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Rudrabhishek has to be done on the third Monday of Sawan

SAWAN की पावन महीना भगवान भोलेनाथ तो समर्पित होता है। इस माह में भगवान भोले बाबा और मां पार्वती की पूजा की जाती है। बाबा भोलेनाथ की पूजा आराधना करने में रुद्राभिषेक और जलाभिषेक किया जाता है। माना जाता है कि सावन के महीने में जो श्रद्धालु रुद्राभिषेक करते हैं उनका बड़ा से बड़ा कष्ट समाप्त हो जाता है। अगर रुद्राभिषेक सोमवार के दिन शुभ मुहूर्त में किया जाए तो और भी बड़ा फल की प्राप्ति होती है। सावन सोमवार के दिन रुद्राभिषेक के लिए जानें क्या है शुभ मुहूर्त ?

क्या कहते हैं प्रसिद्ध महादेव मंदिर के पंडित जितेंद्र तिवारी जी

मुजफ्फरपुर के साहू पोखर महादेव मंदिर के पंडित जितेंद्र तिवारी जी ने संवाददाता जाहिद अब्बास से बातचीत करते हुए बताया कि सावन की तीसरी सोमवारी कल है। इसके साथ ही तीसरी सोमवारी के दिन अद्भुत संयोग भी बनने जा रहा है। उस दिन विनायकी गणेश चतुर्थी है यानी भगवान शिव के साथ-साथ गणपति की भी पूजा अवश्य करनी चाहिए। ऐसा खास संयोग बड़े ही संयोग से मिलता है। अगर सावन की तीसरी सोमवारी के दिन रुद्राभिषेक कर लें तो बड़ा से बड़ा कष्ट खत्म हो जाएगा और जीवन में सुख समृद्धि की बढ़ोतरी होगी।

रुद्राभिषेक के क्या हैं शुभ मुहूर्त

पंडित जी बताते हैं कि रुद्राभिषेक हमेशा शुभ मुहूर्त में करनी चाहिए। अगर आप भी सावन के तीसरे सोमवारी के दिन रुद्राभिषेक करना चाहते है तो ब्रह्म मुहूर्त में सुबह सुबह 4 बजकर 11 मिनट से लेकर 05 बजकर 33 मिनट तक करना बेहतर है। इसके साथ ही सुबह 10 बजकर 11 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक अमृतकाल रहने वाला है। इस मुहूर्त में भी रुद्राभिषेक करने पर पुण्यदायी फल हासिल होगा।

फोटो सौजन्य- गूगल

Those who desire fame and respect should offer this to Shivling along with Gangajal.

“हर हर महादेव” जी हां, अब आप हर दिन किसी न किसी से यह जादुई शब्द सुनेंगे । हर तरफ सिर्फ भक्ति की धुन और श्रद्धा की खुशबू फैल जाएगी। यह सब मुमकिन है क्योंकि सावन मास जो शुरू हो चुका है । दोस्तों गुरु पूर्णिमा के साथ आषाढ़ महीने का अंत हो जाता है तथा इसके अगले दिन से सावन मास की शुरुआत होती है ।

यह हिंदुओं का सबसे महत्वपूर्ण व पवित्र महीना माना जाता है। इस बार सावन महीने की शुरूआत 14 जुलाई से हो रही है और इसका समापन 12 अगस्त को होगा।

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सावन में भोलेनाथ की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है । सावन में सोमवार के व्रत उपवास करने का भी एक अलग महत्व है। सावन के पूरे महीने शिवभक्त शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं, मंदिरों में खासी भीड़ होती है।

सावन के महीने में कुछ श्रद्धालु कावड़ लेने भी जाते हैं। नंगे पैर हर हर भोले नाथ के नारों के साथ ही पूरा वातावरण पवित्र हो जाता है। कुछ लोग अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए संकल्प के साथ सोलह सोमवार का व्रत भी करते हैं जिसकी शुरुआत सावन के महीने के पहले सोमवार से की जाती है । वैसे तो भोलेनाथ बहुत भोले हैं । भक्तों द्वारा सिर्फ गंगा जल अर्पण करने भर से ही वो प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों को उनकी मन वांछित वस्तु देते हैं। लेकिन कुछ आसान उपायों के साथ आप भोलेनाथ से अपनी मनोकामना जल्द पूरी करा सकते हैं चलिए आज ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में जानते हैं:

1. अगर आपको कहा जाए कि शिवलिंग पर जल चढ़ाने भर से ही महादेव आप के कष्टों को दूर कर देंगे तो आप यह जरूर करना चाहेंगे।
तो चलिए आज हम बताते हैं कि जल के साथ ऐसी कौन सी वस्तु आप शिवलिंग पर अर्पण करें जिससे आपकी मनोकामना जल्दी पूरी हो:
अगर आप आरोग्य होने की इच्छा से शिवलिंग की आराधना करते हैं तो आप शिवलिंग पर दूध अर्पण करें ।

2. जीवन में सुकून और शांति के लिए आपको शिवलिंग पर जल चढ़ाने के साथ ही दही अर्पण करना चाहिए। इससे आपको सुकून और शांति की प्राप्ति होगी।

3. अगर आप समाज में लोकप्रिय होना चाहते हैं, फेमस होना चाहते हैं, फेम पाना चाहते हैं तो शिवलिंग पर गंगा जल के साथ शहद अर्पण करें ।

4. जो व्यक्ति सुख समृद्धि की इच्छा रखते हैं, उन्हें शिवलिंग पर जल के साथ शक्कर चढ़ाने की सलाह दी जाती हैं। शक्कर चढ़ाकर वह सुख समृद्धि की प्राप्ति अवश्य ही कर पाएंगे ।

5. यश और मान सम्मान की इच्छा रखने वाले मनुष्य को गंगाजल के साथ चंदन शिवलिंग पर अर्पण करना चाहिए। जिससे उनको यश और मान-सम्मान की प्राप्ति होगी।

6. अक्सर देखा जाता है कि आजकल पति पत्नी के झगड़े बहुत बढ़ गए हैं, आपसी दूरियों के कारण वह आपस में मिलजुल कर नहीं रह पाते हैं, तो अपने दांपत्य जीवन को खुशहाल बनाने की इच्छा रखने वाले लोगों को शिवलिंग की आराधना करते वक्त शिवलिंग पर गंगाजल के साथ केसर अर्पण करना चाहिए। इससे उनका जीवन सुखमय हो जाएगा और प्रेम भी बढ़ेगा।

7 संतान की इच्छा रखने वाले दांपत्य को सलाह दी जाती है कि वह शिवलिंग पर गंगाजल के साथ गेहूं भी अर्पण करें। इससे उनको संतान की प्राप्ति होगी ।

8. काले तिल चढ़ाने से पापों का नाश और रोगों का नाश होगा। जी हां, जो लोग अपने पापों का नाश और रोगों का नाश करने की इच्छा रखते हैं उन्हें शिवलिंग पर गंगाजल के साथ काले तिलों को अर्पण करना चाहिए।

फोटो सौजन्य- गूगल