Turmeric Benefits: हल्दी सदियों से हमारी रसोई का अभिन्न अंग बन कर रही है। इसके खूबियों की तारीफ हमारे बड़े-बुजुर्ग और मां-बाप बचपन से करते रहे हैं। सर्दी-जुकाम और खासी या मामूली चोटों पर हल्दी वाले नुस्खे आजमाए भी हैं। जब चोट लगी तो हल्दी वाला दूध, जुकाम में हल्दी का काढ़ा और ऐसी ही जाने कितनी समस्याओं के लिए हल्दी को चुना गया। पाउडर वाली के इस्तेमाल से तो सब परिचित हैं ही पर क्या आप जानते हैं कि कच्ची हल्दी इस पाउडर वाली हल्दी से भी ज्यादा गुणवान हैं।
कच्ची हल्दी के जबरदस्त फायदे
कच्ची हल्दी, जोकि कम प्रोसेस्ड होती है और इसलिए काफी ज्यादा फायदेमंद होती है। यह अदरक जैसी दिखती है और इसे कई तरीकों से प्रयोग भी किया जा सकता है।
कच्ची हल्दी उसके पाउडर से ज्यादा फायदेमंद
आयुर्वेद के मुताबिक दिन की शुरुआत खाली पेट कच्ची हल्दी के एक छोटे टुकड़े को पानी के साथ लेने से इसकी एंटीमाइक्रोबियल विशेषताएं इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करने में मदद कर सकती हैं।
पाचन क्रिया में सुधार होता है और पेट फूलने तथा गैस की समस्या कम होती है। इसमें मौजूद कर्क्यूमिन से सूजन कम होती है और नियमित सेवन से गठिया और जोड़ों के दर्द में राहत मिल सकती है। यह ब्लड वेसल्स के कार्य को बेहतर बनाकर हृदय स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है।
वजन घटाने में मददगार है कच्ची हल्दी
इसे वजन घटाने में भी सहायक माना जाता है क्योंकि इसमें मजबूत एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो फ्री रेडिकल्स को नष्ट करके सेल्स की रक्षा करता है। जिसे आपका मेटाबॉलिज्म बेहतर और वजन कम होता है साथ ही यह आपकी त्वचा की चमक को बनाए रखने में मदद करता है, इसलिये इसका उपयोग आप फेस पैक बनाने में भी कर सकते हैं।
कैंसर के खिलाफ लड़ने में भी आगे है कच्ची हल्दी
डॉक्टर के अनुसार कर्क्यूमिन कैंसर को रोकने, उसके फैलाव को धीमा करने, और कैंसर सेल्स को नष्ट करने में भी प्रभावी हो सकता है। कीमोथैरेपी को अधिक प्रभावी बनाने और रेडिएशन द्वारा हल्दी सेल्स को क्षति से बचाने में मदद कर सकता है। कच्ची हल्दी का सेवन खासकर ब्रेस्ट, प्रोस्टेट, कोलन और स्किन कैंसर के मामलों में फायदेमंद साबित हो सकता है।
मानसिक स्वास्थ्य पर भी होता है असर
पबमेड सेंट्रल में साल 2021 में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक हल्दी में मौजूद कर्क्यूमिन ऑक्सीडेटिव तनाव से लड़ता है, जो मस्तिष्क सेल्स को नुकसान पहुंचाने से रोकता है और अवसाद तथा चिंता के लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकती है। मस्तिष्क में BDNF(ब्रेन-डेरिव्ड न्यूरोट्रॉफिक फैक्टर) के स्तर को बढ़ा सकता है, जो सोचने, समझने, सीखने, याद रखने और समस्या हल करने की क्षमताओ को बेहतर बनाता है।
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