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Category Archives: Lifestyle

Karwa Chauth: Is this day Karwa Chauth

KARWA CHAUTH: पति की लंबी उम्र और बिंदास वैवाहिक जीवन की कामना के साथ शुक्रवार को सुहागिनों ने करवा चौथ का निर्जल व्रत रखा। सोलह श्रृंगार कर शुभ मुहूर्त में शाम को पूजा के साथ, कथा सुनी और चांद देवता का दर्शन व अर्ध्य दिया। फिर अपने पति के हाथों से जल ग्रहण कर लगभग 15 घंटे व्रत रखा। वहीं कई स्थानों पर कुंवारी कन्याओं ने अच्छे जीवनसाथी की कामना के साथ सूर्योदय से चंद्रोदय तक बिना कुछ खाए-पीये करवा चौथ का व्रत रखा। ज्योतिषाचार्य के मुताबिक इस बार करवा चौथ पर सिद्धि योग बना। जो पूजा-पाठ और शुभ कार्यों के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है।

ब्यूटी पार्लरों और मेहंदी की दुकानों पर दिखी लंबी लाइनें

Pre-Wedding Skincare

चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में रहा। यह संयोग सुहागिनों के लिए बहुत शुभ और फलदायी रहा। करवा चौथ पर हर जगह बाजारों में खास रौनक देखने को मिली। महिलाएं ने चूरा, मिष्ठान, सिंदूर, फूल और माला वगैरह की खरीदारी की। वहीं, सुबह से ब्यूटी पार्लरों और मेहंदी की दुकानों पर भी लंबी लाइनें देखी गई। अखंड सौभाग्य के महापर्व करवाचौथ पर सुबह सुर्योदय से पहले सुहागिनों ने स्नान-ध्यान के बाद सुख सौभाग्य का संकल्प करके व्रत रखा। शाम को महिलाओं ने अपने विवाह का जोड़ा या पारंपरिक लहंगा पहन कर, सोलह शृंगार में सजधज कर शुभ मूहूर्त में कहीं अपने परिवार की महिलाओं, तो कहीं मोहल्ले की महिलाओं के साथ सामूहिक रूप से छत व आंगन में मिट्टी, चांदी, पीतल आदि का करवा लेकर पूजन किया।

सुहागिनों ने अपने परिवार के बड़ों का लिया अशीर्वाद

शिव-पार्वती, कार्तिकेय, गणेश और चंद्र देव का विधि विधान से पूजन किया। करवाचौथ की कथा कही और सुनी। इस बार गुरु और शुक्र के अस्त ना होने की वजह से नवविवाहित महिलाओं ने भी अपना पहला करवाचौथ का व्रत रखा। इसके बाद रात 8.02 मिनट पर चन्द्रोदय होते ही महिलाओं ने चन्द्र देव का दर्शन कर अर्घ्य दिया। अपने पति के हाथों से जल और मिष्ठान ग्रहण कर व्रत का पारण किया। पूजन के बाद सुहागिन महिलाओं ने अपने परिवार के बड़ों से अशीर्वाद प्राप्त किया।

फोटो सौजन्य- गूगल

importance of Milad-Un-Nabi in Islam

Milad-Un-Nabi: इस्लाम में दो ईद को सबसे अहम त्योहार माना जाता है एक है ईद उल फित्र और दूसरा है ईद उल अजहा। वैसे तो ये दोनों त्योहार पूरे मुस्लिम समाज में बड़े ही अकीदत और धूमधाम से मनाया जाता है। वहीं, मिलाद उन नबी का त्योहार इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबी-उल-अव्वल की 12वीं तारीख को मनाया जाता है, जो पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्म दिवस के रूप में जाना जाता है।

ईद-ए-मिलाद उन नबी का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व काफी बड़ा है। इसे पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्म और उनके जीवन की महान उपलब्धियों को याद करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन मुसलमान उनके बताए रास्ते और आदर्शों पर चलने का संकल्प लेते हैं और उनकी तमाम जिंदगी की सीख से प्रेरणा लेते हैं। इस्लामी इतिहास में यह दिन एकता, सद्भाव और आध्यात्मिक जागरूकता के रूप में मनाते हैं। मिलाद-उन-नबी पूरे दुनिया के मुसलमानों को एकजुट रखने की कड़ी है।

importance of Milad-Un-Nabi in Islam

ईद मिलाद-उन-नबी का इतिहास इस्लाम धर्म के पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्म से जुड़ा हुआ है। हजरत मोहम्मद साहब का जन्म 570 ईस्वी में मक्का में हुआ था। बता दें कि सुन्नी मुसलमान 12 रबी-उल-अव्वल को ईद-ए-मिलाद उन नबी मनाते हैं जबकि शिया मुसलमान उसे 17 रबी-उल-अव्वल को मनाते हैं। यह दिन न सिर्फ पैगंबर मोहम्मद के जन्म का प्रतीक है, बल्कि उनकी इंतकाल (निधन) के शोक में भी इस दिन को याद किया जाता है। इस दिन रात भर प्राथनाएं होती हैं और जगह-जगह जुलूस भी निकाले जाते हैं। घरों और मस्जिदों में कुरान पढ़ी जाती है।

पैगंबर साहब के जन्म से पहले ही उनके पिता का निधन हो चुका था। जब वह 06 वर्ष के थे तो उनकी मां की भी मृत्यु हो गई। मां के निधन के बाद पैगंबर मोहम्मद अपने चाचा अबू तालिब और दादा अबू मुतालिब के साथ रहने लगे। इनके पिता का नाम अब्दुल्लाह और माता का नाम बीबी आमिना था। अल्लाह ने सबसे पहले पैगंबर हजरत मोहम्मद को ही पवित्र कुरान अता की थी। इसके बाद ही पैगंबर साहब ने पवित्र कुरान का संदेश दुनिया के हर कोने तक पहुंचाया।

Is it an experience of insecurity if your partner switches off the lights before sex

Light off at Sex Time: क्या आपका पार्टनर लाइट बंद करके सेक्स करना पसंद करता है? क्या सेक्स के समय आपका पार्टनर लाइट बंद कर देता है? अगर आपका जवाब हां है तो इसके पीछे कई साइकोलॉजिकल वजह जिम्मेदार हो सकते हैं। बता दें कि सेक्स पर्सनल और संवेदनशील फिलिंग होता है। इसमें दोनों पार्टनर की असीम भावनाएं, कॉन्फिडेंस और मानसिक स्थिति महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कई लोग सेक्स के दौरान अपने पार्टनर के चेहरे के भावों को देखना चाहते हैं और पूरी तरह से अनुभव लेना चाहते हैं। पर कई लोग ऐसे होते हैं जो सेक्स को अंधेरे में ज्यादा सही तरीके से एन्जॉय कर पाते हैं। यानी उन्हें लाइट में सेक्स करना पसंद नहीं होता है। इसका एक कारण शर्मिंदगी हो सकती है। या फिर वे अपने पार्टनर के सामने पूरी तरह से एक्सपोज होने में सहज महसूस नहीं करते हैं। अलावा इसके भी कई ऐसे कारण हो सकते हैं जिसकी वजह से आपका पार्टनर सेक्स के दरम्यान लाइट बंद कर सकता है।

शरीर को इनसिक्योरिटी का अनुभव होना

कई लोग अपनी बॉडी के मद्देनजर पूरी तरह से कॉन्फिडेंट नहीं होते हैं। वे अपने शरीर को लेकर इनसिक्योर फील करते हैं। उन्हें लगता है कि उनका पार्टनर, उनके शरीर के किसी खास हिस्से को देखकर जज कर सकता है। ऐसे में वे लोग हमेशा सेक्स करने से पहले लाइट बंद करना चाहते हैं। अंधेरे में उन्हें डर नहीं लगता है और वे रिलैक्स होकर एन्जॉय कर पाते हैं।

पूरी तरह ओपन ना हो पाने का डर

Is it an experience of insecurity if your partner switches off the lights before sex

कई बार लोग अपने पार्टनर के साथ पूरी तरह से ओपन नहीं हो पाता है। ऐसे में उसे लाइट में सेक्स के दौरान शर्म महसूस हो सकती है। इसकी वजह से उन्हें झिझक महसूस होती है। यदि लाइट ऑन करके सेक्स किया जाता है तो इससे उनकी कमजोरियां उजागर हो जाती है। ऐसे में वे अंधेरे में सेक्स एन्जॉय करना पसंद करते हैं।

परफॉर्मेंस का अनजाना डर

कई बार लोग अपनी परफॉर्मेंस को लेकर कॉन्फिडेंट नहीं होते हैं। उन्हें लगता है कि सामने वाला पार्टनर उनकी परफॉर्मेंस को लेकर जज करेगा। या उनके फेस के भावों को देखेगा, ऐसे में उन्हें शर्मिंदगी महसूस हो सकती है। या बेहतर परफॉर्मेंस का दबाव बना रहता है। ऐसे में अगर अंधेरे में सेक्स किया जाता है, तो दबाव थोड़ा सा कम हो जाता है।

अनुभवों का असर

कई बार पहले के अनुभवों का असर इन्सान के वर्तमान जिंदगी को भी प्रभावित कर देते हैं. अगर पहले किसी ने कभी उनकी बॉडी को लेकर ट्रोलिंग या बॉडी शेमिंग किया हो तो ऐसे में यह डर उनके मन में बैठ जाता है। ऐसे में उनके लिए लाइट ऑन करना एक ट्रिगर हो सकता है। लाइट में उन्हें पहले के अनुभव याद आ सकते हैं। जबकि अंधेरे में पुराने अनुभव याद नहीं आते हैं और वे अधिक सहज फील करते हैं।

फीलिंग को छुपाना

कई लोग सेक्स को सिर्फ शारीरिक ही नहीं, मानसिक और भावनात्मक रूप से भी फील करना पसंद करते हैं। ऐसे में लाइट में वे अपनी भावनाओं को ओपनली दिखाने में शरमा सकते हैं। लाइट बंद करके वे अपनी भावनाओं को आसानी से छुपा सकते हैं।

फोटो सौजन्य- गूगल

Relation: Due to anger, the relationship with the partner is deteriorating

Relationship: बढ़ते वर्क लोड के कारण आजकल किसी के पास अपनी हेल्थ का ध्यान रखने का भी वक्त नहीं है। यह बढ़ता वर्क लोड का तनाव ना सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है बल्कि इससे लगातार हमारी मानसिक स्थिति भी बिगड़ती जा रही है। मालूम हो कि आजकल लोगों में चिड़चिड़ापन रहने लगा है, जिससे व्यक्ति के आपसी रिलेशन बिगड़ने लगते हैं। अगर आपके पार्टनर को भी चिड़चिड़ापन रहने लगा है और हर बात पर गुस्सा आ रहा है तो आपको भी कुछ बातों पर अमल करना होगा। खासकर जिन लोगों को लगता है कि उन्हें गुस्सा आ रहा है तो इससे आपके रिश्ते के लिए खतरा बढ़ सकता है।

हालांकि, आप कुछ साधारण से तरीकों को फॉलो करते हुए अपने पार्टनर के गुस्से को शांत रख सकते हैं और अपने नाजुक पड़ते रिश्ते को फिर से मजबूत बना सकते हैं। इस लेख में हम आप को बताएंगे कैसे पार्टनर को बार-बार आने वाले गुस्से को प्यार में बदल सकते हैं।

ज्यादा इमोशनल न बनें

कुछ लोगों को बात-बात पर इमोशनल होने की आदत होती है और उनकी इस आदत से कई बार दूसरे लोग परेशान रहने लगते हैं। अगर आप भी हमेशा जरूरत से अधिक बार इमोशनल हो जाते हैं, तो आपके पार्टनर को गुस्सा आने के पीछे एक यह कारण भी हो सकता है। अपने इमोशन जाहिर करना जरूरी है पर बार-बार उनके बारे में बात करना गलत हो सकता है।

हर समय सवाल करने से बचें

Relation: Due to anger, the relationship with the partner is deteriorating

अगर आपका पार्टनर गुस्से में है, तो उस दौरान बार-बार सवाल पूछना भी गुस्से को बढ़ा सकता है। अगर आपके मन में कोई भी सवाल है, तो उसे पूछने के लिए अपने पार्टनर के गुस्से को शांत होने का इंतजार करें। गुस्से में आपका पार्टनर आपको सही जवाब नहीं देगा और उल्टा बार-बार सवाल पूछने से उनका गुस्सा भी शांत नहीं होगा। इसलिए गुस्से को शांत होने का इंतजार लाजमी है।

उसकी बात को ध्यान से सुनें

मिस-कम्यूनिकेशन भी बार-बार गुस्सा आने की वजह बन सकता है। अगर आपके पार्टनर को लगता है कि आप उनकी बात को सुन नहीं रहे हैं, तो यह भी उनका गुस्सा बढ़ने का कारण हो सकता है। इसलिए हमेशा जब आपका पार्टनर गुस्सा तो तो उसकी बात को ध्यान से सुन लेना चाहिए। अगर आप ऐसा करेंगे तो आपके गुस्से के दौरान आपका पार्टनर भी आपकी बात को सुनने की कोशिश करेगा।

भूल कर भी पुराने झगड़े की बात ना छेड़ें

Sleep Separation: Separation of bedroom for a long time causes distance in relationships

रिश्तों के बीच थोड़ी बहुत कहा सुनी हो सकती है, लेकिन बात अक्सर तब बढ़ने लगती है जब आप किसी पुरानी बात को छेड़ देते हैं या किसी पुराने झगड़े को बीच में ले आते हैं। ऐसा करना गुस्से में आग में घी का काम करता है। इस बात का ख्याल रखें कि गुस्से के दौरान अपने पार्टनर के आगे कोई भी पुरानी बात न छेड़ें।

फोटो सौजन्य- गूगल

Vastu Tips: These 3 things kept in the kitchen cause financial crunch

Vastu Tips: हिंदू पारंपरिक मान्यताओं के मुताबिक, घर की रसोई में मां अन्नापूर्णा का वास होता है। बता दें कि किचन से घर की समृद्धि भी तय होती है। कुछ ऐसी चीजें हैं, जिन्हें रसोई में रखने से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है और घर में धन की कमी बनी रहती है। अगर आप भी आर्थिक तंगी से परेशान हैं तो फौरन रसोई से कुछ चीजों को हटा दें।

अगर आपके घर में भी हमेशा आर्थिक तंगी बनी रहती हैं तो वास्तु के मुताबिक आपकी रसोई में रखी कुछ चीजें इसकी वजह से हो सकती हैं। ये सिर्फ आपके हेल्थ पर असर नहीं डालता है बल्कि इसका सीधा असर परिवार की आर्थिक हालात पर भी पड़ता है। ऐसी चीजें नकारात्मक ऊर्जा को दावत देती है।

इन चीजों को आज ही किचन से हटा दें

Vastu Tips: These 3 things kept in the kitchen cause financial crunch

आइये समझते हैं इन चीजों के बारे में जिन्हें आज ही रसोई से हटाने से आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है। साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा का भी प्रवाह होगा, जिससे मां लक्ष्मी का भी आगमन होगा।

1. जली या दरार वाली बर्तन

रसोई में जले हुए तवे, पतीले या टूटे-फुटे हुए बर्तन नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं। ये घर की सुख-शांति और समृद्धि में बाधा डालते हैं। इन्हें फौरन रसोई से बाहर कर देना चाहिए।

2. सड़ा-गला या बासी खाना

Vastu Tips: These 3 things kept in the kitchen cause financial crunch

रसोई में बासी या खराब भोजन रखना बहुत अशुभ माना जाता है। इससे न सिर्फ हेल्थ खराब होती है, बल्कि आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ सकता है। किचन को हमेशा साफ-सुधरा रखना चाहिए और जूते चप्पल पहनकर किचन में नहीं जाना चाहिए।

3. खाली पड़े पुराने डिब्बे

रसोई में नमक, आटा या चावल जैसी चीजों को फैला हुआ या खुला छोड़ना दरिद्रता की निशानी माना गया है। वास्तु के मुताबिक, इससे घर में पैसे की तंगी बनी रहती है। खाली बर्तन या जार रसोई में रखना भी आर्थिक तंगी का प्रतीक माना जाता है। खाली डिब्बों को हटाकर उन्हें अनाज से भर कर रखना शुभ माना जाता है।

फोटो सौजन्य- गूगल

Rudrabhishek has to be done on the third Monday of Sawan

SAWAN की पावन महीना भगवान भोलेनाथ तो समर्पित होता है। इस माह में भगवान भोले बाबा और मां पार्वती की पूजा की जाती है। बाबा भोलेनाथ की पूजा आराधना करने में रुद्राभिषेक और जलाभिषेक किया जाता है। माना जाता है कि सावन के महीने में जो श्रद्धालु रुद्राभिषेक करते हैं उनका बड़ा से बड़ा कष्ट समाप्त हो जाता है। अगर रुद्राभिषेक सोमवार के दिन शुभ मुहूर्त में किया जाए तो और भी बड़ा फल की प्राप्ति होती है। सावन सोमवार के दिन रुद्राभिषेक के लिए जानें क्या है शुभ मुहूर्त ?

क्या कहते हैं प्रसिद्ध महादेव मंदिर के पंडित जितेंद्र तिवारी जी

मुजफ्फरपुर के साहू पोखर महादेव मंदिर के पंडित जितेंद्र तिवारी जी ने संवाददाता जाहिद अब्बास से बातचीत करते हुए बताया कि सावन की तीसरी सोमवारी कल है। इसके साथ ही तीसरी सोमवारी के दिन अद्भुत संयोग भी बनने जा रहा है। उस दिन विनायकी गणेश चतुर्थी है यानी भगवान शिव के साथ-साथ गणपति की भी पूजा अवश्य करनी चाहिए। ऐसा खास संयोग बड़े ही संयोग से मिलता है। अगर सावन की तीसरी सोमवारी के दिन रुद्राभिषेक कर लें तो बड़ा से बड़ा कष्ट खत्म हो जाएगा और जीवन में सुख समृद्धि की बढ़ोतरी होगी।

रुद्राभिषेक के क्या हैं शुभ मुहूर्त

पंडित जी बताते हैं कि रुद्राभिषेक हमेशा शुभ मुहूर्त में करनी चाहिए। अगर आप भी सावन के तीसरे सोमवारी के दिन रुद्राभिषेक करना चाहते है तो ब्रह्म मुहूर्त में सुबह सुबह 4 बजकर 11 मिनट से लेकर 05 बजकर 33 मिनट तक करना बेहतर है। इसके साथ ही सुबह 10 बजकर 11 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक अमृतकाल रहने वाला है। इस मुहूर्त में भी रुद्राभिषेक करने पर पुण्यदायी फल हासिल होगा।

फोटो सौजन्य- गूगल

If you are planning to be physical with someone close to your heart

Physical Relation: आज हम आपको एक ऐसे विषय पर बात करने जा रही हूं जो मेट्रो सिटीज में काफी तेजी से फैल रही है। पहले हम एक दूसरे को पसंद करते हैं, फिर प्यार और अंत में प्यार फिजिकल रिलेशन तक जा पहुंचता है। क्या आपको किसी को डेट करते हुए महीने हो गए हैं और अब आप रिश्ते में फिजिकल एंटिमेसी के लिए पूरी तरह तैयार हैं, तो इसमें जल्दबाजी ना करें। ऐसे में यह देखना अहम है कि क्या आपके पार्टनर आपके साथ लांग टर्म रिलेशनशिप को बनाना चाहते हैं? अब आप सोच रही होंगी इन बातों का अनुमान कैसे लगया जाए।

परेशान होने की जरूरत नहीं हम आपको बताएंगे ऐसे कौन से साइन हैं जो आपको अपने रिश्ते में एक कदम आगे बढ़ने की ओर इशारा करते हैं। मतलब आप अपने पार्टनर के साथ इमोशनल इंटिमेसी के साथ शारीरिक रूप से भी इंटिमेट हो सकती हैं। यहां बताई गई 07 बातों पर फोकस करें और देखें कि आपको अपने रिश्ते को आगे लेकर जाना है या अभी और वक्त देना है।

ये संकेत बताते हैं आप अपने रिश्ते में फिजिकल इंटिमेसी के लिए हैं तैयार

If you are planning to be physical with someone close to your heart

1. जिसे आप डेट कर रही हैं, क्या वे आपको वाकई पसंद है

आपको उन्हें अपने अच्छे दोस्तों से मिलवाने में सहजता होगी। देखें कि क्या आप उनके साथ समय बिताना चाहती हैं और उस दौरान आपको कैसा महसूस होता है। अगर आप उस दौरान अंदर से सवाल करती हैं, तो यह एक अच्छा संकेत है। आप अपने रिश्ते को आगे बढ़ाने पर विचार कर सकती हैं।

2. क्या वे आपकी बाउंड्री का सम्मान करते हैं

देखें कि जब आप अपने रिश्ते में किसी बात को लेकर एक बाउंड्री सेट करती हैं, तो क्या आपके पार्टनर उसका समर्थन करते हैं? अगर हां, तो ये आपके रिश्ते में एक प्लस प्वाइंट है। अगर कोई लगातार आपको कुछ ऐसा करने के लिए फोर्स कर रहा है, जिसे आप बिल्कुल भी पसंद नहीं करती तो यह स्टॉप साइन हो सकता है।

3. क्या आप दोनों सेक्स के बारे में खुलकर बात करते हैं

जब भी सेक्स का विषय आता है, तो क्या आप अपनी भावनाओं, विचारों और प्राथमिकताओं पर चर्चा करते हैं। अगर ऐसा है, और आपका पार्टनर आपके विचारों को सुनता, समझता और प्राथमिकता देता है, तो यह एक हेल्दी साइन हो सकता है। आप उनके साथ फिजिकली इंटिमेट होने के बारे में विचार कर सकती हैं।

4. क्या आप उनके साथ कंफर्टेबल महसूस करती हैं

जब भी आपका पार्टनर आपके आस-पास होता है, तो पेट में बटरफ्लाई महसूस होना बेहद सामान्य है। पर ध्यान ये देना है, कि आप उनके साथ कितना कंफर्टेबल रहती हैं। क्या आपको उनके आस-पास रहने पर सहज महसूस होता है? क्या आप उनके साथ पूरी तरह सुरक्षित महसूस करती हैं? यदि हां, तो आप अपने रिश्ते में एक कदम आगे बढ़ने यानी कि शारीरिक रूप से इंटिमेट होने पर विचार कर सकती हैं।

5. आप स्पर्श करने से ज़्यादा बात करते हैं

संबंध महसूस करने के दो तरीके हैं– शारीरिक और भावनात्मक। अगर आप बात करने से ज़्यादा एक दूसरे को चूमते हैं या गले मिलते हैं, तो यह एक सकारात्मक संकेत नहीं है। भले ही आप 20 बेहतरीन डेट पर गए हों, यदि बातचीत उस तरह से नहीं हो रही है, जैसा आप चाहते हैं, तो सेक्स करने से आपकी संचार समस्याएं ठीक नहीं हो सकती हैं। वहीं, यदि आप एक दूसरे से खुलकर बातचीत कर अपने विचार शेयर करती हैं, तो आप अपने रिश्ते में आगे बढ़ने पर विचार कर सकती हैं।

6. आपके पार्टनर परिवार और दोस्तों से परिचय करवाते हैं

उसके सबसे करीबी दोस्त कौन हैं? क्या उनकी मां या बहन आपको पसंद करती है, और आप उसे? यदि कोई पुरुष आपके साथ रहने के बारे में वास्तव में गंभीर है, तो वह बिना किसी सवाल के आपको अपने करीबी दोस्तों और परिवार से मिलवाता है। अगर वह आपके साथ अपना जीवन साझा करने को लेकर भ्रमित है, तो आपको उनके साथ इंटिमेट होने से पहले सोचना चाहिए।

7. क्या वे आपको खुश रखते हैं?

आखिरी लेकिन सबसे महत्वपूर्ण ये है, की क्या वे आपको पूरी तरह से खुश रखता है, और आप दोनों एक साथ अच्छा समय बिताते हैं! लेकिन यदि आपको अभी भी इसपर संदेह है, तो शारीरिक संबंध बनाने के बारे में विचार करें। वहीं अगर आप उनके होने से खुश रहती हैं, और बेहतर महसूस करती हैं, तो आप अपने मन की सुने और बेझिझक आगे बढ़ें।

फोटो सौजन्य- गूगल

Why is Eid-ul-Azha celebrated and what is its importance?

बकरीद को EID UL ADHA, जिसके नाम से भी जाना जाता है, इस्लाम धर्म का बहुत ही अहम त्योहार है। इस साल भारत में ईद उल अजहा का पर्व 7 जून यानी कल मनाया जाएगा। इस्लाम धर्म में बकरीद का विशेष महत्व है, इसे कुर्बानी का त्योहार भी कहा जाता है। इस पर्व को दुनियाभर में इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग बहुत ही अकीदत और हर्षोल्लास से मनाते हैं। आइये जानते हैं कि ईद उल अजहा क्यों मनाया जाता है, इसका क्या है मुसलमानों में महत्व?

रमजान के इतने दिनों बाद मनाते हैं ईद उल अजहा

Importance of Eid Milad-Un-Nabi in Islam and its history

भारत में बकरीद की तारीख सऊदी अरब में चांद दिखने के आधार पर तय की जाती है। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक 12वें महीने जुअल-हिज्जा की 10 तारीख को बकरीद मनाई जाती है। यह तारीख रमजान के पवित्र महीने के खत्म होने के लगभग 70 दिनों के बाद आती है।

किस देश में कब है बकरीद?

सऊदी अरब, ओमान और इंडोनेशिया में बकरीद का त्योहार 6 जून, 2025 को मनाया जाएगा। वहीं, भारत, नाइजीरिया, मोरक्को, बांग्लादेश, मलेशिया और न्यूजीलैंड में बकरीद 7 जून, 2025 को मनाई जाएगी।

क्यों मनाया जाता है बकरीद का त्योहार?

इस्लामिक धार्मिक मान्यता के अनुसार पैगंबर मोहम्मद इब्राहिम के द्वारा ही कुर्बानी देने की परंपरा शुरू हुई थी। माना जाता है कि अल्लाह ने एक बार पैगंबर मोहम्मद इब्राहिम से कहा था कि वे अपनी श्रद्धा और विश्वास को साबित करने के लिए अपनी सबसे अमूल्य चीज को त्याग दें। तब उन्होंने अल्लाह के प्रति अपना समर्पण दिखाते हुए अपने बेटे इस्माइल को कुर्बान करने का फैसला किया था। पैगंबर हजरत इब्राहिम ने अपने इकलौते बेटे की कुर्बानी अल्लाह की रजामंदी (सहमति) के लिए जैसे ही अपने बेटे की कुर्बानी देने वाले थे। उसी समय अल्लाह ने अपने फरिश्ते को भेजकर बेटे की जगह एक बकरे से बदल दिया था। अल्लाह को हजरत इब्राहिम के इस त्याग और समर्पण का अमल इतना पसंद आया कि कुर्बानी इस्लाम धर्म में इब्राहिम की सुन्नत करार दी गई। तभी से बकरीद अल्लाह में पैगंबर इब्राहिम के विश्वास को याद करने के लिए मनाई जाती है।

यह बलिदान का त्योहार पवित्र शहर मक्का की वार्षिक हज यात्रा के अंत का प्रतीक है जोकि इस्लामिक कैलेंडर के 12वें और आखिरी महीने की 10वीं तारीख को बकरीद के तौर पर मनाई जाती है। इसे माह-ए-जुलहिज्जा कहा जाता है।

फोटो सौजन्य- गूगल

A Strong relationship needs regular sex

REGULAR SEX: बॉडी को स्वस्थ और फिट रखने के लिए लोग ज्यादातर जिम और फैंसी डाइट का हेल्प लेते हैं लेकिन रिलेशन में सेक्सुअल इंटिमेसी दिनों दिन बढ़ते टेंशन के अलावा कई समस्याओं को दूर भगाने का सबसे मजेदार विकल्प है। दिनभर के कामकाज के बाद नियमित रूप से तनाव का सामना करना पड़ता है, जो मूड स्विंग की वजह बनता है। ऐसे में सेफ सेक्स को रूटीन में शामिल करके शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य पर इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है। वे महिलाएं जो अक्सर सेक्स को एंजॉय करती हैं, वे हमेशा अपने पार्टनर के साथ जुड़ाव की गहरी भावना का अनुभव करती हैं, जिससे रिश्ता हेल्दी और खुशहाल बन जाता है और कुल मिलाकर उनकी जिंदगी ज्यादा संतुलित हो जाती है।

ये हैं रेगुलर सेक्स से शरीर को मिलने वाले फायदे

विशेषज्ञ का कहना हैं कि नियमित सेक्स कई तरह से आपकी मदद कर सकता है। हालांकि सेक्स के विषय पर अभी भी लोग खुलकर बात करना पसंद नहीं करते हैं। यौन संबंध से मेंटल हेल्थ और शरीर को सक्रिय रखने में मदद मिलती है। खासकर उम्र बढ़ने के साथ नियमित सेक्सुअल एक्टीविटीज़ में शामिल होने से शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य दोनों पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है।

क्या सेक्स सेहत को प्रभावित करता है?

अमेरिकन सेक्सुअल हेल्थ एसोसिएशन के मुताबिक नियमित सेक्स शरीर को फायदा पहुंचाता है। ये पुरुषों और महिलाओं के लिए कार्डियोवेस्कुलर एक्सरसाइज के तौर पर फायदा पहुंचाता है। अलावा इसके इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने, हृ्दय रोगों से राहत, कैलोरीज स्टोरेज की रोकथाम और मांसपेशी की मजबूती को बढ़ाने में मदद करता है।

नियमित सेक्स करने से सेहत को मिलते हैं ये 8 फायदे-

A Strong relationship needs regular sex

1. इमोशनल बॉडिंग मजबूत होती है

अक्सर उम्र के साथ पति-पत्नी के रिश्ते में खिंचाव बढ़ने लगता है। ऐसे में नियमित सेक्स इमोशनल इंटिमेसी और कपल्स के बीच गहरे संबंध को बढ़ाता है। ऑक्सीटोसिन को लव हार्मोन कहा जाता है, जो सेक्स और शारीरिक स्पर्श के दौरान रिलीज़ होता है। ये हार्मोन भावनात्मक बंधंन को मजबूत करने में मदद करता है और भागीदारों के बीच विश्वास और स्नेह बढ़ाता है। इससे अधिक सटिस्फेक्शन और स्टेबल रिलेशन बनते हैं। जर्नल सेज चॉइस की रिपोर्ट के मुताबिक रेगुलर सेक्सुअल एक्टीविटी फिज़िकल और इमोशनल हेल्थ को प्रभावित करती है।

2. अच्छी आती है नींद

इससे शरीर में ऑक्सीटोसिन यानी लव हार्मोन की मात्रा बढ़ने लगती है और सेक्स के दौरान एंडोर्फिन रिलीज होता है। इन दोनों हार्मोन के मिलने से नींद की गुणवत्ता में सुधार आने लगता है। इससे शरीर को अधिक आराम महसूस होता है और ऊर्जा का स्तर भी बढ़ने लगता है।

3. इम्यून सिस्टम बेहतर होता है

NIH की रिपोर्ट के अनुसार वे लोग जो फ्रीक्वेंट सेक्स करते थे यानी सप्ताह में एक से दो बार या उससे अधिक बार, उनके स्लाइवा में अधिक इम्युनोग्लोबुलिन एआईजीए पाया जाता है। आईजीए एक प्रकार की एंटीबॉडी है जो बीमारियों को रोकने में महत्वपूर्ण साबित होती है और हयूमन पेपिलोमावायरस या एचपीवी के खिलाफ रक्षा कवच के रूप में कार्य करता है। इससे महिलाएं बीमारियों और संक्रमणों से लड़ने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो जाती हैं। रिपोर्ट के अनुसार जैसे-जैसे यौन गतिविधियां बढ़ती है, वैसे ही रोग प्रतिरोधक क्षमता संक्रमण से निपटने में ज्यादा सक्षम हो जाती है।

4. हृदय संबंधी समस्याएं कम होती हैं

यौन संबंध को नियमित रखने से हृदय गति, ब्लड सर्कुलेशन और ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ने लगता है, जो समग्र हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करता है। नियमित सेक्स महिलाओं में हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में भी कारगर है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक नियमित यौन गतिविधि हृदय रोग वाले पुरुषों और महिलाओं के लिए रोगी के साथ-साथ साथी के जीवन की गुणवत्ता को भी बढ़ाता है।

5. तनाव कम होता है

A Strong relationship needs regular sex

इससे जिंदगी में दिनों-दिन बढ़ने वाले तनाव को कम किया जा सकता है और सकारात्मक मनोदशा को बढ़ावा देने की क्षमता में सुधार आने लगता है। दरअसल, सेक्स के दौरान शरीर एंडोर्फिन जारी करता है, जिससे व्यक्ति खुशी का अनुभव करता है। ये रसायन तनाव और चिंता से निपटने में मदद करते हैं जिससे महिलाएँ अधिक आराम और संतुष्ट महसूस करती हैं। नियमित सेक्स करने से भावनात्मक कल्याण और खुशी का एक चक्र बन सकता है। जर्नल ऑफ़ फ़ैमिली साइकोलॉजी के शोध में पाया गया कि दैनिक जीवन में जिन प्रतिभागियों ने यौन गतिविधि कम होने की बात कही, उनमें सेक्स की कमी पाई गई।

6. मज़बूत होती हैं पेल्विक मसल्स

इंटिमेसी जहां सेक्सुअल हेल्थ के लिए महत्वपूर्ण है, तो इससे पेल्विक फ्लोर मसल्स की भी मज़बूती बढ़ जाती है। इससे यूटर्स और ब्लैण्डर को भी हेल्दी रखा जा सकता है। सेक्सुअल एंक्टीविटी से जहां आपसी प्यार और अंडरस्टैडिंग बढ़ने लगती है, तो वहीं लोअर बॉडी के मसल्स को मज़बूती मिलती है और स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम कम हो जाता है। इससे वेजाइना से संबधी बीमारियों का जोखिम कम होने लगता है।

7. पेट की चर्बी में आती है कमी

प्लोस वन के रिसर्च के अनुसार पुरुष सेक्स के दौरान प्रति मिनट लगभग 4.2 कैलोरी जलाते हैं, जबकि महिलाएं प्रति मिनट 3.1 कैलोरी बर्न करती हैं। सेक्स से शरीर में कैलोरी स्टोरेज से बचा जा सकता है और शरीर स्वस्थ रहता है। कैलोरी बर्न होना सेक्स सेशन की स्पीड, समय और पोज़िशन पर निर्भर करता है।

8. प्राकृतिक पेन किलर है

सेक्स के दौरान एंडोर्फिन का स्राव न केवल तनाव को कम करने में मदद करता है बल्कि यह एक नेचुरल दर्द निवारक के रूप में भी काम कर सकता है। विशेषज्ञ के अनुसार कुछ महिलाओं को यौन गतिविधि में शामिल होने के बाद सिरदर्द, मासिक धर्म में ऐंठन और शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द से अस्थायी राहत महसूस होता है।

फोटो सौजन्य- गूगल

Does having sex during pregnancy really make normal delivery easier?

Pregnancy में सेक्स कितना सही है? ये बहस काफी पुरानी है। घर के बड़े-बुजुर्ग प्रेगनेंसी में सेक्स को सख्ती से मना करते हैं जबकि डॉक्टर इसे पूरी तरह सुरक्षित मानते हैं। ज्यादातर स्त्री रोग विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर प्रेगनेंसी में कोई दिक्कत नहीं है, तो सेक्स करने में कोई बुराई नहीं है। बल्कि यह प्रेगनेंसी में आपके मू़ड और रिश्ते को बेहतर बनाए रखने में मददगार साबित हो सकता है। स्त्री रोग एक्पर्ट इसे नॉर्मल डिलीवरी के लिए भी फायदेमंद मानती हैं। क्या वाकई प्रेगनेंसी में सेक्स नॉर्मल डिलीवरी में महत्वपूर्ण रोल अदा करता है? आइये समझते हैं इसे विस्तार से-

प्रेगनेंसी में सेक्स पर जानें विशेषज्ञ की राय

These symptoms of pregnancy start appearing only 3 to 4 days after conceiving, pregnancy is confirmed even before the period is missed

विशेषज्ञ ने प्रेगनेंसी में सेक्स करने पर जोर दिया है। वे इसे नॉर्मल डिलीवरी के लिए मददगार मानती है। अपनी पोस्ट में उन्होंने घरों में काम करने वाली उन महिलाओं का जिक्र करते हुए बताया है कि कैसे इन महिलाओं में ज्यादातर की नॉर्मल डिलीवरी होती है। जबकि शहरी-कामकाजी महिलाओं में सी सेक्शन के मामले अधिक देखने को मिलते हैं।

इसके लिए वे उनके गर्भावस्था के पूरे 09 महीने शारीरिक रूप से सक्रिय होने को सबसे बड़ा कारण बताती हैं। एक्सपर्ट की माने तो जो महिलाएं अपनी गर्भावस्था में शारीरिक रूप से सक्रिय रहती हैं, उनके लिए नॉर्मल डिलीवरी आसान हो जाती है। जबकि फिजिकली एक्टिव ना रहने वाली महिलाओं में सी सेक्शन डिलीवरी की संभावना बढ़ जाती है।

इंडियन टॉयलेट सीट का इस्तेमाल है फायदेमंद

गांव की औरतों का उदाहरण देते हुए डॉ अरुणा कालरा कहती हैं, कि इंडियन स्टाइल की टॉयलेट सीट का इस्तेमाल करते हुए आप स्क्वाट पॉजीशन में बैठते हैं, जिससे पेल्विक मसल्स को संकुचित होने और फैलने में मदद मिलती है। यह मुद्रा शरीर के इस हिस्से के लिए एक स्वभाविक व्यायाम है।

सेक्स कैसे करता है नॉर्मल डिलीवरी में योगदान

फिजिकली एक्टिव रहने और इंडियन टॉयलेट सीट के प्रयोग के अलावा प्रेगनेंसी में किया गया सेक्स भी नॉर्मल डिलीवरी को आसान बना देता है। डॉक्टर के मुताबिक पुरुषों के सीमन में एक प्रोस्टाग्लैंडीन नाम का तत्व होता है। जो नॉर्मल डिलीवरी में मदद करता है। डॉक्टर का कहना है कि अगर आप प्रेगनेंसी में सेक्स करने से डरती हैं, तो 9वां महीना शुरू होने के बाद सेक्स करना जरूर शुरू करें ताकि वेजाइनल मसल्स मजबूत हो सकें और योनि प्रसव आसानी से हो सके।

एक्सपर्ट के मुताबिक वे इस बात से पूरी तरह सहमत हैं कि प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में सेक्स करना नॉर्मल वेजाइनल डिलीवरी को आसान बना देता है। यह गर्भाशय के निचले हिस्से की मांसपेशियों को नर्म और लचीला बनाता है, ऑक्सीटॉसिन रिलीज करवाता है और आप दोनों को फीलगुड भी करवाता है। अब घबराने की जरूरत नहीं, अपनी डॉक्टर से सलाह लें और गर्भावस्था में सेक्स को पूरी तरह से एनजॉय करें।