Search
  • Noida, Uttar Pradesh,Email- masakalii.lifestyle@gmail.com
  • Mon - Sat 10.00 - 22.00

Author Archives: Nafisa Khan

Daily Skin Care: These 4 unique skin care tips

Daily Skin Care: रोजाना स्किन की देखरेख करना गुड हैबिट है। आपकी त्वचा भी डल है तो इसके पीछे बहुत सी वजह हो सकती है। जिनमें से आपका खराब लाइफस्टाइल, उल्टा सीधा खाना और खराब स्किन केयर शामिल है। हमारे शरीर की तरह ही हमारी त्वचा को भी देखभाल की जरूरत होती है और इसके लिए आपको रोजाना स्किन केयर रूटीन का पालन करना होगा। अपनी डल और डेमेज स्किन के लिए नीचे दिए गए टिप्स का करें पालन-

सबसे पहले चुनें एक अच्छे क्लींजर को

Pre wedding skin care means enhancing the beauty of the bride

आपकी त्वचा से हर तरह की गंदगी को निकालने के लिए एक अच्छे से फेसवॉश की जरूरत होती है। इसके लिए आप अपनी त्वचा टाइप के हिसाब से अच्छी गुणवत्ता वाला फेसवॉश बाजार से ले लें।

एक अच्छे मॉइश्चराइजर का करें इस्तेमाल

अगर आपकी स्किन ऑयली है और आप सोचती हैं कि आपको किसी मॉइश्चराइजर की जरूरत नहीं है तो आप बिल्कुल गलत हैं। हर किसी को स्किन को मॉइश्चराइजर की आवश्यकता होती है। अगर आप की ऑयली स्किन है तो आपको कोई ऑयल फ्री मॉइश्चराइजर इस्तेमाल करना चाहिए और अगर ड्राई स्किन है तो किसी साधारण से मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करें।

सनस्क्रीन लगाना है जरूरी

Excessive use of sunscreen is harmful, do not forget to do it before sleeping at night

अगर आप कहीं बाहर निकल रही हैं तो सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना आवश्यक है। यह आपकी स्किन को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाता है और यदि आप घर बाहर नहीं भी निकल रही हैं तो भी आपको कम से कम एसपीएफ 30 या उससे कम का सनस्क्रीन जरूर लगाना चाहिए। बता दें कि आपको इसका प्रयोग हर चार घंटों के अंतराल पर री-अप्लाई करते रहना चाहिए। अगर आप इसका प्रयोग नहीं करती हैं तो आपकी स्किन बहुत डेमेज हो सकती है।

नाइट क्रीम का इस्तेमाल करें

नाइट क्रीम का इस्तेमाल वैसे तो अक्सर करते रहना फायदेमंद होता है। लेकिन अगर आपकी स्किन ज्यादा सेंसिटिव है तो आपको एक बार अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। कई बार कुछ नाइट क्रीम ज्यादा गाढ़े होते हैं और उससे आपकी स्किन में एक्ने व पिंपल्स हो सकती हैं। इसलिए अपने डर्मेटॉलजिस्ट की सलाह जरूर लेनी चाहिए। अगर आप इन्हीं सिंपल बातों को इग्नोर कर देते हैं तो आपकी स्किन धीरे धीरे डल व डेमेज होनी शुरू हो सकती है।

फोटो सौजन्य- गूगल

Consuming fenugreek in coconut oil will solve 5 hair problems

Coconut Oil and Methee Seeds: लंबे काले बालों के लिए नियमित सिर की तेल मालिश करना फायदेमंद माना जाता है। इसी तरह बालों में प्राकृतिक और आयुर्वेदिक हर्ब्स से तैयार तेल लगाने के भी कई फायदे होते हैं। ऐसे ही एक विधि है नारियल तेल के साथ मेथी का सीड्स। यह मिश्रण बालों में जादुई अंतर लाता है और बालों और सिर के स्किन को पोषण प्रदान करता है। सबसे खास बात यह है कि मेथी और नारियल तेल बालों में लगाने से हेयर में ग्रोथ देखने को मिलता है। आइये जानते हैं कैसे बालों के लिए कैसे तैयार करें ये खास तेल?

आयुर्वेदिक तेल को ऐसे करें तैयार

नारियल तेल के 100 ml के साथ 02 चम्मच मेथी दाना और मुट्ठीभर करी पत्ते 10-15 मिनट के लिए उबालें। फिर इस ऑयल को उतारकर ठंडा कर लें। ठंडा होने के बाद ऑयल को छान लें और किसी बोतल में भर दें। शैम्पू करने से पहले सिर की अच्छे से मालिश करने के लिए इस तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

बालों का रूखापन होता है दूर

Consuming fenugreek in coconut oil will solve 5 hair problems

रूखे बालों की ड्राइनेस कम करने के लिए आप नारियल तेल और मेथी दानों से तैयार यह तेल लगा सकते हैं। इससे आपके सिर की त्वचा को भी पोषण मिलता है। पोषण मिलने से बाल सॉफ्ट और मुलायम बनते हैं और हेयर स्ट्रेंथ में भी इजाफा होता है।

ऐसे बढ़ाएं अपने बालों का ग्रोथ

नारियल तेल में लॉरिक एसिड होता है जो हेयर के रूट को मजबूत करने का काम करता है। इसी प्रकार मेथी में पाए जाने वाले प्रोटीन और निकोटिनिक एसिड जैसे तत्व बालों की ग्रोथ बढ़ाते हैं। इससे बालों की लंबाई बढ़ती है।

बालों को व्हाइट होने से बचाए

वक्त से पहले सफेद होते बालों की समस्या से राहत पाने के लिए आप बालों में नारियल तेल और मेथी के सीड्स से तैयार इस हर्बल ऑयल को इस्तेमाल कर सकते हैं। ये बालों की स्ट्रेंथ बढ़ाने के साथ बालों को वक्त से पहले व्हाइट होने से रोकता है।

नारियल तेल और मेथी डैंड्रफ कंट्रोल में होता है मददगार

मेथी बालों में डैंड्रफ को दूर करने में काफी कारगर साबित होता है। अलावा इसके मेथी के सीड्स बालों में शाइनिंग लाने का काम करते हैं।

फोटो सौजन्य- गूगल

Is it an experience of insecurity if your partner switches off the lights before sex

Light off at Sex Time: क्या आपका पार्टनर लाइट बंद करके सेक्स करना पसंद करता है? क्या सेक्स के समय आपका पार्टनर लाइट बंद कर देता है? अगर आपका जवाब हां है तो इसके पीछे कई साइकोलॉजिकल वजह जिम्मेदार हो सकते हैं। बता दें कि सेक्स पर्सनल और संवेदनशील फिलिंग होता है। इसमें दोनों पार्टनर की असीम भावनाएं, कॉन्फिडेंस और मानसिक स्थिति महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कई लोग सेक्स के दौरान अपने पार्टनर के चेहरे के भावों को देखना चाहते हैं और पूरी तरह से अनुभव लेना चाहते हैं। पर कई लोग ऐसे होते हैं जो सेक्स को अंधेरे में ज्यादा सही तरीके से एन्जॉय कर पाते हैं। यानी उन्हें लाइट में सेक्स करना पसंद नहीं होता है। इसका एक कारण शर्मिंदगी हो सकती है। या फिर वे अपने पार्टनर के सामने पूरी तरह से एक्सपोज होने में सहज महसूस नहीं करते हैं। अलावा इसके भी कई ऐसे कारण हो सकते हैं जिसकी वजह से आपका पार्टनर सेक्स के दरम्यान लाइट बंद कर सकता है।

शरीर को इनसिक्योरिटी का अनुभव होना

कई लोग अपनी बॉडी के मद्देनजर पूरी तरह से कॉन्फिडेंट नहीं होते हैं। वे अपने शरीर को लेकर इनसिक्योर फील करते हैं। उन्हें लगता है कि उनका पार्टनर, उनके शरीर के किसी खास हिस्से को देखकर जज कर सकता है। ऐसे में वे लोग हमेशा सेक्स करने से पहले लाइट बंद करना चाहते हैं। अंधेरे में उन्हें डर नहीं लगता है और वे रिलैक्स होकर एन्जॉय कर पाते हैं।

पूरी तरह ओपन ना हो पाने का डर

Is it an experience of insecurity if your partner switches off the lights before sex

कई बार लोग अपने पार्टनर के साथ पूरी तरह से ओपन नहीं हो पाता है। ऐसे में उसे लाइट में सेक्स के दौरान शर्म महसूस हो सकती है। इसकी वजह से उन्हें झिझक महसूस होती है। यदि लाइट ऑन करके सेक्स किया जाता है तो इससे उनकी कमजोरियां उजागर हो जाती है। ऐसे में वे अंधेरे में सेक्स एन्जॉय करना पसंद करते हैं।

परफॉर्मेंस का अनजाना डर

कई बार लोग अपनी परफॉर्मेंस को लेकर कॉन्फिडेंट नहीं होते हैं। उन्हें लगता है कि सामने वाला पार्टनर उनकी परफॉर्मेंस को लेकर जज करेगा। या उनके फेस के भावों को देखेगा, ऐसे में उन्हें शर्मिंदगी महसूस हो सकती है। या बेहतर परफॉर्मेंस का दबाव बना रहता है। ऐसे में अगर अंधेरे में सेक्स किया जाता है, तो दबाव थोड़ा सा कम हो जाता है।

अनुभवों का असर

कई बार पहले के अनुभवों का असर इन्सान के वर्तमान जिंदगी को भी प्रभावित कर देते हैं. अगर पहले किसी ने कभी उनकी बॉडी को लेकर ट्रोलिंग या बॉडी शेमिंग किया हो तो ऐसे में यह डर उनके मन में बैठ जाता है। ऐसे में उनके लिए लाइट ऑन करना एक ट्रिगर हो सकता है। लाइट में उन्हें पहले के अनुभव याद आ सकते हैं। जबकि अंधेरे में पुराने अनुभव याद नहीं आते हैं और वे अधिक सहज फील करते हैं।

फीलिंग को छुपाना

कई लोग सेक्स को सिर्फ शारीरिक ही नहीं, मानसिक और भावनात्मक रूप से भी फील करना पसंद करते हैं। ऐसे में लाइट में वे अपनी भावनाओं को ओपनली दिखाने में शरमा सकते हैं। लाइट बंद करके वे अपनी भावनाओं को आसानी से छुपा सकते हैं।

फोटो सौजन्य- गूगल

Follow these 3 special measures to make your breasts attractive

Attractive Breast: किस लड़की की चाहत नहीं होती- सुडौल और आकर्षक ब्रेस्ट। कई लड़कियों को ब्रेस्ट का मनचाहा आकार नेचुरली मिल जाता है, पर कुछ लड़कियों को ब्रेस्ट का मनचाहा आकार नहीं मिल पाता है। ब्रेस्ट का छोटा होने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। खराब खानपान, शरीर में न्यूट्रिएंट इलिमेंट्स की कमी या जेनेटिक के कारण से ब्रेस्ट का साइज छोटा रह जाता है।

छोटे ब्रेस्ट का आकार लड़कियों या महिलाओं के आत्मबल स्तर को गिरा सकता है। इसलिए हर लड़की स्तनों का आकार बढ़ाने के लिए तरह-तरह के उपाय इस्तेमाल करती हैं। कोई इंजेक्शन लगवाता है तो कोई सर्जरी की मदद लेतीं हैं। लेकिन आप चाहे तो नेचुरल तरीकों से भी ब्रेस्ट का आकार बढ़ा सकती हैं। एक्सपर्ट से जानते हैं ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के लिए क्या हैं घरेलू उपाय-

ये है ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के टिप्स

1. रोजाना एक्ससरसाइज करें

Follow these 3 special measures to make your breasts attractive

ब्रेस्ट साइज का आकार बढ़ाने के लिए आपको डेली एक्सरसाइज और योगभ्यास करना चाहिए। एक्सरसाइज करने से ब्रेस्ट के नजदीक की मांसपेशियों का विकास तेजी से होता है। इससे स्तनों के आकार को भी बढ़ावा मिलता है। स्तनों का आकार बढ़ाने के लिए आपको रोजाना 30 मिनट एक्सरसाइज अपने रूटीन में शामिल करना होगा। इससे स्तनों के आस-पास की मांसपेशियां टोन भी होती हैं। स्तनों के साइज बढ़ाने के लिए आप पुश-अप, डंबल चेस्ट प्रेस और वॉल प्रेस जैसी एक्सरसाइज अपना सकती हैं।

2. फाइटोएस्ट्रोजन से भरे फूड्स खाएं

Follow these 3 special measures to make your breasts attractive

फाइटोएस्ट्रोजन स्तनों के आकार को बढ़ावा देता है। फाइटोएस्ट्रोजन ब्रेस्ट टिश्यू को बढ़ाने में मदद करते हैं। अगर आप स्तनों के साइज बढ़ाना चाहते हैं, तो अपनी डाइट में फाइटोएस्ट्रोजन जरूर शामिल करें। आपको बता दें कि अलसी के बीज, सोयाबीन, तिल के बीज, टोफू, मूंगफली, अखरोट आदि में फाइटोस्ट्रोजन पाया जाता है। इन फूड्स को खाने से स्तनों के साइज बढ़ाने में मदद मिल सकती है। ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के लिए मेथी के दाने भी बेहद उपयोगी साबित होते हैं। आपको अपनी डाइट में डेयरी प्रोडक्ट्स, नट्स, सीड्स और दाल जरूर शामिल करने चाहिए।

3. मसाज टैक्निक है कारगर

With regular hair massage our hair can become beautiful and healthy

अगर आपके स्तनों का आकार छोटा है, तो आपको मसाज टैक्निक भी जरूर अपनानी चाहिए। मसाज करने से ब्रेस्ट साइज को बढ़ावा मिल सकता है। अगर आप कुछ महीनों तक रोज सुबह-शाम स्तनों की मालिश करेंगे, तो इससे मांसपेशियों का विकास तेजी से होता है। ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के लिए आप नारियल तेल, जैतून के तेल या बादाम के तेल से मालिश कर सकते हैं। इसके लिए आप कोई भी तेल लें और इसे गुनगुना कर लें। अब तेल को स्तनों पर लगाएं और फिर सर्कुलर मोशन में मसाज करें। आप रोज रात को स्तनों की मसाज कर सकते हैं। इससे आपको काफी फर्क देखने को मिलेगा।

If you are a 'Newly Mom' then take care of yourself like this

Newly Mom: प्रेग्नेंसी शुरू होते ही शरीर में कई तरह के हार्मोनल चेंजिंग दिखने लगते हैं और 09 महीने के फेज के बाद जब डिलीवरी होती है तो मां को सबसे अधिक खुशी का एहसास होता है पर इसके बाद कई सरह के स्ट्रेस भी सामने आते हैं जैसे कि चिड़चिढ़ापन, उदासी, चिंता, बच्चे के साथ जुड़ाव में कमी जैसा प्रॉब्लम होने लगता है। डिलीवरी के बाद शरीर कमजोर हो जाता है और तनाव का कुप्रभाव भी सेहत पर नजर आता है।

प्रेग्नेंसी के बाद पहले जैसा हेल्दी और फिट बनने के लिए अपने रूटीन के साथ ही खानपान का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। वरना कुछ प्रॉब्लम लाइफटाइम परेशानी खड़ा कर सकती है जैसे वजन कंट्रोल न किया जाए तो कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है साथ ही शरीर में दर्द और कमजोरी लंबे वक्त तक बनी रह सकती है। विशेषज्ञ से जानेंगे कि कैसे डाइट को सही तरीकों से लेकर योगा या वर्कआउट करने तक कैसे अपने स्वास्थ्य को ठीक रख सकती हैं।

नई मां की फिजिकल हेल्थ के साथ ही मेंटल हेल्थ भी दुरुस्त रहना बहुत जरूरी होता है, तभी वह अपने बच्चे को भी पूरी तरह से देखभाल कर पाएंगी और बच्चा हेल्दी रहता है। बाद वाली परेशानियों से बचने के लिए सबसे जरूरी होता है फैमिली का इमोशनल सपोर्ट। अलावा इसके भी एक्सपर्ट ने कई छोटी-छोटी ट्रिक बताई हैं और डाइट, वर्कआउट की डिटेल भी दी है ताकि डिलीवरी के बाद मां खुद को स्वस्थ रख सके।

एक्सपर्ट लाइफस्टाइल डिजीज जैसे डायबिटीज, पीसीओडी, थायराइड, ओबेसिटी आदि से लोगों को नेचुरली रिवर्स करने में मदद करती हैं और यह भी बताती हैं कि कैसे आप टेस्टी खाना खाकर भी स्लिम और फिट रह सकते हैं।

If you are a 'Newly Mom' then take care of yourself like this

मेंटल हेल्थ दुरुस्त रखने के टिप्स

  • एक्सपर्ट कहती हैं कि नई मां बनी हैं तो रोजाना कुछ देर लाइट वॉक करें और नंगे पैर घास पर चलें।
  • मेंटल हेल्थ को सुधारने के लिए ब्रीदिंग टेक्निक जैसे कपालभाति प्राणायाम और अनुलोम विलोम करना सही रहता है।
  • एक्सपर्ट का कहना है कि कोई भी स्ट्रेस जो आपको परेशान कर रहा हो, उसके बारे में बात करें।
  • स्ट्रेस कम ना हो तो जरूरत के हिसाब से थेरेपिस्ट या काउंसलर से बात करनी है तो वो बिल्कुल नॉर्मल है। जरूर बात करें, स्ट्रेस को कैसे डील करें?

भरपूर नींद लेना है जरूरी

good sleep

एक्सपर्ट के मुताबिक सबसे जरूरी है नई माएं अच्छी नींद लें, क्योंकि नींद न सिर्फ शारीरिक तौर पर आराम देती है, बल्कि मेंटली भी रिलैक्स दिलाने में मदद करती है। इसके लिए स्लीप स्नैचिंग तकनीक का सहारा लेना चाहिए यानी जब बेबी सो रहा हो या फिर फैमिली में किसी और के पास हो तो उस दौरान आप भी पावर नैप लें।

ब्रेस्टफीडिंग करवाना है फायदेमंद

Breast feeding

एक्सपर्ट कहती हैं कि बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग जरूर कराएं. ये मां और शिशु दोनों के लिए फायदेमंद होती है। वजन घटाने के लिए पेशेंस रखें, क्योंकि ग्रेचुअल वेट लॉस और ग्रेजुअल फैट लॉस करना ही सेफ रहता है और यही सही तकनीक है पोस्टपार्टम वेट को कम करने की।

कब कर सकते हैं फिजिकल एक्टिविटी

एक्सपर्ट का कहना है कि नॉर्मल डिलीवरी हुई है तो 06 हफ्ते के बाद फिजिकल एक्टिविटी कर सकती हैं और अगर सी-सेक्शन हुआ है तो डॉक्टर्स की एडवाइस के बाद ही किसी तरह का वर्कआउट या योग करना शुरू करें। बाद के दौरान फिटनेस के लिए आप ब्रीदिंग, लाइट वॉक, लाइट स्ट्रेचिंग, योगा को रूटीन में एड कर सकते हैं. ज्यादा जल्दबाजी न करें, अपनी बॉडी को हील होने दें तभी शरीर सही तरह से फंक्शन कर पाएगा।

ये चीजें करें अवॉइड

नई माएं एमटी कैलोरी बिल्कुल न लें, जैसे बिस्किट, शुगरी ड्रिंक्स को अवॉइड करना चाहिए. एक्सपर्ट कहती हैं कि बहुत सारे लोग वेट लॉस के चक्कर में चाय-कॉफी ज्यादा लेते हैं, लेकिन वह यह भूल जाते हैं कि ये बॉडी को एसिडिक कर सकते हैं और कैफीन से शरीर को नकली किक मिलती है। इंस्टेंट एनर्जी के चक्कर में इनको पीने से बचें। चाय-कॉफी पी भी रहे हैं तो शुगर मत मिलाएं और दिन में एक या दो बार ही लीजिए।

हाइड्रेट रहना है लाभदायक

एक्सपर्ट के अनुसार हाइड्रेशन को बनाए रखें, सादा पानी पीने के अलावा जीरा वाटर, धनिया वाटर, कोकोनट वाटर, सौंफ का पानी आदि पीएं, क्योंकि इन मसालों में कैल्शियम से अलावा भी कई मिनरल्स होते हैं। घर का सिंपल खाना खाइए। ये आपके लिए पोस्टपार्टम को डील करने के लिए बेस्ट है।

डाइट का ध्यान कैसे रखें

एक्सपर्ट का कहना है कि डिलीवरी के बाद वेट कंट्रोल करना हो तो किसी भी फैट डाइट को फॉलो नहीं करना चाहिए पर वजन कम करने के चक्कर में कोई भी ट्रेंडी डाइट फॉलो करना शुरू न करें। न्यूट्रिशनल डाइट लें, जिसमें कैलोरी भी कम हो और पोषक तत्व भी अच्छी मात्रा में हो, साथ ही रेगुलर लाइट वॉक कीजिए।

नई माएं लें ऐसा खाना

एक्सपर्ट के मुताबिक डिलीवरी के बाद आयरन और कैल्शियम रिच फूड खाएं, जैसे रागी, ड्राई फ्रूट्स और हरी सब्जियां और फल। वह कहती हैं कि मैं तो आपको कहूंगी बादाम, अखरोट, पंपकिन सीड्स, सूरजमुखी के बीज, गोंद आदि को नट्स, सीड्स और ड्राई फ्रूट्स को मिलाकर लड्डू बना लें। दो लड्डू रोज आप दूध के साथ लें. इससे कई न्यूट्रिएंट्स की कमी पूरी हो जाती है और कमजोरी नहीं लगती। डिलीवरी के बाद खाने में अंडा, दाल, नट्स शामिल करें जो प्रोटीन की पूर्ति करेंगे।

फोटो सौजन्य- गूगल

If you are troubled by white hair

Hair Care: बालों में लगातार केमिकल का प्रयोग और धूप के प्रभाव सफेद बालों की समस्या की वजह बनती है। बालों के जड़ों में मौजूद मेलिनिन बालों को रंग देने में सहायता प्रदान करता है। लेकिन जैसे जैसे आपकी उम्र बढ़ती है। इसकी मात्रा कम हो जाती है और बालों का रंग सफेद होने लगता है। असल में बढ़ता तनाव, विटामिन की कमी और धूम्रपान इसके असल कारण हैं। अगर आप भी सफेद बालों से परेशान हैं तो वक्त से पहले जानें सफेद बालों का कारण और उसके निदान।

आखिर क्यों समय से पहले बढ़ने लगती है बालों की समस्या-

स्किन एक्सपर्ट बताती हैं कि उम्र काफी हद तक सफ़ेद बाल का एक मुख्य कारण हैं। अलावा इसके हेयर केयर की कमी और पोषक तत्वों का घटता स्तर इस समस्या का कारण साबित होता है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ ट्राइकोलॉजी के मुताबिक आनुवंशिकी के साथ साथ विटामिन की कमी जैसे अन्य कारक भी समय से पहले सफ़ेद बालों का कारण बन सकते हैं।

सफेद बालों की समस्या के लिए बताए गए टिप्स का करें पालन

If you are troubled by white hair

1. कम करें केमिकल्स का इस्तेमाल

सफेद बालों को रोकने के लिए बालों पर केमिकल युक्त शैम्पू, स्प्रे और अलग अलग प्रकार के ट्रीटमेंट से बचें। बालों की मज़बूती को बढ़ाने के लिए सल्फेट्स, पैराबेंस और फ़थलेट्स जैसे हार्श केमिकल्स का इस्तेमाल न करें। इससे बालों के स्ट्रैंड और जड़ों की कमज़ोरी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में बालों की क्लीजिंग के लिए माइल्ड शैम्पू या होमेमेड हेयर मास्क का इस्तेमाल करें। इससे स्कैल्प का रूखापन कम होता है, जिससे सफेद बालों की समस्या हल होती है।

2. यूवी रेज़ के असर से बचें

धूप की किरणों से बालों के टैक्सचर को नुकसान का सामना करना पड़ता है। ऐसे में गर्मी के दिनों में बालों को ढ़ककर रखें और स्ट्रेटनर व कर्लर का इस्तेमाल न करें। हीटिंग उत्पादों का उपयोग करते समय बालों की सुरक्षा के लिए क्रीम का उपयोग करें। इससे बालों की नरिशमेंट में मदद मिलती है और बालों का टूटना व झड़ना कम हो जाता है।

3. जरूर करें स्कैल्प मसाज

If you are troubled by white hair

बालों की मज़बूती को बढ़ाने क लिए हेयर ऑयलिंग आवश्यक है। इससे बालों का झड़ना कम होने लगता है और सफेद बालों की समस्या से बचा जा सकता है। इसके लिए कड़ी पत्ता, मेथीदाना और गुड़हल के फूलों को नारियल के तेल में पकाकर छान लें और बालों पर अप्लाई करें। इससे बालों का टूटना कम होने लगता है।

4. स्ट्रेस मैनेजमेंट है आवश्यक

दिनों दिन बढ़ता तनाव नींद की कमी, कमज़ोर याददाश्त औरसफे बालों की समस्या का कारण बनने लगता है। ऐसे में स्ट्रेस को दूर करने के लिए नियमित रूप से योग और मेडिटेशन का अभ्यास करें। योग की मदद से ब्रेन में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है, जिससे बालों की जड़े मज़बूत बनती हैं और सफेद बालों से बचने में मदद मिलती है।

5. हेयर क्लीजिंग है अहम

बालों को हफ्ता में 02 से 03 बार धोएं। इससे बालों की स्वच्छता बनी रहती है, जिससे फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचा जा सकता है। साथ ही डीप क्लीजिंग में भी मदद मिलती है, जिससे स्कैल्प पर बढ़ने वाली फंगस, इंफेक्शन और सफेद बालों की समस्या कम हो जाती है। इसके लिए केमिकल रहित प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें

6. स्वस्थ आहार का सेवन करें

स्वस्थ आहार हमारे शरीर और स्कैल्प को पोषण प्रदान करते हैं। आहार में प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स को शामिल करें, जो बालों के बॉन्ड को मज़बूत बनाते हैं। इससे बालों का झड़ना और पतलापन कम होने लगता हैं। बालों की मज़बूती बढ़ जाती है और दो मुंह बालों की समस्या से भी बचा जा सकता है। वे लोग जिन्हें कम उम्र में सफेद बालों का सामना करना पड़ता है। उनके बाल स्ट्रोंग व हेल्दी बन जाते हैं।

फोटो सौजन्य- गूगल

If you are planning to be physical with someone close to your heart

Physical Relation: आज हम आपको एक ऐसे विषय पर बात करने जा रही हूं जो मेट्रो सिटीज में काफी तेजी से फैल रही है। पहले हम एक दूसरे को पसंद करते हैं, फिर प्यार और अंत में प्यार फिजिकल रिलेशन तक जा पहुंचता है। क्या आपको किसी को डेट करते हुए महीने हो गए हैं और अब आप रिश्ते में फिजिकल एंटिमेसी के लिए पूरी तरह तैयार हैं, तो इसमें जल्दबाजी ना करें। ऐसे में यह देखना अहम है कि क्या आपके पार्टनर आपके साथ लांग टर्म रिलेशनशिप को बनाना चाहते हैं? अब आप सोच रही होंगी इन बातों का अनुमान कैसे लगया जाए।

परेशान होने की जरूरत नहीं हम आपको बताएंगे ऐसे कौन से साइन हैं जो आपको अपने रिश्ते में एक कदम आगे बढ़ने की ओर इशारा करते हैं। मतलब आप अपने पार्टनर के साथ इमोशनल इंटिमेसी के साथ शारीरिक रूप से भी इंटिमेट हो सकती हैं। यहां बताई गई 07 बातों पर फोकस करें और देखें कि आपको अपने रिश्ते को आगे लेकर जाना है या अभी और वक्त देना है।

ये संकेत बताते हैं आप अपने रिश्ते में फिजिकल इंटिमेसी के लिए हैं तैयार

If you are planning to be physical with someone close to your heart

1. जिसे आप डेट कर रही हैं, क्या वे आपको वाकई पसंद है

आपको उन्हें अपने अच्छे दोस्तों से मिलवाने में सहजता होगी। देखें कि क्या आप उनके साथ समय बिताना चाहती हैं और उस दौरान आपको कैसा महसूस होता है। अगर आप उस दौरान अंदर से सवाल करती हैं, तो यह एक अच्छा संकेत है। आप अपने रिश्ते को आगे बढ़ाने पर विचार कर सकती हैं।

2. क्या वे आपकी बाउंड्री का सम्मान करते हैं

देखें कि जब आप अपने रिश्ते में किसी बात को लेकर एक बाउंड्री सेट करती हैं, तो क्या आपके पार्टनर उसका समर्थन करते हैं? अगर हां, तो ये आपके रिश्ते में एक प्लस प्वाइंट है। अगर कोई लगातार आपको कुछ ऐसा करने के लिए फोर्स कर रहा है, जिसे आप बिल्कुल भी पसंद नहीं करती तो यह स्टॉप साइन हो सकता है।

3. क्या आप दोनों सेक्स के बारे में खुलकर बात करते हैं

जब भी सेक्स का विषय आता है, तो क्या आप अपनी भावनाओं, विचारों और प्राथमिकताओं पर चर्चा करते हैं। अगर ऐसा है, और आपका पार्टनर आपके विचारों को सुनता, समझता और प्राथमिकता देता है, तो यह एक हेल्दी साइन हो सकता है। आप उनके साथ फिजिकली इंटिमेट होने के बारे में विचार कर सकती हैं।

4. क्या आप उनके साथ कंफर्टेबल महसूस करती हैं

जब भी आपका पार्टनर आपके आस-पास होता है, तो पेट में बटरफ्लाई महसूस होना बेहद सामान्य है। पर ध्यान ये देना है, कि आप उनके साथ कितना कंफर्टेबल रहती हैं। क्या आपको उनके आस-पास रहने पर सहज महसूस होता है? क्या आप उनके साथ पूरी तरह सुरक्षित महसूस करती हैं? यदि हां, तो आप अपने रिश्ते में एक कदम आगे बढ़ने यानी कि शारीरिक रूप से इंटिमेट होने पर विचार कर सकती हैं।

5. आप स्पर्श करने से ज़्यादा बात करते हैं

संबंध महसूस करने के दो तरीके हैं– शारीरिक और भावनात्मक। अगर आप बात करने से ज़्यादा एक दूसरे को चूमते हैं या गले मिलते हैं, तो यह एक सकारात्मक संकेत नहीं है। भले ही आप 20 बेहतरीन डेट पर गए हों, यदि बातचीत उस तरह से नहीं हो रही है, जैसा आप चाहते हैं, तो सेक्स करने से आपकी संचार समस्याएं ठीक नहीं हो सकती हैं। वहीं, यदि आप एक दूसरे से खुलकर बातचीत कर अपने विचार शेयर करती हैं, तो आप अपने रिश्ते में आगे बढ़ने पर विचार कर सकती हैं।

6. आपके पार्टनर परिवार और दोस्तों से परिचय करवाते हैं

उसके सबसे करीबी दोस्त कौन हैं? क्या उनकी मां या बहन आपको पसंद करती है, और आप उसे? यदि कोई पुरुष आपके साथ रहने के बारे में वास्तव में गंभीर है, तो वह बिना किसी सवाल के आपको अपने करीबी दोस्तों और परिवार से मिलवाता है। अगर वह आपके साथ अपना जीवन साझा करने को लेकर भ्रमित है, तो आपको उनके साथ इंटिमेट होने से पहले सोचना चाहिए।

7. क्या वे आपको खुश रखते हैं?

आखिरी लेकिन सबसे महत्वपूर्ण ये है, की क्या वे आपको पूरी तरह से खुश रखता है, और आप दोनों एक साथ अच्छा समय बिताते हैं! लेकिन यदि आपको अभी भी इसपर संदेह है, तो शारीरिक संबंध बनाने के बारे में विचार करें। वहीं अगर आप उनके होने से खुश रहती हैं, और बेहतर महसूस करती हैं, तो आप अपने मन की सुने और बेझिझक आगे बढ़ें।

फोटो सौजन्य- गूगल

Vaginal Infection: Do not ignore the problem of burning and itching in the vagina

Vaginal Infection: भारत जैसे देशों में महिलाओं के स्वास्थ्य पर काफी कम बातें होती हैं। कभी-कभी वीमेन से जुड़ी छोटी-छोटी दिक्कतों को नजरअंदाज करना महिलाओं के लिए भारी पर जाता है। लेडीज में वेजाइनल इन्फेक्शन एक ऐसी ही समस्या है। आज हम बताएंगे कि आखिर क्यों होता है वेजाइनल इन्फेक्शन और क्या हैं इससे बचने के तरीके-

जानें क्या है वेजाइनल इन्फेक्शन-

वेजाइनल इन्फेक्शन वेजाइनल में हुए संक्रमण को कहते हैं। ये इन्फेक्शन बैक्टीरिया, फंगस, या वायरस के कारण हो सकता है। दरअसल, वेजाइना में बैक्टीरिया और फंगस में एक बैलेंस होता है पर जब यही बैलेंस बिगड़ता है तो इनफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है। भले ही ये इन्फेक्शन मामूली लगे लेकिन कई बार और बड़ी बीमारियों को जन्म दे देता है।

वेजाइनल इन्फेक्शन के लक्षण

Vaginal Infection: Do not ignore the problem of burning and itching in the vagina

1. यूरिन डिस्चार्ज में दर्द-

यूरिन डिस्चार्ज करते हुए दर्द या जलन होना या वेजाइना से बदबू आना।

2. खुजली और जलन –

वेजाइना और उसके आसपास खुजली और जलन होने लगे तो इनफेक्शन के ही लक्षण हैं।

3. लालिमा और सूजन-

वेजाइना के आसपास की त्वचा लाल और सूज सकती है।

4. सेक्स के दौरान दर्द-

पेशाब के दौरान जलन या दर्द और सेक्स के दौरान दर्द।

5. अनियमित पीरियड्स

पीरियड्स की साइकिल अनियमित हो सकती है। एक्सपर्ट ने वैजाइनल इंफेक्शन को दो भागों में बांटा है।

1. नॉन सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन

2. सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन

इन्हें और कई भागों में बांटा जा सकता है-

1. बैक्टीरियल वेजिनोसिस :

यह तब होता है जब वेजाइना में अच्छे और नुकसानदायक बैक्टीरिया का बैलेंस बिगड़ जाता है। ये नॉन सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन है।

2. फंगल इन्फेक्शन :

यह कैंडीडा नामक फंगस के कारण होता है। ये संक्रमण तब बढ़ता है जब फंगस का स्तर नॉर्मल से अधिक हो जाता है। इसमें आपकी वैजाइना लाल।हो जाती है। डायबिटीज के पेशेंट्स को इसका ख़तरा अधिक होता है।

3. ट्राइकोमोनायसिस:

ये सेक्सुअली ट्रांसमिट हुआ इनफेक्शन है जो Trichomonas vaginalis नाम की बैक्टीरिया से फैलता है। सेक्स के दौरान कॉन्डोम ना इस्तेमाल करना, एक से अधिक पार्टनर्स के साथ सेक्स करना- ये इस इन्फेक्शन के प्रमुख कारण हैं।

4. हार्मोनल बदलाव:

पीरियड्स, प्रेग्नेन्सी या मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, इस बदलाव से भी वेजाइनल इन्फेक्शन हो सकता है। पीरियड्स के दौरान अगर आप अपने पैड्स तीन चार बार नहीं बदलते तो ये इन्फेक्शन कॉमन है।

5. वेजाइनल सफाई में गलत तरीका अपनाना:

वेजाइना को अंदर से साफ करने के लिए डूशिंग या कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल इनफेक्शन का कारण बन सकता है। ये भी नॉन सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन है।

वेजाइनल इन्फेक्शन से कैसे बचें-

Vaginal Infection: Do not ignore the problem of burning and itching in the vagina

  • वेजाइना को हल्के गुनगुने पानी से धोएं। बाहरी हिस्से की सफाई करें, लेकिन अंदरूनी हिस्से को जबरन रगड़ने की ज़रूरत नहीं।
  • सूती अंडरवियर का इस्तेमाल करें और तंग कपड़ों से बचें, जो पसीना रोक दे।
  • पीरियड्स के दौरान हर 4-6 घंटे में पैड या टैम्पोन बदलें। अक्सर ग्रामीण इलाकों में लोग इसे सीरियसली नहीं लेते जिस वजह से इंफेक्शन बढ़ जाता है।
  • सेफ सेक्स करें। सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करें। सेक्स के लिए एक से अधिक पार्टनर से बचें।
  • वेजाइना के पास परफ्यूम, डिओडोरेंट या किसी साबुन का इस्तेमाल न करें।
  • दही और प्रोबायोटिक्स युक्त खाना खाएं। चीनी कम से कम खाएं ।
  • तनाव कम लीजिए। ज्यादा तनाव लेने से शरीर में हार्मोन्स का बैलेंस बिगड़ सकता है जो इनफेक्शन को बढ़ाता है।

वेजाइनल इंफेक्शन इन स्थितियों में हो सकता है गंभीर (When seek to a Doctor in vaginal infection)
अगर आपको ये समस्याएं महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करिए-

1. वेजाइना से लगातार डिस्चार्ज।
2. खुजली या जलन जो घरेलू उपाय से ठीक न हो।
3. बुखार, पेट के निचले हिस्से में दर्द या थकावट।
4. सेक्स के दौरान दर्द।
5. बार-बार वेजाइनल इन्फेक्शन होना।

एक्सपर्ट के मुताबिक इंफेक्शन को लोग अनदेखा या अनसीरियसली ले लेते हैं जिसकी वजह से यह बड़ी समस्या का रूप ले लेती है। उनका कहना था कि ये जो हम इन्फर्टिलिटी को बड़ी समस्या के तौर पर देख रहे हैं, यह इन्हीं छोटी-छोटी बातों को इग्नोर करने का नतीज़ा है।

घरेलू उपाय जो कर सकते हैं मदद:

1. दही (Yogurt)

दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं।

2. लहसुन (Garlic):

लहसुन एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुणों से भरपूर होता है। इसे अपने खाने में शामिल करें।

3. गर्म पानी (Hot Water)

हल्के गर्म पानी में थोड़ा नमक मिलाकर वेजाइना को धोने से राहत मिलती है।

4. टी ट्री ऑयल (Tea Tree Oil)

टी ट्री ऑयल में एंटी-फंगल गुण होते हैं। इसे नारियल तेल में मिलाकर लगाया जा सकता है।

वो गलतियां जिससे होता है वेजाइनल इन्फेक्शन

1. गीले अंडरवियर पहनना।
2. साबुन या अन्य सस्ते कॉस्मेटिक का वैजाइना पर इस्तेमाल।
3. पब्लिक टॉयलेट का गलत इस्तेमाल।
4. यौन संबंध बनाते समय सुरक्षा का ध्यान न रखना। कॉन्डोम को अवॉयड करना
5. शरीर की साफ-सफाई पर ध्यान न देना।
6.टाइट कपड़े जो वैजाइना को भी एयर टाइट बना देते हैं।

A Strong relationship needs regular sex

REGULAR SEX: बॉडी को स्वस्थ और फिट रखने के लिए लोग ज्यादातर जिम और फैंसी डाइट का हेल्प लेते हैं लेकिन रिलेशन में सेक्सुअल इंटिमेसी दिनों दिन बढ़ते टेंशन के अलावा कई समस्याओं को दूर भगाने का सबसे मजेदार विकल्प है। दिनभर के कामकाज के बाद नियमित रूप से तनाव का सामना करना पड़ता है, जो मूड स्विंग की वजह बनता है। ऐसे में सेफ सेक्स को रूटीन में शामिल करके शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य पर इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है। वे महिलाएं जो अक्सर सेक्स को एंजॉय करती हैं, वे हमेशा अपने पार्टनर के साथ जुड़ाव की गहरी भावना का अनुभव करती हैं, जिससे रिश्ता हेल्दी और खुशहाल बन जाता है और कुल मिलाकर उनकी जिंदगी ज्यादा संतुलित हो जाती है।

ये हैं रेगुलर सेक्स से शरीर को मिलने वाले फायदे

विशेषज्ञ का कहना हैं कि नियमित सेक्स कई तरह से आपकी मदद कर सकता है। हालांकि सेक्स के विषय पर अभी भी लोग खुलकर बात करना पसंद नहीं करते हैं। यौन संबंध से मेंटल हेल्थ और शरीर को सक्रिय रखने में मदद मिलती है। खासकर उम्र बढ़ने के साथ नियमित सेक्सुअल एक्टीविटीज़ में शामिल होने से शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य दोनों पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है।

क्या सेक्स सेहत को प्रभावित करता है?

अमेरिकन सेक्सुअल हेल्थ एसोसिएशन के मुताबिक नियमित सेक्स शरीर को फायदा पहुंचाता है। ये पुरुषों और महिलाओं के लिए कार्डियोवेस्कुलर एक्सरसाइज के तौर पर फायदा पहुंचाता है। अलावा इसके इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने, हृ्दय रोगों से राहत, कैलोरीज स्टोरेज की रोकथाम और मांसपेशी की मजबूती को बढ़ाने में मदद करता है।

नियमित सेक्स करने से सेहत को मिलते हैं ये 8 फायदे-

A Strong relationship needs regular sex

1. इमोशनल बॉडिंग मजबूत होती है

अक्सर उम्र के साथ पति-पत्नी के रिश्ते में खिंचाव बढ़ने लगता है। ऐसे में नियमित सेक्स इमोशनल इंटिमेसी और कपल्स के बीच गहरे संबंध को बढ़ाता है। ऑक्सीटोसिन को लव हार्मोन कहा जाता है, जो सेक्स और शारीरिक स्पर्श के दौरान रिलीज़ होता है। ये हार्मोन भावनात्मक बंधंन को मजबूत करने में मदद करता है और भागीदारों के बीच विश्वास और स्नेह बढ़ाता है। इससे अधिक सटिस्फेक्शन और स्टेबल रिलेशन बनते हैं। जर्नल सेज चॉइस की रिपोर्ट के मुताबिक रेगुलर सेक्सुअल एक्टीविटी फिज़िकल और इमोशनल हेल्थ को प्रभावित करती है।

2. अच्छी आती है नींद

इससे शरीर में ऑक्सीटोसिन यानी लव हार्मोन की मात्रा बढ़ने लगती है और सेक्स के दौरान एंडोर्फिन रिलीज होता है। इन दोनों हार्मोन के मिलने से नींद की गुणवत्ता में सुधार आने लगता है। इससे शरीर को अधिक आराम महसूस होता है और ऊर्जा का स्तर भी बढ़ने लगता है।

3. इम्यून सिस्टम बेहतर होता है

NIH की रिपोर्ट के अनुसार वे लोग जो फ्रीक्वेंट सेक्स करते थे यानी सप्ताह में एक से दो बार या उससे अधिक बार, उनके स्लाइवा में अधिक इम्युनोग्लोबुलिन एआईजीए पाया जाता है। आईजीए एक प्रकार की एंटीबॉडी है जो बीमारियों को रोकने में महत्वपूर्ण साबित होती है और हयूमन पेपिलोमावायरस या एचपीवी के खिलाफ रक्षा कवच के रूप में कार्य करता है। इससे महिलाएं बीमारियों और संक्रमणों से लड़ने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो जाती हैं। रिपोर्ट के अनुसार जैसे-जैसे यौन गतिविधियां बढ़ती है, वैसे ही रोग प्रतिरोधक क्षमता संक्रमण से निपटने में ज्यादा सक्षम हो जाती है।

4. हृदय संबंधी समस्याएं कम होती हैं

यौन संबंध को नियमित रखने से हृदय गति, ब्लड सर्कुलेशन और ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ने लगता है, जो समग्र हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करता है। नियमित सेक्स महिलाओं में हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में भी कारगर है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक नियमित यौन गतिविधि हृदय रोग वाले पुरुषों और महिलाओं के लिए रोगी के साथ-साथ साथी के जीवन की गुणवत्ता को भी बढ़ाता है।

5. तनाव कम होता है

A Strong relationship needs regular sex

इससे जिंदगी में दिनों-दिन बढ़ने वाले तनाव को कम किया जा सकता है और सकारात्मक मनोदशा को बढ़ावा देने की क्षमता में सुधार आने लगता है। दरअसल, सेक्स के दौरान शरीर एंडोर्फिन जारी करता है, जिससे व्यक्ति खुशी का अनुभव करता है। ये रसायन तनाव और चिंता से निपटने में मदद करते हैं जिससे महिलाएँ अधिक आराम और संतुष्ट महसूस करती हैं। नियमित सेक्स करने से भावनात्मक कल्याण और खुशी का एक चक्र बन सकता है। जर्नल ऑफ़ फ़ैमिली साइकोलॉजी के शोध में पाया गया कि दैनिक जीवन में जिन प्रतिभागियों ने यौन गतिविधि कम होने की बात कही, उनमें सेक्स की कमी पाई गई।

6. मज़बूत होती हैं पेल्विक मसल्स

इंटिमेसी जहां सेक्सुअल हेल्थ के लिए महत्वपूर्ण है, तो इससे पेल्विक फ्लोर मसल्स की भी मज़बूती बढ़ जाती है। इससे यूटर्स और ब्लैण्डर को भी हेल्दी रखा जा सकता है। सेक्सुअल एंक्टीविटी से जहां आपसी प्यार और अंडरस्टैडिंग बढ़ने लगती है, तो वहीं लोअर बॉडी के मसल्स को मज़बूती मिलती है और स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम कम हो जाता है। इससे वेजाइना से संबधी बीमारियों का जोखिम कम होने लगता है।

7. पेट की चर्बी में आती है कमी

प्लोस वन के रिसर्च के अनुसार पुरुष सेक्स के दौरान प्रति मिनट लगभग 4.2 कैलोरी जलाते हैं, जबकि महिलाएं प्रति मिनट 3.1 कैलोरी बर्न करती हैं। सेक्स से शरीर में कैलोरी स्टोरेज से बचा जा सकता है और शरीर स्वस्थ रहता है। कैलोरी बर्न होना सेक्स सेशन की स्पीड, समय और पोज़िशन पर निर्भर करता है।

8. प्राकृतिक पेन किलर है

सेक्स के दौरान एंडोर्फिन का स्राव न केवल तनाव को कम करने में मदद करता है बल्कि यह एक नेचुरल दर्द निवारक के रूप में भी काम कर सकता है। विशेषज्ञ के अनुसार कुछ महिलाओं को यौन गतिविधि में शामिल होने के बाद सिरदर्द, मासिक धर्म में ऐंठन और शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द से अस्थायी राहत महसूस होता है।

फोटो सौजन्य- गूगल

Never forget to warm up before going for a morning walk

Morning Walk: शरीर को पूरे दिन एक्टिव और हेल्दी बनाए रखने के लिए ज्यादातर लोग दिन की शुरूआत मॉर्निंग वॉक से करते हैं। पर्यावरण के नजदीक कुछ देर रहने से पक्षियों की चहचहाहट, ठंडी हवाओं और हरियाली को खुली आंखों से महसूस किया जाता है। इससे बॉडी और माइंड एक्टिव रहता है। हालांकि गर्मी के दिनों में देरी से वॉक के लिए निकलने के कारण पसीना आना, बार-बार गला सूखना और थकान का सामना करना पड़ता है। ऐसे में नियमित वक्त पर वॉक पर जाना बेनिफिशियल साबित होता है। सुबह की सैर पर निकलने से पहले रखें कुछ बातों का खास ध्यान-

एक हेल्थ रिपोर्ट के मुताबिक पैदल चलना सभी उम्र के लोगों के लिए व्यायाम का एक बेहतरीन तरीका है। इसके लिए पैदल चलने की क्रिया को धीरे धीरे शुरू करें। समय के साथ इसकी आदत हो जाने पर रास्ते की लंबाई और चलने की गति बढ़ाते जाएं।

इस बारे में फिटनेस एक्सपर्ट बताते हैं कि शरीर को संतुलित रखने और मांसपेशियों की ऐंठन से बचने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें। इससे शरीर का लचीलापन बढ़ने लगता है और शारीरिक अंगों में बढ़ने वाली थकान से भी बचा जा सकता है। नियमित रूप से इसका अभ्यास शरीर में जमा कैलोरीज को भी बर्न करने में मदद करता है।

मॉर्निंग वॉक पर जाने से पहले रखें इन बातों का ध्यान

Never forget to warm up before going for a morning walk

1. वॉर्मअप होना ना भूलें

वॉक करने से पहले शरीर को एक्टिव करने के लिए वॉर्मअप सेशन बहुत आवश्यक है। इससे शरीर का तापमान उचित बना रहता है और शरीर में लचीलापन रहता है। इसके अलावा कोर मसल्स मज़बूत बनते हैं, जिससे चोटिल होने का खतरा भी कम होने लगता है। वॉक से पहले 15 मिनट का वॉर्मअप मांसपेयियों सेशन बेहद ज़रूरी है। एक रिपोर्ट के अनुसार वॉर्मअप की मदद से मांसपेशियों में बढ़ने वाले खिंचाव को कम किया जा सकता है और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है।

2. बॉडी को हमेशा हाइड्रेट रखें

Never forget to warm up before going for a morning walk

टहलने से कुछ देर पहले पानी पीने से बार-बार प्यास लगने की समस्या हल होने लगती है। साथ ही कार्यप्रणाली में सुधार आने लगता है, जिससे होने वाली थकान से बचा जा सकता है। इससे शरीर के तापमान को नियंत्रित करने, जोड़ों की मोबिलिटी को बढ़ाने और पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद मिलती है। इससे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह उचित बना रहता है।

3. कपड़े और जूतों का ख्याल रखें

गर्मी में वॉक पर जाने के दौरान अधिक टाइट कपड़े पहनने से बचें। इसके अलावा फुल स्लीव्स और कैप को भी अवॉइड करें। इससे गर्मी का स्तर बढ़ने लगता है। ऐसे में हल्के रंग के और खुले कपड़े पहनें। इसके अलावा स्पोर्टस शूज पहनकर ही वॉक पर निकलें। इससे थकान कम होने लगती है और गिरने का जोखिम भी कम हो जाता है।

4. धीमी गति से करें शुरूआत

तेज़ी से चलना जहां एक तरफ आपके समय को तो बचाता है। मगर उससे शारीरिक थकान बढ़ जाती है और बार बार पसीना आने लगता है। ऐसे में शुरूआत धीमी गति से करें और फिर स्टेमिना बिल्ड होने के बाद समय सीमा को बढ़ा दें। इससे स्वास्थ्य को भी फायदा मिलता है।

5. सही तकनीक का करें प्रयोग

आराम से धीरे और बाहों को हिलाते हुए चलें। इसके अलावा वॉक के दौरान शरीर को एकदम सीधा कर लें और लंबे लंबे फुट स्टेप्स लेने से बचें। शुरूआत 20 मिनट की वॉक से कर लें और सप्ताह में 2 से 3 बार ही वॉक के लिए जाएं।

6. खुद को कूल कर लें

आप हमेशा लॉन्ग और फास्ट सैर करने के बाद शांत हो जाएं। शरीर को एक्टिव रखने के लिए टहलने के बाद कुछ स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें। इससे बॉडी में बढ़ने वाली पेन और थकान कम होने लगती है। इसके बाद बॉडी को कुछ देर रिलैक्स होने के लिए छोड़ दें, जिससे शरीर की एनर्जी दोबारा बूस्ट हो सके।

फोटो सौजन्य- गूगल 

1 2 3 5