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Hot Water: Why is it important to drink hot water in winter

Hot Water: वैसे ये बात हर किसी को मालूम है कि शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए पानी बहुत जरूरी है। ज्यादातर लोग अपनी प्यास मिटाने के लिए ठंडा पानी लेना पसंद करते हैं लेकिन सर्दी शुरू होते ही लोग ठंडे से पानी पीने से परहेज करने लगते हैं। मगर असल सवाल ये कि क्या वाकई ठंडे पानी की तुलना में गर्म पानी हेल्थ को कोई फायदा पहुंताचा है। आइये जानते हैं एक्सपर्ट से कि क्यों गर्म पानी पीना जरूरी है और इससे शरीर की क्या बेनिफिट मिलते हैं।

जर्नल ऑफ फूड साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक गर्म पानी पीने के लिए तापमान को 130 से 160 डिग्री एफ तक रखें। इससे ज्यादा तापमान पर गर्म पानी पीने से जीभ और गले में छाले बनने लगते हैं। इसके पोषण को बढ़ाने के लिए नींबू का रस डालें और पीएं।

एक डायटीशियन बताती हैं कि पानी स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है और हेल्दी बॉडी फंक्शनिंग के लिए रोज़ाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बहुत ज़रूरी है। हांलाकि कई लोग हर मौसम में ठंडा पानी पीना पसंद करते हैं लेकिन गर्म पानी पीने के शरीर को कई फ़ायदे मिलते हैं जिन्हें अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। सुबह उठने के बाद और सोने से पहले गर्म पानी पीने से शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है और पाचन को बढ़ावा मिलता है। साथ ही बैली फैट को कम करने में भी मदद मिलती है।

गुनगुना पानी पीने के फ़ायदे

Hot water

1. पाचन में फायदा

गर्म पानी डाइजेस्टिव ऑर्गन्स को उत्तेजित करता है। इससे पाचन तंत्र में रक्त के प्रवाह को बढ़ावा मिलता है, जिससे बेहतर पाचन और नियमित बॉवल मूवमेंट में मदद मिलती है। नियमित रूप से गर्म पानी पीने से शरीर में मौजूद टॉक्सिक पदार्थों को डिटॉक्स किया जा सकता है। इससे एसिडिटी और ब्लोटिंग से भी बचा जा सकता है।

2. वजन घटाने में अहम रोल

गर्म पानी पीने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और पेट भरा हुआ महसूस होता है। इससे एपिटाइट को नियंत्रित किया जा सकता है। साथ ही शरीर में जमा चर्बी को बर्न करमे में भी मदद मिलती है। इससे सूजन और कब्ज की समस्या हल हो जाती है। इससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है, जिससे वेटगेन की समस्या हल हो जाती है।

3. ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाए

Hot water

सुबह उठकर खाली पेट गुनगुना पानी पीने से ना सिर्फ डाइजेशन बूस्ट होता है बल्कि शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन भी बढ़ने लगता है। इससे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हल हो जाती है। साथ ही शरीर में एकत्रित होने वाले वसा से बनने वाले ब्ल्ड क्लॉटिंग से भी राहत मिलती है। इससे आर्टरीज़ और वेन्स एक्सपैंड हो जाती हैं, जिससे ब्लड का फ्लो उचित बना रहता है।

4. ठंड में बढ़ने वाली ठिठुरन कम हो जाती है

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक ठंड की स्थिति में शरीर में कपकपी बढ़ जाती है। मगर गर्म तरल पदार्थ पीने से कंपकंपी कम हो सकती है। शरीर को अंदरूनी गर्माहट मिलने लगती है और शरीर एक्टिव बना रहता है। बता दें कि इससे निर्जलीकरण का जोखिम भी कम हो जाता है। रिसर्च के अनुसार जहां पुरूष को दिनभर में 112 ओंस पानी की आवश्यकता होती है, तो वहीं महिलाओं को 78 आेंस पानी पीना चाहिए।

5. स्ट्रेस कम करने में मिलेगी मदद

Hot water

रोजाना गुनगुना पानी पीने से नर्वस सिस्टम हेल्दी रहता है। इससे ब्रेन फंक्शनिंग उचित बनी रहती है और मूड बूस्टिंग में मदद मिलती है। ब्रेन एक्टिव रहने से चीजों को याद रखने की क्षमता बढ़ जाती है और एकाग्रता को भी बढ़ाया जा सकता है। घूंट घूंट कर गर्म पानी पीना चाहिए।

6. नेज़न कंजेशन से राहत

एक कप गर्म पानी पीने से बार बार आने वाली खांसी और सांस लेने में होने वाली तकलीफ से बचा जा सकता है। नाक बंद रहने यानि साइनस से सिरदर्द का जोखिम बना रहता है। इसकी मदद से म्यूक्स को बनने से भी रोका जा सकता है, जिससे एयरवेज को क्लीयर रखने में मदद मिलती है।

फोटो सौजन्य- गूगल

Petroleum Jell: Many problems in winter, but only one solution

Petroleum Jelly: सर्दियां आते ही होठों का फटना, एड़ियां फटना आम हो जाता है। ऐसे में पेट्रोलियम जेली की डिमांड भी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। हम इसे होठों को हाइड्रेट और मॉइश्चराइज करने के लिए प्रयोग करते हैं। इसके फायदे सिर्फ होठों तक ही सीमित नहीं है। आप इसे कई अन्य समस्याओं के उपचार के मद्देनजर भी इस्तेमाल कर सकती हैं। यह आपके लिए बेहद कारगर साबित होंगे। आइये जानते हैं कि पेट्रोलियम जेली के कुछ जरूरी फायदे।

जानें किन-किन जगहों पर कारगर होती हैं पेट्रोलियम जेली

1. स्किन हीलिंग बढ़ाती है

पेट्रोलियम जेली काफी वर्षों से सभी का मनपसंद मॉइश्चराइजिंग प्रोडक्ट बना हुई है। इसके साथ ही डर्मेटोलॉडिस्ट भी इसे काफी पसंद करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि पेट्रोलियम जेली आपकी स्किन में पानी को सील कर देता है जिससे त्वचा ड्राई नहीं हो पाती है।

आपके चोट या घाव को भरने के लिए मॉइश्चर की जरूरी है, पेट्रोलियम जेली घाव के आसपास की त्वचा में मॉइश्चर मेंटेन रखता है जिससे कि हीलिंग पॉवर बूस्ट हो जाता है। वहीं यह मॉइश्चराइजर पुराने दाग धब्बों के रेडनेस को भी कम करने में मदद करता है और इनके इस्तेमाल से इन्फेक्शन का खतरा भी नहीं होता।

2. बच्चों में एटॉपिक डर्मेटाइटिस में भी पेट्रोलियम जेली का होता है काम

Petroleum Jelly: Many problems in winter, but only one solution

पेट्रोलियम जेली के इस्तेमाल से न्यूबॉर्न बेबीज की त्वचा पर होने वाली खुजली कम हो जाती है और इंफेक्शन का खतरा भी नहीं रहता। अगर आपकी फैमिली हिस्ट्री एटॉपिक डर्मेटाइटिस की रही है, तो ऐसे में बच्चों की त्वचा पर पेट्रोलियम जेली का प्रयोग इस समस्या को अवॉइड करने के लिए एक बेहद किफायती तरीका साबित हो सकता है। आप इसे बच्चे के जन्म के 03 से 04 हफ्ते के बाद से उनकी स्किन पर अप्लाई कर सकती हैं।

3. एक्जिमा और सोरायसिस की स्थिति में कारगर है

एग्जिमा और सोरायसिस दो स्किन कंडीशंस हैं, वहीं ठंड के मौसम में यह दोनों आपको अधिक परेशान कर सकते हैं। ऐसे में पेट्रोलियम जेली का इस्तेमाल इसमें आपकी मदद कर सकता है। यह इन्फ्लेमेशन को कम करते हुए त्वचा में अंदर से मॉइश्चर मेंटेन रखता है, जिसकी वजह से खुजली नहीं होती और आपकी त्वचा पर कम से कम स्क्रैच आते हैं। पेट्रोलियम जेली को इस्तेमाल करने का सबसे सही तरीका है, अपनी त्वचा को भिगोए और जब यह हल्की गीली हो, तो इसपर पेट्रोलियम जेली अप्लाई करें।

4. विंड बर्न से त्वचा को प्रोटेक्ट करता है

Petroleum Jell: Many problems in winter, but only one solution

ठंडी एवं शुष्क हवा और वातावरण के बढ़ते तापमान में आपकी त्वचा को प्रोटेक्ट करती है। थोड़ी सी पेट्रोलियम जेली लें और इसकी एक पतली लेयर को अपनी त्वचा पर अप्लाई करें। वहीं, अगर आपकी स्किन पर अधिक एक्ने होते हैं, तो त्वचा पर सभी ओर पेट्रोलियम जेली लगाने से बचें, क्योंकि इनके माध्यम से बैक्टीरिया और तेल स्किन में ट्रैप हो सकते हैं। इसलिए इन्हें केवल प्रभावित जगह पर ही अप्लाई करें।

5. आपके पेट्स के पॉज को करे प्रोटेक्ट

अपने पेट डॉग्स को सर्दियों की सैर पर ले जाने से पहले उसके पंजे के पैड पर थोड़ी सी पेट्रोलियम जेली रगड़ें। यह उनके पैरों को फुटपाथ पर ठंड और साल्ट से बचाव में मदद करेगा। यदि आपके पालतू जानवर को एटोपिक जिल्द की सूजन है, तो यह तैलीय परत उसकी त्वचा को मॉइस्चराइज़ रखने में भी मदद करेगा।

6. नाखूनों को करें मॉइश्चराइज

आपको अपने नाखून को मॉइश्चराइज करने के लिए महंगे प्रोडक्ट्स खरीदने की आवश्यकता नहीं है। पेट्रोलियम जेली आपके हाथ की स्किन से लेकर नाखूनों के चारों ओर की त्वचा को पूरी तरह से हाइड्रेटेड और मॉइश्चराइज रहने में मदद करेगी। इससे आपके नाखून भी सॉफ्ट होते हैं और नेल इनफेक्शन का खतरा भी नहीं होता।

7. आई मॉइस्चराइजर

आंखों के चारों ओर की परत बेहद पतली होती है, और यह आसानी से प्रभावित हो जाती है। ऐसे में ठंड के मौसम में आंखों के नीचे की त्वचा भी ड्राई हो जाती है। आप इस पर हर प्रोडक्ट को अप्लाई नहीं कर सकती, क्योंकि अधिक केमिकल से त्वचा और ज्यादा डल हो जाती है। ऐसे में पेट्रोलियम जेली आपकी त्वचा को मदद पहुँचती है। यह आंखों के नीचे की त्वचा को बिना किसी साइड इफेक्ट के अंदरुनी रूप से मॉइश्चराइज करती है, और इसे प्लंपी और ग्लोइंग बनाता है। हालांकि, इससे किसी प्रकार का एलर्जिक रिएक्शन नहीं होता परंतु यह बैक्टीरिया को अट्रैक्ट कर सकता है, इसलिए इसे थोड़े मात्रा में अप्लाई करें।

8. मेकअप रिमूवर के तौर पर इस्तेमाल

पेट्रोलियम जेली एक प्रभावी मेकअप रिमूवर के तौर पर जानी जाती है। जैसे कि हम हर चीज को अपनी आंखों पर अप्लाई नहीं कर सकते, ऐसे में पेट्रोलियम जेली से अपने आई मेकअप को रिमूव करना एक अच्छा आईडिया है। अलावा इसके यह किसी भी मैट लिपस्टिक को पूरी तरह से रिमूव कर देता है। अगर आप अपने लिए एक सुरक्षित मेकअप रिमूवल की तलाश में है, तो पेट्रोलियम जेली आपके लिए एक बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकती है।

फोटो सौजन्य- गूगल

As soon as winter starts, diseases start in children

Winter: ठंड शुरू होते ही बच्चों को सर्दी में होने वाली नॉर्मल बीमारियों का डर बढ़ जाता है। सर्दी का मौसम, बच्चों में फ्लू और सांस की तकलीफ जैसी बीमारियों में इजाफा कर देता है। खासकर ठंड के मौसम में भीड़-भाड़ वाली प्लेस पर जाने पर होता है। बता दें कि जिन बच्चों का प्रतिरक्षा प्रणाली होती है उन्हें बीमारी का खतरा ज्यादा होता है। छोटे बच्चों की तबीयत खराब होने के जोखिम को कम से कम करने के लिए माता-पिता और केयर करने वालों को सतर्क करना चाहिए।

जानिए सर्दियों में बच्चों में होने वाली आम बीमारियां

1. ब्रोंकियोलाइटिस-

इस स्थिति में फेफड़ों के एयरवेज में सूजन हो जाती है, इससे कफ बनने लगता है और सांस संबंधी परेशानी होती है। खांसी, बुखार, नाक बहना और तेजी से सांस लेना सामान्य लक्षण हैं। लगभग सभी बच्चे दो साल की उम्र तक इस संक्रमण का अनुभव करते हैं। इनमें से ज्यादातर स्वाभाविक रूप से ठीक हो जाते हैं।

2. सर्दी-जुकाम

As soon as winter starts, diseases start in children

यह वायरस की वजह से होने वाली एक आम बीमारी है। इसमें आमतौर पर बुखार, खांसी, गले में खराश और नाक बहना जैसे लक्षण हो सकते हैं। छोटे बच्चों को अक्सर दो साल का होने से पहले ही बहुत सारी सर्दी लग जाती है। इसलिए छोटे बच्चों को कई अलग-अलग सर्दी के वायरस के खिलाफ सुरक्षित करने की जरूरत है। बहुत अधिक सर्दी होने का मतलब यह नहीं है कि बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है। इससे यह पता चलता है कि आसपास काफी सारे वायरस हैं। सर्दी आम तौर पर लगभग एक हफ्ते तक रहती है। यह दो हफ्ते तक भी बनी रह सकती है।

3. गले की समस्या

यह बैक्टीरिया के कारण होता है। यह 05 से 15 वर्ष की उम्र के बच्चों में होता है। बुखार, गले में दर्द, निगलने में कठिनाई और सिरदर्द जैसे लक्षण दिखते हैं। खांसी और नाक बहना आम तौर पर इसके साथ नहीं होते हैं। इसके साथ कभी-कभी लाल दाने भी हो सकते हैं। इसे स्कार्लेट फीवर के नाम से जाना जाता है। इसका इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से आसानी से और जल्दी किया जा सकता है।

4. आंतों का संक्रमण

आंतों का संक्रमण में दस्त, उल्टी, पेट दर्द, बुखार और शरीर में दर्द जैसे लक्षण होते हैं। ओआरएस के साथ डीहाइड्रेशन को रोकने के लिए प्रचुर मात्रा में तरल पदार्थ दिया जाना चाहिए। फलों का रस और ड्रिंक देने से बचें, क्योंकि ये दस्त को बदतर बना सकते हैं। पहले 6 महीनों के लिए अच्छे तरीके से स्तनपान, उचित तरीके से हाथ धोना और रोटावायरस के खिलाफ टीकाकरण गैस्ट्रोएंटेराइटिस की रोकथाम के लिए जरूरी हैं।

5. बैक्टीरियल या फंगस इन्फेक्शन

बंद नाक को खोलने के लिए नाक में सेलाइन ड्रॉप्स का उपयोग करना चाहिए। ह्यूमिडिफ़ायर बंद नाक खोलकर बच्चे के लिए आराम बढ़ा सकती है। ह्यूमिडिफ़ायर का उपयोग करने से पहले बैक्टीरिया या फंगस इन्फेक्शन से बचने के लिए उसे साफ करना और सुखाना महत्वपूर्ण है। बच्चों को जलने के संभावित जोखिम से बचाव के लिए गर्म पानी वाले वेपोराइज़र का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

सर्दी-जुकाम से बचाने के लिए फॉलो करें ये एक्सपर्ट टिप्स

As soon as winter starts, diseases start in children

अगर किसी शिशु को नाक बंद होने के कारण दूध पिलाने में परेशानी हो रही है, तो सेलाइन ड्रॉप्स के अलावा, नाक से बलगम को साफ करने के लिए रबर सक्शन बल्ब का उपयोग करें।
04 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए खांसी दबाने वाली दवाओं की सिफारिश नहीं की जाती है। 2 से 3 दिनों के लिए बंद नाक को खोलने वाली दवाएं नाक से स्राव को कम कर सकती हैं। बुखार के लिए एंटीपायरेटिक दवाएं दी जानी चाहिए।

एक साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए सोने से एक घंटे पहले गर्म पेय में आधा चम्मच शहद मिलाने से बच्चे रात में अच्छी तरह सोते हैं।
सर्दियों में बच्चों को कैसे सुरक्षित रखा जाए-

हर साल फ्लू वैक्सीन सहित टीकाकरण कराएं
भरपूर आराम करें और सोएं
यदि बच्चा ठीक महसूस नहीं कर रहा है, तो वायरस को फैलने से रोकने के लिए घर पर ही रहें।
बर्फीले तूफ़ान, बारिश में बच्चों को कभी भी बाहर न भेजें।बार-बार हाथ धोएं
स्वस्थ आहार लें और खूब पानी पियें
बच्चे को बड़े लोगों के व्यवहार का अनुकरण करना सिखाएं। बच्चों को अपनी ऊपरी बांहों या कोहनियों में खांसना या छींकना सिखाएं।
यह जरूरी है कि बच्चों को पूरे कपड़े पहनाएं।
बच्चे को बाहर निकलने पर अपनी आंखों और मुंह को छूने से बचने के लिए प्रोत्साहित करें।

कपड़े पहनाते समय रखें इन चीजों का ध्यान

छोटे बच्चों को हमेशा कपड़ों की एक्स्ट्रा लेयर पहनाएं, क्योंकि वे अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित नहीं कर सकते हैं।
सिर, गर्दन, पैर और हाथों को हमेशा ढककर रखें।
बच्चों को ज़्यादा गरम किए बिना गर्म रखने के लिए इंसुलेटेड और हवा आने जाने योग्य कपड़े चुनें।
सुनिश्चित करें कि बच्चे सिर और हाथों से गर्मी के नुकसान को रोकने के लिए टोपी और दस्ताने पहनें।
ठंड और गीली स्थितियों से बचाने के लिए पैरों को वाटरप्रूफ जूतों से गर्म रखें।
सुनिश्चित करें कि गर्माहट बनाए रखने और आसानी से चलने-फिरने के लिए कपड़े अच्छी तरह से फिट हों।
बढ़ जाता है डिहाइड्रेशन का खतरा।
ठंड के मौसम में डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि यह प्यास की अनुभूति को बदल देता है। जब मौसम ठंडा होता है, तो बच्चों को उतनी प्यास नहीं लगती, इसलिए वे ज़्यादा नहीं पीते।
इसके लक्षण हो सकते हैं सूखे होंठ और जीभ, धंसी हुई आंखें, कम पेशाब आना। 8 साल से कम उम्र के बच्चों को 4 से 5 गिलास और 9 साल से ऊपर के बच्चों को कम से कम 6 गिलास पानी पीना चाहिए।

डिहाईड्रेशन को रोकने के लिए पूरे दिन नियमित रूप से एक भरी हुई पेय की बोतल अपने पास रखें। हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध, संतरा, स्ट्रॉबेरी और दही जैसे पानी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ को आहार में शामिल करना चाहिए। यदि बच्चों को सादा पानी पसंद नहीं है, तो उनमें खीरा, पुदीना की पत्तियां और नींबू रस शामिल करने से स्वाद बढ़ सकता है।

डॉक्टर से लें सलाह

• अगर सांस लेने में कठिनाई हो (तेजी से सांस लेना या सांस लेने में बहुत मेहनत करनी पड़ रही हो)
• अगर बच्चा खाना नहीं खा रहा है या उल्टी कर रहा है
• होंठ नीले दिखते हैं
• खांसी से बच्चे का दम घुटने लगे या उसे उल्टी हो रही है
• कान में दर्द होना

ठंड में बच्चे की सुरक्षा के लिए इन सुझावों को ध्यान में रखें और आवश्यकता लगे तो अपने डॉक्टर से सलाह लेने से परहेज ना करें।

फोटो सौजन्य- गूगल

You can look stylish even in winter, just keep in mind these outfits

सर्दियों के मौसम किसे पसंद नहीं होते लेकिन सर्दियों में खुद को ठंड से बचाने के साथ-साथ स्टाइलिश दिखना बहुत मुश्किल होता है। ठंड में कुछ बदले या ना बदले पर आपके फैशन करने का स्टाइल जरूर बदल जाता है। आप सोचती हैं कि सर्दियों में क्या और कैसे फैशन किया जाए। तो आइये जानते हैं कि सर्दियों में किस तरह के कपड़े पहने, ताकि आप स्टाइलिश दिखें-

वेलवेट आउटफिट-

Hina Khan

वेलवेट आउटफिट आजकल काफी ट्रेंड में है, खासकर सर्दियों में यह आपको ठंड से बचाने के साथ-साथ एक रॉयल लुक देता है। आप सर्दियों में वेलवेट का गाउन, सूट और जैकेट का इस्तेमाल कर सकती हैं।

ट्रेंच कोट और साड़ी का कॉम्बिनेशन-

You can look stylish even in winter, just keep in mind these outfits

अगर आप साड़ी को सर्दियों में कैरी करना चाहती हैं तो इसके ऊपर ट्रेंच-कोट पहन लें जिसकी कि आपका एक ग्लैमरस लुक निखर कर सामने आएगा और साथ ही आपको ठंड से भी बचाएगा।

ब्लेजर और श्रग्स से दिखेंगी स्मार्ट-

You can look stylish even in winter, just keep in mind these outfits

आजकल हाईवेस्ट जींस खूब फैशन में है और आप एक श्रग्स के साथ स्टाइल करें तो आप ठंड से भी बचेंगी और बहुत स्मार्ट दिखेंगी। हाईवेस्ट पैंट के साथ आप शार्ट ब्लेजर कॉम्बिनेशन पहन सकती है। इससे आप काफी स्टाइलिश दिखेंगी।

वुलेन कुर्तियां भी है फैशन में-

You can look stylish even in winter, just keep in mind these outfits

सर्दियों में अगर आपको किसी पार्टी में जाने का मन है और आप जैकेट-स्वेटर को नहीं पहनना चाहती हैं तो आप वुलेन कुर्ती पहन सकती हैं। कई तरह की डिजाइन वाली वुलेन कुर्तियां मार्केट में आसानी से मिल जाती हैं। आजकल मार्केट में एम्बॉयडरी वाली कुर्तियां काफी ट्रेंड में हैं। आप इन कुर्तियों का इस्तेमाल कॉलेज और ऑफिस में भी कर सकती हैं।

चलिए आप सब ठंड की स्टाइलिश कुर्तियों में लें गरमी का एहसास, आगे ऐसे ही स्टाइल और फैशन से जुड़ी जानकारियों के लिए हमारे वेबसाइट www.masakalii.com देखती रहें।

फोटो सौजन्य- गूगल