Search
  • Noida, Uttar Pradesh,Email- masakalii.lifestyle@gmail.com
  • Mon - Sat 10.00 - 22.00

Category Archives: Kitchen

Water of celery and cumin seeds makes the fat stored in the body disappear

Health Tips: अनहेल्दी जीवन शैली और अनियमित खानपान वेटगेन का मुख्य कारण साबित होता है। ऐसे में वर्क आउट के लिए कुछ ऐसी चीज लेनी चाहिए जो स्वास्थ्य के लिए अहम हो, इसमें जो नाम सबसे ऊपर आता है वो है अजवाइन और जीरे का पानी, जोकि आपके वजन को नियंत्रित रखता है। इसमें मौजूद गुणों का भंडार वजन को कम करने के अलावा पेट फूलने की समस्या से छुटकारा दिलाने में भी मदद करते हैं। अजवाइन और जीरे में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा और एंटी इंफ्लामेटरी गुण स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है। आइये जानते हैं वजन नियंत्रित करने के लिए किस तरह से इन दोनों का मिश्रण फायदेमंद होता है-

अजवाइन और जीरे के बीज क्यों हैं खास

इस बारे में डायटीशियन का कहना है कि अजवाइन का सेवन करने से शरीर को डाइजेस्टिव एंजाइम की प्राप्ति होती है। इसमें मौजूद फाइबर, विटामिन और मिनरल शरीर के पाचन में सुधार करके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करते हैं। इन बीजों से पेट फूलनाए गैस और अपच को कम किया जा सकता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक इसमें थाइमोल और कार्वाक्रोल जैसे दो एक्टिव कंपाउड पाए जाते हैं, जो बैक्टीरिया और फंगस के विकास को रोकते हैं।

वहीं, जीरा में एंटीऑक्सीडेंट गुणों के अलावा डाइजेस्टिव एंजाइम मौजूद हैं, जो पाचन में सहायता करने में मदद करते है। वे भूख बढ़ाने, सूजन को कम करने और वजन प्रबंधन में सहायता करते हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार जीरा लीवर से पित्त यानी बाइल के स्राव को भी बढ़ाता है। पित्त पेट में वसा और कुछ पोषक तत्वों को पचाने में मदद करता है। शोध के अनुसार आईबीएस के 57 रोगियों ने दो हफ्ते तक जीरे का सेवन किया। इससे लक्षणों में सुधार देखने को मिला।

अजवाइन और जीरे के महत्वपूर्ण फायदे

1. पाचन में लाए सुधार

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च एंड हेल्थ साइंसेज की रिपोर्ट के मुताबिक जीरा गैस्ट्रिक जूस के स्राव को उत्तेजित करके पाचन में सुधार करने में मदद करता है। वहीं, अजवाइन में कार्मिनेटिव गुण होते हैं जो सूजन और गैस को कम करने में मदद करते हैं। इन्हें पानी के साथ मिलाए जाने पर पोषण अवशोषण में सुधार आने लगता है।

2. एसिडिटी से दिलाए राहत

Water of celery and cumin seeds makes the fat stored in the body disappear

जीरा और अजवाइन का पानी पेट के मौजूद ACID को कम करके एसिडिटी से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। इसकी मदद से गैस्ट्रिक जूस को एसिडिक होने से रोका जा सकता है। बायोकेमिस्ट्री रिसर्च इंटरनेशनल के अनुसार अजवाइन के बीज गैस और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।

3. मेटाबॉलिज्म को करता है बूस्ट

इससे चयापचय को उत्तेजित करने में मदद मिलती हैं, जिससे अधिक कैलोरी को बर्न किया जा सकता है। इनमें मौजूद फाइबर की मात्रा भूख को कम करके शरीर में कैलोरी को स्टोर होने से राकते हैं। इससे ओवरइटिंग और बार बार भूख लगने की समस्या को कम किया जा सकता है। साथ ही शरीर में दिनभर एक्टिव बना रहता है।

4. डिटॉक्सिफाइंग गुणों का खजाना

इस पानी का सेवन करने से विषाक्त पदार्थों और वॉटर रिटेंशन को खत्म करने में मदद मिलती हैंं। इससे बॉडी फंक्शनिंग उचित बनी रहती है। साथ ही बार बार भूख लगने की समस्या को भी हल किया जा सकता है। इसके सेवन से पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है।

ऐसे तैयार किया जाता है अजवाइन और जीरे का पानी

अजवाइन और जीरे का पानी एक पारंपरिक भारतीय पेय पदार्थ है जिसे पानी में अजवाइन और जीरे को उबालकर बनाया जाता है। मिश्रण का सेवन अक्सर इसके पाचन और स्वास्थ्य लाभों के लिए किया जाता है। व्यंजनों को तैयार करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले अजवाइन और जीरा में औषधीय गुण पाए जाते हैं। जब ​​इन्हें पानी में उबाला जाता है, तो उससे नेचुरल ऑयल और एक्टिव कंपाउड मिलते हैं, जिससे शरीर को कई अहम फायदे मिलते हैं।

फोटो सौजन्य- गूगल

Natural Cooking

Natural Cooking: आज के इस आधुनिकता भरी दुनिया में किचन में स्टील, नॉन स्टिक और कुकर जैसे बर्तन आम हो गए हैं। लेकिन एक बार फिर आयुर्वेद और विज्ञान पारंपरिक मिट्टी के बर्तनों की ओर लौटने की सलाह दे रहा है। मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाने और खाना खाने के फायदे हेल्थ के साथ-साथ परंपरा की दृष्टि से भी काफी अहम हैं।

मिट्टी के बर्तन में पकाने के फायदे

आयुर्वेद के मुताबिक खाने को धीमी आंच में पकाना ही सबसे बेहतर तरीका है। मिट्टी के बर्तनों में खाना धीरे-धीरे पकता है जिससे इसमें मौजूद सभी जरूरी न्यूट्रियंस सुरक्षित रहते हैं, जबकि कुकर में तेज भाप और दबाव की वजह से ऐसा नहीं होता है। कुकर में खाना बनने के दौरान 87 प्रतिशत तक पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। पर मिट्टी के बर्तनों में ये 100 प्रतिशत तक सुरक्षित रहते हैं। साथ ही भोजन में मौजूद सभी प्रोटीन शरीर को खतरनाक बीमारियों से सुरक्षित रखते हैं।

खाने का टेस्ट में इजाफा करता है मिट्टी का बर्तन

Natural Cooking

मिट्टी के बर्तन भारत में पारंपरिक रूप से सदियों से उपयोग में लाए जा रहे हैं। मिट्टी के बर्तन अन्य धातुओं के बर्तनों की तुलना में आज भी काफी सस्ते होते हैं। विभिन्न रूपों, डिजाइनों और रंगों में ये बर्तन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही जगह पर आसानी से मिल जाते हैं। मिट्टी के बर्तनों में पकाया हुआ खाना वी सिर्फ स्वास्थ्यवर्धक होता है, बल्कि इसका टेस्ट भी लाजवाब होता है। सौंधी सी खुशबू और मसालों का मेल एक ऐसा खास जायका तैयार करता है जिसे कोई भी भूल नहीं सकता। ये खाने को खास बना देता है, या खाने के स्वाद को दो गुना कर देता है।

आज के दौर में मिट्टी के बर्तन केवल सेहत के लिहाज से ही नहीं, बल्कि सजावट और पारंपरिकता के लिए भी पसंद किए जा रहे हैं। खूबसूरत कलाकारी से सजे ये बर्तन किचन और डाइनिंग टेबल को एक देसी और आकर्षक रूप देते हैं। सुबह की चाय कुल्हड़ में हो या ठंडा पानी मटकी में, इसका अनुभव अलग ही होता है।

सेहत के लिए है फायदेमंद

एक इंसान को हर दिन 18 तरह के सूक्ष्म पोषक तत्वों की जरूरत होती है। ये पोषक तत्व मुख्य रूप से मिट्टी से प्राप्त होते हैं। दूसरी तरफ, एल्युमीनियम के बर्तनों में पकाया गया खाना इन पोषक तत्वों को नष्ट कर देता है. इतना ही नहीं, यह टीबी, डायबिटीज, अस्थमा और पैरालिसिस जैसी कई गंभीर बीमारियों का कारण भी बन जाता है। कांसे और पीतल के बर्तन में भी खाना बनाने से कुछ पोषक तत्व नष्ट होते हैं। लेकिन सबसे सुरक्षित और लाभदायक मिट्टी के बर्तन ही होते हैं।

आज के आधुनिक दौर में मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल माइक्रोवेब में भी किया जाता है जिससे इन्हें पारंपरिक और आधुनिक दोनों तरह के किचन में प्रयोग करना आसान हो जाता है। हालांकि इनका सीधा तेज ताप में इस्तेमाल ना करने की सलाह जी जाती है, क्योंकि इनकी हीट सहन करने की क्षमता अन्य धातुओं सेथोड़ा कम होती है। मिट्टी के बर्तनों में अगर दही भी जमाते हैं तो इनका स्वाद काफी बढ़ जाता है। गर्म दूध भी जब मिट्टी की हांडी में डाला जाता है तो उसमें एक अलग ही सौंधापन आ जाता है।

फोटो सौजन्य- गूगल

Those 5 things in the kitchen which are the solution to every dental problem.

Cavity Pain: आजकल हर पांच में दो लोगों को दातों की कोई ना कोई समस्या होती है। कई बार दांतों मे लगे कीड़ों के कारण दांतों में असहनीय पेन होता है जिसके कारण हमें कुछ भी खाने-पीने में दिक्कत होती है। बता दें कि दातों में लगे कीड़े, दातों में छोटे काले गड्ढे होते हैं जिन्हें दांतों के कीड़े कहा जाता है। सड़न की वजह से यह दातों को खोखला करने लगते हैं। कैविटीज असल में कई कारणों से हो सकते हैं। दांतों का साफ ना होना, मुंह में बैक्टीरियल इंफेक्शन, मीठी चीजों का अधिक सेवन या स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या, टूथ कैविटी दातों को खराब करने का काम कर सकती है। दांतों के पेन और कीड़ों से राहत दिलाने वाले कारगर तरीके-

1. हींग-

दांत दर्द की समस्या से हींग राहत दिला सकती है। गुनगुना पानी लेकर उसमें थोड़ी सी हींग मिला लें और 02 से 03 बार कुल्ला करने से दांत दर्द दूर हो सकता है।

2. लहसुन-

cavity

लहसुन में मौजूद एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण इसे एक बेहतरीन पेनकिलर बनाते हैं, जो दांतों के दर्द और कीड़ों से राहत दिला सकते हैं।

3. नींबू-

नींबू में मौजूद एसिड जर्म्स को मारकर दर्द को कम करने में आपकी मदद करते हैं। मुंह में नींबू का एक टुकड़ा रखकर उसे चबाएं और फिर साफ पानी से कुल्ला कर लें। इससे दर्द के साथ कीड़ों से भी राहत मिल सकती है।

4. लौंग-

लौंग के एंटी-बैक्टीरियल गुण दर्द कम करने में भी आपकी मदद करता है। लौंग के तेल का इस्तेमाल कर दांतों के कीड़ों से राहत पा सकते हैं।

5. नारियल तेल-

नारियल तेल को सेहत के लिए बेहद फायदेमंद कहा जाता है। अगर आप दांतों के कीड़ों की समस्या को दूर करना चाहते हैं तो आप नारियल तेल से कुल्ला कर सकते हैं। इसे दिन में 3-4 बार दोहराएं.

फोटो सौजन्य- गूगल

Litti Chokha Recipe

लिट्टी चोखा (Litti Chokha) भले ही बिहार की खास डिश हो लेकिन यह पूरे देश में फेमस हो चुकी है। बिहार के खान-पान का जिक्र तो इनके बिना अधूरा है। बिहार में किसी भी जगह यह आसानी से उपलब्ध होती है। ठंड में लिट्टी चोखा का स्वाद अलग ही मजा देता है। आपने भी कभी ना कभी लिट्टी चोखा का जायका लिया होगा। जो भी एक बार इसे चख लेता है उसका मन इसका स्वाद दोबारा लेने का हो ही जाता है। घर में अगर कभी लिट्टी चोखा बनाने का ट्राई नहीं किया है तो हम इसकी आसान रेसिपी आपको बताने जा रहे हैं-

लिट्टी बनाने के लिए सामग्री

2 कप आट
1/2 टीस्पून तेल
1/2 टीस्पून अजवाइन
2 टेबलस्पून घी

लिट्टी में भरने वाला मसाला

1 बैंगन, गोल वाला
2-3 आलू
2 टमाटर
2-3 कली लहसुन, बारीक कटी हुई
1 टुकड़ा अदरक, बारीक कटी हुई
1 प्‍याज, बारीक कटा हुआ
2 हरी मिर्च, बारीक कटी हुई
1 टीस्पून हरा धनिया
1 नींबू
1 टेबलस्पून तेल
नमक स्‍वादानुसार

लिट्टी चोखा रेसिपी बनाने की विधि-

Litti Chokha Recipe

सबसे पहले लिट्टी बनाएं-

आटे को छानकर बर्तन बॉउल में निकाल लें।
अब इसमें घी और हल्‍का नमक डालकर अच्छी तरह मिला लें. फिर आटे को गुनगुने पानी से नरम गूंथ लें।
गूंथे हुए आटे को ढककर आधे घंटे के लिए रख दें।

लिट्‍टी का मसाला बनाने के लिए-

सत्तू को एक बाउल में निकालें और उसमें अदरक, हरी मिर्च, धनिया, नींबू का रस, नमक, काला नमक, जीरा, सरसों का तेल और अचार का मसाला डालकर अच्‍छी तरह मिला लें।
अब इसमें हल्‍का सा पानी डालकर दरदरा मसाला बना लीजिए।

लिट्टी कैसे बनाएं:

चोखा कैसे बनाएं-

बैंगन, आलू और टमाटर को भूनकर छील लें।
अब एक बॉउल में डालकर इन्‍हें मैश कर लें और उसमें प्‍याज, मिर्च, धनिया पत्‍ता, नींबू, नमक और तेल डाल कर अच्छी तरह मिलाइए.
अब एक पैन में थोड़ा सा तेल गरम करें और उसमें लहसुन और अदरक को डालकर छौंक कर तैयार करें.

इस छौंक को चोखे में मिलाएं।
अब एक छोटे बाउल में चोखा निकालें और प्‍लेट में रखें।

गरमागरम लिट्टी को बीच से तोड़कर घी में डुबोकर प्‍लेट में रखें।
तैयार लिट्टी चोखा को गरमागरम परोसे, जिससे की पूरा जायका का आनंद लिया जा सके।

Make your kitchen smarter and healthier with these easy ways

महिलाएं अक्सर घर की सफाई में अपने दिन का आधा समय बिता देती हैं और पूरे घर को चमकाना उनका पहला मोटिव होता है । वैसे तो घर का हर हिस्सा साफ हो यह ध्यान रखना चाहिए क्योंकि घर की साफ सफाई से घर के सदस्यों का स्वास्थ्य जुड़ा हुआ है।

घर की किचन या रसोई हमारे घर का सबसे अहम हिस्सा होता है। किचन में किसी भी प्रकार की गंदगी या रसोई का अव्यवस्थित होने का सीधा असर घर के सदस्यों के स्वास्थ्य पर पड़ता है।
किचन को सामान्यतः हम बहुत अधिक उपयोग करते हैं इसलिए उसकी नियमित सफाई बहुत जरूरी सी हो जाती है आपकी रसोई साफ होगी तो आपका खाना बनाने का भी मन करेगा और आपके अपने भी स्वस्थ रहेंगे तो चलिए कुछ ऐसे टिप्स जानते हैं जिनसे आप किचन को चमका कर रख सकती हैं।।

1. सिंक में कभी भी गंदे बर्तन ना छोड़ें: जी हां, हमारी दादी-नानी हमेशा हमें यही समझती रही हैं कि कभी भी सिंक में झूठे बर्तन नहीं छोड़ना चाहिए यह एक परंपरा ही नहीं बल्कि साइंटिफिक रीजन है। जिससे हमारे स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है । गंदे बर्तन सिंक में पड़े होने से उनमें बैक्टीरिया पनपते हैं जिससे हमारे स्वास्थ्य पर असर पड़ता है और हम बीमार भी पड़ सकते हैं।

2 सिंक की सफाई भी बहुत जरूरी है: यह नहीं कि आपने सिर्फ सिंक में पड़े गंदे बर्तनों को साफ कर दिया और आपकी ड्यूटी खत्म। आपको सिंक की सफाई भी करना बहुत जरूरी है ।आप नियमित रूप से उसे साफ करें। उसके पाइप को साफ करें और नाली को भी साफ रखें।

3. गीले बर्तन कभी भी रैक में ना रखे: कई बार हम बर्तन धोने के तुरंत बाद उनको रैक में लगा देते हैं जिससे रैक में नमी हो जाती है। और नमी के कारण वहां पर कीड़े या बैक्टीरिया पनप सकते हैं। जिससे आपको स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है इसलिए कोशिश करें कि बर्तन को सूखने के बाद ही रैक में सजाएं।।

4. अपने चूल्हे की भी नियमित सफाई करें: हम खाना पकाते वक्त नियमित रूप से चूल्हे का इस्तेमाल करते हैं, इसलिए हमें उसकी सफाई का भी नियमित तौर पर ध्यान रखना चाहिए क्योंकि वह बहुत ज्यादा जरूरी है।

5. किचन स्लैब की सफाई : किचन स्लैब पर हम अपने बर्तन खाने का सामान और कंटेनर जिनमें हमारे खाद्य पदार्थ भरे होते हैं, रखते हैं इसलिए बहुत जरूरी हो जाता है कि हम नियमित तौर से अपने किचन स्लैब की सफाई करें क्योंकि अगर किचन स्लैब गंदा होगा तो वह हमारे खाद्य पदार्थों को भी गंदा करेगा।

6. किचन में रखे कंटेनर की सफाई पर ध्यान दें : जी हां, किचन में कंटेनर्स उपलब्ध होते हैं जिनमें हम अपने कच्चे खाद्य पदार्थों या सूखे खाद्य पदार्थों को रखते हैं इसलिए यह जरूरी होता है कि आप नियमित तौर पर या नियमित अंतराल में उनको साफ करती रहें क्योंकि उनकी सफाई ही यह सुनिश्चित करेगी कि आपके खाद्य पदार्थ साफ और सुरक्षित हैं।।

7. गैर जरूरी सामानों को किचन में स्टोर ना करें : कई बार हम घर का सामान लाते हैं और कई गैर जरूरी सामान को हम किचन में रख देते हैं। जहां उनका स्थान नहीं होता। जी हां, आप अपने किचन को गैर जरूरी सामान से ना भरे।

8. फ्रिज की सफाई का भी पूरा ख्याल रखें: आपके बहुत सारे खाद्य पदार्थों को आपका फ्रीज खराब होने से बचा लेता है। लेकिन अगर आप इसकी सफाई का ध्यान नहीं रखेंगी तो आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जिससे आप पर आर्थिक बोझ बढ़ जायेगा।

DIY Facial Toner is the Best for Your Beauty Needs

हम भले ही कितने ही महंगे समान खरीद लें और अपने स्कीन केयर रूटीन के बारे में बात कर लें लेकिन हमारे किचन में मौजूद ब्यूटी ट्रीटमेंट का एक अलग फैन बेस है। ये ट्रीटमेंट असरदार होने के साथ केमिकल के बिना होते हैं जिसका मतलब है कि ये आपकी स्किन को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।

अगर आप भी पेंट्री में मिलने वाली हर चीज के फैन है और अक्सर दादी-नानी के नुस्खे ट्राय करते रहते हैं तो हम यहां 04 फायदेमंद और आसान ब्यूटी ट्रीटमेंट बताने जा रहे हैं जो आपकी कई ब्यूटी परेशानियों का उपचार में काम आ सकते हैं-

ड्राई स्किन के लिए आपको एक अच्छा हाईड्रेटिंग और मॉइश्चराइजिंग फेस पैक चाहिए तो एवोकाडो का इस्तेमाल करें। मोनोअनसैचुरेटेड फैट और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर, एवोकाडो रेडनेस और इरिटेशन को कम करने में हेल्प करता है। एक DIY फेस पैक बनाने के लिए, एक अच्छे से पके हुए एवोकैडो को मैश करें और इसे अपने चेहरे और गर्दन पर इवनली लगाएं। इसे 20 मिनट के बाद हल्के गर्म पानी से साफ कर लें।

डेड स्किन से कैसे मिले छुटकारा

डेड स्किन सेल्स से छुटकारा पाने के लिए आपको किसी महंगे स्टोर से खरीदे गए फेशियल स्क्रब की जरूरत नहीं है। आपके किचन कैबिनेट में मौजूद और डेली इस्तेमाल होने वाली चीनी ही आपके काम आ जाएगी। चीनी में नेचुरल हुमेकटेंट प्रॉपर्टीज़ होते हैं। यह आपकी त्वचा को प्राकृतिक रूप से नमी देती है और हाइड्रेटेड रखती है। एक चम्मच नारियल के तेल में दो चम्मच ऑर्गेनिक दानेदार चीनी मिलाएं। अपने चेहरे पर जेंटली रब करें और फिर सादे पानी से धो लें।

आईज को डी-पफ करने के लिए Tea Bags

सुबह उठ कर आपकी आंखे सूजी हुई मिलती है तो यह नुस्खा अपनाएं। आपके उपयोग किए गए Tea Bags को फेके नहीं। ये आपको सूजी हुई आंखों से राहत दिलाने में भी मदद कर सकते हैं क्योंकि चाय में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। दो टी बैग्स लेकर इन्हें गर्म पानी में तीन मिनट से कम समय के लिए भिगोएं और फिर उन्हें फ्रिज में ठंडा कर लें। प्रत्येक आंख पर एक Tea Bags रखें और 10 मिनट के लिए लेट जाएं। आपकी आईज तरोताजा महसूस करेंगी।

एक्ने से निपटने के लिए घर में तैयार फेस टोनर

एप्पल साइडर विनेगर आपकी त्वचा के लिए फायदेमंद है। यह एक टोनर और एक्ने बस्टर के रूप में काम करता है। एप्पल साइडर विनेगर से टोनर बनाने के लिए, एक भाग विनेगर को चार भाग पानी को साथ में मिलाएं। रात में सोने से पहले, इस डीआईवाई फेशियल टोनर की एक हल्की परत कॉटन बॉल से चेहरे पर लगाएं। जिद्दी मुंहासों के लिए यह टोनर बहुत फायदेमंद होता है।

People who are fond of gardening are stress free and fresh

अक्सर हम देखते हैं कि कई लोगों को बागवानी का काफी शौक होता है। ऐसा देखा गया है कि गार्डनिंग का शौक रखने वाले लोग बहुत खुशनुमा होते हैं। घरों में छोटी-छोटी सब्जियों की बागवानी का शौक रखना जरूरी है, इसके कई लाभ होते हैं। अगर आपके घर के सामने थोड़ी सी ज़मीन है तो उसे यूं ही खाली ना छोड़े और उसका उपयोग जरूर करें। आज हम आपको किचेन गार्डन के फायदे की अहम जानकारियां देंगे-

1. फ्रेश हर्ब का मिलना

तुलसी के पत्‍ते हों या मीठे नीम की पत्तियों, घर में किचन गार्डन होने पर आपको ये आसानी से मिल जाते हैं। आपको इन छोटी-छोटी हर्ब के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता है।

2. पेस्टिसाइड रहित वेजिटेबल्स का मिलना

किचन गार्डन होने पर आपको पता रहता है कि आप क्‍या खा रहे हैं। आजकल बाजार में पेस्टिसाइड मिली हुई साग-सब्जियां मिलती है पर घर पर उगी हुई सब्‍जी लाजवाब होती है।

3. सस्ती और बेहतरीन सब्जियों का मिलना

People who are fond of gardening are stress free and fresh

किचन गार्डन में उगी सब्जियों को बनाने से आपका बजट मेंटेंन रहता है. ये सब्जियां अच्‍छी और सस्‍ती होते हैं। आप मन मुताबिक समय पर उन्‍हे तोड़कर बना सकते हैं।

4. स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक होना

घर पर तुलसी, धनिया और पुदिना जैसी चीजें उगाएं। इन्‍हे खाएं, जिससे आपको कई रोगों में आराम मिलेगा। बुखार, अस्‍थमा, फेंफड़ों के रोगों आदि में ये फायदा करती हैं। ये सब आपको हेल्‍दी बनाती हैं।

5. तनाव से मुक्ति

बागवानी करने से आपका तनाव कम होता है। आपका मन उसी में लगा रहता है जिससे आप इधर-उधर की बातें सोच नहीं पाते हैं।

6. कीड़े-मकोड़े कम होना

घर में किचन गार्डन होने से कीट आदि कम पैदा होते हैं क्‍योंकि खाली जगह का सदुपयोग हो जाता है। साथ ही कुछ खास तरह के पौधे, कीटों को भगाने में सक्षम होते हैं, जैसे- गेंदे के पौधे को हर तीन हर्ब के बाद लगाने से हर्ब अच्‍छी बनी रहती हैं।

Make your kitchen smarter and healthier with these easy ways

जायकेदार और लजीज खाने का शौकीन भला कौन नहीं होता है। आजकल टेक्नोलॉजी के इस दौर में लगभग हर डिश की रेसिपी आपको इंटरनेट पर उपलब्ध रहती है। जिनका प्रयोग कर आप डेली जायकेदार खाना बना सकते हैं। ये टिप्स आपके बेहद काम आ सकते हैं। इन्हें ध्यान में रखकर आप खाने को और मजेदार, हेल्दी और स्वादिष्ट बना सकते हैं।

आज हम आपसे शेयर करने जा रहे हैं किचन की कुछ ऐसी ही स्पेशल कुकिंग टिप्स. जिनका इस्तेमाल कर आप आसानी से अपनी नॉर्मल कुकिंग को स्मार्ट कुकिंग में तब्दील कर सकते हैं. ये टिप्स आपके खाने में स्वाद ही स्वाद भर सकते हैं।

आइये जानते हैं कुकिंग टिप्स के बारे में-

सब्जी में दही और नमक का बेहतरीन तालमेल

अक्सर कई लोग सब्जी को स्वादिष्ट बनाने के लिए उसमें दही डाल देते हैं। मगर, ध्यान रहे अगर आप सब्जी में दही मिला रहे हैं, तो सब्जी में उबाल आने के बाद ही नमक डालें। उबाल आने के पहले नमक डालने से दही फट जाती है।

कब रायते में नमक डालें?

कुछ लोग रायता बनाते समय सभी सामाग्रियों के साथ ही नमक भी मिला देते हैं, ऐसा करने से रायता खट्टा हो जाता है। इसलिए रायते में पहले से नमक मिलाने से बचें और सर्व करते समय ही इसमें नमक डालें।

इडली ऐसे बनाएं सॉफ्ट

Make your kitchen smarter and healthier with these easy ways

अगर आप साउथ इंडियन डिश के शौकीन हैं और इडली आपकी फेवरेट है, तो इडली को नर्म बनाने की टैक्निक आपके काम आ सकती है। आप इडली बैटर में जरा सा साबूदाना और पिसी हुई उड़द की दाल मिलाकर इडली को मुलायम और स्पंजी बना सकते हैं।

भीगे चने से नहीं आएगी बदबू

अमूमन लोग सेहतमंद रहने के लिए चने, मूंग और मोठ भीगो कर खाना पसंद करते हैं पर ज्यादा देर तक भीगे रहने के कारण इसमें से स्मैल आने लगती है। ऐसे में मिश्रण में अंकुर फूटने के बाद उसे एक महीन कपड़े में बांधकर फ्रीज में रखने से स्मैल गायब हो जाएगी।

मिर्च को खराब होने से ऐसे बचाएं

मिर्च को खराब होने से बचाने के लिए आप उसमें थोड़ी सी हींग रख सकते हैं। ऐसा करने से मिर्च लंबे समय तक सही तरह से चलेगी। वहीं हरी मिर्च का डंठल तोड़कर फ्रिज में रखने से मिर्च जल्दी खराब नहीं होती है।

ऐसे चीटियों से चीनी को बचाएं

गर्मियों के खासकर मौसम में चीनी में चीटियां पड़ने की समस्या लगभग हर किचन की कहानी है। इस परेशानी से निजात पाने के लिए आप चीनी के डब्बे में 2-4 लौंग डाल दें, जिससे चीनी में चीटियां नहीं पड़ेंगीं।

आलू के पराठों का बढ़ाएं टेस्ट

आलू के पराठे खाना भला किसे पसंद नहीं होता? लेकिन आप कुछ टिप्स की मदद से इसे और भी ज्यादा टेस्टी बना सकते हैं. जी हां, आप आलू के मिक्चर में थोड़ी सी कसूरी मेथी डालकर पराठों को ज्यादा लजीज बना सकते हैं।

चावल में नहीं पड़ेंगे कीड़े

अक्सर कई दिनों तक चावल रखने पर उसमें कीड़े पड़ जाते हैं। इसके लिए आप चावल के डब्बे में नमक मिला दें, जिससे की चावल में कीड़े नहीं पड़ेंगे।

मेथी की कड़वाहट करें दूर

मेथी की कड़वाहट को दूर करने के लिए इसमें थोड़ा सा नमक डालकर थोड़ी देर के लिए रख दें। कुछ समय बाद इसमें से कड़वाहट मिट जाएगी।

भिंडी के लेस से क्यों हैं परेशान ?

कई बार भिंडी काटते समय इसमें से निकलने वाला लेस परेशान करने के साथ ही हाथों को भी गंदा कर देता है। इस समस्या को हल करने के लिए आप चाकू पर हल्का सा नींबू का रस लगा लें, जिससे भिंडी का लेस हाथों पर नहीं लगेगा।

फाइल फोटो- गूगल

Know 10 essential tips to cook delicious food

ऐसा कहा जाता है कि इंसान के दिल का रास्ता उसके पेट से होकर गुजरता है। खाने का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। ऐसा देखा गया है कि खाना बनाने का शौक अक्सर महिलाओं में पाया जाता है और सुनने को मिलता है कि महिलाओं को कुकिंग (खाना बनाना) में बहुत मजा आता है।

..पर जो स्वाद मां के हाथ में होता है वो किसी और में नहीं मिलता। लेकिन हम आज की इस भाग-दौड़भरी जिंदगी में कई बार खाना बनाने के बेसिक टिप्स भूल जाते हैं। यहां 10 ऐसे टिप्स पढ़ें, जो न सिर्फ आपके खाना बनाने की गति में तेजी लाएंगे बल्कि इनसे आपको स्वादिष्ट भोजन बनाने में मदद मिलेगी।

1. अपने कार्यक्षेत्र के लिए योजना बनाएं और सभी काम में आने वाले उपकरणों को व्यवस्थित रखें। काम में आने वाले और सर्व करने के लिए इस्तेमाल लिए जाने वाले बर्तनों को निकालकर और सामने रखें।

2. अपने किचन (अपनी रसोई) में तेज धार वाले चाकू रखें जिससे आप जल्दी और आसानी से सब्जियां काट सकेंगी और इससे आपका समय भी बचेगा।

3. खाना बनाने से पहले सारी जरूरी सामग्री तैयार रखें ताकि आपको खाना बनाने में आसानी हो।

4. अगर कुछ उबलने के लिए रख रही हैं तो ध्यान रखें कि प्रेशर कुकर या पैन का ढक्कन बंद हो, इससे खाना जल्दी उबलेगा और आप गैस में भी बचत कर सकेंगी।

Know 10 essential tips to cook delicious food

5. अगर आप मीट पकाने वाली हैं तो खाना बनाने से कुछ घंटे पहले मेरिनेट कर दें ताकि खाना बहुत स्वादिष्ट बनेगा।
6. अगर आप बैंकिंग करने जा रही हैं तो ध्यान रहे कि ओवन कुछ देर पहले ही गरम कर रखे लें, उसके बाद ही अपनी डिश उसमें डालें।
7. अपना समय बचाने के लिए उन आयटम को पहले से पकाने रख दें या पहले से पका लें जिन्हें बनने में ज्यादा वक्त लगता है।

8. अगर आप सब्जियों को उबालकर इस्तेमाल करने वाली हैं तो उसके लिए उबल हुआ पानी तैयार रखें। आपका काम आसान होगा।
9. सही सामग्री के लिए सही खाना पकाने की विधि का इस्तेमाल करें जिससे उसका स्वाद बना रहे।
10. खाना बनाने के बाद अपना सिंक और प्लेटफॉर्म अवश्य साफ करें।

फोटो सौजन्य- गूगल

Know what is the 'power house' of nutrition according to doctors

हमारे घरों में रोज सब्जियां बनती हैं कुछ हमें बहुत अच्छी लगती हैं तथा कुछ हमें बिल्कुल भी नहीं भाती वैसे तो हर सब्जी की अपनी खासियत होती है, अपने गुण होते हैं लेकिन कुछ सब्जियों के बीज उनसे अधिक उपयोगी होते हैं। बीज शब्द सुनकर ही मन में बीज का इस्तेमाल कर सब्जियां उगाने का ख्याल जेहन में आता है पर कुछ बीज हमारी सेहत में सुधार लाने के लिए तथा स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए खाए भी जाते हैं। उन्हीं में से एक है कद्दू के बीज। जी हां, कद्दू की सब्जी का नाम सुनकर हम नाक भौं सिकोड़ने लगते हैं लेकिन सच तो यह है कि जिन सब्जियों के नाम सुनकर हम अक्सर नाक भौं सिकोड़ने लगते हैं वह हमारे स्वास्थ्य के लिए अधिक पौष्टिक होती हैं तो चलिए फिर सब्जियों की बात छोड़ कर अब हम बात करते हैं उनके बीजों से संबंधित; कद्दू के बीज खाने के चमत्कारी फायदे होते हैं इन चमत्कारी बीजों का लाभ पाने के लिए पुरुष और महिलाएं दोनों ही इसे पोषण वाले स्नेक्स के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। यह एक तरह का ऐसा स्नेक्स है जो लंबे समय तक आपका पेट भरा-भरा महसूस करवा सकते है। तो चलिए अब हम बात करते हैं कि कद्दू के बीज कैसे होते हैं-

यह छोटे आकार के तथा अंडाकार आकार के बीज होते हैं इन्हें पेपिटस या पंपकिन सीड भी कहा जाता है। चिकित्सकों की मानें तो यह एक तरह से पोषण का पावर हाउस है।

तो अब हम जानेंगे कि कद्दू के इन छोटे-छोटे बीजों में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं:
1. इसमें ओमेगा-6 फैटी एसिड पाया जाता है।
2. यह प्रोटीन से भरपूर होते है।
3. इसमें आयरन, कैल्शियम, B-2, फोलेट और बीटा कैरोटिन जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं।
4. इसमें जरूरी फैटी एसिड उच्च स्तर पर मौजूद होते हैं। यह हमारी रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ बनाए रखता है।
5.जस्ता, मैग्नीज, मैग्नीशियम, तांबा, एंटी ऑक्सीडेंट और फाइटोस्ट्रोल से भरपूर होता है।

तो चलिए अब हम इसके फायदों के बारे में जानते हैं-

Know what is the 'power house' of nutrition according to doctors

1. यह मधुमेह में सहायक है: यह तनाव कम कर के ब्लड में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है।

2. वजन कम करने में असरदायक है। इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो आप को तृप्त महसूस कराता है और आपको अनहेल्दी खाने से रोकता है।

3. बालों की ग्रोथ में कामयाब: इन बीजों में क्यों क्यूक्रबिटासीन एक एमिनो एसिड पाया जाता है जो बालों के विकास में मदद करता है। यह बीच विटामिन-सी से भी भरपूर होते हैं।

4. एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं : कद्दू के बीजों में विटामिन-ई भरपूर मात्रा में पाया जाता है इसमें एक कैरोटीनायड नामक एक तत्व पाया जाता है जो सूजन कम करने में मददगार है।

5. दिल को दुरुस्त रखता है: इसके बीजों में फैट्स, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट तथा मोनो अनसैचुरेटेड फैटी एसिड होता है जो बेड कॉलेस्ट्रॉल को कम करता है और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है।

6. यह बेहतर नींद लेने में भी काफी असरदार है: कद्दू के बीजों में सेरोटोनिन नामक एक तत्व पाया जाता है जो एक न्यूरोकेमिकल है जिसकी वजह से हमें बेहतर तरीके से नींद आती है।

7. एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण: कद्दू के बीजों में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गठिया के दर्द में, जोड़ों के दर्द में राहत पहुंचाते हैं तथा यह सूजन को भी कम करते हैं।

8. शुक्राणुओं की गुणवत्ता को बढ़ाते हैं: कद्दू के बीजों में जिंक भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो शुक्राणु की गुणवत्ता को बढ़ाने में बहुत हद तक असरदायक है।

9. सबसे बड़ी खासियत कद्दू के बीज की यह है कि यह हमें इंफेक्शन से बचाता है और आंतों में होने वाले कीड़े जैसे कि टेपवार्म कीड़ों को खत्म करता है।

10. अब हम इसकी तासीर के बारे में जान लेते हैं तो बता दें कि इसके बीजों की तासीर गर्म होती है इसलिए इसे एक निश्चित मात्रा में खाना ही बेहतर होता है।

फोटो सौजन्य- गूगल