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Category Archives: Lifestyle

Sex life

एक समय था जब कोरोना ने हमें अपने अपने घरों की चारदीवारी में बैठकर अपना मनोरंजन का इंतजाम करने को मजबूर कर दिया था। इस दरम्यान बोर्ड गेम को काफी तरजी मिली क्योंकि दोस्तों या पेपर्स के एक ग्रुप ने Online Media पर बोर्ड गेम खेलना शुरू कर दिया।

1. गेम नाइट का बना सकते हैं प्लान

कपल्स दिल चाहे तो कुछ खास ऑनलाइन गेम जैसे कि सीक्वेंस या स्क्रैबल दो लोगों द्वारा खेले जाने वाला गेम खेल सकते हैं। कुछ तो ऐसे भी गेम हैं जो कि आपके बचपन को फिर से जिंदा तक दे।

2. कपल के लिए जरूरी स्पा

एक ही समय में आपको मानसिक शांति देने के साथ-साथ आपकी मसल्स को आराम देने वाले स्पा एक्सपीरियंस को कौन पसंद नहीं करेगा? अपने साथी के साथ एक कपल स्पा एक्सपीरियंस बुक करें और ऑफिस के बिजी डे के बाद एरोमेटिक मसाज के साथ थैरपी का आनंद लें।

यदि आप किसी स्पा में जाने के लिए तैयार नहीं हैं, तो आप सुगंधित तेलों, धीमे संगीत और गर्म पानी के बबल बाथ के साथ एक रोमांटिक इन-हाउस स्पा की योजना भी बना सकते हैं।

3. स्टार-गेजिंग का बनाएं प्लान

आधी रात को जब पूरा शहर सोता है और आपके पास कम प्रदूषण और कम शोर के साथ पूरा आकाश होता है, तो इसका वास्तविक अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। स्टार-गेजिंग का अनुभव प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका है कि शहर की सीमा के बाहरी इलाके में एक कैंपिंग गतिविधि की योजना बनाएं।

यह ऐसी जगह होनी चाहिए, जहां साफ आसमान हो और परेशान करने के लिए कोई शोर नहीं है। अपने पार्टनर के साथ एक रात बिताएं, सितारों की गिनती करें और जीवन भर की यादें बनाएं।

4. ड्रीम डेट पर जा सकते हैं 

आप अपने पार्टनर के लिए उसी जगह ड्रीम डेट प्लान कर सकते हैं, जहां आप उनसे पहली बार मिले थे। अपने साथी को उसी तरह के कपड़े पहनकर आश्चर्यचकित करें (यदि अभी भी आपके पास हैं) और उन्हें उस जगह पर अजनबी के रूप में मिलें, जैसे आप पहली बार मिले थे।

5. एक साथ एक शौक करें पूरा 

When partner is busy

निश्चित रूप से ये एक ऐसी एक्टिविटी होगी, जिसका आप हमेशा अभ्यास करना चाहते थे, लेकिन काम की वजह से या अन्य कारणों से आपको मौका नहीं मिला। पेंटिंग, मिट्टी के बर्तन, डांस, खाना पकाना, ये कुछ भी हो सकता है, जिसे आप अपने साथी के साथ करना पसंद करेंगे। अपने साथी को अपने साथ खुशी के पल साझा करने दें।

6. सनसेट का लें आनंद

कुछ लोगों का सनराइज और सनसेट से एक रिलेशन होता है। यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं, जो सनसेट का पीछा करना पसंद करते हैं, तो समुद्र के किनारे एक रेस्तरां में एक डेट नाइट योजना बनाएं और सनसेट देखने के लिए लंबी पैदल यात्रा करें। यह सबसे रोमांटिक गतिविधियों में से एक हो सकता है, जो आप अपने पार्टनर के साथ करते हैं।

7. रोमांटिक ए़़डवेंचर का लें मजा

अगर आप और आपका पार्टनर उन लोगों में से हैं, जो एड्रेनालाईन रश से प्यार करते हैं, तो राफ्टिंग, बंजी जंपिंग या पैरासेलिंग जैसी एडवेंचर एक्टिविटी की योजना बनाएं और साथ में रोमांच का आनंद लें। साथ में किसी भी एडवेंचर एक्टिविटी को करने के लिए एक रोमांटिक थ्रिल जरूर मिलता है।

परिणाम (Result)

अब बस ये आइडिया पढ़कर इसे भूल मत जाइयेगा, बल्कि ये सोचना शुरू कर दीजिए कि आपकी अगली रोमांटिक डेट कौन सी होगी?

 

Feeding

Pregnancy: एक अध्ययन के अनुसार शाकाहारी भोजन करने वाली महिलाओं के दूध में मांसाहारी महिलाओं की तुलना में कम कीटनाशक पाए गए। यूपी में पिछले दिनों 111 नवजात बच्चों की मौत हो गई और इन नवजात की मौत की वजह गर्भवती महिलाओं के दूध में पाए जाने वाले कीटनाशक को बताया गया। लखनऊ के क्वीन मैरी अस्पताल के अध्ययन के मुताबिक यह दावा किया गया है कि महाराजगंज में हुई इन मौत के लिए महिलाओं के दूध में पाए जाने वाले कीटनाशक हैं। यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि मां के दूध तक कीटनाशक कैसे पहुंचे।

अस्पताल ने इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए कुछ गर्भवती महिलाओं का परीक्षण किया। इस स्टडी में 130 शाकाहारी और मांसाहारी प्रेग्नेंट महिलाओं को शामिल किया गया था। यह शोध डॉक्टरों की एक टीम द्वारा किया गया था। इस शोध को एनवायरमेंटल रिसर्च जनरल में पब्लिश किया गया है। इस रिसर्च में कहा गया है कि शाकाहारी भोजन करने वाली महिलाओं के दूध में मांसाहारी महिलाओं की तुलना में कम कीटनाशक पाए गए पर कीटनाशक दोनों ही महिलाओं में पाए गए।

केमिकल फार्मिंग है कीटनाशक होने की वजह

Breast Feeding

 

अध्ययन के अनुसार मांसाहारी खाने से दूर रहने वाली महिलाओं के स्तन के दूध में कम कीटनाशक पाए गए हैं। शोध में यह भी कहा गया है कि दूध में कीटनाशक होने की वजह केमिकल फार्मिंग है। दरअसल, हरी सब्जियों या तमाम फसलों को उगाने के लिए तरह-तरह के कीटनाशकों और रसायनों का प्रयोग किया जाता है। जानवरों को भी सप्लीमेंट्स और केमिकल्स के इंजेक्शन्स दिए जाते हैं, जिसकी वजह से मांसाहारी भोजन करने वाली महिलाओं के दूध में कीटनाशक उत्पन्न हो जाते हैं।

मांसाहारी भोजन करने वाली महिलाओं के दूध में मौजूद कीटनाशक शाकाहारी महिलाओं की तुलना में तीन गुना ज्यादा थे। इस शोध में कहा गया है कि मां के दूध के जरिए बच्चे में भी कीटनाशक आराम से पहुंच सकते हैं। स्तन के दूध में मौजूद कीटनाशकों ने मासूम शिशुओं को गंभीर नुकसान पहुंचाया, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई।

बहरहाल, इस अध्ययन से स्पष्ट हो गया है कि प्रेग्नेंसी में ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों का ही सेवन करना चाहिए ताकि नवजात बच्चों में कीटनाशक मां के दूध के जरिए ना पहुंच सके।

Take care of these 5 things for better climax on bed

अपनी Sex Life को एंजॉय करना है और उसे खास क्लाइमैक्स से रूबरू कराना चाहती हैं तो सबसे पहले जाने कि वो कौन सा बेहतर तरीका है, जो बेड पर बेहतर क्लाइमैक्स में आपकी मदद कर सकती है। सेक्स लाइफ को मज़ेदार बनाने के लिए नए प्रयोग करने बेहद ज़रूरी है। इससे बोरिंग लाइफ को आसानी से स्पाइस अप किया जा सकता है। उम्र के साथ साथ कपल्स में दूरी आने लगती है। इस दूरी को मिटाने के लिए नई सेक्स पोज़िशन्स से लेकर एक दूसरे की मर्जी को जानना भी ज़रूरी है। अगर आप अपनी सेक्स लाइॅफ को एजॉय करना चाहते हैं और उसे बेहतर क्लाइमैक्स तक पहुंचाना चाहती हैं, तो कुछ खास बातों का ख्याल रखना ज़रूरी है। जानते हैं कि वो कौन सी टिप्स है, जो बेड पर बेहतर क्लाइमैक्स में आपकी मदद कर सकती है।

वेनेरोलॉजिस्ट का कहना है कि क्लाइमैक्स वो क्षण होते हैं, जब सेक्सुअल इंटिमेसी के वक्त आप खुशी, आनंद और एक्साइटमेंट का एहसास करते है। पार्टनर के साथ सेक्सुअली एगेंज होने और मास्टरबेशन के वक्त आर्गेज्म हासिल होती है। कई लोग एक ही वक्त में बार बार आर्गेज्म को महसूस करते हैं, जो सेक्सुअल लाइफ को रोमांचक बना देता है। जानते हैं कुछ ऐसी ही बातें, जो आपके क्लाइमैक्स को यादगार बना सकती है।

वे टिप्स जो यौन आनंद को आसान और चरम तक पहुंचाने में आपकी मदद कर सकते हैं

डर्टी टॉक के हैं जबरदस्त फायदे

Sexual intimacy helps in recovering from loneliness and depression

सेक्स के दौरान प्लैजर में इजाफा और क्लाइमेक्स तक पहुंचने के लिए डर्टी टॉक भी ज़रूरी है। इसमें आप अपनी इच्छाओं को ज़ाहिर कर सकते हैं। कौन सी पोज़िशन आपको सुखद लगती है। इस बारे में अपने पार्टनर से अवश्य बात करें। कम्यूनिकेशन आपकी सेक्स लाइफ को स्पाइस अप कर सकता है। इससे दोनों में प्यार और एक दूसरे के प्रति लगाव भी बढ़ने लगता है।

ये भी ट्राई करे-

ल्यूब्रिकेंटस का करें इस्तेमाल

लेट नाइट सेक्स को एजॉय करने के लिए ल्यूब्रिकेंटस का प्रयोग भी फायदेमंद साबित होता है। नेचुरल ल्यूब्रिकेंटस के तौर पर आप एलोवेरा और विटामिन ई का प्रयोग भी कर सकते हैं। इन्हें जेनिटल्स पर अप्लाई करके आप लंबे वक्त तक सेक्स का आनंद उठा सकते हैं। इसके ज़रिए आप डीप पेनिटरेशन का मज़ा ले सकते हैं। इससे यौन सबंध बनाने में आपको आसानी भी होगी।

फोरप्ले है बेहतर क्लाइमेक्स की कुंजी

7 common life mistakes that can ruin your sex life

फोरप्ले की मदद से सेक्स लाइफ और भी एक्साइटिड होने लगती है। दोनों लोग किसिंग और लिक करने से उत्तेजित होते जाते हैं, जो सेक्स को चरम तक पहुंचाने में मदद करता है। लोग फोरप्ले के लिए आइसक्रीम, चॉकलेट और आइसक्यूब्स समेत कई चीजों का प्रयोग करते हैं। पेट के निचले हिस्से से लेकर, निपल्स और आर्मपिटस हर जगह किसिंग का अनुभव करते हैं। इससे आपका तन और मन दोनों शांत होने लगते हैं।

प्लेजर ज़ोन को एक्सपलोर करना सीखें

इस बात को आप जानें कि शरीर के कौन से अंग में आप उत्तेजना का अनुभव करती हैं। इस बारे में एक्सपर्ट का कहना है कि आपके शरीर का हर अंग प्लेजर ज़ोन है। ऐसे में वो बातें या मूव्स जो आपको आनंदित करते है। उन्हें सेक्स के दौरान ज़रूर शामिल करें। इससे सेक्स टाइम न केवल बढ़ेगा बल्कि आप आसानी से क्लाइमेक्स तक पहुंच पाएंगे।

नई सेक्स पोज़िशन का करें प्रयोग

सेक्स को एजॉय करने के लिए उसमें न्यूनेस लाना ज़रूरी है। ऐसे में नई सेक्स पोज़िशन्स को अपने पार्टनर की सहमति से ज़रूर ट्राई करें। इससे सेक्सुअल लाइफ में उत्तेजना बढ़ने लगती है। आप खुशी का अनुभव करते है और रिश्तों में एक्साइटमेंट बढ़ जाती है। आप हर पल को एजॉय करते हैं। इसके कारण आप मेंटल तौर पर भी हेल्दी रहते हैं।

Topless in front of everyone, made videos

जकार्ता: इस साल हुए मिस यूनिवर्स इंडोनेशिया कॉम्पिटिशन के मद्देनजर एक हैरान करने वाली खबर मीडिया में आई है। कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेने वाली कंटेस्टेंट्स ने ऑर्गेनाइजर्स पर संगीन आरोप लगाया है। कंटेस्टेंट्स ने आयोजकों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए पुलिस में कंप्लेन की है। पुलिस ने शिकायत मिलने की पुष्टि करते हुए कहा है कि कंटेस्टेंट्स ने एक रिपोर्ट दर्ज कराई है जिसकी जांच की जाएगी।

‘5 को एक अलग-अलग कमरे में ले गए’

इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में 29 जुलाई से 03 अगस्त के बीच यह सौंदर्य प्रतियोगिता आयोजित कराई गई थी। इसमें शामिल लड़कियों का आरोप है कि आयोजकों ने उनमें से 05 को एक अलग-अलग कमरे में ले गए, जहां पांच पुरुषों सहित करीब 20 लोग पहले से मौजूद थे। वहां उन्हें शारीरिक जांच के लिए अपने अंडरवियर उतारने के लिए कहा। इस दौरान उन लोगों ने उनके फोटो लिए और वीडियो बनाए।

कंटेस्टेंट्स की खींची गई टॉपलेस तस्वीरें

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार इस प्रतियोगियों की वकील मेलिसा एंगग्रेनी ने कहा कि पांचों प्रतियोगियों की टॉपलेस तस्वीरें खींची गईं, जबकि इस तरह की जांच की कोई जरूरत नहीं थी। वहीं शिकायतकर्ताओं में शामिल एक लड़की ने न्यूज चैनल कोम्पास टीवी द्वारा प्रसारित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उसे अनुचित तरीके से पोज देने के लिए कहा गया था, जिसमें उसके पैर खोलना भी शामिल था. उन्होंने कहा- ‘मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मुझे घूरा जा रहा है, मैं बेहद कन्फ्यूज और असहज थी’।

आयोजकों ने नहीं दिया कोई जवाब

रॉयटर्स के मुताबिक उसने मिस यूनिवर्स इंडोनेशिया पेजेंट आयोजित करने वाली कंपनी पीटी कैपेला स्वास्तिका कार्या और कंपनी के संस्थापक पोपी कैपेला से उनके सोशल मीडिया अकाउंट के जरिये संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

दुनिया के सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया में धार्मिक समूहों ने अतीत में सौंदर्य प्रतियोगिताओं पर आपत्ति जताई है। ऐसे में यह घटना सामने आने के बाद पूरा मामला गहराता नजर आ रहा है।

If there is pain in the breast just before periods

पीरियड्स (Periods) के ठीक पहले स्तन में दर्द और असहजता महसूस हो रही है तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा। लड़कियों और महिलाओं को पीरियड्स के पहले शरीर में यह दिक्कतें शुरू होती हैं। फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट की वजह, संकेतों और लक्षणों को जानने से आपको अपने हालात को सही ढंग से प्रबंधित करने में सहायता मिल सकती है।

If there is pain in the breast just before periods

यह समझना जरूरी है कि फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट कोई बीमारी या एक तरह का स्तन कैंसर नहीं है। यह एक नॉन कैंसरस स्थिति है। यह स्थिति है जो इसका अनुभव करने वाली हर महिला में अलग-अलग तरह से लक्षण दिखती है। हालांकि, सामान्य तौर पर यह महिला के पीरियड्स साइकल के नैचुरल के कारण शरीर में होने वाले हार्मोनल चेंजेज के कारण होता है। चूंकि पूरे साइकल में हार्मोन के स्तर में उतार-चढ़ाव होता है, इससे ब्रेस्ट में सूजन और कोमलता हो सकती है और साथ ही गांठ या सिस्ट भी होने लगते हैं।

Breast Feeding

फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं पर आमतौर पर एक या दोनों ब्रेस्ट में दर्द या कोमलता शामिल होती है। खासकर आपके मासिक धर्म से ठीक पहले स्तन भारी या सूजे हुए महसूस हो सकते हैं और छूने पर या ब्रा पहनने पर भी उनमें कठोरता महसूस हो सकती है। वे गांठदार भी हो सकते हैं या उनमें छोटे सिस्ट भी हो सकते हैं। जो बारीकी से देखने पर दिखाई दे सकते हैं। कुछ मसलों में जब आप गांठें छूते हैं तो वे आपकी स्किन के नीचे घूम सकती हैं।

फ़ाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट का सटीक वजह का अब तक पता नहीं चला है लेकिन ऐसा माना जाता है कि यह महिला के शरीर में हार्मोनल चेंजेज से संबंधित है। हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन को यौवन, गर्भावस्था या पेरिमेनोपॉज़ जैसे हार्मोनल उतार-चढ़ाव की अवधि के दौरान स्तनों में सिस्ट के विकास को ट्रिगर करने के लिए जाना जाता है। इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे- तनाव, ज्यादा कैफीन पीना और धूम्रपान शामिल हैं।

If there is pain in the breast just before periods

अगर आपको लगता है कि आपको फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट हो गया है तो आपको इनके लक्षणों और चिंताओं के बारे में अपने डॉक्टर से जरूर बात करना चाहिए। किसी गांठ या सिस्ट के साथ-साथ अन्य स्तन से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं की जांच के लिए एक ट्रेनिंग कर सकते हैं।

फ़ाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट खतरनाक या लाइफ थ्रेटिंग के लिए खतरा नहीं है, यह असुविधाजनक लक्षण पैदा कर सकता है जो रोजमर्रा की जिंदगी में हस्तक्षेप कर सकता है। आपके चिकित्सक लक्षणों को कम करने के लिए जीवनशैली में बदलाव जैसे तनाव के स्तर को कम करने या कैफीन की मात्रा कम करने की पैरवी करते हैं।

फोटो सौजन्य- गूगल

आपसी रिश्तों की गहराई को परखने के लिए Intimacy का अहम रोल होता हैै। इंटिमेसी का मतलब सिर्फ फिजिकल इंटिमेसी ही नहीं है, बल्कि यह अलग भी हो सकती है। अब जब समय और समाज बदल रहा है, तब महिलाएं और पुरुष दोनों ही रिश्ते में जुड़ाव के अलग-अलग वजह को भी समझने लगे हैं।

रिलेशन को समझने और परखने के लिए और दूसरे को समझने के लिए एक-दूसरे के साथ जुड़ना बहुत जरूरी होता है। इंटिमेसी एक ऐसी जरूरत है जो किसी भी रिलेशन को और मजबूत बना सकती है। असल मे इंटिमेसी ही एक-दूसरे की चाहत, इच्छाओं, जरूरतों को ज्यादा बेहतर तरीके से समझने में मदद करती है।

डॉक्टरों का कहना है कि इंटिमेसी किसी भी रिश्ते का एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह दो लोगों के बीच गहरे, भावनात्मक संबंध को दर्शाता है। यह शारीरिक निकटता से परे है और इसमें बंधन और विश्वास के अलग-अलग आयाम शामिल हैं।

8 तरह की इंटिमेसी हो सकती है किसी भी रिश्ते की मजबूती और लंबे चलने की वजह

1.इमोशनल इंटिमेसी

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डॉक्टरों के मुताबिक इस तरह की इंटिमेसी में एक-दूसरे की भावनाओं, विचारों और कमजोरियों को साझा करना और समझना शामिल है। बिना किसी फैसले के भावनाओं को व्यक्त करने के लिए खुले संचार, सहानुभूति और एक सुरझित स्थान की आवश्यकता होती है।

2. फिजिकल इंटिमेसी

फिजिकल इंटिमेसी में पार्टनर में शारीरिक नजदीकियां और निकटता शामिल है। इसमें गले लगाना, हाथ पकड़ना, किस और सैक्सुअल इंटिमेसी जैसी गतिविधियां शामिल है।

3. बौद्धिक इंटिमेसी

बौद्धिक इंटिमेसी विचारों, आइडिया और बौद्धिक उत्तेजना के आदान-प्रदान पर निर्मित होती है। इसमें गहन बातचीत में शामिल होना, हितों पर चर्चा करना और एक-दूसरे की बौद्धिक गतिविधियों का सम्मान करना निहित है।

4. आध्यात्मिक इंटिमेसी

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आध्यात्मिक इंटिमेसी (Spiritual Intimacy) का संबंध आध्यात्मिक या दार्शनिक स्तर पर जुड़ने से है। इसमें विश्वास, वैल्यू और मकसद की भावना को शेयर करना शामिल है। इस तरह की अंतरंगता को साझा आध्यात्मिक प्रथाओं, ध्यान या आध्यात्मिकता के बारे में सार्थक चर्चाओं में शामिल होने के माध्यम से पोषित किया जा सकता है।

5. मनोरंजक इंटिमेसी

मनोरंजन इंटिमेसी में गतिविधियों और शौक को एक साथ शामिल करना शामिल है। इसमें साझा फिलिंग्स भी निहित है। जैसे- खेल खेलना, साहसिक यात्रा पर जाना, फिल्में देखना या सामान्य रुचियों को अपनाना। आनंददायक गतिविधियों में शामिल होने से संबंध मजबूत हो सकते हैं और साझा यादें बन सकती हैं। फिजिकल टच इंसानों के बीच भावनात्मक संबंध को मजबूत कर सकता है।

6. रचनात्मक इंटिमेसी 

रचनात्मक इंटिमेसी में एक-दूसरे की रचनात्मकता को व्यक्त करना और उसकी सराहना करना शामिल है। यह एक साथ कलात्मक प्रयासों में शामिल होने के माध्यम से हो सकता है, जैसे- पेंटिंग, लेखन, खाना बनाना या संगीत बनाना। एक-दूसरे की रचनात्मक अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित करना और समर्थन करना बंधन को मजबूत कर सकता है।

7. विश्वास की इंटिमेसी 

If you don't like something between two different minded people

डॉक्टरों के मुताबिक विश्वास की इंटिमेसी आपसी विश्वास, ईमानदारी और विश्वसनीयता पर बनी होती है। इसमें एक-दूसरे के प्रति संवेदनशील होना, वादे निभाना और गोपनीयता बनाए रखना शामिल है। विश्वास भावनात्मक सुरक्षा के लिए आधार प्रदान करता है और जुड़ाव की गहरी भावना को बढ़ावा देता है।

8. अनुभवात्मक इंटिमेसी 

अनुभवात्मक इंटिमेसी जीवन के खास अनुभवों और माइलस्टोन को शेयर करने के बारे में है। इसमे अहम घटनाओं के दौरान एक-दूसरे के लिए उपस्थित रहना, चुनौतियों के माध्यम से एक-दूसरे का समर्थन करना और उपलब्धियों का एक साथ जश्न मनाना निहित है। लाइफ के उतार-चढ़ाव को शेयर करने से भावनात्मक संबंध गहरा हो सकता है।

Sometimes even a small difference between husband and wife is important

आप सभी जानते हैं कि किसी के साथ रिलेशन में आना काफी आसान होता है पर उस रिश्ते को जिंदगी भर शिद्दत से निभाना बहुत ही मुश्किल होता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि पुराने जमाने के लोगों में रिश्ते को लेकर गंभीरता होती थी। वह अपने रिलेशन को बचाने के लिए हर जरूरी प्रयास करते थे।

हैरानी और दुख की बात यह है कि आजकल इंसानों के लिए रिलेशन भी किसी खेल से कम नहीं है। बल्कि दुनिया में सब ऐसे नहीं हैं। लेकिन कई कपल्स ऐसे हैं जो आज भी ऐसे रिश्ते में जी रहे हैं, जहां उनका पार्टनर उन्हें मानसिक तौर पर खूब हानि पहुंचा रहा है। पर इसके बावजूद वह उस रिश्ते को निभाने का पूरा प्रयास में जुटे हैं।

नए जमाने की बात करूं तो ऐसे रिश्तों को ‘Toxic Relationship’ के नाम से जाना जाता है। इस लेख में आप जानेंगे कि क्या साइन हैं कि जिससे आप जान सकते हैं कि आपका रिश्ता टॉक्सिक है।

टॉक्सिक रिलेशनशिप के साइन (Toxic Relationship Signs)

1. हमेशा बुराई करना

आपका पार्टनर लगातार आपको नीचा दिखाता है, आपकी उपस्थिति, क्षमताओं या निर्णयों की आलोचना करता है और आपके आत्मसम्मान को लगातार कम करने की कोशिश करता है।

2. कंट्रोल और चालाकी करना

आपका पार्टनर आपके कामों को कंट्रोल करने की कोशिश करता है, आपको दोस्तों और परिवार से अलग करते है। आपको क्या पसंद है वह भी वही तय करता है या फिर आप पर हद से ज्यादा हक बनाए रखने के लिए गिल्ट-ट्रिपिंग जैसी चालाकियों को आपके साथ करता है।

3. विश्वास न करना

मिसिंग कम्यूनिकेशन

आपका पार्टनर कम विश्वास करने लगता है। जलन और रोजाना नए आरोप लगता है। बिना बताए आपका पार्टनर आपका फोन, ईमेल और बाकी सोशल मीडिया हैंडेल चेक करता हो। उसे आपके हर अगले कदम पर एक शक बना रहता है।

4. इमोशनल और फिजिकल एब्यूज

रिलेशनशिप में मार-पिटाई होना यह बिल्कुल साफ करता है कि आप एक टॉक्सिक रिश्ते में है लेकिन, इमोशनल एब्यूज भी यह दिखाता है कि रिश्ता खत्म होने का कगार पर पहुंच चुका है। इसमें पार्टनर को लगातार नीचा दिखाना, अपमान करना, धमकी देना, ऐसे बर्ताव जिससे आपको दुख पहुंचता हो।

5. दूसरों संग बर्ताव

इस बात पर ध्यान दें कि आपका साथी दूसरों के साथ कैसा व्यवहार करता है, जैसे कि दोस्त, परिवार या उसके साथ काम करने वाले। यदि वे लगातार दूसरों को नीचा दिखाते हैं, उनका अनादर करते हैं या उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं। तो यह संकेत हैं कि उनका बर्ताव टॉक्सिक है।

6. छोटी छोटी बातों पर झगड़ा

गुस्से में पत्नी

अगर आपका पार्टनर हर किसी बात को लेकर लड़ाई करता है। छोटी सी छोटी बात को बहुत बड़ा बना देता। तो इससे यह साबित होता है कि वह न तो खुद खुश रह सकता है और न वो आपको रख सकता है।

7. गलत इमेज बनाना

अगर आपका पार्टनर अपने परिवार और दोस्तों के बीच आपकी गलत इमेज बनाता है। साथ ही यह दिखाता है कि आपको न तो रिश्ते की कदर है न उसकी। तो आपको इस बारे में जरूर सोचना चाहिए।

8. फैसले की घड़ी

इन तमाम बिंदुओं में कही बातें अगर आपके और आपके पार्टनर से मिलती-जुलती हैं तो आपको या तो आराम से रिश्ते में सुधार को लेकर बात करनी चाहिए है या फिर सब कुछ भूलकर जिंदगी में आगे बढ़ जाएं।

फोटो सौजन्य- गूगल

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Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य ने भी अपनी नीतामाला में वैवाहिक जीवन को खुशहालl बनाने के लिए बहुत कुछ लिखा है। कई बार ऐसा होता है कि महिलाएं अपने पति से संतुष्ट नहीं होती हैं और पति को इस बात की भनक भी नहीं होती।

चाणक्य नीति के बारे में आज हर कोई जानता है। चाणक्य को महान ऐसे ही नहीं कहा गया है। उनकी कही बातें आज भी लोग अपने जीवन में उतारते हैं। ऐसे करने वाले हमेशा सुखमय जीवन व्यतीत करते हैं। सुखी जीवन के लिए आचार्य चाणक्य नीति की बातें बेहद जरूरी हैं। आज भागमभाग में हम कई ऐसी बाते भूल जाते हैं जो बेहद जरूरी होती हैं और उनके बिना हम अपनों को न चाहते हुए भी ठेस पहुंचा देते हैं।

ऐसे में चाणक्य नीति को फॉलो करना जरूरी हो जाता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में शादीशुदा जीवन को सुखमय बनाने के लिए भी कई बातें लिखी हैं। कई बार ऐसा होता है कि औरतें अपने पति से संतुष्ट नहीं होती और पति को इस बारे में पता नहीं चल पाता। आइये बताते हैं पत्नियां जब असंतुष्ट होती हैं तो उनका क्या इशारा होता है-

चाणक्य नीति में महिलाओं के ऐसे इशारों के बारे में बताया गया है जो वे असंतुष्ट होने पर करती हैं। इन इशारों को भांप कर कोई भी पति अपनी पत्नी को संतुष्ट कर सकता है। पत्नी की नाराजगी को दूर करने के लिए चाणक्य नीति की इन बातों का जरूर ध्यान देना चाहिए।

बात ज्यादा ना करना

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पत्नियों को बातूनी भी कहा जाता है जब पत्नी बहुत खुश होती है तो अपने पति बहुत ज्यादा बात करती है कभी तो पति को कहना पड़ता है कि बस करो कितना बोल रही हो। अगर आपकी पत्नी भी बहुत बातें करती है और अचानक शांत हो जाए तो समझ जाइये कि वह असंतुष्ट है।

यानी आपकी किसी बात से वह नाराज है। कम बात करना पत्नियों के असंतुष्टि बारे में इशारा करता है। ये संकेत मिलते ही आप अपनी पत्नी से बात करिये और जानिये कि वह किस बात से परेशान है। ऐसा करने से वह बात आप से शेयर करेगी और फिर पहले की तरह हो जाएगी।

पति को कभी नाराज नहीं करना चाहती पत्नियां

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यह सब जानते हैं कि पत्नियों के लिए पति कितनी अहमियत रखते हैं। पत्नी अपने पति को कभी नाराज नहीं करना चाहती. ऐसे में अगर पत्नी आपसे झुंझलाने लगे यानी बात पर झगड़ा करे और गुस्सा करे तो समझ जाइये कि वो किसी न किसी बात को लेकर असंतुष्ट है। इस इशारे को ध्यान में रखकर आपका अगला कदम पत्नी को खुश करने के लिए होना चाहिए।

बस अपने बारे में सोचना

पत्नियों के बारे में कहा गया है कि वे अपने पति के हर जरूरत का ख्याल रखती हैं। अगर आपकी पत्नी अचानक आपसे दूरी बना ले या आपको लगे कि वो सिर्फ अपने बारे में सोच रही है और आपका ख्याल नहीं रख रही है तो आपको समझ लेना चाहिए कि वह किस न किसी बात से असंतुष्ट है।

हो सकता है कि वह आपकी किसी बात से नाराज हो, आपको इसे ध्यान में रखते हुए पत्नी से तसल्ली से बात करनी चाहिए। उसकी समस्या को समझकर उसकी परेशानी को दूर करना चाहिए। ऐसा करने आपकी पत्नी को संतुष्टि मिलेगी और वह फिर पहले की तरह आपसे करीब हो जायेगी।

जन्म के बाद से ही शिशु के विकास का चरण शुरू हो जाता है। वह धीरे-धीरे खुद से क्रॉल करने से लेकर, बैठना, चलना, ताली बजाना और बोलना सीखने लगता है। बच्चे के विकासात्मक का यह तरण हर पेरेंट्स के लिए काफी आनंद भरा भी होता है।

शिशु किस उम्र में बोलना शुरू करते है?

आमतौर पर बच्चे 4 महीने की उम्र में तुतला कर बोलना शुरू कर देते हैं। आमातौर पर वे अपने आस-पास सुनाई देनी वाली आवाजों की नकल कर सकते हैं और इस दौरान वे इसे अपनी तोतली भाषा में पा..पा या फिर मम्मा बोलने का प्रयास भी करते हैं। वहीं, एक्सपर्ट के मुताबिक बच्चे में गर्भ से ही भाषा का संचार होने लगता है, इसलिए मां को गर्भावस्था के दौरान से ही शिशु से बात करनी चाहिए। ऐसा भी माना जाता है कि बच्चे को किसी शब्द को बोलना शुरू करने से पहले उसे कम से कम 100 बार सुनने की जरूरत होती है।

कब और कैसे बोलना सिखते है छोटे बच्चे

खासकर छोटे बच्चे 12 से 18 महीने की उम्र के बीच अपना पहला शब्द बोलना शुरू कर देते हैं। रिसर्च से यह पता चलता है कि बच्चों में जन्म से लेकर 05 साल तक भाषा सीखने का गुण विकसित होता रहता है।

यहां हम जानेंगे कि किस उम्र में बच्चे क्या बोलते हैं-

जन्म का शुरुआती तीन माह: इस उम्र में शिशु परिचित आवाज की ओर देखता है और तेज आवाज से डर जाता है। वह माता-पिता के साथ ही अपने आस-पास रहने वाले लोगों की आवाज भी पहचानने लगता है।

3 से 6 माह : इस दौरान बच्चा सुनी हुई आवाज पर उत्साह दिखाता है। ध्यान आकर्षित करने के लिए आवाज निकालना, खेल के दौरान हंसना और बड़बड़ाना जैसी आदतों का विकास शुरू हो जाता है।

6 से 12 महीना : इस उम्र में बच्चा अलग-अलग आवाज, जैसे-फोन का रिंग, दरवाजे की घंटी जैसी आवाजें पहचानने लगता है। साथ ही पापा, मामा, नो-नो, दादा-बाबा जैसे आसान शब्दों का इस्तेमाल भी करना शुरू कर देता है।

12 से 15 महीने : इस उम्र के बच्चे अक्सर संगीत की तरफ अधिक ध्यान दे सकते हैं। सॉफ्ट म्युजिक व लोरी की तरफ उनका ध्यान अधिक आकर्षित हो सकता है।

15 से 18 महीने : इस उम्र में बच्चा छोटी-छोटी बातों के प्रति इशारों को आसानी से समधना शुरू कर सकता है। उदाहरण के लिए, पास आने, सोने, चुप होने, बैठने या जूते पहने जैसे निर्देशों को वह आसानी से समझ सकता है और उन्हें बोलने की नकल भी कर सकता है।

18 महीने से 2 वर्ष : इस उम्र में बच्चे लगभग अधितकर निर्देशों को समझना शुरू कर देते हैं। वह 2 से 3 शब्दों को एक साथ बोलना भी शुरू कर सकता है।

2 से 3 साल : बच्चे इस उम्र में सुनने और बात करने का कौशल विकसित कर लेते हैं। चित्र के साथ कहानियों को समझने लगते हैं। इस दौरान 4 से 5 शब्दों को जोड़कर बोल सकते हैं। बच्चा बातचीत भी शुरू कर सकता है।

3 से 4 साल : इस दौरान बच्चा 6 शब्दों के वाक्य का उपयोग भी कर सकता है।

4 से 5 : इस उम्र तक के बच्चे आसानी से अपने घर में बोली जानी वाली भाषा का उपयोग करना सीख चुके होते हैं। साथ ही उन्हें किसी अन्य भाषा की ट्रेनिंग देना भी इस उम्र से शुरू किया जा सकता है।

ऐसे सिखाएं छोटे बच्चे को बात करना-

Talking kid

छोटे बच्चे को बात करना सिखाने के कई तरीके हैं। अगर उन तरीकों का सही से इस्तेमाल किया जाए, तो बच्चा आसानी से साफ-साफ बोलना शुरू कर सकता है। यहां हम ऐसे ही कुछ टिप्स दे रहे हैं, तो आपके बच्चे को बोलना सिखाने में मदद करेंगे।

बच्चे से इशारों में बात करना – पेरेंट्स अपने शिशु से इशारों में बात करना शुरू कर सकते हैं। उदाहरण के लिए अगर पेरेंट्स चाहते हैं कि बच्चा खुद से भूख को बता सके, तो इसके लिए उसे दूख पिलाते समय या भोजन कराते समय उसे बताएं कि क्या वह इसी को मांग रहा है। इससे बच्चा यह समझ सकता है कि भूख लगने पर उसे किसी तरफ इशारा करना या उसे किस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करना है।

लोरी सुनाना- बच्चे को सुलाते समय उसे लोरी सुना सकती हैं। लोरी सुनने से बच्चा आसानी से भाषा सीखने के लिए प्रेरित हो सकता है। अगर वह बार-बार एक ही लोरी सुनेगा, तो वह भी उसे बोलने की नकल शुरू कर सकता है, इससे वह जल्द ही बोलना आरंभ कर सकता है।

कहानी सुनाना – पेरेंट्स बच्चों के कहानी सुनाने के जरिए भी बोलना सिखा सकते हैं। इसके लिए वे बच्चे को चित्रों के जरिए कोई कहानी सुना सकते हैं और उसी कहानी को दिन में 2 से 3 बार रिपीट भी कर सकते हैं।

बच्चे को प्रोत्साहित करना – शिशु के साथ खेलते हुए जब भी किसी भाषा का प्रयोग करें, तो उसे तीन से चार बार दोहराएं। ऐसा करने से बच्चे को वह शब्द बोलने के लिए प्रोत्साहन मिल सकता है।

बच्चे को बता कर कार्य करें- मिसाल के तौर पर अगर बच्चे को नहला रही हैं या उसे खाना खिला रही हैं, तो उसे इस बारे में बताएं। ऐसा करने से बच्चा नई-नई बातों के बारे में सीखेगा और उनके बारे में जानेगा।

बच्चे की नकल करें- अगर बच्चा अपनी तोतली आवाज में कुछ बोलता है, तो पेरेंट्स भी उसकी नकल कर सकते हैं। इससे बच्चे को खुशी मिलेगी और वह फिर से उसी आवाज को दोहराने की कोशिश कर सकता है।

जब शिशु बोलना सीख रहा है, उस समय इन बातों का ख्याल बहुत जरूरी होता है।

Apart from PHYSICAL RELATION

Sex संबधों में सक्रियता न होना intimacy की कमी को दर्शाता हैं। सेक्स लाइफ को मज़ेदार बनाने के लिए दोनों लोगों का प्रयासरत होना ज़रूरी है। जानते हैं, वो टिप्स जो सेक्सुअल लाइफ को हेल्दी बनाकर रखती हैं।

छोटे छोटे लम्हों में भी खुशी की तलाश कर लेना रिश्ते में खुशहाली को बढ़ा देता है। शुरूआत में हर कपल के बीच सेक्सुअल रिलेशनशिप एक स्पार्क से आरंभ होता है लेकिन बदलते हालात और जिम्मेदारियां हमारे लाइफ में से खुशी और सेक्स ड्राइव को कम करने लगती है। सेक्स लाइफ को हैप्पी और हेल्दी बनाने के लिए दोनों लोगों का प्रयासरत होना ज़रूरी है। लिबिडो बूस्टिंग (Libido boosting) के लिए यूं तो कई प्रोडक्टस और सप्लीमेंटस मौजूद हैं। मगर अलावा इसके कुछ ऐसी बातों का जानना ज़रूरी है, जो हमारी सेक्स लाइफ को खुशहाल बनाने में मददगार होती है।

NCBI के एक रिसर्च में पाया गया है कि यौन संबधों का प्रभाव हमारी सेहत पर भी दिखने लगता है। वे महिलाएं, जो सेक्सुअल रिलेशनशिप (Sexual relationship) में खुशी का अनुभव नहीं करती है। वे हाइपरटेंशन का शिकार हो जाती हैं। दूसरी ओर पुरूष तनाव और एंगजाइटी से ग्रस्त रहते हैं। रिसर्च में पाया गया है कि ओवरऑल लाइफ की क्वालिटी को निखारने के लिए सेक्स बेहद ज़रूरी है।

Sex life

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक सेक्सुअल हेल्थ और यौन संबधों के लिए पॉजिटिव और रिस्पेक्टफुल अप्रोच की आवश्यकता होती है। अलावा इसके जबरदस्ती, भेदभाव और हिंसा से मुक्त हेल्दी रिलेशन बिल्ड करना चाहिए। सेक्सुअल हेल्थ मेंटेन करने के लिए सभी लोगों को सेक्सुअल राइटस की रिस्पेक्ट, संरक्षण और पूर्ति की जानी चाहिए।

जानते हैं, वो खास आदतें, जो सेक्सुअल लाइफ को हेल्दी बना सकती हैं।

1. सेक्स परफार्मेंस से ज्यादा साथ पर फोकस करना

बहुत से हैप्पी कपल्स सेक्स के दौरान सिर्फ सैटिसफेक्शन पर ध्यान नहीं देते हैं। एक दूसरे का साथ ही उनके लिए काफी होता है। उनका फोकस एक दूसरे के साथ वक्त बिताना होता है। हांलाकि सेक्स में ऑर्गेज्म को पीक तक ले जाना बेहद ज़रूरी है। हर बार इस मानसिक दबाव में सेक्स करने से आप सेक्सुअल लाइफ को एंजॉय नहीं कर पाते हैं। हैप्पी कपल्स सेक्स परफार्मेंस से ज्यादा उस समय का आनंद उठाने पर ध्यान देते हैं। इससे उनका रिश्ता मजबूत और हेल्दी होने लगता है।

इसे ट्राई करे:
2. पार्टनर को गंभीरता से लेना

जब आप अपने साथी को सेक्स के दौरान और सेक्स के बाद समय देते हैं, तो एक दूसरे में अंडरस्टैंडिंग बढ़ने लगती है। दरअसल, एक दूसरे के प्रति आर्कषण खत्म होने के बाद अधिकतर कंपल्स असंतुष्ट नज़र आने लगते हैं। उन्हें एक दूसरे की पसंद नापसंद का अब ख्याल नहीं रहता है। दूसरी ओर वो कपल्स जो एक दूसरे को प्यार करने के अलावा अच्छे दोस्त भी है, वो फीलीग्स का खास ख्याल रखते हैं। फोर प्ले से लेकर आफ्टर प्ले तक हर बात का ख्याल रखने के अलावा यौन संबधों के दौरान रोमांस भी बरकरार रहता है।

3. सेक्स लाइफ को समय देना

Some Natural Ways To Spice Up Your Sex Life

बहुत से कपल्स शादी के कुछ सालों बाद सेक्स लाइफ को लेकर सीरियस नहीं रहते हैं। उनकी सेक्सुअल लाइफ धीरे धीरे बोरिंग होने लगती है और एक समय के बाद उस पर विराम लग जाता है। इससे दोनों लोगों का जीवन तनावपूर्ण और थकान भरा होने लगता है। दिनों दिन मन मुटाव और झगड़े बढ़ने लगते हैं। कुछ कपल जो शादी के सालों बाद भी खुशहाल नज़र आते हैं, वे अपनी सेक्सुअल लाइफ को पूर्ण रूप से मेंटेन रखते हैं। वे दूसरे के लिए वक्त निकालते हैं। हांलाकि, वो कामेच्छा से ज्यादा तनाव से दूर रहने के लिए सेक्स को प्रायोरिटी देने लगते हैं।

4. बोझ नहीं है सेक्स

वे लोग जो शादी के सालों बाद सेक्स के चार्म को एंजॉय नहीं कर पाते हैं। उनके लिए यौन संबध सिर्फ एक टास्क के समान होता है। वे अब उसमें खुशी नहीं तलाश पाते हैं। इसका प्रभाव उनके रिश्ते पर दिखने लगता है। धीरे धीरे वो सेक्स को बोझ मानने लगते है। अपने रिश्ते में खुशहाली को बनाए रखन के लिए सेक्स को महज़ एक काम न समझें। उस समय के दौरान खुशी को तलाशें और पार्टनर को भी खुश रखने का प्रयास करें। इस बात को जान लें कि एक दूसरे को खुश रखने से आपके संबध मज़बूत होंगे।

5. बातों की चाशनी

पार्टनर से वार्तालाप करना हेल्दी रिलेशन मेंटेन करने के लिए बेहद ज़रूरी है। एक दूसरे से बातचीत करके आप अपनी समस्याओं को सुलझा सकते हैं। साथ ही सेक्सुअल लाइफ में आने वाने अप्स एंड डाउंस को आसानी से मिलकर हल कर सकते हैं। संवाद बहुत सारी समस्याओं का समाधान हो सकता है। सेक्स को साइलेंट अफेयर बनाने की बजाए एक-दूसरे के साथ संवाद बनाएं।