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Tag Archives: Masakalii

हम में से ज्यादातर लोग अपनी मां को दिलो-जान से प्यार करते हैं, उतना पिता से नहीं होता। प्यार तो हम उनसे भी करते हैं पर क्या कभी हम उन्हें गले लगाकर या उनके साथ बैठकर बातें करके ये बताते हैं कि वह हमारे लिए कितने खास हैं। मदर्स डे पर हम ना जाने कितनी तैयारियां करते हैं। मां को शॉपिंग के लिए ले जाते हैं, कार्ड्स बनाते हैं हैं या केक बेक करते हैं पर फादर्स डे पर आप ये सब भूल जाते हैं।

मालूम हो कि हर वर्ष फादर्स डे जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है। हमारे पिता हमसे बहुत प्यार करने के बाद भी इसे इजहार नहीं करते और ना ही हम कभी उनसे खुलकर अपने इमोशन या फिलिंग्स के बारे में चर्चा कर पाते हैं। ऐसा नहीं है कि हम अपनी जिंदगी में अपने पिता के अहम योगदान और त्याग को भूल जाते हैं।

बाप और बच्चों के रिश्तों के मद्देनजर बॉलीवुड फिल्मों ने बड़ी ही खूबसूरती से कई फिल्मों को दिलचस्प बनाया है। फादर्स डे के मौके पर कुछ चुनिंदा फिल्मों की सूची-

1. पीकू-

Piku

एक मेहनती बेटी (दीपिका पादुकोण) अपने हाइपोकॉन्ड्रिएक पिता (अमिताभ बच्चन) के साथ दिल्ली से कोलकाता के लिए रोड ट्रिप पर जाती है। ‘पीकू’ उन फिल्मों में से एक है जो आपको जितना हंसाएगी, उतना ही रुलाएगी। फिल्म में हम देखते हैं कि बाप-बेटी की यह जोड़ी एक-दूसरे को बेहद परेशान करती है पर यह भी साफ है कि दोनों एक-दूसरे को समझते भी हैं और समर्थन भी करते हैं।

2.दंगल-

Dangal

महावीर सिंह फोगाट (आमिर खान) जो कि एक एक्स रेसलर हैं, जो अपनी बेटियों गीता और बबीता को पहलवान बनाना चाहते हैं। फिल्म में फोगाट एक कठिन टास्क मास्टर की भूमिका निभाते हैं जो अपनी बेटियों को रेसलिंग की ट्रेनिंग देने में कोई कसर नहीं छोड़ते। रियल लाइफ स्टोरी पर बेस्ड यह फिल्म दिखाती है कि जब बच्चों की जिंदगी बनाने की बात आती है तो पिता को अपने बच्चों के लिए बहुत कठोर भी होना पड़ता है। यह खेल पर बेस्ड मूवी आपके वीकेंड प्लान के लिए बेस्ट ऑप्शन है।

3. अंग्रेजी मीडियम-

Angrezi Medium

इसी साल बड़े पर्दे पर रिलीज हुई इरफान खान और राधिका माधन की फिल्म ‘अंग्रेजी मीडियम’ ने बाप-बेटी के रिश्ते के बेहद सुंदर तरीके से दिखाया। फिल्म की कहानी उस पिता पर केंद्रित है, जो लंदन की एक यूनिवर्सिटी में अपनी बेटी का एडमिशन कराने के लिए किसी हद तक जा सकता है। हालांकि, उनके रास्ते में कई बाधाएं आती हैं जिससे उसकी बेटी के साथ उसका रिश्ता भी प्रभावित होता है। यह फिल्म आपको गुदगुदाने के साथ-साथ इमोशनल करने में भी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ती है।

4. थप्पड़-

Thappad

जब अमृता (तापसी पन्नू) अपने पति के थप्पड़ मारने के बाद तलाक देने का फैसला करती है, तो उसके पिता (कुमुद मिश्रा) उसके साथ खड़े होते हैं। असल में, वह पूरे परिवार में अकेले व्यक्ति होते हैं जो उसके दर्द को समझते हैं व उसके फैसले पर सवाल नहीं उठाते। जैसे अमृता हर रोज एक नई परेशानी का सामना करती है, उसके पिता बिना शर्त उसे समर्थन करते हैं।

5. एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा-

Ek Ladki ko Dekha to aisa laga

रियल लाइफ पापा और बेटी, अनिल कपूर और सोनम कपूर, इस फिल्म में मुख्य किरदारों में नजर आते हैं। हालांकि, इस फिल्म को एक लव स्टोरी के तौर पर दिखाया गया है, लेकिन इसका फोकस स्वीटी पर होता है जो अपने रूढ़िवादी परिवार से निकलकर बाहर आती है। यह एक काफी खूबसूरत फिल्म है, जो एक पिता के रूढ़िवादी होने से प्रोग्रेसिव व्यक्ति बनने तक के सफर को बखूबी दिखाती है।

Everyone is sorry that they have got very little..

आप लोगों को रोजमर्रा की ज़िन्दगी में ऐसे बहुत से लोग मिलेंगे जो ये कहेंगे कि उन्हें बहुत कम मिला हैं, ईश्वर ने उन्हें दूसरों से कम दिया हैं… हालांकि वो कुछ पाने के लिए खुद के हाथ-पैरों को बिल्कुल भी कष्ट नहीं देना चाहते, वास्तव में वे सोचते हैं कि वे बहुत कुछ के योग्य हैं लेकिन उनपर ईश्वर की कृपा नहीं है।

लेकिन उनके लिए मैं बस इतना कहूंगी
“कि रुके हुए हो किसके लिए बीच सफ़र में यूं,
तुम भी किस उलझन में पड़ कर रह गए,
एक बार कोशिश तो करो,
सुना है मैंने जिन्होंने रास्ते बनाए खुद वो दूसरों के लिए मिसाल बन गए ।।

अब ज़रा ऐसे समझें:-

सबको गिला है कि बहुत कम मिला हैं,
ज़रा सोचिए जनाब, जितना आपको मिला है,
उसके लिए आपने क्या किया हैं ?
कुछ हट के खाने का मन किया कभी, तो आपने मां को उसका ऑर्डर दिया हैं,
अगर हो जाए गलती से कुछ नमक कम, तो फ़िर शिकायत है की,
खाना आपको बेस्वाद मिला हैं।।

जब से अहसान फरामोशी का ये दौर चला है,
हर बन्दे को इसके लिए अपने से भी बढ़कर उस्ताद मिला हैं, ज़रा सोचिए जनाब,
जब आपने किसी का फ़ायदा उठाना चाहा, तो बदले में आपको भी वही मिला हैं।।

किसी से ज्यादा लेकर आपने उसे कितना थोड़ा दिया हैं,
उसके भरोसे का आपने पूरा फ़ायदा लिया हैं,
अब ये जो बेचैनी का तोहफा आपको मिला हैं,
तो ये शिकायतें क्यों की आपको नींद की बजाए अंधेरे से भरा आसमान मिला हैं।।

चालाकियां कर के आज आप ख़ुश हैं कि आपने जो सोचा आपको उससे ज्यादा मिला हैं,
लेकिन उस पल का इंतज़ार भी तो करो जनाब,
जब आपको ये एहसास होगा कि क्या बोया मैने जो मुझे ये मिला हैं ?
ज़िन्दगी के गणित में आपने जो 2+2 को 5 किया हैं,
ये आपने दूसरों को नहीं बल्कि ख़ुद को धोखे में रख दिया हैं,
लेकिन आप भूल गए जनाब, कि ये ज़िन्दगी का गणित है यहां 2+2 को 5 बनाने वाले ने किसी ना किसी मोड़ पर अपना सब खो दिया है ।।

पागल नहीं है वो जिसने अपना सोचे बिना दूसरों को अपने से आगे रखा है,
क्या मिलेगा ये ना सोचकर, सिर्फ क्या दिया मैंने ये सोचा है,
इन शिकायतों के दौर का हिस्सा बनना बन्द कीजिए जनाब,
क्योंकि ज़िन्दगी को सबसे बेहतर उसी ने जिया है जिसने किसी से 01 लेकर उसे अपना 100 दिया है।।

तो अब ये ना कीजिए कि आपको बहुत कम मिला हैं,
लोग ऐसे भी है ज़माने में, जिनको लगता हैं कि भगवान ने आपको सब दिया हैं।।

Dubai's richest housewives, know what are their hobbies

‘द रियल हाउसवाइव्य’ (The Real Housewives) एक अमेरिकन रियलिटी टेलीविजन सीरीज है। इस फ्रेंचाइजी की शुरुआत द रियल हाउसवाइव्य ऑफ ऑरेंज काउंटी के साथ हुई थी, जिसका पहला प्रीमियर साल 2006 को कैलिफोर्निया में हुआ था। वैंकूवर, मेलबर्न, चेशायर, ऑकलैंड, सिडनी, जोहान्सबर्ग, हंगरी, एथेंस के बाद इस फ्रेंचाइजी की सीरीज दुबई में भी शुरू हुई। बता दें कि रियल हाउसफाइव्स फ्रैंचाइजी की पहली सीरीज में यूएई के दुबई में रहने वाली कई महिलाओं की पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ पर फोकस किया गया।

दुबई के द रियल हाउसवाइफ 2022 का प्रीमियर 01 जून, 2022 को हुआ। इसमें दुबई की 06 सबसे अमीर महिलाओं के नाम अनाउंस हुए। आइए जानते हैं कि नेट वर्थ के मामले में दुबई की 06 सबसे अमीर महिलाओं के बारे में-

1. कैरोलीन स्टैनबरी

 

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साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार लेडीज ऑफ लंदन (साल 2014) शो में एक्टिंग करने वाली और लंदन में जन्मी कैरोलीन स्टैनबरी दुबई की सबसे अमीर हाउसवाइफ हैं। उनकी संपत्ति लगभग 232.70 करोड़ रुपये है। कैरोलीन के पहले पति का नाम सेम हबीब था, जिससे उनके 03 बच्चे थे। जानकारी के मुताबिक तलाक के बाद उन्हें पहले पति से सेटलमेंट के लिए उन्हें अच्छी खासी रकम मिली थी। कैरोलीन के वर्तमान पति का नाम सर्जियो कैरालो है जो पूर्व फुटबॉल प्लेयर हैं। कैरोलीन अभी ‘कैरोलीन स्टैनबरी’ शू लाइन की ओनर हैं जो कि दुनिया का सबसे लग्जरी शू ब्रांड माना जाता है।

2. लेसा मिलान

 

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पूर्व मिस जमैका विनर और फैशन डिजाइनर लेसा मिलान नेट वर्थ के मामले में दूसरे स्थान पर हैं. उनकी कुल संपत्ति 31.7 से 57.1 करोड़ के बीच है। लेसा मिला मीना रो मैटरनिटी नाम के क्लोदिंग ब्रांड की ऑनर हैं। दुबई आने से पहले मिलान जमैका से मियामी चली गई थीं और वहां 08 साल रहीं। उन्होंने करोड़पति डेवलपर रिचर्ड हॉल से शादी की और उससे उनके तीन बच्चे हैं। मिलान को घूमने का और फोटोग्राफी का काफी शौक है।

3. कैरोलीन ब्रूक्स-

 

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कैरोलीन ब्रूक्स यूएई की तीसरी सबसे अमीर हाउसवाइफ हैं, जिनकी नेटवर्थ 25.39 से 38.09 करोड़ है। कॉस्मोपॉलिटन मिडिल ईस्ट के मुताबिक, ब्रूक्स ने दुबई में एक प्रॉपर्टी ब्रोकरेज फर्म के डायरेक्टर के रूप में भी काम किया है। इंस्टाग्राम की बात करें तो बिजनेस वुमन के 2.20 लाख फॉलोअर्स हैं और उन्हें हाल ही में कान्स फिल्म फेस्टिवल के रेड कार्पेट पर स्पॉट किया गया था। वह ग्लास हाउस सैलून और स्पा नाम से सैलून चलाती हैं।

4.चैनल अयान-

 

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सुपरमॉडल चैनल अयान रियल हाउसवाइव्स दुबई सीरीज में चौथे नंबर पर हैं। केन्या में जन्मी, सोमाली और इथियोपियाई ब्यूटी के साथ-साथ कई फैशन मैगजीन की कवर पेज पर आ चुकी हैं। वह एक सफल बिजनेसमैन हैं जो टैलेंट एजेंसी और सेलिब्रिटी मेकअप आर्टिस्ट टोनी माल्ट के साथ मिलकर मेकअप और स्किनकेयर लाइन की मालकिन हैं। इनकी नेटवर्थ तकरीबन 6.34 करोड़ है।

5 सारा अल मदनी-

 

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सारा अल मदनी ने 15 साल की उम्र में अपना खुद का बिजनेस शुरू किया था। वह काफी अच्छी वक्ता भी हैं जो 200 से अधिक भाषण दे चुकी हैं। इनके लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक मदनी वर्तमान में हलही की मालकिन हैं। यह एक पर्सनल स्टेज है जो मशहूर हस्तियों से उनके प्रशंसकों के लिए वीडियो शाउटआउट करवाया है। इनकी नेटवर्थ करीब 6.34 करोड़ है।

6. नीना अली-

 

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लेबनान में जन्मी, टेक्सास में पली-बढ़ी नीना अली इस लिस्ट में सबसे नीचे आती हैं। साल 2011 में वह अपने बिजनेसमैन हसबैंड मुनाफ अली के साथ दुबई आई थीं। इनके इंस्टाग्राम पर 5.21 लाख फॉलोअर्स हैं। इनकी नेटवर्थ की जानकारी स्पष्ट नहीं है।

फोटो सौजन्य- इंस्टाग्राम

Film actress Mahima Chaudhary is fighting breast cancer, know what can be its symptoms

बॉलीवुड एक्ट्रेस Mahima Chaudhry इन दिनों जानलेवा बीमारी कैंसर से लड़ रही हैं। मालूम हो कि महिमा को ब्रेस्ट कैंसर हुआ है और उनका इलाज चल रहा है। इस संबंध में एक वीडियो अभिनेता अनुपम खेर ने अपने इंस्टाग्राम पर साझा किया है। जिसमें महिमा चौधरी अपनी बीमारी को लेकर कुछ बात करती दिख रही हैं। महिमा हर साल अपना फुल बॉडी चेकअप करवाती थीं और इसी के तहत डॉक्टर ने उनको ब्रेस्ट कैंसर की जांच करवाने की सलाह दी थी, जिसमें मालूम चला कि महिमा को ब्रेस्ट कैंसर है और वह इसकी स्टार्टिंग स्टेज पर है।

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण हर किसी महिला को पता होना चाहिए, जिससे वक्त रहते ब्रेस्ट कैंसर को पहचाना जा सके और इलाज शुरू किया जा सके। तो आइये जानते है कि ब्रेस्ट कैंसर क्या है और इसके क्या-क्या लक्षण हो सकते हैं-

क्यों होता ब्रेस्ट कैंसर

अगर कोशिकाओं को कंट्रोल करने वाले जीन में म्यूटेशन होने लगते हैं तब ब्रेस्ट कैंसर होता है। इस म्यूटेशन की वजह से कोशिकाएं अनियंत्रित तरीके से फैलने लगती हैं। ये कैंसर ब्रेस्ट की कोशिकाओं में विकसित होता है जो कि नॉर्मल तौर पर फैटी कोशिकाओं, लोब्यूल्स या फिर ब्रेस्ट की नली में बनता है। इतना ही नहीं धीरे-धीरे ये अनियंत्रित कैंसर कोशिकाएं ब्रेस्ट की स्वस्थ कोशिकाओं को भी अपनी डायमेज करने लगती है और बाहों के नीचे की तरफ लिम्फ नोड्स तक पहुंच बना लेती है।

ऐसे करें ब्रेस्ट कैंसर की पहचान

शुरुआती स्टेज में ब्रेस्ट कैंसर के कोई लक्षण नहीं भी नजर आते है। कुछ मामलों में ये ट्यूमर इतना अधिक छोटा होता है कि महसूस भी नहीं किया जा सकता है पर मैमोग्राम टेस्ट के माध्यम इसकी पहचान की जाती है। इस ट्यूमर का अहसास तब किया जा सकता है जब ब्रेस्ट में एक नई गांठ महसूस का जा रही हो, जो पहले कभी नहीं थी। साधारणत: सभी तरह की गांठें कैंसर नहीं कही जाती।

जानें ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण-

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों में ब्रेस्ट में दर्द होना, ब्रेस्ट के आकार में एकाएक बदलाव आना, ब्रेस्ट के आसपास की स्किन का लाल होना, ब्रेस्ट के पास के हिस्सों में सूजन, निप्पल से किसी तरह का डिस्चार्ज या खून निकलना, निप्पल के साइज में बदलाव आना, ब्रेस्ट के आसपास की या निप्पल की स्किन का छिल जाना और बांह के नीचे गांठ या सूजन का हो जाना जैसे लक्षण शामिल हैं। अगर इस तरह का कोई भी लक्षण आपको महसूस होता है तो आपको एक बार इसके लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

अनुपम खेर ने इंस्टाग्राम पर शेयर किया वीडियो

 

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अभिनेता अनुपम खेर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, मैंने अपनी 525वीं फिल्म ‘दि सिग्नेचर’ में काम करने के लिए करीब एक महीने पहले जब अमेरिका में रहते हुए महिमा चौधरी को फोन किया, तो मुझे पता चला कि उन्हें ब्रेस्ट कैंसर हुआ ह। अनुपम खेर ने महिमा की तारीफ करते हुए लिखा है कि महिमा चौधरी का रवैया दुनिया भर की महिलाओं को एक नयी उम्मीद देगा। उन्होंने आगे लिखा कि महिमा चाहती थीं कि मैं उनकी बीमारी के बारे में जानकारी लोगों तक पहुंचाऊं।

इस वीडियो में महिमा ने क्या कहा

शेयर किये गए वीडियो में महिमा चौधरी, अनुपम खेर को बता रही हैं कि जब मेरे पास उनका फोन आया था तो क्या हुआ था। वह बता रही हैं कि जब मेरे पास फोन कॉल आया था तब उस समय मेरा ट्रीटमेंट चल रहा था और नर्स मेरे पास थी। मुझे ये मालूम था कि अनुपम अमेरिका में हैं लेकिन जब मुझे कॉल आया तो मैं समझ गयी कि कोई अर्जेन्ट बात ही होगी, इसीलिए मैंने फोन रिसीव कर लिया।

फोन पर अनुपम ने मुझे फिल्म ‘दि सिग्नेचर’ करने के लिए कहा तो मैनें कहा कि हां मैं ये फिल्म करना चाहूंगी लेकिन इसके लिए आपको थोड़ा इंतजार करना होगा। जिस पर उन्होंने कहा कि नहीं, मैं इंतजार नहीं कर सकता। फिर उन्होंने पूछा कि तुम फिल्म के लिए मुझे इंतजार क्यों करवाना चाहती हो और तुम्हारे घर में इतना शोर क्यों हो रहा है? तो फिर मैं झूठ नहीं बोल सकी और अपनी बीमारी के बारे में सब कुछ बता दिया।

उन्होंने वीडियो में ये भी बताया कि वो हमेशा रुटीन ब्लड चेकअप और बाकी तमाम चेकअप करवाती रही हैं। इसके बावजूद किस तरह से यह बीमारी उनके सामने आई और किस तरह से उन्होंने इसके बारे में अपनी मां से ये बात साझा की, जिसके बारे में सुनकर उनकी मां की तबियत भी बिगड़ गई थी। अपनी तकलीफ बताते हुए महिमा कई बार भावुक भी नजर आईं।

KK lost his life due to non-functioning of heart, post-mortem report cleared

लोकप्रिय और हर दिल अजीज गायक KK की मौत दिल के सही तरीके से काम ना करने के कारण हुई थी। इस बात का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुआ। ऐसे हालत को मेडिकल की भाषा में ‘मायोकार्डियल इनफार्कसन’ के नाम से जाना जाता है। मीडिया खबरों के अनुसार पोस्टमार्टम में मौत से कुछ वक्त पहले केके का दिल ब्लड को पर्याप्त मात्रा में पंप नहीं कर पा रहा था, जिसकी वजह से शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल रहा था।

पर्याप्त बल्ड पंप नहीं कर पाने के कारण केके को पहले से दिल संबंधी समस्याएं थीं। उनकी धमनियों में पीली-सफेज पट्टिया या वसा जम गई थी। कोलेस्ट्राल जमने की वजह से पोस्टेरियर इंटरवेंट्रिकुलर धमनी का खतरनाक रूप से संकुचन हुआ था। बाईं कोरोनरी धमनी के कई हिस्सों में एथेरोस्क्लेरोसिस या फैट्स जमा होने के कारण रुकावट देखा गया। न्यू मार्केट थाने की पुलिस ने अस्वाभाविक मौत का केस दर्ज किया था, हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने इसे खारिज कर दिया है। खबर है कि केके को लंबे वक्त से गैस की समस्या थी। वह अक्सर इसकी मेडिसीन लिया करते थे। 30 मई को उन्होंने अपनी पत्नी से फोन पर बात की थी और उन्हें अपने कंधे और हाथ में दर्द होने की बात बताई थी।

वहीं, दूसरी तरफ कोलकाता पुलिस ने नजरुल मंच में केके की जिंदगी के आखिरी कंसर्ट के दौरान दिखी अव्यवस्था के मद्देनजर कॉलेज के रंगारंग प्रोग्राम के आयोजन पर अतिरिक्त शर्ते लागू करने का फैसला किया है। एक पुलिस अफसर ने कहा कि पहली और प्राथमिक शर्त ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन के समय ऑडिटोरियम परिसर में कम से कम एक एबुंलेंस और एक्सपर्ट डॉक्टर की व्यवस्था करने की होगी ताकि अचानक बीमार पड़े व्यक्ति को फौरन पास के अस्पताल भेजा जा सके।

दूसरी शर्त यह है- ऑडिटोरियम के अंदर व बाहर पंजीकृत सुरक्षा एजेंसी के सुरक्षाकर्मियों की तैनाती करनी होगी। देखा जाता है कि छात्र संघ भीड़ को संभालने का जिम्मा कॉलेज के ही छात्रों को वोलेंटियर बनाकर सौंपता है। उन लोगों को भीड़ संभालने का कोई प्रशिक्षण मिला नहीं होता है।

तीसरी शर्त यह होगी- कार्यक्रम का आयोजन करने वाले छात्र संघ को पुलिस को यह सूचित करना होगा कि वे किस कलाकार को ला रहे हैं और उनके साथ कितने लोग होंगे। चौथी व आखिरी शर्त यह है कि कार्यक्रम के आयोजकों को लिखित तौर पर यह बताना होगा कि कार्यक्रम के लिए फ्री पास होंगे या उसके लिए भुगतान करना होगा। आयोजकों को बांटे जाने वाले पास की संख्या भी बतानी होगी।

फोटो सौजन्य- गूगल

The world is in awe of Monkey Pox, how it is making humans its prey, understand

कोरोना अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है कि अब नई बीमारी Monkey Pox के आने से लोगों को एक नए खतरे का सामना करना पड़ रहा है। मंकी पॉक्स एक ऐसा वायरस है जो इन्सान से इन्सान में फैलता है। अगर कोई किसी संक्रमित के संपर्क में आता है तो उसे भी तुरंत पकड़ लेता है। मंकी पॉक्स ने केंद्र और राज्यों की चिंता काफी बढ़ा दी है। कई स्टेट में तो सरकारों ने खास गाइडलाइंस भी जारी कर दी है। अफ्रीका और यूरोप देशों से इसके बहुत ज्यादा मामले सामने आए हैं। यह काफी डेंजरस वायरस बताया जा रहा है जो फैल जाए तो कोरोना जैसी महामारी लोगों को देखने को मिल सकती है। चार स्टेज में फैलता है इसका वायरस और अलग-अलग लक्षण देखने को मिलते हैं।

आइये समझते हैं इसके स्टेज को-

स्टेज 1- पहले स्टेज पर कोई इन्सान अगर संक्रमित होता है तो उसमें लक्षण नजर आने लगते हैं। लक्षण अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़े होते हैं और काफी हद तक बुखार जैसे लगते हैं। पहले स्टेज के लक्षणों में बुखार, शरीर में दर्द और टायडनेस फील हो सकती है।

स्टेज 2- मंकी पॉक्स की दूसरी स्टेज में बुखार जैसे लक्षण तो रहते ही हैं, साथ ही त्वचा पर थोड़ी संख्या में कुछ गांठ दिखने लगती हैं।

स्टेज 3- मंकी पॉक्स की तीसरी स्टेज पर लिम्फैडेनोपैथी हाथों, पैरों, चेहरे, मुंह या प्राइवेट पार्ट्स पर होने वाले दानों या चकत्ते में बदल सकती है।

स्टेज 4- मंकी पॉक्स की चौथी यानी लास्ट स्टेज पर ये दाने या चकत्ते उभर कर बडे़ दाने हो जाते हैं या कुछ ऐसे पस्ट्यूल में बदल जाते हैं जिनमें मवाद जमा होती है।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने समझाया-

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, मंकी पॉक्स एक ऐसा वायरस है जो चेचक की तरह फैलता है। चेचक की तरह इसके भी हल्के लक्षण होते हैं। यह बीमारी जानवरों से मनुष्यों में फैलती है। फिर लोगों ने दूसरे लोगों तक फैलती हुई चली जाती है। हालांकि, बीमारी लंबे समय तक नहीं रहती लेकिन खौफनाक जरूर होती है।

We live in an era where 'innocence' is called stupidity

कभी कभी यूंही बैठे-बैठे हम याद का हाथ थामे बहुत पीछे चले जाते हैं… जहां ज़िंदगी बहुत हसीन हुआ करती थी।
आज यूंही वो समय याद आ गया जब हम उस दौर को जिया करते थे, जिसमें लोग एक दूसरे की मदद के लिए हर समय तैयार रहते थे, एक का दर्द दूसरे के आसूं निकलवाने के लिए काफी होता था, एक की खुशी सब को नचाने के लिए काफी होती थी, एक का हक कभी दूसरा लेने की कोशिश नहीं करता था। वो ढेर सारा अपनापन, वो एक साथ चलने वाले संस्कार, वो किसी को नीचा ना दिखाने वाली सोच… कितने खुशनुमा सफ़र में थे हम..! मैं जानती हूं और आप सब लोग भी जानते है कि परिवर्तन संसार का नियम है। कुछ समय बाद हालात बदल ही जाते हैं लेकिन एक सच ये भी है कि कुछ परिवर्तन हम स्वीकार नहीं कर पाते। पर कुछ भी हमारे लिए नहीं रुकता और वो दौर भी बीत गया जहां ‘मासूमियत’ सिर्फ ‘मासूमियत’ हुआ करती थी। कभी कभी लगता है कि हम कहां से कहां आ गए, ऐसा क्या पाना था हमें जो वो मासूमियत भरा दौर हमें पीछे छोड़ना पड़ा और आज जब हम सब पीछे छोड़ ही आए है तो फिर क्यों दुबारा उसी दौर में मन बार-बार जाना चाहता है।

दरअसल, दिल तो आज भी बच्चा है जिसे सिर्फ अपनापन, प्यार, ढेर सारे अपनापन वाले रिश्ते और उस दौर वाली मासूमियत ही समझ आती है.. आज इस दौर को ये दिल समझ ही नही पाता.. जिसमें सिर्फ और सिर्फ मतलब छुपा है। ..तो चलिए फिर कुछ पंक्तियां के माध्यम से जान लेते है कि ये दिल क्यों बार बार उस दौर को याद करता है और इस दौर से निकल जाना चाहता है-

आजकल कौन किसको बेवजह गले लगाता है,
मतलब निकल जाए तो हर शख्स बदल जाता है,
तुम कौन से भ्रम में हो जनाब,
हम उस दौर में जी रहे है, जहां “मासूमियत” को बेवकूफी कहा जाता है।

अपनी बेपरवाहियों को बड़ी आसानी से मजबूरियों का नाम दे दिया जाता है,
किसी के कुछ हसीन किस्सों को बेवजह ही कहानियों में बदल दिया जाता है,
तुम तो चीज़ ही क्या हो जनाब, यहां दुआएं पूरी न होने पर भगवान तक को बदल दिया जाता है,
यकीनन, हम उस दौर में जी रहे है, जहां “मासूमियत” को बेवकूफी कहा जाता है।

किसी से कुछ लेकर उसे कहां वापिस लौटाया जाता है,
प्यार की आड़ में यहां दिलो से खिलवाड़ किया जाता है,
किसी की आपबितियों को यहां खामोशियों के हवाले कर दिया जाता है,
यकीनन, हम उस दौर में जी रहे है, जहां “मासूमियत” को बेवकूफी कहा जाता है।

किसी की मेहरबानियो को, चालाकियों से नोच लिया जाता है,
झूठों की इस दुनियां में, सच बेचारा कहीं दब कर रह जाता है,
उड़कर कोई चाहे अगर, उस नीले आसमान को छूना, तो उसके अपनों द्वारा ही उसके पंखों को कतरा जाता है,
यकीनन, हम उस दौर में जी रहे है, जहां “मासूमियत” को बेवकूफी कहा जाता है।

कोई छूले आसमान अपनी जिद से तो, उसको बड़ी तेज़ी से नीचे खींच लिया जाता है,
फिर उसकी रात दिन की मेहनत को, क़िस्मत के हवाले कर दिया जाता है,
दोबारा कभी वो उठ खड़ा ना हो, इसके लिए उसे सबकी नज़रों से गिराया जाता है,
तुम कौन से भ्रम में हो जनाब,
यकीनन, हम उस दौर में जी रहे है, जहां मासूमियत को बेवकूफी कहा जाता है।

Life wants to run me according to its own accord and heart at its own pace

पिछले कुछ सालों से याद ही नहीं कि कब मैं सुकून के दो पल बैठकर महसूस कर पाई हूं। बस भागती जा रही हूं.. ना तो ये पता है कि रास्ता सही भी है और ना ये पता है कि रास्ता अब और  कितना बचा है। ये भी नहीं पता कि खुद के लिए भाग रही हूं या जिंदगी मुझे भगा रही है। जब स्कूल में थे तो दिल करता था कि जल्दी से जल्दी बड़े हो जाए। अपने फैसले खुद ले पाएं लेकिन जब से बड़े हुए है जिंदगी सिर्फ भगाए जा रही है।

दरअसल, जिंदगी और इस जिद्दी दिल की ठनी हुई है, जिंदगी मुझे अपने हिसाब से चलाना चाहती है और दिल अपने हिसाब से।
सच में वो बचपन वाली जिंदगी बहुत हसीन हुआ करती थी। जो दिल करता था वो किया करते थे। जब भी कोई दिक्कत परेशानी हुआ करती थी तो मां हुआ करती थी पास, बस एक बार प्यार से सिर पर हाथ रख देती थी तो लगता था कि पूरी दुनिया बस हमारे ही इर्द गिर्द घूम रही है।
और कभी प्यार से गोदी में उठाकर माथा चूम लेती थी तो ये दिल सातवें आसमान पर होता था।
उस समय समझ नहीं थी फिर भी सुकून था। आज इस समझदारी ने सारा चैन छीन लिया है।
बड़े हो गए, शादी हो गई, सेटल हो गए लेकिन ये दिल आज भी उन पुराने दिनों में लौटना चाहता है, जहां मां और उसका ढेर सारा प्यार बिना मांगे मिलता था।

काफी समय बीत गया उस घर से विदा हुए,
काफी समय बीत गया नई दुनिया बसाए हुए
पर ना जाने क्यों शाम ढलते ही ये दिल उस घर पहुंच जाता है
मां की आवाज़ सुनने को ये दिल यूंही मचल जाता है
महक वो मां के खाने की महसूस करना चाहता है
वो हर त्यौहार उनका बहुत चाव से मनाना,
वो हर रोज सुबह जल्दी उठ जाना,
हम सब को खिलाकर फिर खुद खाना,
शाम को पापा के ऑफिस से आने का इंतजार करना,
हर जन्मदिन पर हमें नए कपड़े दिलाना,
और खुद कई त्यौहार उसी पुरानी लाल साड़ी में बिताना,
हमारे बीमार पड़ने पर उनका वो रात भर जागना,
हर बार पापा की डांट से हमें बचा लेना,
हमारी तकलीफ में खुद आंसू बहाना,
बहुत याद आता है वो घर जहां सिर्फ और सिर्फ अपनापन की ही बहार थी।

बहुत मुश्किल से दिल को समझाती हूं कि वो दिन बीत गए, अब उन दिनों को तुम सपने में जी लिया करो।

उन दिनों को याद कर मैं कुछ इस तरह जी पाती हूं,
आज भी मां से किए वो सारे वादे निभाती हूं,
सबको खुश रखने कि कोशिश में मैं खुद को भूल जाती हूं।
मैं भी अब मां की तरह सब को खिलाकर फिर खुद खाती हूं,
चाहे कितना ही लेट सोना हो फिर भी प्रात: काल उठ जाती हूं,
अपने अरमानों को अब में दिल के किसी कोने में दफनाती हूं,
कभी कभी मां की ही तरह मैं हालात से समझौते भी कर जाती हूं।

जानती हूं कि वो दिन अब लौट कर नहीं आयेंगे,
इसलिए मैं इस अड़ियल दिल को कई बार समझाती हूं,
जानती हूं कि वो सिर्फ मां नहीं भगवान है मेरी,
इसलिए अब भी तकलीफ होने पर सिर्फ उनको ही बताती हूं।।

 

Why the demand for this new process increased to prevent unwanted pregnancy

मां बनना किसी भी महिला के लिए सुखद एहसास से कम नहीं होता है पर अगर आप प्रेग्नेंसी नहीं चाहती तो फिर आपकी परेशानियां काफी बढ़ जाती हैं। प्रेग्नेंसी ना चाहने वाली महिलाओं के लिए बाजार में कई तरह की गर्भ निरोधक मेडिसिन उपलब्ध हैं। इन सारी मेडिसिन का सेवन महिलाओं को इंटरकोर्स के बाद करना होता है लेकिन सोचिए कि कोई ऐसी बर्थ कंट्रोल मेडिसिन हो जिससे सेक्स से पहले खाया जाए और जिससे आने वाले 03 से 05 दिनों में प्रेग्नेंसी को रोका जा सके। एक नए अध्ययन के मुताबिक आने वाले दिनों में यह संभावना हकीकत का अमलीजामा पहन सकती है।

इमरजेंसी के लिए गर्भ निरोधक दवाइयों में अभी यूलिप्रिस्टल एसीटेट ट्रस्टेड सोर्स (UA) लेवोनोजेस्ट्रेल और साइक्लो-ऑक्सीगैनीज- 2 (COX- 2) का इस्तेमाल होता है, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुए हालिया क्लीनिकल ट्रायल के दौरान यूए और मेलॉक्सिकैम से बनी नई गर्भनिरोधक मेडिसिन को सुरक्षित और कारगर पाया गया है। ये स्टडी ‘बीएमजे सेक्सुअल एंड रिप्रोडक्टिव हेल्थ’ जर्नल में प्रकाशित हुई है।

पारंपरिक गर्भनिरोधक मेडिसिन की बात करें तो इसका सेवन डेली करना पड़ता है जबकि इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का सेवन सेक्स के बाद किया जाता है। अभी तक प्रेग्नेंसी रोकने की ऐसी कोई दवाई नहीं है जिसे सेक्स के दौरान खाया जाए। इस एक्सपेरिमेंटल गर्भनिरोधक में शामिल यूलीप्रिस्टल एसीटेट और मेलोक्सीकैम उस समय ओव्यूलेशन को रोकता है जब गर्भधारण की संभावना सबसे ज्यादा होती है।

इस अध्ययन की ऑथर और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रसूति-स्त्री रोग एक्सपर्ट डॉ. एरिका काहिल ने कहा कि ऐसे बहुत से लोग हैं जिनकी कॉन्ट्रासेप्टिव जरूरतें पूरी नहीं हो पाती। कई महिलाएं चाहती हैं कि वो जब सेक्सुअली एक्टिव हों तभी गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करना पड़े। उन्हें डेली गर्भनिरोधक मेडिसिन ना लेनी पड़े।

महिलाओं पर की कई स्टडी को लेकर डॉ. कहिला ने कहा कि ऑन-डिमांड कॉन्ट्रासेप्शन की सख्त जरूरत है। लोग पहले से ही पेरिकोइटल कॉन्ट्रासेप्शन जैसी इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं, बहुत से लोग ऐसे उपायों में भी रुचि ले रहे हैं जिसमें उन्हें इंजेक्शन और इंप्लांट प्लेसमेंट के लिए क्लिनिक बार-बार ना जाना पड़े। अध्ययन के मुताबिक ऑन-डिमांड कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स प्रेग्नेंसी को रोकने में काफा उपयोगी साबित हो सकती है लेकिन इसके लिए और भी शोध किए जाने की आवश्यकता है।

Ranveer was stunned at Deepika's bedroom reply, revealed many secrets of Ranveer

हम सभी जानते हैं कि बॉलीवुड का सबसे प्यारा कपल रणवीर सिंह और Deepika Padukone शादी कर अपना घर बसा चुके हैं लेकिन क्या दीपिका और रणवीर एक खास सीक्रेट जानते हैं जिसे खुद दीपिका पादुकोण ने शेयर किया था।

मालूम हो दोनों की शादी इटली में हुई थी। शादी की चर्चाएं साल 2018 की सबसे बड़ी न्यूज में से एक था। शादी के बाद रणवीर की भी लाइफ सेट हो चुकी थी। क्योंकि वो अब एक पति जो बन गए हैं। दीपिका और रणवीर शादी के बाद एक दूसरे को लेकर खुलकर बातें करते दिखाई देते हैं। दीपिका ने वाइफ के तौर पर कैसी हैं ये सारी चीज शेयर की हैं। दीपिका ने इसके साथ वो बातें भी साझा की हैं जो अक्सर लोग साझा करने में हिचकिचाते हैं।

असल में यह बेहद लोकप्रिय कपल एक कार्यक्रम में पहुंचा था। अब ऐसा तो हो नहीं सकता कि जहां ये दोनों जाएं और इन पर सवालों की बौछार ना हो। क्योंकि हर कोई जानता है कि शादी के बाद दोनों की लाइफ कितनी बदली है। अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने रणवीर सिंह के बेडरूम के कई ऐसे राज खोले हैं जिन्हें जानने के बाद आपकी रणवीर के प्रति राय बदल जाएगी।

इवेंट में एक सवाल का जवाब देते हुए दीपिका ने वो कह दिया जिसे सुन स्वयं रणवीर सिंह हैरान रह गए थे। दीपिका से जब रणवीर के स्टाइल और समार्टनेस के सीक्रेट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि रणवीर काफी देर तक शॉवर लेते हैं और टॉयलेट में भी लंबा समय बिताते हैं। फिर दीपिका ने कहा कि वो बेड पर भी काफी समय देते हैं। अब जब लोगों ने दीपिका के मुंह से यह लाइन सुनी तो दंग रह गए। हर किसी को लग रहा था कि अरे दीपिका ने यह क्या कह दिया।

 

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ऐसे में खुद रणवीर दीपिका की ओर अचंभित होकर देखने लगे। फिर दीपिका ने अपनी बातों पर लगाम लगाते हुए कहा कि मेरा कहने का मतलब है कि रणवीर बिस्तर पर सोने के लिए जाने पर भी काफी समय लगाते हैं। अब जो भी हो लोगों को इनकी यह बात बाखूबी मालूम गई है। पिछले दिनों रणवीर ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि उनके दिन की शुरुआत उनकी पहली चाय से होती है। वर्क फ्रंट की बात करें तो दीपिका पादुकोण फिल्म गहराइयां, फाइटर और पठान में नजर आएंगी। दूसरी तरफ रणवीर सिंह फिल्म जयेशभाई जोरदार और सर्कस में दिखाई देंगे।