Libido: कामेच्छा की कमी आधुनिक जीवनशैली में कई लोगों की समस्या बन चुकी है। लोगों की लाइफस्टाइल में तनाव, एंग्जायटी, अनहेल्दी इटिंग और लगातार भागदौड़ के बीच उनकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ के साथ-साथ सेक्सुअल लाइफ पर भी प्रभाव पड़ता है और आहिस्ता-आहिस्ता लोगों में सेक्स करने की इच्छा में कमी आने लगती है। लंबे वक्त तक कमेच्छा में कमी की समस्या की वजह से लोगों की शादीशुदा जिंदगी पर भी असर पड़ सकता है और इससे रिश्तों में गैप बढ़ जाता है। हालांकि, कई बार लोग कमेच्छा बढ़ाने के लिए दवाओं का सहारा भी लेते हैं। पर, इन दवाओं के दुष्प्रभाव होते हैं जो लंबे वक्त तक दिखायी दे सकते हैं।
ऐसे में दवाओं के बिना नेचुरली कामेच्छा बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए और किस तरह की सावधानियां बरतने से कामेच्छा की कमी दूर हो सकती है।
नेचुरली कामेच्छा बढ़ाने के उपाय क्या हैं?
सेक्स जीवन का एक अहम हिस्सा है और हेल्दी सेक्स लाइफ के लिए कामेच्छा काफी अहम है। अगर आपकी कामेच्छा कम है और आप इसे बढ़ाना चाहते हैं तो आपको खास कर तीन स्टेजेस पर काम करना होगा। ये स्टेज हैं शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्तर।
शारीरिक स्तर पर कामेच्छा बढ़ाने के लिए डाइट में बदलाव जरूरी
अच्छी डाइट हेल्दी शरीर और हेल्दी लिबिडो लेवल के लिए भी जरूरी है। आप अपनी कम कमेच्छा की समस्या से राहत पाना चाहते हैं तो आप अपनी डाइट में बदलाव करें। अपनी डेली डाइट में बदलाव करें। आप जिंक और एल-आर्जिनिन जैसे तत्वों से भरपूर फूड्स जैसे- बींस, सीड्स, लॉब्स्टर्स और प्याज जैसी चीजों का सेवन करें।
कामेच्छा बढ़ाने के लिएआप चॉकलेट, अनार, एवोकाडो, ग्रीन टी, पम्पकिन सीड्स और तरबूज जैसे फूड्स का सेवन कर सकते हैं।
इन सबके साथ आप प्रोसेस्ड फूड्स से परहेज करें क्योंकि, प्रोसेस्ड फूड्स आपके शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं और लिबिडो भी कम करते हैं।
रोजाना करें एक्सरसाइज
रोजाना हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें। आप मसल्स स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज, कार्डियाक एक्सरसाइज करें। आप रोजाना योगाभ्यास कर सकते हैं और मेडिटेशन का भी अभ्यास करें। इससे आपको कामेच्छा बढ़ाने में मदद मिलेगी।
नींद की कमी ना होने दें
इन सबके अलावा रोजाना 6-7 घंटे की गहरी नींद सोएं। इससे आपका तनाव कम होगा और कामेच्छा बढ़ाने में भी आसानी होगी।
अपनी बीमारियों को करें मैनेज
अगर आपको हाइपटेंशन, मोटापा या अन्य किसी प्रकार की पुरानी स्वास्थ्य समस्या या क्रोनिक डिजिज है तो उसे मैनेज करें और नियंत्रित रखने के लिए जरूरी उपाय करें।
इन आदतों से बचें
अल्कोहल का सेवन करते हैं तो उसे धीरे-धीरे बंद कर दें। इसी तरह स्मोकिंग से भी कामेच्छा कम होती है इसीलिए, आप अपनी धूम्रपान की आदत छोड़ दें।
इंटीमेसी के लिए निकालें कीमती समय
अपनी व्यस्त जीवनशैली के बीच अपने पार्टनर के लिए समय जरूर निकालें। अपने पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं और अपनी रिलेशनशिप की अच्छी बातों को याद करें। इससे आपकी रिलेशनशिप में नयी जान आएगी और आपको अपने पार्टनर से इमोशनली कनेक्ट कर पाने में भी मदद होगी।
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नेचुरल इंग्रीडिएंट के इस्तेमाल से निखरती है खूबसूरती
Tamanna Bhatia दक्षिण फिल्म इंडस्ट्री में मिल्की ब्यूटी के नाम से जानी जाती है। इसके कारण तमन्ना की सॉफ्ट और ग्लोइंग त्वचा। तमन्ना की त्वचा क्लिन और हेल्दी ग्लो वाली है। अपनी स्किन को हेल्दी रखने के लिए तमन्ना अपने स्किन केयर रूटीन का बहुत ज्यादा ख्याल रखती हैं। तमन्ना केमिकलयुक्त प्रॉडक्ट्स और ट्रीटमेंट से दूर रहते हुए नेचुरल इंग्रीडिएंट का प्रयोग करती हैं। नेचुरल इंग्रीडिएंट्स हैं पसंद
घर में मिलने वाली आम चीजों की मदद से फेस पैक बनाती हैं तमन्ना और अपनी स्किन पर उन्हें इस्तेमाल करती हैं। बता दें कि ये नेचुरल इंग्रीडिएंट कई पीढ़ियों से भारतीय महिलाओं की पहली पसंद रही हैं और उन्हें इन इंग्रीडिएंट्स पर काफी विश्वास रहा है। आइये जानते हैं कि तमन्ना भटिया अपनी स्किन पर कौन सी चीजें अप्लाई करती हैं-
बेसन का फेस पैक
दो चम्मच बेसन, दो चम्मच गुलाब जल और एक चम्मच दही मिलाएं। सभी चीजों को मिक्स करके फेस पैक बना लें। फिर इस पैक को अपनी गर्दन और चेहरे पर लगाएं। जब फेस पैक सूख जाता है तो अपना चेहरा ठंडे पानी से धो लें।
कॉफी-चंदन का फेस पैक
इस फेस पैक को बनाने के लिए 02 चम्मच चंदन पाउडर, 2 चम्मच कॉफी पाउडर और 2 चम्मच शहद की जरूरत पड़ती है। इन सभी चीजों को मिक्स करके फेस पैक बनाएं। इस फेस पैक को आप अपने चेहरे और गर्दन पर लगाएं। 20-25 मिनट के बाद आप इसे चेहरे से साफ कर दें।
स्किन के लिए बेसन के फायदे
बेसन चने के आटे से तैयार होता है। इसमें चने के गुण पाए जाते हैं। बेसन लगाने से स्किन पर निखार आता है। यह पिम्पल्स की समस्या से आराम दिलाता है और स्किन टैनिंग को भी साफ करता है।
स्किन को सॉफ्ट और ग्लोइंग के लिए तमन्ना का हेल्दी डाइट
स्किन को सॉफ्ट और ग्लोइंग रखने के लिए तमन्ना अपनी डाइट पर खास ध्यान देती हैं। वे ब्रोकोली का सलाद खाती हैं और एवोकाडो भी उनकी डाइट में रहता ही है। इन सबके साथ तमन्ना को रोजाना 8-10 गिलास पानी पीने की आदत है।
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CHHATH PUJA: देशभर में लोक आस्था का महापर्व छठ पूरे हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। सोमवार शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखांड समेत देश के कई हिस्सों में नदियों के घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।
दिल्ली में भी यमुना तट पर पारंपरिक गीतों और पूजा के बीच माहौल आस्थामय दिखा। इस अवसर पर ना सिर्फ आम लोगों के साथ ही नेतागण और भोजपुरी इंडस्ट्री के कलाकार भी भक्ति में लीन नजर आए। घाटों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे और प्रशासन ने व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए विशेष टीम तैनात की थी। छठ पूजा की खासियत यह रही कि लोग सुबह से ही तैयारी में जुटे रहे और शाम होते ही सूर्य को अर्घ्य देने के लिए घाटों पर पहुंचे। सोमवार को इस पर्व के तीसरे दिन व्रती महिलाओं ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया।
बिहार में छठ ना सिर्फ आस्था का पर्व है, बल्कि इस बार चुनावी मौसम ने इसमें राजनीति का रंग भी जोड़ दिया है। विधानसभा चुनाव के कारण कई उम्मीदवार घाटों पर पहुंच रहे हैं और श्रद्धालुओं से जनसंपर्क करते नजर आए।
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Chhath Puja: महापर्व छठ का आगाज 25 अक्टूबर को हो चुका है। चार दिनों तक चलने वाले छठ पर्व का समापन 29 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर होगा। पहले दिन नाहय-खाय और आज यानी 26 अक्टूबर को छठ पर्व के दूसरे दिन खरना मनाया जाता है। खरना का भी अपना विशेष महत्व है। छठ में सूर्य देवता के साथ ही छठी मैया की भी पूजा की जाती है। यह त्योहार बिहार का विशेष त्योहार है जिसे झारखंड, उत्तर प्रदेश में रहने वाले लोग बड़े ही आस्था के साथ मनाते हैं। खरना को लोहंडा भी कहा जाता है। खरना पर खास प्रसाद बनाया जाता है जिसका अपना अलग महत्व है। इसी खास प्रसाद को व्रती खाते हैं।
खरना पर प्रसाद में क्या बनता है?
खरना 26 अक्टूबर को है। इस दिन गुड़ वाली खीर और रोटी बनती है। यह खीर मिट्टी का नया चूल्हा बनाकर तैयार किया जाता है। वह भी आम की लकड़ी जलाकर बनाने की प्रथा है। दूसरी लकड़ी का इस्तेमाल इसमें वर्जित माना गया है। व्रती पूजा के बाद प्रसाद के तौर पर इसका ही सेवन करते हैं।
खरना प्रसाद का महत्व ?
खरना वाले दिन व्रती पूरे दिन उपवास रखते हैं। शाम के समय जब मिट्टी का चूल्हा बनाया जाता है, तो उस पर गुड़ की खीर, रोटी बनाई जाती है। आप इसे पीतल या मिर्टी के बर्तन में बना सकते हैं। साथ ही गेहूं की रोटी या फिर पूड़ी बनाई जाती है। शाम में सूर्य देव को पूजा-आराधना करके इस प्रसाद को ग्रहण करते हैं।
आम की लकड़ी ही क्यों किया जाता है इस्तेमाल?
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक आम का पेड़ छठी मइया को प्रिय है। आम की लकड़ी शुद्ध, सात्विक होता है। मान्यता है कि आम की लकड़ी पर पके भोजन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। साथ ही इसका धुआं वातावरण को शुद्ध करता है।
खरना का क्या है महत्व?
खरना छठ पर्व के दूसरे दिन पड़ता है और यहीं से 36 घंटे वाला निर्जला व्रत शुरू होता है। खीर और रोटी खाने के बाद व्रती अन्न और जल ग्रहण नहीं करते हैं। खरना के दिन बनने वाली गुड़ की खीर खाने से छठी मइया का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह सेहत, सुख-समृद्धि, संतान सुख भी देता है। व्रती जब सूर्य देव को अर्घ्य दे देते हैं तो इस प्रसाद का सेवन किया जाता है। उसके बाद ही घर के अन्य सदस्य भी इसे खाते हैं। यहां से शुरू होता है व्रती का 36 घंटे का निर्जला व्रत 27 अक्टूबर को संध्या अर्घ्य और 28 को उगते सूरज को अर्घ्य देकर पूजा का पारण होता है।
खरना प्रसाद गुड़ की खीर बनाने की विधि
इसके लिए मिट्टी या पीतल के बर्तन में दूध डालकर उबालें। इसमें चावल को तीन-चार बार साफ पानी से धोकर डालें। जब चावल पक जाए तो उसमें गुड़ डालकर पकाएं, आंच को कम ही रखें, आप इसमें थोड़ा सा शुद्ध घी भी मिला सकते हैं। अपना पसंदीदा ड्राई फ्रूट्स, इलाचयी पाउडर भी डाल दें।
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Narak Chaturdashi: सनातन परंपरा में कार्तिक मास के कृष्णापक्ष की चतुर्दशी तिथि को छोटी दीपावली या फिर नरक चतुर्दशी, रूप चतुर्दशी और हनुमान पूजा के नाम के तौर पर मनाते हैं। यह पर्व दिवाली से ठीक एक दिन पहले मनाया जाता है। हिंदू मान्यता के मुताबिक नरक चतुर्दशी के दिन ही भगवान कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध करके 16,000 महिलाओं को उसकी कैद से मुक्त कराया था। इस दिन सुबह के समय शरीर में उबटन लगाकर अभ्यंग स्नान की भी परंपरा है।
नरक चतुर्दशी को हनुमान पूजा के नाम से भी जाना जाता है, इसलिए इस दिन हनुमान जी की विधि विधान से पूजा की जाती है। छोटी दीपावली या फिर नरक चतुर्दशी के दिन शाम के समय यम देवता के लिए विशेष रूप से दीया जलाया जाता है। आइये जानते हैं कि आज किस समय और किस दिशा में दीया जलाने से हमें पुण्यफल की प्राप्ति होती है।
छोटी दिवाली पर कहां जलाए दीया
हिंदू मान्यता के मुताबिक आज के दिन यम देवता के लिए विशेष रूप से दीया जलाया जाता है। मान्यता है कि आज के दिन यम देवता के लिए दीया जलाने से नरक में जाने से मुक्ति मिलती है। हिंदू मान्यता के मुताबिक आज प्रदोषकाल में यम देवता के लिए दीया जलाने के साथ 14 दीया जलाना शुभ माना गया है। जिसे घर के विभिन्न स्थानों जैसे आंगन, बालकनी, छत, दरवाजे के बाहर आदि जगह पर रखना चाहिए। छोटी दिवाली के दिन सरसों के तेल का दीया जलाना चाहिए।
नरक चतुर्दशी पर दीया जलाने का मुहूर्त
पंचांग के अनुसार आज नरक चतुर्दशी या फिर कहें छोटी दिवाली पर गोधूलि मुहूर्त 5 बजकर 47 मिनट से लेकर 6 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। अलावा इसके आप सायाह्न संध्या के समय यानि सायंकाल 5 बजकर 47 से 7 बजकर 03 मिनट तक बजे के बीच का समय भी दीपदान के लिए उचित रहेगा।
छोटी दिवाली के लिए ये है महाउपाय
छोटी दिवाली के दिन गाय के गोबर से बनाए हुए दीये जलाने की परंपरा है। मान्यता है कि इस उपाय को करने से यम की यातना से मुक्ति मिलती है। आज यम देवता के लिए उनके मंत्र का जप करते हुए चार बाती वाला दीया प्रदोषकाल में जलाना चाहिए। मान्यता है कि इस उपाय को करने से व्यक्ति को यम और प्रेत बाधा का भय नहीं रहता है। दिवाली के पंचपर्व में यम देवता का पूजा विशेष रूप से होता है। गौरतलब है कि दिवाली के पांच पर्वों में न सिर्फ नरक चतुर्दशी बल्कि भैया दूज का पर्व भी यम देवता और यमुना माता से जुड़ा हुआ है।
छोटी दिवाली में दीये का महत्व
हिंदू मान्यता के अनुसार बड़ी दिवाली के मुकाबले आज घरों में जो दीपमालिकाएं बनाई जाती हैं, वो कुछ छोटी होती हैं। मान्यता है कि छोटी दिवाली के दिन जलाए जाने वाले दीये नकारात्मकता को दूर करके सकारात्मकता लाते हैं। छोटी दिवाली पर जलाए जाने वाले ये दीये इस पर्व की पवित्रता के प्रतीक हैं।
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KARWA CHAUTH: पति की लंबी उम्र और बिंदास वैवाहिक जीवन की कामना के साथ शुक्रवार को सुहागिनों ने करवा चौथ का निर्जल व्रत रखा। सोलह श्रृंगार कर शुभ मुहूर्त में शाम को पूजा के साथ, कथा सुनी और चांद देवता का दर्शन व अर्ध्य दिया। फिर अपने पति के हाथों से जल ग्रहण कर लगभग 15 घंटे व्रत रखा। वहीं कई स्थानों पर कुंवारी कन्याओं ने अच्छे जीवनसाथी की कामना के साथ सूर्योदय से चंद्रोदय तक बिना कुछ खाए-पीये करवा चौथ का व्रत रखा। ज्योतिषाचार्य के मुताबिक इस बार करवा चौथ पर सिद्धि योग बना। जो पूजा-पाठ और शुभ कार्यों के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है।
ब्यूटी पार्लरों और मेहंदी की दुकानों पर दिखी लंबी लाइनें
चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में रहा। यह संयोग सुहागिनों के लिए बहुत शुभ और फलदायी रहा। करवा चौथ पर हर जगह बाजारों में खास रौनक देखने को मिली। महिलाएं ने चूरा, मिष्ठान, सिंदूर, फूल और माला वगैरह की खरीदारी की। वहीं, सुबह से ब्यूटी पार्लरों और मेहंदी की दुकानों पर भी लंबी लाइनें देखी गई। अखंड सौभाग्य के महापर्व करवाचौथ पर सुबह सुर्योदय से पहले सुहागिनों ने स्नान-ध्यान के बाद सुख सौभाग्य का संकल्प करके व्रत रखा। शाम को महिलाओं ने अपने विवाह का जोड़ा या पारंपरिक लहंगा पहन कर, सोलह शृंगार में सजधज कर शुभ मूहूर्त में कहीं अपने परिवार की महिलाओं, तो कहीं मोहल्ले की महिलाओं के साथ सामूहिक रूप से छत व आंगन में मिट्टी, चांदी, पीतल आदि का करवा लेकर पूजन किया।
सुहागिनों ने अपने परिवार के बड़ों का लिया अशीर्वाद
शिव-पार्वती, कार्तिकेय, गणेश और चंद्र देव का विधि विधान से पूजन किया। करवाचौथ की कथा कही और सुनी। इस बार गुरु और शुक्र के अस्त ना होने की वजह से नवविवाहित महिलाओं ने भी अपना पहला करवाचौथ का व्रत रखा। इसके बाद रात 8.02 मिनट पर चन्द्रोदय होते ही महिलाओं ने चन्द्र देव का दर्शन कर अर्घ्य दिया। अपने पति के हाथों से जल और मिष्ठान ग्रहण कर व्रत का पारण किया। पूजन के बाद सुहागिन महिलाओं ने अपने परिवार के बड़ों से अशीर्वाद प्राप्त किया।
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Daily Skin Care: रोजाना स्किन की देखरेख करना गुड हैबिट है। आपकी त्वचा भी डल है तो इसके पीछे बहुत सी वजह हो सकती है। जिनमें से आपका खराब लाइफस्टाइल, उल्टा सीधा खाना और खराब स्किन केयर शामिल है। हमारे शरीर की तरह ही हमारी त्वचा को भी देखभाल की जरूरत होती है और इसके लिए आपको रोजाना स्किन केयर रूटीन का पालन करना होगा। अपनी डल और डेमेज स्किन के लिए नीचे दिए गए टिप्स का करें पालन-
सबसे पहले चुनें एक अच्छे क्लींजर को
आपकी त्वचा से हर तरह की गंदगी को निकालने के लिए एक अच्छे से फेसवॉश की जरूरत होती है। इसके लिए आप अपनी त्वचा टाइप के हिसाब से अच्छी गुणवत्ता वाला फेसवॉश बाजार से ले लें।
एक अच्छे मॉइश्चराइजर का करें इस्तेमाल
अगर आपकी स्किन ऑयली है और आप सोचती हैं कि आपको किसी मॉइश्चराइजर की जरूरत नहीं है तो आप बिल्कुल गलत हैं। हर किसी को स्किन को मॉइश्चराइजर की आवश्यकता होती है। अगर आप की ऑयली स्किन है तो आपको कोई ऑयल फ्री मॉइश्चराइजर इस्तेमाल करना चाहिए और अगर ड्राई स्किन है तो किसी साधारण से मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करें।
सनस्क्रीन लगाना है जरूरी
अगर आप कहीं बाहर निकल रही हैं तो सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना आवश्यक है। यह आपकी स्किन को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाता है और यदि आप घर बाहर नहीं भी निकल रही हैं तो भी आपको कम से कम एसपीएफ 30 या उससे कम का सनस्क्रीन जरूर लगाना चाहिए। बता दें कि आपको इसका प्रयोग हर चार घंटों के अंतराल पर री-अप्लाई करते रहना चाहिए। अगर आप इसका प्रयोग नहीं करती हैं तो आपकी स्किन बहुत डेमेज हो सकती है।
नाइट क्रीम का इस्तेमाल करें
नाइट क्रीम का इस्तेमाल वैसे तो अक्सर करते रहना फायदेमंद होता है। लेकिन अगर आपकी स्किन ज्यादा सेंसिटिव है तो आपको एक बार अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। कई बार कुछ नाइट क्रीम ज्यादा गाढ़े होते हैं और उससे आपकी स्किन में एक्ने व पिंपल्स हो सकती हैं। इसलिए अपने डर्मेटॉलजिस्ट की सलाह जरूर लेनी चाहिए। अगर आप इन्हीं सिंपल बातों को इग्नोर कर देते हैं तो आपकी स्किन धीरे धीरे डल व डेमेज होनी शुरू हो सकती है।
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Coconut Oil and Methee Seeds: लंबे काले बालों के लिए नियमित सिर की तेल मालिश करना फायदेमंद माना जाता है। इसी तरह बालों में प्राकृतिक और आयुर्वेदिक हर्ब्स से तैयार तेल लगाने के भी कई फायदे होते हैं। ऐसे ही एक विधि है नारियल तेल के साथ मेथी का सीड्स। यह मिश्रण बालों में जादुई अंतर लाता है और बालों और सिर के स्किन को पोषण प्रदान करता है। सबसे खास बात यह है कि मेथी और नारियल तेल बालों में लगाने से हेयर में ग्रोथ देखने को मिलता है। आइये जानते हैं कैसे बालों के लिए कैसे तैयार करें ये खास तेल?
आयुर्वेदिक तेल को ऐसे करें तैयार
नारियल तेल के 100 ml के साथ 02 चम्मच मेथी दाना और मुट्ठीभर करी पत्ते 10-15 मिनट के लिए उबालें। फिर इस ऑयल को उतारकर ठंडा कर लें। ठंडा होने के बाद ऑयल को छान लें और किसी बोतल में भर दें। शैम्पू करने से पहले सिर की अच्छे से मालिश करने के लिए इस तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
बालों का रूखापन होता है दूर
रूखे बालों की ड्राइनेस कम करने के लिए आप नारियल तेल और मेथी दानों से तैयार यह तेल लगा सकते हैं। इससे आपके सिर की त्वचा को भी पोषण मिलता है। पोषण मिलने से बाल सॉफ्ट और मुलायम बनते हैं और हेयर स्ट्रेंथ में भी इजाफा होता है।
ऐसे बढ़ाएं अपने बालों का ग्रोथ
नारियल तेल में लॉरिक एसिड होता है जो हेयर के रूट को मजबूत करने का काम करता है। इसी प्रकार मेथी में पाए जाने वाले प्रोटीन और निकोटिनिक एसिड जैसे तत्व बालों की ग्रोथ बढ़ाते हैं। इससे बालों की लंबाई बढ़ती है।
बालों को व्हाइट होने से बचाए
वक्त से पहले सफेद होते बालों की समस्या से राहत पाने के लिए आप बालों में नारियल तेल और मेथी के सीड्स से तैयार इस हर्बल ऑयल को इस्तेमाल कर सकते हैं। ये बालों की स्ट्रेंथ बढ़ाने के साथ बालों को वक्त से पहले व्हाइट होने से रोकता है।
नारियल तेल और मेथी डैंड्रफ कंट्रोल में होता है मददगार
मेथी बालों में डैंड्रफ को दूर करने में काफी कारगर साबित होता है। अलावा इसके मेथी के सीड्स बालों में शाइनिंग लाने का काम करते हैं।
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