HOLI के अवसर पर चेहरे पर गुलाल और हाथों में पिचकारी ना हो तो फिर मजा ही क्या? लेकिन रंगों के इस खास त्योहार का लुत्फ उठाने के चक्कर में अपने त्वचा पर पड़ने वाले प्रभाव को भूल जाते हैं। आसमान में उड़ता गुलाल जहां वातावरण को मदमस्त बनाता है तो वहीं चेहरे के बढ़ते रफनेस का भी कारण होता है। ऐसे में स्किन को इन बैड इफेक्ट से बचने के लिए कुछ स्किन केयर टिप्स को जरूर फॉलो करना जरूरी है। इससे स्किन का लचीलापन बना रहता है और त्वचा क्लीन वा क्लीयर दिखने लगती है। जानते हैं स्किन के ग्लो को बरकरार रखने के लिए होली से पहले इन टिप्स को करें फॉलो-
स्किन पर रंगों का प्रभाव
इस बारे में स्किन केयर विशेषज्ञ का कहना है कि पारंपरिक तरीके से खेली जाने वाली होली में फूलों और उससे तैयार रंगों से होली खेली जाती थी। मगर आधुनिकता के इस दौर में सिंथेटिक पिगमेंट का इस्तेमाल त्वचा को नुकसान पहुंचा रहा है। इससे स्किन और आंखों पर जलन और बालों का रूखापन बढ़ने लगता है। इसके अलावा लंबे समय तक धूप में होली खेलने से स्किन टैनिंग और टैक्सचर प्रभावित होने का जोखिम बढ़ जाता है। कुछ आसान प्री होली टिप्स से स्किन को रंगों के नुकसान से बचाया जा सकता है।
इन प्री होली स्किन केयर टिप्स को करें फॉलो
1. स्किन को हाइड्रेट रखें
रंगों के त्योहार होली में तेज़ धूप चेहरे को नुकसान पहुंचाती है और निर्जलीकरण का जोखिम बढ़ जाता है। ऐसे में शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए पानी अवश्य पीएं। इसके अलावा हेल्दी पेय पदार्थों का भी सेवन करें। इससे पसीने के कारण होने वाले फ्लूइड लॉस से बचा जा सकता है।
2. ठंडे पानी से चेहरे को धोएं
ओपन पोर्स की समस्या के कारण रंग स्किन की लेयर्स में पहुंचकर इंफेक्शन और सूजन का कारण साबित होता है। इसके अलावा मुहांसों का भी खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में पोर्स को संकुचित करने याबंद करने के लिए ठंडे पानी में चेहरे को डिप करें या फिर बर्फ को चेहरे पर रगड़ें। इससे ओपन पोर्स से बचा जा सकता है
3. बादाम का तेल करें इस्तेमाल
स्किन को फ्री रेडिकल्स और हार्मफुल केमिकल से बचाने के लिए प्रोटेक्टिव लेयर की आवश्यकता होती है। इसके लिए बादाम के तेल की लेयर को चेहरे पर अप्लाई कर लें। इससे स्किन पर दाग धब्बों की समस्या हल हो जाती है। साथ ही चेहरे पर रंग चिपकने के खतरे से भी बचा जा सकता है। होली खेलने से पहले बादाम के तेल को नारियल के तेल में मिलाकर चेहरे, गर्दन और बाजूओं पर अप्लाई करें।
4. पेट्रोलियम जेली लगाएं
पेट्रोलियम जेली की एक परत लगाने से आपकी त्वचा हाइड्रेटेड और सुरक्षित रहती है। इससे त्वचा पर रंगों का प्रभाव कम हो जाता है, जिसके चलते त्वचा पर जलन और खुरदरापन कम होने लगता है। इससे होंठ, गर्दन, कान और आंखों के नीचे की त्वचा सुरक्षित रखने में मदद मिलती है। इन जगहों से रंग को निकालना बेहद मुश्किल हो जाता है।
5. बाजूओं को ढककर रखें
पूरी आस्तीन के कपड़े पहनने से आपके शरीर को अधिक मात्रा में रंग के संपर्क में आने से बचाया जा सकता है। इसके अलावा बालों को दुपट्टे, बंदाना या स्कार्फ से कवर कर लें। दरअसल, रंग के संपर्क में आने से त्वचा पर केमिकल का प्रभाव बढ़ जाता है, जिससे स्किन की शुष्कता बढ़ने लगती है।
6. सनस्क्रीन करें इस्तेमाल
तेज़ धूप से स्किन को बचाने के लिए नियमित रूप से सनस्क्रीन इस्तेमाल करें। इससे त्वचा पर टैनिंग का खतरा कम होने लगता है और स्किन सेल्स बूस्ट होते हैं। सन प्रोटेक्शन फैक्टर यानि एसपीएफ का अवश्य ध्यान रखें और उसकी वेल्यू 50 रखने से एज़िग के प्रभाव से भी मुक्ति मिल जाती है। इससे त्वचा पर रंगों के प्रभाव से भी बचा जा सकता है।
7. ऑर्गेनिक कलर लगाएं
ऑर्गेनिक और केमिकल फ्री रंग त्वचा को जलन से बचाने और स्वस्थ त्वचा बनाए रखने में मदद करते हैं। ये पक्के और केमिकल युक्त रंगों के समान कई दिनों तक त्वचा पर नहीं ठहरते है। इससे स्किन मुलायम रहती है।
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International Women's Day: अंतराष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 08 मार्च को मनाया जाता है। महिलाओं के लिए यह दिन बहुत ही स्पेशल होता है क्योंकि उन्होंने ही हमारी जिंदगी को खास होने का एहसास कराया है। उनमें सबसे ऊपर हैं मां फिर बहन, पत्नी, बेटी और दोस्त, उनके प्रति प्यार और सम्मान जाहिर करने के मकसद से इससे अच्छा दिन कोई हो नहीं सकता। अगर आप अपनी जिंदगी में महिलाओं के लिए कुछ खास करने का सोच रहे हैं तो उन्हें ज्वेलरी तोहफे में दें। शायद ही कोई ऐसी महिला होगी, जिसे ज्वेलरी पसंद न हो। इसी के कारण आज हम आपको यहां ज्वेलरी के कुछ विकल्प देने जा रहे हैं, ताकि आप भी कुछ ट्रेंडी खरीद कर महिला दिवस को सेलिब्रेट कर सकें।
पर्सनलाइज्ड नेम ज्वेलरी
अपनी जिंदगी की सबसे स्पेशल महिला को अगर आप कुछ यूनिक और इमोशनल गिफ्ट देना चाहते हैं, तो नेम पेंडेंट या कस्टमाइज्ड ब्रेसलेट बेस्ट ऑप्शन है। इसमें उनके नाम, जन्मतिथि, या कोई खास मैसेज लिखवा सकते हैं।
मिनिमलिस्ट ज्वेलरी
हर दिन पहनने के लिए आप सिंपल ज्वेलरी का चयन आप तोहफे के रूप में कर सकते हैं। इसके लिए आप डेलिकेट गोल्ड या सिल्वर चेन खरीद सकते हैं। अगर बजट कम है तो स्मॉल हूप इयररिंग्स तोहफे में दें।
स्टेटमेंट ज्वेलरी
ये ज्वेलरी उन महिलाओं को काफी पसंद आती है जो रॉयल लुक कैरी करती हैं। इसके लिए चंकी गोल्ड चेन नेकलेस परफेक्ट विकल्प है। कुछ हैवी लेना है तो मल्टी लेयर नेकलेस ले सकते हैं।
ब्रेसलेट हैं बढ़िया विकल्प
कुछ ऐसा तोहफा देना है जिसे रोजाना पहना जा सके तो चार्म ब्रेसलेट अच्छा विकल्प है। ऐसे ब्रेसलेट में छोटे-छोटे प्यारे चार्म्स (हार्ट, स्टार या नेम) लगे होने चाहिए। ये नहीं तो सोने या चांदी का कड़ा भी आप खरीद सकते हैं।
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RAMZAN: रमजान इस्लाम धर्म का पवित्र महीना है। इस्लामिक कैलेंडर के इस नौवें महीने में मुसलमान रोजे यानी उपवास रखते हैं। इस दौरान कुरान पढ़ते हैं। पांच बार की नमाज अदा करते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं।
बता दें कि चांद नज़र आने के साथ ही रमजान का पाक महीना शुरू हो गया है। मुस्लिम समुदाय के लोग आज पहला रोजा रख रहे हैं और कुरआन, नमाज व तरावीह का एहतमाम करते हैं। रमजान इस्लामिक कैलेंडर का 9वां महीना है, जिसे बेहद खास माना जाता है। मान्यता है कि इसी महीने 610 ईस्वी में मोहम्मद साहब को लेयलत उल-कद्र की रात पवित्र कुरआन शरीफ का ज्ञान प्राप्त हुआ था, इसलिए इस महीने में रोजा रखने की परंपरा है। यह महीना इबादत, ध्यान और दान-पुण्य के किए जाना जाता है। 30 दिन के रमज़ान के अंत में ईद-उल-फितर मनाया जाता है।
बरकत का महीना माह-ए-रमजान के पूरे महीने मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते हैं। रोजा रखने वाले व्यक्तियों की अल्लाह द्वारा उसके सभी गुनाहों की माफी दी जाती है। इसलिए हर एक मुसलमान के लिए रमजान का महीना साल का सबसे विशेष माह होता है। इस्लाम धर्म की मान्यताओं के मुताबिक रमजान का महीना खुद पर नियंत्रण और शांत रखने का महीना होता है। गरीबों के दुख-दर्द को समझने के लिए रमजान के महीने में मुस्लिम समुदाय द्वारा रोजा रखने की परंपरा है। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार रमजान के महीने में रोजा रखकर दुनिया में रह रहे गरीबों के दुख-दर्द को महसूस किया जाता है। रोजा आत्म संयम व आत्म सुधार का प्रतीक रोजे के दौरान संयम का तात्पर्य है कि आंख, नाक, कान, जुबान को नियंत्रण में रखा जाना क्योंकि रोजे के दौरान बुरा नहीं सुनना, बुरा नहीं देखना और ना ही बुरा बोलना जाता है। इस तरह से रमजान के रोजे मुस्लिम समुदाय को उनकी धार्मिक श्रद्धा के साथ-साथ बुरी आदतों को छोड़ने के अलावा आत्म संयम रखना सिखाते हैं। इसके साथ ही यह भी मान्यता है कि गर्मी में रोजेदारों के पाप धूप की अग्नि में जल जाते हैं तथा मन पवित्र हो जाता है। सारे बुरे विचार रोजे के दौरान मन से दूर हो जाते हैं।
आज रखा गया पहला रोजा
अकीदतमंदों ने रविवार को पहला रोजा रखा है। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, रमजान नौंवा महीना होता है। रोजा रखने के साथ रात में तरावीह की नमाज पढ़ी जाती है। पांच वक्त की नमाज के साथ कुरान की तिलावत करते हैं।
तीन भागों में बंटा रमजान
रमजान का यह महीना तीन भागों में बंटा होता है यानी एक से लेकर 10 दिनों तक रहमत का अशरा होता है, तो 11 से लेकर 20 तक बरकत का और 21 से लेकर 30 रोजे तक मगफिरत होता है। पवित्र रमजान माह में इबादत का काफी महत्व होता है। यही वजह है कि लोग इबादत के साथ-साथ जकात भी निकालते हैं। जकात का अर्थ होता है जमा पूंजी का दो अथवा ढाई प्रतिशत जरूरतमंदों में दान करना।
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PHYSICAL RELATION: जीवन में जिस तरह प्यार जरूरी है वैसे ही अपने पार्टनर के साथ रिश्ते में गर्माहट के लिए सेक्स भी अहम है। अगर आपका पार्टनर रिश्ते को मजबूती देना चाहता है तो वह एक कदम आगे बढ़ते हुए फिजिकल भी होना पसंद करेगा, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो सेक्स को तरजीह नहीं देते! क्या आप भी अभी अपने रिश्ते में सेक्स के लिए आमादा नहीं हैं? या फिजिकल रिलेशन से कुछ दिन परहेज रखना चाहती हैं? लेकिन पूरी तरह से फिजिकल इंटिमेसी में गैप नहीं लाना चाहती हैं तो इसमें कुछ जरूरी गतिविधियां आपको मदद पहुंचा सकती हैं।
कई ऐसी रोमांटिक गतिविधियां हैं, जो इंटरकोर्स के बिना भी आप दोनों के बीच फिजिकल इंटिमेसी को बनाए रखने में आपकी मदद कर सकती है। अगर आप इन गतिविधियों से वाकिफ नहीं हैं, तो अधिक परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, हम आपको इसकी जानकारी देंगे। प्राइमस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की गायनेकोलॉजी और ऑबस्टेशन डिपार्टमेंट की कंसल्टेंट डॉ रश्मि बालियान ने बिना सेक्सुअल इंटरकोर्स के फिजिकल इंटिमेसी मेंटेन रखने के कुछ खास तरीके बताए हैं। तो चलिए जानते हैं इस बारे में अधिक विस्तार से..
जानें बिना इंटरकोर्स के दौरान फिजिकली करीब होने के तरीके
1. एक-दूसरे को ऐसे करें कडल
हाथ पकड़ें, गले लगें या बिस्तर पर एक-दूसरे के करीब बैठें। बिना किसी और चीज़ के एक-दूसरे को छूने और करीब होने का आनंद लें। जब आप सोने जाएं, तो अपने पार्टनर के साथ लिपटकर एक-दूसरे को करीब से महसूस करने की कोशिश करें। कडल करने से न केवल इंटिमेसी बढ़ती है, बल्कि स्ट्रेस रिलीज करने में भी मदद मिलती है। रोजाना पार्टनर के साथ काम से लौटने के बाद कडल करें।
2. KISS करने का बदले तरीका
अगर आप बिना सेक्स किए इंटिमेट होना चाहती हैं, तो एक-दूसरे को किस करना एक अच्छा आईडिया है। अलग-अलग तरह से चूमे, अगर आपको समझ नहीं आ रहा है, तो अपने पार्टनर से उनकी किस से जुड़ी डिजायर पूछें और उसके अनुरूप उन्हें किस करें। आप फ्रेंच किस, लेपर्ड किस या स्पाइडरमैन किस भी आज़मा सकती हैं। इस तरीके का प्रयोग करें, इससे आपको इंटिमेसी बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
3. बॉडी मसाज है बढ़िया विकल्प
एसेंशियल फ्रैगनेंस वाले ऑयल या लोशन का उपयोग करके, बारी-बारी से एक-दूसरे के शरीर की मालिश करें। आप एक-दूसरे के शरीर के कितने हिस्से की मालिश करते हैं, यह आपकी सीमाओं पर निर्भर करता है, अगर आप इससे ज़्यादा मालिश करने के लिए तैयार नहीं हैं, तो आप सिर्फ़ एक-दूसरे की गर्दन और पीठ की मालिश कर सकती हैं। कुछ सुगंधित मोमबत्तियां जलाएं और सुकून भरा संगीत बजाकर मूड सेट करें।
अपने पार्टनर को अच्छा महसूस कराने के लिए आपको प्रोफेशनल मसाज सीखने की जरूरत नहीं है। केवल मालिश के दौरान पार्टनर से पूछती रहें, उन्हें कैसा लग रहा है? या आप किस तरह की मालिश एंजॉय करना चाहते हैं, या आपके किस अंग को ज्यादा आराम की जरूरत है। इस तरह आराम भी मिलता है, तनाव कम होता है साथ ही आप दोनों एक दूसरे के करीब आते हैं।
4. एक-दूसरे को डूबकर करें स्पर्श
पार्टनर के शरीर के उन हिस्सों को स्पर्श करें और चूमें जो आमतौर पर सेक्स के दौरान ध्यान आकर्षित नहीं करते हैं, जैसे उनके पैर, पेट या पीठ। अपने पार्टनर के शरीर को एक्सप्लोर करने का आनंद लेने के लिए समय निकाले। ये आप दोनों को फिजिकल इंटिमेसी मेंटेन करने में मदद करती है, साथ ही आप रोमांस के लिए सिर्फ सेक्स पर निर्भर नहीं रहती। अगर आप बिना नेकेड हुए बॉडी एक्सप्लोर करना चाहती हैं, तो शरीर के नजर आने वाले पार्ट्स जैसे की हाथ, पैर, गर्दन, चेहरा आदि को चूमे और उनका आनंदमय स्पर्श करें।
5. बाउंड्री में रहकर करें रोमांस
नियम बनाने से न केवल आपको अपनी सीमाओं का पालन करने में मदद मिलेगी, बल्कि यह चीज़ों को और भी सेक्सी बना देगा। आपको अपनी बाउंड्री में रहकर रोमांस करना होता है, और मन होने पर भी आगे बढ़ने से खुदको रोकना है। ये नॉटी और सेक्सी रोमांस आप दोनों के बीच इंटिमेसी बढ़ाने में मदद करेगा। ऐसे नियम बनाएं, जिनसे आप और आपके पार्टनर दोनों सहज हों, इसके बाद इसे एंजॉय करें।
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VALENTINE DAY: मोहब्बत का पर्व यानी वेलेंटाइन वीक अभी चल रहा है। पूरी दुनिया में हर वर्ष फरवरी महीने में एक हफ्ते प्रेमी-प्रेमिकाओं के नाम कर दिया जाता है। इस हफ्ते को वेलेंटाइन वीक कहते हैं। जिसका हर एक दिन आशिकों को एक दूसरे के करीब लाता है। वेलेंटाइन वीक की शुरुआत 07 फरवरी से होती है, जो 14 फरवरी को वेलेंटाइन पर खत्म होती है। इस बीच रोज डे से लेकर प्रपोड डे और प्रोमिस डे समेत कई ऐसे दिनों को सेलिब्रेट किया जाता है जो कपल को एक दूसरे के और नजदीक लाता है। पर क्या आप जानते हैं कि वेलेंटाइन डे क्यों मनाया जाता है? वेलेंटाइन हफ्ते का हर दिन क्यों स्पेशल है? जानते हैं क्यों और कैसे वेलेंटाइ न डे मनाने की परंपरा की शुरुआत हुई?
वैलेंटाइन डे की शुरुआत संत वैलेंटाइन के सम्मान में हुई थी, जिन्होंने प्रेम और विवाह के लिए संघर्ष किया था। वैलेंटाइन डे को 06 दिन पहले से मनाया जाता है, ताकि वैलेंटाइन डे पर लव परवान चढ़ें। वैलेंटाइन डे से पहले 07 फरवरी से 14 फरवरी तक वैलेंटाइन वीक मनाया जाता है। इस पूरे हफ्ते में अलग-अलग दिनों का विशेष महत्व होता है, जो प्रेम को अलग-अलग तरीकों से व्यक्त करने का अवसर देते हैं।
वैलेंटाइन वीक का हर दिन है कुछ खास
रोज़ डे (ROSE DAY)
7 फरवरी को रोज डे मनाते हैं । इस दिन प्यार और भावनाओं को व्यक्त करने के लिए गुलाब का आदान-प्रदान किया जाता है। जिसमें लाल गुलाब प्रेम, पीला गुलाब मित्रता, सफेद गुलाब शांति और गुलाबी गुलाब आभार दर्शाता है।
प्रपोज डे (PROPOSE DAY)
दूसरे दिन यानी 8 फरवरी को प्रपोज डे मनाया जाता है। यह दिन उन लोगों के लिए खास होता है जो अपने प्रियजन को अपने प्यार का इज़हार करना चाहते हैं। इस दिन शादी के लिए भी प्रपोज किया जाता है।
चॉकलेट डे (CHOCOLATE DAY)
प्यार में मिठास घोलने के लिए चॉकलेट डे मनाया जाता है और अपने प्रिय को चॉकलेट दी जाती है। इसका वजह है कि चॉकलेट खुशी और स्नेह का प्रतीक मानी जाती है।
टेडी डे (TEDDY DAY)
10 फरवरी को टेडी डे मनाते हैं। इस दिन टेडी बियर गिफ्ट किया जाता है, जो मासूमियत और प्यारे एहसास का प्रतीक है। खासकर लड़कियों को यह दिन बहुत पसंद आता है।
प्रॉमिस डे (PROMISE DAY)
11 फरवरी को प्रॉमिस डे मनाया जाता है। इस दिन प्रेमी एक-दूसरे से सच्चे प्रेम, ईमानदारी और विश्वास की कसमें खाते हैं। रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए यह दिन बेहद खास होता है।
हग डे (HUG DAY)
वैलेंटाइन डे के छठे दिन हग डे मनाया जाता है। हग डे पर एक प्यार भरी झप्पी (गले लगाना) प्यार, समर्थन और सुरक्षा का अहसास कराती है। यह दिन दिखाता है कि एक स्नेह भरी झप्पी से हर दर्द मिट सकता है।
किस डे (KISS DAY)
13 फरवरी को किस डे मनाया जाता है। यह दिन प्यार और गहरे रिश्ते की निशानी माना जाता है। एक किस स्नेह, प्रेम और आत्मीयता को दर्शाती है।
वेलेंटाइन डे (VALENTINE'S DAY)
14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाया जाता है। यह दिन इश्क का होता है। इस दिन प्रेमी एक-दूसरे के लिए खास गिफ्ट, फूल और प्यार भरे संदेश देते हैं। कई लोग इस दिन डेट पर जाते हैं, तो कुछ शादी या रिश्ते को मजबूत करने का वादा करते हैं।
क्यों मनाया जाता है वैलेंटाइन डे?
यह दिन संत वैलेंटाइन की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने तीसरी शताब्दी में रोम में प्रेम और विवाह को लेकर में आवाज बुलंद की थी। उस समय सम्राट क्लॉडियस द्वितीय ने सैनिकों के विवाह पर प्रतिबंध लगा दिया था लेकिन संत वैलेंटाइन ने सेक्रेट तरीके से प्रेमी जोड़ों का विवाह कराया। जब राजा को यह पता चला, तो उन्होंने संत वेलेंटाइन को 14 फरवरी को मृत्युदंड दे दिया। उनकी याद में यह दिन प्यार की पहचान, इश्क के इजहार का दिन बन गया।
Relations: हमारे जीवन की एक सच्चाई यह है कि उसे भी गुजर जाना है। लेकिन सबसे अधिक परेशानी लेकर आता है बुढ़ापा। ऐसा समय जब हम बीमारियों से भी घिरे रहते हैं और रिश्ते की डोर भी समय के साथ कमजोर होने लगती है। इसका बड़ा कारण कुछ आदतें होती हैं जो हमने अपने जीवन में वर्षों पहले से लगा रखी होती हैं। हम आपको कुछ ऐसी ही आदतों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आप पहले से छोड़कर अपने उस समय के लिए अपने रिश्तों को और मजबूत कर लेंगे जब आपको उन रिश्तों की सबसे ज्यादा जरूरत होगी, यानी आप के बुढ़ापे में।
6 आदतें जिन्हें छोड़ना है रिश्ते की गारंटी
1. उम्मीद अधिक लगाना
साइकोलॉजिस्ट और रिलेशनशिप कंसल्टेंट के मुताबिक हम अक्सर रिश्तों में ज्यादा उम्मीदें रख लेते हैं, ये सोचकर कि अगर सामने वाला हमारी तरह नहीं सोचे या वही ना करे जो हम चाहते हैं, तो रिश्ता खराब हो जाएगा। लेकिन, ये आदत हमारे रिश्ते में बहुत तनाव पैदा कर सकती है। जब हम अपने साथी से ज्यादा उम्मीदें रखते हैं और उन्हें बदलने की कोशिश करते हैं, तो इसका उल्टा असर होता है। यह सिर्फ हमारे पार्टनर को असंतुष्ट करता है, बल्कि रिश्ते में भी दूरी आ सकती है।
ऐसे में उस वक्त के लिए अभी से तैयारी करें जब आप बैठकर केवल सोच सकेंगे कि क्या सोचा और क्या पाया। अगर आप अपनी उम्मीदों को थोड़ा कम करेंगे और अपने साथी की अच्छाइयों को मानेंगे, तो न सिर्फ रिश्ता मजबूत होगा, बल्कि आप दोनों के बीच प्यार और समझ भी बढ़ेगा और वो लंबे समय तक आपके साथ चलेगा।
2. छोटी छोटी बातों को नजरंदाज न करें
कभी-कभी हम रिश्तों में छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज कर देते हैं, जैसे एक हल्की मुस्कान, एक अच्छा शब्द या बस एक छोटा सा इशारा। ट्यूटर चेज नाम की एक संस्था की रिपोर्ट कहती है कि स्वस्थ रिश्ता रहने के लिए पार्टनर्स के बीच गेस्चर्स का आदान प्रदान जरूरी है। ये छोटी बातें रिश्ते में बहुत मायने रखती हैं और इनसे रिश्ते में खुशियां और मजबूती आती है। अगर हम इनका ध्यान नहीं देते, तो ये छोटे-छोटे इशारे रिश्ते में दूरियां बना सकते हैं। और ये आप अगर अभी से नहीं करेंगे तो उस उम्र में जब आप को रिश्तों की जरूरत होगी, इसकी शुरुआत तब नहीं हो सकेगी और तब शुरुआत करने पर भी गेस्चर्स अपना काम करें, मुश्किल है।
3. दूसरों की गलतियों को बार-बार याद करना
उम्र बढ़ने के साथ अक्सर लोगों में यह आदत होती है और आपको अगर बुजुर्ग होने पर ऐसा नहीं बनना तो उसकी शुरुआत आज से करें ताकि आपकी आदतों में ये शामिल हो सके। हैप्पी फेमिली नाम की एक संस्था के लिए डॉक्टर जस्टिन कॉल्सन ने लिखा है कि यह पैटर्न बहुत आम तौर पर पाया गया है कि ऐसे रिश्ते जो टूटे या फिर कमजोर हुए हैं, उसमें दोनों तरफ से एक दूसरे की ग़लतियों को दोहराने का पैटर्न था।
यहां यह समझना है कि हर इन्सान से गलतियां होती हैं, और रिश्तों में यह सामान्य बात है कि कभी न कभी कोई न कोई गलती करेगा। लेकिन अगर आप हमेशा उन गलतियों को याद करेंगे और पुराने बातों को ताज़ा करेंगे, तो यह रिश्ते में तनाव ही बढ़ाएगा। उस उम्र में जब आपको रिश्ते की जरूरत होगी तो आपके इर्द गिर्द लोग आने से परहेज कर सकते हैं।
4. सुनने की आदत न होना
हममें से कई लोग अपनी बातों को ज्यादा अहमियत देते हैं और सामने वाले की बातों को नजरअंदाज कर देते हैं। यही आदत रिश्तों में खटास पैदा करती है। रिश्ते तभी अच्छे होते हैं जब दोनों एक-दूसरे को सुनते और समझते हैं। लाइफ काउंसिलिंग इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट कहती है कि न सुनना, किसी भी रिश्ते के अंत की शुरुआत हो सकता है। तो अगर आप भी चाहते हैं कि आपका रिश्ता मजबूत हो, तो अब से पहले सामने वाले की बात पूरी तरह से सुनें।
जल्दी से प्रतिक्रिया देने के बजाय, उनकी बातों को समझने की कोशिश करें। जब आप अपने साथी की बातों को अहमियत देंगे, तो वह भी आपके विचारों की कद्र करेगा। इससे न सिर्फ आपका रिश्ता मजबूत होगा, बल्कि आप दोनों के बीच समझ और नज़दीकी भी बढ़ेगी। यह नजदीकी उस वक्त आपके ज्यादा काम की होगी जब आपको अपने साथी या किसी रिश्ते की जरूरत होगी और आपको प्यार चाहिए होगा।
5. वक्त नहीं है, मत बोलिए
हम अक्सर यह बहाना बनाते हैं कि समय की कमी है, खासकर जब हम काम में व्यस्त होते हैं या और कोई जिम्मेदारियां होती हैं। लेकिन अगर हम यही सोचने लगें कि हमारे पास समय नहीं है, तो इससे रिश्तों में दूरी आ सकती है और फिर आप अकेलेपन का शिकार होने लगेंगे।
आप यह सोचिए कि उस वक्त जब आप अपनी उम्र के ऐसे पड़ाव पर हों जहां आप शारीरिक तौर पर भी कुछ कमजोर हों और आपको मानसिक मजबूती के लिए भी रिश्ते चाहिए हों। लेकिन न सुनने की आदत की वजह से आपने तो रिश्ते गंवा दिए हैं। फिर उस उम्र में आप मुश्किल में होंगे। इसलिए सबसे पहले वक्त की कमी का बहाना बना कर रिश्तों को टालना छोड़ दें।
6. नकारात्मक सोच रखना
एक रिपोर्ट कहती है कि अगर आप हमेशा हर चीज़ को नकारात्मक तरीके से देखते हैं, तो यह आपके रिश्तों में तनाव पैदा कर सकता है। जब हम हर बात में परेशानी ढूंढ़ते रहते हैं, तो रिश्ते में प्यार और समझ की कमी होने लगती है। एक्सपर्ट के मुताबिक उम्र के उस पड़ाव पर जब हम सीख लेते हैं कि हमें क्या नहीं करना, जहां हमारे पास रिश्तों में खुद को बदलने का वक्त होता है तो यह हमारे लिए लाइफटाइम का वरदान बन जाता है। पॉजिटिव सोच की उम्र के उस पड़ाव पर सबसे ज्यादा जरूरत होती है जब हम उम्र के उस पड़ाव पर हों जहां हमें शारीरिक तौर पर दिक्कत हो सकती है। और अगर ऐसे में हम नकारात्मक रहे तो रिश्ते भी प्रभावित होंगे और हम खुद किसी भी बीमारी या समस्या से लड़ नहीं सकते।
फोटो सौजन्य- गुगल
सर्द मौसम में अक्सर लोग शरीर की दुर्गंध से निजात पाने को लेकर डियो और PERFUME का प्रयोग करने लगते हैं। लेकिन सोचे कि दुर्गंध दूर करने का दम भरने वाले ये प्रोडक्ट्स दिनभर तन पर लगाए रखने की वजह से किस तरह से आपके स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि इसे लगाने से दिनभर हम अच्छी फ्रेगरेंस को फील करते हैं। मगर बता दें कि इसका ज्यादा इस्तेमाल सिरदर्द, रैशेज, एलर्जी और कॉन्टैक्ट एक्जिमा समेत कई समस्याओं का कारण बनने लगता है। इसमें मौजूद रासायनिक तत्व शरीर को कई तरह से प्रभावित करने लगता है। आइये जानते हैं परफ्यूम से शरीर को होने वाले नुकसान के बारे में- परफ्यूम का स्किन पर असर रिपोर्ट के मुताबिक सुगंधित उत्पादों में थैलेट्स, एल्डीहाइड्स, पैराबेंस और एल्युमीनियम समेत कई कंपाउड पाए जाते हैं। इसके कारण स्किन एलर्जी, स्तन कैंसर, रिप्रोडक्टिव डिसऑर्डर, माइग्रेन और रेस्पीरेटरी समस्याओं का खतरा बना रहता है। स्किन केयर उत्पादों में मौजूद खुशबू में गेरानियोल, यूजेनॉल, सिट्रोनेलोल, फथलेट्स जैसे एलर्जेंस होते हैं। इनसे त्वचा की एलर्जी, हाइव्स, खुजली, रैशेज़, छींक और पिगमेंटेशन की समस्या बनी रहती है। एक्सपर्ट बताती हैं कि परफ्यूम का इस्तेमाल भले ही खुशबू के लिए किया जाता है लेकिन इसमें मौजूद कुछ केमिकल्स आपकी त्वचा और सेहत पर हानिकारक प्रभाव डाल सकते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक परफ्यूम में इस्तेमाल होने वाले सिंथेटिक सुगंधित तत्व और प्रिज़र्वेटिव्स से एलर्जी, जलन और रैशेज़ जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कई बार ये समस्याएं तुरंत दिखाई नहीं देतीं पर लंबे समय तक परफ्यूम के इस्तेमाल से त्वचा की संवेदनशीलता बढ़ सकती है। परफ्यूम से स्किन को होने वाले नुकसान 1. रैशेज़ की समस्या परफ्यूम में मौजूद केमिकल्स से त्वचा पर खुजली, लाल चकत्ते और सूजन की समस्या बढ़ने लगती है। इसमें मौजूद केमिकल्स से त्वचा की नमी कम होने लगती है और स्किन ग्लो में बदलाव आने लगता है। इससे स्किन डलनेस और इरिटेशन बढ़ जाती है। साथ ही त्वचा पर सूजन की समस्या भी बढ़ने लगती है । 2. त्वचा का सूखापन सर्द मौसम में अधिक मात्रा में पानी न पीना डिहाइड्रेशन को बढ़ाता है। लेकिन साथ ही परफ्यूम का अत्यधिक इस्तेमाल भी इस समस्या का कारण सिद्ध हो सकता है। दरअसल, परफ्यूम अल्कोहल बेस्ड होते हैं, जिससे त्वचा की नमी छिन जाती है और रूखापन बढ़ने लगता हैं। साथ ही त्वचा पर दाने नज़र आने लगते हैं। 3. एलर्जी का खतरा इसके लगातार इस्तेमाल से आंखों में जलन, छींकना और खुजनी बढ़ने लगती है। दरअसल, परफ्यूम में इथेनॉल की उच्च मात्रा पाई जाती है, जो हर उम्र के लोगों के लिए खतरनाक साबित होती है। एनवायरमेंटल वर्किंग ग्रुप के रिसर्च के मुताबिक परफ्यूम में मौजूद 34 फीसदी इंग्रीडिएंटस में विषाक्तता यानी टॉक्सीसिटी पाई जाती है। 4. सन सेंसीटिविटी सुबह परफ्यूम लगाने के बाद धूप में जाने से त्वचा में जलन और पिगमेंटेशन का भी खतरा बना रहता है। इससे स्किन पर यूवी रेज़ का प्रभाव नज़र आने लगता और सन टैनिंग की भी समस्या बनी रहती है। दरअसल, इसके इस्तेमाल से स्किन इरीटेशन, डिसकलरेशन और जलन की समस्या बनी रहती है और इस स्थिति को फोटो टॉक्सीसिटी भी कहा जाता है। वे लोग जिनकी त्वचा संवेदनशील है उन्हें इससे दूर रहने की जरूरत है। 5. सांस संबधी समस्याओं का जोखिम परफ्यूम की तेज सुगंध कुछ लोगों में सांस की समस्या या सिरदर्द का कारण बनने लगती है। एक्सपर्ट के मुताबिक परफ्यूम का प्रयोग सीमित मात्रा में करें और त्वचा पर सीधे लगाने से बचें। अगर आपको एलर्जी की समस्या है, तो बिना खुशबू वाले उत्पादों का चयन करें। हेल्थ डायरेक्ट की रिर्पोट के अलुसार लगभग तीन में से हर एक व्यक्ति सुगंधित उत्पादों के संपर्क में आने पर स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त महसूस होता है। इससे अस्थमा अटैक, हे फीवर, सिरदर्द, माइग्रेन, चक्कर आना और सांस लेने में तकलीफ और कंजेशन बढ़ने लगती हैं। फोटो सौजन्य- गूगल
SEX ना तो अब टैबू रह गया है और ना ही शादीशुदा जीवन का पार्ट रहा गया। लेकिन यह आपकी सेहत से जुड़ा मामला आवश्य है। अब भी लोग इस पर बात नहीं कर पाते। यही कारण है कि इसके बारे में बहुत सारी भ्रांतियां प्रचारित है। अधिकतर किशोर और युवा पहली बार सेक्स इंटरनेट पर यह सर्च करते हैं कि पहली बार सेक्स के बाद क्या होता है?
क्या बदलाव हो सकते हैं पहली बार सेक्स के बाद-
यदि आपने हाल ही में पहली बार सेक्स किया है या सेक्स करने का प्लान कर रही हैं, तो हम बता दें कि आपके शरीर में यही बदलाव आने वाले हैं। हम जानते हैं कि इन बदलावों से जुड़े कई सवाल हैं आपके दिमाग में, इसलिए आपकी जिज्ञासा का निदान करेंगे।
हालांकि हर व्यक्ति में सेक्स के बाद अलग बदलाव आ सकते हैं, पर यह प्रमुख जानकारी आपको जरूर होनी चाहिए-
1. आपको दर्द हो सकता है
सेक्स के दौरान दर्द होना सामान्य है। इसके पीछे कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं, लेकिन वे सभी कारण पूरी तरह सामान्य होते हैं। आपका हाइमेन खिंचने के कारण दर्द हो सकता है, लुब्रिकेशन की कमी से दर्द हो सकता है या वेजाइनिस्मस यानी पेल्विक मसल्स के टाइट होने के कारण दर्द हो सकता है। आपके दर्द का कारण एंग्जायटी भी हो सकती है। सेक्स से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं भी हो सकती हैं या पुराना कोई ट्रॉमा हो सकता है।
कई बार शुरुआत में सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म होने पर यूटेरस में क्रेम्प्स होने लगते हैं। सेक्स के दौरान ऑक्सिटोसिन निकलता है, जिससे यूटेरस में कॉन्ट्रेक्शन के कारण दर्द होने की सम्भावना होती है।
2. स्पॉटिंग हो सकती है
आपको सेक्स के बाद खून आ सकता है, आपको सेक्स के बाद खून न आए यह भी सम्भव है। दोनों ही स्थिति सामान्य हैं। अगर आपको पहली बार सेक्स के बाद खून आता है, तो इसका कारण होता है हाइमेन। हाइमेन एक पतली सी त्वचा की झिल्ली होती है, जो सेक्स करने पर खिंच जाती है और खून निकल सकता है।
हाइमेन आसानी से खिंच सकती है और इसके टूटने का एकमात्र कारण सेक्स ही नहीं है। स्पोर्ट्स के कारण भी हाइमेन टूट जाता है। यहां तक कि टैम्पॉन्स के प्रयोग से भी हाइमेन टूट सकता है। हाइमेन का आपकी वर्जिनिटी से कोई लेना देना नहीं है।
उसके अलावा भी आपको कई बार स्पॉटिंग नजर आ सकती है। इस स्पॉटिंग का कारण है सेक्स के कारण सर्विक्स में सूजन। अगर आप रफ सेक्स करती हैं, तो स्पॉटिंग की सम्भावना अधिक होती है। यह खून सुर्ख लाल रंग का होता है।
3. पेशाब के दौरान जलन होती है
अगर आपको सेक्स के बाद बाथरूम जाने पर जलन महसूस हो रही है, तो यह नार्मल है। वेजाइना और यूरेथ्रा काफी पास में ही होते हैं इसलिए वेजाइना पर पड़े दबाव का दर्द यूरेथ्रा में भी होता है। लेकिन अगर यह दर्द दो-तीन दिन से ज्यादा रहे, तो डॉक्टर की आवश्य सलाह लें।
4. वेजाइना में खुजली हो सकती है
हल्की खुजली सामान्य है, लेकिन अगर आपको बहुत अधिक खुजली हो रही है जिसे कंट्रोल नहीं कर पा रहीं, तो यह कॉन्डम से एलर्जी के कारण हो सकता है। अगर आपने लुब्रिकेंट का इस्तेमाल किया है तो वह भी एलर्जी का कारण हो सकता है।
5. आपको UTI हो सकता है
सेक्स के दौरान आपके ऐनस के पास मौजूद बैक्टीरिया आपकी वेजाइना और यूरेथ्रा तक पहुंच सकते हैं। इससे दर्दनाक UTI हो सकता है। कई बार खुजली और जलन के लिए यही जिम्मेदार होता है।
6. निपल्स और क्लिटोरिस का साइज बदल सकता है
आपके निप्पल्स में कई सारी नसें आकर खत्म होती हैं, जिसके कारण आपके उत्तेजित होने पर निप्पल्स में बदलाव आ जाता है। इससे आपके ब्रेस्ट के टिश्यू फूल जाते हैं और ब्रेस्ट बड़े लगने लग सकते हैं। यही नहीं सेक्सुअली उत्तेजित होने पर आपके निप्पल्स टाइट हो जाते हैं। उसी तरह क्लाइटोरिस में भी बहुत सी नसें खत्म होती हैं, जिससे क्लाइटोरिस का साइज बढ़ जाता है। हालांकि सेक्स के बाद यह नॉर्मल साइज में लौट जाती है।
7. हैप्पी हॉर्मोन्स निकलते हैं
जब आप सेक्स करने लगती हैं, तो शरीर में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है। यही नहीं, उत्तेजित होने पर निप्पल, ऐरीओला और क्लाइटोरिस की मांसपेशियों में टेंशन आ जाती है। सेक्स के दौरान आपको ऑर्गेज्म की प्राप्ति होती है। इस सब का कारण है दिमाग में ऑक्सिटोसिन का बढ़ा हुआ स्तर जो सेक्स के कारण बढ़ता है।
8. वेजाइना की इलास्टिसिटी
आपकी वेजाइना की मांसपेशियां बहुत इलास्टिक होती हैं और यह इलास्टिसिटी बदलती रहती है। आपकी वेजाइना सेक्स के बाद काफी हद तक खुल जाती है, जो कि बिल्कुल सामान्य है। तो लेडीज, सेक्स करने से पहले ही जान लें सेक्स के बाद या दौरान आपके शरीर में क्या बदलाव आएंगे ताकि आप खुद को मानसिक रूप से तैयार कर सकें।
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