पीरियड साइकिल 28 दिनों का होता है। डेट से 3-4 दिन आगे-पीछे पीरियड्स का आना कॉमन होता है लेकिन अगर यह गैप काफी अधिक हो तो इसे अनियमित पीरियड्स कहा जाता है। पीरियड्स रेगुलर ना होना कई बार काफी सीरियस हो सकता है। ऐसा होने पर डॉक्टर से अवश्य संपर्क करना चाहिए।

सेक्स के दौरान या बाद में होता है दर्द

सेक्स के दौरान या बाद में अगर कभी-कभी आपकी वजाइना या पेल्विस में दर्द होता है तो इसमें घबराने की कोई जरूरत नहीं होती. हालांकि अगर आपको हर बार सेक्स के दौरान या बाद में दर्द का सामना करना पड़ता है तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए. इसके लिए डॉक्टर आपको बेसिक वजाइनल इंफेक्शन के टेस्ट या एंडोमेट्रियोसिस करवाने के लिए बोल सकते हैं।

आप अपने ब्रेस्ट को सेल्फ चेक करती हैं?

हर महिला के लिए यह काफी जरूरी है कि वह अपने ब्रेस्ट की सेल्फ-चेकिंग करें। हालांकि, यह आपके डॉक्टर का काम है कि वह ऐसा करने के लिए आपको याद दिलाए। सही से चेकिंग के लिए डॉक्टर आपको और भी कई जरूरी तरीके बता सकते हैं।

फोटो सौजन्य- गूगल

These foods play an important role in controlling hormones

महिलाओं के शरीर में हार्मोंस (Hormones) की भूमिका कुछ ज्यादा ही अहम होती है। कारण यह है कि वक्त के साथ शरीर में होने वाले बदलाव। जिनसे महिलाओं को अक्सर गुजरना पड़ता है। किशोरावस्था से लेकर मां बनने तक और उसके बाद ही भी महिलाओं के शरीर में हार्मोस तेजी से कार्य करते हैं और बदलाव भी होते हैं। कई बार इन्हीं हार्मोंस में हो रहे असंतुलन की वजह से महिलाओं को कई समस्याओं से गुजरना है। जिसमें थॉयराइड से लेकर मोटापा, पाचन कमजोर हो जाना और तमाम परेशानियां शामिल हैं। हार्मोंस को संतुलित करने के लिए सही खानपान बहुत जरूरी है।

जानें कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ जो शरीर में हो रहे हार्मोंस असंतुलन को बैलेंस करने में अहम भूमिका निभाता है-

अलसी के बीज

महिलाओं के लिए अलसी के बीज को आहार में शामिल करना बेहद जरूरी है। अलसी के बीज हार्मोंस को संतुलित करने में काफी मदद करते हैं। अलसी में मौजूद OMEGA-3 फैटी एसिड पाया जाता है। जो हार्मोंस को बनाने में मदद करता है। पीरियड्स और मेनोपॉज से जु़ड़ी समस्याओं से राहत पाने के लिए अलसी के बीज को महिलाओं को जरूर खाना चाहिए।

फाइबर की खासियत

These foods play an important role in controlling hormones

महिलाओं को अपने आहार में फाइबर जरूर शामिल करना चाहिए। जैसे साबुत अनाज, रेशेदार फल, ओट्स, सब्जियां, ब्रोकली, पत्तागोभी, गोभी। ये शरीर में हार्मोंस को बैलेंस करती हैं। ये सारी चीजें ना केवल पोषण देंगी बल्कि इनसे ब्लड शुगर भी कंट्रोल में रहता है।

बादाम का ‘दम’

बादाम में विटामिन-A और E काफी ज्यादा मात्रा में होते हैं। इसलिए बादाम को आहार में जरूर शामिल करें। बादाम टाइप- 2 डायबिटीज को कम करता है और बैड कोलेस्ट्रॉल को भी घटाता है।

सेब के बेहतरीन फायदे

जिन महिलाओं को सूजन की शिकायत शरीर में रहती हैं। उन्हें सेब का सेवन करना चाहिए। सेब हाई ब्लड प्रेशर के साथ ही कैंसर के खतरे को भी कम करता है। सेब खाने से इम्यूनिटी भी मजबूत होती है। जिससे संक्रमण का खतरा घट जाता है। अगर आप अपने वजन को कंट्रोल करना चाहती हैं तो रोजाना सेब खाएं। इसमें फाइबर भरपूर होता है।

Excessive use of sunscreen is harmful, do not forget to do it before sleeping at night

वैसे तो हम रोज़ाना ही आपको अपनी सेहत, सौंदर्य व एक बेहतरीन जीवन के मूल मंत्रों से अवगत कराते हैं लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स देने जा रहे हैं जो आपको अपनी दिनचर्या को बेहतर जीने में मदद करेंगे।

हमलोग अक्सर ऐसी चीजों के पीछे भागते है जो आसानी से उपल्ब्ध भी हो और कम समय में बेहतर परिणाम दें। तो चलिए फिर आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स और ट्रिक्स से अवगत कराते है, जो आपको बहुत ही पसंद आएंगी और इसको अपनाकर आप बेहतर रिजल्ट हासिल कर सकेंगे-

1. गर्मियों में चेहरे और त्वचा पर धूप का असर ज्यादा होता है इसलिए आज कल Sun scream का प्रयोग बढ़ गया है पर इसका अधिक इस्तेमाल आपकी स्किन को डैमेज कर सकता है।

2. सनस्क्रीन का ज्यादा प्रयोग करने की बजाय आप ये कर सकती है कि पूरी बाजू के कपड़े पहने और घर से बाहर निकलते समय धूपवाला चश्मा लगाकर ही निकले।

3. हमेशा अपने आपको तरोताजा रखने के लिए अपने दिन की शुरुआत योग करने से करें।

4. चहरे पर साबुन लगाने की बजाए हमेशा फेसवॉश इस्तेमाल करें। लेकिन ज्यादा प्रयोग करने से बचे ये आपकी त्वचा को रूखा कर सकता है।

5. रात को सोते समय आप अपनी स्किन केयर रूटीन फॉलो करती होंगी। लेकिन इसी के साथ आपको फेशियल सिरम जरूर भी इस्तेमाल करना चाहिए। यह आपकी स्किन के लिए विटामिन-सी और विटामिन-ई की पूर्ति करता है।

6. चहरे के दाग धब्बों को इंस्टेंट गायब करना चाहती है तो पुदीने के रस में नीम के पत्तो का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाएं।

7. कहीं जल्दी में जाना हो और इंस्टेंट ग्लो चाहिए तो इसके लिए आप टमाटर के रस को निकालकर उसको फ्रीज ट्रे में जमा लें। इन आइस क्यूब को आप चेहरे पर लगाएं।

8. हमारे स्वास्थ का सम्बद्ध हमारे पेट से होता है। पेट में गड़बड़ का सीधा असर हमारे शरीर पर होता है। इसलिए ये बहुत जरूरी है कि पेट साफ रखें। इसके लिए आप रात को दूध के साथ थोड़ा गुड़ खाएं यह आपकी आयरन की कमी को पूरा करेगा और आपके पेट को भी साफ रखेगा।

9. त्वचा को पूरा दिन तरोताजा रखने के लिए आपको संतरों के छिलके का पाउडर दूध में मिलाकर लगाना चाहिए।

10. रात को सोने से पहले आपको मेकअप रिमूव करने के लिए महंगे प्रोडक्ट की जरूरत नहीं है, बल्कि आप नारियल तेल का प्रयोग करके बहुत आसानी से अपना मेकअप रिमूव कर सकती है।

11. आप महीने में एक बार मेनीक्योर जरूर करवाएं। क्योंकि आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आप ऐसा करके अपने आप को इंफेक्शन से बचा सकते है।

12. दिन में अपने फुटवियर का चुनाव करने की बजाय कोशिश करें कि फुटवियर की खरीददारी शाम के समय करें। उस समय आपके पैर अपनी सही पोजिशन में होते है।

13. हमेशा नायलॉन के मोजों की बजाय सूती मोजे ही पहने। मोजे पहनते वक्त अपनी उंगलियों के बीच में टेलकॉम पाउडर जरूर अप्लाई करें।

14. काजल को आंखों के ज्यादा अंदर तक ना लगाएं । इससे आपकी आंखों को अधिक नुकसान पहुंच सकता है।

15. कभी भी बालों को डाई करते समय ध्यान रखें कि डाई अमोनिया फ्री हो।

16. अगर आपके पास गुलाब जल उपल्ब्ध ना हो तो आप उसकी जगह पर चेहरे को क्लीन करने के लिए कच्चे दूध का इस्तेमाल भी कर सकते है।

17. त्वचा के पोर्स को खोलने और डेड स्किन को हटाने के लिए आप स्टीम का सहारा भी ले सकते है।

18. कपड़े धोते समय एम्लुमियम की बॉल बनाकर वाशिंग मशीन में डाल दे। इससे आपके कपड़ों पर रोएं नहीं आयेंगे।

19. सब्जी के छिलकों को पेड़ या पौधो कि जड़ों में डालें, इससे उन्हें एक केमिकल फ्री खाद मिल पाएगी।

20. चावल के पानी को आप एक बेहतर कंडीशनर के तौर पर इस्तेमाल कर सकती हैं। यह आपके बालों को मजबूती और पोषण देता है।

5 very important questions that every woman has to ask her gynecologist..

क्या आप उन लोगों में से हैं जिन्होंने कभी एक लेडी डॉक्टर से मिलने की जरूरत नहीं समझी? आप कहेंगी मेरी तो शादी ही नहीं हुई, मुझे क्या जरूरत Gynecologist से कुछ भी पूछने की.. तो आप यहां गलती कर रही हैं।

क्या आपको नहीं लगता कि आप अपने शरीर के कुछ हिस्सों को लेकर बहुत कुछ नहीं जानतीं? आपके मन में कभी कभार या चाहे जब ऐसे कुछ सवाल पैदा होते हैं जिन्हें आप कभी पूछ नहीं पातीं। इनके जवाब आपको मालूम भी नहीं हैं पर कुछ उलझने लगातार कायम रहती हैं।

कभी आपने इंटरनेट पर सर्च कर जवाब खोजने का प्रयास किया भी… तो जानकारी काफी ज्यादा मौजूद होने भी और आपकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया होगा। अगर आपके मन में कुछ सवाल हैं ऐसे हैं जिनकी जानकारी होना आपके अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक हैं। इन सवालों के जवाब से ना सिर्फ आप बीमारियों से बची रहेंगी बल्कि आपके जीवन के कई अहम हिस्सा और खास रिश्ते को भी बेहतर तरीके से निभा पाएंगी। इसके लिए आप भी अपनी लेडी डॉक्टर से मिलें और इन प्रश्नों को पूछना ना भूलें।

1. खांसी, छींक या हंसने पर कई बार पेशाब क्यों निकल जाती है

अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो पूछिए अपनी डॉक्टर से कि क्या है इसकी असल वजह। यह यूरिनरी इनकांटिनेंस (यूआई) यूरिन कंट्रोल खोने की वजह से होता है। जिस पर चर्चा की जा सकती है। अनदेखा करना नुकसानदेह साबित हो सकता है और अपने डॉक्टर से सलाह लें।

2. खुद से ही ब्रेस्ट कैंसर का पता कैसे लगाएं

बता दें कभी कभी जानकारी होना भी जरूरी होता है। अगर खतरनाक बीमारी से बचने का रास्ता इतना आसान है तो क्यों ना इसकी जानकारी रखी जाएं। खुद के ब्रेस्ट टच कर कैसे पता करें कि कैंसर तो नहीं पनप रहा, ब्रेस्ट में गांठ तो नहीं बन रहा, इसका पता हर स्त्री को होना चाहिए।

3. पीरियड में ज्यादा खून का आना

कभी बर्दाश्त से बाहर होने वाला दर्द, कभी एकदम से कम और कभी बेहद ज्यादा ब्लड बहाव। इस तरह के अनुभव आसानी से नजरअंदाज कर दिए जाते हैं। आप अलग हैं आपके पीरियड का व्यवहार अलग है। अपनी डॉक्टर से पीरियड के अनुभव जरूर शेयर करें और सवाल पूछें।

4. बर्थ कंट्रोल के कितने तरीके हैं, मेरे लिए कौन सा फिट है

क्या आप सिर्फ गोलियां खाकर गर्भघारण से बच रही हैं। इतने तरीके हैं जो आपको पता नहीं । बेहतर होगा अपनी डॉक्टर से इस बारे में सलाह लें। आपके लिए सबसे बेहतर क्या है इस बात को समझें और जानें।

5. एसआईटी के लक्षण क्या हैं

आप लेडीज डॉक्टर के पास इसलिए ही गई है कि आपको किसी तरह की अनभिज्ञता न रहे। यहां हर सवाल करें जो जरूरी है। आप विवाहित हैं या नहीं कोई फर्क नहीं। आपने पूछा है तो जवाब जरूर मिलेगा। डॉक्टरों का कहना है कि एसआईटी यानी सेक्‍सुअली ट्रांसमिटेड इनफेक्‍शन से ग्रसित कई महिलाओं में यह रोग पकड़ में नहीं आता लेकिन उन्हें पीएमएस लक्षणों का सामना अधिक करना पड़ता है। यह अध्ययन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में किया गया है। मासिक धर्म महिलाओं के जीवन को बहुत प्रभावित करता है। यह उनके मूड, ऊर्जा के लेवल, खानपान संबंधी पसंद और यहां तक कि यौन जीवन को भी प्रभावित करता है। फिर भी महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी शोधों में इसे वैज्ञानिक कारक नहीं माना जाता है।

Film actress Mahima Chaudhary is fighting breast cancer, know what can be its symptoms

बॉलीवुड एक्ट्रेस Mahima Chaudhry इन दिनों जानलेवा बीमारी कैंसर से लड़ रही हैं। मालूम हो कि महिमा को ब्रेस्ट कैंसर हुआ है और उनका इलाज चल रहा है। इस संबंध में एक वीडियो अभिनेता अनुपम खेर ने अपने इंस्टाग्राम पर साझा किया है। जिसमें महिमा चौधरी अपनी बीमारी को लेकर कुछ बात करती दिख रही हैं। महिमा हर साल अपना फुल बॉडी चेकअप करवाती थीं और इसी के तहत डॉक्टर ने उनको ब्रेस्ट कैंसर की जांच करवाने की सलाह दी थी, जिसमें मालूम चला कि महिमा को ब्रेस्ट कैंसर है और वह इसकी स्टार्टिंग स्टेज पर है।

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण हर किसी महिला को पता होना चाहिए, जिससे वक्त रहते ब्रेस्ट कैंसर को पहचाना जा सके और इलाज शुरू किया जा सके। तो आइये जानते है कि ब्रेस्ट कैंसर क्या है और इसके क्या-क्या लक्षण हो सकते हैं-

क्यों होता ब्रेस्ट कैंसर

अगर कोशिकाओं को कंट्रोल करने वाले जीन में म्यूटेशन होने लगते हैं तब ब्रेस्ट कैंसर होता है। इस म्यूटेशन की वजह से कोशिकाएं अनियंत्रित तरीके से फैलने लगती हैं। ये कैंसर ब्रेस्ट की कोशिकाओं में विकसित होता है जो कि नॉर्मल तौर पर फैटी कोशिकाओं, लोब्यूल्स या फिर ब्रेस्ट की नली में बनता है। इतना ही नहीं धीरे-धीरे ये अनियंत्रित कैंसर कोशिकाएं ब्रेस्ट की स्वस्थ कोशिकाओं को भी अपनी डायमेज करने लगती है और बाहों के नीचे की तरफ लिम्फ नोड्स तक पहुंच बना लेती है।

ऐसे करें ब्रेस्ट कैंसर की पहचान

शुरुआती स्टेज में ब्रेस्ट कैंसर के कोई लक्षण नहीं भी नजर आते है। कुछ मामलों में ये ट्यूमर इतना अधिक छोटा होता है कि महसूस भी नहीं किया जा सकता है पर मैमोग्राम टेस्ट के माध्यम इसकी पहचान की जाती है। इस ट्यूमर का अहसास तब किया जा सकता है जब ब्रेस्ट में एक नई गांठ महसूस का जा रही हो, जो पहले कभी नहीं थी। साधारणत: सभी तरह की गांठें कैंसर नहीं कही जाती।

जानें ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण-

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों में ब्रेस्ट में दर्द होना, ब्रेस्ट के आकार में एकाएक बदलाव आना, ब्रेस्ट के आसपास की स्किन का लाल होना, ब्रेस्ट के पास के हिस्सों में सूजन, निप्पल से किसी तरह का डिस्चार्ज या खून निकलना, निप्पल के साइज में बदलाव आना, ब्रेस्ट के आसपास की या निप्पल की स्किन का छिल जाना और बांह के नीचे गांठ या सूजन का हो जाना जैसे लक्षण शामिल हैं। अगर इस तरह का कोई भी लक्षण आपको महसूस होता है तो आपको एक बार इसके लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

अनुपम खेर ने इंस्टाग्राम पर शेयर किया वीडियो

 

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अभिनेता अनुपम खेर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, मैंने अपनी 525वीं फिल्म ‘दि सिग्नेचर’ में काम करने के लिए करीब एक महीने पहले जब अमेरिका में रहते हुए महिमा चौधरी को फोन किया, तो मुझे पता चला कि उन्हें ब्रेस्ट कैंसर हुआ ह। अनुपम खेर ने महिमा की तारीफ करते हुए लिखा है कि महिमा चौधरी का रवैया दुनिया भर की महिलाओं को एक नयी उम्मीद देगा। उन्होंने आगे लिखा कि महिमा चाहती थीं कि मैं उनकी बीमारी के बारे में जानकारी लोगों तक पहुंचाऊं।

इस वीडियो में महिमा ने क्या कहा

शेयर किये गए वीडियो में महिमा चौधरी, अनुपम खेर को बता रही हैं कि जब मेरे पास उनका फोन आया था तो क्या हुआ था। वह बता रही हैं कि जब मेरे पास फोन कॉल आया था तब उस समय मेरा ट्रीटमेंट चल रहा था और नर्स मेरे पास थी। मुझे ये मालूम था कि अनुपम अमेरिका में हैं लेकिन जब मुझे कॉल आया तो मैं समझ गयी कि कोई अर्जेन्ट बात ही होगी, इसीलिए मैंने फोन रिसीव कर लिया।

फोन पर अनुपम ने मुझे फिल्म ‘दि सिग्नेचर’ करने के लिए कहा तो मैनें कहा कि हां मैं ये फिल्म करना चाहूंगी लेकिन इसके लिए आपको थोड़ा इंतजार करना होगा। जिस पर उन्होंने कहा कि नहीं, मैं इंतजार नहीं कर सकता। फिर उन्होंने पूछा कि तुम फिल्म के लिए मुझे इंतजार क्यों करवाना चाहती हो और तुम्हारे घर में इतना शोर क्यों हो रहा है? तो फिर मैं झूठ नहीं बोल सकी और अपनी बीमारी के बारे में सब कुछ बता दिया।

उन्होंने वीडियो में ये भी बताया कि वो हमेशा रुटीन ब्लड चेकअप और बाकी तमाम चेकअप करवाती रही हैं। इसके बावजूद किस तरह से यह बीमारी उनके सामने आई और किस तरह से उन्होंने इसके बारे में अपनी मां से ये बात साझा की, जिसके बारे में सुनकर उनकी मां की तबियत भी बिगड़ गई थी। अपनी तकलीफ बताते हुए महिमा कई बार भावुक भी नजर आईं।

The world is in awe of Monkey Pox, how it is making humans its prey, understand

कोरोना अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है कि अब नई बीमारी Monkey Pox के आने से लोगों को एक नए खतरे का सामना करना पड़ रहा है। मंकी पॉक्स एक ऐसा वायरस है जो इन्सान से इन्सान में फैलता है। अगर कोई किसी संक्रमित के संपर्क में आता है तो उसे भी तुरंत पकड़ लेता है। मंकी पॉक्स ने केंद्र और राज्यों की चिंता काफी बढ़ा दी है। कई स्टेट में तो सरकारों ने खास गाइडलाइंस भी जारी कर दी है। अफ्रीका और यूरोप देशों से इसके बहुत ज्यादा मामले सामने आए हैं। यह काफी डेंजरस वायरस बताया जा रहा है जो फैल जाए तो कोरोना जैसी महामारी लोगों को देखने को मिल सकती है। चार स्टेज में फैलता है इसका वायरस और अलग-अलग लक्षण देखने को मिलते हैं।

आइये समझते हैं इसके स्टेज को-

स्टेज 1- पहले स्टेज पर कोई इन्सान अगर संक्रमित होता है तो उसमें लक्षण नजर आने लगते हैं। लक्षण अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़े होते हैं और काफी हद तक बुखार जैसे लगते हैं। पहले स्टेज के लक्षणों में बुखार, शरीर में दर्द और टायडनेस फील हो सकती है।

स्टेज 2- मंकी पॉक्स की दूसरी स्टेज में बुखार जैसे लक्षण तो रहते ही हैं, साथ ही त्वचा पर थोड़ी संख्या में कुछ गांठ दिखने लगती हैं।

स्टेज 3- मंकी पॉक्स की तीसरी स्टेज पर लिम्फैडेनोपैथी हाथों, पैरों, चेहरे, मुंह या प्राइवेट पार्ट्स पर होने वाले दानों या चकत्ते में बदल सकती है।

स्टेज 4- मंकी पॉक्स की चौथी यानी लास्ट स्टेज पर ये दाने या चकत्ते उभर कर बडे़ दाने हो जाते हैं या कुछ ऐसे पस्ट्यूल में बदल जाते हैं जिनमें मवाद जमा होती है।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने समझाया-

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, मंकी पॉक्स एक ऐसा वायरस है जो चेचक की तरह फैलता है। चेचक की तरह इसके भी हल्के लक्षण होते हैं। यह बीमारी जानवरों से मनुष्यों में फैलती है। फिर लोगों ने दूसरे लोगों तक फैलती हुई चली जाती है। हालांकि, बीमारी लंबे समय तक नहीं रहती लेकिन खौफनाक जरूर होती है।

Why the demand for this new process increased to prevent unwanted pregnancy

मां बनना किसी भी महिला के लिए सुखद एहसास से कम नहीं होता है पर अगर आप प्रेग्नेंसी नहीं चाहती तो फिर आपकी परेशानियां काफी बढ़ जाती हैं। प्रेग्नेंसी ना चाहने वाली महिलाओं के लिए बाजार में कई तरह की गर्भ निरोधक मेडिसिन उपलब्ध हैं। इन सारी मेडिसिन का सेवन महिलाओं को इंटरकोर्स के बाद करना होता है लेकिन सोचिए कि कोई ऐसी बर्थ कंट्रोल मेडिसिन हो जिससे सेक्स से पहले खाया जाए और जिससे आने वाले 03 से 05 दिनों में प्रेग्नेंसी को रोका जा सके। एक नए अध्ययन के मुताबिक आने वाले दिनों में यह संभावना हकीकत का अमलीजामा पहन सकती है।

इमरजेंसी के लिए गर्भ निरोधक दवाइयों में अभी यूलिप्रिस्टल एसीटेट ट्रस्टेड सोर्स (UA) लेवोनोजेस्ट्रेल और साइक्लो-ऑक्सीगैनीज- 2 (COX- 2) का इस्तेमाल होता है, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुए हालिया क्लीनिकल ट्रायल के दौरान यूए और मेलॉक्सिकैम से बनी नई गर्भनिरोधक मेडिसिन को सुरक्षित और कारगर पाया गया है। ये स्टडी ‘बीएमजे सेक्सुअल एंड रिप्रोडक्टिव हेल्थ’ जर्नल में प्रकाशित हुई है।

पारंपरिक गर्भनिरोधक मेडिसिन की बात करें तो इसका सेवन डेली करना पड़ता है जबकि इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का सेवन सेक्स के बाद किया जाता है। अभी तक प्रेग्नेंसी रोकने की ऐसी कोई दवाई नहीं है जिसे सेक्स के दौरान खाया जाए। इस एक्सपेरिमेंटल गर्भनिरोधक में शामिल यूलीप्रिस्टल एसीटेट और मेलोक्सीकैम उस समय ओव्यूलेशन को रोकता है जब गर्भधारण की संभावना सबसे ज्यादा होती है।

इस अध्ययन की ऑथर और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रसूति-स्त्री रोग एक्सपर्ट डॉ. एरिका काहिल ने कहा कि ऐसे बहुत से लोग हैं जिनकी कॉन्ट्रासेप्टिव जरूरतें पूरी नहीं हो पाती। कई महिलाएं चाहती हैं कि वो जब सेक्सुअली एक्टिव हों तभी गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करना पड़े। उन्हें डेली गर्भनिरोधक मेडिसिन ना लेनी पड़े।

महिलाओं पर की कई स्टडी को लेकर डॉ. कहिला ने कहा कि ऑन-डिमांड कॉन्ट्रासेप्शन की सख्त जरूरत है। लोग पहले से ही पेरिकोइटल कॉन्ट्रासेप्शन जैसी इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं, बहुत से लोग ऐसे उपायों में भी रुचि ले रहे हैं जिसमें उन्हें इंजेक्शन और इंप्लांट प्लेसमेंट के लिए क्लिनिक बार-बार ना जाना पड़े। अध्ययन के मुताबिक ऑन-डिमांड कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स प्रेग्नेंसी को रोकने में काफा उपयोगी साबित हो सकती है लेकिन इसके लिए और भी शोध किए जाने की आवश्यकता है।