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Tag Archives: Health News

Never forget to warm up before going for a morning walk

Morning Walk: शरीर को पूरे दिन एक्टिव और हेल्दी बनाए रखने के लिए ज्यादातर लोग दिन की शुरूआत मॉर्निंग वॉक से करते हैं। पर्यावरण के नजदीक कुछ देर रहने से पक्षियों की चहचहाहट, ठंडी हवाओं और हरियाली को खुली आंखों से महसूस किया जाता है। इससे बॉडी और माइंड एक्टिव रहता है। हालांकि गर्मी के दिनों में देरी से वॉक के लिए निकलने के कारण पसीना आना, बार-बार गला सूखना और थकान का सामना करना पड़ता है। ऐसे में नियमित वक्त पर वॉक पर जाना बेनिफिशियल साबित होता है। सुबह की सैर पर निकलने से पहले रखें कुछ बातों का खास ध्यान-

एक हेल्थ रिपोर्ट के मुताबिक पैदल चलना सभी उम्र के लोगों के लिए व्यायाम का एक बेहतरीन तरीका है। इसके लिए पैदल चलने की क्रिया को धीरे धीरे शुरू करें। समय के साथ इसकी आदत हो जाने पर रास्ते की लंबाई और चलने की गति बढ़ाते जाएं।

इस बारे में फिटनेस एक्सपर्ट बताते हैं कि शरीर को संतुलित रखने और मांसपेशियों की ऐंठन से बचने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें। इससे शरीर का लचीलापन बढ़ने लगता है और शारीरिक अंगों में बढ़ने वाली थकान से भी बचा जा सकता है। नियमित रूप से इसका अभ्यास शरीर में जमा कैलोरीज को भी बर्न करने में मदद करता है।

मॉर्निंग वॉक पर जाने से पहले रखें इन बातों का ध्यान

Never forget to warm up before going for a morning walk

1. वॉर्मअप होना ना भूलें

वॉक करने से पहले शरीर को एक्टिव करने के लिए वॉर्मअप सेशन बहुत आवश्यक है। इससे शरीर का तापमान उचित बना रहता है और शरीर में लचीलापन रहता है। इसके अलावा कोर मसल्स मज़बूत बनते हैं, जिससे चोटिल होने का खतरा भी कम होने लगता है। वॉक से पहले 15 मिनट का वॉर्मअप मांसपेयियों सेशन बेहद ज़रूरी है। एक रिपोर्ट के अनुसार वॉर्मअप की मदद से मांसपेशियों में बढ़ने वाले खिंचाव को कम किया जा सकता है और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है।

2. बॉडी को हमेशा हाइड्रेट रखें

Never forget to warm up before going for a morning walk

टहलने से कुछ देर पहले पानी पीने से बार-बार प्यास लगने की समस्या हल होने लगती है। साथ ही कार्यप्रणाली में सुधार आने लगता है, जिससे होने वाली थकान से बचा जा सकता है। इससे शरीर के तापमान को नियंत्रित करने, जोड़ों की मोबिलिटी को बढ़ाने और पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद मिलती है। इससे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह उचित बना रहता है।

3. कपड़े और जूतों का ख्याल रखें

गर्मी में वॉक पर जाने के दौरान अधिक टाइट कपड़े पहनने से बचें। इसके अलावा फुल स्लीव्स और कैप को भी अवॉइड करें। इससे गर्मी का स्तर बढ़ने लगता है। ऐसे में हल्के रंग के और खुले कपड़े पहनें। इसके अलावा स्पोर्टस शूज पहनकर ही वॉक पर निकलें। इससे थकान कम होने लगती है और गिरने का जोखिम भी कम हो जाता है।

4. धीमी गति से करें शुरूआत

तेज़ी से चलना जहां एक तरफ आपके समय को तो बचाता है। मगर उससे शारीरिक थकान बढ़ जाती है और बार बार पसीना आने लगता है। ऐसे में शुरूआत धीमी गति से करें और फिर स्टेमिना बिल्ड होने के बाद समय सीमा को बढ़ा दें। इससे स्वास्थ्य को भी फायदा मिलता है।

5. सही तकनीक का करें प्रयोग

आराम से धीरे और बाहों को हिलाते हुए चलें। इसके अलावा वॉक के दौरान शरीर को एकदम सीधा कर लें और लंबे लंबे फुट स्टेप्स लेने से बचें। शुरूआत 20 मिनट की वॉक से कर लें और सप्ताह में 2 से 3 बार ही वॉक के लिए जाएं।

6. खुद को कूल कर लें

आप हमेशा लॉन्ग और फास्ट सैर करने के बाद शांत हो जाएं। शरीर को एक्टिव रखने के लिए टहलने के बाद कुछ स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें। इससे बॉडी में बढ़ने वाली पेन और थकान कम होने लगती है। इसके बाद बॉडी को कुछ देर रिलैक्स होने के लिए छोड़ दें, जिससे शरीर की एनर्जी दोबारा बूस्ट हो सके।

फोटो सौजन्य- गूगल 

Because not everyone is big hearted.

Women’s Health: महिलाओं की जिंदगी में उम्र का हर दौर एक नया बदलाव के साथ आता है जो उन्हें मानसिक रूप से प्रभावित करता है। शारीरिक रूप से भी कई बदलाव देखने को मिलते हैं। देखा जाए तो बचपन से किशोरावस्था की ओर बढ़ रही बच्ची बहुत कुछ फिजिकली बदलाव बर्दाश्त करती हैं। उसी तरह जब शरीर 35 की उम्र पार करता है तब भी बहुत से चेंजेज दिखाई देने लगते हैं। ये चेंजेज उन्हें मानसिक तो प्रभावित करते ही हैं उनकी शादीशुदा जीवन पर भी असर पड़ता है। अगर इस उम्र की देहलीज को पार आपको भी लगता है कि आप कुछ बदल रही हैं तो उसकी वजह कुछ और नहीं आपकी उम्र ही है। बताते चलें कि किस किस तरह से ये उम्र चेंजेज लेकर आता है।

35 की उम्र के बाद होने वाले बदलाव

पेल्विक स्वास्थ्य पर पड़ता है असर

आपकी उम्र 35 पार और 40 के नजदीक पहुंचते पहुंचते मैरेज लाइफ पर कुछ असर दिखने लगता है क्योंकि इस समय तक फिजिकल रिलेशन बनाने की इच्छा पहले जैसी नहीं रह जाती। प्राइवेट पार्ट में भी बहुत से चेंजेज दिखने लगते हैं। सबसे पहला चेंजेज यौन इच्छा में कमी आना ही होता है। अलावा इसके वजाइना में ज्यादा ड्राइनेस और कई बार खुजली भी होने लगती है। वजाइना के अपीयरेंस में भी बदलाव आने लगता है। मेनोपॉज के दौरान अलग-अलग अनुभव होते हैं। कुछ महिलाओं को ड्राईनेस तो कुछ को इन्फ्लेमेशन की शिकायत हो सकती है। बता दें कि इस उम्र में यूरिनरी ट्रैक इंफेक्शन (UTI) जैसी प्रॉब्लम भीबढ़ सकती है।

अन्य शारीरिक बदलाव

These foods play an important role in controlling hormones

अलावा इसके ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना। स्किन पहले से ज्यादा ड्राई रहना, ऑस्टियोपोरोसिस, बालों के टेक्सचर में अंतर और रिंकल आने लगते हैं। और भी बहुत से हार्मोनल चेंजेज भी होते हैं।

मानसिक बदलाव की समस्या

शारीरिक रूप से ना सिर्फ बल्कि मानसिक रूप से भी कई तरह के चैंजेज का सामना करना पड़ता है। कई महिलाएं इस उम्र में डिप्रेशन के करीब पहुंच जाती हैं। कई महिलाओं में एंग्जाइटी बढ़ जाती है। सबसे अधिक रात में नींद उचटने लगती है और साथ में इनसोमनिया की शिकायत बढ़ जाती है।