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Category Archives: Lifestyle

When partner is busy

जिंदगी की जरूरतें पूरी करने के लिए काम करना भी बेहद जरूरी है। ऐसे में आपको रिलेशनशिप में प्रैक्टिकल अप्रोच रखनी ही चाहिए। आपका पार्टनर (Partner) अगर हर समय काम में उलझा रहता है, तो आपको यह समझने की जरूरत है कि यह आप दोनों की लाइक के लिए आवश्यक है। हो सकता है कि आपके काम की तरह उनका काम बहुत ज्यादा पेचीदा हो। ऐसे में आपको उन्हें बोलने के बजाय हिम्मत बढ़ानी चाहिए। अलावा इसके भी आपको कुछ ऐसे कार्य करने चाहिए, जो आपको पार्टनर के लिए हेल्पफुल हो।

गलतफहमी दूर भगाए

बात करने से कई प्रोब्लम्स दूर होते हैं। ऐसे में आपको पार्टनर से बात शुरू करनी चाहिए। आपको जितना समय मिलता है उसमें पार्टनर से अपने मन की बातें साझा करें और उनकी बातों को सुनें। उनके काम से जुड़ी बातों को पूछें। इससे आपको काफी कुछ क्लियर हो जाएगा।

ऐसे होगा दोनों का रिश्ता मजबूत

When partner is busy

खुश रहना बहुत जरूरी है, तभी आप दोनों का रिलेशन स्ट्रॉन्ग हो सकता है। याद रखें कि ऐसी सिचुएशन हमेशा नहीं रहेगी इसलिए चिल करें। हो सकता है कि पार्टनर कुछ दिनों के लिए ही ज्यादा बिजी हो, इसलिए आप बिल्कुल भी नेगेटिव न सोचें।

छोटी-छोटी चीजें भी रिलेशन में मिठास घोल देती है

गिफ्त का मतलब यह नहीं है कि आप कोई कीमती गिफ्ट ही खरीदें बल्कि कई बार छोटी छोटी चीजें भी रिश्तों में मिठास घोल देती है। ऐसे में आप पार्टनर को गिफ्ट देकर उनके चेहरे पर खुशी ला सकते है। इससे आपके पार्टनर को भी फील होगा कि उन्हें आपके लिए कैसे समय निकालना है।

ऐसे डेट करें अरेंज

पार्टी या डेट के लिए जरूरी नहीं है कि आप दोनों बाहर ही जाएं बल्कि आपको घऱ में जितना भी समय मिलता है उसे बेहतरीन बनाने का प्रयास करें। आप घर को डेकोरेट कुछ खास अंदाज में कर सकते हैं या फिर ऑर्डर कर सकते हैं।

First of all free yourself from the clutches of the society

हमारी आंखे अक्सर चेहरे की सुंदरता को ही देख पाती हैं, काश कि मन की सुंदरता को भी इसी तरह से देखा जा सकता।
अगर हम चेहरा देखने की जगह मन के विचारों की सुंदरता देख पाते तो शायद सुंदरता की परिभाषा अलग होती।।

दो सहेलियों ने एक जॉब के लिए इंटरव्यू दिया, और एक को चुन लिया गया और जिसको चुना गया उसने दूसरे को यह कहते हुए ताना मारा कि काबिलियत की किसे परवाह है? मुझे तो मेरा चेहरा देखकर ही चुन लिया गया।

इस तरह की बातों को देखकर सुनकर अक्सर दिल में ख्याल आता है, कि क्या सुंदर ना होना वास्तव में एक अपराध है? हर दिन न जाने कितने ही लड़के और लड़कियां सुंदरता के नाम पर किए जाने वाले इस भेदभाव के शिकार होते हैं। समाज की इस दुत्कार की वजह से हीन भावना का शिकार होते हैं।

दोस्तों, हम समाज की परिभाषा नहीं बदल सकते पर अपनी बदल सकते हैं। खुद को समाज के इस तराजू में तौलना बंद कर दीजिए।
याद रखिए, यह आपका अपना शरीर है और यही सब कुछ है। दरअसल, जिनके पास जो नहीं है, वह उसी को पाना चाहता है। फिर चाहे पैसा हो , सफलता हो, संबंध हो या फिर सुंदरता।।

हम सुंदर होने के लिए इसलिए बेचैन होते हैं क्योंकि हम मान लेते हैं कि हम सुंदर नहीं हैं।
आपने सुना होगा मन के हारे हार है, मन के जीते जीत। तो बस फिर आज से ही मानना शुरू कर दीजिए कि आप बहुत सुंदर हैं।
सबसे पहले अपने आपको समाज के चुंगल से छुड़ाए और अपनी चिंता करें।

1. सुंदरता को समाज नहीं बल्कि आप तय कीजिए। यह समाज कभी भी अपनी राय आपके लिए बदल सकता है लेकिन उससे पहले आपको अपने बारे में सोच बदलनी पड़ेगी।।

2. आपको एक ही जीवन मिला है और एक ही शरीर। यही शरीर आपका अंत तक साथ देगा इसलिए यह आपके लिए साधना का स्रोत है। इसका आभार व्यक्त करें ,इसे प्यार करें और स्वीकार करें।

3. हमारे लिए विचारों की सुंदरता अहम होती हैं। समाज चेहरे से आकर्षित हो सकता है, लेकिन प्यार गुणों से ही होता है। अपनी सेहत का ध्यान रखें और अपने साथ मुस्कुराहट को जरूर रखें।

4. कभी भी अपने आप को कोसिए मत। आपने अपने को जानने की कोशिश कीजिए ,आपको क्या पसंद है, आप किस वजह से खुश होती हैं। यह सब अपने बारे में जानिए और उसी तरीके से आप अपने जीवन को बिताएं।

5. खुद को प्रकृति से जोड़ना सीखे ।आईने में दिखने वाले से नहीं , अपनों के हंसते-मुस्कुराते चेहरों में खुद को देखने की कोशिश करें।।

Kamal Haasan Birthday

मुंबई: साउथ के सुपरस्टार एक्टर कमल हासन (Kamal Haasan) बीते कई दशकों से दर्शकों को एंटरटेन कर रहे हैं। उन्होंने कई अलग-अलग भाषाओं की फिल्मों में काम किया हैं और करीब हर उम्र वर्ग के दर्शकों को जमकर एंटरटेन किया हैं। कमल हासन आज अपना 68वां बर्थडे मना रहे हैं और इस मौके पर चलिए जानते हैं उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें। कमल हासन की एक्टिंग और पॉलिटिकल लाइफ तो काफी ओपन रही हैं, लेकिन उनकी पर्सनल लाइफ से जुड़ी बहुत सी चीजें फैंस आज भी नहीं जानते।

शादी और तलाक का सिलसिला

कमल हासन की जिंदगी से अब तक कुल 05 लड़कियां का नाम जुड़ चुका हैं। उनकी पर्सनल लाइफ उतार चढ़ावों भरी रही हैं। कमल ने साल 1978 में वाणी गणपति से शादी की। यह शादी 10 साल चली और फिर 1988 में इनका तलाक हो गया। इसके बाद कमल एक्ट्रेस सारिका के साथ डेटिंग करने लगे थे। कमल और सारिका ने साल 1988 में शादी कर ली। उनकी 02 बेटियां श्रुति और अक्षरा हासन हैं। फिर साल 2004 में सारिका से भी उनका तलाक हो गया।

कमल ने एक्ट्रेस श्रीविद्या के साथ कुछ फिल्मों में काम किया था और शूटिंग के दौरान उन्हें प्यार हो गया। कुछ दिनों तक उनके रिलेशनशिप की खबरें उड़ीं पर यह रिश्ता ज्यादा दिन नहीं चल सका। साल 1978 में कमल ने वाणी गणपति से शादी करके सबको हैरान कर दिया।

शादी से पहले प्रेग्नेंट हो गई थीं सारिका

जबकि वाणी के साथ भी कमल का रिश्ता बहुत लंबा नहीं चला और 10 साल बाद दोनों ने अपने रास्ते अलग कर लिए। कुछ वक्त बाद कमल हासन का नाम जुड़ा एक्ट्रेस सारिका के साथ। दोनों शादी करते उससे पहले ही सारिका प्रेग्नेंट हो गईं और उन्होंने श्रुति हासन नाम की बेटी को जन्म दिया। दोनों ने इसके बाद शादी कर ली और उन्हें एक बेटी हुई जिसका नाम दोनों ने अक्षरा हासन रखा। इसके बाद साल 2004 में कमल और सारिका अलग हो गए।

कमल 13 साल तक Live In में रहे थे

कमल हासन लिव इन में रहने के लिए भी सुर्खियां बटोर चुके हैं। उनका नाम 22 साल छोटी सिमरन बग्गा के साथ जुड़ा था। हालांकि इन खबरों की कभी कोई पुष्टि नहीं हुई और कुछ वक्त बाद सिमरन के किसी और से शादी करने की खबरें आईं। कमल हासन एक्ट्रेस गौतमी के साथ भी 13 साल तक लिव इन में रह चुके हैं।

 

Feeding

मां बनना एक खास अहसास है, लेकिन ज्यादातर लोग मानते हैं कि यह हमारे मुताबिक आसान वक्त हो सकता है क्योंकि बच्चा बहुत छोटा है। इसके साथ होने वाली भ्रम और टेंशन बहुत मुश्किल भरा हो सकता है। स्तनपान (Breast Feeding) जैसा आसान कार्य, जो बिल्कुल सिंपल लगता है, उसे सही तरह से ना करना पेचीदा हो सकता है। यहां पर कुछ जरूरी सुझाव दिए गए हैं जो यह बताने के लिए काफी है कि आप और आपका शिशु स्तनपान की इस दुनिया को सहजता से अपना सकें।

-जितना जल्दी हो सके अपने शिशु को स्तानपान कराना ना भूले, अगर आप और आपका शिशु ठीक-ठाक है तो जन्म के फौरन बाद इसे करना अच्छा माना जाता है।

-सही स्थिति में स्तनपान कराने के लिए हेल्प लें। अगर आपको दर्द हो रहा है तो शायद यह स्थिति आगे कोई समस्या हो सकती है। शुरुआती कोमलता का अनुभव करना सामान्य है लेकिन अगर आप महसूस कर रही पीड़ा असहनीय हो जाती है, तो यह सामान्य नहीं है। कोई नर्स अगर आपके घर पर आती है तो वह स्थनपान की स्थिति निर्धारण में सुधार करने में आपकी सहायता कर सकती है, जिससे यह असहनीय नहीं होगा।

-अपने शिशु को अपने शरीर के करीब रखें। जब आपका शिशु आपसे लिपटा हो, तब त्वचा से संपर्क, आपके शिशु के लिए सुखदायक हो सकता है और भूख लगने पर उनके द्वारा किए जाने वाले संकेतों को आपको प्रतिक्रिया देने में मदद होगी।

-नवजात के शुरुआती दिनों में बार-बार दूध पीना सामान्य प्रक्रिया हैं क्योंकि भूख शिशुओं की एक सक्रिय आदत है।

-फिलहाल एक दिनचर्या बनाने की कोशिश ना करें, बस अपने शिशु की जरूरत और प्रतिक्रियाओं के साथ चलें। शुरुआती दिनों मे यह बार-बार हो सकता हैं।

-हर बार दोनों स्तनों से शिशु को दूध पिलाएं, भले ही आपका शिशु सिर्फ एक से ही पीता हो।

-स्तनपान ऐसी प्रक्रिया है जिसे आपको और शिशु को एकसाथ सीखना है और इसे सामान्य और प्राकृतिक महसूस करने में थोड़ा वक्त लग सकता है। शुरुआती दिनों और हफ्ते में जो होता है वह अच्छे में बदलता है और वक्त बीतने पर आप इसे सबसे आरामदायक चीज़ की तरह महसूस करेंगी|

-जब आप शिशु को स्तनपान करा रहीं हैं तो बेहतर होगा कि उसे किसी भी तरह के बोतल से दूध पिलाने की आदत ना डालें। बोतल और चूसक का उपयोग आपके शिशु के स्तनपान के ‘गुण’ पर प्रभाव डाल सकता है।

-अगर आप लंबे समय तक पीड़ा-मुक्त स्तनपान के बाद पीड़ा महसूस कर रही हैं, तो यह आपके निप्पल पर फंगल संक्रमण के कारण हो सकता हैं। अपने डॉक्टर से संपर्क करें। अगर यह स्थिति होने पर आपको और आपके शिशु को चिकित्सा की आवश्यकता पड़ेगी ।

Breast Feeding

-सही यह होगा कि स्तनपान के दौरान आप समय ना देखें। स्तनपान पर आपका शिशु कितने समय तक है और यह प्राप्त किये जाने वाले दूध की मात्रा को नहीं दर्शाता है। कई शिशु कुछ मिनट में जितना उन्हें चाहिए उतना पी लेते हैं जबकि अन्य कुछ ज्यादा वक्त लेते हैं। बस अपने शिशु की जरूरतों पर ध्यान रखें।

-ज्यादातर शिशु स्तनपान के वक्त स्वाभाविक रूप से विश्राम लेते हैं जो कि समय में भिन्न होते हैं। लेकिन लंबे स्तनपान (जैसे, नियमित रूप से एक घंटे से अधिक) जो आपके शिशु को खुश रखने में विफल होते हैं और उन्हें बैचैन कर देते है, एक संकेत है कि शायद कुछ सही नहीं हैं। एक बार फिर स्थिति निर्धारण की जांच करें, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आपका शिशु संतोषजनक मात्रा में दूध पी रहा है।

अपने स्तन पैड को नियमित रूप से बदलें क्योंकि गंदे स्तन पैड बैक्टीरिया विकसित कर सकते हैं।

स्तनपान रोकने के लिए धीरे से शिशु के जरिए बनाई गई सक्शन सील को समाप्त कर अपने शिशु को निप्पल से हटा लें। यह करने के लिए अपनी उंगली को अपने शिशु के मुंह के कोने तक धीरे से सरकाएं और आहिस्ते से उन्हें दूर खींच लें।

अपने निप्पल पर थोड़ा दूध निचोड़े और इससे मसाज करें। अगर संभव हो तो अपने नीपल को थोड़ी देर खुली हवा में सूखने दें। यह स्वास्थ्य और सफाई रखने में मदद करेगा।

 

Do not do these 5 things even by mistake, if there is doubt on them, the loss in the relationship will be a little less

प्रतीक को शक है कि उनकी पार्टनर रश्मि किसी और के साथ भी रिलेशन में हैं। वह आपसे छुपकर किसी और के साथ रिश्ता(Relation) बढ़ा रही हैं। वह प्यार आपको दिखा रही हैं पर इसका अहसास किसी और को भी करा रही हैं।

ये अहसास केवल प्रतीक का संदेह भर है। अभी उन्हें इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है। मगर इस एक शक भर ने उनके रिलेशन को बिल्कुल खराब कर दिया है। वह अब रश्मि से अलग होने वाले हैं, जबकि रश्मि का कहीं और रिश्ता था ही नहीं।

क वाली गलती अक्सर कई पुरुष कर देते हैं। उन्हें अपनी पार्टनर का किसी से बात करना और हंस लेना भर अच्छा नहीं लगता है। वो इसे पहले शक और फिर बेवफाई का नाम देते हैं और फिर कोई ना कोई ऐसा काम कर देते हैं, जिससे उनके रिश्ते पर खराब असर पड़ता है।

बेवफा होने का शक

अगर आपको भी गर्लफ्रेंड से ये दिक्कत है कि वो आपके पीछे किसी और से प्यार में पड़ी हैं तो खुद को बेवकूफ ना बनने दें। लेकिन साथ ही ऐसा कुछ भी ना कीजिए कि सिर्फ शक के कारण आपका रिश्ता खराब हो जाए। ऐसे हालात में क्या किया, जाए क्या नहीं, आइये जानते हैं-

1. बदले की भावना गलत

भरतीय पुरुषों में मेल ईगो का डोज हमेशा से ज्यादा ही रहा है। ऐसे में जब भी उन्हें ये शक होता है कि पार्टनर उनके साथ-साथ किसी और के साथ भी रिश्ता निभा रही है तो वो उन्हें सजा देने निकल पड़ते हैं।

वो सही-गलत की जांच किए बिना ही पार्टनर को सबक सिखाने वाले अंदाज में आ जाते हैं। कह सकते हैं कि बिना कुछ भी जांचे समझे वो दुनियाभर को बताने लगते हैं कि उनकी पार्टनर बेवफा है। वो किसी के काबिल नहीं है।

कई लोग तो सोशल मीडिया तक पर ये मामला शेयर कर देते हैं। लेकिन सोचिए जरा अगर आपका शक बेबुनियाद हुआ तो। तो आपका ये प्यारा रिश्ता भी आपके हाथ से निकल जाएगा। इस रिश्ते को बचाने के लिए थोड़ा सबूत ढूंढिए तब आगे बढ़िए।

2. दोस्तों को हरगिज ना बताएं

सिर्फ शक होने भर से आप इतना न दुखी हो जाएं कि अपने दुःख दर्द सारे दोस्तों से साझा कर लें। ध्यान दें, सब आपके ऐसे दोस्त नहीं होंगे जो आपका राज अपने तक ही रखें।

वो आपकी बात किसी और को बता सकते हैं और ये बात बेवजह पूरी दुनिया के कानों में पड़ सकती है। जबकि अगर आपकी पार्टनर गलत हैं भी तो उनकी ऐसी बात दुनिया को बताने की जरूरत नहीं है।

आप उनके दिए प्यार की खातिर भी शांत रह सकते हैं। ये रिश्ते से निकलने का आसान तरीका होगा।

3.अचानक से रिश्ते में सही नहीं

आपको अपने पार्टनर पर बेवफाई का शक है। आपको अभी कोई भी पक्की बात नहीं पता है लेकिन फिर भी आप निर्णय पर आ गए हैं कि आप दोनों को अलग हो जाना चाहिए।

आपने अपनी तरफ से ब्रेकअप कर भी दिया है। लेकिन इस जगह पर आप गलत हैं। आप उनसे सामने बैठकर बात कीजिए। उनका जवाब सुनिए, खुद चीजें परखिए और तब निर्णय लीजिए। अगर बिना सोचे-समझे निर्णय ले रहे हैं तो आप सही नहीं हैं।

सिर्फ सोचते ही ब्रेकअप सोचना सही नहीं है। बल्कि इससे पहले मामले को पूरा समझिए, तब बात कीजिए।

4.उनके पार्टनर से बात

If your girlfriend is angry then never say these five things..

कई लोग ऐसा करते हैं कि जब उन्हें अपने पार्टनर पर बेवफाई का शक होता है तो वो पार्टनर से तो नाराज होते ही हैं। लेकिन साथ में पार्टनर के तथाकथित पार्टनर से भी पूरी नाराजगी दिखाते चलते हैं।

वो उनके घर तक पहुंच जाते हैं या फिर ऑफिस भी। अपने पार्टनर से सवाल पूछते ही हैं उनके पार्टनर से भी खराब व्यवहार करते हैं।

जबकि पार्टनर के पार्टनर तो आपके लिए एक अजनबी हैं। आपके लिए आपकी पार्टनर जिम्मेदार हैं और आप सिर्फ उन्हीं से पूछ सकते हैं, किसी और से नहीं।

5. समझदार दोस्त ढूंढिए

ये वो स्थिति है जब आपको किसी अच्छे और समझदार दोस्त से सुझाव की जरूरत होगी। आपको ये बात सारे दोस्तों को नहीं बतानी है बल्कि सिर्फ उन दोस्त को बताएं जो आपको इस स्थिति से निकलने में आपकी मदद कर सकते हैं।

अगर वो कुछ खास न कर पाएं तो कम से कम आपको मानसिक सहयोग दे पाएं। ऐसा दोस्त आपको ढूंढना होगा जो आपको स्थिति से निकलने और इसको समझदारी से हैंडल करने में मदद करें।

इसके लिए आप अपने परिवार में से भी किसी को चुन सकते हैं। बड़ा भाई या बहन। ये लोग भी आपको सही रास्ता चुनने में मदद करेंगे और आप सही निर्णय ले पाएंगे।

mother

मां, वह घर छूटे अरसा हो गया है और वैसे ही वह बेफ़िक्री से सोए हुए अरसा हो गया। तुम्हें याद है, मैं हमेशा तुम्हें कह कर सोती थी कि मां मुझे जल्दी उठा देना लेकिन तुमने कभी मुझे सोते हुए नहीं उठाया।

पर सच कहूं तो वो वाली नींद भी वही छूट गई, अब ऐसी नींद आती नहीं। आंखे ना जाने क्यों अलार्म बजने से पहले खुल जाती है।ना जाने किस बात की बेचैनी है। जब से वह घर छूटा है ना, खाना भी अच्छा नहीं लगता। पता नहीं तुम आटे में क्या मिलाया करती थी, वैसी रोटी कहीं खाने को ही नहीं मिलती। कई बार कोशिश की तुम्हारे जैसा स्वाद खाने में लाने की, लेकिन ना जाने क्यों अपने हाथ से बनाया हुआ पनीर भी लौकी जैसा लगता है। और हां, लौक़ी से याद आया तुम्हें याद है, जब जब घर पर लौकी बनती थी तो तुम मेरे लिए कोई और दूसरी सब्जी बना देती थी। मां, तुम कितने अच्छे से जानती थी कि मैं नहीं खाऊंगी, मुझे पसंद नहीं है। तुम्हें पता है मैं अब बड़ी हो गई हूं, अब लौकी बनती है, तो मैं आचार से रोटी खा लेते हूं और जब सवाल करती हूं खुद से की दूसरी सब्जी? तो इस दिले नादान को समझाती हूं कि यह पापा का घर नहीं है।

सब से लेट सो कर, सब से लेट उठती थी मैं। वैसे, सब से लेट तो यहां पर भी सोती हूं, लेकिन सुबह सबसे पहले उठने के लिए। अलार्म कई बार बजती है, कई बार मुझसे यह कहते हुए रूठ जाती है, कि तुम्हें मेरी क्या जरूरत है? मैं उसे कैसे समझाऊं कि मुझे उसकी जरूरत जागने के लिए नहीं, बल्कि कभी गलती से मीठे सपनों में खो कर आंख ना खुलने पर देर ना हो जाए इसलिए हैं।

mother

पतंग को देखकर आसमान में दूर तक उड़ जाने के ख्वाब देखने वाली मैं , ये फिजूल के मतलबी रिश्ते निभाते निभाते मशीन हो गई हूं। तुम्हें पता है मां, अब दिल दुखना ही भूल गया है। पहले कोई दिल दुखाता था, तो उसकी शक्ल ना देखने की कसम खाने वाली मैं, अब झूठा मुस्कुराना सीख गई हूं। दिल अंदर चीख रहा होता है और बाहर कोई सुन नहीं सकता, मेरी हंसी के पीछे इस मासूम की चीख कुछ भी नहीं है। जब तुम पास थी तो एक छोटी सी खरोच भी बहुत बड़ी चोट होती थी, लेकिन अब अक्सर खाना बनाते हुए हाथ जल जाते हैं मेरे, और कमाल देखो मां, तुम्हारी ये बेहतरीन अदाकारा, मुंह से उफ्फ भी नहीं करती।

आज बाजार में एक मां अपनी बच्ची को खिलौना दिला रही थी। बहुत खुश थी वह बच्ची खिलौने लेकर। लेकिन तभी एक ख्याल मन में आया कि आज जब मां पास है तो बाजार के सारे खिलौने अपने लगते हैं,लेकिन जब वही मां पास नहीं होती लोग उसी को खिलौना बना कर खेलते रहते हैं। कभी उसके दिल से और कभी उसके जज्बात से।
तुम बहुत याद आती हो, मां जब कभी सड़क पार करनी होती थी तो तुम और ज्यादा कसकर मेरा हाथ पकड़ लेती थी। आज जब कभी अकेले सड़क पार करती हूं , तो लगता है तुम यहीं हो मेरे साथ।

अब बड़ी हो गई हूं, मां अकेले सड़क पार करने के अलावा जिंदगी की मुश्किलों से लड़ना सीख गई हूं ,समझौते करना सीख गई हूं ,दिल में बहुत सारा दर्द लेकर हंसना सीख गई हूं और इनमें कोई बुराई भी नहीं है। जिंदगी का दूसरा नाम आजमाइश ही तो है। तुमने हर मोड़ पर मेरा साथ दिया है और आगे भी देती रहोगी, लेकिन सबको अकेले ही अपनी जिंदगी के अंधेरों से लड़ना पड़ता है। और मैं डटकर सारे अंधेरों का सामना करूंगी बस तुम ठीक वैसे ही मेरा हाथ पकड़े रखना जैसे तुम सड़क पार करते वक्त पकड़ा करती थी।
‘आई मिस यू मां’
‘आई लव यू लॉट’।

Importance of 'Chhath', the great festival of folk faith, from bathing to Arghya

लोकआस्था के महापर्व ‘छठ’ व्रत नहाय-खाय के साथ शुरू हो चुका है। 04 दिवसीय इस पर्व की शुरुआत 28 अक्टूबर को नहाय-खाय के साथ हुई, जो 31 अक्टूबर तक चलेगा। इसी सिलसिले में शनिवार के दिन ‘खरना’ पूजन है। खरना को लेकर छठ व्रती महिलाएं सारी तैयारी कर चुकी है जिसमें शुद्धता का विशेष ख्याल रखा जाता है। रविवार को यानी आज संध्या कालीन अर्घ्य और सोमवार उदयीमान भगवान भास्कर को अर्घ देने के साथ छठ व्रत का समापन हो जाएगा। आइए अब जानते हैं कि छठ में खरना का क्या होता है और इसका क्या महत्व है ?

खरना में क्या होता है ?

छठ का दूसरा दिन खरना के रूप में मनाते हैं। इस अवसर पर छठी मैया को खुश करने के लिए हर व्रती प्रसाद में चार चीजें बनाती हैं। इस दिन व्रती सुबह से निर्जला व्रत रखकर शाम को मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ और चावल की खीर बनाती है। खीर के साथ रोटी भी बनती है, रोटी और खीर के साथ मौसमी फल केला जरूर शामिल किया जाता है और मिठाई के साथ एक केले के पत्ते पर रखकर छठ माता को चढ़ाया जाता है। इसके बाद व्रती खुद भी इस प्रसाद को ग्रहण करके परिवार के बाकी लोगों को भी प्रसाद बांटती है।

यह प्रसाद चूल्हें पर आम की लकड़ियों को जलाकर ही बनाया जाता है। वहीं रविवार को व्रती संध्या अर्घ्य के लिए नहर पर जाती हैं। इस वर्ष डूबते सूर्य को दिया जाने वाला संध्या अर्घ्य 30 अक्टूबर दिन रविवार को है, जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होता है। इसी दिन छठी मैया की विशेष पूजा भी होती है। इसी प्रकार ऊषा अर्घ्य और पारण- इस वर्ष छठ पर्व में ऊषा अर्घ्य और पारण 31 अक्टूबर दिन गुरुवार को है, जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को होता है।

खरना का है खास महत्व ?

छठ में खरना का विशेष महत्व है। खरना का अर्थ है शुद्धिकरण। शुद्धिकरण केवल तन नहीं, बल्कि मन का भी होता है। इसलिए खरना के दिन केवल रात में भोजन करके छठ के लिए तन-मन को व्रती शुद्ध करते हैं। साथ ही जो प्रसाद बनता है, उसे नए चूल्हे पर बनाया जाता है। खीर का प्रसाद महिलाएं अपने हाथों से ही पकाती हैं। इस दिन महिलाएं सिर्फ एक ही समय भोजन करती हैं। आम तौर पर इस दिन दिन सूर्यास्त के बाद व्रती प्रसाद ग्रहण करती हैं। खरना के बाद व्रती 36 घंटे का व्रत रखकर सप्तमी को सुबह अर्घ्य देती हैं।

छठ पूजा में कब-कब क्या होता है ?

छठ महापर्व की लोकप्रियता आज देश-विदेश तक देखने को मिलती है। छठ पूजा का व्रत कठिन व्रतों में एक होता है। इसमें पूरे चार दिनों तक व्रत के नियमों का पालन करना पड़ता है और व्रती पूरे 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं। छठ पूजा में नहाय खाय, खरना, अस्ताचलगामी अर्घ्य और उषा अर्घ्य का विशेष महत्व होता है। छठवर्त के पहला दिन- नहाय खाय 28 अक्टूबर शुक्रवार, दूसरा दिन- खरना 29 अक्टूबर शनिवार, तीसरा दिन- अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य 30 अक्टूबर रविवार तथा आखिरी व चौथे दिन- उदीयमान सूर्य को अर्घ्य 31 अक्टूबर सोमवार को संपन्न होगा।

यहां है पूरी प्रक्रिया

कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को स्नानादि से निवृत होने के बाद ही भोजन ग्रहण किया जाता है। इसे नहाय खाय भी कहा जाता है। इस दिन कद्दू भात का प्रसाद ग्रहण किया जाता है। कार्तिक शुक्ल पंचमी के दिन नदी या तालाब में पूजा कर भगवान सूर्य की उपासना की जाती है। संध्या में खरना में खीर और बिना नमक की पूरी इत्यादि को प्रसाद के रूप में ग्रहण कर खरना के बाद निर्जला व्रत शुरू हो जाता है। कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन भी व्रती उपवास रहती है और शाम में किसी नदी या तालाब में जाकर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। यह अर्घ्य एक बांस के सूप में फल, ठेकुआ प्रसाद, ईख, नारियल इत्यादि को रखकर किया जाता है। कार्तिक शुक्ल सप्तमी सबेरे को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन छठ व्रत संपन्न हो जाता है और व्रती व्रत का पारण करती हैं।

श्रद्धा और आस्था से जुड़ा है छठ पर्व

छठ पर्व श्रद्धा और आस्था से जुड़ा होता है। मान्यता है कि जो व्यक्ति इस व्रत को पूरी निष्ठा और श्रद्धा से करता है उसकी मनोकामनाएं पूरी होती है। छठ व्रत, सुहाग, संतान, सुख, सौभाग्य और सुखमय जीवन की कामना के लिए किया जाता है। मान्यता है कि आप इस व्रत में जितनी श्रद्धा से नियमों और शुद्धता का पालन करेंगे छठी मईया आपसे उतनी ही प्रसन्न होंगी।

How can you take care of your wife or girlfriend during periods?

इंडिया में पीरियड्स (Periods) का सब्जेक्ट वर्षों से वर्जित रहा है। पर इन दिनों पुरुष उन मुद्दों के प्रति ज्यादा जागरुक हो गए हैं, जिनका सामना महिलाएं पीरियड्स के वक्त करती हैं। इस सब्जेक्ट के बारे में नॉलेज की कमी है, जो पुरुषों को इस मुद्दे से और ज्यादा अनजान रखती है।

इसलिए आज हमने फैसला किया है कि हम पुरुषों को शिक्षित करने और जानकारी देने की पहल करेंगे कि पीरियड्स के दौरान महिलाएं कैसा महसूस करती हैं और अपनी पत्नी या गर्लफ्रेंड का पीरियड्स के दौरान आप कैसे उनका ध्यान रख सकते हैं।

Reddit पर हाल ही में इस विषय के बारे में भी चर्चा हुई थी, जहां एक Reddit यूजर ने पूछा था कि वह पीरियड्स के दौरान अपनी गलफ्रेंड को आराम देने के लिए क्या कर सकते हैं। इस पोस्ट को महिलाओं (और समान रूप से पुरुषों) से सैकड़ों प्रतिक्रियाएं मिलीं, जिन्होंने अपने विचारों को शेयर किया और बताया कि कैसे एक पुरुष पीरियड्स के दौरान अपनी गलफ्रेंड की देखभाल कर सकता है।

पीरियड्स के दौरान अक्सर महिलाओं के साथ क्या होता है-

इस प्रश्न के दो जवाब हैं। एक है मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान एक महिला के शरीर के अंदर होने वाली शारीरिक चीजें और दूसरी है उस पर पड़ने वाले मनोवैज्ञानिक प्रभाव।

पीरियड्स किसी महिला के मूड को कैसे प्रभावित करते हैं-

जब एक महिला को पीरियड होते हैं, तो वह बहुत सारे हार्मोनल परिवर्तनों से गुजरती है जो उसके मूड और व्यवहार में उतार-चढ़ाव का कारण बनते हैं। यह सामान्य और स्वाभाविक है और लगभग सभी महिलाओं के साथ होता है। कुछ महिलाओं को चिंता, सिरदर्द और सुस्ती की भावना हो सकती है। जहां ज्यादातर समय ये लक्षण हल्के होते हैं, वहीं कुछ मामलों में ये गंभीर भी हो सकते हैं। ये परिवर्तन किसी भी महिला के नियंत्रण में नहीं हैं और हमें एक पार्टनर के तौर पर इसे समझने और इन दिनों के दौरान सहज रहने के लिए उनका समर्थन करने की आवश्यकता है।

मासिक धर्म के दौरान एक महिला को महसूस होने वाले मनोवैज्ञानिक लक्षण

  • मूड स्विंग होना
  • बहुत खुश या नियंत्रण से बाहर महसूस करना
  • बिना वजह जाने रोना
  • अधिकांश गतिविधियों में रुचि न होना
  • अचानक उदासी
  • रिजेक्शन के प्रति संवेदनशीलता
  • समाज से दूरी बनाना
  • चिंता
  • उदास मन
  • चिड़चिड़ापन

एक पुरुष अपनी प्रमिका या पत्नी को मासिक धर्म के दौरान आराम देने के लिए क्या कर सकता है?

हम आपको कुछ चीजें बताने जा रहे हैं जो इस दौरान आप कर सकते हैं या अपनी साथी से कह सकते हैं-

1. उन्हें बैक मसाज या हल्का मसाज दें

How can you take care of your wife or girlfriend during periods?

पीठ के निचले हिस्से पर हल्का मसाज देने से उसे आराम मिलेगा और थोड़ा दर्द कम करने में मदद मिलेगी। बस आपको अपनी मसाज स्किल्स दिखानी है, जो आप केवल कुछ YouTube वीडियो देखकर सीख सकते हैं।

2. उसके लिए गर्म पानी की बोतलें रखें

How can you take care of your wife or girlfriend during periods?

अगर आप अपनी पत्नी या प्रेमिका को उसके पीरियड्स के दौरान सहज बनाना चाहते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप उसके लिए रसोई में गर्म पानी की कुछ बोतलें रख दें। दिन भर गुनगुना पानी पीने से उसे हाइड्रेटेड रहने और तरोताजा महसूस करने में मदद मिलेगी।

3. फिजिकल अफेक्शन दिखाएं पर सेक्स की जिद ना करें

Physical Affection

आपको उनके पीरियड्स के दौरान सेक्स करने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे उन्हें असहजता महसूस होगी। इसके बजाय हल्का फिजिकल अफेक्शन दिखाएं, जैसे गले लगना या किस करना। सेक्स या किसी अन्य तरह के फोरप्ले पर जोर ना दें। आपको उन्हें ना सिर्फ मानसिक रूप से बल्कि शारीरिक रूप से भी अपना स्पेस देने की जरूरत है।

4. फिल्म देखें और चिल करें

Study on Relationship

कभी-कभी, कुछ न करने से सबसे ज्यादा मदद मिलती है। पीरियड्स के दौरान अपने साथी को आराम देने का एक सबसे अच्छा तरीका है कि आप बस एक ऐसी फिल्म या टीवी सीरीज़ देख डालें, जिसे आप दोनों पसंद करते हैं और एक साथ देखते हैं। यह काम उसे दो तरह से मदद करेगा। एक यह है कि यह उसे आराम देगा, क्योंकि उसे इधर-उधर नहीं जाना है या कोई ​फिजिकल एक्टिविटी नहीं करनी है। दूसरा, फिल्म देखने में व्यस्त होने के कारण वह अपने दर्द के बारे में सोचना बंद कर देगी।

5. चॉकलेट, आइसक्रीम और केक दें

If partner ignores then get their 'previous love' like this

आप जब आप किसी को खुश करना चाहते हैं, तो आप जो सबसे आसान काम कर सकते हैं, वह है उनके लिए चॉकलेट, आइसक्रीम, कॉफी, केक आदि उनके पसंदीदा चीज लाना। यह उनके मूड को ठीक करने में मदद करेगा।

6. उनके साथ बहस या झगड़ा ना करें

If your girlfriend is angry then never say these five things..

पीरियड्स के दौरान एक महिला को तनाव मुक्त रहने की जरूरत होती है और आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं। अपने साथी के साथ वाद-विवाद या छोटी-मोटी झड़पें करना उसकी स्थिति को और खराब कर सकता है। इसलिए ऐसा करने से बचें।

7. उनके लिए ब्रेकफास्ट, लंच या डिनर बनाएं

Know 10 essential tips to cook delicious food

अगर आपकी पत्नी आमतौर पर आपके लिए खाना बनाती है, तो यही वह समय है जब आपको किचन संभालने की आवश्यकता है। उससे खाना पकाने की अपेक्षा न करें, इसके बजाय, उसके लिए अच्छा नाश्ता बनाएं। बाहर से खाना मंगवाना एक विकल्प है, लेकिन अगर आप इसे खुद करते हैं, तो आपको कुछ बोनस ब्राउनी पॉइंट मिलेंगे।

8. उसके साथ नॉर्मल बर्ताव करें

Study on Relationship

कुछ महिलाएं अकेले रहना पसंद करती हैं और वे पुरुषों से उन्हें सहज महसूस कराने के लिए कुछ भी करने की उम्मीद नहीं करती हैं। कभी-कभी, उन्हें खुश करने के लिए बहुत अधिक प्रयास करना भी भारी पड़ सकता है। इसलिए बेहतर है कि आप सामान्य रूप से व्यवहार करें और अपनी दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों को जारी रखें, न कि उसे उसके पीरियड्स के बारे में याद दिलाएं।

I have learned to laugh futilely, smiling at lies

मां, वह घर छूटे अरसा हो गया है और वैसे ही वह बेफ़िक्री से सोए हुए अरसा हो गया। तुम्हें याद है मैं हमेशा तुम्हें कह कर सोती थी कि मां मुझे जल्दी उठा देना, लेकिन तुमने कभी मुझे सोते हुए नहीं उठाया। लेकिन सच कहूं तो वो वाली नींद भी वही छूट गई, अब ऐसी नींद आती नहीं। आंखे ना जाने क्यों अलार्म बजने से पहले खुल जाती है। ना जाने किस बात की बेचैनी है। जब से वह घर छूटा है ना, तब से खाना भी अच्छा नहीं लगता ।

पता नहीं तुम आटे में क्या मिलाया करती थी, वैसी रोटी कहीं खाने को ही नहीं मिलती।
कई बार कोशिश की तुम्हारे जैसा स्वाद खाने में लाने की, लेकिन ना जाने क्यों अपने हाथ से बनाया हुआ पनीर भी लौकी जैसा लगता है। और हां, लौक़ी से याद आया तुम्हें याद है, जब जब घर पर लौकी बनती थी तो तुम मेरे लिए कोई और दूसरी सब्जी बना देती थी। मां, तुम कितने अच्छे से जानती थी ना, कि मैं नहीं खाऊंगी, मुझे पसंद नहीं है। तुम्हें पता है मैं अब बड़ी हो गई हूं, अब लौकी बनती है, तो मैं आचार से रोटी खा लेते हूं और जब सवाल करती हूं खुद से कि दूसरी सब्जी?
तो इस दिल-ए-नादान को समझाती हूं- यह पापा का घर नहीं है!

सब से लेट सो कर, सब से लेट उठती थी मैं। वैसे सब से लेट तो यहां पर भी सोती हूं, लेकिन सुबह सबसे पहले उठने के लिए।
अलार्म कई बार बजती है, कई बार मुझसे यह कहते हुए रूठ जाती है कि तुम्हें मेरी क्या जरूरत है? मैं उसे कैसे समझाऊं कि मुझे उसकी जरूरत जागने के लिए नहीं, बल्कि कभी गलती से मीठे सपनों में खो कर आंख ना खुलने पर देर ना हो जाए इसलिए अलार्म लगाती हूं।

I have learned to laugh futilely, smiling at lies

पतंग को देखकर आसमान में दूर तक उड़ जाने के ख्वाब देखने वाली मैं , ये फिजूल के मतलबी रिश्ते निभाते निभाते मशीन हो गई हूं ।
तुम्हें पता है मां, अब दिल दुख होना भी भूल गया है। पहले कोई दिल दुखाता था तो उसकी शक्ल ना देखने की कसम खाने वाली मैं, अब झूठा मुस्कुराना सीख गई हूं। दिल अंदर चीख रहा होता है और बाहर कोई सुन नहीं सकता, मेरी हंसी के पीछे इस मासूम की चीख कुछ भी नहीं है। जब तुम पास थी तो एक छोटी सी खरोच भी बहुत बड़ी चोट होती थी लेकिन अब अक्सर खाना बनाते हुए हाथ जल जाते हैं मेरे, और कमाल देखो मां, तुम्हारी ये बेहतरीन अदाकारा बेटी, मुंह से उफ्फ भी नहीं निकालती।

आज बाजार में एक मां अपनी बच्ची को खिलौना दिला रही थी। बहुत खुश थी वह बच्ची खिलौने लेकर। लेकिन तभी एक ख्याल मन में आया कि आज जब मां पास है तो बाजार के सारे खिलौने अपने लगते हैं, लेकिन जब वही मां पास नहीं होती लोग उसी को खिलौना बना कर खेलते रहते हैं। कभी उसके दिल से और कभी उसके जज्बात से। तुम बहुत याद आती हो मां, जब कभी सड़क पार करनी होती थी तो तुम और ज्यादा कसकर मेरा हाथ पकड़ लेती थी। आज जब कभी अकेले सड़क पार करती हूं , तो लगता है तुम यहीं कहीं मेरे साथ हो।

अब बड़ी हो गई हूं, मां अकेले सड़क पार करने के अलावा जिंदगी की मुश्किलों से लड़ना सीख गई हूं, समझौते करना सीख गई हूं, दिल में बहुत सारा दर्द लेकर हंसना सीख गई हूं और इनमें कोई बुराई भी नहीं है। जिंदगी का दूसरा नाम आजमाइश ही तो है। तुमने हर मोड़ पर मेरा साथ दिया है और आगे भी देती रहोगी, लेकिन सबको अकेले ही अपनी जिंदगी के अंधेरों से लड़ना पड़ता है। और मैं डटकर सारे अंधेरों का सामना करूंगी बस तुम ठीक वैसे ही मेरा हाथ पकड़े रखना जैसे तुम सड़क पार करते वक्त पकड़ती थी।
आई मिस यू मां
आई लव यू लॉट

Because not everyone is big hearted.

कुछ लोगों को जिंदगी से बहुत शिकायतें होती हैं। हर इन्सान को यही लगता है जैसे दुनिया की सारी मुश्किलें भगवान ने उन्हीं की झोली में डाल दी है लेकिन क्या कभी आपने खुद उस लम्हें को महसूस किया है, जब कोई छोटा बच्चा खिलौनों की दुकान के बाहर खड़ा होकर उन्हें ऐसे देख रहा होता है, जैसे कोई जादू है और सच में जादू ही तो है उसके लिए।

वहीं, जादू जिसे वह देख तो सकता है, लेकिन अपने नन्हें हाथों से महसूस नहीं कर सकता। सच में कितना भयानक जोड़ है ना ( गरीबी + बचपन)!

कोई भी बड़ा समझदार इंसान अपने हालातों से समझौता कर सकता है, और हालातों को बदलने के लिए कोशिश करने का भी संकल्प ले सकता है, लेकिन वह बच्चा जिसने अभी दुनिया से अपना रिश्ता नया नया शुरू किया है सोचें उसके लिए कैसा होता होगा।

एक छोटा बच्चा जो मेले के दरवाजे पर खड़ा है और उसके पास अंदर जाने के लिए पैसे नहीं है। हम और आप शायद सोच भी नहीं सकते, कि किस तरह वो मासूम अपने दिल को समझाता होगा। वह कढ़ाई में बनती गरम गरम जलेबी उसे कैसे ललचा रही होंगी और हर हवा के झोंके के साथ जब खुशबू आ रही होती होगी तो उसके कानों में यही कहकर जाती होगी कि तुम सिर्फ महसूस करो।

Because not everyone is big hearted.

झूले पर झूलते वह बच्चे जो इस भयानक जोड़ गरीबी और बचपन का हिस्सा नहीं है जब जब वह झूला झूलते हुए खिलखिलाते है, तो किस कदर वह नन्ना दिल मचल जाता है, वह ढेर सारे झूले झूलने को। और फिर इन सब से 01 मिनट के लिए ध्यान हटा तो वह आइसक्रीम वाले अंकल घंटी बजा देते हैं। वो वाला एक लम्हा इतना भारी हो जाता है कि वह बच्चा सोचने लगता है कि काश उसके पास भी पैसे होते तो वह भी अपने सपनों के महल सजा पाता। बस एक यही लम्हा उसे मजबूर कर देता है, इतना मजबूर कि दिल की सुनना उसके लिए जरूरत बन जाता है। और फिर दिल को मनाने का जो सिलसिला शुरू होता है, वह उसे लोगों से मांगने पर भी मजबूर कर देता है। जब कोई अन्य हाथ में आइसक्रीम लेकर बाहर आता है तो उसे बस यही समझ आता है कि मायूस आंखों से उसे देखने की बजाय उसके आगे हाथ बढ़ाकर मांग ले। और उसके बाद फिर किसी का झूठा भी मिल जाए तो क्या फर्क पड़ता है।

इसी के साथ दुत्कार भी मिलती है, क्योंकि हर इन्सान बड़ा दिल वाला नहीं होता। कुछ छोटे दिल के लोग यह कभी नहीं समझ सकते कि एक छोटे बच्चे के लिए दिल को समझाना कितना मुश्किल होता है। आपकी दिलवाई हुई 10 रुपये की चीज उसे अंदर से कितना खुश कर जाएगी यह शब्दों में बयां नहीं हो सकता। त्योहारों के समय पर इस तरह के बच्चों के लिए शाहा रात में चमकते तारों के जैसे हो आप। इस समय उनके लिए उनके अंधेरों की कालिख में रोशनदान से छनता उजाला हैं आप।

मैं इन बच्चों को भीख या पैसे देने का समर्थन बिल्कुल नहीं करती, लेकिन इस दिवाली किसी एक बच्चे के चेहरे पर आपकी वजह से मुस्कान आ जाए तो समझ ही आपको भगवान की तरफ से दिवाली का तोहफा मिल गया है। किसी भूखे बच्चे को खाना खिलाइए, किसी को कपड़े दिला दीजिए, किसी बच्चे को जूते दिला दीजिए, किसी को उसकी पसंदीदा आइसक्रीम खिला कर, उसे यह समझा सकते हैं कि आप उन्हीं के जैसे हैं। हां, बस भगवान ने आपको थोड़ा ज्यादा इसलिए दिया कि उनके त्योहारों को आप रोशन कर सकें। कम से कम त्योहारों पर किसी की आंखों में आंसू ना हो।