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Chhath Puja: On Chhath, the great festival of folk faith

CHHATH PUJA: देशभर में लोक आस्था का महापर्व छठ पूरे हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। सोमवार शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखांड समेत देश के कई हिस्सों में नदियों के घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।

Chhath Puja

दिल्ली में भी यमुना तट पर पारंपरिक गीतों और पूजा के बीच माहौल आस्थामय दिखा। इस अवसर पर ना सिर्फ आम लोगों के साथ ही नेतागण और भोजपुरी इंडस्‍ट्री के कलाकार भी भक्ति में लीन नजर आए। घाटों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे और प्रशासन ने व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए विशेष टीम तैनात की थी। छठ पूजा की खासियत यह रही कि लोग सुबह से ही तैयारी में जुटे रहे और शाम होते ही सूर्य को अर्घ्‍य देने के लिए घाटों पर पहुंचे। सोमवार को इस पर्व के तीसरे दिन व्रती महिलाओं ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया।

Importance of 'Chhath', the great festival of folk faith, from bathing to Arghya

बिहार में छठ ना सिर्फ आस्था का पर्व है, बल्कि इस बार चुनावी मौसम ने इसमें राजनीति का रंग भी जोड़ दिया है। विधानसभा चुनाव के कारण कई उम्मीदवार घाटों पर पहुंच रहे हैं और श्रद्धालुओं से जनसंपर्क करते नजर आए।

फोटो सौजन्य- गूगल

Chhath Puja: Learn the significance and method of preparation of Kharna

Chhath Puja: महापर्व छठ का आगाज 25 अक्टूबर को हो चुका है। चार दिनों तक चलने वाले छठ पर्व का समापन 29 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर होगा। पहले दिन नाहय-खाय और आज यानी 26 अक्टूबर को छठ पर्व के दूसरे दिन खरना मनाया जाता है। खरना का भी अपना विशेष महत्व है। छठ में सूर्य देवता के साथ ही छठी मैया की भी पूजा की जाती है। यह त्योहार बिहार का विशेष त्योहार है जिसे झारखंड, उत्तर प्रदेश में रहने वाले लोग बड़े ही आस्था के साथ मनाते हैं। खरना को लोहंडा भी कहा जाता है। खरना पर खास प्रसाद बनाया जाता है जिसका अपना अलग महत्व है। इसी खास प्रसाद को व्रती खाते हैं।

खरना पर प्रसाद में क्या बनता है?

Chhath Puja

खरना 26 अक्टूबर को है। इस दिन गुड़ वाली खीर और रोटी बनती है। यह खीर मिट्टी का नया चूल्हा बनाकर तैयार किया जाता है। वह भी आम की लकड़ी जलाकर बनाने की प्रथा है। दूसरी लकड़ी का इस्तेमाल इसमें वर्जित माना गया है। व्रती पूजा के बाद प्रसाद के तौर पर इसका ही सेवन करते हैं।

खरना प्रसाद का महत्व ?

खरना वाले दिन व्रती पूरे दिन उपवास रखते हैं। शाम के समय जब मिट्टी का चूल्हा बनाया जाता है, तो उस पर गुड़ की खीर, रोटी बनाई जाती है। आप इसे पीतल या मिर्टी के बर्तन में बना सकते हैं। साथ ही गेहूं की रोटी या फिर पूड़ी बनाई जाती है। शाम में सूर्य देव को पूजा-आराधना करके इस प्रसाद को ग्रहण करते हैं।

आम की लकड़ी ही क्यों किया जाता है इस्तेमाल?

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक आम का पेड़ छठी मइया को प्रिय है। आम की लकड़ी शुद्ध, सात्विक होता है। मान्यता है कि आम की लकड़ी पर पके भोजन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। साथ ही इसका धुआं वातावरण को शुद्ध करता है।

खरना का क्या है महत्व?

खरना छठ पर्व के दूसरे दिन पड़ता है और यहीं से 36 घंटे वाला निर्जला व्रत शुरू होता है। खीर और रोटी खाने के बाद व्रती अन्न और जल ग्रहण नहीं करते हैं। खरना के दिन बनने वाली गुड़ की खीर खाने से छठी मइया का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह सेहत, सुख-समृद्धि, संतान सुख भी देता है। व्रती जब सूर्य देव को अर्घ्य दे देते हैं तो इस प्रसाद का सेवन किया जाता है। उसके बाद ही घर के अन्य सदस्य भी इसे खाते हैं। यहां से शुरू होता है व्रती का 36 घंटे का निर्जला व्रत 27 अक्टूबर को संध्या अर्घ्य और 28 को उगते सूरज को अर्घ्य देकर पूजा का पारण होता है।

खरना प्रसाद गुड़ की खीर बनाने की विधि

इसके लिए मिट्टी या पीतल के बर्तन में दूध डालकर उबालें। इसमें चावल को तीन-चार बार साफ पानी से धोकर डालें। जब चावल पक जाए तो उसमें गुड़ डालकर पकाएं, आंच को कम ही रखें, आप इसमें थोड़ा सा शुद्ध घी भी मिला सकते हैं। अपना पसंदीदा ड्राई फ्रूट्स, इलाचयी पाउडर भी डाल दें।

फोटो सौजन्य- गूगल

Litti Chokha Recipe

लिट्टी चोखा (Litti Chokha) भले ही बिहार की खास डिश हो लेकिन यह पूरे देश में फेमस हो चुकी है। बिहार के खान-पान का जिक्र तो इनके बिना अधूरा है। बिहार में किसी भी जगह यह आसानी से उपलब्ध होती है। ठंड में लिट्टी चोखा का स्वाद अलग ही मजा देता है। आपने भी कभी ना कभी लिट्टी चोखा का जायका लिया होगा। जो भी एक बार इसे चख लेता है उसका मन इसका स्वाद दोबारा लेने का हो ही जाता है। घर में अगर कभी लिट्टी चोखा बनाने का ट्राई नहीं किया है तो हम इसकी आसान रेसिपी आपको बताने जा रहे हैं-

लिट्टी बनाने के लिए सामग्री

2 कप आट
1/2 टीस्पून तेल
1/2 टीस्पून अजवाइन
2 टेबलस्पून घी

लिट्टी में भरने वाला मसाला

1 बैंगन, गोल वाला
2-3 आलू
2 टमाटर
2-3 कली लहसुन, बारीक कटी हुई
1 टुकड़ा अदरक, बारीक कटी हुई
1 प्‍याज, बारीक कटा हुआ
2 हरी मिर्च, बारीक कटी हुई
1 टीस्पून हरा धनिया
1 नींबू
1 टेबलस्पून तेल
नमक स्‍वादानुसार

लिट्टी चोखा रेसिपी बनाने की विधि-

Litti Chokha Recipe

सबसे पहले लिट्टी बनाएं-

आटे को छानकर बर्तन बॉउल में निकाल लें।
अब इसमें घी और हल्‍का नमक डालकर अच्छी तरह मिला लें. फिर आटे को गुनगुने पानी से नरम गूंथ लें।
गूंथे हुए आटे को ढककर आधे घंटे के लिए रख दें।

लिट्‍टी का मसाला बनाने के लिए-

सत्तू को एक बाउल में निकालें और उसमें अदरक, हरी मिर्च, धनिया, नींबू का रस, नमक, काला नमक, जीरा, सरसों का तेल और अचार का मसाला डालकर अच्‍छी तरह मिला लें।
अब इसमें हल्‍का सा पानी डालकर दरदरा मसाला बना लीजिए।

लिट्टी कैसे बनाएं:

चोखा कैसे बनाएं-

बैंगन, आलू और टमाटर को भूनकर छील लें।
अब एक बॉउल में डालकर इन्‍हें मैश कर लें और उसमें प्‍याज, मिर्च, धनिया पत्‍ता, नींबू, नमक और तेल डाल कर अच्छी तरह मिलाइए.
अब एक पैन में थोड़ा सा तेल गरम करें और उसमें लहसुन और अदरक को डालकर छौंक कर तैयार करें.

इस छौंक को चोखे में मिलाएं।
अब एक छोटे बाउल में चोखा निकालें और प्‍लेट में रखें।

गरमागरम लिट्टी को बीच से तोड़कर घी में डुबोकर प्‍लेट में रखें।
तैयार लिट्टी चोखा को गरमागरम परोसे, जिससे की पूरा जायका का आनंद लिया जा सके।