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Category Archives: Lifestyle

Those 5 most beautiful places in India

Beautiful Places: भारत में वैसे तो कई घूमने की जगहें हैं लेकिन कुछ ऐसी खूबसूरत जगहें हैं जहां बार-बार जाने का मन होता है। बसंत के इस खास मौसम में हर कोई घूमने की ख्वाहिश रखता है तो आइये जानते हैं विस्तार से इन शानदार जगहों के बारे में-

हमलोग अक्सर अपना हॉलिडे मनाने के लिए या फिर मूड रिफ्रेश करने के लिए बाहर घूमने जाते हैं। वैसे तो कई लोग फॉरेन ट्रिप पर भी जाना पसंद करते हैं पर इन लोगों को ये नहीं मालूम होता है कि हमारे अपने देश में भी बहुत सारी खूबसूरत जगहें मौजूद हैं।

भारत में कई ऐसी जगहें हैं जो अपनी खास खूबसूरती के लिए जानी जाती हैं। ये ऐसी जगह है जहां अक्सर लोग घूमने के लिए जाते रहते हैं। हमें विश्वास है आप इन जगह के बारे में जानने के लिए काफी एक्साइटेड होंगे।

एक नजर देश की फेमस जगहों पर-

सबसे पहले हम बात करेंगे युमथांग घाटी के बारे में-

Those 5 most beautiful places in India

ये घाटी सिक्किम की राजधानी गंगटोक से 148 किमी की दूरी पर स्थित है। इस घाटी को ‘फूलों की घाटी’ के नाम से भी जानते हैं। इस जगह पर काफी रंग के फूल देखने को मिलते हैं जिसमें लाल, पीले, सफेद, ऑरेंज, वॉयलेट आदि रंग शामिल हैं। आपको ये जानकर खुशी होगी कि यह घाटी हिमालय पर्वतों से घिरी हुई है। ये बात सुनने में जितनी अच्छी लग रही है उससे कहीं ज्यादा देखने में हसीन है। बताता चलूं कि बर्फबारी की वजह से इस घाटी को दिसंबर से मार्च के बीच बंद कर दिया जाता है।

मणिपुर का लोकटक झील-

Those 5 most beautiful places in India

ये झील मणिपुर ही नहीं, दुनिया की खूबसूरत झीलों में से एक है। यह अपनी सतह पर तैरते हुए वनस्पति और मिट्टी से बने द्वीपों के लिए पूरी दुनिया में फेमस है। इस झील के पानी पर सबसे बड़ा तैरता द्वीप ‘केयबुल लामजाओ’ है जिसका क्षेत्रफल 40 वर्ग किलोमीटर है। इसकी खूबसूरती वाकई देखने लायक है।

मेघालय का नोहकलिकाई फॉल्स

Those 5 most beautiful places in India

भारत के सबसे ऊंचे और खूबसूरत झरनों में से एक झरना है जो वाकई में बेहतरीन है हम बात कर रहे हैं मेघालय का नोहकलिकाई फॉल्स की। इसकी ऊंचाई के बारे में बात करें तो ये करीब 1,100 फुट है। बता दें कि इस झरने के नामकरण के पीछे एक खास कहानी फेमस है। खबरों के मुताबिक ये बताया गया है कि यहां सीधी खड़ी चट्टान से कभी एक स्थानीय लड़की ने छलांग लगा दी थी जिसका नाम लिकाई था। उसी के नाम पर इस झरने का नाम नोहका-लिकाई रखा गया।

कश्मीर का पहलगाम

Those 5 most beautiful places in India

कश्मीर यकीन स्वर्ग से कम नहीं है और कश्मीर की हर जगह वाकई खूबसूरत है लेकिन फिर भी कश्मीर में पहलगाम थोड़ा ज्यादा ही प्रकृति की जादुई छटा को अपने में समेटे हुए है। अनंतनाग जिले में स्थित सारा शहर बर्फ की चादर से ढके हिमालय और घने जंगलों वाले देवदार के पेड़ों से पटा हुआ है। यह जगह रोमांच और नेचर प्रेमियों के लिए एक खास सौगात से कम नहीं है।

केरल का टी-गार्डन

Those 5 most beautiful places in India

आखिर में केरल अपनी खूबसूरती के लिए पूरे भारतवर्ष में प्रसिद्ध है। पर मुन्नार के टी गार्डन को यहां के सबसे ज्यादा खूबसूरत जगहों में से एक माना जाता है। यह जगह समुद्री तट से करीब 07 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां की बेपनाह खूबसूरती हर किसी को भाति है।

फोटो सौजन्य- गूगल

Importance of Shab-e-Barat in Islam

इस्लाम में शब-ए-बारात (Shab-E-Barat) त्योहार की बहुत अहमियत है। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक शाबान महीने की 15वीं तारीख की रात में शब-ए-बारात मनाई जाती है। शब-ए-बारात इबादत, रहमत, मगफिरत और फजीलतों की रात के तौर पर मनाई जाती है। जिसे लेकर मुस्लिम समुदाय के तमाम लोग रातभर अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं।

मस्जिदों और कब्रिस्तानों को किया जाता है रौशन

Importance of Shab-e-Barat in Islam

खुदा की इबादत का यह दिन बहुत ही खास और पवित्र तरीके से मनाते हैं। शब-ए-बारात के मौके पर मस्जिद और कब्रिस्तानों को खास तरीके के सजाया जाता है। कब्रिस्तान में चारों तरफ रोशनी की जाती है, साथ-साथ कब्रों पर चिराग जलाकर मगफिरत की दुआएं मांगी जाती है। लोग मस्जिदों और कब्रिस्तानों में जाकर अपने पूर्वजों के लिए अल्लाह की इबादत करते हैं। इसे चार मुकद्दस रातों में से एक मानते हैं जिसमें पहली आशूरा की रात, दूसरी शब-ए-मेराज, तीसरी शब-ए-बारात और चौथी शब-ए-कद्र की रात होती है।

इमाम-ए-जमाना की पैदाइश का जश्न

Importance of Shab-e-Barat in Islam

मुस्लिम में शिया समुदाय शब-ए-बारात को इमाम-ए-जमाना हजरत मेहदी की पैदाइश की खुशी में मनाते हैं उनका मानना है कि अल्लाह इमाम-ए-जमाना के जन्मदिन की खुशी में अपनी रहमतें बरसाते हैं। इसलिए इस्लाम के सभी समुदाय के लोग रात भर जागकर नमाज़ और कुरान की तिलावत करते हैं। इमाम-ए-जमाना की पैदाइश के मौके पर शिया समुदाय जगह-जगह महफिलें भी करते हैं।

अलावा इसके शब-ए-बारात पर घरों को विशेष रूप से सजाते हैं और लजीज पकवान जैसे- बिरयानी, हलवा और हलीम आदि बनाया जाता है और इबादत के बाद गरीबों में भी बांटा जाता है।

Valentine Day Special: Do not give these 5 gifts to your partner even by mistake

Valentine Day Special: किसी भी स्पेशल मौके पर हम अपने खास दोस्त, परिजन और अपने पार्टनर को गिफ्ट देना पसंद करते हैं। खासकर Couples को एक दूसरे को तोहफा देना पसंद होता है। ऐसे में गिफ्ट देने के लिए काफी कुछ है और हम हमेशा गिफ्ट देने के लिए कोईकोई नया तरीका ढूंढते हैं। और अक्सर अपने साथी के लिए सबसे बढ़िया गिफ्ट देना चाहते हैं। पर कई बार जाने अनजाने में हम ऐसी गिफ्ट भी दे देते हैं जो वास्तु के अनुसार नहीं देना चाहिए।

आप ठीक समझे, ऐसी कई गिफ्ट हैं जो वस्तु के मुताबिक नहीं देना चाहिए या घर में इस तरह की गिफ्ट नहीं रखनी चाहिए। इस वजह से कपल्स के बीच अक्सर लड़ाई की नौबत आ सकती है। साथ ही इस तरह की गिफ्ट देना अशुभ भी माना जाता है। अगर आप भी अपने पार्टनर को कोई गिफ्ट देने का मन बना रहे हैं तो पहले समझ लें कि किस तरह की गिफ्ट नहीं देना चाहिए।

1. गिफ्ट में परफ्यूम देना: ज्यादातर कपल्स एक दूसरे को परफ्यूम देना भी पसंद करते हैं। परफ्यूम बहुत खास गिफ्ट है और एक प्रीमियम चॉइस भी है। पर वास्तु के मुताबिक परफ्यूम भी गिफ्ट में नहीं देनी चाहिए। इस तरह की गिफ्ट देने से रिलेशन में डिसटेंस आ सकती है।

2. जूते गिफ्ट करना:

Valentine Day Special: Do not give these 5 gifts to your partner even by mistake

लड़कियां कई बार लड़कों को जूते देना पसंद करती हैं। लड़कों के लिए जूते देना एक उम्दा गिफ्ट है क्योंकि ज्यादातर लड़कों रो बढ़िया जूते पहनना बहुत अच्छा लगता है। वास्तु शास्त के मुताबिक जूते नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक हैं। बता दें कि कई मुल्कों में भी जूते देने का प्रचनल नहीं के बराबर है।

3. रुमाल गिफ्ट में देना: अक्सर देखा गया है कि लोग खूबसूरत और अट्रैक्टिव रुमाल भी गिफ्ट करना पसंद करते हैं। जबकि वास्तु के मुताबिक रुमाल भी गिफ्ट नहीं करना चाहिए। रुमाल गिफ्ट करने से आपकी दोस्ती या रिश्ते में दरार आ सकती है। हिंदू मान्यता के अनुसार रुमाल या टावेल जैसी चीजें गिफ्ट नहीं की जाती हैं।

4. काले कपड़े गिफ्ट ना करें: Black कपड़े सभी पर जचते हैं लेकिन वास्तु के मुताबिक काले कपड़े भी गिफ्ट नहीं करना चाहिए। काला रंग भी नकारात्मक इनर्जी का प्रतीक है। अगर आप अपने पार्टनर को काली शर्ट या काला कुर्ता तोहफे में देने का सोच रहे हैं तो ऐसा करने से बचें। काले रंग की जगह आप दूसरे गहरे रंग के कपड़े चुन सकते हैं।

5. ताजमहज उपहार में ना दें: कई दफा एक खूबसूरत गिफ्ट देने के लिए लोग ताजमहल गिफ्ट करना पसंद करते हैं। ताजमहल बहुत खूबसूरत उपहार है और इसे घर में रखना काफी अच्छा लगता हैलेकिन ताजमहल ना ही गिफ्ट करना चाहिए और ना ही अपने घर में रखनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि ताजमहल मुमताज का मकबरा है। मकबरा और कब्र जैसी चीजें नकारात्मक ऊर्जा प्रवाह करती हैं इसलिए इसे घर में भी सजा कर नहीं रखना चाहिए।

फोटो सौजन्य- गूगल

February Festivals

February Festivals: बसंत पंचमी को लेकर फरवरी माह का बड़ा ही महत्व है। हिंदू पंचांग के मुताबिक फरवरी का महीना बेहद खास माना जाता है क्योंकि इस वर्ष ग्रहों के गोचर के साथ कई बड़े व्रत त्योहार भी पड़ रहे हैं। बता दें कि फरवरी में षटतिला एकादशी से लेकर मासिक बसंत पंचमी जैसे कई व्रत और त्योहार पड़ेंगे। आइये जानें फरवरी माह में पड़ने वाले खास व्रत-त्योहार और इस माह में होने वाले ग्रह गोचर के बारे में।
यहां देखें व्रत-त्योहार और ग्रह गोचर की पूरी सूची-

February Festivals

फरवरी माह के शेष व्रत-त्योहार:

  • 13 फरवरी 2024, मंगलवार, कुम्भ संक्रांति
  • 14 फरवरी 2024, बुधवार बसंत पंचमी, सरस्वती पूजा
  • 20 फरवरी 2024, मंगलवार, जया एकादशी
  • 21 फरवरी 2024, बुधवार, प्रदोष व्रत (शुक्ल)
  • 24 फरवरी 2024, शनिवार, माघ पूर्णिमा व्रत
  • 28 फरवरी 2024, बुधवार, संकष्टी चतुर्थी

फरवरी माह के ये हैं गोचर:

  • 12 फरवरी 2024 शुक्र का मकर राशि में गोचर
  • 13 फरवरी 2024 सूर्य का कुंभ राशि में गोचर
  • 20 फरवरी 2024 बुध का कुंभ राशि में गोचर
  • 14 फरवरी 2024 (बुधवार) – बसंत पंचमी, सरस्वती पूजा

ये त्योहार ज्ञान, विद्या, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती को समर्पित है। वसंत पंचमी से बसंत ऋतु की शुरुआत होती है। इस दिन पीला रंग का विशेष महत्व है।

When do women experience more sexual desire?

Ovulation: पीरियड से पहले के कुछ लक्षण और पीरियड के दरम्यान होने वाली दिक्कतों से हम सभी वाकिफ हैं। जहां किसी को क्रैंप होते हैं तो वहीं किसी को चक्कर आता है, किसी को ब्लोटिंग भी होती है पर पीरियड से पहले और उसके दौरान होने वाली सेक्स की कामना भी पीरियड के लक्षणों की वजह होने वाली एक कंडिशन है। वैसे ऐसा सभी के साथ नहीं होता लेकिन कुछ महिलाएं पीरियड्स के दौरान या उसके बाद बहुत अधिक काम वासना फील करती हैं।

ये है इसकी वजह-

Periods और Sex डिजायर के बीच कोई संबंध है ?

Sex के लिए उत्तेजना का हॉर्मोन से गहरा संबंध है। इसके लिए आपके मेंस्ट्रुअल साइकल के हॉर्मोन सबसे ज्यादा जिम्मेदार होते हैं। मैंस्ट्रुअल साइकल आपके पीरियड के पहले दिन से शुरू होती है और इसमें 2 चरण होते है- फोलिक्युलर फेज़ और ल्यूटियल फेज़।

कब ज्यादा होर्नी महसूस करती है महिलाएं

वर्ष 2019 में एक स्टडी किया गया जिसमें 6,000,00 से ज्यादा महिलाओं के मैंस्ट्रुअल साइकल पर नजर रखी गई। इसे एक ऐप पर दर्ज किया गया और इसमें देखा गया कि ज्यादातर महिलाओं में 14वें दिन ओव्यूलेट नहीं हुआ था। जबकि ओव्यूलेशन के दौरान, यानी जब अंडा ओवरी से बाहर निकलकर ट्यूब में जाता है तब ज्यादातर महिलाएं ज्यादा यौनेच्छा का अनुभव करती हैं। साल 2013 के एक अध्ययन के मुताबिक लगातार सेक्स की तीव्र इच्छा के कारण इस दौरान यौन संचारित संक्रमण (STI) का खतरा भी बढ़ सकता है।

मेंस्ट्रुअल साइकल के वे दिन जब आप कम फर्टाइल होती हैं, तब लिबिडो अपने आप कम होने लगती है। अगर ओव्यूलेशन देरी से होता है, तो महीने में अलग-अलग समय में उत्तेजना चरम पर हो सकती है।

1. ओव्यूलेशन के दौरान

महिलाएं ओव्यूलेशन से ठीक पहले सेक्स की अधिक रुचि दिखाती हैं। साल 2015 में एक समीक्षा की गई, जिसमें यह पाया गया कि इस समय महिलाएं सेक्स की ज्यादा पहल करती हैं।

यह अनुमान लगाया गया कि ओव्यूलेशन के 24 घंटे बाद एस्ट्रोजन का स्तर पीक पर होता है। तीन तरह के एस्ट्रोजन हार्मोन में से एक एस्ट्राडियोल महिलाओं में यौन उत्तेजना बढ़ाता है। इस फैक्ट को एक और चीज पुख्ता करती है कि मेनोपॉज के बाद महिलाओं में एस्ट्राडियोल कम हो जाता है जिसके कारण यौन इच्छा में कमी आती है।

2. छुट्टियों के समय

किसी व्यक्ति की सेक्स की इच्छा समय पर भी निर्भर करती है, ऐसा हम नहीं, बल्कि रिसर्च कहते है। एक शोध किया गया जिसमें यह पाया गया कि वीकेंड में कॉलेज की उम्र की महिलाओं में सेक्स उत्तेजना वीक डेज की तुलना में अधिक थी। वीकेंड में एक महिला के सेक्स करने की औसत संभावना 22 फीसदी दर्ज की गई। जबकि अन्य दिनों में 9 फीसदी ही थी। इसलिए समय भी सेक्स की इच्छा और उत्तेजना की वजह हो सकता है।

3 फोलिक्युलर फेज़ में

When do women experience more sexual desire?

मेंस्ट्रुअल साइकल का पहला चरण फोलिक्युलर फेज़ है, जो लगभग 01-14 दिनों तक चलता है। इस चरण के दौरान, एस्ट्रोजन का स्तर प्रोजेस्टेरोन के स्तर से अधिक होता है। जब ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन में वृद्धि होती है, तो महिलाएं फोलिक्युलर फेज़ के अंत में ज्यादा सैक्स के लिए उत्तेजित महसूस करती हैं। यह ओव्यूलेशन की शुरुआत का प्रतीक है और इस समय में प्रेगनेंसी की अधिक संभावना होती है।

लुटिल फ़ेज में कम हो सकती है यौनेच्छा

इसे मेंस्ट्रुअल साइकिल का दूसरा चरण कहा जाता है, ये ओव्यूलेशन के बाद, ल्यूटियल फेज़ है। इस फेज़ में प्रोजेस्टेरोन का स्तर एस्ट्रोजन के स्तर से अधिक होने लगता है। लेकिन जब पीरियड होने होते हैं, तो दोनों में गिरावट शुरू हो जाती है, जो एक नए साइकिल की शुरुआत का संकेत देता है।

इस वक्त सेक्स की कम इच्छा महसूस होती है। हालांकि, हर महिला अपनी भावनाओं को अलग-अलग तरीके से संसाधित करती है। इसलिए यौन आनंद के लिए अपने सही समय और सही भावनाओं को समझने की आवश्यकता है।

फोटो सौजन्य- गूगल

Sexual intimacy helps in recovering from loneliness and depression

Erogenous zones: प्लेजर और इंटिमेसी किसी भी इमोशनल रिश्ते में बेहद अहम होती हैं। यह देखा जाए तो कहीं ना कहीं आपके मस्तिष्क और शारीरिक स्वास्थ्य के मद्देनजर भी काफी जरूरी होती है। कई मरतबा हमें अपने साथी का प्लेजर प्वाइंट का अंदाजा नहीं होता और हम उन्हें पूरी तरह खुश नहीं कर पाते हैं या सच कहा जाए तो उन्हें प्लेजर नहीं मिल पाता। इस परिस्थिति में सभी को एरोजेनस जोन के बारे में मालूम होना चाहिए। कुछ एरोजेनस जोन के बारे में तो हम सभी को मालूम होता है लेकिन कई ऐसे प्वाइंट्स भी हैं जो अंडररेटेड है और कुछ हमें मालूम नहीं होता। आज हम ऐसे ही कुछ Erogenous Zones के बारे में जानते हैं-

ये हैं कुछ खास एरोजेनस जोन

थाइ का इनर पार्ट

इनर थाईज यानी की जांघ के अंदर का हिस्सा साथी को सेड्यूस करने में आपकी मदद कर सकता है। यह काफी सॉफ्ट होता है, और आपकी इंटिमेट एरिया के बिल्कुल करीब होता है। इस हिस्से को टच करने से व्यक्ति आसानी से एक्साइटेड हो सकता है। यह फीमेल और मेल दोनों का एरोजेनस जोन है। इसे बिल्कुल हल्के हाथों से टच करना होता है। अगर आप मास्टरबेट कर रही हैं, तो आप इसे खुद को उत्तेजित करने के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं। पार्टनर के साथ इंटिमेट मूमेंट शेयर करते हुए उनसे इसे टच करने की मांग कर सकती हैं।

नेवल और पेट के नीचे का हिस्सा

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हालांकि, ये आपकी इंटिमेट एरिया के उतने क्लोज नहीं होते लेकिन फिर भी बहुत पास होते हैं। इस तरह इन्हें टच करने से एक्साइटेड होने में मदद मिलती है। खास कर अगर आप साथी के साथ सेक्सुअल एक्टिविटी में शामिल हो रही हैं तो जीभ और फिंगर टिप्स की मदद से नाभि और पेट के निचले हिस्से पर सर्कल बनाएं, इससे गुदगुदी महसूस होती है और एक्साइटमेंट बढ़ती है। वहीं, इन स्पॉट्स पर टेंपरेचर प्ले जैसे कि आइस रब करने से भी उत्तेजना बढ़ती है।

आर्मपिट और आर्म्स के अंदर का हिस्सा

आपको लग रहा होगा आर्मपिट कैसे स्टिम्युलेट कर सकते हैं, आपको बताएं कि यह एक पावरफुल Erogenous Zones हो सकता है। पार्टनर को बताएं कि वह अपने हाथ को पीछे की तरफ से लागे ले जाते हुए आपके आर्मपिट के नीचे के हिस्से को टच करें। इससे बॉडी में गिगल होता है और बॉडी में एक सेंसेशन रिलीज होता है जिससे कि उत्तेजित होने में काफी मदद मिलती है।

हथेलियां और फिंगर टिप्स

फिंगर टिप बॉडी के एक बेहद संवेदनशील अंगों में से एक है। वहीं आपकी हथेलियां भी उनसे ज्यादा दूर नहीं होती। यह मेल और फीमेल दोनों के एरोजेनस जोन होते हैं। यदि आप अपने पार्टनर को सेड्यूस करना चाहती हैं, तो उनकी हथेलियों पर अपनी उंगली से टिकल करें। इसके साथ आई कॉन्टेक्ट मेंटेनेंस रखें, इससे बॉडी में सेंसेशन क्रिएट होता है और आपके पार्टनर को उत्तेजित होने में मदद मिलेगी।

बेहद संवेदनशील होता है कूल्हा यानी बटॉक्स

सेक्सुअल एक्टिविटी के दौरान आमतौर पर लोग बटॉक्स को जरूर इंवॉल्व करते हैं। इसे मसाज करना, दबाने और स्पैंक करने से बॉडी में सेंसेशन जनरेट होता है, जिससे की उत्तेजना बढ़ती है। फीमेल के बटॉक्स के बीच के हिस्से को टच किया जाए तो उन्हें बहुत ज्यादा उत्तेजना महसूस होती है।

स्क्रोटम और टेस्टीकल्स

अगर फीमेल अपने पार्टनर को सेड्यूस करने के लिए उनके ट्रिगर प्वाइंट्स सर्च कर रही हैं, तो स्क्रोटम और टेस्टीकल्स एक बेहतरीन ऑप्शन है। यह दोनों बेहद सेंसिटिव होते है, इनमें कई नर्वस होते है, जिन्हें टच करने से बॉडी बेहद जल्दी उत्तेजित हो जाती है। ब्लो जॉब और हैंड जॉब देते हुए अपने पार्टनर के स्क्रोटम और टेस्टिकल को मसाज करें। इससे उन्हें बेहतर प्लेजर अचीव करने में मदद मिलती है।

फोरस्किन को करें इंवॉल्व

फोरस्किन कई नर्वस की एंडिंग है जिन्हें स्टिम्युलेट करने से उन पर प्रेशर पड़ता है और प्राइवेट पार्ट को पूरी तरह से इरेक्ट होने में मदद मिलती है। त्वचा की ये पतली लेयर अलग-अलग प्रकार के सेंसेशन क्रिएट करती है, जिससे कि मेल्स को आसानी से सिड्यूस किया जा सकता है। ब्लो जॉब और हैंड जॉब के दौरान फोरस्किन को जरूर इंवॉल्व करें।

फोटो सौजन्य- गूगल

Kajal Agrawal

New Year: साल के शुरू होते ही हम कई वादे और इरादे जताने लगते हैं। जिंदगी को खास मुकाम तक पहुंचाने के लिए बहुत से फैसले भी ले लेते हैं लेकिन ये सभी वादे और फैसले पहले माह में ही धराशायी हो जाते हैं। आइये इस साल क्यों ना अपने आप से कुछ ऐसे वादे कर लें जो ना सिर्फ आसान हो बल्कि दूसरों के लिए भी गाइड की तरह हो सके। पर्सनालिटी के विकास के मद्देनजर कुछ अहम बातों पर केंद्रित करना जरूरी है। मिसाल के तौर पर अपनी गलतियों को स्वीकार करना सीखें और कुछ नया सीखने से ना घबराएं। यहां बताने जा रहे हैं वो 12 आदतें जो नए साल में इंट्री करने से पहले व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देने में मददगार मानी जा सकती है।

व्यक्तिगत विकास पर केंद्रित करके ना सिर्फ आप अपने तजुरबे को बेहतर बना सकते हैं बल्कि खुद की इच्छाओं को समझना भी आसान हो जाता है। इसकी हेल्प से आप इस को समझ पाते हैं कि आपको जिंदगी में क्या चाहिए और आप क्या छोड़ना चाहते हैं। इस बारे में विशेषज्ञ ने कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताया है जिसकी मदद से आत्मविकास की तरफ आगे बढ़ा जा सकता है।

व्यक्तिगत विकास के लिए इन 12 चीजों को करने से बचें

1. किसी काम को टालना

किसी भी काम को टालना पर्सनालिटी विकास के मार्ग पर एक रोड़ा के रूप में काम करता है। इस आदत पर काबू पाने के लिए जिंदगी में अनुशासन लेकर आएं। टारगेट निर्धारित करने के बाद काम को डिवाइड कर लें। इससे काम में होने वाली देरी से बचा जा सकता है। साथ ही काम समय पर निपट जाते हैं। ऐसा करने से आपके अंदर संतुष्टि की भावना बढ़ने लगेगी।

2. डर असफल होने का

डॉक्टर के मुताबिक अगर आप किसी भी काम में असफल होने के डर से मुक्त हो जाते हैं, तो इससे आप नए कोशिशों को करने से नहीं कतराते हैं। जब आप कुछ नया सीखते हैं, तो उसमें गलती की गुंजाइश बनी रहती है। दरअसल, विफलता सीखने की प्रक्रिया का एक हिस्सा है। अपनी गलतियों से सीखें और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें।

3. गलतियों एक्सेप्ट ना करना

आत्म जागरूकता को बढ़ाने से आप खुद को आसानी से पॉलिश कर सकते हैं। आप अपनी खामियों को समझने लगते हैं। इस बात को भी जान पाते हैं कि किन क्षेत्रों में आपका सुधार की ज़रूरत है और वो कौन सी चीजें हैं, जिन्हें सीखकर आप आगे बढ़ने में सक्षम साबित हो सकते हैं।

4. देर से होश में आना

अपनी वर्क प्रोडक्टिविटी को बढ़ने के लिए जल्दी जागना बेहद ज़रूरी है। अधिकतर लोग जो देर तक सोते हैं। उसका असर उनकी दिनचर्या और काम के घंटों पर दिखने लगता है। सुबह जल्दी उठने से योजनाबद्ध तरीके से अपने दिन को प्लान कर सकते हैं।

5. कंफर्ट जोन से बाहर निकलना

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जब तक आप कंफर्ट जोन से बाहर नहीं निकलेंगे, जीवन में तरक्की करना मुश्किल होगा। जीवन में आने वाली चुनौतियों को स्वीकार करने के लिए आपके अपने कंफर्ट जोन ये बाहर नए चैलेंज एक्सेप्ट करने चाहिए। इससे व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा मिलता है।

6. खुद से निगेटिव बातें करना

अपने गोल्स को अचाव करने के लिए सबसे पहले खुद को बूस्ट करना शुरू करें। किसी भी प्रकार की निगेटिव सेल्फ टॉक से बचें। इस बारे में डॉ ज्योति कपूर कहती हैं कि अपने आप को नए कार्यों के लिए प्रोत्साहित करना बेहद ज़रूरी है। इससे शरीर में एनजी बढ़ती है और मेंटल हेल्थ में भी सुधार आने लगता है।

7. एक्सरसाइज़ से दूर रहना

नियमित वर्कआउट से मेंटल हेल्थ बेस्ट होती है। दिन की हेल्दी शुष्आत के लिए कुछ वक्त एक्सरसाइज़ के लिए अवश्य निकालें। इससे मानसिक तनाव से मुक्ति मिल जाती है और शरीर में एनर्जी का स्तर भी बढ़ने लगता है। स्टेमिला को बूस्ट करने वाली एक्सरसाइज कुछ सीखने की इच्छा पैदा करती है।

8. अनहेल्दी रिलेशनशिप

एक्सपर्ट के अनुसार वे लोग जो एक टॉक्सिक रिलेशनशिप में रहते हैं। उसका असर उनके रिश्तों के अलावा वर्क प्रोडक्टिविटी पर भी दिखने लगता है। खुद को ऐसे लोगों के बीच रखें, जो आपको प्रात्साहित कर सके और आगे बढ़ने में आपका साथ भी दें।

9. परफेक्शन की तलाश

हर काम में परफेक्शन की तलाश विकास के मार्ग में बाधा बनने लगती है। इससे न तो आप कार्यों को समय से कर पाते हैं और अपने गोल्स अचीव करना भी संभव नहीं हो पाता है। कार्यों में परफेक्शन ढूढ़ने की जगह गलतियों से सीखने का प्रयास करें और उपलब्धियों को भी हासिल करें।

10. Social Media पर समय बिताना

सोशल मीडिया कई तरह से आपकी जिंदगी को फायदा पहुंचाता है। इसकी मदद से आप जिंदगी में कई नई चीजों को खोज पाते हैं। पूरे दिन सोशल मीडिया पर स्क्रॉलिंग को छोड़कर कुछ देर के लिए सोशल मीडिया से दूरी भी बनाकर रखें। इससे आपके अधूरे कार्य समय पर होने लगेंगे।

11. रिग्रेट की फीलिंग को मन में संजोय रखना

मन में किसी ना किसी बात का रिग्रेट रखने से आप पास्ट में ही जीवन जीने लगते हैं, जो आपको आगे बढ़ने से रोकने लगता है। अपने बुरे एक्सपीरिएंस का दुख मनाने की जगह उनसे कुछ सीखने की कोशिश करें। जो आपके बेहतरीन भविष्य की ओर कदम बढ़ाने की तरह होगा।

फोटो सौजन्य- गूगल

They buy condoms but don't know how to enjoy safe sex!

Condom: इन दिनों मेडिकल स्टोर से लेकर मॉल तक सभी जगह आपको कंडोम उपलब्ध है। लेकिन हम सभी के लिए यह जानना जरूरी है कि क्या सभी कंडोम को वेजाइनल सेक्स के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। क्या इनका प्रयोग सेफ है? क्योंकि अक्सर हम एक्साइटमेंट में विभिन्न फ्लेवर, अलग-अलग डिजाइन के कंडोम तो खरीद लेते हैं पर बाद मे हमें परेशानी उठानी पड़ती है। असल में कंडोम का चयन महिलाओं की वेजाइनल हेल्थ को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए, क्योंकि पेनिट्रेशन के दौरान महिलाओं में संक्रमण का डर ज्यादा होता है।

हेल्थ एक्सपर्ट ने बताया कि कंडोम के इस्तेमाल जुड़ी कुछ अहम बातें ताकि आप बिना किसी परेशानी के सही और सुरक्षित सेक्स का आनंद ले।

यहां जानें कंडोम के इस्तेमाल से जुडी कुछ जरूरी बातें

1. वेजाइनल सेक्स के लिए ना करें फ्लेवर्ड Condom का इस्तेमाल

आज के समय में आपको तमाम तरह के फ्लेवर में कंडोम उपलब्ध मिल जाएंगे। किसी भी फ्रूट के फ्लेवर से लेकर आइसक्रीम फ्लेवर तक के कंडोम उपलब्ध हैं। परंतु क्या इनका इस्तेमाल वेजाइनल सेक्स के लिए सुरक्षित है? जवाब है नहीं, फ्लेवर्ड कंडोम को ओरल सेक्स के लिए बनाया गया है। फ्लेवर्ड कंडोम का इस्तेमाल वेजाइनल या एनल सेक्स के लिए नहीं करना चाहिए। खासकर अगर इनके पैकेट पर ऐडेड शुगर, फ्लेवर्ड कोटिंग जैसे इंस्ट्रक्शंस दिए गए हों, क्योंकि यह सभी वेजाइनल ईस्ट इन्फेक्शन का कारण बन सकते हैं।

2. Condom की एक्सपायरी डेट चेक करना ना भूलें

They buy condoms but don't know how to enjoy safe sex!

आमतौर पर हम खाने-पीने की चीजों पर तो एक्सपायरी डेट चेक करते हैं, परंतु कंडोम खरीदते वक्त शायद ही कोई ऐसा होगा जो एक्सपायरी डेट पर ध्यान देता हो। हालांकि, इस पर हम सभी को जरूर से जरूर ध्यान देना चाहिए। कंडोम के एक्सपायरी डेट पार हो जाने के बाद इन पर लगे लुब्रिकेंट आपके वेजाइना को नुकसान पहुंचा सकते हैं और इन्फेक्शन का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा एक्सपायरी कंडोम के फटने की संभावना अधिक होती है, साथ ही साथ सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज और प्रेगनेंसी को प्रीवेंट करने की इसकी क्षमता भी बेहद कम हो जाती है।

3. लेटेक्स Condom के साथ सिलिकॉन बेस्ड ल्यूब का करें प्रयोग

लेटेक्स कंडोम के साथ हमेशा वॉटर बेस्ड या सिलिकॉन बेस्ड ल्यूब का इस्तेमाल करें। हालांकि, इन ल्यूब को किसी भी कंडोम के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है। लेटेक्स कंडोम के साथ भूलकर भी ऑयल, लोशन, वैसलीन और ऑयल बेस्ड ल्यूब का इस्तेमाल न करें। ऑयल लेटेक्स कंडोम को डैमेज कर सकते हैं, जिसकी वजह से यह फट सकता है। ऐसे में प्रेगनेंसी और सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। आमतौर पर नॉन लेटेक्स प्लास्टिक कंडोम के साथ ऑयल बेस्ड ल्यूब का इस्तेमाल किया जाता है।

4. यहां रखें कंडोम

कंडोम को हमेशा धूप गर्मी और नमी युक्त जगह से दूर रखना चाहिए इसे सूखे और ठंडी जगह पर स्टोर करें। कंडोम को पर्स, बैग, पॉकेट में रखने से लेटेक्स खराब हो सकता है साथ ही इसकी ल्यूब भी खराब हो जाती है। इस स्थिति में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

5. कंडोम को कभी भी दोबारा न करें इस्तेमाल

एक कंडोम को भूलकर भी दो बार इस्तेमाल ना करें। अगर आप एक ही समय में कुछ देर के गैप पर दो बार सेक्स कर रही हैं, तो भी कंडोम बदलना आवश्यक है, क्योंकि ऐसा न करने से महिला एवं पुरुष दोनों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही कंडोम कमजोर हो जाती है, और दूसरी बार इस्तेमाल के दौरान यह फट सकती है। एक ही कंडोम को दो बार इस्तेमाल करना बेहद अनहाइजीनिक है। हेल्थ और सेफ सेक्स के लिए एक कंडोम को सिर्फ एक बार ही इस्तेमाल करें।

फोटो सौजन्य- गूगल

Stress Effects

Stress Effects: ये हम सभी जानते हैं कि सभी लोगों को कुछ ना कुछ टेंशन अवश्य होता है। लेकिन हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए। तनाव से होने वाले खतरे से बचने के लिए हमें अलर्ट भी रहना जरूरी है। बहुत ज्यादा तनाव हमें बीमार बना सकता है। रिसर्च बताते हैं कि तनाव की वजह से कुछ बीमारियां भी हो सकती है। टेंशन कुछ गंभीर बीमारियों को दावत भी देता है। लगातार तनाव में रहने पर शारीरिक लक्षण, जैसे कि हेडेक, पेट की समस्या, हाई ब्लड प्रेशर, सीने में दर्द हो सकता है। टेंशन के कारण सेक्स और नींद में समस्याएं भी हो सकती हैं।

तनाव आपके शरीर को कैसे करता है प्रभावित

Stress Effects

जब तनाव होता है, तो शरीर में केमिकल रिएक्शन होता है। यह तनाव के कारण होने वाले शारीरिक परिवर्तन को रोकने की कोशिश करता है। यह प्रतिक्रिया फाइट या फ्लाइट तनाव प्रतिक्रिया के रूप में जाना जाता है। स्ट्रेस से होने वाले रिएक्शन के दौरान व्यक्ति की हृदय गति बढ़ जाती है। सांस लेने की गति तेज हो जाती है। मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं। ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। यदि हार्ट बीट में लगातार और निरंतर वृद्धि होती है। स्ट्रेस हार्मोन और ब्लड प्रेशर का हाई लेवल रहता है, तो यह शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। लंबे समय तक चलने वाला यह तनाव हाई ब्लडप्रेशर, दिल का दौरा या स्ट्रोक के खतरे को भी बढ़ा सकता है।

इमोशनल हेल्थ पर बुरा प्रभाव

लगातार तनाव रहने से एंग्जायटी, चिड़चिड़ापन, सेक्सुअल डीजायर में बढ़ोत्तरी, मेमोरी लॉस, गुस्सा करना आदि जैसे लक्षण भी दिखने लगते हैं। इसके कारण मूड में बदलाव भी होने लगता है। बहुत अधिक तनाव में रहने पर उदासी और शारीरिक दर्द के साथ-साथ मानसिक या भावनात्मक आंसू भी आने लगते हैं। तनाव एंडोक्राइन ग्लैंड को आई रीजन में हार्मोन जारी करने के लिए प्रेरित करता है, जिससे आंसू बनते हैं।

यहां हैं तनाव को मैनेज करने के 4 Methods-

  • सूर्य की किरण है सबसे जरूरी

अब तो ठण्ड का मौसम आ गया है। इसलिए सूर्य की रोशनी में बैठना तनाव दूर भगाने के साथ-साथ शरीर के लिए भी बढ़िया है। विटामिन डी की कमी से भी स्ट्रेस और एंजायटी के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। अगर आप तनाव में हैं, तो सुबह कुछ देर धूप में बैठने की कोशिश करें। धूप आपको रिफ्रेश कर देगा।

  • एक्सरसाइज से दूर होता है टेंशन

मेंटल हेल्थ जर्नल में प्रकाशित शोध बताते हैं कि गुस्से या तनाव में रहने पर बैठने की जगह से 20 कदम चलना भी तनाव भगाने (stress affect health) के लिए काफी है। वॉकिंग से तनाव दूर भाग जाता है। एंडोर्फिन हार्मोन पैदा होने से व्यक्ति तनाव मुक्त हो जाता है ।

  • Epsom Salt के साथ स्नान

एप्सम साल्ट या मैग्नीशियम सल्फ़ेट के सेवन से तनाव से राहत मिल सकती है। गनगुने पानी से नहाने पर भी तनाव दूर होता है। तनाव में होने पर एप्सम सॉल्ट हॉट बाथ लिया जा सकता है।

  • Omega-3 फैटी एसिड शामिल करें

ओमेगा- 3 फैटी एसिड में पॉली अनसेचुरेटेड फैट होते हैं। ये रिलैक्स करते हैं। इसके लिए टूना, सैल्मन आदि सी-फ़ूड लिया जा सकता है। प्लांट बेस्ड फ़ूड में चिया सीड्स, मूंगफली और अलसी ओमेगा-3 फैटी एसिड के बेहतरीन स्रोत हैं। टेंशन भगाने के लिए सुबह या दो बजे तक एक बड़ा चम्मच अलसी लिया जा सकता है।

Flavored condom increases vaginal infection

सुरक्षित SEX को लेकर कंडोम का प्रयोग किया जाता है। यह सभी तरह के सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (STD) से बचाता है। सेक्स के दौरान कुछ लोग फ्लेवर्ड के Condom का भी इस्तेमाल करते हैं। कुछ महिलाएं पार्टनर के फ्लेवर्ड Condom कंडोम का इस्तेमाल करने पर वेजाइनल इंफेक्शन से हुई परेशानी का जिक्र करती हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक फ्लेवर्ड कंडोम का प्रयोग हमेशा नहीं करना चाहिए। इसकी वजह से ही इन्फेक्शन होता है।

क्या है Male Condom

मेल कंडोम एक पतला आवरण वाला होता है, जिसे सुरक्षित यौन संबंध के लिए पेनिस के ऊपर रखा जाता है। इनसे सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (Sexually Transmitted Disease) से बचाने में मदद मिलती है। इससे अवांछित गर्भधारण को रोकने में मदद मिलती है। एक समय में एक से अधिक प्रकार के कंडोम का उपयोग नहीं करना चाहिए। इससे कंडोम के फटने का डर बना रहता है।

क्या है Flavored Condom

गायनेकोलोजिस्ट एंड ऑब्सटेट्रिक्स डॉ. रिद्धिमा शेट्टी अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में बताती हैं, ‘फ्लेवर्ड कंडोम विशेष रूप से ओरल सेक्स के लिए बनाए जाते हैं। अन्य प्रकार के सेक्स के लिए फ्लेवर्ड कंडोम का उपयोग स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है, फ्लेवर्ड कंडोम में उपयोग किए जाने वाले तत्व जलन और संक्रमण का कारण बन सकते हैं। फ्लेवर्ड कंडोम के लयूब्रीकेंट में फ्लेवर मिलाया जाता है। फ्लेवर्ड कंडोम के विकल्प के रूप में फ्लेवर्ड ल्यूब (Flavored Lube) का उपयोग बिना लयूब्रीकेंट वाले कंडोम के साथ किया जा सकता है।’

इस तरह के सेक्स के लिए फ्लेवर्ड कंडोम

Some Natural Ways To Spice Up Your Sex Life

डॉक्टर के मुताबिक आपके पार्टनर पेनिट्रेटिव सेक्स के लिए फ्लेवर्ड कंडोम का उपयोग कर रहे हैं, तो इसके लिए डॉक्टर मनाही करते हैं। फ्लेवर्ड कंडोम का इस्तेमाल केवल ओरल सेक्स के लिए किया जाता ((Flavored Condom for Oral Sex) है। दरअसल, फ्लेवर्ड कंडोम में आर्टिफिशियल शुगर (Artificial Sugar) मौजूद होता है, जो योनि के पीएच स्तर को बाधित (Flavored Condom affects Vaginal PH) कर देता है। यह फंगल और कभी-कभी बैक्टीरियल इन्फेक्शन का भी कारण बन (Flavored Condom causes Bacterial Infection) सकता है।

ये नियमित कंडोम (Regular Condom) के समान होते हैं, लेकिन लयूब्रीकेंट में पसंदीदा फ्लेवर मिलाए जाते हैं। यह एक सामान्य परिवर्तन है, लेकिन अतिरिक्त स्वाद कंडोम के कार्य को थोड़ा बदल देता है। पेनिट्रेटिव सेक्स के दौरान नियमित कंडोम का ही उपयोग करना चाहिए।

लुब्रिकेंट का उपयोग

Flavored condom increases vaginal infection

सभी लयूब्रीकेंट ओरली निगलने के लिए सुरक्षित नहीं होते हैं। प्रयोग करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए और उपयोग किये जा रहे प्रोडक्ट का लेबल भी पढ़ना चाहिए। उचित लयूब्रीकेंट का उपयोग करना जरूरी है। तेल आधारित लयूब्रीकेंट लेटेक्स कंडोम (Latex Condom) के साथ अच्छी तरह से काम नहीं करते हैं। ये आम तौर पर मुंह में डालने के लिए भी सुरक्षित नहीं होते हैं। आयल कंडोम के रबर को कमजोर कर देती है और इसके टूटने का खतरा बढ़ जाता है।

यहां हैं फ्लेवर्ड कंडोम के खतरा

डॉक्टर्स के अनुसार अगर सही तरीके से उपयोग नहीं किया जाए, तो फ्लेवर्ड कंडोम सामान्य कंडोम की तुलना में जोखिम पैदा कर सकते हैं। इसके एनल या वेजाइनल सेक्स के दौरान टूटने, फटने और फिसलने का डर बना रहता है। इससे किसी भी प्रकार के इन्फेक्शन या आकस्मिक गर्भावस्था की संभावना भी बन सकती है। फ्लेवर्ड कंडोम ओरल सेक्स के लिए हैं। इसलिए एक टूटा हुआ कंडोम आपको और आपके पार्टनर को एसटीआई (STI) के जोखिम में ला सकता है। एसटीआई के कारण हरपीज, गोनोरिया, ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPLV), ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV), एक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (AIDS) जैसे जानलेवा रोगों का खतरा बढ़ जाता है।