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How can you take care of your wife or girlfriend during periods?

Period के समय महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव देखने के मिलते हैं। यूट्रस कॉन्ट्रैक्ट के कारण जहां जांघों और कमर में दर्द बना रहता है। वहीं, हार्मोनल बदलाव मूड स्विंग की समस्या को बढ़ा देते हैं। ऐसे में अपने खानपान का ध्यान रखने के अलावा शरीर को गर्माहट प्रदान करने के लिए चाय का सेवन करती हैं। हालांकि इससे मांसपेशियों में उठने वाले दर्द कम होने लगता है। लेकिन कई बार चाय का सेवन हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है। आइये जानते हैं पीरियड के दौरान चाय पीना हेल्थ के लिए कितना फायदेमंद है?

डायटीशियन के अनुसार पीरियड साइकल के दौरान महिलाओं को चाय का सेवन करने से पेट के निचले हिस्से में होने वाले दर्द से राहत मि्यालती है। असल में शरीर का तापमान को बैलेंस रखने वाली चाय से मसल्स कान्ट्रेक्शन को कम किया जा सकता है। मगर ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करने से पेट में एसिडिटी, ब्लोटिंग और अपच का सामना करना पड़ता है। अलावा इसके ड्यूरिटिक प्रभाव होने के कारण फ्रीक्वेंट यूरिनेशन का भी सामना करना पड़ता है।

ज्यादा चाय किस तरह हेल्थ को पहुंचाता है नुकसान

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अध्ययन के मुताबिक पीरियड के दौरान चाय पीने से कैटेचिन और टैनिक एसिड की मात्रा शरीर में बढ़ जाती है जो आयरन के एबजॉर्बशन को कम करता है। इस तरह आयरन के अवशोषण में रुकावट डालने का कार्य करते हैं। ऐसे में ज्यादा चाय पीने से बचना चाहिए।

पीरियड में चाय पीने से क्या होता है-

1. यूरीन के लिए बार बार जाना

चाय में कैफीन की उच्च मात्रा पाई जाती है, जिससे उसका प्रभाव डयूरिटक होने लगता है और बॉडी में वॉटर एक्सक्रीशन की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसके कारण फ्रीक्वेंट यूरिनेशन का सामना करना पड़ता है, जो पीरियड के दौरान परेशानी का सबब बनती है।

2. नींद में कमी आना

When there is a delay in periods, apart from pregnancy

चाय का सेवन करने से ब्रेन एक्टिव हो जाता है, जिससे अनिद्रा की समस्या बढ़ने लगती है। पीरियड साइकल के दौरान महिलाओं को क्रैम्प की शिकायत बढ़ जाती है। ऐसे में शरीर को आराम पहुंचाने के लिए हेल्दी नैप्स और भरपूर नींद की जरूरत होती है। ज्यादा चाय का सेवन नींद में बाधा उत्पन्न करने लगता है।

3. ब्लोटिंग को बढ़ाती है चाय

अधिक मात्रा में चाय का सेवन करने से गट मोटिलिटी का सामना करना पड़ता है। इसके कारण पेट फूलने लगता है और असुविधा बढ़ने लगती है। इससे वॉटर रिटेंशन का भी सामना करना पड़ता है। पीरियड के दौरान चाय पीने से ब्लोटिंग और अपच का सामना करना पड़ता है।

4. पीरियड हो सकते हैं हैवी

Say goodbye to heavy bleeding by adopting these tips during periods

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक कैफीन से शरीर में एस्ट्रोजन का उत्पादन बढ़ने लगता है। इससे हार्मोन असंतुलन बढ़ने लगता है। इससे प्रीमेन्स्ट्रुअल सिंड्रोम, हैवी पीरियड और ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम बढ़ने लगता है। दरअसल, कैफीन एरोमाटेज एंजाइम को बाधित करने लगता है, जो एंड्रोजन को एस्ट्रोजन में परिवर्तित करने का काम करता है।

5. शरीर में पानी की कमी

ब्लीडिंग के कारण शरीर में फ्लूइड का लेवल कम होने लगता है। ऐसे में चाय का सेवन करने से यूरिनेशन बढ़ जाता है। इसके वजह से पानी की कमी शरीर में बढ़ने लगती है, जिसके कारण घबराहट, सिरदर्द और थकान का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में चाय को पानी या फिर लेमन व ग्रीन टी से रिप्लेस कर सकते हैं।

Health Tips

Health Tips: प्रसिद्ध उपन्यासकार हैरियट स्टोव ने कहा था कि एक महिला का स्वास्थ्य उसकी पूंजी है लेकिन महिलाएं अक्सर अपने हेल्थ की परवाह नहीं करती हैं। वक्त की कमी, घर या ऑफिस से संबंधित प्रेसर, जागरूकता की कमी और यौन-स्वास्थ्य के बारे में बात करने में झिझक रखाना, ये ऐसे कारक हैं जो इसमें प्रमुख योगदान करते हैं। पर नॉर्मल हेल्थ समस्याओं को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। खासकर जब आपकी योनि या ब्रेस्ट में नजर आ रहे हों। अक्सर महिलाओं की आम शिकायतें होती हैं, जिन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है पर यह कुछ ज्यादा गंभीर होने का संकेत हो सकता है।

वो 6 समस्याएं जिन्हें महिलाओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए

1. सेक्स के समय दर्द

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महिलाएं अक्सर सेक्स के दौरान दर्द के बारे में बात करने से हिचकिचाती हैं। हालांकि, दर्दनाक सेक्स एंडोमेट्रियोसिस का लक्षण भी हो सकता है। एक ऐसी स्थिति जिसमें गर्भाशय की अंदरूनी लेयर गर्भाशय के बाहर जमा हो जाती है। यह PID ​​​​(पेल्विक सूजन की बीमारी) की वजह से भी हो सकता है, जो अक्सर वेजाइनल डिस्चार्ज के साथ रिप्रोडक्टिव ऑर्गन का संक्रमण होता है। अपर्याप्त लुब्रिकेशन और ड्राई वेजाइना के कारण भी सेक्स के दौरान पेन हो सकता है।

2. असामान्य या अनियमित पीरियड

मासिक धर्म हर 21-35 दिनों में नियमित रूप से होना चाहिए। भारी प्रवाह, मध्य-चक्र रक्तस्राव या स्पॉटिंग, लंबे समय तक पीरियड साइकिल, यह थायराइड, PCOD या फाइब्रॉएड जैसे हार्मोनल रोगों के कारण हो सकता है, जो गर्भाशय के सौम्य ट्यूमर हैं। सेक्स के बाद रक्तस्राव या रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। यह ओवेरियन कैंसर का संकेत हो सकता है और इसकी जांच कराना जरूरी होता है।

3. स्तन में परिवर्तन

If there is pain in the breast just before periods

स्तनों में गांठ फाइब्रोएडीनोमा जैसी हानिरहित स्थितियों के कारण हो सकती है। हालांकि, ब्रेस्ट में गांठ होना भी ब्रेस्ट कैंसर का संकेत हो सकता है। जागरूकता की कमी की वजह से महिलाओं में स्तन कैंसर अक्सर उन्नत चरणों में पाया जाता है। स्तनों में गांठ जो स्तन के बाकी टिश्यू से सख्त और अलग लगती हैं या निप्पल से स्राव को चैक किया जाना चाहिए। महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए नियमित चेकअप करवाना चाहिए। ब्रेस्ट में किसी भी परिवर्तन का शीघ्र पता लगाने के लिए ब्रेस्ट सेल्फ टेस्टिंग के तरीकों के बारे में भी पता होना चाहिए।

4. वजन का एकाएक घटना और बढ़ना

अचानक वजन कम होना खुशी की बात हो सकती है पर अचानक वजन कम होना टीबी के साथ-साथ कैंसर या थायरॉयड विकारों का भी संकेत हो सकता है और इसका मूल्यांकन किया जाना चाहिए। अचानक वजन बढ़ना पीसीओडी या थायराइड की समस्या के कारण हो सकता है और अगर इसका पता चल जाए तो इसे बहुत अच्छी तरह से नियंत्रित किया जा सकता है।

5. थकान महसूस होना

बहुत सी महिलाएं हर समय थकान महसूस करती हैं। बार-बार थकान एनीमिया, थायराइड विकार, सूक्ष्म पोषक तत्वों और विटामिन डी की कमी के कारण हो सकती है और इसकी जांच होनी चाहिए। पूरी रात की नींद के बाद भी थकान महसूस होना भी तनाव, चिंता, डिप्रेशन या ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का कारण हो सकता है। इसलिए इसे कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

6. ब्लोटिंग फील करना

ज्यादातर महिलाएं विशेष रूप से मासिक धर्म से पहले फूला हुआ या गैसी महसूस करती हैं। यह अधिक सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। हालांकि, अगर ब्लोटिंग महसूस करना बहुत बार होता है, तो इसे चैक करवाना चाहिए। यह इरिटेबल बावल सिंड्रोम, एंडोमेट्रियोसिस या यहां तक ​​कि ओवरियन कैंसर का संकेत हो सकता है।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की पत्नी मिशेल ओबामा ने कहा कि समुदाय और देश और अंततः दुनिया उतनी ही मजबूत है जितनी उनकी महिलाओं का स्वास्थ्य। इसलिए देश और दुनिया की बेहतरी के लिए हमें अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना ही होगा।

फोटो सौजन्य- गूगल

5 very important questions that every woman has to ask her gynecologist..

क्या आप उन लोगों में से हैं जिन्होंने कभी एक लेडी डॉक्टर से मिलने की जरूरत नहीं समझी? आप कहेंगी मेरी तो शादी ही नहीं हुई, मुझे क्या जरूरत Gynecologist से कुछ भी पूछने की.. तो आप यहां गलती कर रही हैं।

क्या आपको नहीं लगता कि आप अपने शरीर के कुछ हिस्सों को लेकर बहुत कुछ नहीं जानतीं? आपके मन में कभी कभार या चाहे जब ऐसे कुछ सवाल पैदा होते हैं जिन्हें आप कभी पूछ नहीं पातीं। इनके जवाब आपको मालूम भी नहीं हैं पर कुछ उलझने लगातार कायम रहती हैं।

कभी आपने इंटरनेट पर सर्च कर जवाब खोजने का प्रयास किया भी… तो जानकारी काफी ज्यादा मौजूद होने भी और आपकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया होगा। अगर आपके मन में कुछ सवाल हैं ऐसे हैं जिनकी जानकारी होना आपके अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक हैं। इन सवालों के जवाब से ना सिर्फ आप बीमारियों से बची रहेंगी बल्कि आपके जीवन के कई अहम हिस्सा और खास रिश्ते को भी बेहतर तरीके से निभा पाएंगी। इसके लिए आप भी अपनी लेडी डॉक्टर से मिलें और इन प्रश्नों को पूछना ना भूलें।

1. खांसी, छींक या हंसने पर कई बार पेशाब क्यों निकल जाती है

अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो पूछिए अपनी डॉक्टर से कि क्या है इसकी असल वजह। यह यूरिनरी इनकांटिनेंस (यूआई) यूरिन कंट्रोल खोने की वजह से होता है। जिस पर चर्चा की जा सकती है। अनदेखा करना नुकसानदेह साबित हो सकता है और अपने डॉक्टर से सलाह लें।

2. खुद से ही ब्रेस्ट कैंसर का पता कैसे लगाएं

बता दें कभी कभी जानकारी होना भी जरूरी होता है। अगर खतरनाक बीमारी से बचने का रास्ता इतना आसान है तो क्यों ना इसकी जानकारी रखी जाएं। खुद के ब्रेस्ट टच कर कैसे पता करें कि कैंसर तो नहीं पनप रहा, ब्रेस्ट में गांठ तो नहीं बन रहा, इसका पता हर स्त्री को होना चाहिए।

3. पीरियड में ज्यादा खून का आना

कभी बर्दाश्त से बाहर होने वाला दर्द, कभी एकदम से कम और कभी बेहद ज्यादा ब्लड बहाव। इस तरह के अनुभव आसानी से नजरअंदाज कर दिए जाते हैं। आप अलग हैं आपके पीरियड का व्यवहार अलग है। अपनी डॉक्टर से पीरियड के अनुभव जरूर शेयर करें और सवाल पूछें।

4. बर्थ कंट्रोल के कितने तरीके हैं, मेरे लिए कौन सा फिट है

क्या आप सिर्फ गोलियां खाकर गर्भघारण से बच रही हैं। इतने तरीके हैं जो आपको पता नहीं । बेहतर होगा अपनी डॉक्टर से इस बारे में सलाह लें। आपके लिए सबसे बेहतर क्या है इस बात को समझें और जानें।

5. एसआईटी के लक्षण क्या हैं

आप लेडीज डॉक्टर के पास इसलिए ही गई है कि आपको किसी तरह की अनभिज्ञता न रहे। यहां हर सवाल करें जो जरूरी है। आप विवाहित हैं या नहीं कोई फर्क नहीं। आपने पूछा है तो जवाब जरूर मिलेगा। डॉक्टरों का कहना है कि एसआईटी यानी सेक्‍सुअली ट्रांसमिटेड इनफेक्‍शन से ग्रसित कई महिलाओं में यह रोग पकड़ में नहीं आता लेकिन उन्हें पीएमएस लक्षणों का सामना अधिक करना पड़ता है। यह अध्ययन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में किया गया है। मासिक धर्म महिलाओं के जीवन को बहुत प्रभावित करता है। यह उनके मूड, ऊर्जा के लेवल, खानपान संबंधी पसंद और यहां तक कि यौन जीवन को भी प्रभावित करता है। फिर भी महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी शोधों में इसे वैज्ञानिक कारक नहीं माना जाता है।