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Tag Archives: Mothet’s day

Happy Mothers डे: मां, जब छोटी थी ना मां ,तब समझ नहीं पाई कि तुम मेरी परवरिश में अपने आप को भूले बैठी हो। मेरे लिए तुम रात भर जाग जाती थी, मुझे खिलाने के चक्कर में ना जाने तुम खुद कितनी बार बिना खाए सो जाती थी।

बहुत हसीन दौर था वो, जब मैं तुम्हारे लिए और तुम सिर्फ मेरे लिए होती थी। एक अलग ही दुनिया थी वो,  जिंदगी की हकीकतों से परे एक सपनों की दुनिया जैसी। उस दौर में मुझे कभी किसी चीज से डर नहीं लगा, क्योंकि जानती थी कि तुम हो मेरे साथ मुझे खरोच भी नहीं आने दोगी। मुझे कभी नहीं समझ आया कि मुझे क्या पसंद है और क्या नापसंद , बस यह पता था कि मुझसे बेहतर तुम मुझे जानती हो तो मुझे सिर्फ वही दोगी जो मेरे लिए अच्छा है।

समय हमेशा एक जैसा क्यों नहीं रह सकता मां , पता है तुम्हारी उंगली पकड़ते ही मैं शेरनी बन जाती थी,  लगता था जैसे अब मेरा मुकाबला कोई नहीं कर सकता 7वें आसमान पर होती थी।

उस दौर में हर दिन अपने आप में बहुत अलग था । दुनिया सिर्फ इतनी ही थी जिसमें मैं और तुम होते थे। तुमने अपने प्यार के साथ साथ मुझे जिंदगी की तल्ख हकीकतों का आइना भी दिखाना चाहा, पर उस समय सुनकर भी अनसुना कर देती थी मैं, पता नहीं क्यों हमेशा यह लगता था कि मां मुझे यह सब क्यों सिखाना चाहती है यहीं तो हूं मैं, मां के पास और जब मां सब संभाल लेती हैं, तो आगे भी संभाल लेगी।

Mother's Day

ना जानती थी कि कुछ रातों के सवेरे थोड़ी जल्दी हो जाते हैं।

ना जानती थी कि तुमसे एक पल दूर रहना मुमकिन न था लेकिन अब इस आजमाइश से भी गुजरना पड़ेगा ।

पता है अब मुझे बहुत डर लगता है जब अकेले कदम बढ़ाती हूं, तो लगता है कि अगर लड़खड़ा गई तो मां नहीं होगी मेरी उंगली पकड़ने को।  अब बहुत ध्यान से तवे  के पास जाती हूं मां,  क्योंकि पता है अगर हाथ जला तो मां वो ठंडी फुंके मारने के लिए नहीं होगी । तुम्हारे बिना तो आइसक्रीम खाते वक्त भी इस ठंडक का अहसास नहीं होता, जो तुम्हारे मेरे सिर पर हाथ रखने से होता था।

कभी कभी सोचती थी कि मां इतना संतोष, इतना धैर्य कहा से लाती है कि वो कभी भी कोई फर्माइश नहीं करती, न जाने कितने ही त्यौहार एक ही साड़ी में बीता दिए। कभी उन चीजों को खाने की इच्छा ज़ाहिर नहीं करती को उन्हें अच्छी लगती है। लेकिन मां, मुझे अब जाकर समझ आया है की तुम मेरी फरमाइशो के तले दबी हुई थी, इसलिए कभी अपने बारे में नहीं सोचा।

मुझे त्यौहार पर कपड़े दिलाने के चक्कर में खुद नई साड़ी को दरकिनार कर दिया।

कुछ चीज़ें वक्त रहते क्यों समझ नहीं आती मां।

मैं नहीं जानती कि मैं एक अच्छी बेटी बन पाई या नहीं, लेकिन तुम्हें ये जानकर खुशी होगी कि अब अगर मैं अपने आप को तुम्हारी वाली परिस्थितियों से घिरा पाती हूं, तो ठीक वैसे ही उनसे दो चार होती हूं, जैसे तुम होती थी।

जो सबक मुझे किताबों में नहीं सिखाए, वो तुमने हंसते खेलते सीखा दिए मां।

शुकिया मां, मुझे इस दुनिया में लाने के लिए।

शुकिया मां, मुझे जिंदगी की तल्ख़ हकीकतों से निपटने को लेकर सबक सिखाने के लिए।

शकिया मां, मुझे इस काबिल बनाने के लिए कि मैं समझ पाऊं कि मां और भगवान में कोई फर्क नही है।

हैप्पी मदर’स डे मां, लव यू सो मच।
भगवान तुम्हें मेरी उम्र भी लगा दे।