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Tag Archives: कंसीव

Those men who are interested in BABY PLAN

अगर आप BABY PLAN करना चाहते हैं और कंसीव करने का मन बना रहे हैं तो अपने साथ-साथ अपने पार्टनर की फर्टिलिटी का भी जरूर ध्यान रखें। जब कभी हम फर्टिलिटी की बात करते हैं तो पहले फीमेल फर्टिलिटी की ही बात करते हैं लेकिन अक्सर मेल फर्टिलिटी को दरकिनार कर देते हैं। यह समझना बहुत जरूरी है कि कंसीव करने के लिए एग और स्पर्म दोनों फर्टाइल होने जरूरी होते हैं। मेल फर्टिलिटी से संबंधित जानकारी पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को भी होनी चाहिए। क्योंकि अपने पार्टनर को सही गाइड करने में कोई बुराई नहीं।

एक सीनियर गाइनेकोलॉजिस्ट और रोबोटिक सर्जन ने मेल फर्टिलिटी बूस्ट करने को लेकर कुछ अहम टिप्स दिए हैं। आइये इस बारे में पूरे विस्तार से जानते हैं-

जानें पुरुषों के हेल्दी फर्टिलिटी से जुड़े कुछ टिप्स

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1. टाइट और सिंथेटिक अंडरगारमेंट्स से नुकसान

कुछ अध्यन के मुताबिक टाइट अंडर गारमेंट्स या पैंट पहनने वाले पुरुषों का स्पर्म काउंट सामान्य पुरुषों की तुलना में कम होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि टाइट अंडरगारमेंट हवा को पास होने से रोकते हैं, जिसकी वजह से अंदर का तापमान बढ़ जाता है। स्क्रोटल टेंपरेचर बढ़ने की वजह से स्पर्म काउंट पर नकारात्मक असर पड़ता है। इसलिए अगर आपके पार्टनर टाइट और सिंथेटिक अंडरगारमेंट्स पहनते हैं, तो इन्हें आज ही कॉटन अंडरगारमेंट से बदले ताकि उनके टेस्टीकल्स एक हेल्दी एनवायरमेंट में रह सकें।

2. स्कोमिंग का कुप्रभाव

जो लोग अत्याधिक स्मोकिंग करते हैं उन पुरुषों की फर्टिलिटी यानी कि स्पर्म काउंट और क्वालिटी दोनों समय के साथ कम होते जाता है। सिगरेट का धुआं ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचता है, इसके अलावा डीएनए डैमेज का कारण बन सकता है। ब्लड वेसल्स के नुकसान की वजह से ब्लड फ्लो कम हो जाता है, जिसकी वजह से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। कुछ मामलों में पुरुषों के स्पर्म असामान्य शेप में आ जाते हैं, जिसकी वजह से फर्टिलाइजेशन की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है। वहीं सिगरेट के धुएं में मौजूद टॉक्सिंस डीएनए डैमेज का कारण बन सकते हैं, ऐसे में मिसकैरेज, बर्थ डिफेक्ट जैसे गंभीर समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।

3. सॉना-जकूजी बाथ प्लानिंग के 6 महीने पहले से न लें

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सॉना और जकूजी बाथ को लंबे समय से अलग-अलग कल्चर में प्रैक्टिस किया जा रहा है। इसे शरीर को रिलैक्स करने के लिए और कई सेहत संबंधी फायदे प्रदान करने के लिए जाना जाता है। पर असल में स्पर्म काउंट और मेल फर्टिलिटी पर इसका नकारात्मक असर हो सकता है, यह स्पर्म की मात्रा और गुणवत्ता दोनों को प्रभावित कर सकता है। टेस्टिकल्स शरीर के बाहर इसलिए होते हैं, क्योंकि उन्हें बॉडी के कोर टेंपरेचर से कम टेंपरेचर में रहने की आवश्यकता होती है, ताकि हेल्दी स्पर्म प्रोडक्शन मेंटेन रखा जा सके। इस तरह लंबे समय तक गर्म वातावरण में समय बिताने की वजह से स्पर्म काउंट और मोटिलिटी कम हो जाती है, और एब्नार्मल स्पर्म बढ़ जाता है। जिसकी वजह से कंसीव करने में परेशानी आती है। इसलिए बेबी प्लैनिंग के 06 महीने पहले से सॉना और जकूजी बाथ लेना बंद कर दें।

4. गोद में लैपटॉप और अगली जेब में मोबाइल न रखें

जिस प्रकार सॉना और जकूजी बाथ में टेस्टिकल्स को अधिक तापमान में रहना पड़ता है, जिसकी वजह से स्पर्म क्वालिटी पर नकारात्मक असर पड़ता है। ठीक उसी प्रकार गोद में लैपटॉप रखकर इस्तेमाल करने से या अपने मोबाइल फोन को अपने फ्रंट पॉकेट में रखने की वजह से स्क्रोटल टेंपरेचर बढ़ जाता है, जो स्पर्म प्रॉडक्शन और क्वालिटी को डिस्टर्ब कर सकता है। हालांकि, प्राइमरी कंसर्न हिट है, परंतु लैपटॉप द्वारा इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड जेनरेट होता है, जिसकी वजह से स्पर्म क्वालिटी संबंधी समस्याएं आ सकती हैं। इसलिए हमेशा डेस्क पर रखकर लैपटॉप चलाएं।

5. खानपान का रखें ध्यान

इन सभी के अलावा मेल फर्टिलिटी को बनाए रखने के लिए खान-पान पर ध्यान देना भी जरूरी है। पर्याप्त मात्रा में विटामिन-C युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए, जो एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट है, और शरीर पर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के प्रभाव को कम कर देता है। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस स्पर्म काउंट को प्रभावित कर सकता है।

अलवा इसके पर्याप्त मात्रा में विटामिन-D लेने की सलाह दी जाती है, जो टेस्टोस्टरॉन लेवल को मेंटेन रखने में मदद करते हैं। साथ ही साथ कम से कम तनाव लें और शरीर को पर्याप्त आराम दें। इतना ही नहीं नियमित रूप से एक्सरसाइज करना भी निहायत ही जरूरी है, ताकि पूरी तरह स्वस्थ रहा जा सके।

फोटो सौजन्य- गूगल

These symptoms of pregnancy start appearing only 3 to 4 days after conceiving, pregnancy is confirmed even before the period is missed

आज के समय में हर तरह के दबाव, जॉब का प्रेशर और लॉकडाउन की वजह से बिगड़ा लाइफस्‍टाइल रिप्रोडक्शन सिस्टम पर गहरा असर डाल रहा है। जिसका नतीजा यह है कि महिलाओं को कंसीव करने में दिक्‍कत आ रही है। इसलिए डॉक्‍टरों का कहना हैं कि अगर कोई कपल कंसीव करता है तो उन्‍हें इसके साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। जो लोग बेसब्री से पेरेंट्स बनाना चाहते हैं उनके लिए पीरियड मिस होने तक इंतजार करना बहुत मुश्किल भरा हो जाता है पर आपको अपनी प्रेग्‍नेंसी पता करने के लिए रिलेशन बनाने के बाद एक महीने तक इंतजार करने की जरूरत नहीं है। बल्कि आपको 03 से 04 दिनों में ही पता चल जाएगा कि आप प्रेगनेंट हैं या नहीं। आज हम आपको प्रेगनेंसी के कुछ ऐसे शुरुआती लक्षण बता रहे हैं जो कंसीव करने के 3-4 दिनों बाद ही दिख जाते हैं।

पहला लक्षण होता है ब्‍ल‍ीडिंग

जब फर्टिलाइज्‍ड एग आपकी बच्‍चेदानी की लाइनिंग से चिपकने लगता है तो उस प्रोसेस में कुछ ब्‍लड वेसल्‍स फट जाते हैं, जिससे हल्‍की ब्‍लीडिंग महसूस हो सकती है। इसे आप पीरियड्स के साथ कन्‍फ्यूज न करें, क्‍योंकि पीरियड्स की ब्‍लीडिंग में ब्‍लड फ्लो के साथ निकलता है और पेट या कमर में तेज दर्द होता है। लेकिन इस प्रोसेस में ब्‍लड बहुत हल्‍का आता है और यूट्रस में थोड़ी बहुत क्रैम्पिंग महसूस हो सकती है, हालांकि ये लक्षण हर किसी में नहीं दिखता है।

Vaginal Discharge का होना

These symptoms of pregnancy start appearing only 3 to 4 days after conceiving, pregnancy is confirmed even before the period is missed

ये लक्षण भी कन्‍सीव करते के तुरंत बाद ही दिख जाता है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि जब एक महिला कन्‍सीव करती है तो उसके बाद बॉडी में हॉर्मोनल चेंजेज होने लगते हैं। इसकी वजह से वजाइना की वॉल मोटी हो जाती है जिसके कारण वजाइना के सेल्‍स बहुत तेजी से बढ़ने लगते हैं। इसकी वजह से थोड़ा बहुत डिस्चार्ज हो सकता है। लेकिन अगर आपको डिस्चार्ज के साथ वजाइना में दर्द, जलन या बदबू महसूस हो तो आपको डॉक्‍टर को दिखाना चाहिए। ये इंफेक्‍शन का लक्षण हो सकता है।

ब्रेस्‍ट में बदलाव दिखना

जब एक महिला कंसीव कर लेती है तो ब्रेस्‍ट में भी कई तरह के बदलाव महसूस किए जाते हैं। जैसे कि ब्रेस्‍ट में भारीपन या झनझनाहट महसूस होना, या फिर छूने पर दर्द भी हो सकता है।

थकान का एहसास

कंसीव करने के बाद महिलाओं की बॉडी में हॉर्मोनल चेंजेज होने लगता है जिसके कारण थकान होती है। इसमें थोड़ा सा काम करने के बाद आराम करने का मन करता है और महिलाओं को ज्‍यादा देर खड़े होने में भी दिक्‍कत होती है।

मॉर्निंग सिकनेस का होना

हालांकि ये लक्षण पहले पीरियड के मिस होने के कुछ दिन पहले दिखता है। मॉर्निंग सिकनेस कुछ महिलाओं को सुबह की बजाय दोपहर या शाम में भी हो सकती है। इसमें उल्‍टी होना, जी मचलना या सब्‍जी छौंकने से बदबू महसूस होना जैसे लक्षण दिख सकते हैं।

फोटो सौजन्य- गूगल