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Sex life

एक समय था जब कोरोना ने हमें अपने अपने घरों की चारदीवारी में बैठकर अपना मनोरंजन का इंतजाम करने को मजबूर कर दिया था। इस दरम्यान बोर्ड गेम को काफी तरजी मिली क्योंकि दोस्तों या पेपर्स के एक ग्रुप ने Online Media पर बोर्ड गेम खेलना शुरू कर दिया।

1. गेम नाइट का बना सकते हैं प्लान

कपल्स दिल चाहे तो कुछ खास ऑनलाइन गेम जैसे कि सीक्वेंस या स्क्रैबल दो लोगों द्वारा खेले जाने वाला गेम खेल सकते हैं। कुछ तो ऐसे भी गेम हैं जो कि आपके बचपन को फिर से जिंदा तक दे।

2. कपल के लिए जरूरी स्पा

एक ही समय में आपको मानसिक शांति देने के साथ-साथ आपकी मसल्स को आराम देने वाले स्पा एक्सपीरियंस को कौन पसंद नहीं करेगा? अपने साथी के साथ एक कपल स्पा एक्सपीरियंस बुक करें और ऑफिस के बिजी डे के बाद एरोमेटिक मसाज के साथ थैरपी का आनंद लें।

यदि आप किसी स्पा में जाने के लिए तैयार नहीं हैं, तो आप सुगंधित तेलों, धीमे संगीत और गर्म पानी के बबल बाथ के साथ एक रोमांटिक इन-हाउस स्पा की योजना भी बना सकते हैं।

3. स्टार-गेजिंग का बनाएं प्लान

आधी रात को जब पूरा शहर सोता है और आपके पास कम प्रदूषण और कम शोर के साथ पूरा आकाश होता है, तो इसका वास्तविक अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। स्टार-गेजिंग का अनुभव प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका है कि शहर की सीमा के बाहरी इलाके में एक कैंपिंग गतिविधि की योजना बनाएं।

यह ऐसी जगह होनी चाहिए, जहां साफ आसमान हो और परेशान करने के लिए कोई शोर नहीं है। अपने पार्टनर के साथ एक रात बिताएं, सितारों की गिनती करें और जीवन भर की यादें बनाएं।

4. ड्रीम डेट पर जा सकते हैं 

आप अपने पार्टनर के लिए उसी जगह ड्रीम डेट प्लान कर सकते हैं, जहां आप उनसे पहली बार मिले थे। अपने साथी को उसी तरह के कपड़े पहनकर आश्चर्यचकित करें (यदि अभी भी आपके पास हैं) और उन्हें उस जगह पर अजनबी के रूप में मिलें, जैसे आप पहली बार मिले थे।

5. एक साथ एक शौक करें पूरा 

When partner is busy

निश्चित रूप से ये एक ऐसी एक्टिविटी होगी, जिसका आप हमेशा अभ्यास करना चाहते थे, लेकिन काम की वजह से या अन्य कारणों से आपको मौका नहीं मिला। पेंटिंग, मिट्टी के बर्तन, डांस, खाना पकाना, ये कुछ भी हो सकता है, जिसे आप अपने साथी के साथ करना पसंद करेंगे। अपने साथी को अपने साथ खुशी के पल साझा करने दें।

6. सनसेट का लें आनंद

कुछ लोगों का सनराइज और सनसेट से एक रिलेशन होता है। यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं, जो सनसेट का पीछा करना पसंद करते हैं, तो समुद्र के किनारे एक रेस्तरां में एक डेट नाइट योजना बनाएं और सनसेट देखने के लिए लंबी पैदल यात्रा करें। यह सबसे रोमांटिक गतिविधियों में से एक हो सकता है, जो आप अपने पार्टनर के साथ करते हैं।

7. रोमांटिक ए़़डवेंचर का लें मजा

अगर आप और आपका पार्टनर उन लोगों में से हैं, जो एड्रेनालाईन रश से प्यार करते हैं, तो राफ्टिंग, बंजी जंपिंग या पैरासेलिंग जैसी एडवेंचर एक्टिविटी की योजना बनाएं और साथ में रोमांच का आनंद लें। साथ में किसी भी एडवेंचर एक्टिविटी को करने के लिए एक रोमांटिक थ्रिल जरूर मिलता है।

परिणाम (Result)

अब बस ये आइडिया पढ़कर इसे भूल मत जाइयेगा, बल्कि ये सोचना शुरू कर दीजिए कि आपकी अगली रोमांटिक डेट कौन सी होगी?

 

लुबना

आज आपके लिए हम लेकर आए है सब्र की वो परिभाषा जो बचपन से सिखाई गई परिभाषा से बिल्कुल अलग है, बहुत कोशिश की जाती है बचपन से ही की हम थोड़े में जीना सीख जाए, अपने आपको को परिस्थितियों के हवाले कर दे, ये सिख जाए कि जितनी चादर हो उतने ही पर फैलाने चाहिए। लेकिन बचपन का भी एक उसूल होता है कि उस समय हमें जिस भी चीज के लिए मना किया जाए हमें वही करने में मज़ा आता है। अगर ये कहा गया है कि थोड़े में सब्र करो तो फिर हमें ज्यादा ही चाहिए होता है।

लेकिन जैसे जैसे हम बड़े होते जाते है जिंदगी कुछ और ही तय कर लेती है हमारे लिए वरना…

“जिस नज़ाकत से लहरें पैरों को छूती है

यकीन नहीं होता इन्होंने कश्तियां डूबाई होंगी।”

जी हां,  ज़िन्दगी में कुछ वाकया ऐसे ही होते है जिनपर यकीन करना बहुत मुश्किल होता है। कभी कभी ज़िन्दगी के हिस्से में आए बुरे दौर हमें अंदर तक झकझोर देते है जितना कभी हमारी मां-बाप के थपड़ों ने नहीं किया होता।

फिक्र में डूबी महिला

कुछ चीजें चाहे ना चाहे ऐसी हो जाती है जिससे हम बदलने लगते है। हालांकि शुरुआत में इस बदलाव का हमें अहसास तक नहीं होता और फिर धीरे धीरे हम उन रास्तों को भी पार कर जाते है जो हमारी हदों में नहीं होते। इसी बीच कभी गलती से महसूस हो जाता है कि दिल बार बार समझाने कि कोशिश करता है लेकिन दिमाग़ उसकी एक नहीं सुनता और फिर जब दिल थक हार कर घुटने टेक देता है तब शुरू होता है एक ऐसा सफ़र जिसपर मिलता तो बहुत कम है लेकिन छूट बहुत कुछ जाता है, हमारी आदतें, मुस्कुराहटें, ज़िंदादिली, चीज़ो को देखने का सकारात्मक नजरिया, भावनाएं, सब कुछ धीरे धीरे पीछे छूट जाता है और मिलता क्या है- नकारात्मकता और सब्र का पाठ।

ना ना आप इस सब्र को समझने में गलती कर रहे है… ये वो सब्र नहीं जो हम खुद कर लेते है, “ये तो वो सब्र है जो हमें अपने आप आ जाता है।”

वो कहते है ना कि सब्र करने में और सब्र आ जाने में बहुत फ़र्क होता है।

इस परिस्थिति को समझाने के लिए एक छोटी सी कोशिश-

आज कल रात भर इन पलकों पर नींद लिए जगने लगी हूं मैं,

सपनों को रख कर सिरहाने अब करवटें बदलने लगी हूं मैं,

हां ,जो कभी ना करना था मुझे …ना जाने क्यों अब करने लगी हूं मैं ।।

आज कल अपने आप को छुपा कर रखने लगी हूं मैं,

कोई पढ़ ना ले इन आंखो को मेरी, अब डरने लगी हूं मैं,

ख्वाहिशों को करके बेसहारा अब अकेले ही जीने लगी हूं मैं,

हां ,जो कभी ना करना था मुझे….ना जाने क्यों अब करने लगी हूं मैं।।

खामोशियों की कड़ी अब जोड़ने लगी हूं मैं,

बनाकर सुंदर महल रेत पर, अब खुद ही मिटाने लगी हूं मैं,

कभी फरियाद होती की कोई टूटे तारा तो कुछ मांग लूं ,

लेकिन अब टूटे तारे से मुंह मोड़ने लगी हूं मैं,

हां , जो कभी ना करना था मुझे…ना जाने क्यों अब करने लगी हूं मैं।।

बीच समुंदर फंसी कश्तियां किनारे ना ही आए तो बेहतर है,

क्योंकि अब किनारों पर भी डूबने लगी हूं मैं,

ये सर्द हवाएं ले ना आए कुछ पुरानी यादें , तो खिड़कियों के परदे ठीक करने लगी हूं मैं,

हां ,जो कभी ना करना था मुझे…. ना जाने क्यों अब करने लगी हूं मैं।।

फोटो सौजन्य- गूगल