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Bollywood's King Khan also posted an emotional post remembering Dharam ji

Dharmendra:

सिनेमा जगत के हीमैन का निधन हो गया। वह 12 नवंबर को ही अस्पताल से घर लौटे थे। धर्मेंद्र को 31 अक्टूबर को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके बाद से घर पर ही उनका इलाज डॉक्टरों की देखरेख में चल रहा था। उनका सोमवार को मुंबई के विले पार्ले में अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके अंतिम दर्शन करने के लिए शोले के जय यानी अमिताभ बच्चन, संजय दत्त, शाहरुख खान, अक्षय कुमार, सलमान खान, आमिर खान, शबाना आजमी और अनिल कपूर समेत की दिग्गज सितारे पहुंचे। श्मशान घाट पर धर्मेंद्र की बेटी ईशा देओल और पोते करण देओल को काफी इमोशनल देखा गया।

Dharmendra's family has put an end to the rumours about his health after being on a ventilator

बॉलीवुड के किंग खान ने भी धरम जी को याद करते हुए पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा- ‘मेरे लिए आप सिर्फ एक महान कलाकार नहीं, एक पिता जैसे मार्गदर्शक थे।’

हेमा मालिनी की भी आंखें नम थीं। धर्मेंद्र और हेमा ने 1980 में शादी की थी और आखिर 45 साल बाद दोनों को साथ छूट गया। धर्मेंद्र का जन्म 8 दिसंबर, 1935 को पंजाब के साहनेवाल गांव में हुआ था। 65 साल के करियर में 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और वह हिंदी सिनेमा में सबसे ज्यादा हिट फिल्मों का रिकॉर्ड रखते हैं। धर्मेंद्र ने 1960 में ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ से डेब्यू किया और साल 1960 के दशक में पॉपुलर हो गए। उनका आई मिलन की बेला, फूल और पत्थर और आए दिन बहार के.. ने उन्हें इस दशक में रातोंरात लोकप्रियता दिलाई। वहीं उन्हें हीमैन का दर्जा दिया गया, जो आज भी कायम है। उनकी फिल्में शोले से लेकर यमला पगला दीवाना तक सभी फिल्में फैंस की फेवरेट रही हैं। धर्मेंद्र ने शोले, धर्मवीर, चुपके-चुपके, मेरा गांव मेरा देश और ड्रीम गर्ल जैसी कई यादगार फिल्में दीं।

हाल ही में वो शाहिद कपूर-कृति सेनन की फिल्म ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’ में नजर आए थे। अब वो जल्द ही अगस्त्य नंदा की फिल्म ‘इक्कीस’ में दिखेंगे, जो इस साल 25 दिसंबर को रिलीज होगी। इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज हो चुका है, जिसमें धर्मेंद्र को शानदार अंदाज देखने को मिला।

 

Dharmendra's family has put an end to the rumours about his health after being on a ventilator

Dharmendra Health: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र की तबीयत के मद्देनजर सोशल मीडिया पर कई तरह की खबरों के बीच, उनके परिवार और सनी देओल की टीम की ओर से आई आधिकारिक जानकारी सामने आई है।

देओल परिवार के अनुसार धर्मेंद्र की तबीयत फिलहाल स्थिर है और उनकी हालत में सुधार जारी है। आइये जानते हैं कि एक्टर धर्मेंद्र के साथ अस्पताल में कौन-कौन है और उनकी तबीयत में कितना सुधार है? 89 साल की उम्र में भी धर्मेंद्र अपनी मजबूत इच्छाशक्ति के लिए जाने जाते हैं और डॉक्टरों ने उनकी हालत को स्थिर बताया है। धर्मेंद्र की देखभाल एक्सपर्ट डॉक्टर की टीम की निगरानी में की जा रही है। वहीं, उनके परिवार के सभी सदस्य हेमा मालिनी सनी देओल और बॉबी दओल अस्पताल में मौजूद हैं। धर्मेंद्र के फैंस और इंडस्ट्री के साथी सितारे लगातार उनके जल्द स्वस्थ होने की दुआ कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर #GetWellSoonDharmendra ट्रेंड कर रहा है और देशभर में दुआओं का सिलसिला जारी है।

परिवार ने झूठी खबरों का किया खंडन

धर्मेंद्र के परिवार ने अफवाहों पर पूरी तरह विराम लगा दिया है। सनी देओल की टीम ने कहा कि वे रिकवर कर रहे हैं और इलाज का असर हो रहा है। आइए हम सब उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करें। टीम ने यह भी बताया कि वह लगातार मीडिया से संपर्क में हैं और धर्मेंद्र की तबीयत पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने लोगों से किसी भी तरह की अफवाह पर रोक लगाने की अपील की है।

बता दें कि धर्मेंद्र की तबीयत को लेकर झूठी खबरें सोशल मीडिया पर रातोंरात फैल गई थीं। इन खबरों को देखकर कई नामी हस्तियों और राजनीतिक नेताओं ने भी श्रद्धांजलि संदेश साझा कर दिए, लेकिन कुछ ही घंटों में धर्मेंद्र के परिवार ने इन खबरों का खंडन किया और कहा कि अभिनेता का इलाज चल रहा है।

 

Chhath Puja: On Chhath, the great festival of folk faith

CHHATH PUJA: देशभर में लोक आस्था का महापर्व छठ पूरे हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। सोमवार शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखांड समेत देश के कई हिस्सों में नदियों के घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।

Chhath Puja

दिल्ली में भी यमुना तट पर पारंपरिक गीतों और पूजा के बीच माहौल आस्थामय दिखा। इस अवसर पर ना सिर्फ आम लोगों के साथ ही नेतागण और भोजपुरी इंडस्‍ट्री के कलाकार भी भक्ति में लीन नजर आए। घाटों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे और प्रशासन ने व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए विशेष टीम तैनात की थी। छठ पूजा की खासियत यह रही कि लोग सुबह से ही तैयारी में जुटे रहे और शाम होते ही सूर्य को अर्घ्‍य देने के लिए घाटों पर पहुंचे। सोमवार को इस पर्व के तीसरे दिन व्रती महिलाओं ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया।

Importance of 'Chhath', the great festival of folk faith, from bathing to Arghya

बिहार में छठ ना सिर्फ आस्था का पर्व है, बल्कि इस बार चुनावी मौसम ने इसमें राजनीति का रंग भी जोड़ दिया है। विधानसभा चुनाव के कारण कई उम्मीदवार घाटों पर पहुंच रहे हैं और श्रद्धालुओं से जनसंपर्क करते नजर आए।

फोटो सौजन्य- गूगल

Chhath Puja: Learn the significance and method of preparation of Kharna

Chhath Puja: महापर्व छठ का आगाज 25 अक्टूबर को हो चुका है। चार दिनों तक चलने वाले छठ पर्व का समापन 29 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर होगा। पहले दिन नाहय-खाय और आज यानी 26 अक्टूबर को छठ पर्व के दूसरे दिन खरना मनाया जाता है। खरना का भी अपना विशेष महत्व है। छठ में सूर्य देवता के साथ ही छठी मैया की भी पूजा की जाती है। यह त्योहार बिहार का विशेष त्योहार है जिसे झारखंड, उत्तर प्रदेश में रहने वाले लोग बड़े ही आस्था के साथ मनाते हैं। खरना को लोहंडा भी कहा जाता है। खरना पर खास प्रसाद बनाया जाता है जिसका अपना अलग महत्व है। इसी खास प्रसाद को व्रती खाते हैं।

खरना पर प्रसाद में क्या बनता है?

Chhath Puja

खरना 26 अक्टूबर को है। इस दिन गुड़ वाली खीर और रोटी बनती है। यह खीर मिट्टी का नया चूल्हा बनाकर तैयार किया जाता है। वह भी आम की लकड़ी जलाकर बनाने की प्रथा है। दूसरी लकड़ी का इस्तेमाल इसमें वर्जित माना गया है। व्रती पूजा के बाद प्रसाद के तौर पर इसका ही सेवन करते हैं।

खरना प्रसाद का महत्व ?

खरना वाले दिन व्रती पूरे दिन उपवास रखते हैं। शाम के समय जब मिट्टी का चूल्हा बनाया जाता है, तो उस पर गुड़ की खीर, रोटी बनाई जाती है। आप इसे पीतल या मिर्टी के बर्तन में बना सकते हैं। साथ ही गेहूं की रोटी या फिर पूड़ी बनाई जाती है। शाम में सूर्य देव को पूजा-आराधना करके इस प्रसाद को ग्रहण करते हैं।

आम की लकड़ी ही क्यों किया जाता है इस्तेमाल?

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक आम का पेड़ छठी मइया को प्रिय है। आम की लकड़ी शुद्ध, सात्विक होता है। मान्यता है कि आम की लकड़ी पर पके भोजन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। साथ ही इसका धुआं वातावरण को शुद्ध करता है।

खरना का क्या है महत्व?

खरना छठ पर्व के दूसरे दिन पड़ता है और यहीं से 36 घंटे वाला निर्जला व्रत शुरू होता है। खीर और रोटी खाने के बाद व्रती अन्न और जल ग्रहण नहीं करते हैं। खरना के दिन बनने वाली गुड़ की खीर खाने से छठी मइया का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह सेहत, सुख-समृद्धि, संतान सुख भी देता है। व्रती जब सूर्य देव को अर्घ्य दे देते हैं तो इस प्रसाद का सेवन किया जाता है। उसके बाद ही घर के अन्य सदस्य भी इसे खाते हैं। यहां से शुरू होता है व्रती का 36 घंटे का निर्जला व्रत 27 अक्टूबर को संध्या अर्घ्य और 28 को उगते सूरज को अर्घ्य देकर पूजा का पारण होता है।

खरना प्रसाद गुड़ की खीर बनाने की विधि

इसके लिए मिट्टी या पीतल के बर्तन में दूध डालकर उबालें। इसमें चावल को तीन-चार बार साफ पानी से धोकर डालें। जब चावल पक जाए तो उसमें गुड़ डालकर पकाएं, आंच को कम ही रखें, आप इसमें थोड़ा सा शुद्ध घी भी मिला सकते हैं। अपना पसंदीदा ड्राई फ्रूट्स, इलाचयी पाउडर भी डाल दें।

फोटो सौजन्य- गूगल

How to worship and where to light lamps on Narak Chaturdashi

Narak Chaturdashi: सनातन परंपरा में कार्तिक मास के कृष्णापक्ष की चतुर्दशी तिथि को छोटी दीपावली या फिर नरक चतुर्दशी, रूप चतुर्दशी और हनुमान पूजा के नाम के तौर पर मनाते हैं। यह पर्व दिवाली से ठीक एक दिन पहले मनाया जाता है। हिंदू मान्यता के मुताबिक नरक चतुर्दशी के दिन ही भगवान कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध करके 16,000 महिलाओं को उसकी कैद से मुक्त कराया था। इस दिन सुबह के समय शरीर में उबटन लगाकर अभ्यंग स्नान की भी परंपरा है।

नरक चतुर्दशी को हनुमान पूजा के नाम से भी जाना जाता है, इसलिए इस दिन हनुमान जी की विधि विधान से पूजा की जाती है। छोटी दीपावली या फिर नरक चतुर्दशी के दिन शाम के समय यम देवता के लिए विशेष रूप से दीया जलाया जाता है। आइये जानते हैं कि आज किस समय और किस दिशा में दीया जलाने से हमें पुण्यफल की प्राप्ति होती है।

छोटी दिवाली पर कहां जलाए दीया

हिंदू मान्यता के मुताबिक आज के दिन यम देवता के लिए विशेष रूप से दीया जलाया जाता है। मान्यता है कि आज के दिन यम देवता के लिए दीया जलाने से नरक में जाने से मुक्ति मिलती है। हिंदू मान्यता के मुताबिक आज प्रदोषकाल में यम देवता के लिए दीया जलाने के साथ 14 दीया जलाना शुभ माना गया है। जिसे घर के विभिन्न स्थानों जैसे आंगन, बालकनी, छत, दरवाजे के बाहर आदि जगह पर रखना चाहिए। छोटी दिवाली के दिन सरसों के तेल का दीया जलाना चाहिए।

नरक चतुर्दशी पर दीया जलाने का मुहूर्त

How to worship and where to light lamps on Narak Chaturdashi

पंचांग के अनुसार आज नरक चतुर्दशी या फिर कहें छोटी दिवाली पर गोधूलि मुहूर्त 5 बजकर 47 मिनट से लेकर 6 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। अलावा इसके आप सायाह्न संध्या के समय यानि सायंकाल 5 बजकर 47 से 7 बजकर 03 मिनट तक बजे के बीच का समय भी दीपदान के लिए उचित रहेगा।

छोटी दिवाली के लिए ये है महाउपाय

छोटी दिवाली के दिन गाय के गोबर से बनाए हुए दीये जलाने की परंपरा है। मान्यता है कि इस उपाय को करने से यम की यातना से मुक्ति मिलती है। आज यम देवता के लिए उनके मंत्र का जप करते हुए चार बाती वाला दीया प्रदोषकाल में जलाना चाहिए। मान्यता है कि इस उपाय को करने से व्यक्ति को यम और प्रेत बाधा का भय नहीं रहता है। दिवाली के पंचपर्व में यम देवता का पूजा विशेष रूप से होता है। गौरतलब है कि दिवाली के पांच पर्वों में न सिर्फ नरक चतुर्दशी बल्कि भैया दूज का पर्व भी यम देवता और यमुना माता से जुड़ा हुआ है।

छोटी दिवाली में दीये का महत्व

हिंदू मान्यता के अनुसार बड़ी दिवाली के मुकाबले आज घरों में जो दीपमालिकाएं बनाई जाती हैं, वो कुछ छोटी होती हैं। मान्यता है कि छोटी दिवाली के दिन जलाए जाने वाले दीये नकारात्मकता को दूर करके सकारात्मकता लाते हैं। छोटी दिवाली पर जलाए जाने वाले ये दीये इस पर्व की पवित्रता के प्रतीक हैं।

फोटो सौजन्य- गूगल

Did anti-aging medicines become the cause of Shefali Jariwala's death?

Shefali Jariwala: अभिनेत्री शेफाली जरीवाला का 27 जून को देर रात निधन हो गया। उन्होंने 42 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। शेफाली के अचानक मौत की खबर से पूरी इंडस्ट्री में शोक की लहर है। जिसने भी येखबर सुनी वो स्तब्ध है और साथ ही यह सवाल भी पूछा जा रहा है कि आखिर शेफाली को हुआ क्या? कैसे हुई इतनी कम उम्र में मौत? पुलिस टीम की जांच में इससे जुड़ी कुछ बातें सामने आईं हैं। आइये जानते हैं क्या हैं वो बातें-

क्या शेफाली की कार्डियक अरेस्ट से गई जान?

शेफाली जरीवाला के निधन की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई जा रही है। अभी तक की पुलिस जांच में भी एक बड़ी वजह कार्डियक अरेस्ट होने की सामने आई है। जांच में सामने आया है कि शुक्रवार रात करीब 10-11 बजे उनकी बॉडी अचानक से कांपने लगी और वो नीचे गिर गईं। इसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल लेकर जाया गया। उस समय घर में शेफाली, उनके पति पराग और शेफाली की मां के अलावा कुछ अन्य लोग मौजदू थे।

एंटी एजिंग दवाओं से हो सकता है कनेक्शन?

जांच में यह भी सामने आया है कि शेफाली पिछले कई वर्षों से हर महीने एंटी एजिंग दवाईयां ले रही थीं। एंटी एजनिंग और विटामिन की दवाईयां लेने की सलाह शेफाली ने करीब 7-8 साल पहले एक डॉक्टर से ली थी। इसके बाद वे लगातार हर महीने यह दवा ले रहीं थीं।

शुक्रवार को था शेफाली का व्रत

Did anti-aging medicines become the cause of Shefali Jariwala's death?

शुक्रवार 27 जून को शेफाली ने व्रत रखा था। जांच में सामने आया है कि घर में पूजा होने की वजह से शेफाली ने व्रत रखा था। इसके बावजूद उन्होंने अपनी एंटी एजिंग दवा को दोपहर में इंजेक्ट किया था। पुलिस की एफएसएल (FSL) टीम ने शेफाली के घर से बहुत सारी दवाईयों सीज की हैं। इनमें एंटी एजिंग मेडिसिन, विटामिन और गैस्ट्रिक से जुड़ी गोलियां शामिल हैं।

पुलिस ने दर्ज किया कई लोगों के बयान

अब तक इस मामले में करीब 08 लोगों का बयान पुलिस ने दर्ज किया है। इसमें परिवार के लोग, नौकर और बेलेवूए अस्पताल के डॉक्टर शामिल हैं। फिलहाल अब तक की जांच में किसी भी तरह के विवाद की बात सामने नहीं आई है।

फोटो सौजन्य- गूगल

Miss World 2025: After winning the title of Miss World

72वें Miss World 2025 का भव्य समापन शनिवार को हैदराबाद के हाईटेक्स एग्जीबिशन सेंटर में हुआ। थाईलैंड की 21 वर्षीय मॉ
डल ओपल सुचाता चुआंगसरी ने मिस वर्ल्ड 2025 का खिताब पर कब्जा जमाया। इस सौंदर्य प्रगियोगिता में 108 मुल्कों की हसीनाओं ने हिस्सी लिया लेकिन भारत की नंदिनी गुप्ता टॉप 8 में जगह नहीं बना पाईं। इथियोपिया की हस्सेट डेरेज अदमासु को रनर-अप घोषित किया गया। बता दें कि भारत की सुंदरी नंदिनी गुप्ता मिस वर्ल्ड की प्रबल दावेदार मानी जा रही थीं। थाईलैंड की रहने वाली सुचाता ने पहली बार इस खिताब को जीत अपने देश का गौरव बढ़ाया। जीत के बाद विनर ने मीडिया से बातचीत में अपने विचार रखे-

खुद पर और अपनी टीम पर है गर्व

मिस वर्ल्ड का ताज पहनने के बाद ओपल सुचाता ने मीडिया से बातचीत में कहा कि थाईलैंड में सभी लोग 72 साल से पहली बार मिस वर्ल्ड का खिताब जीतने का इंतजार कर रहे थे। साथ ही उन्होंने बताया कि उन्हें इस ताज को पहनने के बाद यकीन नहीं हो रहा था कि वह अपना पहला खिताब अपने देश लेकर जाएंगी। अलावा इसके मिस वर्ल्ड विनर ने कहा कि उन्हें खुद पर और अपनी टीम पर भी बहुत गर्व है, क्योंकि उन्हीं की वजह से वो यहां तक पहुंचीं हैं।

भारत को हमेशा याद रखेंगी 

मिस वर्ल्ड विजेता ओपल सुचाता ने आगे बातचीत में कहा कि मैं अभी अपने दोस्तों से बात कर रही थी कि मैं इस जगह को छोड़ना नहीं चाहती। इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि यहां के लोग, यहां का खानपान और हर चीज लाजवाब है। वह यहां आकर बेहद खुश हुईं। उनकी भारत की यात्रा बेहद शानदार थी और उन्होंने यहां बहुत सारे खुशनुमा पलों को जिया, जिसे वो संजोकर रखना चाहती हैं।

महिलाओं के स्वास्थ्य पर कर रही काम

आगे बातचीत में उन्होंने कहा कि मेरा प्रोजेक्ट स्तन कैंसर जागरूकता और महिलाओं के स्वास्थ्य पर केंद्रित है लेकिन अब मैं मिस वर्ल्ड हूं, इसलिए मेरे पास अन्य प्रोजेक्ट्स का समर्थन करने का अधिक अवसर है। मैं चुनाव नहीं करना चाहती, अगर मुझे सभी का समर्थन करने का मौका मिले, तो मैं सभी का समर्थन करना चाहती हूं।

भारत ऐसे चुका मिस वर्ल्ड का खिताब

मिस वर्ल्ड 2025 में भारत की तरफ से शामिल रहीं नंदिनी गुप्ता ने शानदार टक्कर दिया। खिताब के बहुत करीब आकर नंदिनी अंतिम 08 की सूची में जगह बनाने से चूक गई। अभी तक भारत छह बार मिस वर्ल्ड का ताज अपने नाम कर चुका है।

फोटो सौजन्य- गूगल

Actress Mamta Kulkarni became Mahamandaleshwar Shri Yamai Mamta Nand Giri

प्रयागराज: बॉलीवुड की सबसे बोल्ड अभिनेत्रियों में से एक Mamta Kulkarni अब अदाकारा से महामंडलेश्वर बन गईं हैं। महाकुंभ में पिंडदान और संगम में स्नान के बाद किन्नर अखाड़े की आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता का पट्टाभिषेक करते हुए उन्हें नए नाम से भी नवाजा। ममता कुलकर्णी अब यमाई ममता नंद गिरि बन चुकी हैं। ममता वैसे तो तकरीबन दो दशक से साध्वी जैसी ही जीवन जीने का दावा करती रही हैं।

Actress Mamta Kulkarni became Mahamandaleshwar Shri Yamai Mamta Nand Giri

उन्होंने महामंडलेश्वर बनने से ठीक पहले भी कहा कि इस उपाधि को पाने से पहले उनकी परीक्षा भी ली गई है। ममता का कहना है कि 23 वर्ष तक की गई तपस्या, साधना और ध्यान से संबंधित ढेर साले प्रश्न पूछे गए। हर प्रश्न का सही जवाब देने और कई तरह की परीक्षाओं में पास होने के बाद उन्हें यह उपाधि मिली है।

ममता एक दिन पहले ही महाकुंभ में पहुंची थीं। यहां आने से पहले उन्होंने अपना एक वीडियो भी इंस्टग्राम पर पोस्ट करते हुए कहा था कि वह महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान के लिए जाने वाली हैं। उससे पहले काशी विश्वनाथ और अयोध्या भी जाएंगी। पर काशी के बजाए वह प्रयागराज आ गईं। यहां किन्नर अखाड़े की आचार्य लक्ष्मी नारायण के पास पहुंचीं और उनसे सनातन धर्म को आगे बढ़ाने के लिए काम करने की इच्छा जताई।

आचार्य लक्ष्मी नारायण ने ममता की इच्छा को लेकर कहा कि वह हम लोगों से करीब डेढ़ साल से संपर्क में थीं। इससे पहले भी वह जूना अखाड़े में महामंडलेश्वर के साथ थीं। उनके गुरु के ब्रह्मलीन होने के बाद उन्हें दिशा नहीं मिल रही थी। इस पर उन्होंने इच्छा जाहिर की कि वह सनातन से पूर्ण रूप से जुड़ना चाहती हैं। इसके बाद आईं और कहा कि मुझे कुछ पद चाहिए, मुझे महामंडलेश्वर बनना है।

आचार्य ने कहा, ‘ममता वृंदावन के आश्रम के लिए आगे प्रचार प्रसार करना चाहती हैं। इस पर हमने उनके सामने इसके लिए कुछ शर्त रखी। उनसे कहा गया कि इसके लिए उन्हें संन्यास लेना होगा। पूरी दुनिया छोड़कर हमारी दुनिया में रहना होगा। यह भी छूट दी कि आपको बॉलीवुड या कहीं धार्मिक रोल मिलता है तो कर सकती हैं, हम किसी की कलाकारी में रोक नहीं लगाएंगे। जो भी सनातन के ध्वज में आएगा तो उसे आगे लेकर चलेंगे। कहा कि वह पूर्ण रूप से सनातन में शरणागत होकर आई हैं। जो भी बच्चा सनातन धर्म में आएगा, हम किन्नर अखाड़ा उसको अपनाएगा। यह भी कहा कि उन्हें आगे प्रवक्ता भी बनाया जाएगा, पूरा अखाड़ा बैठकर इस बारे में निर्णय लेगा।’

फोटो सौजन्य- गूगल

Govinda in Hospital: How Govinda got shot

Govinda Case: हिंदी सिनेमा के लोकप्रिय स्टार गोविंदा को गोली लगने के मामले में पुलिस ने अपनी जांच पूरी कर ली है। डीसीपी दीक्षित गेदाम ने स्पष्ट कर दिया है कि ये मामला सिर्फ एक हादसा है। बता दें कि कहीं कोई साजिश नजर नहीं आ रही है। हालांकि, अभी तक गोविंदा का बयान दर्ज नहीं किया जा सका है, क्योंकि अभी वो अस्पताल में हैं।

पुलिस के मुताबिक जिस गन से गोली चली थी वो गोविंदा की अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर है। जांच में मालूम चला है कि यह सिर्फ एक हादसा है, इसलिए अभी तक कोई केस दर्ज नहीं किया गया है। महाराष्ट्र पुलिस ने महज अपनी डायरी में इस हादसे को एक रिपोर्ट के तहत लिया है।

मालूम हो कि गोविंदा को मंगलवार की सुबह 4 बजकर, 45 मिनट पर गोली लग गई थी, जिसके बाद उन्हें फौरन क्रिटीकेयर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बताया गया कि गोविंदा कोलकाता जाने के लिए निकल रहे थे, इससे पहले उन्होंने अपनी रिवॉल्वर को साफ करने के लिए निकाला ताकि इसके बाद अलमारी में सुरक्षित रख सकें लेकिन रिवॉल्वर उनके हाथ से गिर गई और मिस-फायर हो गया।

गोविंदा ने दिया था हेल्थ अपडेट

इस पूरे मामले में गोविंदा के पैर में गोली लगी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने तुरंत सर्जरी कर उनके पैर से गोली निकाली। इसके बाद एक्टर को आईसीयू में अंडर-ऑब्जर्वेशन रखा गया था। हालांकि गोविंदा ने खुद एक ऑडियो जारी कर ये क्लियर किया था ये गोली उन्हें गलती से लगी है, बाबा के आशीर्वाद से सब ठीक है। उनके पैर से गोली को निकाल लिया गया है और अब उनकी हालत में सुधार है।

पुलिस ने नहीं लिया गोविंदा का बयान

गोविंदा के मैनेजर शशि सिन्हा ने बताया था कि मुंबई पुलिस ने गोविंदा की बेटी टीना का बयान दर्ज किया है लेकिन गोविंदा का बयान अभी तक दर्ज नहीं हुआ है। गोविंदा की सेहत में सुधार के बाद उनका बयान दर्ज किया जाएगा। बीती शाम मुंबई पुलिस के अधिकारी अस्पताल में पहुंचे थे। उन्होंने गोविंदा से बातचीत की। उनके साथ हुई घटना के बारे में जानकारी ली पर अभी तक ऑफिशियली एक्टर का बयान दर्ज नहीं किया गया है।

गोविंदा की पत्नी सुनीता ने क्या बताया?

पत्नी सुनीता आहुजा ने बताया कि उनकी तबीयत पहले से बेहतर है। उन्हें नार्मल वॉर्ड में शिफ्ट किया जाएगा। वो कल यानी मंगलवार से बेहतर हैं। गुरुवार को उन्हें डिसचार्ज कर दिया जाएगा। आप सभी के, फैंस की दुआ से गोविंदा बिल्कुल ठीक हैं। हर जगह उनके सेहत को लेकर पूजा प्रार्थना चल रही है। उनकी बहुत ज्यादा फैन फॉलोइंग है। सबके आर्शीवाद से उनकी तबीयत बेहतर हुई है। मैं फैंस से आग्रह करती हूं कि वो जरा भी पैनिक ना हों। कुछ महीनों बाद वह फिर से डांस फ्लोर पर होंगे।

फोटो सौजन्य- गूगल

Alka Yagnik lost her hearing

मुंबई: दिग्गज गायिका अलका याग्निक (Alka Yagnik) ने सोशल मीडिया के जरिए बताया कि उन्हें एक रेयर सेंसरी न्यूरल नर्व हियरिंग लॉस से जूझ रही हैं। अलका याग्निक को ये बीमारी अचानक हुआ है। इंस्टाग्राम पर अपने पोस्ट में उन्होंने बताया कि यही वजह था कि वह कुछ वक्त से गायब थीं। उन्होंने यह भी बताया कि इस अचानक बड़े झटके ने उन्हें चौंका दिया और अलका याग्निक भी इससे उबरने का प्रयास कर रही हैं। उनकी इस हालत के बारे में जान कर फैन्स से लेकर सिनेमा जगत से जुड़े लोग भी काफी चिंतित हैं। सोनू निगम, इला अरुण और शंकर महादेवन जैसे सुर सम्राटों ने अलका के पोस्ट पर रिएक्ट किया है।

सोशल मीडिया पर साझा की गई जानकारी के अनुसार अलका फ्लाइट से निकली और अचानक उन्हें सुनाई देना बंद हो गया। डॉक्टर्स ने इसे एक रेयर सेंसरी नर्व हियरिंग लॉस डायग्नोज किया है, जो एक वायरल अटैक के कारण हुआ है। इस खबर के सुनते ही अलका के फैंस और संगीत जगत के कई दिग्गज कलाकारों को झटका लगा है और उन्होंने गायिका के जल्द स्वस्थ होने की दुआ की है।

 

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सोनू निगम ने कहा- ‘मुझे पता था कि कुछ ठीक नहीं है

सोनू निगम ने अलका की इंस्टाग्राम पोस्ट पर टिप्पणी कि, ‘मुझे पता था कि कुछ ठीक नहीं है। जब मैं वापस आऊंगा तो आपसे मिलूंगा।’ सोनू और अलका ने कई लोकप्रिय गानों में साथ काम किया है, जैसे ‘हमें जबसे मोहब्बत’ , ‘व्हाट इज मोबाइल नंबर’, ‘दिल ने ये कहा है दिल से’, ‘बांके तेरा जोगी’, ‘सूरज हुआ मद्धम’ और ‘तुम्ही देखो ना’। वहीं, एआर रहमान ने भी कमेंट कर लिखा, ‘आपके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। ढेर सारी प्रार्थनाएं और प्यार।’

प्यारी अलका मैंने आपकी तस्वीर देखी और..- इला अरुण

Alka Yagnik lost her hearing

वरिष्ठ गायिका इला अरुण ने अलका के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हुए लिखा, “यह सुनकर बहुत दुख हुआ। प्यारी अलका मैंने आपकी तस्वीर देखी और प्रतिक्रिया दी, लेकिन फिर मैंने पढ़ा, यह दिल तोड़ने वाला है। लेकिन दुआओं के साथ। और आज के सबसे अच्छे डॉक्टरों की कृपा से आप ठीक हो जाएंगी और जल्द ही हम आपकी मधुर आवाज सुनेंगे। अपना ख्याल रखना।”

‘आप बिल्कुल ठीक हो जाएंगी और हमेशा की तरह कमाल करेंगी’

 

वहीं, शंकर महादेवन ने लिखा कि आपके जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहा हूं अलका जी! आप बिल्कुल ठीक हो जाएंगी और हमेशा की तरह कमाल करेंगी! ढेर सारा प्यार और शुभकामनाएं।” शंकर ने फरहान अख्तर की ‘दिल चाहता है, ‘कभी अलविदा ना कहना’ जैसी फिल्मों में अलका के साथ काम किया है।

फोटो सौजन्य- गूगल

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